Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Powder-recipes-for-6-to-24-months-old-children/Marathi"
From Script | Spoken-Tutorial
Line 25: | Line 25: | ||
|- | |- | ||
| 00:20 | | 00:20 | ||
− | | कडधान्यांचे | + | | कडधान्यांचे पावडर |
|- | |- | ||
Line 33: | Line 33: | ||
|- | |- | ||
| 00:24 | | 00:24 | ||
− | | | + | | शेवग्याच्या पानाचे पावडर |
|- | |- | ||
Line 60: | Line 60: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 01:05 |
− | | | + | | हे दोनहि पदार्थ एकत्र करू शकतो- परंतु दोन्ही पदार्थ एक एक करून दिले पाहिजेत आणि बाळाच्या चेहऱ्यावर आणि शरीरावर पुरळ उठणे किंवा सुजलेल्यासारखी ऍलर्जी नसावी. |
|- | |- | ||
Line 69: | Line 69: | ||
|- | |- | ||
| 01:30 | | 01:30 | ||
− | | | + | | १० मिनिटे थांबून मग बाळाला ते हळू हळू भरवा. |
|- | |- | ||
| 01:35 | | 01:35 | ||
− | | | + | | जो पर्यंत बाळ १ वर्षाचा होत नाही तोपर्यंत कृपया बाळाच्या आहारामध्ये साखर, मीठ किंवा कोणत्याही प्रकारचे मसाले टाकू नका. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 01:44 |
− | | | + | | आता आपण आपली प्रथम कृती बघूया जी आहे-अमाइलेज पावडर. |
|- | |- | ||
| 01:49 | | 01:49 | ||
− | | | + | | परंतु त्याआधी आपण त्यांच्या फायद्यांची चर्चा करू- |
|- | |- | ||
| 01:53 | | 01:53 | ||
− | | | + | | अमाइलेज एक एन्झाईम किंवा रासायनिक पदार्थ आहे जे अन्न पचन करण्यासाठी आवश्यक आहे. |
|- | |- | ||
| 01:59 | | 01:59 | ||
− | | | + | | हे बाळाच्या शरीरात मर्यादित प्रमाणात तयार होते. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 02:03 |
− | | | + | | हे पावडर अतिरिक्त अमाइलेज प्रदान करते आणि अन्ना पासून पौष्टिक घटक आणि शोषण वाढवते. |
|- | |- | ||
| 02:12 | | 02:12 | ||
− | | | + | | त्यामुळे, बाळाला अमाइलेज मिश्रित पीठ किंवा अमाइलेज पावडर दिले पाहिजे. |
|- | |- | ||
| 02:18 | | 02:18 | ||
− | | | + | | आपण अमाइलेज पावडरची कृती जाणून घेऊ. |
|- | |- | ||
| 02:22 | | 02:22 | ||
− | | | + | | अमाइलेज पावडर बनवण्यासाठी लागणारे साहित्य- ½ कप गहू |
|- | |- | ||
Line 117: | Line 117: | ||
|- | |- | ||
| 02:32 | | 02:32 | ||
− | | | + | | पाककृती: प्रथम सर्व कडधान्य १० तासांसाठी वेग वेगळे भिजवून ठेवावे. |
|- | |- | ||
| 02:39 | | 02:39 | ||
− | | | + | | साहित्य भिजवून ठेवल्यामुळे घटकांचा ओलावा वाढतो. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 02:42 |
− | | | + | | १० तासाने सर्व कडधान्य पाण्यातून काढून घ्या. |
|- | |- | ||
| 02:46 | | 02:46 | ||
− | | | + | | ते चाळणीत ठेवून त्यातले सर्व पाणी निघून जाऊ द्या. |
|- | |- | ||
| 02:50 | | 02:50 | ||
− | | | + | | नंतर, एक एक करून सर्व साहित्य एका स्वच्छ कोरड्या कपडयात बांधून घ्या. |
|- | |- | ||
| 02:55 | | 02:55 | ||
− | | | + | | मोड येई पर्यंत ते तसेच ठेवा. |
|- | |- | ||
| 02:58 | | 02:58 | ||
− | | | + | | ह्या प्रक्रियेला कडधान्य अंकुरित करणे असे म्हणतात. |
|- | |- | ||
| 03:01 | | 03:01 | ||
− | | | + | | लक्षात घ्या की- काही कडधान्यांना मोड येण्यात जास्त वेळ लागेल आणि काही कडधान्यांना कमी वेळ लागेल. |
|- | |- | ||
| 03:08 | | 03:08 | ||
− | | | + | | इथे, नाचणीला इतर साहित्यांपेक्षा जास्त वेळ लागेल. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 03:14 |
