ExpEYES/C2/Electro-Magnetism/Hindi
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Revision as of 15:11, 19 August 2016 by Shruti arya (Talk | contribs)
| Time | Narration |
| 00:01 | नमस्कार, 'Electro-magnetic induction' पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
| 00:06 | इस ट्यूटोरियल में हम निम्न दिखायेंगे:
और अपने परीक्षणों के लिए 'सर्किट डायग्राम्स' दिखाना। |
| 00:26 | यहाँ मैं उपयोग कर रही हूँ:
|
| 00:35 | इस ट्यूटोरियल के अनुसरण के लिए आपको 'ExpEYES Junior' इंटरफेस के साथ परिचित होना चाहिए। यदि नहीं तो सम्बन्धित ट्यूटोरियल्स के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ। |
| 00:47 | 'Electro-magnetic Induction' के प्रदर्शन से शुरू करते हैं। |
| 00:52 | इस परीक्षण में 3000 घेरों वाली कॉइल के तारों को 'ground (GND)' और 'A1' से जोड़ा गया है। |
| 01:00 | चुम्बकीय प्रभाव दिखाने के लिए एक '5mm' व्यास और '10mm' लम्बाई की चुम्बक उपयोग की गयी है।
यह सर्किट डायग्राम है। |
| 01:11 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं। |
| 01:15 | प्लॉट विंडो पर क्षैतिज ग्राफ दिखता है। एक काग़ज़ को रोल करें और इसे कॉइल के अंदर डालें। |
| 01:23 | रोल किए हुए काग़ज़ में इस चुम्बक को डालें और इसे ऊपर और नीचे घुमाएँ। |
| 01:29 | इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएँ जब तक 'induced voltage' यानि प्रेरित वोल्टेज न आ जाये और प्रदर्शित न हो जाए। |
| 01:35 | 'Plot window' पर, 'Experiments' बटन पर क्लिक करें। |
| 01:39 | 'Select Experiment' सूची दिखती है।'EM Induction' पर क्लिक करें। |
| 01:46 | दो नई विंडोज़ 'Electromagnetic Induction' और 'Schematic' दिखती हैं।
'Schematic' विंडो 'सर्किट डायग्राम' दिखाती है। |
| 01:56 | 'Electromagnetic Induction' विंडो पर, 'Start Scanning' बटन पर क्लिक करें। क्षैतिज ग्राफ वेव में बदलता है। |
| 02:05 | यह तब होता है जब वोल्टेज की 'periodic scanning' और चुम्बक की गतिविधि एक साथ होती है। |
| 02:12 | यह दिखाता है कि गतिमान चुम्बक द्वारा कॉइल में वोल्टेज इंड्यूस्ड यानि प्रेरित होता है। |
| 02:18 | आगे मैं दो कॉइल्स का 'mutual induction' यानि पारस्परिक प्रेरण दिखाऊँगी। |
| 02:23 | इस परीक्षण में 'A2', 'SINE' से जुड़ा हुआ है। 'SINE' कॉइल के द्वारा 'ground'(GND) से जुड़ा हुआ है। |
| 02:31 | और 'A1' कॉइल के द्वारा 'ground'(GND) से जुड़ा हुआ है। यह सर्किट डायग्राम है। |
| 02:37 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं। |
| 02:40 | 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। 'A1', 'CH1' को निर्दिष्ट किया जाता है। |
| 02:47 | 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। 'A2', 'CH2' को निर्दिष्ट किया जाता है। |
| 02:55 | 'applied waveform' और 'induced waveform' को देखने के लिए 'msec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ। |
| 03:02 | बदलता हुआ चुम्बकीय क्षेत्र 'induced voltage' का कारण है। आप द्वितीयक कॉइल पर कोई भी 'induced voltage' नहीं भी देख सकते हैं। |
| 03:12 | कॉइल्स को अक्ष के समानांतर एक दूसरे के पास रखें। एक्सिस की दिशा में कोई 'फ़ैरोमैग्नेटिक' (लौहचुम्बकीय) वस्तु डालें। |
| 03:20 | 'द्वितीयक कॉइल' पर 'वोल्टेज प्रेरित (induce voltage)' करने के लिए हमने एक पेंचकस डाला है। |
| 03:26 | 'CH1' पर क्लिक करके 'FIT' तक खींचें। 'CH2' पर क्लिक करके 'FIT' तक खींचें। |
| 03:34 | दायीं तरफ 'A1' और 'A2' की वोल्टेज और आवृत्ति दिखती है।
'A1' और 'A2' की वोल्टेज में अंतर द्वितीयक कॉइल पर 'प्रेरित वोल्टेज' के कारण है। |
