Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Type-1-and-Type-2-nutrients/Hindi"
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Revision as of 12:45, 22 September 2020
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00:00 | पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों के बारे में बने स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत हैं |
00:06 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों में क्या फरक हैं |
00:12 | चलिए शुरू करते हैं |
00:14 | खाने से हमे ऊर्जा और पोषकतत्वा मिलते है |
00:17 | पोषकतत्व शरीर के वृद्धि और रक्रखाव के लिए जरुरी होते हैं |
00:22 | कुछ पोषकतत्व शरीर खुद नहीं बनाता |
00:27 | ऐसे तत्वों को जरुरी पोषकतत्व कहते हैं |
00:31 | हमे खाने में से ४० पोषकतत्व लेने चहिऐ |
00:36 | पर जिन खानो में पोषकतत्व कम हो उन खानो में से ४० पोषकतत्व नहीं मिल सकते |
00:42 | ऐसे खाना अगर ज्यादा मात्रा में भी खाया जाये थो भी सिर्फ भूक ही मिट्टी हैं |
00:48 | और शरीर में एक या अनेक पोषकततवो की कमी रहती हैं |
00:54 | इसे छिपी हुवी भूख कहते हैं |
00:58 | जरुरी पोषकतत्वों को दो भागो में बाटा गया हैं |
01:02 | पहले प्रकार या फिर काम करने वाला पोषकतत्व |
01:05 | दूसरे प्रकार या फिर बढ़ने में मददत करने वाले पोषकतत्व |
01:09 | आयरन,
कैल्शियम, |
01:11 | आयोडिन और कॉपर पहले प्रकार के पोषकतत्व हैं |
01:15 | मैंगनीज़, |
01:17 | फ़्लोरिन
और सेलेनियम भी पहले प्रकार के पोषकतत्व हैं |
01:21 | विटामिन बी,
सी, |
01:23 | ऐ,
डी, |
01:25 | इ
और के भी पहले प्रकार के हैं |
01:29 | पर सल्फर क्लोरीन |
01:32 | प्रोटीन और जरुरी अमाइनो एसिड दूसरे प्रकार के पोषकतत्व हैं |
01:37 | सोडियम,
पोट्यासियम, |
01:39 | मैग्नीशियम,
फ्रॉसफोरस |
01:41 | और जिंक भी दूसरे प्रकार के हैं |
01:45 | जरुरी फैट जैसे ओमेगा थिरि भी दूसरे प्रकार के पोषकतत्व हैं |
01:51 | अब हम पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों के फरक को समजेंगे |
01:56 | पहले प्रकार के पोषकतत्व उतकों के ख़ास कामो के लिए जरुरी होते है |
02:02 | इसीलिए ये चुनिंदा उतक या उतकों के गुच्छो में एक ही जगा पर काफी मात्रा में पाये जाते हैं |
02:08 | आइये उदहारण के लिए कैल्शियम और विटामिन ऐ की बात करेंगे |
02:13 | कैल्शियम मजबूत हड्डियों के लिए जरुरी हैं |
02:17 | विटामिन ऐ तंदुरुस्त आँखों के लिए जरुरी हैं |
02:21 | पर दूसरे प्रकार के पोषकतत्व शरीर के पुरे विकास के लिए जरुरी होते हैं |
02:28 | वे शरीर के हर कोशिका की संरचना और उसस्के काम का हीस्सा बनते है |
02:34 | इसीलिए वे भी शरीर के है उतक में होते हैं |
02:38 | अब पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों की कमी होने पर शरीर की प्रतिक्रिया की बात करेंगे |
02:45 | पहले प्रकार के पोषकतत्व की कमी होने पर भी शरीर बढ़ता रहता हैं |
02:50 | शरीर इन पोषकतत्वों को उन विशेष उतको से ले लेता हैं जिन में ये मौजूद होते हैं |
02:57 | उदाहरण के लिए कैल्शियम |