− | | | + | | अंकुरित झाल्यानंतर (मोड आल्यानंतर) साहित्यांना दोन किंवा तीन दिवसासाठी सूर्यप्रकाशात वाळवून ठेवा. |
|- | |- | ||
| 03:19 | | 03:19 | ||
− | | | + | | वाळवून झाल्यानंतर, कोरडे होईपर्यंत सर्व साहित्यांना मंद आचेवर भाजून घ्या. |
|- | |- | ||
| 03:25 | | 03:25 | ||
− | | | + | | लक्षात ठेवा, भाजतांना सतत परतणे (ढवळणे) गरजेचे आहे. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 03:30 |
− | | | + | | नंतर, स्वच्छ हाताने रगडून सर्व साहित्यांची टरफले काढून घ्या. |
|- | |- | ||
| 03:36 | | 03:36 | ||
− | | | + | | टरफले काढून टाकल्यानंतर सर्व साहित्य एकत्र करा. |
|- | |- | ||
Line 177: | Line 177: | ||
|- | |- | ||
| 03:45 | | 03:45 | ||
− | | | + | | आणि अमाइलेज पावडर तयार आहे. |
|- | |- | ||
Line 184: | Line 184: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 03:52 |
− | | | + | | बाळाचे अन्न बनवतांना त्याच्या अन्नपदार्थात एक चमचा अमाइलेज पावडर टाकू शकतो किंवा |
|- | |- | ||
| 03:59 | | 03:59 | ||
− | | | + | | अमाइलेज पावडरची खिमटी बनवू शकतो. |
|- | |- | ||
Line 197: | Line 197: | ||
|- | |- | ||
| 04:10 | | 04:10 | ||
− | | | + | | १०० ग्राम अमाइलेज पावडर जवळपास ३६० कॅलरीज आणि १२ ग्राम प्रथिने देतात. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 04:17 |
− | | | + | | अमाइलेज पावडरमध्ये काही विशिष्ट गुणधर्म आहेत जे बाळासाठी विशेष बनवते. |
|- | |- | ||
| 04:23 | | 04:23 | ||
− | | | + | | हे अन्नाचा घट्टपणा कमी करते आणि बाळासाठी अधिक रुचकर बनवते. |
|- | |- | ||
| 04:28 | | 04:28 | ||
− | | | + | | हे अन्नाची घनता कमी करून बाळाच्या अन्नाची ऊर्जा घनता वाढवते. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 04:34 |
− | | | + | | नंतर आपण बियांचे पावडर बनविण्यासाठी कृती जाणून घेऊ. |
|- | |- | ||
| 04:38 | | 04:38 | ||
− | | | + | | ह्या पावडरमध्ये झिंक, फायबर, मॅग्नेशियम, कॅल्शियम भरपूर प्रमाणात आहे. |
|- | |- | ||
| 04:44 | | 04:44 | ||
− | | | + | | हे पोषक बाळाच्या हाडांचे विकास होण्यास मदत करते आणि ताकद सुधारते. |
|- | |- | ||
| 04:50 | | 04:50 | ||
− | | | + | | तसेच, हे पावडर चांगल्या वसाचे स्त्रोत आहे जे मुलांमध्ये मेंदूच्या विकासास मदत करते. |
|- | |- | ||
Line 281: | Line 281: | ||
|- | |- | ||
| 06:04 | | 06:04 | ||
− | | | + | | सुकामेवा आणि बियांचे पावडर बनवण्यासाठी लागणारे साहित्य- |
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:08 |
| ½ कप शेंगदाणे | | ½ कप शेंगदाणे | ||
|- | |- | ||
| 06:10 | | 06:10 | ||
− | | | + | | ½ कप वाळलेल्या खोभऱ्याचे खिस |
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:12 |
− | | | + | | ½ कप जवसाचे (अळशी) बिया आणि |
|- | |- | ||
| 06:15 | | 06:15 | ||
− | | | + | | ½ कप काळ्या तिळाचे बिया, |
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:18 |
− | | | + | | पाककृती: एक एक करून जवळपास 4 ते 5 मिनिटे मंद आचेवर सर्व बिया कोरडे भाजून घ्यावे. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:26 |
| एक दगडी किंवा मिक्सर ग्राइंडर वापरून सर्व भाजलेल्या बियांचे पावडर बनवून घ्या. | | एक दगडी किंवा मिक्सर ग्राइंडर वापरून सर्व भाजलेल्या बियांचे पावडर बनवून घ्या. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:33 |
| हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:36 |
| बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात एक चमचा टाकावे. | | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात एक चमचा टाकावे. | ||
Line 320: | Line 320: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 06:48 |
| १०० ग्राम बियांच्या पावडरमध्ये जवळपास ६०० कॅलरीज आणि १९ ग्राम प्रथिने असतात. | | १०० ग्राम बियांच्या पावडरमध्ये जवळपास ६०० कॅलरीज आणि १९ ग्राम प्रथिने असतात. | ||
|- | |- | ||
| 06:56 | | 06:56 | ||
− | | | + | | आता आपण कडधान्यांचे पावडर बनविण्यासाठी कृती शिकू. |
|- | |- | ||
| 06:59 | | 06:59 | ||
− | | | + | | ह्या पावडर मध्ये पोटॅशिअम, प्रथिने, फॉलेट, मॅग्नेशियम इत्यादी आहे. |
|- | |- | ||
| 07:05 | | 07:05 | ||
− | | | + | | हे पोषक बाळाच्या हाडांचे विकास होण्यास मदत करते आणि ताकद सुधारते. |
|- | |- | ||
| 07:11 | | 07:11 | ||
− | | | + | | आपल्या शरीरातील लाल पेशी निर्मितीसाठी ते आवश्यक आहेत. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 07:16 |
− | | | + | | कडधान्यांचे पावडर बनविण्यासाठी लागणारे साहित्य आहेत : ½ कप हिरवे मूग, |
|- | |- | ||
| 07:22 | | 07:22 | ||
− | | | + | | ½ कप वाळलेला हिरवा वटाणा, |
|- | |- | ||
| 07:24 | | 07:24 | ||
− | | | + | | ½ कप काबुली चणे |
|- | |- | ||
− | | | + | | 07:27 |
− | | | + | | ½ कप मटकी |
|- | |- | ||
| 07:30 | | 07:30 | ||
− | | | + | | पाककृती: प्रथम सर्व कडधान्य १० तासांसाठी वेग वेगळे भीजवून ठेवावे. |
|- | |- | ||
| 07:35 | | 07:35 | ||
− | | | + | | साहित्य भीजवून ठेवल्यामुळे घटकांचा ओलावा वाढतो. |
|- | |- | ||
Line 369: | Line 369: | ||
|- | |- | ||
| 07:43 | | 07:43 | ||
− | | | + | | ते चाळणीत ठेवून त्यातले सर्व पाणी निघून जाऊ द्या. |
|- | |- | ||
| 07:47 | | 07:47 | ||
− | | | + | | नंतर, एक एक करून सर्व साहित्य एका स्वच्छ कोरड्या कपडयात बांधून घ्या. |
|- | |- | ||
Line 385: | Line 385: | ||
|- | |- | ||
| 07:59 | | 07:59 | ||
− | | | + | | कृपया लक्षात घ्या - जसं आपण आधी सांगितल्या प्रमाणे, अंकुरित होण्याची प्रक्रियेचा (मोड येणे) कालावधी हा प्रत्येक साहित्यासाठी वेगळा असेल. |
|- | |- | ||
Line 401: | Line 401: | ||
|- | |- | ||
| 08:20 | | 08:20 | ||
− | | | + | | यामुळे साहित्य करपणार(जळणार) नाही. |
|- | |- | ||
| 08:24 | | 08:24 | ||
− | | | + | | नंतर, स्वच्छ हाताने रगडून सर्व साहित्यांचे टरफले काढून घ्या. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 08:30 |
− | | | + | | आता सर्व कडधान्यांचे वाटण करून त्याची पावडर बनवून घ्या. |
|- | |- | ||
Line 416: | Line 416: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 08:38 |
− | | | + | | बाळाचे अन्न बनवतांना त्याच्या अन्नपदार्थात दोन चमचे पावडर टाकू शकतो. |
|- | |- | ||
Line 433: | Line 433: | ||
|- | |- | ||
| 09:00 | | 09:00 | ||
− | | | + | | कढीपत्ताच्या पानात फायबर, आयरन, कॅल्शियम आणि व्हिटॅमिन C भरपूर प्रमाणात असतात. |
|- | |- | ||
| 09:06 | | 09:06 | ||
− | | | + | | हे सर्व पोषक पदार्थ पचन करण्यास आणि दाताच्या विकासातील महत्वाची भूमिका बजावतात. |
|- | |- | ||
| 09:12 | | 09:12 | ||
− | | | + | | तसेच ते बाळाची प्रतिकारशक्ती वाढवते. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 09:16 |
− | | | + | | आपल्याला हे पावडर बनविण्यासाठी कडीपत्ताचे पाने लागतील. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 09:19 |
