Difference between revisions of "Introduction-to-Computers/C2/Compose-Options-for-Email/Sanskrit"
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− | | '''Compose Options for Emails''' | + | | '''Compose Options for Emails''' इति पाठार्थं भवद्भ्यः स्वागतम् । |
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− | |* येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां | + | |* येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां विषयम्, |
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− | | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां | + | | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां विषयं च ज्ञास्यामः। |
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− | |अहमत्र ‘Firefox’ इति | + | |अहमत्र ‘Firefox’ इति जालान्वेषकस्य उपयोगं करोमि । |
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− | |वयम् आरभामहे। | + | | अधुना वयम् आरभामहे। |
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− | |वयम् अस्माकं Gmail पृष्टे स्मः | + | | वयम् अस्माकं Gmail पृष्टे स्मः |
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− | |अत्र किञ्चन स्क्रीन- | + | |अत्र किञ्चन स्क्रीन-शाट् अस्ति। |
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− | | 'To' अपि च 'Cc' स्थाने उल्लिखिताः सन्देशप्राप्तारः इतरान् अपि सन्देशप्राप्तॄन् दृष्टुं शक्नुवन्ति। | + | | 'To' अपि च 'Cc' स्थाने उल्लिखिताः सन्देशप्राप्तारः, इतरान् अपि सन्देशप्राप्तॄन् दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
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− | |जीमैल, अस्माकं सन्देशे लेखाय मूलभूतशैलीम् आरचयितुम् अनुमतिं ददाति। | + | |जीमैल, अस्माकं, सन्देशे लेखाय मूलभूतशैलीम् आरचयितुम् अनुमतिं ददाति। |
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− | |अत्र | + | |अत्र अस्माभिः, 'Font, Size, Bold, Italic, Underline, Text color, Align, Numbered' and 'Bulleted lists' अपि च 'Indentation' इत्येतादृशाः विकल्पाः प्राप्यन्ते । |
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− | |'Compose' इति गवाक्षे, सञ्चिकाः चित्राणि, शृङ्खलाः अपि च | + | |'Compose' इति गवाक्षे, सञ्चिकाः, चित्राणि, शृङ्खलाः अपि च इमोटिकान् इतीमानि योजयितुं विकल्पाः सन्ति। |
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− | |प्रथमतः, वयं 1MB इत्यस्मात् अपि न्यूनपरिमितां किञ्चन 'pdf' सञ्चिकां | + | |प्रथमतः, वयं 1MB इत्यस्मात् अपि न्यूनपरिमितां किञ्चन 'pdf' सञ्चिकां संयोजयामः । |
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|06:04 | |06:04 | ||
− | |पेपर क्लिप इव दृश्यमानं 'Attach file' इति चित्रकं नुदन्तु। | + | | पेपर क्लिप इव दृश्यमानं 'Attach file' इति चित्रकं नुदन्तु। |
