Health-and-Nutrition/C2/Type-1-and-Type-2-nutrients/Hindi
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00:00 | पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों के बारे में बने स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत हैं |
00:06 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों में क्या फरक हैं |
00:12 | चलिए शुरू करते हैं |
00:14 | खाने से हमे ऊर्जा और पोषक तत्व मिलते है |
00:17 | पोषक तत्व शरीर के वृद्धि और रखरखाव के लिए जरुरी होते हैं |
00:22 | कुछ पोषक तत्व शरीर खुद नहीं बनाता |
00:27 | ऐसे तत्वों को जरूरी पोषक तत्व कहते हैं |
00:31 | हमें खाने में से ४० पोषक तत्व लेने चहिऐ |
00:36 | पर जिन खानो में पोषक तत्व कम हो उन खानो में से ४० पोषक तत्व नहीं मिल सकते |
00:42 | ऐसे खाना अगर ज्यादा मात्रा में भी खाया जाये थो भी सिर्फ भूक ही मिट्टी हैं |
00:48 | और शरीर में एक या अनेक पोषक तत्वों की कमी रहती हैं |
00:54 | इसे छिपी हुई भूख कहते हैं |
00:58 | जरुरी पोषक तत्वों को दो भागो में बाँटा गया हैं |
01:02 | पहले प्रकार या फिर काम करने वाला पोषक तत्व |
01:05 | दूसरे प्रकार या फिर बढ़ने में मदद करने वाले पोषक तत्व |
01:09 | आयरन,
कैल्शियम, |
01:11 | आयोडीन और कॉपर पहले प्रकार के पोषक तत्व हैं |
01:15 | मैंगनीज़, |
01:17 | फ़्लोरिन
और सेलेनियम भी पहले प्रकार के पोषक तत्व हैं |
01:21 | विटामिन बी,
सी, |
01:23 | ऐ,
डी, |
01:25 | इ
और के भी पहले प्रकार के हैं |
01:29 | पर सल्फर क्लोरीन |
01:32 | प्रोटीन और जरूरी अमाइनो एसिड दूसरे प्रकार के पोषक तत्व हैं |
01:37 | सोडियम,
पोट्यासियम, |
01:39 | मैग्नीशियम,
फॉसफोरस |
01:41 | और जिंक भी दूसरे प्रकार के हैं |
01:45 | जरूरी फैट जैसे ओमेगा थ्री भी दूसरे प्रकार के पोषक तत्व हैं |
01:51 | अब हम पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों के फर्क को समझेंगे |
01:56 | पहले प्रकार के पोषक तत्व ऊतकों के ख़ास कामो के लिए जरुरी होते है |
02:02 | इसीलिए ये चुनिंदा ऊतक या ऊतकों के गुच्छों में एक ही जगह पर काफी मात्रा में पाये जाते हैं |
02:08 | आइये उदाहरण के लिए कैल्शियम और विटामिन ऐ की बात करेंगे |
02:13 | कैल्शियम मजबूत हड्डियों के लिए जरुरी हैं |
02:17 | विटामिन ऐ तंदुरुस्त आँखों के लिए जरुरी हैं |
02:21 | पर दूसरे प्रकार के पोषक तत्व शरीर के पूरे विकास के लिए जरुरी होते हैं |
02:28 | वे शरीर के हर कोशिका की संरचना और उसके काम का हिस्सा बनते है |
02:34 | इसलिए वे भी शरीर के है ऊतक में होते हैं |
02:38 | अब पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों की कमी होने पर शरीर की प्रतिक्रिया की बात करेंगे |
02:45 | पहले प्रकार के पोषक तत्व की कमी होने पर भी शरीर बढ़ता रहता हैं |
02:50 | शरीर इन पोषक तत्वों को उन विशेष ऊतकों से ले लेता हैं जिनमें ये मौजूद होते हैं |
02:57 | उदाहरण के लिए कैल्शियम |
03:00 | कैल्शियम की कमी होने पर शरीर हड्डियों में मौजूद कैल्शियम इस्तेमाल करता हैं |
