Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Powder-recipes-for-6-to-24-months-old-children/Hindi"

From Script | Spoken-Tutorial
Jump to: navigation, search
 
Line 14: Line 14:
 
|-
 
|-
 
| 00:15
 
| 00:15
| '''अमायलेज़'''  पाउडर,
+
| '''अमायलेज़''' पाउडर,
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 42: Line 42:
 
|-
 
|-
 
| 00:33
 
| 00:33
|  आइए सीखते हैं इन पौष्टिक पाउडरों को बनाने का तरीका।
+
| आइए सीखते हैं इन पौष्टिक पाउडरों को बनाने का तरीका।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 00:38
 
| 00:38
|  इन पाउडरों के पोषक तत्वों से शिशुओं की वृद्धि और विकास में मदद होती है।
+
| इन पाउडरों के पोषक तत्वों से शिशुओं की वृद्धि और विकास में मदद होती है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 54: Line 54:
 
|-
 
|-
 
| 00:52
 
| 00:52
|  जब भी शिशु को एक नया खाना दें तो 3 से 4 दिन लगातार दें।
+
| जब भी शिशु को एक नया खाना दें तो 3 से 4 दिन लगातार दें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 01:00
 
| 01:00
|  तीन से चार दिनों के बाद, शिशु को कोई और नया खाना दें।
+
| तीन से चार दिनों के बाद, शिशु को कोई और नया खाना दें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 01:05
 
| 01:05
|  इन दोनों खानों को मिलाया जा सकता है पर पहले इन्हें अलग अलग दिया जाना चाहिए। और इनसे शिशु के चेहरे या शरीर पर खुजली या सूजन नहीं होनी चाहिए।
+
| इन दोनों खानों को मिलाया जा सकता है पर पहले इन्हें अलग अलग दिया जाना चाहिए। और इनसे शिशु के चेहरे या शरीर पर खुजली या सूजन नहीं होनी चाहिए।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 78: Line 78:
 
|-
 
|-
 
| 01:44
 
| 01:44
| आइए पहले विधि देखें -  '''अमायलेज़''' पाउडर बनाने की।
+
| आइए पहले विधि देखें - '''अमायलेज़''' पाउडर बनाने की।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 86: Line 86:
 
|-
 
|-
 
| 01:53
 
| 01:53
|  '''अमायलेज़''' एक ऐसा एंज़ाइम या रसायन है, जो खाने को पचाने के लिए चाहिए होता है।
+
| '''अमायलेज़''' एक ऐसा एंज़ाइम या रसायन है, जो खाने को पचाने के लिए चाहिए होता है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 94: Line 94:
 
|-
 
|-
 
| 02:03
 
| 02:03
|  यह पाउडर ज़्यादा '''अमायलेज़''' देता है और खाने के पोषक तत्व बढ़ाकर शरीर को उस तत्व को सोखने में मदद करता है।
+
| यह पाउडर ज़्यादा '''अमायलेज़''' देता है और खाने के पोषक तत्व बढ़ाकर शरीर को उस तत्व को सोखने में मदद करता है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 102: Line 102:
 
|-
 
|-
 
| 02:18
 
| 02:18
| अब सीखेंगें  '''अमायलेज़''' पाउडर बनाने का तरीक़ा।
+
| अब सीखेंगें '''अमायलेज़''' पाउडर बनाने का तरीक़ा।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 110: Line 110:
 
|-
 
|-
 
| 02:27
 
| 02:27
|  आधा कप हरी मूँग दाल और
+
| आधा कप हरी मूँग दाल और
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 123: Line 123:
 
|-
 
|-
 
| 02:39
 
| 02:39
|  भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
+
| भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 131: Line 131:
 
|-
 
|-
 
| 02:46
 
| 02:46
|  और छलनी में रखें ताकि सारा पानी निकल जाए।
+
| और छलनी में रखें ताकि सारा पानी निकल जाए।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 02:50
 