03:00 | कैल्शियम की कमी होने पर शरीर हड्डियों में मौजूद कैल्शियम इस्तमाल करता हैं |
03:07 | जिस वजहसे उतको में मौजूद उन पोषकतत्वों की मात्रा कम हो जाती हैं |
03:13 | फिर उन आंगो पर असर होता हैं जो इस पोषकतत्वो पर निर्भर होते हैं |
03:18 | इसी वजहसे इंसान बीमार होने लगता हैं |
03:21 | फिर उस बीमार इंसान में पोषकतत्व की कमी से होने वाले ख़ास संकेत दिखने लागते हैं |
03:26 | ये बात चार उद्धरणों से समझेंगे |
03:31 | 1. कमजोर हड्डी और हड्डी के टूटने का ज्यादा खतरा कैल्शियम की कमी होने की वजह से हैं |
03:37 | 2. अनीमिया आयरन की कमी का संकेत हैं. |
03:41 | 3. उसी तरह रात का आंधा पण विटामिन ऐ की कमी का संकेत हैं |
03:45 | 4. और हाइपोथायरायडिज्म आयोडीन की कमी का संकेत हैं |
03:50 | जब की दूसरे प्रकार की पोषकतत्वों की कमी में सिर्फ एक ही संकेत होता हैं |
03:57 | उसे विकास ना होना कहते हैं |
04:00 | विकास ना होने का मतलब हैं शरीर दो ख़ास प्रक्रियोंकी गति को कम कर देता हैं |
04:06 | 1. जो हैं नयी कोशिकाएं बनाना और |
04:08 | 2. पुराणी कोशिकाओंको बदलना |
04:11 | शरीर बढ़ना और नए ऊतक बनाना दोनों बंद कर देता हैं |
04:16 | इस से वजन कम होता है |
04:18 | लम्बाई कम होती हैं और मॉस पेशी भी कम होती हैं |
04:23 | शरीर की सभी कोशिकाएँ और रोगप्रति रोदकशक्ति पर आसर पड़ता हैं |
04:29 | इन् सभ से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता हैं |
04:32 | आंत में मृत्यु भी हो सकती हैं |
04:35 | दसरे प्रकार के पोषकतत्व शरीर में मौजूद नहीं होते |
04:39 | इनकी कमी होने पर शरीर आपने उतको या मॉस पेशियोंको तोड़ने लगता हैं . |
04:45 | इस वजह से दूसरे प्रकार के वो पोषकतत्व निकलते हैं जिनकी शरीर में कमी हो |
04:50 | इन्ही पोषकतत्वों को फिर शरीर बाकी के उतको के लिए इस्तमाल करता हैं |
04:55 | अगर उतक बोहत ज्यादा टूटे तो कोशिकाओं के काम पर असर पड़ता हैं |
05:02 | और फिर भूक कम लगती हैं |
05:05 | ऊतकों के टूटने से वे पोषकतत्व मिलते हैं |
05:11 | जिनकी शरीर में कमी हो पर इससे उतको में मौजूद बाकी सभी दूसरे प्रकार पोषकतत्व भी निकलते हैं |
05:17 | और ये फर शरीर से बाहर निकल जाते हैं . |
05:21 | इसीलिए दूसरे प्रकार की पोषकतवों की कमी होने पर हमेशा इन्ही पोषकतत्वों से भरे खाने को खाना चहिये |
05:28 | पहले प्रकार के पोषकतत्वों की कमी को ठीक करने क लिए सभी पहले प्रकार की पोषकतत्वों की जरुरत नहीं होती |
05:34 | इस के इलाज के लिए सिर्फ वही पोषकतत्व लेने चाहिए जिसकी शरीर में कमी हो |
05:40 | अब बात करेंगे माँ के दूध में मौजूद पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों की |
05:47 | माँ क दूध में दूसरे प्रकार के पोषकतत्व हमेशा होते हैं . |
05:52 | अगर माँ कुपोषित हो थो भी वे हमेशा दूध में होते है |
05:57 | जरूरत के जितना स्तन पान कराने से कुपोषित माँ का शिशु आछे से बाढ़ सकता हैं |
06:03 | पर पहले प्रकार के पोषकतत्वों की मात्रा माँ के दूध में हमेशा एक जैसी नहीं होती. |
06:09 | माँ के पोषण के हिसाब से वो बदलती रहती हैं |
