ExpEYES/C2/Electro-Magnetism/Hindi

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00:01 नमस्कार, 'Electro-magnetic induction' पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:06 इस ट्यूटोरियल में हम निम्न दिखायेंगे:

'Electro-magnetic induction' यानि विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कॉइल्स (कुण्डली) का पारस्परिक इंडक्शन यानि प्रेरण घूमते हुए चुम्बक द्वारा प्रेरित वोल्टेज चालित लोलक यानि ड्रिविन पेंडुलम का 'रेज़ोनेंस यानि अनुनाद' और अपने परीक्षणों के लिए 'सर्किट डायग्राम्स' दिखाना।

00:26 यहाँ मैं उपयोग कर रही हूँ:

'ExpEYES' वर्जन '3.1.0' 'Ubuntu Linux' OS वर्जन '14.10'

00:35 इस ट्यूटोरियल के अनुसरण के लिए आपको 'ExpEYES Junior' इंटरफेस के साथ परिचित होना चाहिए। यदि नहीं तो सम्बन्धित ट्यूटोरियल्स के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ।
00:47 'Electro-magnetic Induction' के प्रदर्शन से शुरू करते हैं।
00:52 इस परीक्षण में 3000 घेरों वाली कॉइल के तारों को 'ground (GND)' और 'A1' से जोड़ा गया है।
01:00 चुम्बकीय प्रभाव दिखाने के लिए एक '5mm' व्यास और '10mm' लम्बाई की चुम्बक उपयोग की गयी है।

यह सर्किट डायग्राम है।

01:11 अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं।
01:15 प्लॉट विंडो पर क्षैतिज ग्राफ दिखता है। एक काग़ज़ को रोल करें और इसे कॉइल के अंदर डालें।
01:23 रोल किए हुए काग़ज़ में इस चुम्बक को डालें और इसे ऊपर और नीचे घुमाएँ।
01:29 इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएँ जब तक 'induced voltage' यानि प्रेरित वोल्टेज न आ जाये और प्रदर्शित न हो जाए।
01:35 'Plot window' पर, 'Experiments' बटन पर क्लिक करें।
01:39 'Select Experiment' सूची दिखती है।'EM Induction' पर क्लिक करें।
01:46 दो नई विंडोज़ 'Electromagnetic Induction' और 'Schematic' दिखती हैं।

'Schematic' विंडो 'सर्किट डायग्राम' दिखाती है।

01:56 'Electromagnetic Induction' विंडो पर, 'Start Scanning' बटन पर क्लिक करें। क्षैतिज ग्राफ वेव में बदलता है।
02:05 यह तब होता है जब वोल्टेज की 'periodic scanning' और चुम्बक की गतिविधि एक साथ होती है।
02:12 यह दिखाता है कि गतिमान चुम्बक द्वारा कॉइल में वोल्टेज इंड्यूस्ड यानि प्रेरित होता है।
02:18 आगे मैं दो कॉइल्स का 'mutual induction' यानि पारस्परिक प्रेरण दिखाऊँगी।
02:23 इस परीक्षण में 'A2', 'SINE' से जुड़ा हुआ है। 'SINE' कॉइल के द्वारा 'ground'(GND) से जुड़ा हुआ है।
02:31 और 'A1' कॉइल के द्वारा 'ground'(GND) से जुड़ा हुआ है। यह सर्किट डायग्राम है।
02:37 अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं।
02:40 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। 'A1', 'CH1' को निर्दिष्ट किया जाता है।
02:47 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। 'A2', 'CH2' को निर्दिष्ट किया जाता है।
02:55 'applied waveform' और 'induced waveform' को देखने के लिए 'msec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ।
03:02 बदलता हुआ चुम्बकीय क्षेत्र 'induced voltage' का कारण है। आप द्वितीयक कॉइल पर कोई भी 'induced voltage' नहीं भी देख सकते हैं।
03:12 कॉइल्स को अक्ष के समानांतर एक दूसरे के पास रखें। एक्सिस की दिशा में कोई 'फ़ैरोमैग्नेटिक' (लौहचुम्बकीय) वस्तु डालें।
03:20 'द्वितीयक कॉइल' पर 'वोल्टेज प्रेरित (induce voltage)' करने के लिए हमने एक पेंचकस डाला है।
03:26 'CH1' पर क्लिक करके 'FIT' तक खींचें। 'CH2' पर क्लिक करके 'FIT' तक खींचें।
03:34 दायीं तरफ 'A1' और 'A2' की वोल्टेज और आवृत्ति दिखती है।

