Health-and-Nutrition/C2/General-guidelines-for-Complementary-feeding/Hindi

From Script | Spoken-Tutorial
Revision as of 14:56, 28 August 2020 by Bellatony911 (Talk | contribs)

(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to: navigation, search
Time
Narration
00:02 पूरक आहार खिलाने के सामान्य दिशा - निर्देश पर बने Spoken ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:09 इस ट्यूटोरियल में, हम सीखेंगें
00:14 छः महीने के शिशु को पूरक आहार खिलाने की ज़रूरत के बारे में..
00:19 और छः महीने से 24 महीने के शिशुओं को पूरक आहार खिलाने की दिशा - निर्देश के बारे में ।
00:27 आइये शुरू करते हैं।
00:29 शिशु को जन्म से लेकर छह महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
00:37 छः महीने की उम्र का मतलब छटे महीने की शुरुआत नहीं है ।
00:45 इस का मतलब है की शिशु छह महीने पूरे कर चूका है और सातवाँ महीना शुरू हो गया है।
00:52 इस उम्र में , केवल मां का दूध शिशु के लिए काफी नहीं होता।
00:59 इसलिए स्तनपान के साथ साथ शिशु को घर का बना हुआ पोषक आहार भी देना शुरू करना चाहिए।
01:06 इसी आहार को हम पूरक आहार कहते हैं।
01:11 छः महीने से चौबीस महीने की उम्र के शिशुओं को पूरक आहार खिलाना जरूरी है।
01:18 पूरक आहार शिशु के लम्बा, स्वस्थ और बुद्धीमान होने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
01:26 ये ज़रूरी है की शिशु के छह महीने पूरे होते ही उस को पूरक आहार देने की शुरुआत कर देनी चाहिए।
01:33 नहीं तो, शिशु की वृद्धि और विकास पूरी तरह से नहीं हो पाएगा।
01:39 ऐसा भी हो सकता है कि शिशु, बाद में घर का बना हुआ खाना खाने से इनकार कर दे ।
01:47 याद रखें, पूरक आहार स्तनपान का सहयोग करता है।
01:53 इसलिए, शिशु के दो साल की उम्र होने तक मां को उसे स्तनपान कराना चाहिए ।
02:00 अलग अलग तरीके का पूरक आहार
02:02 उस का गाढ़ापन
02:04 और उस की मात्रा शिशु की उम्र के अनुसार बदलती रहती है।
02:10 शिशु की हर आयु के लिए अलग-अलग तरह का पूरक आहार सुझाया गया है
02:16 इन पर इसी श्रृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में विस्तार से बताया गया है ।
02:23 आइये अब, हर उम्र के शिशुओं के लिए पूरक आहार खिलाने के जरूरी दिशा - निर्देश पर पर बात करते है ।
02:31 शिशु को पहली बार जब कोई नया खाना दे तोह उसे सिर्फ वही खाने को दें ।
02:37 उस खाने को बाकी के खानों के साथ कुछ वक्त के बाद मिलाकर दें
02:42 इस से हमें ये पता चलेगा कि शिशु को किस खाने से एलर्जी है।
02:48 अलग अलग तरह का खाना खिलाना शिशु के पोषण कर लिए बहुत जरूरी है।
02:54 हर चौथे दिन, शिशु के आहार में एक नया खाना मिला सकते हैं।
03:01 पिछले दिए जा रहे खाने के साथ, नए खाने का एक चम्मच खिलाना शुरुआत करें।
03:08 फिर धीरे धीरे हर दिन इसकी मात्रा बढ़ाते जाएं।
03:12 शिशु के खाने में पोषण से भरपूर सभी 8 खाद्य समूहों के खाने को शामिल करना जरूरी है।
03:20 पहले खाद्य समूह में हैं अनाज और कंदमूल ।
03:27 फलियां, बीज और दाने दूसरे खाद्य समूह में आते हैं।
03:32 तीसरे खाद्य समूह में दूध से बनी हुई चीजें हैं।
03:37 चौथे समूह में मीट, मछली और चिकेन हैं।
03:42 अंडा पांचवे समूह में है।
03:46 विटामिन ए से भरपूर फल और सब्जियां छठवें समूह में हैं।
03:52 सातवें समूह में अन्य फल और सब्जियां हैं ।
03:57 और आखिरी आठवें खाद्य समूह में स्तनपान आता है जो सबसे महत्वपूर्ण है।
04:04 सभी समूहों के खाने के साथ हर रोज़ शिशु को स्तनपान कराना बहुत जरूरी है।
04:11 बेहतर होगा, कि शिशु के खाने में आठों खाद्य समूह का खाना शामिल हों।
04:17 अगर शिशु के आहार में 5 खाद्य समूह से कम का खाना हैं तो फिर ये एक समस्या है।
04:24 इसे जल्दी से जल्दी सुधारा जाना चाहिए
04:28 कुछ शिशुओं को मां का दूध नहीं मिल पाता है।
04:33 ऐसे में हर रोज़ शिशु के आहार में बाकी के 7 समूहों में से खाना जरूर खिलाते रहें।