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|06:12 | |06:12 | ||
− | | मैल द्वारा प्रेषयितुम् इष्यमाणां सञ्चिकाम् अन्विष्य चिन्वन्तु। | + | |भवन्तः मैल द्वारा प्रेषयितुम् इष्यमाणां सञ्चिकाम् अन्विष्य चिन्वन्तु। |
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|06:34 | |06:34 | ||
− | |मैल मध्ये योजितां कांश्चित् सञ्चिकां निष्कासयितुं सञ्चिकायाः दक्षिणकोणे विद्यमानं 'x' इति चिह्नं | + | |मैल मध्ये योजितां कांश्चित् सञ्चिकां निष्कासयितुं सञ्चिकायाः दक्षिणकोणे विद्यमानं 'x' इति चिह्नं नुदन्तु। |
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|06:41 | |06:41 | ||
− | |अधुना 30Mb | + | |अधुना 30Mb परिमितायाः सञ्चिकां योजयामः। |
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|06:46 | |06:46 | ||
− | | | + | |मयि डेस्क्टाप् मध्ये किञ्चन जिप्-सञ्चिका अस्ति, यस्याः च परिमितिः प्रायः 30Mb अस्ति। |
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− | | | + | |अपि च इदं ‘Send using Google drive’ इति विकल्पम् अपि अस्मभ्यं ददाति। |
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|07:51 | |07:51 | ||
− | |वयं ‘Shared with me’' इति ट्याब उपरि | + | |वयं ‘Shared with me’' इति ट्याब उपरि नुदाम । |
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|08:00 | |08:00 | ||
− | |भवद्भिः सह यदि कश्चन | + | |भवद्भिः सह यदि कश्चन सञ्चिका संविभक्ता अस्ति तर्हि (share) सा ‘Shared with Me’ इति ट्याब इत्यस्याधः उपलभ्यते। |
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|08:12 | |08:12 | ||
| ‘Select files from your computer’ इति पिञ्चस्योपरि नुदन्तु। | | ‘Select files from your computer’ इति पिञ्चस्योपरि नुदन्तु। | ||
− | |- | + | |- |
|08:16 | |08:16 | ||
|भवतां यन्त्रद्वारा आरोपयितुम् इष्टां सञ्चिकाम् अन्विष्य चित्वा च ‘Open’ इति नुदन्तु। | |भवतां यन्त्रद्वारा आरोपयितुम् इष्टां सञ्चिकाम् अन्विष्य चित्वा च ‘Open’ इति नुदन्तु। | ||
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|08:52 | |08:52 | ||
− | |वयं ‘Attachment’ इतीदं यदि चिनुमः तर्हि सञ्चिकां काँश्चन संलग्निकाम् (attachment) इव | + | |वयं ‘Attachment’ इतीदं यदि चिनुमः तर्हि सञ्चिकां काँश्चन संलग्निकाम् (attachment) इव योजयितुं शक्नुमः। |
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|08:57 | |08:57 | ||
− | | तत् तथैव | + | | तत् तथैव स्थापयामः । |
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|09:05 | |09:05 | ||
− | |तदा सञ्चिका आरोपयितुम् | + | |तदा सञ्चिका आरोपयितुम् आरभ्यते। परम् इदं भवताम् अन्तर्जालसम्पर्कस्य वेगानुसारं किञ्चित् समयं स्वीकरोति । |
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|09:11 | |09:11 | ||
− | |एकवारं यदा पूर्णं जायते तदा | + | |एकवारं यदा पूर्णं जायते तदा, अस्माभिः आरोपितसञ्चिका लिंक इव परिवर्तितमिति वयं दृष्टुं शक्नुमः। |