| पाककृती- कडीपत्ताचे पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. | | पाककृती- कडीपत्ताचे पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. | ||
|- | |- | ||
| 09:23 | | 09:23 | ||
− | | | + | | त्यांना सावलीत वाळू द्या. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 09:26 |
| आता त्या वाळलेल्या कडीपत्ताच्या पानाची पावडर बनवा आणि हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | | आता त्या वाळलेल्या कडीपत्ताच्या पानाची पावडर बनवा आणि हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 09:33 |
| बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात ¼ चमचा टाकावे. | | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात ¼ चमचा टाकावे. | ||
|- | |- | ||
| 09:39 | | 09:39 | ||
− | |हे जवळपास ९ मिलीग्राम कॅल्शियम देते. | + | | हे जवळपास ९ मिलीग्राम कॅल्शियम देते. |
|- | |- | ||
Line 477: | Line 477: | ||
|- | |- | ||
| 09:53 | | 09:53 | ||
− | | | + | | या पावडरमध्ये कॅल्शियम, आयरन(लोह), व्हिटॅमिन C, व्हिटॅमिन A, प्रथिने आणि सल्फरचा चांगल्या प्रमाणात साठा आहे. |
|- | |- | ||
| 10:01 | | 10:01 | ||
− | | | + | | हे पोषक हिरड्यांचा विकास आणि बाळाच्या निरोगी डोळ्यांसाठी आवश्यक आहे. |
|- | |- | ||
| 10:07 | | 10:07 | ||
− | | | + | | ते संक्रमणाच्या विरोधात लढतात आणि बाळाची ताकद सुधारतात. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:12 |
− | | | + | | हि पावडर बनविण्याकरता आपल्याला शेवग्याची पाने लागतील. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:17 |
| पाककृती, शेवग्याची पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. | | पाककृती, शेवग्याची पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:22 |
| ह्या पानांना सावलीत वाळू द्या. | | ह्या पानांना सावलीत वाळू द्या. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:25 |
| सर्व वाळलेल्या पानांची पावडर बनवून घ्या आणि आता शेवग्याच्या पानांची पावडर तयार आहे. | | सर्व वाळलेल्या पानांची पावडर बनवून घ्या आणि आता शेवग्याच्या पानांची पावडर तयार आहे. | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:31 |
| हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. | ||
Line 512: | Line 512: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 10:40 |
| हे जवळपास 5 मिलीग्राम कॅल्शियम देईल. | | हे जवळपास 5 मिलीग्राम कॅल्शियम देईल. | ||
Line 529: | Line 529: | ||
|- | |- | ||
| 11:01 | | 11:01 | ||
− | | | + | | उदाहरणार्थ: शिजवलेल्या आहारात १ चमचा सुकामेवा किंवा बियांचे पावडर टाकू शकतो किंवा |
|- | |- | ||
Line 537: | Line 537: | ||
|- | |- | ||
| 11:14 | | 11:14 | ||
− | | | + | | २ चमचे कडधान्याचे पावडर जे आहारासोबत शिजवले पाहिजे. |
|- | |- | ||
| 11:21 | | 11:21 | ||
− | | | + | | लक्षात ठेवा - या ट्युटोरियलमध्ये पाककृती खालील पद्धतींचा वापर करतात- |
|- | |- | ||
| 11:26 | | 11:26 | ||
− | | | + | | भिजवून ठेवणे, भाजून घेणे |
|- | |- | ||
− | | | + | | 11:28 |
| अंकुरित करणे | | अंकुरित करणे | ||
|- | |- | ||
| 11:30 | | 11:30 | ||
− | | | + | | या सर्व पध्दती- 'फॅटिक ऍसिड' कमी करेल जे अन्नातून खनिजे शोषून घेण्यास प्रतिबंधित(वाचवतो) करते. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 11:38 |
