Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Nipple-conditions/Konkani"
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− | + | {|border=1 | |
+ | | <center> '''Time'''</center> | ||
+ | | <center> '''Narration'''</center> | ||
− | + | |- | |
+ | | 00:01 | ||
+ | | दूद दिवपी आवयांमदी चीवेंची स्तिथी ह्या स्पोकन त्युटोरिअलान तुमका येवकार | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:06 | ||
+ | | ह्या त्युटोरिअलान आमी जाणून घेवया ,सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:11 | ||
+ | | तशेच सपाट वा भीतर आशिल्ल्या चीवें बद्दल | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:15 | ||
+ | | सगळ्यान पयली सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल समजुन घेवया | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:20 | ||
+ | | दूद दिवपी आवयच्या चीवेंक केन्नाय कात्रो पदटा आनी रगत येवपाक लागता | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:26 | ||
+ | | हाका लागुन चीवं सुकी पदटा आनी खाज येता | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:30 | ||
+ | | सूज येवप आनी चिर पडप , हाजी कारणा आता आमी जाणून घेवया | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:36 | ||
+ | | फक्त चीवेन दूद दिवप | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:38 | ||
+ | | फंगल वा बाक्टरियल इन्फेकशन जावप | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:41 | ||
+ | | दूद दिल्या उपरांत प्रत्येक वेळार चीवं पुसप | ||
+ | |- | ||
+ | | 00:45 | ||
+ | | भुरग्याची जीभ घट्ट आसप | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:47 | ||
+ | | पयली पळवया चीवेन्तल्यान दूद दिवपाचो परिणाम | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:50 | ||
+ | | चीवेन्तल्यान दूद दिवप हे सगळ्यान मुखेल कारण चीवेंक सूज वा कात्रो पडपाक | ||
− | 00: | + | |- |
+ | | 00:56 | ||
+ | | चीवेन्तल्यान दूद दिल्यार , चीवं भूर्ग्याच्या घट्ट मावेक घासता | ||
− | + | |- | |
+ | | 01:03 | ||
+ | | तशेच भुरगे चीवेंक आपल्या मावेन आनी जिभेन चीमटाय्ता. | ||
− | + | |- | |
+ | | 01:08 | ||
+ | | चिमटायल्ल्यान, स्तन दुखून आवयक त्रास जाता आनी चीवं सुजता वा ताका कात्रो पडटा | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:17 | ||
+ | | स्तनाची योग्य घट्ट पकड न मेळळील्यान भुरगे चीवेतल्यान दूद घेता | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:20 | ||
+ | | चीवेक सुज न येवपाक वा ताका कात्रो न पडपा खातीर स्तनाची घट्ट पकड सामकी गरजेची | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:29 | ||
+ | | लक्षान दवरात, स्तनाची योग्य पकड हाजे विशी म्हायती ह्या माळेतल्या दुसऱ्या ट्युटोरियलान दिल्या | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:37 | ||
+ | | आवयन सूज वा कात्रो पडील्ल्या स्तनाचो योग्य पकड करपाचो प्रयत्न केलो जाल्यार चीवं दुखतली, पुण तिणे भिवचे न्हय | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:43 | ||
+ | | जर आवयन दूद दिवपाची योग्य पद्दत आपणायली जाल्यार दुख ल्ह्व ल्हव करून उणी जाता | ||