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|09:53 | |09:53 | ||
− | | 'Text to display' इति स्थाने | + | | 'Text to display' इति स्थाने लिंककर्तुम् आवश्यकं लेखम् उल्लिखन्तु। |
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|10:45 | |10:45 | ||
− | | URL इत्यस्य परिवर्तनार्थं अथवा निष्कासनार्थं वयं क्रमशः 'Change' अथवा 'Remove' | + | | URL इत्यस्य परिवर्तनार्थं अथवा निष्कासनार्थं वयं क्रमशः 'Change' अथवा 'Remove' विकल्पानामुपरि नुदामः। |
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|10:53 | |10:53 | ||
− | |एतेषां इमोटिकान इत्येतेषां साहाय्येन वयं विविधानि | + | |एतेषां इमोटिकान इत्येतेषां साहाय्येन वयं विविधानि चित्रसहितानि निरूपणानि योजयितुं शक्नुमः। |
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− | |वैशिष्ट्यस्यास्य | + | |वैशिष्ट्यस्यास्य उपयोगःयदा ईमैल् सम्पर्के अस्ति तदा उपयुज्यताम्। |
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− | | 'Label' – | + | | 'Label' – वैशिष्ट्यस्य विषये अग्रिमेषु पाठेषु ज्ञास्यामः। |
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|14:25 | |14:25 | ||
− | |* येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां | + | |* येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां विषयं, |
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− | | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां | + | | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां विषयं च ज्ञातवन्तः। |
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|14:55 | |14:55 | ||
− | | स्पोकन् ट्युटोरियल् पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति | + | |स्पोकन्-ट्युटोरियल् पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्यः प्रमाणपत्रमपि ददाति। |
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|15:21 | |15:21 | ||
− | | पाठस्यास्य अनुवादकः प्रवाचकश्च | + | | पाठस्यास्य अनुवादकः प्रवाचकश्च नवीनभट्टः उप्पिनपत्तनम् । धन्यवादः। |
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Latest revision as of 21:55, 28 October 2017
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00:01 | Compose Options for Emails इति पाठार्थं भवद्भ्यः स्वागतम् । |
00:07 | पाठेऽस्मिन् वयम् - |
00:10 | * येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां विषयम्, |
00:16 | * सन्देशलेखस्य आरचना, |
00:19 | * सन्देशाय सञ्चिकायाः संयोजनम्, |
00:22 | * 'Google Drive' द्वारा सञ्चिकायाः वितरणम् (share) |
00:25 | * सन्देशे चित्रस्य शृङ्खलायाः (links) वा योजनम् अपि च |
00:29 | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां विषयं च ज्ञास्यामः। |
00:33 | पाठेऽस्मिन् भागं गृहीतुम् अन्तर्जालसम्पर्कः अपि च |
00:38 | जालान्वेषकस्य (web browser) अपेक्षा अस्ति। |
00:40 | अहमत्र ‘Firefox’ इति जालान्वेषकस्य उपयोगं करोमि । |
00:45 | अधुना वयम् आरभामहे। |
00:46 | भवतां जालान्वेषकम् उद्घाट्य तत्र एवं टङ्कयन्तु - 'http://gmail.com' |
00:55 | एतेन 'Login' पृष्टम् उद्घट्यते। |
00:58 | उपयोक्तृनाम कूटशब्दं च तत्तत्स्थाने टङ्कयन्तु। |
01:04 | यदि प्रवेशपृष्टम् (login page) उपयोक्तृनाम्ना सह उद्घट्यते तर्हि भवन्तः एतावता एव यन्त्रेऽस्मिन् अकौंट् उद्घाटितवन्तः इत्यर्थः। |
01:12 | कूटशब्दं टङ्कयन्तु। |
01:15 | तथा च 'Sign in' इति पिञ्जं नुदन्तु। |
01:18 | वयम् अस्माकं Gmail पृष्टे स्मः |
01:21 | अधुना, सन्देशलेखनाय विद्यमानान् विकल्पान् पश्यामः। |
01:26 | प्रथमतया, वयं 'Compose' पिञ्जस्योपरि नुदामः। |
01:31 | 'Compose' इति गवाक्षः उद्घट्यते। |
01:34 | 'To' इत्यत्र, वयं प्राप्तारम् (recipients) उल्लिखामः। |
01:38 | अत्र ‘To, Cc’ अपि च ‘Bcc’ इति विकल्पत्रयं वर्तते। |
01:44 | 'Cc', 'Carbon Copy' इतीदं द्योतयति अपि च 'Bcc', 'Blind Carbon Copy' इतीदं सूचयति। |
01:51 | यस्मै वयं सन्देशं प्रेषयामः तस्य एमैल-सङ्केतं 'To' इत्यत्र योजनीयम्। |
01:58 | अत्र किञ्चन स्क्रीन-शाट् अस्ति। |
02:01 | यदि अनेकेभ्यः सन्देशः प्रेषणीयः तर्हि 'To' इत्यत्र सर्वेषां ईमैल सङ्केतं योजयन्तु। |
02:09 | अत्र किञ्चन स्क्रीन-शाट अस्ति। |
02:12 | सन्देशस्य प्रतिम् अन्येभ्यः ज्ञापयितुं 'Cc' इति विकल्पं चिन्वन्तु। |
02:18 | 'To' अपि च 'Cc' स्थाने उल्लिखिताः सन्देशप्राप्तारः, इतरान् अपि सन्देशप्राप्तॄन् दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
02:25 | अत्र किञ्चन स्क्रीन शाट अस्ति। |
02:28 | सन्देशस्य गुप्तप्रतिं (Blind carbon copy) अन्येभ्यः प्रेषयितुं वयं 'Bcc' इति विकल्पं चिनुमः। |
02:34 | अस्मिन् विकल्पे, 'To' अपि च 'Cc' मध्ये विद्यमानाः सन्देशप्राप्ताराः 'Bcc' मध्ये विद्यमानान् सन्देशप्राप्तॄन् दृष्टुं न शक्नुवन्ति। |
02:42 | 'Bcc' मध्ये विद्यमानाः प्राप्तारः 'To' अपि च 'Cc' मध्ये विद्यमानान् प्राप्तॄन् दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
02:47 | परम् अन्यान् गुप्तप्रतिप्राप्तॄन् न। |
02:51 | सन्देशं ये प्रेषयन्ति ते प्राप्तॄणां सम्पूर्णसूचीं दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
02:55 | अत्र किञ्चन स्क्रीन शाट अस्ति। |
02:58 | प्रमुखसूचना - |
03:00 | 'To, Cc' अपि च 'Bcc' इत्येतेषु स्थानेषु वयं कियन्तः अपि ईमैलसङ्केतान् योजयितुं शक्नुमः। |
03:08 | परम् अत्यधिकं नाम प्रतिदिनं ५०० जनेभ्यः प्रेषयितुं शक्नुमः। |
03:13 | प्रत्येकमपि ईमैल सङ्केतम् अल्पविरामेन कोलन द्वारा वा विभाजनीयम्। |
03:20 | अधुना वयं ‘Gmail Compose’ इति गवाक्षं गच्छामः। |
03:25 | उत्सर्गतया कर्सर, 'To' इति स्थाने अस्ति। |
03:29 | सन्देशाप्राप्तॄणां सङ्केतान् वयम् एवम् उल्लिखामः - |
03:33 | 'To' इत्यत्र, ईमैलसङ्केतं ray.becky.0808@gmail.com इति, |