04:40 साथ ही, शिशु को 500 मिलीलीटर गाय का दूध और दो बार ज़्यादा खाना खिलाना चाहिए।
04:49 शिशु को गाय का दूध पिलाने से पहले दूध को अच्छे से उबाल लेना चाहिए।
04:55 आइए अब, देखते हैं शिशु के खाने में नए खाद्य समूह से खाना शामिल करने के बारे में ।
05:02 स्तनपान के साथ-साथ, शिशु को पहले पांच समूहों में से खाना खिलाना शुरू करें।
05:09 छह महीने की उम्र पूरी करने के बाद शिशु को ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
05:16 हालांकि, शिशु को शुरुआत में खिलाए जाने वाले खाना की मात्रा कम होती है।
05:24 इसीलिए, पहले पांच समूहों में से पोषण से भरपूर खाना शिशु को खिलाने चाहिए।
05:31 इन पांच समूहों के खाने में प्रोटीन और फैट जैसे पोषण तत्वों से भरपूर होते हैं।
05:38 ये खाना शिशु की लंबाई और मांसपेशियों के विकास में महत्तपूर्ण हैं।
05:45 अच्छी चर्बी शिशु के दिमाग के विकास के लिए बहुत जरूरी होती है ।
05:50 इन ख़ानों के बाद, शिशु को सब्जियां और फल खिलाना शुरू करें।
05:57 सब्जियां और फल विटामिन और खनिज पदार्थों से भरपूर होते हैं।
06:03 पर, फल और सब्जियां पहले पांच समूहों के खाना की तरह प्रोटीन और चर्बी से भरपूर नहीं होते।
06:11 इसीलिए, इन्हें बाद में शुरू किया जाता है ताकि शिशु का वजन न ही कम हो और न ही बढ़ना रुके ।
06:18 साथ ही, फल स्वाद में मीठे भी होते हैं।
06:23 और शिशु को मीठा खिलाने से पहले अलग-अलग खाने का स्वाद चखाना जरूरी होता है।
06:31 अलग-अलग तरह के स्वाद चखना शिशु को ज्यादा खाना खाने के लिए तैयार करता है।
06:37 ये शिशु को बाद में चुनिंदा खाना खाने की आदत से बचाता है।
06:44 इसीलिए, फलों को शिशु के आहार में तभी जोड़ें जब हर समूह के खाने को खिला चुके हों ।
06:51 अपने इलाके के ताज़े और मौसम के हिसाब से मिलने वाले फल शिशु को दिन में एक या दो बार दें ।
06:59 फल को शिशु के खाना खाने के बाद मीठा खिलाने में दियाजा सकता है।
07:05 शिशु के रोज़ के खाने में फलों की प्यूरी नहीं मिलानी चाहिए ।
07:11 और इस उम्र के शिशुओं के लिए फलों का रस देना भी ठीक नहीं है।
07:16 ना ही घर पे बनाया हुआ फलों का रस और ना ही बाज़ार में मिलने वाला पैकेट वाला रस ।
07:23 याद रखें, शिशु को 2 साल का होने तक स्तनपान जारी रखें।
07:28
07:34 साबुत दाने, अंगूर, चना और कच्चे गाजर ऐसे खाने के उदाहरण हैं।
07:44 शिशु के लिए स्वछता से घर का पका हुआ ताजा खाना ही सबसे अच्छा होता है।
07:51 अगर शिशु का खाना संभाल कर रखना पड़े, तो 'खाने के सुरक्षित रख रखाव' पर बना ट्यूटोरियल जरूर देखें।
07:57 शिशु के खाने को स्वछता से बनाने, खिलाने और उस के रखरखाव पर भी उस ट्यूटोरियल में चर्चा की गयी है।
08:06 ज्यादा जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखें ।
08:10 छः महीने के शिशु को खाना ख़िलाने के साथ उबला हुआ ठंडा पानी पिलाया जा सकता है।
08:18 दिन में दो बार तीस से साठ मिलीलीटर पानी पिलाने की शुरुआत करें ।
08:25 पानी की मात्रा को गर्मी के मौसम में और शिशु के मांग के हिसाब से बढ़ा सकते हैं।
08:31 मां का दूध और पानी शिशु के लिए सबसे अच्छी पीने की चीज़ें हैं।
08:37 लेकिन, इन्हें सही समय पर दिया जाना चाहिए।
08:42 खाना खिलाने से पहले शिशु को ना स्तनपान कराएं और ना ही पानी पिलाएं।
08:48 भूख में शिशु के नए खाने को खाने की सम्भावना ज़्यादा होती है ।
08:54 शिशु को खाना देने के बीस से तीस मिनट पहले या फिर बाद में स्तनपान कराएं या पानी पिलाएं।
09:02 शिशु की वृद्धि के लिए उसे पर्याप्त पूरक आहार की बहुत जरूरत होती है।
09:08 अब यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है ।

यह स्क्रिप्ट विनय कुमार द्वारा अनुवादित है । आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी अप से विदा लेटि हू । हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद ।

Contributors and Content Editors

Bellatony911, Sakinashaikh