+ | |- | ||
+ | | 01:51 | ||
+ | | फंगल वा बेंक्टरियल इन्फेकशन जावप हाज्या बद्दल पळवया | ||
− | 01: | + | |- |
+ | | 01:56 | ||
+ | | आवयन फंगल वा बेकक्टरियल इन्फेकशन आसल्यार दोतोराक दाखोवचे | ||
− | + | |- | |
+ | | 02:03 | ||
+ | | दुसरे म्हळ्यार , थोडया आवयांक दूद दिल्या उपरांत प्रत्येक वेळार चीवं पुसपाची सवय आसता | ||
− | + | |- | |
+ | | 02:09 | ||
+ | | ह्या खातीर चीवं सुकी पडता | ||
− | + | |- | |
+ | | 02:13 | ||
+ | | म्हणटकच अशे करप टाळ्चे | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:16 | ||
+ | | याद दवरात , आवयन फक्त न्हातना एकदाच चीवं धुवची | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:21 | ||
+ | | पुण कात्रो पडल्या उपरांत मात आवयन, दर फावटी दूद दिल्या उपरांत चीवं नितळ करची | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:28 | ||
+ | | नितळ केल्या उपरांत तिने आपलें दाट दूद चीवेंक लावचे | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:32 | ||
+ | | ह्या दाट दुधान रोग प्रतिकार शक्त करपाची तत्वा आसता, जी घावो पेकोवपाक मदत करता | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:39 | ||
+ | | अशे केल्ल्यान भुरग्याच्या तोडान्ल्यान जीवांणु कात्रो पडील्ल्या चीवेन वचपाक पावचेना | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:46 | ||
+ | | आता पळळोव्या जीभ घट आशिल्ले भुरगे, म्हळ्यार टंग टाय | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:50 | ||
+ | | टंग टाय म्हळ्यार भुरग्याच्या फुडल्या जिभेचें पोत तोंडाच्या सकल्या भागाक चिकटील्ल्ले आसता | ||
− | 02: | + | |- |
+ | | 02:58 | ||
+ | | अशे खूप कमी भूग्यामदी दिसता | ||
− | + | |- | |
+ | | 03:01 | ||
+ | | अशी भुरगी चढ करून चीवेनल्यान दूद घेतात | ||
− | + | |- | |
+ | | 03:06 | ||
+ | | टंग टाय आशिल्ल्या भुर्ग्यांक स्तनाची घट्ट पकड जमचीना आनी लाह्नशी सर्जरी करची पडता | ||
− | + | |- | |
+ | | 03:16 | ||
+ | | अशा वेळार आवयन दोतोराक मेळ्चे | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:22 | ||
+ | | आता शिकया सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवेंक उपाय | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:27 | ||
+ | | आवयच्या चीवेंक सुज वा कात्रो पडला काय ना , हे हेअल्थ वरकरान तपास्चे | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:37 | ||
+ | | तिने आवयक , स्तनात्ल्यान मात्शे दूद काडपाक लावचे | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:42 | ||
+ | | अशे केल्ल्यान स्तन मोव जातले आनी भुरगे योग्य पकड घेतलें | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:47 | ||
+ | | दूद पिळळील्ल्यान, इन्फेक्शन आनी चीवेंक त्रास जावपाची शक्यता सामकी कमी आस्ता | ||
− | 03: | + | |- |
+ | | 03:55 | ||
+ | | मागीर भुर्ग्याक आवयच्या स्तना म्हरयान हाडपाक मदत करची | ||
− | + | |- | |
+ | | 04:01 | ||
+ | | लक्षान दवरात , जीतले फावटी दूद दिता तितल्या फावटी दुदाचे प्रमाण वाढटा | ||
− | + | |- | |
+ | | 04:09 | ||
+ | | ह्याखातीर, आवयन दूद दिवपाचे थांबोवचे न्हय | ||
− | + | |- | |
+ | | 04:13 | ||