03:46 | 'Cc' इत्यत्र, 0808iambecky@gmail.com इति अपि च |
03:55 | 'Bcc' इत्यत्र, stlibreoffice@gmail.com अपि च info@spoken-tutorial.org इति उल्लिखामः। |
04:10 | 'Subject' इत्यत्र नुत्त्वा भवतां सन्देशस्य लघुविवरणं लिखन्तु। |
04:15 | अहम् एवं टङ्कयामि - “Partner with us”. |
04:19 | विषयप्रदेशे वयं सन्देशं टङ्कयामः - |
04:24 | “Spoken Tutorial Project is helping to bridge the digital divide”. |
04:29 | जीमैल, अस्माकं, सन्देशे लेखाय मूलभूतशैलीम् आरचयितुम् अनुमतिं ददाति। |
04:35 | उत्सर्गतया ते विकल्पाः 'Compose' गवाक्षस्य अधः दर्शिताः सन्ति। |
04:41 | नो चेत्, शैलीविकल्पान् उपयोक्तुं 'Formatting options' इति पिञ्जं नुदन्तु। |
04:47 | अत्र अस्माभिः, 'Font, Size, Bold, Italic, Underline, Text color, Align, Numbered' and 'Bulleted lists' अपि च 'Indentation' इत्येतादृशाः विकल्पाः प्राप्यन्ते । |
05:03 | एते विकल्पाः, यथा अन्येषु वर्ड प्रोसेसर अप्प्लिकेशन इत्येतेषु सन्ति, तद्वदेव सन्ति। |
05:08 | भवन्तः भवदिच्छानुसारम् एतान् विकल्पान् अभ्यसन्तु। |
05:12 | अहं मम लेखम् एवं संरचितवानस्मि। |
05:16 | फार्मेटिंग टूल बार इतीदं गोपयितुं 'Formatting options' पिञ्जस्योपरि नुदन्तु। |
05:22 | 'Compose' इति गवाक्षे, सञ्चिकाः, चित्राणि, शृङ्खलाः अपि च इमोटिकान् इतीमानि योजयितुं विकल्पाः सन्ति। |
05:32 | सञ्चिकाः अथवा सन्धारिकाः अन्यैः सह संविभक्तुं (share), |
05:35 | 'Attach files' अथवा ‘Insert files using Drive’ एतीमौ विकल्पौ वयम् उपयोक्तुं शक्नुमः। |
05:41 | सर्वेऽपि सन्देशप्रेषयितारः संलग्नविधया (attachment) सञ्चिकाः प्रेषयितुम् अनुमताः सन्ति। |
05:46 | वयं 25 मेगाबैट परिमितायाः सञ्चिकाः एकवारं योजयितुं शक्नुमः। |
05:51 | अधिकाकारिकां सञ्चिकां प्रेषयितुं 'Insert files using Drive' इति विकल्पम् उपयोक्तुं शक्नुवन्ति। |
05:59 | प्रथमतः, वयं 1MB इत्यस्मात् अपि न्यूनपरिमितां किञ्चन 'pdf' सञ्चिकां संयोजयामः । |
06:04 | पेपर क्लिप इव दृश्यमानं 'Attach file' इति चित्रकं नुदन्तु। |
06:09 | इदं File Browser इति गवाक्षम् उद्घाटयति। |
06:12 | भवन्तः मैल द्वारा प्रेषयितुम् इष्यमाणां सञ्चिकाम् अन्विष्य चिन्वन्तु। |
06:16 | डेस्क्टाप-तः अहं "myscript.pdf" इति चित्वा 'Open' इत्यस्योपरि नुदामि। |
06:23 | अस्माकं सञ्चिका मैल मध्ये संलग्ना अस्ति इति पश्यन्तु। |
06:27 | अस्मिन् एव मैल मध्ये, 'Attach files' इति विकल्पमुपयुज्य अनेकाः सञ्चिकाः योजयितुं शक्याः। |
06:34 | मैल मध्ये योजितां कांश्चित् सञ्चिकां निष्कासयितुं सञ्चिकायाः दक्षिणकोणे विद्यमानं 'x' इति चिह्नं नुदन्तु। |
06:41 | अधुना 30Mb परिमितायाः सञ्चिकां योजयामः। |
06:46 | मयि डेस्क्टाप् मध्ये किञ्चन जिप्-सञ्चिका अस्ति, यस्याः च परिमितिः प्रायः 30Mb अस्ति। |
06:52 | 'Attach files' इति चित्रकं पुनः नुदन्तु। |
06:56 | 30Mb परिमितां जिप्-सञ्चिकां अन्विष्य चित्वा 'Open' इत्यत्र नुदन्तु। |