− | | | + | | आणि अन्नातून पोषक तत्व शोषण करण्याची सुधार होईल. |
|- | |- | ||
Line 573: | Line 573: | ||
|- | |- | ||
| 12:00 | | 12:00 | ||
− | | | + | | सुकामेवा आणि बियांचे पावडर |
|- | |- | ||
| 12:02 | | 12:02 | ||
− | | | + | | कडधान्यांचे पावडर |
|- | |- | ||
− | | | + | | 12:04 |
| कढीपत्ताच्या पानाचे पावडर आणि | | कढीपत्ताच्या पानाचे पावडर आणि | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 12:06 |
| शेवग्याच्या पानाचे पावडर. | | शेवग्याच्या पानाचे पावडर. | ||
|- | |- | ||
| 12:08 | | 12:08 | ||
− | |या ट्युटोरिअलचे योगदान स्पोकन ट्युटोरियल प्रॉजेक्ट आयआयटी बॉम्बे द्वारे करण्यात आले आहे. | + | | या ट्युटोरिअलचे योगदान स्पोकन ट्युटोरियल प्रॉजेक्ट आयआयटी बॉम्बे द्वारे करण्यात आले आहे. |
|- | |- | ||
Line 597: | Line 597: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | | 12:25 |
− | | | + | | या ट्युटोरिअलला अंशतः व्हील्स ग्लोबल फाऊंडेशन यांच्याकडून देखील उदार अनुदान मिळालेले आहे. |
|- | |- | ||
− | | | + | | 12:32 |
− | | | + | | हे ट्युटोरिअल 'माँ और शिशु पोषण' या प्रोजेक्टचा भाग आहे. |
|- | |- | ||
| 12:36 | | 12:36 | ||
− | | | + | | ह्या ट्युटोरिअलचे कार्यक्षेत्र परीक्षक आहे- |
डॉक्टर रुपल दलाल, एमडी बालरोगचिकित्सक. | डॉक्टर रुपल दलाल, एमडी बालरोगचिकित्सक. | ||
श्रीमती. दीपाली फरगडे आहारतज्ज्ञ. | श्रीमती. दीपाली फरगडे आहारतज्ज्ञ. |
Latest revision as of 11:09, 25 June 2018
Time | Narration |
00:00 | 6 ते 24 महिन्यांच्या बाळांसाठी पौष्टिक पावडर पाककृती या स्पोकन ट्युटोरियलमध्ये आपले स्वागत. |
00:08 | या ट्युटोरिअल मध्ये आपण पौष्टिक पावडरच्या विविध पाककृती शिकू जसे कि, |
00:15 | अमाइलेज पावडर |
00:17 | बियांचे पावडर |
00:18 | सुकामेवा आणि बियांचे पावडर |
00:20 | कडधान्यांचे पावडर |
00:22 | कढीपत्ताच्या पानाचे पावडर |
00:24 | शेवग्याच्या पानाचे पावडर |
00:27 | बरेच पौष्टिक पावडर आहेत जे जास्त मेहनत न घेता घरी बनविता येतात. |
00:33 | चला तर मग आपण पौष्टिक पावडर कसे बनवायचे ते शिकू. |
00:38 | या पावडरमध्ये पौष्टिक घटक आहेत जे बाळांच्या वाढीसाठी आणि विकासात समर्थन करते. |
00:44 | हे महत्वाचे आहे की, 6 महिने पूर्ण झाल्यावरच हे पावडर बाळाला दिले पाहिजे. |
00:52 | जेव्हा बाळाला नवीन आहार देतो तेव्हा- ते 3 किंवा 4 दिवसांसाठी सलग दिले पाहिजे. |
01:00 | 3 किंवा 4 दिवसांनंतर बाळाला नवीन आहार द्या. |
01:05 | हे दोनहि पदार्थ एकत्र करू शकतो- परंतु दोन्ही पदार्थ एक एक करून दिले पाहिजेत आणि बाळाच्या चेहऱ्यावर आणि शरीरावर पुरळ उठणे किंवा सुजलेल्यासारखी ऍलर्जी नसावी. |
01:20 | जेव्हाहि अलर्जीकारक नवीन पदार्थ जसे कि बाळाला सुकामेवा दिले जातो - मग ते चमच्यावर कमी प्रमाणात घेऊन द्यायला सुरवात करा. |
01:30 | १० मिनिटे थांबून मग बाळाला ते हळू हळू भरवा. |
01:35 | जो पर्यंत बाळ १ वर्षाचा होत नाही तोपर्यंत कृपया बाळाच्या आहारामध्ये साखर, मीठ किंवा कोणत्याही प्रकारचे मसाले टाकू नका. |
01:44 | आता आपण आपली प्रथम कृती बघूया जी आहे-अमाइलेज पावडर. |
01:49 | परंतु त्याआधी आपण त्यांच्या फायद्यांची चर्चा करू- |
01:53 | अमाइलेज एक एन्झाईम किंवा रासायनिक पदार्थ आहे जे अन्न पचन करण्यासाठी आवश्यक आहे. |
01:59 | हे बाळाच्या शरीरात मर्यादित प्रमाणात तयार होते. |
02:03 | हे पावडर अतिरिक्त अमाइलेज प्रदान करते आणि अन्ना पासून पौष्टिक घटक आणि शोषण वाढवते. |