06:13 | उद्धरण के लिए विटामिन दी की बात करते हैं . |
06:17 | अगर माँ मै विटामिन दी कम होगा थो उसके दूध में भी विटामिन दी कम होगा |
06:23 | अब बात करेंगे पहले और दूसरे प्रकार के पोषकतत्वों की कमियों की |
06:30 | जाँच पड़ताल की पहले प्रकार की पोषकतत्व की कमी दो तरह से जाँच सकते हैं |
06:36 | पहला हैं खास संकेतो को पैचानना |
06:41 | शरीर में पोषकतत्व की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
06:46 | उद्धरण के लिए आयरन और आयोडिन की बात करेंगे |
06:50 | आयरन की कमी को पिली त्वचा और थकान जैसे संकेतो से पैचान सकते हैं |
06:56 | शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
07:01 | आयोडिन की कमी भी इसी तरह कुछ ख़ास संकेतो और जांच से पता क्र सकते हैं . |
07:07 | संकेत जैसे की गर्दन का सुजना |
07:10 | वजन बढ़ना और |
07:12 | बालो का झड़ना |
07:14 | शरीर में आयोडिन और थाइरोइड हारमोन की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
07:21 | पहले प्रकारके पोषकतत्वों की कमियों को पैचान कर उनका इलाज भी कर सकते हैं |
07:26 | इन् तत्वों का इलाज करने के अलग अलग तरीके हैं |
07:31 | जैसे की बताई गयी मात्रा में पोषकतत्वों को खाने में खाना |
07:36 | और उपरी खुराक या दवा लेना |
07:41 | आयरन,
विटामिन सी |
07:43 | फोलिक एसिड जैसे ऊपरी दवा आम त्वार पर स्वस्त सेवक सुजाते हैं |
07:47 | कुछ इलाको में जहा पहेली प्रकार से होनी वाली कमिया ज्यादा हो वाह खाने में इन्ही तत्वोंको मिलाया जाता हैं |
07:53 | उद्धरण हैं नमक में आयोडिन का मिलाया जाना |
07:59 | एक योग्य पोषण विशेषज्ञ इन सबके बारे में जानकरी दे सकता हैं |
08:04 | दूसरे प्रकार की तत्वों को जांचना और इलाज करना मुश्किल होता हैं |
08:10 | इन तत्वों से होने वाली कमी को जांचने का एक ही तरीका हैं |
08:15 | मापना और ध्यान रखना |
08:17 | जैसे की वजन लम्बाई |
08:19 | और ऊपरी बाजू का घेरा |
08:22 | पर इससे शरीर के ना बाड़ने का पता चलता हैं |
08:27 | शरीर का ना बड़ना दूसरे प्रकारके हर पोषकतत्वों की कमी से होता हैं |
08:33 | ये पता कारना मुश्कील हैं की शरीर में कोण से पोषकतत्वों की कमी हैं |
08:40 | इसीलिए दूसरी प्रकारके पोषकतत्वों की कमी को ठीक करने क लिए सभी दूसरे प्रकर की पोषकतत्वों की जरुरत होती हैं |
08:47 | वो खाने जिनमे दूसरे प्रकारके पोषकतत्व हो उस खाने को खाना चाहिए |
08:53 | पहेले दिए जाने वाले खाने की मात्रा बढ़ाने से मददत नहीं होगी |
08:59 | उस पहले दिए गए खाने से शरीर को दूसरे प्रकार के पोषकतत्व नहीं मिले होंगे |
09:04 | शरीर को बढ़ने के लिए खाने की गुणवक्ता को बदलना चाहिए |
09:10 | ज्यादा जानकारी के लिए एक योग्य पोषण विशेषज्ञ से मिले |
09:15 | पहले और दूसरे प्रकारके पोषातत्वो से भरपुर खाने के बारे में अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया हैं . |
09:22 | ज्यादा जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखे |
09:26 | अब ये ट्यूटोरियल यही ख़त्म होता हैं हम से जुड़ने के लिए ध्यानवाद |