07:02 | तदा वयं किञ्चन पाप-अप सन्देशं प्राप्नुमः - |
07:04 | “The file you are trying to send exceeds the 25mb attachment limit” |
07:09 | अपि च इदं ‘Send using Google drive’ इति विकल्पम् अपि अस्मभ्यं ददाति। |
07:14 | 'Send using google drive' इति पिञ्जं नुदन्तु। |
07:18 | अहम् अधुना एतत् पिदधामि। |
07:21 | 'Insert files using Drive' इति विकल्पः अपि अस्मान् पूर्ववत् तं गवाक्षं नयति। |
07:28 | अत्र वयं, |
07:31 | ‘My Drive, Shared with me’ अपि च ‘Upload’ इति त्रीणि ट्याब्स पश्यामः। |
07:36 | उत्सर्गतया, एतावता एव आरोपिताः (Upload) सञ्चिकाः 'My Drive' इत्यस्याधः लभ्यन्ते। |
07:43 | अत्र भवन्तः सञ्चिकाम् अपि दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
07:46 | अकौंट् संरचनाकाले Google Team (गूगल टीम) द्वारा संविभक्तं (share) वर्तते। |
07:51 | वयं ‘Shared with me’' इति ट्याब उपरि नुदाम । |
07:55 | अत्र वयं, "No one's shared any files with you yet!" इति सन्देशं पश्यामः। |
08:00 | भवद्भिः सह यदि कश्चन सञ्चिका संविभक्ता अस्ति तर्हि (share) सा ‘Shared with Me’ इति ट्याब इत्यस्याधः उपलभ्यते। |
08:06 | अधुना काचित् नूतनां सञ्चिकाम् आरोपयितुं ‘Upload’ इति ट्याब उपरि नुदन्तु। |
08:12 | ‘Select files from your computer’ इति पिञ्चस्योपरि नुदन्तु। |
08:16 | भवतां यन्त्रद्वारा आरोपयितुम् इष्टां सञ्चिकाम् अन्विष्य चित्वा च ‘Open’ इति नुदन्तु। |
08:23 | यदि भवन्तः इतोऽप्यधिकां सञ्चिकां योजयितुमिच्छन्ति तर्हि ‘Add more files’ इति पिञ्जं नुदन्तु। |
08:27 | अहम् अधुना एतत् विहाय एकामेव सञ्चिकाम् आरोप्य अग्रे सरामि। |
08:33 | सञ्चिकायोजनानन्तरम्, अस्माकं मैल मध्ये तस्य उद्घाटनं कथम् इति ज्ञास्यामः। |
08:40 | अधः दक्षिणकोणे, |
08:44 | 'Insert as Drive link' अपि च |
08:46 | 'Attachment' इति पिञ्जद्वयं वर्तते। |
08:48 | उत्सर्गतया, ‘Insert as Drive link’ इति चितं वर्तते. |
08:52 | वयं ‘Attachment’ इतीदं यदि चिनुमः तर्हि सञ्चिकां काँश्चन संलग्निकाम् (attachment) इव योजयितुं शक्नुमः। |
08:57 | तत् तथैव स्थापयामः । |
09:00 | पटलस्य अधः वामभागस्थं ‘Upload’ इति पिञ्जं नुदन्तु। |
09:05 | तदा सञ्चिका आरोपयितुम् आरभ्यते। परम् इदं भवताम् अन्तर्जालसम्पर्कस्य वेगानुसारं किञ्चित् समयं स्वीकरोति । |
09:11 | एकवारं यदा पूर्णं जायते तदा, अस्माभिः आरोपितसञ्चिका लिंक इव परिवर्तितमिति वयं दृष्टुं शक्नुमः। |
09:17 | अधुना वयं ई-मैल मध्ये चित्राणि योजयितुं ‘Insert Photo’ इति विकल्पस्योपरि नुदामः। |
09:24 | 'Upload Photos' इति पेटिका उद्घटते। |
09:27 | वयम् अस्माकं सङ्गणकयन्त्रतः अथवा चित्रस्य जालसङ्केतात् (web address) वा चित्राणि आरोपयितुं शक्नुमः। |
09:34 | सद्यः अहं न किमपि चित्रं आरोपयामि। |
09:38 | अतः अहं 'Cancel' पिञ्जं नुदामि। |
09:41 | इमं विकल्पं भवन्तः भवदिच्छानुसारम् अभ्यस्तुं शक्नुवन्ति। |
09:44 | अग्रिमविकल्पः, 'Insert Link' इति अस्ति। तस्योपरि वयं नुदामः। |
09:49 | 'Edit Link' इति संवादपेटिका उद्घटते। |
09:53 | 'Text to display' इति स्थाने लिंककर्तुम् आवश्यकं लेखम् उल्लिखन्तु। |
09:58 | अहं 'Spoken Tutorial' इति टङ्कयामि। |
10:02 | 'Link to' इत्यत्र, उत्सर्गतया, 'Web address' इति चितं वर्तते। |
10:08 | लेखस्थाने (Text Field) url इतीदं 'http://spoken-tutorial.org' इति टङ्कयित्वा |
10:20 | 'OK' पिञ्जस्योपरि नुदन्तु। |
10:23 | अधुना, कंटेंट स्थानके भवन्तः 'Spoken Tutorial' इति लेखं दृष्टुं शक्नुवन्ति यश्च हैपरलिंक जातम् अस्ति। |
10:29 | अहं हैपरलिंक-कृतस्य लेखस्य उपरि नुदामि। |
10:32 | लेखस्याधः किञ्चन लघु पाप-अप-गवाक्षः उद्घटते। |
10:35 | अयं 'Go to link:' इति वदति। |
10:38 | अत्र दर्शितस्य URL इत्यस्य उपरि यदि नुदन्ति तर्हि भवन्तः Spoken Tutorial इत्यस्य जालपुटस्य 'Homepage' पश्यन्ति। |
10:45 | URL इत्यस्य परिवर्तनार्थं अथवा निष्कासनार्थं वयं क्रमशः 'Change' अथवा 'Remove' विकल्पानामुपरि नुदामः। |
10:53 | एतेषां इमोटिकान इत्येतेषां साहाय्येन वयं विविधानि चित्रसहितानि निरूपणानि योजयितुं शक्नुमः। |
10:59 | वैशिष्ट्यस्यास्य उपयोगःयदा ईमैल् सम्पर्के अस्ति तदा उपयुज्यताम्। |
11:04 | 'Trash' चित्रकस्य पूर्वं विद्यमानं “Saved” इति लेखं पश्यन्तु। |
11:08 | वयं यदा विषयान् योजयामः अथवा निष्कासयामः तदा अस्माकम् ईमैल उत्सर्गतया 'Drafts' सन्धारिकायां रक्षितं भवति। |
11:16 | विद्युतः अन्तर्जालसम्पर्कस्य वा निष्क्रमणे सति कालान्तरे टङ्कितं सन्देशं पुनः प्राप्तुं एतत् साहाय्यकं भवति। |
11:24 | यदि वयं सन्देशमिमं त्यक्तुमिच्छामः तर्हि 'Trash' चित्रकस्योपरि नुदन्तु। |
11:28 | इयं क्रिया सन्देशं 'Drafts' सन्धारिकायाः अपि निष्कासयति। |
11:34 | 'Trash' चित्रकस्य पार्श्वे विद्यमानं 'More options' इति पिञ्जं नुदन्तु। |
11:39 | 'Default to full-screen' इति विकल्पः 'Compose' पेटिकां बृहत्करोति। |
11:44 | 'Label' – वैशिष्ट्यस्य विषये अग्रिमेषु पाठेषु ज्ञास्यामः। |
11:49 | 'Plain text mode' विकल्पः, लेखाय अस्माभिः दत्ताः सर्वाः अपि शैल्यः परिमार्ज्य सरलां शैलीं ददाति। |
11:57 | 'Print' विकल्पः, आरचितसन्देशम् उत्सर्गतया व्यवस्थापितस्य मुद्रकस्य कृते प्रेषयति। |
12:03 | 'Check Spelling', टङ्कितस्य लेखस्य अक्षरदोषान् परिशीलयति। |
12:07 | अस्माकं सन्देशं प्रेषयितुं सिद्धाः स्मः। |
12:09 | 'Send' पिञ्जं नुदन्तु। |
12:12 | वयं पटले अधः दर्शितं सब्देशं पश्यामः - |
12:15 | “This Drive file isn't shared with all recipients”. |
12:19 | यतो हि, ईमैल मध्ये उल्लिखितैः जनैः सह वयं सञ्चिकासंविभागं न कृतवन्तः। |
12:25 | 'Share & Send' पिञ्जं नुदन्तु। |
12:29 | पटले अनयोः अन्यतरं सन्देशं भवन्तः पश्यन्ति - |
12:32 | "sending" |
12:34 | अथवा "Your message has been sent". |
12:38 | प्रेषितं सन्देशं दृष्टुं, 'View Message' इत्यत्र नुदन्तु। |