| 02:50
|  फिर, एक एक करके, सभी चीज़ों को साफ़ सूखे सूति कपड़े में बाँध लें।
+
| फिर, एक एक करके, सभी चीज़ों को साफ़ सूखे सूति कपड़े में बाँध लें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 143: Line 143:
 
|-
 
|-
 
| 02:58
 
| 02:58
|  इस प्रक्रिया को अंकुरण कहते हैं।
+
| इस प्रक्रिया को अंकुरण कहते हैं।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 175: Line 175:
 
|-
 
|-
 
| 03:41
 
| 03:41
|  और, मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें।
+
| और, मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 183: Line 183:
 
|-
 
|-
 
| 03:48
 
| 03:48
|  इसे एक डब्बे में कसकर बंद करके रखें।
+
| इसे एक डब्बे में कसकर बंद करके रखें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 207: Line 207:
 
|-
 
|-
 
| 04:23
 
| 04:23
|  यह खाने को कम गाढ़ा और ज़्यादा स्वादिष्ट बनाता है।
+
| यह खाने को कम गाढ़ा और ज़्यादा स्वादिष्ट बनाता है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 04:28
 
| 04:28
|  इससे खाने का भारीपन कम होता है और ताक़त भी ज़्यादा मिलती है।
+
| इससे खाने का भारीपन कम होता है और ताक़त भी ज़्यादा मिलती है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 223: Line 223:
 
|-
 
|-
 
| 04:44
 
| 04:44
|  इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है और शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
+
| इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है और शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 255: Line 255:
 
|-
 
|-
 
| 05:23
 
| 05:23
|  इस पाउडर का एक चम्मच शिशु के खाने में खिलाने से पहले मिलाएँ।
+
| इस पाउडर का एक चम्मच शिशु के खाने में खिलाने से पहले मिलाएँ।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 05:29
 
| 05:29
|  इससे 30 कैलोरी और 2.7 ग्राम प्रोटीन मिलेगा
+
| इससे 30 कैलोरी और 2.7 ग्राम प्रोटीन मिलेगा
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 05:36
 
| 05:36
|  100 ग्राम बीजों के पाउडर से क़रीब 600 कैलोरीज और 55 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
+
| 100 ग्राम बीजों के पाउडर से क़रीब 600 कैलोरीज और 55 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 271: Line 271:
 
|-
 
|-
 
| 05:47
 
| 05:47
|  इस पाउडर में ज़िंक, मैग्नीशियम और लोहा ज़्यादा होते हैं।
+
| इस पाउडर में ज़िंक, मैग्नीशियम और लोहा ज़्यादा होते हैं।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 308: Line 308:
 
|-
 
|-
 
| 06:26
 
| 06:26
|  ठंडा होने पर मिक्सी में पाउडर बना लें।
+
| ठंडा होने पर मिक्सी में पाउडर बना लें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 332: Line 332:
 
|-
 
|-
 
| 06:59
 
| 06:59
|  इस पाउडर में पोटैशियम, प्रोटीन, फोलेट, मैग्नीशियम ज़्यादा होते हैं।
+
| इस पाउडर में पोटैशियम, प्रोटीन, फोलेट, मैग्नीशियम ज़्यादा होते हैं।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 07:05
 
| 07:05
|  इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है तथा शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
+
| इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है तथा शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
 
| 07:11
 
| 07:11
|  और इन सबसे ख़ून भी शरीर में बढ़ता है।
+
| और इन सबसे ख़ून भी शरीर में बढ़ता है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 364: Line 364:
 
|-
 
|-
 
| 07:35
 
| 07:35
|  भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
+
| भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 416: Line 416:
 
|-
 
|-
 
| 08:34
 
| 08:34
|  इसे एक डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
+
| इसे एक डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 424: Line 424:
 
|-
 
|-
 
| 08:43
 
| 08:43
|  इस पाउडर के दो चम्मच से 33 कैलोरीज और 1.8 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
+
| इस पाउडर के दो चम्मच से 33 कैलोरीज और 1.8 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 456: Line 456:
 
|-
 
|-
 
| 09:23
 
| 09:23
|  और फिर छांव में सुखा लें।
+
| और फिर छांव में सुखा लें।
 
   
 