| 03:47 | आगे, हम 'DC मोटर' और कॉइल्स उपयोग करके घूमती हुई चुम्बक द्वारा 'प्रेरित वोल्टेज' दिखायेंगे।
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| 03:56 | इस परीक्षण में,
'A1' कॉइल द्वारा 'ground(GND)' से जुड़ा हुआ है। 'SQR2' 'DC मोटर' द्वारा 'ground(GND)' से जुड़ा हुआ है। |
| 04:06 | एक '10mm' व्यास और '10mm' लम्बाई का स्थायी चुम्बक 'DC मोटर' पर जोड़ा गया है।
'A2' कॉइल द्वारा 'ground(GND)' से जोड़ा गया है। |
| 04:18 | यह सर्किट डायग्राम है। |
| 04:20 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं। |
| 04:23 | 'Setting Square waves' में, आवृत्ति की वैल्यू को '100Hz' पर सेट करें।'SQR2' चेक बॉक्स पर क्लिक करें। |
| 04:34 | 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। 'A1', 'CH1' को निर्दिष्ट किया जाता है। |
| 04:41 | 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। 'A2', 'CH2' को निर्दिष्ट किया जाता है।
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| 04:47 | वेव फॉर्म को प्राप्त करने के लिए 'msec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ।
वेव फॉर्म को समायोजित करने के लिए 'volt/div' स्लाइडर को खिसकाएँ। |
| 04:57 | 'CH1' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें।
'CH2' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें। |
| 05:05 | दायीं तरफ आप वोल्टेज और आवृत्ति देख सकते हैं। कृपया ध्यान दें दो वैकल्पिक वेवफॉर्म्स की वोल्टेज और आवृत्ति लगभग समान है। |
| 05:16 | यह इसलिए है क्योंकि जब चुम्बक घूमता है तो कॉइल के चारों तरफ पोल्स के बीच चुम्बकीय क्षेत्र निरन्तर बदलता है। |
| 05:24 | चुम्बक का घूमना कॉइल में alternating 'induced emf' देता है। |
| 05:31 | आगे चालित लोलक के साथ परिक्षण करते हैं। |
| 05:34 | अगर एक लोलक 'induced magnetic field' यानि प्रेरित चुम्बकीय क्षेत्र के साथ दोलन करता है तो यह 'driven pendulum' यानि चालित लोलक कहलाता है। |
| 05:41 | इस परिक्षण में कॉइल उपयोग करके 'SQR1', ग्राउंड ('GND') से जोड़ा गया है। |
| 05:47 | बटन चुम्बकों को लोलक की तरह कागज़ की पट्टी के साथ कॉइल के आगे लटकाया गया है। यह सर्किट डायग्राम है। |
| 05:58 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं। |
| 06:01 | 'SQR1' चेक बॉक्स पर क्लिक करें। |
| 06:05 | 'Experiments' बटन पर क्लिक करें। 'Select Experiment' सूची दिखती है। 'Driven Pendulum' चुनें। |
| 06:15 | दो विन्डोज़ दिखती हैं-
'Driven Pendulum' का 'Schematic' और 'EYES Junior: Driven Pendulum'. |
| 06:23 | 'EYES Junior: Driven Pendulum' विंडो पर, स्लाइडर को खींचें, जैसे ही हम स्लाइडर को खींचते हैं लोलक दोलन करता है। |
| 06:33 | अधिकतम आयाम के साथ लोलक '2.6 Hz' से '2.9Hz' के बीच दोलन करता है।
यह इसलिए है क्योंकि इसकी 'resonant frequency', 'natural frequency' के समान है। |
| 06:47 | इसे सारांशित करते हैं। |
| 06:49 | इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न दिखाना सीखा:
और अपने परीक्षणों के लिए सर्किट डायग्राम्स दिखाना। |
| 07:09 | एक नियत कार्य में दिखाएँ कि
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| 07:22 | यह वीडिओ स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है।
अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं। |
| 07:30 | हम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाते हैं और प्रमाणपत्र देते हैं। कृपया हमसे संपर्क करें। |
| 07:37 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट भारत सरकार के MHRD के NMEICT द्वारा निधिबद्ध है। |
| 07:44 | आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |