Difference between revisions of "Linux/C2/Basics-of-System-Administration/Sanskrit"
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+ | |00:02 | ||
+ | |नमस्ते, Basics of System Administration in Linux इत्याख्ये spoken tutorial मध्ये भवतां स्वागतम्। | ||
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+ | |00:09 | ||
+ | |अस्मिन् पाठे वयम् अधोनिर्दिष्टान् अंशान् ज्ञास्यामः। | ||
− | | | + | |- |
− | | | + | |00:13 |
− | + | |Adduser,Su | |
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+ | |00:16 | ||
+ | |Usermod,Userdel | ||
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+ | |00:18 | ||
+ | |Id,Du | ||
− | |||
− | |||
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+ | |00:20 | ||
+ | |Df | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:22 | ||
+ | |अहम् Ubuntu 10.10 इति तन्त्रांशम् उपयुञ्जानः अस्मि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:27 | ||
+ | |पूर्वसिद्धतानिमित्तं कृपया ‘General Purpose Utilities in Linux’ इति पाठं पश्यन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:35 | ||
+ | |यच्च अस्मिन् जालपुटे उपलभ्यम् अस्ति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:39 | ||
+ | |दर्शितानाम् आदेशानां चालनाय admin प्रवेशार्हता भवेत्। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:47 | ||
+ | |अधुना प्राथम्येन नवीनोपयोक्ता (new user) कथं सर्जनीयः इति ज्ञास्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |00:53 | ||
+ | |‘adduser’ इति आदेशः अस्मभ्यं नवीनोपयोक्तृसंज्ञां (new user login) प्रमाणीकृत्य स्रक्ष्यति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:01 | ||
+ | |वयम् ‘sudo’ आदेशस्य साहाय्येन काञ्चित् उपयोक्तृसंज्ञां (user account) संयोक्तुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:06 | ||
+ | |अधुना अहम् ‘sudo’ आदेशम् अधिकृत्य सङ्क्षिप्तं विवृणोमि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:11 | ||
+ | |‘sudo’ इति आदेशः प्राशासनिकोपयोक्त्रे (administrative user) अध्युपयोक्ता (super user) इव आदेशचालनाय अनुमतिं यच्छति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:19 | ||
+ | |‘sudo’ इति आदेशे बहवः विकल्पाः सन्ति। वयं तान् विकल्पान् अग्रे अस्मिन् एव पाठे ज्ञास्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:27 | ||
+ | |अधुना नवीनोपयोक्ता कथं स्रष्टव्यः इति ज्ञास्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:32 | ||
+ | |कीलफलके (Keyboard) Ctrl, Alt, t इति त्रयमपि समानकाले नोदनेन ‘Terminal’ उद्घाटयन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:45 | ||
+ | |अहम् एतावता एव अत्र ‘Terminal’ उद्घाटितवान् अस्मि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:49 | ||
+ | |अत्र ‘sudo space adduser’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |01:58 | ||
+ | |तदा भवान् कूटशब्दनिमित्तं सूचितः भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:01 | ||
+ | |अहमत्र ‘Admin’ इत्यस्य कूटशब्दं (password) दत्वा enter नुदामि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:07 | ||
+ | |टङ्कितकूटशब्दः अदृश्यरूपेण भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:11 | ||
+ | |अतः अस्माभिः जागरूकतया कूटशब्दः टङ्कनीयः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:16 | ||
+ | |यदा enter नुदामः तदा “adduser: Only one or two names allowed” इति सन्देशः दृश्यते। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:27 | ||
+ | |अधुना ‘duck’ नाम्ना कञ्चन नवीनोपयोक्तारं सृजामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:34 | ||
+ | |अधुना आदेशं टङ्कयन्तु :- | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:36 | ||
+ | |‘sudo space adduser space duck’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:45 | ||
+ | |इदानीं वयम् ‘duck’ नाम्ना नवीनोपयोक्तारं सृष्टवन्तः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:49 | ||
+ | |एवं नवीनोपयोक्तृसर्जनसमये पृथक्तया उपयोक्तृसम्बद्धं किञ्चन ‘home’ directory इति स्वयं सृष्टं भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |02:58 | ||
+ | |अत्र अवधेयः अंशः नाम अधुना वयम् ‘duck’ इति उपयोक्त्रे नवीनकूटशब्दनिमित्तं सूचिताः भवामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:05 | ||
+ | |स्वेष्टं कूटशब्दं टङ्कयन्तु, अहं तु ‘duck’ इति कूटशब्दं टङ्कयित्वा Enter नुदामि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:17 | ||
+ | |कृपया नवीनकूटशब्दं पुनः टङ्कयन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:20 | ||
+ | |एवं सुरक्षानिमित्तं दृढीकरणनिमित्तं च कूटशब्दः वारद्वयं पृच्छ्यते। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:26 | ||
+ | |अधुना अस्माकं नवीनोपयोक्तुः नवीनकूटशब्दः संस्थापितः अभवत्। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:31 | ||
+ | |वयमत्र अधिकविवरणार्थम् अपि पृष्टाः भवामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:35 | ||
+ | |परं समयाभावात् अहं केवलम् ‘Full Name’ निमित्तम् ‘duck’ इति पूरयित्वा अन्यविवरणस्थानानि enter नोदनेन रिक्तं स्थापयामि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:46 | ||
+ | |Enter,अहम् ‘y’ इति नोदनेन एतत्सर्वं दृढीकरोमि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:51 | ||
+ | |एतत् सर्वविवरणं समीचीनम् अस्ति इति दृढतायै अस्ति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |03:55 | ||
+ | |अधुना परीक्षामहे यत् उपयोक्तृसंज्ञा सृष्टा उत न इति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:00 | ||
+ | |परीक्षणार्थं कृपया आदेशसंसूचके (command prompt) | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:04 | ||
+ | |‘ls space /(slash) home’ | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:09 | ||
+ | |इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:11 | ||
+ | |Home folder मध्ये कति उपयोक्तारः सन्ति इति दर्शयितुम् ‘ls’ आदेशः उपयुक्तः भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:17 | ||
+ | |अपि च अत्र अस्ति अस्माकं नूतनतया निर्मितः ‘duck’ इति उपयोक्ता। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:23 | ||
+ | |अधुना अवसर्पिणीं (slides) प्रति गच्छामि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:26 | ||
+ | |अधुना अपरः आदेशः अस्ति ‘su’ इति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:30 | ||
+ | |‘su’ इति आदेशः ‘Switch User’ निमित्तम् अस्ति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:34 | ||
+ | |एषः आदेशः प्रसक्तोपयोक्तुः अपरोपयोक्तारं प्रति गन्तुम् उपयुज्यते। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:39 | ||
+ | |अधुना terminal इत्यत्र गच्छामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:43 | ||
+ | |अत्र आदेशं लिखन्तु :- | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:45 | ||
+ | |‘su space hyphen space duck’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:53 | ||
+ | |अधुना भवान् कूटशब्दनिमित्तं पृष्टः भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |04:56 | ||
+ | |अहमत्र duck इति उपयोक्तुः कूटशब्दं टङ्कितवान्। सः ‘duck’ इत्येव इत्येतत् स्मरन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:04 | ||
+ | |कृपया अवधानं कुर्वन्तु, terminal इत्येतद् पुरातनोपयोक्तृतः नूतनोपयोक्तारं प्रति परिवर्तनं करोति। अस्मिन् उदाहरणे ‘duck’ इति नूतनोपयोक्ता अस्ति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:14 | ||
+ | |एतस्याः उपयोक्तृसंज्ञायाः बहिः निर्गन्तुं :- | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:17 | ||
+ | |‘logout’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:22 | ||
+ | |अधुना terminal ‘duck’ नाम्न्याः प्रसक्तोपयोक्तृसंज्ञातः निर्गत्य ‘vinhai’ नाम्न्यां पुरातनायाम् उपयोक्तृसंज्ञायां प्रविष्टं भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:31 | ||
+ | |अधुना ‘usermod’ इति आदेशस्य विषये ज्ञास्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:35 | ||
+ | |‘usermod’ इति आदेशः | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:37 | ||
+ | |अध्युपयोक्तारं (super user) अथवा मूलोपयोक्तारं (root user) अन्योपयोक्तॄणां व्यवस्थापरिवर्तने सक्षमं करोति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:46 | ||
+ | |यथा- ‘password’ इत्येतं ‘no password’ अथवा ‘empty password’ इति रूपेण परिवर्तनार्थम्। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:50 | ||
+ | |यस्मिन् दिनाङ्के उपयोक्तृसञ्ज्ञा अक्षमा क्रियते तस्य दिनाङ्कस्य दर्शनार्थं च । | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:55 | ||
+ | |अधुना इममादेशं प्रयुज्य पश्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |05:59 | ||
+ | |अधुना अहम् duck नाम्न्याः उपयोक्तृसंज्ञायाः अन्तिमदिनाङ्कः कथं द्रष्टव्यः इति दर्शयामि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:05 | ||
+ | |आदेशसंसूचके (command prompt)- | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:09 | ||
+ | |sudo space usermod space –(hyphen) e space 2012 –(hyphen) 12 –(hyphen)27 space duck इति टङ्कयित्वा | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:33 | ||
+ | |enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:37 | ||
+ | |उपर्युक्तस्य आदेशस्य –e इति विकल्पस्य साहाय्येन उपयोक्तृसञ्ज्ञायाः अन्तिमदिनाङ्कः निश्चितः भवति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:46 | ||
+ | |अधुना भवन्तः duck इति उपयोक्तृसंज्ञायै अन्तिमदिनाङ्कस्य निर्धारणं कृतवन्तः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:52 | ||
+ | |अधुना ‘uid’ अपि च ‘gid’ इति आदेशद्वयस्य विषये चिन्तयामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |06:57 | ||
+ | |‘id - .......’ इति आदेशः सर्वेषाम् उपयोक्तॄणां गुम्फानां च अभिज्ञानम् कर्तुम् उपयुज्यते। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:04 | ||
+ | |उपयोक्तारं अभिज्ञातुं वयम् ‘id space – (hyphen) u’ इति आदेशं उपयुञ्ज्महे। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:12 | ||
+ | |समूहोपयोक्तॄन् अभिज्ञातुं वयम् ‘id space – (hyphen) g’ इति आदेशं उपयुञ्ज्महे। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:20 | ||
+ | |अधुना प्रयोगं करवाम। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:22 | ||
+ | |Terminal इत्यत्र 'id' इति टङ्कयामः :- | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:25 | ||
+ | |अपि च enter नुदामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:29 | ||
+ | |अधुना उपयुज्यमाने उपकरणे उपयोक्तुः id अपि च समूहस्य id द्रष्टुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:37 | ||
+ | |केवलम् उपयोक्तुः id प्राप्तुं वयम् ‘– (hyphen)u’ इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:43 | ||
+ | |अधुना ‘id space –(hyphen)u’ इति आदेशं टङ्कयित्वा, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:49 | ||
+ | |enter नुदामः।,अधुना वयं केवलम् उपयोक्तॄणाम् id द्रष्टुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |07:55 | ||
+ | |परमस्माभिः उपयोक्तुः नाम ज्ञातुं किं करणीयम्? | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:00 | ||
+ | |नाम ज्ञातुम्, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:02 | ||
+ | |Terminal मध्ये ‘id space –(hyphen)n space –(hyphen)u’ इति टङ्कयित्वा enter नुदामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:13 | ||
+ | |अधुना वयम् उपयोक्तुः id स्थाने तेषां नामानि द्रष्टुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:20 | ||
+ | |इदानीं समूह id कृते आदेशान् अधिगच्छामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:24 | ||
+ | |अधुना ‘id space –(hyphen)g’ इति टङ्कयामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:29 | ||
+ | |अत्र वयं समूह id दृष्टुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:32 | ||
+ | |यदि वयं सर्वेषां प्रसक्तोपयोक्तॄणां समूहम् अभिज्ञातुम् इच्छामः तर्हि, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:38 | ||
+ | |‘id space –(hyphen) (बृहदक्षरेण)G’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:46 | ||
+ | |कृपया अवधानं यच्छन्तु यत् अहं G इति बृहदक्षरेण एव लिखितवान् इति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:50 | ||
+ | |परिणामं स्वयमेव पश्यन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:53 | ||
+ | |अधुना वयम् उपयोक्तृसंज्ञायाः नाशनम् (delete) कथं करणीयम् इति ज्ञास्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |08:57 | ||
+ | |एतन्निमित्तं वयम् ‘userdel’ इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:00 | ||
+ | |वयम् ‘userdel’ आदेशद्वारा उपयोक्तृसंज्ञां शाश्वतरूपेण नाशयितुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:07 | ||
+ | |अधुना आदेशमिमं प्रयुञ्ज्महे। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:09 | ||
+ | |अत्र ‘sudo space userdel space –(hyphen)r space duck’ इति टङ्कयन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:22 | ||
+ | |अहम् ‘-(hyphen)r’ इति विकल्पम् उपयुक्तवान् अस्मि। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:25 | ||
+ | |एतत् home directory इत्यनेन सह उपयोक्तुः निष्कासनार्थम् उपयुज्यते। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:30 | ||
+ | |अधुना enter नुत्त्वा पश्यन्तु किम् भविष्यति इति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:34 | ||
+ | |अधुना duck इति उपयोक्ता नाशितः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:38 | ||
+ | |अधोनिर्दिष्टस्य टङ्कनेन इदं परीक्षयन्तु, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:41 | ||
+ | |‘ls space /(slash)home’ अपि च enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:47 | ||
+ | |वयम् अत्र duck इति उपयोक्तृसंज्ञा नष्टा (delete) इति द्रष्टुं शक्नुमः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:53 | ||
+ | |अधुना वयं slides प्रति गच्छामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |09:56 | ||
+ | |Linux System Administration इत्यत्र उपयोगकरादेशौ नाम ‘df’ आदेशः ‘du’ आदेशः च। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:03 | ||
+ | |‘df’ इति आदेशः disc मध्ये उपलभ्यमानरिक्तस्थानस्य विषये ज्ञापयति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:08 | ||
+ | |अपि च ‘du’ इति आदेशः disc मध्ये सञ्चिकया आक्रान्तस्य स्थानस्य विषये ज्ञापयति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:13 | ||
+ | |कृपया एतौ द्वौ अपि आदेशौ उपयुज्य तस्य प्रयोजनं स्वयं पश्यन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:19 | ||
+ | |अधुना terminal प्रति गच्छाम। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:26 | ||
+ | |कृपया ‘df space –(hyphen)h’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:33 | ||
+ | |एषः अत्र filesystem इत्यस्य परिमाणम् (size) अपि च तेन उपयुक्तावकाशस्य विषये दर्शयति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:38 | ||
+ | |पठनयोग्यरीत्या आरोपितावकाशम् अपि दर्शयति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:46 | ||
+ | |अधुना ‘du’ इति आदेशेन सह कतिचन विकल्पान् पश्यामः। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:50 | ||
+ | |इदानीम् अहं चिन्तयामि यत् एतावता एव भवन्तः भवतां home page मध्ये कतिचन text files सृष्टवन्तः इति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |10:57 | ||
+ | |यदि न सृष्टवन्तः तर्हि कृपया ‘General Purpose Utilities in Linux’ इति अनुशिक्षणं पश्यन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:04 | ||
+ | |अहम् मम home directory मध्ये कतिचन text files सृष्टवान् अस्मि आदेशान् चालयितुम्। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:11 | ||
+ | |home folder गन्तुं terminal मध्ये, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:15 | ||
+ | |‘cd space /(slash) home’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:20 | ||
+ | |तदनन्तरम् du space –(hyphen)s space *.(astrix) dot txt इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:33 | ||
+ | |एषः आदेशः सन्धारिकायां (directory) विद्यमानानाम् txt files इत्येतेषां विवरणं सञ्चिकापरिमाणसूचनया सह भवतां कृते प्रयच्छति। | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:43 | ||
+ | |अभ्यासत्वेन आदेशफलके एवं टङ्कयन्तु, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