   
 
|-
 
|-
Line 595: Line 595:
 
|-
 
|-
 
| 12:14
 
| 12:14
|  '''Spoken Tutorial Project ''' भारत सरकार के '''NMEICT, MHRD''' द्वारा वित्तपोषित है।
+
| '''Spoken Tutorial Project ''' भारत सरकार के '''NMEICT, MHRD''' द्वारा वित्तपोषित है।
 
   
 
   
 
इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है।
 
इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है।
Line 601: Line 601:
 
|-
 
|-
 
| 12:25
 
| 12:25
|  यह ट्यूटोरियल '''WHEELS Global Foundation''' द्वारा दिए गए उदार योगदान द्वारा आंशिक रूप से वित्तपोषित है।
+
| यह ट्यूटोरियल '''WHEELS Global Foundation''' द्वारा दिए गए उदार योगदान द्वारा आंशिक रूप से वित्तपोषित है।
 
   
 
   
 
|-
 
|-

Latest revision as of 16:56, 17 June 2022

Time Narration
00:00 6 से 24 महीने के शिशुओं के लिए पौष्टिक पाउडर बनाने की विधि के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:08 इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे कई पौष्टिक पाउडर बनाने की विधियां जैसे कि-
00:15 अमायलेज़ पाउडर,
00:17 सिर्फ बीजों का पाउडर,
00:18 दाने और बीज मिले हुए पाउडर,
00:20 फलियों का पाउडर,
00:22 करी पत्तों का पाउडर,
00:24 और सहजन के पत्तों का पाउडर।
00:27 यह सभी ऐसे पौष्टिक पाउडर हैं जिन्हें आसानी से घर पर बनाया जा सकता है।
00:33 आइए सीखते हैं इन पौष्टिक पाउडरों को बनाने का तरीका।
00:38 इन पाउडरों के पोषक तत्वों से शिशुओं की वृद्धि और विकास में मदद होती है।
00:44 शिशु के 6 महीने पूरे होने पर इन पाउडरों को देने की सलाह दी जाती है।
00:52 जब भी शिशु को एक नया खाना दें तो 3 से 4 दिन लगातार दें।
01:00 तीन से चार दिनों के बाद, शिशु को कोई और नया खाना दें।
01:05 इन दोनों खानों को मिलाया जा सकता है पर पहले इन्हें अलग अलग दिया जाना चाहिए। और इनसे शिशु के चेहरे या शरीर पर खुजली या सूजन नहीं होनी चाहिए।
01:20 जब भी ऐसा खाना दें, जिसमें एलर्जी करने वाली चीजें हो जैसे कि दाने, तो शिशु को चम्मच की नोक से थोड़ा-थोड़ा दें।
01:30 10 मिनट रुकें और फिर से दें।
01:35 चीनी, नमक और मसाले शिशु के 1 साल होने तक उसके खाने में ना डालें।
01:44 आइए पहले विधि देखें - अमायलेज़ पाउडर बनाने की।
01:49 पर, पहले इसके फ़ायदे।
01:53 अमायलेज़ एक ऐसा एंज़ाइम या रसायन है, जो खाने को पचाने के लिए चाहिए होता है।
01:59 यह शिशु के शरीर में सीमित मात्रा में बनता है।
02:03 यह पाउडर ज़्यादा अमायलेज़ देता है और खाने के पोषक तत्व बढ़ाकर शरीर को उस तत्व को सोखने में मदद करता है।
02:12 इसलिए, अमायलेज़ से भरा आटा या पाउडर शिशु को दें।
02:18 अब सीखेंगें अमायलेज़ पाउडर बनाने का तरीक़ा।
02:22 इसके लिए जो चीज़ें चाहिए वे हैं - आधा कप गेहूँ,
02:27 आधा कप हरी मूँग दाल और
02:29 आधा कप रागी।
02:32 पहले हर चीज़ को पानी में अलग अलग 10 घंटों के लिए भिगोएँ।