03:07 | जिस वजह से ऊतकों में मौजूद उन पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती हैं |
03:13 | फिर उन अंगों पर असर होता हैं जो इस पोषक तत्वों पर निर्भर होते हैं |
03:18 | इसी वजह से इंसान बीमार होने लगता हैं |
03:21 | फिर उस बीमार इंसान में पोषक तत्व की कमी से होने वाले ख़ास संकेत दिखने लगते हैं |
03:26 | ये बात चार उदाहरणों से समझेंगे |
03:31 | 1. कमजोर हड्डी और हड्डी के टूटने का ज्यादा खतरा कैल्शियम की कमी की वजह हैं |
03:37 | 2. अनीमिया आयरन की कमी का संकेत हैं. |
03:41 | 3. उसी तरह रात का आंधा पण विटामिन ऐ की कमी का संकेत हैं |
03:45 | 4. और हाइपोथायरायडिज्म आयोडीन की कमी का संकेत हैं |
03:50 | जब की दूसरे प्रकार की पोषक तत्वों की कमी में सिर्फ एक ही संकेत होता हैं |
03:57 | उसे विकास ना होना कहते हैं |
04:00 | विकास ना होने का मतलब हैं शरीर दो ख़ास प्रक्रियोंकी गति को कम कर देता हैं |
04:06 | 1. जो हैं नयी कोशिकाएं बनाना और |
04:08 | 2. पुराणी कोशिकाओं को बदलना |
04:11 | शरीर बढ़ना और नए ऊतक बनाना दोनों बंद कर देता हैं |
04:16 | इस से वजन कम होता है |
04:18 | लम्बाई कम होती हैं और मांसपेशी भी कम होती हैं |
04:23 | शरीर की सभी कोशिकाएँ और रोग प्रति रोदकशक्ति पर आसर पड़ता हैं |
04:29 | इन् सभ से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता हैं |
04:32 | आंत में मृत्यु भी हो सकती हैं |
04:35 | दसरे प्रकार के पोषकतत्व शरीर में मौजूद नहीं होते |
04:39 | इनकी कमी होने पर शरीर आपने ऊतकों या मांसपेशियों को तोड़ने लगता हैं . |
04:45 | इस वजह से दूसरे प्रकार के वो पोषकतत्व निकलते हैं जिनकी शरीर में कमी हो |
04:50 | इन्ही पोषक तत्वों को फिर शरीर बाकी के ऊतकों के लिए इस्तेमाल करता हैं |
04:55 | अगर ऊतक बहुत ज्यादा टूटे तो कोशिकाओं के काम पर असर पड़ता हैं |
05:02 | और फिर भूख कम लगती हैं |
05:05 | ऊतकों के टूटने से वे पोषक तत्व मिलते हैं |
05:11 | जिनकी शरीर में कमी हो पर इससे ऊतकों में मौजूद बाकी सभी दूसरे प्रकार पोषक तत्व भी निकलते हैं |
05:17 | और ये फर शरीर से बाहर निकल जाते हैं . |
05:21 | इसलिए दूसरे प्रकार की पोषकतवों की कमी होने पर हमेशा इन्ही पोषक तत्वों से भरे खाने को खाना चाहिये |
05:28 | पहले प्रकार के पोषक तत्वों की कमी को ठीक करने के लिए सभी पहले प्रकार की पोषक तत्वों की जरुरत नहीं होती |
05:34 | इस के इलाज के लिए सिर्फ वही पोषक तत्व लेने चाहिए जिसकी शरीर में कमी हो |
05:40 | अब बात करेंगे माँ के दूध में मौजूद पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों की |
05:47 | माँ के दूध में दूसरे प्रकार के पोषक तत्व हमेशा होते हैं . |
05:52 | अगर माँ कुपोषित हो तो भी वे हमेशा दूध में होते है |
05:57 | जरूरत के जितना स्तनपान कराने से कुपोषित माँ का शिशु अच्छे से बढ़ सकता हैं |
06:03 | पर पहले प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा माँ के दूध में हमेशा एक जैसी नहीं होती. |
06:09 | माँ के पोषण के हिसाब से वो बदलती रहती हैं |
06:13 | उदहारण के लिए विटामिन दी की बात करते हैं . |
06:17 | अगर माँ मै विटामिन दी कम होगा थो उसके दूध में भी विटामिन दी कम होगा |
06:23 | अब बात करेंगे पहले और दूसरे प्रकार के पोषक तत्वों की कमियों की |
06:30 | जाँच पड़ताल की पहले प्रकार की पोषक तत्व की कमी दो तरह से जांच सकते हैं |
06:36 | पहला हैं खास संकेतों को पहचान |
06:41 | शरीर में पोषक तत्व की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
06:46 | उधारण के लिए आयरन और आयोडीन की बात करेंगे |
06:50 | आयरन की कमी को पीली त्वचा और थकान जैसे संकेतो से पहचान सकते हैं |
06:56 | शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
07:01 | आयोडीन की कमी भी इसी तरह कुछ ख़ास संकेतो और जांच से पता क्र सकते हैं . |
07:07 | संकेत जैसे की गर्दन का सुजना |
07:10 | वजन बढ़ना और |
07:12 | बालो का झड़ना |
07:14 | शरीर में आयोडीन और थायराइड हार्मोन की मात्रा खून की जांच से पता कर सकते हैं |
07:21 | पहले प्रकार के पोषक तत्वों की कमियों को पहचान कर उनका इलाज भी कर सकते हैं |
07:26 | इन तत्वों की कमियों का इलाज करने के अलग अलग तरीके हैं |
07:31 | जैसे की बताई गई मात्रा में इन पोषक तत्वों को खाने में खाना |
07:36 | और ऊपरी खुराक या दवा लेना |
07:41 | आयरन,
विटामिन सी |
07:43 | फोलिक एसिड जैसे ऊपरी दवा आम तौर पर स्वस्त सेवक सुजाते हैं |
07:47 | कुछ इलाकों में जहां पहेली प्रकार से होनी वाली कमिया ज्यादा हो वाह खाने में इन्हीं तत्वों को मिलाया जाता हैं |
07:53 | उदाहरण हैं नमक में आयोडिन का मिलाया जाना |
07:59 | एक योग्य पोषण विशेषज्ञ इन सबके बारे में जानकारी दे सकता हैं |
08:04 | दूसरे प्रकार की तत्वों को जांचना और इलाज करना मुश्किल होता हैं |
08:10 | इन तत्वों से होने वाली कमी को जांचने का एक ही तरीका हैं |
08:15 | मापना और ध्यान रखना |
08:17 | जैसे की वजन , लम्बाई |
08:19 | और ऊपरी बाजू का घेरा |
08:22 | पर इससे शरीर के ना बड़ने का पता चलता हैं |
08:27 | शरीर का ना बड़ना दूसरे प्रकार के हर पोषक तत्वों की कमी से होता हैं |
08:33 | ये पता कारना मुश्किल हैं की शरीर में कोनसे पोषक तत्वों की कमी हैं |
08:40 | इसलिए दूसरी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी को ठीक करने क लिए सभी दूसरे प्रकार की पोषक तत्वों की जरुरत होती हैं |
08:47 | वो खाने जिनमें दूसरे प्रकार के पोषक तत्व हो उस खाने को खाना चाहिए |
08:53 | पहले दिए जाने वाले खाने की मात्रा बढ़ाने से मदद नहीं होगी |
08:59 | उस पहले दिए गए खाने से शरीर को दूसरे प्रकार के पोषक तत्व नहीं मिले होंगे |
09:04 | शरीर को बढ़ने के लिए खाने की गुणवत्ता को बदलना चाहिए |
09:10 | ज्यादा जानकारी के लिए एक योग्य पोषण विशेषज्ञ से मिले |
09:15 | पहले और दूसरे प्रकार के पोषातत्वो से भरपूर खाने के बारे में अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया हैं . |
09:22 | ज्यादा जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखे |
09:26 | अब यह ट्यूटोरियल यही समाप्त होता हैं।
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