02:12 | त्यामुळे, बाळाला अमाइलेज मिश्रित पीठ किंवा अमाइलेज पावडर दिले पाहिजे. |
02:18 | आपण अमाइलेज पावडरची कृती जाणून घेऊ. |
02:22 | अमाइलेज पावडर बनवण्यासाठी लागणारे साहित्य- ½ कप गहू |
02:27 | ½ कप हिरवे मूग |
02:29 | ½ कप नाचणी |
02:32 | पाककृती: प्रथम सर्व कडधान्य १० तासांसाठी वेग वेगळे भिजवून ठेवावे. |
02:39 | साहित्य भिजवून ठेवल्यामुळे घटकांचा ओलावा वाढतो. |
02:42 | १० तासाने सर्व कडधान्य पाण्यातून काढून घ्या. |
02:46 | ते चाळणीत ठेवून त्यातले सर्व पाणी निघून जाऊ द्या. |
02:50 | नंतर, एक एक करून सर्व साहित्य एका स्वच्छ कोरड्या कपडयात बांधून घ्या. |
02:55 | मोड येई पर्यंत ते तसेच ठेवा. |
02:58 | ह्या प्रक्रियेला कडधान्य अंकुरित करणे असे म्हणतात. |
03:01 | लक्षात घ्या की- काही कडधान्यांना मोड येण्यात जास्त वेळ लागेल आणि काही कडधान्यांना कमी वेळ लागेल. |
03:08 | इथे, नाचणीला इतर साहित्यांपेक्षा जास्त वेळ लागेल. |
03:14 | अंकुरित झाल्यानंतर (मोड आल्यानंतर) साहित्यांना दोन किंवा तीन दिवसासाठी सूर्यप्रकाशात वाळवून ठेवा. |
03:19 | वाळवून झाल्यानंतर, कोरडे होईपर्यंत सर्व साहित्यांना मंद आचेवर भाजून घ्या. |
03:25 | लक्षात ठेवा, भाजतांना सतत परतणे (ढवळणे) गरजेचे आहे. |
03:30 | नंतर, स्वच्छ हाताने रगडून सर्व साहित्यांची टरफले काढून घ्या. |
03:36 | टरफले काढून टाकल्यानंतर सर्व साहित्य एकत्र करा. |
03:41 | आता दगडी ग्राइंडर वापरून ह्या मिश्रणाची पावडर बनवून घ्या. |
03:45 | आणि अमाइलेज पावडर तयार आहे. |
03:48 | हि अमाइलेज पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
03:52 | बाळाचे अन्न बनवतांना त्याच्या अन्नपदार्थात एक चमचा अमाइलेज पावडर टाकू शकतो किंवा |
03:59 | अमाइलेज पावडरची खिमटी बनवू शकतो. |
04:03 | १ चमचा अमाइलेज पावडर जवळपास १८ कॅलरीज आणि ०.६ ग्राम प्रथिने देतात. |
04:10 | १०० ग्राम अमाइलेज पावडर जवळपास ३६० कॅलरीज आणि १२ ग्राम प्रथिने देतात. |
04:17 | अमाइलेज पावडरमध्ये काही विशिष्ट गुणधर्म आहेत जे बाळासाठी विशेष बनवते. |
04:23 | हे अन्नाचा घट्टपणा कमी करते आणि बाळासाठी अधिक रुचकर बनवते. |
04:28 | हे अन्नाची घनता कमी करून बाळाच्या अन्नाची ऊर्जा घनता वाढवते. |
04:34 | नंतर आपण बियांचे पावडर बनविण्यासाठी कृती जाणून घेऊ. |
04:38 | ह्या पावडरमध्ये झिंक, फायबर, मॅग्नेशियम, कॅल्शियम भरपूर प्रमाणात आहे. |
04:44 | हे पोषक बाळाच्या हाडांचे विकास होण्यास मदत करते आणि ताकद सुधारते. |
04:50 | तसेच, हे पावडर चांगल्या वसाचे स्त्रोत आहे जे मुलांमध्ये मेंदूच्या विकासास मदत करते. |
04:57 | हे पावडर बनवण्यासाठी लागणाऱ्या ३ वेग वेगळ्या बिया- ½ कप काळ्या तिळाचे बिया, |
05:03 | ½ कप जवस (अळशी) आणि |
05:05 | ½ कप कच्च्या भोपळ्याचे बिया |
05:08 | पाककृती: एक एक करून जवळपास 4 ते 5 मिनिटे मंद आचेवर सर्व बिया कोरडे भाजून घ्यावे. |
05:16 | थंड झाल्यावर, सर्व भाजलेल्या साहित्यांची पावडर बनवून घ्यावी. |
05:20 | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
05:23 | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हे पावडर त्याच्या अन्नात एक चमचा टाकावे. |
05:29 | यामुळे जवळपास ३० 'कॅलरीज' आणि २.७ ग्राम प्रथिने मिळतील. |
05:36 | १०० ग्राम बियांचे पावडर जवळपास ६०० कॅलरीज आणि ५५ ग्राम प्रथिने देतात. |
05:43 | आमची पुढील कृती म्हणजे सुकामेवा आणि बियांचे पावडर. |
05:47 | हे पावडर जिंक, मॅग्नेशियम, आयरन (लोह) इत्यादी खनिजांमध्ये भरपूर प्रमाणात आहे. |