02:39 भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
02:42 10 घंटों बाद, सभी चीज़ों को निकाल लें।
02:46 और छलनी में रखें ताकि सारा पानी निकल जाए।
02:50 फिर, एक एक करके, सभी चीज़ों को साफ़ सूखे सूति कपड़े में बाँध लें।
02:55 जब तक वे अंकुरित ना हों।
02:58 इस प्रक्रिया को अंकुरण कहते हैं।
03:01 ध्यान दें कुछ चीज़ों को अंकुरित होने में ज़्यादा वक़्त लगता है और कुछ को कम।
03:08 जैसे रागी को ज़्यादा वक़्त लगेगा बाक़ी चीज़ों के मुक़ाबले।
03:14 अंकुरित होने के बाद इनको एक से दो दिन तक धूप में सूखने दें।
03:19 सुखाने के बाद, इन्हें धीमी आँच पर भूनें ताकि ये एकदम सूख जाएँ।
03:25 भूनते हुए लगातार हिलाना याद रखें।
03:30 अब इन चीज़ों का बाहरी छिलका निकालने के लिए इन्हें अपनी दोनों साफ़ हथेलियों के बीच रगड़ें।
03:36 बाहरी छिलका निकालने के बाद, सब चीज़ों को मिला लें।
03:41 और, मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें।
03:45 अमायलेज़ पाउडर तैयार है।
03:48 इसे एक डब्बे में कसकर बंद करके रखें।
03:52 और शिशु का खाना बनाते समय एक चम्मच मिलाएं।
03:59 या फिर इसका दलिया बनाएं।
04:03 एक चम्मच अमायलेज़ पाउडर से 18 कैलोरीज और 0.6 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
04:10 सौ ग्राम अमायलेज़ पाउडर से 360 कैलोरीज़ एवं 12 ग्राम प्रोटीन मिलता है।
04:17 अमाइलेज पाउडर का यह गुण इसे शिशु के लिए ख़ास बनाता है।
04:23 यह खाने को कम गाढ़ा और ज़्यादा स्वादिष्ट बनाता है।
04:28 इससे खाने का भारीपन कम होता है और ताक़त भी ज़्यादा मिलती है।
04:34 अगला हम सीखेंगे बीजों का पाउडर बनाने का तरीक़ा।
04:38 इस पाउडर में ज़िंक, फ़ाइबर, मैग्नीशियम और कैल्शियम ज़्यादा होते हैं।
04:44 इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है और शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
04:50 और इस पाउडर में ख़ास चर्बी है, जिससे शिशु के बुद्धि का विकास होता है।
04:57 इस पाउडर को बनाने के लिए जो तीन अलग-अलग बीज चाहिए वे हैं- आधा कप काला तिल,
05:03 आधा कप अलसी और
05:05 और आधा कप कच्चे कद्दू के बीज।
05:08 एक एक करके इन तीनों बीजों को धीमी आँच पर 4 से 5 मिनट तक भूनिए।
05:16 ठंडा होने पर, इनका पाउडर बनाएँ।
05:20 और एक डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
05:23 इस पाउडर का एक चम्मच शिशु के खाने में खिलाने से पहले मिलाएँ।
05:29 इससे 30 कैलोरी और 2.7 ग्राम प्रोटीन मिलेगा
05:36 100 ग्राम बीजों के पाउडर से क़रीब 600 कैलोरीज और 55 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
05:43 अगली विधि है दाने और बीजों के पाउडर की।
05:47 इस पाउडर में ज़िंक, मैग्नीशियम और लोहा ज़्यादा होते हैं।
05:53 ये सभी खनिज पदार्थ ख़ून बनाने के लिए ज़रूरी हैं।
05:57 इस पाउडर में ऐसी ख़ास चर्बी मिलती है, जिससे शिशु के बुद्धि का विकास होता है।
06:04 इस पाउडर को बनाने के लिए जो चीज़ें चाहिए वे हैं-