'A1' और 'A2' की वोल्टेज में अंतर द्वितीयक कॉइल पर 'प्रेरित वोल्टेज' के कारण है।

03:47 आगे, हम 'DC मोटर' और कॉइल्स उपयोग करके घूमती हुई चुम्बक द्वारा 'प्रेरित वोल्टेज' दिखायेंगे।
03:56 इस परीक्षण में,

'A1' कॉइल द्वारा 'ground(GND)' से जुड़ा हुआ है। 'SQR2' 'DC मोटर' द्वारा 'ground(GND)' से जुड़ा हुआ है।

04:06 एक '10mm' व्यास और '10mm' लम्बाई का स्थायी चुम्बक 'DC मोटर' पर जोड़ा गया है।

'A2' कॉइल द्वारा 'ground(GND)' से जोड़ा गया है।

04:18 यह सर्किट डायग्राम है।
04:20 अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं।
04:23 'Setting Square waves' में, आवृत्ति की वैल्यू को '100Hz' पर सेट करें।'SQR2' चेक बॉक्स पर क्लिक करें।
04:34 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। 'A1', 'CH1' को निर्दिष्ट किया जाता है।
04:41 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। 'A2', 'CH2' को निर्दिष्ट किया जाता है।
04:47 वेव फॉर्म को प्राप्त करने के लिए 'msec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ।

वेव फॉर्म को समायोजित करने के लिए 'volt/div' स्लाइडर को खिसकाएँ।

04:57 'CH1' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें।

'CH2' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें।

05:05 दायीं तरफ आप वोल्टेज और आवृत्ति देख सकते हैं। कृपया ध्यान दें दो वैकल्पिक वेवफॉर्म्स की वोल्टेज और आवृत्ति लगभग समान है।
05:16 यह इसलिए है क्योंकि जब चुम्बक घूमता है तो कॉइल के चारों तरफ पोल्स के बीच चुम्बकीय क्षेत्र निरन्तर बदलता है।
05:24 चुम्बक का घूमना कॉइल में alternating 'induced emf' देता है।
05:31 आगे चालित लोलक के साथ परिक्षण करते हैं।
05:34 अगर एक लोलक 'induced magnetic field' यानि प्रेरित चुम्बकीय क्षेत्र के साथ दोलन करता है तो यह 'driven pendulum' यानि चालित लोलक कहलाता है।
05:41 इस परिक्षण में कॉइल उपयोग करके 'SQR1', ग्राउंड ('GND') से जोड़ा गया है।
05:47 बटन चुम्बकों को लोलक की तरह कागज़ की पट्टी के साथ कॉइल के आगे लटकाया गया है। यह सर्किट डायग्राम है।
05:58 अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं।
06:01 'SQR1' चेक बॉक्स पर क्लिक करें।
06:05 'Experiments' बटन पर क्लिक करें। 'Select Experiment' सूची दिखती है। 'Driven Pendulum' चुनें।
06:15 दो विन्डोज़ दिखती हैं-

'Driven Pendulum' का 'Schematic' और 'EYES Junior: Driven Pendulum'.

06:23 'EYES Junior: Driven Pendulum' विंडो पर, स्लाइडर को खींचें, जैसे ही हम स्लाइडर को खींचते हैं लोलक दोलन करता है।
06:33 अधिकतम आयाम के साथ लोलक '2.6 Hz' से '2.9Hz' के बीच दोलन करता है।

यह इसलिए है क्योंकि इसकी 'resonant frequency', 'natural frequency' के समान है।

06:47 इसे सारांशित करते हैं।
06:49 इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न दिखाना सीखा:

'Electromagnetic induction' कॉइल्स का 'Mutual induction' (पारस्परिक प्रेरण) घूमती हुई चुम्बक के द्वारा प्रेरित वोल्टेज चालित लोलक का अनुनाद और अपने परीक्षणों के लिए सर्किट डायग्राम्स दिखाना।

07:09 एक नियत कार्य में दिखाएँ कि एक 'electromagnet' (विद्युत चुम्बक) कैसे बनाते हैं।

एक चुम्बक के साथ एकल कॉइल का पारस्परिक प्रेरण परीक्षणों के लिए सर्किट डायग्राम्स।

07:22 यह वीडिओ स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है।

अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं।

07:30 हम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाते हैं और प्रमाणपत्र देते हैं। कृपया हमसे संपर्क करें।
07:37 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट भारत सरकार के MHRD के NMEICT द्वारा निधिबद्ध है।
07:44 आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Pratik kamble, Shruti arya