+ | | जें स्तन कमी दुखता त्या स्तनातल्यान आवयन दूद दिवचे | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:20 | ||
+ | | स्तनपान करपाक साम्के दुखता जाल्यार आवयन आपलें दूद हातांन पीळचे आनी कुलेरान वा पेल्यान पीवपाक घालचे | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:32 | ||
+ | | तशेच तिणे आपले दाट दूद कात्रो पडील्ल्या चीवेंक लावचें | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:42 | ||
+ | | लक्षान दवरात, आवयन आपल्या घावो जाल्ल्ल्या वा न जाल्ल्ल्या चीवेंक केन्नाच ह्यो गोष्टी लावच्यो न्हय | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:49 | ||
+ | | शाबु, तेल, क्रीम, बाम आनी चेर | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:54 | ||
+ | | तातून चीवं जळपाची तत्वां आसता | ||
− | 04: | + | |- |
+ | | 04:57 | ||
+ | | उलट सूज वा कात्रो आयील्ल्या चीवेंक आनी त्रास जावपाक शकता | ||
− | + | |- | |
+ | | 05:03 | ||
+ | | चढ जडावले वा त्रास जाल्यार, आवयन दोतोराक मेळ्चे | ||
− | + | |- | |
+ | | 05:09 | ||
+ | | चीवेंक सूज आनी कात्रो न पडपाक , आवयन भूरगे जल्मल्या उपरांत रोकडेच दूद दिवचे | ||
− | + | |- | |
+ | | 05:15 | ||
+ | | भूरग्यान स्तनाची घट्ट पकड घेतल्या काय ना ते सदाच पयली पळोवचे | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:22 | ||
+ | | आता समजून घेवया सपाट वा भीतर चेपून उरील्ल्या चीवें बद्दल | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:28 | ||
+ | | सपाट आशिल्ली चीवं स्तनाच्या फुडल्या काळ्या भागापासून भायर दिसना | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:33 | ||
+ | | इनवर्तेड चीवं हि स्तनाच्या भितर्ल्यान आसता | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:38 | ||
+ | | सगळ्यान पयली आवयन समजून घेवचे कि अश्यो तरेच्यो चीवो आसल्यारुय ताजी दूद दिवपाक आडखळ जायना | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:48 | ||
+ | | कारण भूरग्यान स्तनाच्या काळ्या भागाची घट्ट पकड घेवची, चीवेंची न्हय | ||
− | 05: | + | |- |
+ | | 05:56 | ||
+ | | आवयची जर सपाट वा भीतर चीवं आसा, तर तिका मदत बायटेराच्या पयल्या आठवड्यान दिवची | ||
− | + | |- | |
+ | | 06:03 | ||
+ | | ह्या वेळार हेअल्थ वरकरान आवयक व्यवस्थीत स्तनाची पकड कशी करप ते शिकोवचे | ||
− | + | |- | |
+ | | 06:08 | ||
+ | | अशे केल्ल्यान आवयचो दूद दिवपाक आत्मविश्वास वाड्तलो | ||
− | + | |- | |
+ | | 06:11 | ||
+ | | आवयची जर सपाट वा भीतर चीवं आसा, तर तिणे भूरग्याक स्तनाची बरी पकड मेळपाक क्रॉस क्रडल आसन वापरचे | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:22 | ||
+ | | तशेच फूटबॉल आसन आनी अर्ध न्हीद्दीले आसन वापरचे | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:26 | ||
+ | | पयलीच्या ट्युटोरीयलान सांगील्ल्या प्रमाणे, खयचे आसन वापरु-आवयन आपले स्तन मात व्यवस्थित धरचे आनी | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:37 | ||
+ | | भूरग्याचे वोट आनी आवयची बोटा एका दिकेन आसची | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:42 | ||
+ | | मतीन दवरात , स्तनाची घट्ट पकड मेळी ना जाल्यार चीवेंक त्रास जातले | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:47 | ||
+ | | लक्षान दवरात, बोम वा निप्पल शिल्ड वापरचे न्हय | ||
− | 06: | + | |- |
+ | | 06:52 | ||
+ | | सपाट स्तन वा चीवं भीतर आशील्ल्या आवयन हे वापरल्यार , भूरग्याक दूद वोडपाक आनी त्रास जावयेता. | ||
− | + | |- | |
+ | | 07:00 | ||
+ | | आवयन जाता तीतले भूरग्याक आपल्या आंगाची उब दिवची, हाका स्कीन टू स्कीन कोनटेक्कट म्हणता | ||
− | + | |- | |
+ | | 07:04 | ||
+ | | अशे केल्ल्ल्यान ओक्षिटोसीन होर्मोन बेगीन तयार जाता आनी दूद रोकडेच येवपाक लागता | ||
− | + | |- | |
+ | | 07:12 | ||
+ | | सदाच लक्षान दवरात, स्तनाची योग्य पकड होच जावन आसा स्तन्पानाचो मंत्र | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:19 | ||
+ | | चीवेंची स्तिथी हें ट्युटोरियल आतां सोंपत आयलां. | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:26 | ||
+ | | ह्या ट्युटोरियलांत आमी शिकलीं.- सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल आनी | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:31 | ||
+ | | सपाट वा भीतर आशिल्ल्या चीवें बद्दल | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:34 | ||
+ | | ह्या ट्युटोरियलाक स्पोकन ट्युटोरयल संघ IIT Bombay हांचें योगदान आसा. | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:40 | ||
+ | | स्पोकन ट्युटोरियल प्रकल्पाक भारत सरकाराच्या NME, ICT, ,MHRD हांचेकडल्यान योगदान मेळिल्लें आसा. | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:47 | ||
+ | | ह्या मिशनाविशीं अदिक म्हायती -------- ह्या लिंकार उपलब्ध आसा. | ||
− | 07: | + | |- |
+ | | 07:52 | ||
+ | | ह्या ट्युटोरियलाक व्हील्स ग्लोबल फांऊडेशन हांचेकडल्यान कांय प्रमाणांत अनुदान मेळिल्लें आसा. | ||
− | + | |- | |
− | + | | 07:59 | |
− | + | | हें ट्युटोरियल “ माँ और शिशुपोषण “ ह्या प्रकल्पाचो भाग आसा. | |
− | + | ||
− | 07: | + | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
+ | |- | ||
+ | | 08:04 | ||
+ | | ह्या ट्युटोरियलाचे कार्यक्षेत्र परिक्षक आसात, डॉ. रुपल दलाल, MD - बालरोग तज्ञ आनी डॉ. तारू जिंदालl, MS ,ओब्सटेट्रीक्स आनी गाय्नेकोलोजी | ||
हांव वर्षा नायक, आहारतज्ञ आनी अनिमेंटर आरती अन्बालागन , आय आय टी बॉमबे तुमका देव बरे करू मागता | हांव वर्षा नायक, आहारतज्ञ आनी अनिमेंटर आरती अन्बालागन , आय आय टी बॉमबे तुमका देव बरे करू मागता | ||
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Revision as of 15:47, 12 October 2018
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00:01 | दूद दिवपी आवयांमदी चीवेंची स्तिथी ह्या स्पोकन त्युटोरिअलान तुमका येवकार |
00:06 | ह्या त्युटोरिअलान आमी जाणून घेवया ,सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल |
00:11 | तशेच सपाट वा भीतर आशिल्ल्या चीवें बद्दल |
00:15 | सगळ्यान पयली सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल समजुन घेवया |
00:20 | दूद दिवपी आवयच्या चीवेंक केन्नाय कात्रो पदटा आनी रगत येवपाक लागता |
00:26 | हाका लागुन चीवं सुकी पदटा आनी खाज येता |
00:30 | सूज येवप आनी चिर पडप , हाजी कारणा आता आमी जाणून घेवया |
00:36 | फक्त चीवेन दूद दिवप |
00:38 | फंगल वा बाक्टरियल इन्फेकशन जावप |
00:41 | दूद दिल्या उपरांत प्रत्येक वेळार चीवं पुसप |
00:45 | भुरग्याची जीभ घट्ट आसप |
00:47 | पयली पळवया चीवेन्तल्यान दूद दिवपाचो परिणाम |
00:50 | चीवेन्तल्यान दूद दिवप हे सगळ्यान मुखेल कारण चीवेंक सूज वा कात्रो पडपाक |
00:56 | चीवेन्तल्यान दूद दिल्यार , चीवं भूर्ग्याच्या घट्ट मावेक घासता |
01:03 | तशेच भुरगे चीवेंक आपल्या मावेन आनी जिभेन चीमटाय्ता. |
01:08 | चिमटायल्ल्यान, स्तन दुखून आवयक त्रास जाता आनी चीवं सुजता वा ताका कात्रो पडटा |
01:17 | स्तनाची योग्य घट्ट पकड न मेळळील्यान भुरगे चीवेतल्यान दूद घेता |
01:20 | चीवेक सुज न येवपाक वा ताका कात्रो न पडपा खातीर स्तनाची घट्ट पकड सामकी गरजेची |
01:29 | लक्षान दवरात, स्तनाची योग्य पकड हाजे विशी म्हायती ह्या माळेतल्या दुसऱ्या ट्युटोरियलान दिल्या |
01:37 | आवयन सूज वा कात्रो पडील्ल्या स्तनाचो योग्य पकड करपाचो प्रयत्न केलो जाल्यार चीवं दुखतली, पुण तिणे भिवचे न्हय |
01:43 | जर आवयन दूद दिवपाची योग्य पद्दत आपणायली जाल्यार दुख ल्ह्व ल्हव करून उणी जाता |
01:51 | फंगल वा बेंक्टरियल इन्फेकशन जावप हाज्या बद्दल पळवया |
01:56 | आवयन फंगल वा बेकक्टरियल इन्फेकशन आसल्यार दोतोराक दाखोवचे |
02:03 | दुसरे म्हळ्यार , थोडया आवयांक दूद दिल्या उपरांत प्रत्येक वेळार चीवं पुसपाची सवय आसता |
02:09 | ह्या खातीर चीवं सुकी पडता |
02:13 | म्हणटकच अशे करप टाळ्चे |
02:16 | याद दवरात , आवयन फक्त न्हातना एकदाच चीवं धुवची |
02:21 | पुण कात्रो पडल्या उपरांत मात आवयन, दर फावटी दूद दिल्या उपरांत चीवं नितळ करची |
02:28 | नितळ केल्या उपरांत तिने आपलें दाट दूद चीवेंक लावचे |
02:32 | ह्या दाट दुधान रोग प्रतिकार शक्त करपाची तत्वा आसता, जी घावो पेकोवपाक मदत करता |
02:39 | अशे केल्ल्यान भुरग्याच्या तोडान्ल्यान जीवांणु कात्रो पडील्ल्या चीवेन वचपाक पावचेना |
02:46 | आता पळळोव्या जीभ घट आशिल्ले भुरगे, म्हळ्यार टंग टाय |
02:50 | टंग टाय म्हळ्यार भुरग्याच्या फुडल्या जिभेचें पोत तोंडाच्या सकल्या भागाक चिकटील्ल्ले आसता |
02:58 | अशे खूप कमी भूग्यामदी दिसता |
03:01 | अशी भुरगी चढ करून चीवेनल्यान दूद घेतात |
03:06 | टंग टाय आशिल्ल्या भुर्ग्यांक स्तनाची घट्ट पकड जमचीना आनी लाह्नशी सर्जरी करची पडता |
03:16 | अशा वेळार आवयन दोतोराक मेळ्चे |
03:22 | आता शिकया सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवेंक उपाय |
03:27 | आवयच्या चीवेंक सुज वा कात्रो पडला काय ना , हे हेअल्थ वरकरान तपास्चे |
03:37 | तिने आवयक , स्तनात्ल्यान मात्शे दूद काडपाक लावचे |
03:42 | अशे केल्ल्यान स्तन मोव जातले आनी भुरगे योग्य पकड घेतलें |
03:47 | दूद पिळळील्ल्यान, इन्फेक्शन आनी चीवेंक त्रास जावपाची शक्यता सामकी कमी आस्ता |
03:55 | मागीर भुर्ग्याक आवयच्या स्तना म्हरयान हाडपाक मदत करची |
04:01 | लक्षान दवरात , जीतले फावटी दूद दिता तितल्या फावटी दुदाचे प्रमाण वाढटा |
04:09 | ह्याखातीर, आवयन दूद दिवपाचे थांबोवचे न्हय |
04:13 | जें स्तन कमी दुखता त्या स्तनातल्यान आवयन दूद दिवचे |
04:20 | स्तनपान करपाक साम्के दुखता जाल्यार आवयन आपलें दूद हातांन पीळचे आनी कुलेरान वा पेल्यान पीवपाक घालचे |
04:32 | तशेच तिणे आपले दाट दूद कात्रो पडील्ल्या चीवेंक लावचें |
04:42 | लक्षान दवरात, आवयन आपल्या घावो जाल्ल्ल्या वा न जाल्ल्ल्या चीवेंक केन्नाच ह्यो गोष्टी लावच्यो न्हय |
04:49 | शाबु, तेल, क्रीम, बाम आनी चेर |
04:54 | तातून चीवं जळपाची तत्वां आसता |
04:57 | उलट सूज वा कात्रो आयील्ल्या चीवेंक आनी त्रास जावपाक शकता |
05:03 | चढ जडावले वा त्रास जाल्यार, आवयन दोतोराक मेळ्चे |
05:09 | चीवेंक सूज आनी कात्रो न पडपाक , आवयन भूरगे जल्मल्या उपरांत रोकडेच दूद दिवचे |
05:15 | भूरग्यान स्तनाची घट्ट पकड घेतल्या काय ना ते सदाच पयली पळोवचे |
05:22 | आता समजून घेवया सपाट वा भीतर चेपून उरील्ल्या चीवें बद्दल |
05:28 | सपाट आशिल्ली चीवं स्तनाच्या फुडल्या काळ्या भागापासून भायर दिसना |
05:33 | इनवर्तेड चीवं हि स्तनाच्या भितर्ल्यान आसता |
05:38 | सगळ्यान पयली आवयन समजून घेवचे कि अश्यो तरेच्यो चीवो आसल्यारुय ताजी दूद दिवपाक आडखळ जायना |
05:48 | कारण भूरग्यान स्तनाच्या काळ्या भागाची घट्ट पकड घेवची, चीवेंची न्हय |
05:56 | आवयची जर सपाट वा भीतर चीवं आसा, तर तिका मदत बायटेराच्या पयल्या आठवड्यान दिवची |
06:03 | ह्या वेळार हेअल्थ वरकरान आवयक व्यवस्थीत स्तनाची पकड कशी करप ते शिकोवचे |
06:08 | अशे केल्ल्यान आवयचो दूद दिवपाक आत्मविश्वास वाड्तलो |
06:11 | आवयची जर सपाट वा भीतर चीवं आसा, तर तिणे भूरग्याक स्तनाची बरी पकड मेळपाक क्रॉस क्रडल आसन वापरचे |
06:22 | तशेच फूटबॉल आसन आनी अर्ध न्हीद्दीले आसन वापरचे |
06:26 | पयलीच्या ट्युटोरीयलान सांगील्ल्या प्रमाणे, खयचे आसन वापरु-आवयन आपले स्तन मात व्यवस्थित धरचे आनी |
06:37 | भूरग्याचे वोट आनी आवयची बोटा एका दिकेन आसची |
06:42 | मतीन दवरात , स्तनाची घट्ट पकड मेळी ना जाल्यार चीवेंक त्रास जातले |
06:47 | लक्षान दवरात, बोम वा निप्पल शिल्ड वापरचे न्हय |
06:52 | सपाट स्तन वा चीवं भीतर आशील्ल्या आवयन हे वापरल्यार , भूरग्याक दूद वोडपाक आनी त्रास जावयेता. |
07:00 | आवयन जाता तीतले भूरग्याक आपल्या आंगाची उब दिवची, हाका स्कीन टू स्कीन कोनटेक्कट म्हणता |
07:04 | अशे केल्ल्ल्यान ओक्षिटोसीन होर्मोन बेगीन तयार जाता आनी दूद रोकडेच येवपाक लागता |
07:12 | सदाच लक्षान दवरात, स्तनाची योग्य पकड होच जावन आसा स्तन्पानाचो मंत्र |
07:19 | चीवेंची स्तिथी हें ट्युटोरियल आतां सोंपत आयलां. |
07:26 | ह्या ट्युटोरियलांत आमी शिकलीं.- सुजील्ल्या वा कात्रो पडील्ल्या चीवें बद्दल आनी |
07:31 | सपाट वा भीतर आशिल्ल्या चीवें बद्दल |
07:34 | ह्या ट्युटोरियलाक स्पोकन ट्युटोरयल संघ IIT Bombay हांचें योगदान आसा. |
07:40 | स्पोकन ट्युटोरियल प्रकल्पाक भारत सरकाराच्या NME, ICT, ,MHRD हांचेकडल्यान योगदान मेळिल्लें आसा. |
07:47 | ह्या मिशनाविशीं अदिक म्हायती -------- ह्या लिंकार उपलब्ध आसा. |
07:52 | ह्या ट्युटोरियलाक व्हील्स ग्लोबल फांऊडेशन हांचेकडल्यान कांय प्रमाणांत अनुदान मेळिल्लें आसा. |
07:59 | हें ट्युटोरियल “ माँ और शिशुपोषण “ ह्या प्रकल्पाचो भाग आसा. |
08:04 | ह्या ट्युटोरियलाचे कार्यक्षेत्र परिक्षक आसात, डॉ. रुपल दलाल, MD - बालरोग तज्ञ आनी डॉ. तारू जिंदालl, MS ,ओब्सटेट्रीक्स आनी गाय्नेकोलोजी
हांव वर्षा नायक, आहारतज्ञ आनी अनिमेंटर आरती अन्बालागन , आय आय टी बॉमबे तुमका देव बरे करू मागता |