06:08 आधा कप सेंगदाना या मूँगफली,
06:10 आधा कप सूखा खोपरा,
06:12 आधा कप अलसी और
06:15 आधा कप काला तिल।
06:18 अब एक एक करके सभी चीज़ों को धीमी आँच पर 4 से 5 मिनट तक भून लें।
06:26 ठंडा होने पर मिक्सी में पाउडर बना लें।
06:33 और डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
06:36 इस पाउडर का एक चम्मच शिशु के खाने में उसे खिलाने से पहले डालें।
06:42 इससे 28 कैलोरीज और 0.9 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
06:48 इस पाउडर के 100 ग्राम से लगभग 600 कैलोरीज और 19 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
06:56 अब हम सीखेंगें फलियों के पाउडर की विधि।
06:59 इस पाउडर में पोटैशियम, प्रोटीन, फोलेट, मैग्नीशियम ज़्यादा होते हैं।
07:05 इन पोषक तत्वों से शिशु की हड्डियों का विकास होता है तथा शिशु की ताक़त भी बढ़ती है।
07:11 और इन सबसे ख़ून भी शरीर में बढ़ता है।
07:16 इस पाउडर को बनाने के लिए जो चीज़ें चाहिए, वे हैं - आधा कप हरी मूँग दाल,
07:22 आधा कप सूखा वटाना या मटर,
07:24 आधा कप सफ़ेद चने और
07:27 आधा कप मोठ।
07:30 पहले हर चीज़ को पानी में अलग अलग 10 घंटे के लिए भिगोएँ।
07:35 भिगोने से हर चीज़ में नमी की मात्रा बढ़ेगी।
07:40 10 घंटों बाद सब चीज़ों को निकालें।
07:43 और छलनी में रखें ताकि सारा पानी निकल जाए।
07:47 फिर एक एक करके हर चीज़ को एक साफ़, सूखे सूती कपड़े में बाँध लें।
07:52 जब तक वे अंकुरित ना हों।
07:55 इस प्रक्रिया को अंकुरण कहते हैं।
07:59 जैसा कि पहले बताया गया है कुछ चीज़ों को अंकुरित होने में ज़्यादा वक़्त लगता है और कुछ को कम।
08:06 अंकुरित होने के बाद, इनको एक से दो दिन तक धूप में सूखने दें।
08:11 सुखाने के बाद, इन्हें धीमी आँच पर भूनें ताकि ये एकदम सूख जाएँ।
08:17 भूनते हुए, लगातार हिलाना याद रखिए।
08:20 इससे चीज़ें नहीं जलेंगी।
08:24 अब इन चीज़ों को बाहरी छिलका निकालने के लिए इन्हें अपनी दोनों साफ़ हथेलियों के बीच रगड़ें।
08:30 बाहरी छिलका निकालने के बाद सब चीज़ों को मिला लें और मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें।
08:34 इसे एक डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
08:38 शिशु का खाना बनाते समय इस पाउडर के दो चम्मच मिलाएँ।
08:43 इस पाउडर के दो चम्मच से 33 कैलोरीज और 1.8 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
08:49 इस पाउडर के 100 ग्राम से 250 कैलोरीज और 15 ग्राम प्रोटीन मिलेगा।
08:57 अगला, हम करी पत्तों के पाउडर को बनाना सीखेंगे।
09:00 करी पत्ते में फ़ाइबर, लोहा, कैल्शियम और विटामिन C ज़्यादा होता है।
09:06 ये सभी पोषक तत्व शिशु के हाज़मे और दातों की मज़बूती के लिए ज़रूरी हैं।
09:12 और इनसे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
09:16 इस पाउडर को बनाने के लिए हमें करी पत्तों की ज़रूरत है।
09:19 करी पत्तों को साफ़ पानी में धो लें।
09:23 और फिर छांव में सुखा लें।
09:26 फिर इनका पाउडर बना लें और डिब्बे में कसकर बंद करके रखें।
09:33 खिलाने से पहले शिशु के खाने में इस पाउडर का एक चौथाई मिलाएँ।