12:43 | वयम् अत्र प्रेषितस्य ईमैल इत्यस्य विषयं दृष्टु शक्नुमः। |
12:47 | वयं एकैकशः परिशीलयामः। |
12:50 | अत्र संलग्नाः (attachments) सन्ति, अपि च |
12:52 | अत्र 'URL link' अस्ति। |
12:55 | मैल सङ्केतस्य अधः, अत्र शीर्षकस्य विवरणं दर्शयत् किञ्चन त्रिकोनं वर्तते। |
13:00 | अहं तस्योपरि नुदामि |
13:03 | सर्वेषां सन्देशप्राप्तॄणां ईमैलसङ्केताः, 'To, Cc' अपि च 'Bcc' स्थानेषु दृश्यन्ते। |
13:11 | सन्देशप्राप्तृभ्यः एतत् कथं दृश्यते इति पश्यामः। |
13:16 | एषः 'Cc' मध्ये उल्लिखितस्य सेन्देशप्राप्तुः ईमैलसङ्केतः अस्ति। |
13:21 | अधुना प्रेषितं सन्देशं भवन्तः दृष्टुं शक्नुवन्ति। पठितुम् अहम् उद्घाटयामि। |
13:27 | 'Show Details' इत्यस्योपरि नुदन्तु। |
13:29 | तत् 'To' अपि च 'Cc' मध्यस्थान् प्राप्तॄन् दर्शयति, परं 'Bcc' मध्यस्थान् नैव। |
13:35 | अयं, 'Bcc' मध्ये उल्लिखितेषु प्राप्तृषु अन्यतमस्य ईमैलसङ्केतः अस्ति। |
13:41 | भवन्तः अधुना प्रेषितं सन्देशं दृष्टुं शक्नुवन्ति। |
13:43 | पठितुम् अहम् उद्घाटयामि। |
13:46 | 'Show Details' इत्यस्योपरि नुदन्तु। |
13:49 | 'To, Cc' अपि च 'Bcc' प्राप्तॄणां विवरणानि भवन्तः दॄष्टुं शक्नुवन्ति। |
13:55 | अहं प्रेषयितुः (sender) जीमैल अकौंट प्रति गच्छामि। |
13:59 | अत्र पश्यन्तु, 'Bcc' मध्ये वयं द्वौ प्राप्तारौ उल्लिखितवन्तः स्मः। |
14:04 | परम् अत्र वयम् एकमेव दृष्टुं शक्नुमः, अन्यत् न दृष्यते। |
14:10 | 'Bcc' इति वैशिष्ट्यम् एवं कार्य करोति। |
14:13 | व्यत्यासाः ज्ञायमानाः सन्ति इति अहं भावयामि। |
14:17 | एतेन वयम् अस्य पाठस्यान्तम् आगतवन्तः स्मः। |
14:20 | सङ्क्षेपेण, |
14:22 | पाठेऽस्मिन् वयं - |
14:25 | * येभ्यः सन्देशं प्रेषयामः अर्थात्, - 'To, Cc, Bcc' एतेषां विषयं, |
14:30 | * सन्देशलेखस्य आरचना, |
14:33 | * सन्देशाय सञ्चिकायाः संयोजनम्, |
14:36 | * 'Google Drive' द्वारा सञ्चिकायाः वितरणम् (share) |
14:39 | * सन्देशे चित्रस्य शृङ्खलायाः (links) वा योजनम् अपि च |
14:43 | * 'Compose' इत्यस्य विकल्पानां विषयं च ज्ञातवन्तः। |
14:47 | अधो निर्दिष्टे लिंक मध्ये विद्यमानं वीडियो स्पोकन ट्युटोरियल प्रकल्पस्य सारांशं वदति। |
14:52 | एतत् अवचित्य पश्यतु। |
14:55 | स्पोकन्-ट्युटोरियल् पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्यः प्रमाणपत्रमपि ददाति। |
15:01 | अधिकविवरणार्थम् अस्मान् सम्पृच्यताम्। |
15:04 | स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति।
इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकारः इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। |
15:11 | अधिकविवरणार्थं अधो विद्यमानं लिंक् पश्यन्तु -
spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro. |
15:16 | लेखोऽयं Spoken Tutorial Team, IIT Bombay इत्येतेषां अनुदानम् अस्ति। |
15:21 | पाठस्यास्य अनुवादकः प्रवाचकश्च नवीनभट्टः उप्पिनपत्तनम् । धन्यवादः। |