05:53 | हे खनिजे लाल रक्त पेशींच्या निर्मितीमध्ये महत्त्वाची भूमिका बजावतात. |
05:57 | तसेच, हे पावडर चांगल्या वसाचे स्त्रोत आहे जे मुलांमध्ये मेंदूच्या विकासास मदत करते. |
06:04 | सुकामेवा आणि बियांचे पावडर बनवण्यासाठी लागणारे साहित्य- |
06:08 | ½ कप शेंगदाणे |
06:10 | ½ कप वाळलेल्या खोभऱ्याचे खिस |
06:12 | ½ कप जवसाचे (अळशी) बिया आणि |
06:15 | ½ कप काळ्या तिळाचे बिया, |
06:18 | पाककृती: एक एक करून जवळपास 4 ते 5 मिनिटे मंद आचेवर सर्व बिया कोरडे भाजून घ्यावे. |
06:26 | एक दगडी किंवा मिक्सर ग्राइंडर वापरून सर्व भाजलेल्या बियांचे पावडर बनवून घ्या. |
06:33 | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
06:36 | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात एक चमचा टाकावे. |
06:42 | यामुळे जवळपास २८ 'कॅलरीज' आणि ०.९ ग्राम प्रथिने मिळतील. |
06:48 | १०० ग्राम बियांच्या पावडरमध्ये जवळपास ६०० कॅलरीज आणि १९ ग्राम प्रथिने असतात. |
06:56 | आता आपण कडधान्यांचे पावडर बनविण्यासाठी कृती शिकू. |
06:59 | ह्या पावडर मध्ये पोटॅशिअम, प्रथिने, फॉलेट, मॅग्नेशियम इत्यादी आहे. |
07:05 | हे पोषक बाळाच्या हाडांचे विकास होण्यास मदत करते आणि ताकद सुधारते. |
07:11 | आपल्या शरीरातील लाल पेशी निर्मितीसाठी ते आवश्यक आहेत. |
07:16 | कडधान्यांचे पावडर बनविण्यासाठी लागणारे साहित्य आहेत : ½ कप हिरवे मूग, |
07:22 | ½ कप वाळलेला हिरवा वटाणा, |
07:24 | ½ कप काबुली चणे |
07:27 | ½ कप मटकी |
07:30 | पाककृती: प्रथम सर्व कडधान्य १० तासांसाठी वेग वेगळे भीजवून ठेवावे. |
07:35 | साहित्य भीजवून ठेवल्यामुळे घटकांचा ओलावा वाढतो. |
07:40 | १० तासाने सर्व कडधान्य पाण्यातून काढून घ्या. |
07:43 | ते चाळणीत ठेवून त्यातले सर्व पाणी निघून जाऊ द्या. |
07:47 | नंतर, एक एक करून सर्व साहित्य एका स्वच्छ कोरड्या कपडयात बांधून घ्या. |
07:52 | मोड येई पर्यंत ते तसेच ठेवा. |
07:55 | ह्या प्रक्रियेला कडधान्य अंकुरित करणे असे म्हणतात. |
07:59 | कृपया लक्षात घ्या - जसं आपण आधी सांगितल्या प्रमाणे, अंकुरित होण्याची प्रक्रियेचा (मोड येणे) कालावधी हा प्रत्येक साहित्यासाठी वेगळा असेल. |
08:06 | अंकुरित झाल्यानंतर (मोड आल्यानंतर) साहित्यांना दोन किंवा तीन दिवसासाठी सूर्यप्रकाशात वाळवून ठेवा. |
08:11 | नंतर कोरडे होईपर्यंत सर्व साहित्यांना मंद आचेवर भाजून घ्या. |
08:17 | लक्षात ठेवा, भाजतांना सतत परतणे गरजेचे आहे. |
08:20 | यामुळे साहित्य करपणार(जळणार) नाही. |
08:24 | नंतर, स्वच्छ हाताने रगडून सर्व साहित्यांचे टरफले काढून घ्या. |
08:30 | आता सर्व कडधान्यांचे वाटण करून त्याची पावडर बनवून घ्या. |
08:34 | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
08:38 | बाळाचे अन्न बनवतांना त्याच्या अन्नपदार्थात दोन चमचे पावडर टाकू शकतो. |
08:43 | ह्या दोन चमचे पावडरमध्ये जवळपस ३३ कॅलरीज आणि १.८ ग्राम प्रथिने असतात. |
08:49 | १०० ग्राम बियांच्या पावडरमध्ये जवळपस २५० कॅलरीज आणि १५ ग्राम प्रथिने असतात. |
08:57 | पुढे, आपण कढीपत्ताच्या पानांच्या पावडरसाठी कृती शिकू. |
09:00 | कढीपत्ताच्या पानात फायबर, आयरन, कॅल्शियम आणि व्हिटॅमिन C भरपूर प्रमाणात असतात. |
09:06 | हे सर्व पोषक पदार्थ पचन करण्यास आणि दाताच्या विकासातील महत्वाची भूमिका बजावतात. |
09:12 | तसेच ते बाळाची प्रतिकारशक्ती वाढवते. |
09:16 | आपल्याला हे पावडर बनविण्यासाठी कडीपत्ताचे पाने लागतील. |
09:19 | पाककृती- कडीपत्ताचे पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. |