09:39 इस पाउडर से 9 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा।
09:42 इस पाउडर के 100 ग्राम से 700 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा।
09:48 अब अगला हम सीखेंगें सहजन के पत्तों का पाउडर बनाना।
09:53 इस पाउडर में कैल्शियम, लोहा, विटामिन C, विटामिन A, प्रोटीन और सल्फ़र ज़्यादा मात्रा में होते हैं।
10:01 ये सभी पोषक तत्व शिशु के मसूढ़ों और तंदुरुस्त आँखों के लिए ज़रूरी हैं।
10:07 और ये सब इंफ़ेक्शन से लड़कर शिशु की ताक़त भी बढ़ाते हैं।
10:12 इस पाउडर को बनाने के लिए ज़रूरत होगी सहजन के पत्तों की
10:17 पहले सहजन के पत्तों को साफ़ पानी में अच्छे से धो लें।
10:22 फिर इन्हें छांव में सुखाएँ।
10:25 अब सूखे हुए पत्तों का पाउडर बनाएँ और सहजन के पत्तों का पाउडर तैयार है।
10:31 इस पाउडर को एक डिब्बे में बंद करके रखें।
10:33 खिलाने से पहले शिशु के खाने में इस पाउडर का एक चौथाई मिलाएँ।
10:40 इससे 5 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा।
10:44 इस पाउडर के 100 ग्राम से 350 मिलीग्राम कैल्शियम मिलेगा।
10:50 याद रखें इन पाउडरों को बनाने के लिए हमेशा अपने प्रदेश और मौसम के हिसाब से मिलने वाले बीज, दाने और फलियों का इस्तेमाल करें।
10:58 हर खाने में अलग अलग क़िस्म का पाउडर इस्तेमाल करें।
11:01 जैसे- पकाए हुए खाने में एक चम्मच दाने और बीज के पाउडर को मिलाएँ।
11:08 या, एक चौथाई करी पत्तों या फिर सहजन के पत्तों का पाउडर मिलाएँ या
11:14 खाना पकाते हुए 2 चम्मच फलियों का पाउडर डालें।
11:21 इस ट्यूटोरियल में हर पाउडर की विधि बताए गए तरीक़ों से बनाई गई हैं-
11:26 भिगोना, भूनना और
11:28 अंकुरण।
11:30 इन तरीक़ों से इस्तेमाल की गई चीज़ों का फ़ाइटिक एसिड कम होगा जो शरीर को खनिज पदार्थों को सोखने नहीं देता
11:38 और इसके कम होने की वजह से शरीर पोषक तत्वों को सोख पाता है।
11:42 6 से 24 महीने के शिशुओं के लिए पौष्टिक पाउडर बनाने की विधि का यह स्पोकन ट्यूटोरियल यही ख़त्म होता है।
11:51 इस ट्यूटोरियल में हमने कई पौष्टिक पाउडर बनाने की विधियाँ सीखीं जैसे कि:
11:57 अमायलेज़ पाउडर, सिर्फ़ बीजों का पाउडर,
12:00 दाने और बीज मिले हुए पाउडर,
12:02 फलियों का पाउडर,
12:04 करी पत्तों का पाउडर और
12:06 सहजन के पत्तों का पाउडर
12:08 इस ट्यूटोरियल का योगदान Spoken Tutorial Project, IIT Bombay द्वारा किया गया है।
12:14 Spoken Tutorial Project भारत सरकार के NMEICT, MHRD द्वारा वित्तपोषित है।

इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है।

12:25 यह ट्यूटोरियल WHEELS Global Foundation द्वारा दिए गए उदार योगदान द्वारा आंशिक रूप से वित्तपोषित है।
12:32 यह ट्यूटोरियल माँ और शिशु पोषण प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
12:36 इस ट्यूटोरियल की ज्ञान-क्षेत्रक समीक्षक हैं - डॉ. रूपल दलाल, एमडी बाल चिकित्सा और दीपाली फ़र्गाड़े, पोषण विशेषज्ञ।
12:46 आई आई टी बॉम्बे से मैं बेला टोनी से आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Bellatony911, Sakinashaikh