09:23 | त्यांना सावलीत वाळू द्या. |
09:26 | आता त्या वाळलेल्या कडीपत्ताच्या पानाची पावडर बनवा आणि हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
09:33 | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात ¼ चमचा टाकावे. |
09:39 | हे जवळपास ९ मिलीग्राम कॅल्शियम देते. |
09:42 | ह्या १०० ग्राम पावडर मध्ये जवळपास ७०० मिलीग्राम कॅल्शियम उपलब्ध आहेत. |
09:48 | आता आपण शेवग्याच्या पानाचे पावडर कसे बनवायचे ते जाणून घेऊ. |
09:53 | या पावडरमध्ये कॅल्शियम, आयरन(लोह), व्हिटॅमिन C, व्हिटॅमिन A, प्रथिने आणि सल्फरचा चांगल्या प्रमाणात साठा आहे. |
10:01 | हे पोषक हिरड्यांचा विकास आणि बाळाच्या निरोगी डोळ्यांसाठी आवश्यक आहे. |
10:07 | ते संक्रमणाच्या विरोधात लढतात आणि बाळाची ताकद सुधारतात. |
10:12 | हि पावडर बनविण्याकरता आपल्याला शेवग्याची पाने लागतील. |
10:17 | पाककृती, शेवग्याची पाने पूर्णपणे स्वच्छ पाण्यात धुवून घ्या. |
10:22 | ह्या पानांना सावलीत वाळू द्या. |
10:25 | सर्व वाळलेल्या पानांची पावडर बनवून घ्या आणि आता शेवग्याच्या पानांची पावडर तयार आहे. |
10:31 | हि पावडर हवाबंद डब्यात भरून ठेवा. |
10:33 | बाळाला आहार देण्यापूर्वी हि पावडर त्याच्या अन्नात ¼ चमचा टाकावे. |
10:40 | हे जवळपास 5 मिलीग्राम कॅल्शियम देईल. |
10:44 | ह्या १०० ग्राम पावडर मध्ये जवळपास ३५० मिलीग्राम कॅल्शियम उपलब्ध आहेत. |
10:50 | नेहमी खालील गोष्टी लक्षात ठेवा: हि पाककृती बनविण्यासाठी स्थानिक आणि हंगामी सुकामेवा, बिया आणि कडधान्यांचा वापर करा. |
10:58 | प्रत्येक वेळी आहारात वेग वेगळी पावडर असली पाहिजे. |
11:01 | उदाहरणार्थ: शिजवलेल्या आहारात १ चमचा सुकामेवा किंवा बियांचे पावडर टाकू शकतो किंवा |
11:08 | शिजवलेल्या आहारात ¼ चमचा कडीपत्ताच्या पानाचे पावडर किंवा शेवग्याच्या पानाचे पावडर किंवा |
11:14 | २ चमचे कडधान्याचे पावडर जे आहारासोबत शिजवले पाहिजे. |
11:21 | लक्षात ठेवा - या ट्युटोरियलमध्ये पाककृती खालील पद्धतींचा वापर करतात- |
11:26 | भिजवून ठेवणे, भाजून घेणे |
11:28 | अंकुरित करणे |
11:30 | या सर्व पध्दती- 'फॅटिक ऍसिड' कमी करेल जे अन्नातून खनिजे शोषून घेण्यास प्रतिबंधित(वाचवतो) करते. |
11:38 | आणि अन्नातून पोषक तत्व शोषण करण्याची सुधार होईल. |
11:42 | आपण ह्या 6 ते 24 महिन्यांच्या बाळांसाठी पौष्टिक पावडर पाककृती ट्युटोरिअलच्या अंतिम टप्प्यात पोहोचलो आहोत. |
11:51 | या ट्युटोरिअल मध्ये आपण विविध पौष्टिक पावडरच्या पाककृती करायला शिकलो जसे कि, |
11:57 | अमाइलेज पावडर, बियांचे पावडर |
12:00 | सुकामेवा आणि बियांचे पावडर |
12:02 | कडधान्यांचे पावडर |
12:04 | कढीपत्ताच्या पानाचे पावडर आणि |
12:06 | शेवग्याच्या पानाचे पावडर. |
12:08 | या ट्युटोरिअलचे योगदान स्पोकन ट्युटोरियल प्रॉजेक्ट आयआयटी बॉम्बे द्वारे करण्यात आले आहे. |
12:14 | स्पोकन ट्युटोरिअल प्रोजेक्टला भारत सरकारच्या NMEICT, MHRD, यांच्याकडून योगदान मिळाले आहे.
ह्या मिशन वरील अधिक माहिती ह्या लिंक वर उपलब्ध आहे. |
12:25 | या ट्युटोरिअलला अंशतः व्हील्स ग्लोबल फाऊंडेशन यांच्याकडून देखील उदार अनुदान मिळालेले आहे. |
12:32 | हे ट्युटोरिअल 'माँ और शिशु पोषण' या प्रोजेक्टचा भाग आहे. |
12:36 | ह्या ट्युटोरिअलचे कार्यक्षेत्र परीक्षक आहे-
डॉक्टर रुपल दलाल, एमडी बालरोगचिकित्सक. श्रीमती. दीपाली फरगडे आहारतज्ज्ञ. |
12:46 | आय आय टी बॉम्बेतर्फे मी रंजना ऊके आपला निरोप घेते. सहभागासाठी धन्यवाद. |