+ | |11:47 | ||
+ | |‘du space –(hyphen)ch space*.(astrix dot) txt’ इति, अनन्तरं पश्यन्तु किं भवति। | ||
− | |||
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+ | |वयम् spoken tutorial उपयुज्य कार्यशालां चालयामः। online परीक्षाम् उत्तीर्णेभ्य: प्रमाणपत्रम् अपि दद्मः। कृपया अधिकविवरणार्थम् अस्माकं संपर्कं करोतु। | ||
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+ | |spoken tutorial इत्येतत् ‘talk to a teacher’ इत्यस्य प्रकल्पस्य भागः अस्ति। असौ National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: अस्ति। | ||
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Latest revision as of 12:18, 30 March 2017
Time | Narration |
00:02 | नमस्ते, Basics of System Administration in Linux इत्याख्ये spoken tutorial मध्ये भवतां स्वागतम्। |
00:09 | अस्मिन् पाठे वयम् अधोनिर्दिष्टान् अंशान् ज्ञास्यामः। |
00:13 | Adduser,Su |
00:16 | Usermod,Userdel |
00:18 | Id,Du |
00:20 | Df |
00:22 | अहम् Ubuntu 10.10 इति तन्त्रांशम् उपयुञ्जानः अस्मि। |
00:27 | पूर्वसिद्धतानिमित्तं कृपया ‘General Purpose Utilities in Linux’ इति पाठं पश्यन्तु। |
00:35 | यच्च अस्मिन् जालपुटे उपलभ्यम् अस्ति। |
00:39 | दर्शितानाम् आदेशानां चालनाय admin प्रवेशार्हता भवेत्। |
00:47 | अधुना प्राथम्येन नवीनोपयोक्ता (new user) कथं सर्जनीयः इति ज्ञास्यामः। |
00:53 | ‘adduser’ इति आदेशः अस्मभ्यं नवीनोपयोक्तृसंज्ञां (new user login) प्रमाणीकृत्य स्रक्ष्यति। |
01:01 | वयम् ‘sudo’ आदेशस्य साहाय्येन काञ्चित् उपयोक्तृसंज्ञां (user account) संयोक्तुं शक्नुमः। |
01:06 | अधुना अहम् ‘sudo’ आदेशम् अधिकृत्य सङ्क्षिप्तं विवृणोमि। |
01:11 | ‘sudo’ इति आदेशः प्राशासनिकोपयोक्त्रे (administrative user) अध्युपयोक्ता (super user) इव आदेशचालनाय अनुमतिं यच्छति। |
01:19 | ‘sudo’ इति आदेशे बहवः विकल्पाः सन्ति। वयं तान् विकल्पान् अग्रे अस्मिन् एव पाठे ज्ञास्यामः। |
01:27 | अधुना नवीनोपयोक्ता कथं स्रष्टव्यः इति ज्ञास्यामः। |
01:32 | कीलफलके (Keyboard) Ctrl, Alt, t इति त्रयमपि समानकाले नोदनेन ‘Terminal’ उद्घाटयन्तु। |
01:45 | अहम् एतावता एव अत्र ‘Terminal’ उद्घाटितवान् अस्मि। |
01:49 | अत्र ‘sudo space adduser’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। |
01:58 | तदा भवान् कूटशब्दनिमित्तं सूचितः भवति। |
02:01 | अहमत्र ‘Admin’ इत्यस्य कूटशब्दं (password) दत्वा enter नुदामि। |
02:07 | टङ्कितकूटशब्दः अदृश्यरूपेण भवति। |
02:11 | अतः अस्माभिः जागरूकतया कूटशब्दः टङ्कनीयः। |
02:16 | यदा enter नुदामः तदा “adduser: Only one or two names allowed” इति सन्देशः दृश्यते। |
02:27 | अधुना ‘duck’ नाम्ना कञ्चन नवीनोपयोक्तारं सृजामः। |
02:34 | अधुना आदेशं टङ्कयन्तु :- |
02:36 | ‘sudo space adduser space duck’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। |
02:45 | इदानीं वयम् ‘duck’ नाम्ना नवीनोपयोक्तारं सृष्टवन्तः। |
02:49 | एवं नवीनोपयोक्तृसर्जनसमये पृथक्तया उपयोक्तृसम्बद्धं किञ्चन ‘home’ directory इति स्वयं सृष्टं भवति। |
02:58 | अत्र अवधेयः अंशः नाम अधुना वयम् ‘duck’ इति उपयोक्त्रे नवीनकूटशब्दनिमित्तं सूचिताः भवामः। |
03:05 | स्वेष्टं कूटशब्दं टङ्कयन्तु, अहं तु ‘duck’ इति कूटशब्दं टङ्कयित्वा Enter नुदामि। |
03:17 | कृपया नवीनकूटशब्दं पुनः टङ्कयन्तु। |
03:20 | एवं सुरक्षानिमित्तं दृढीकरणनिमित्तं च कूटशब्दः वारद्वयं पृच्छ्यते। |
03:26 | अधुना अस्माकं नवीनोपयोक्तुः नवीनकूटशब्दः संस्थापितः अभवत्। |
03:31 | वयमत्र अधिकविवरणार्थम् अपि पृष्टाः भवामः। |
03:35 | परं समयाभावात् अहं केवलम् ‘Full Name’ निमित्तम् ‘duck’ इति पूरयित्वा अन्यविवरणस्थानानि enter नोदनेन रिक्तं स्थापयामि। |
03:46 | Enter,अहम् ‘y’ इति नोदनेन एतत्सर्वं दृढीकरोमि। |
03:51 | एतत् सर्वविवरणं समीचीनम् अस्ति इति दृढतायै अस्ति। |
03:55 | अधुना परीक्षामहे यत् उपयोक्तृसंज्ञा सृष्टा उत न इति। |
04:00 | परीक्षणार्थं कृपया आदेशसंसूचके (command prompt) |
04:04 | ‘ls space /(slash) home’ |
04:09 | इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
04:11 | Home folder मध्ये कति उपयोक्तारः सन्ति इति दर्शयितुम् ‘ls’ आदेशः उपयुक्तः भवति। |
04:17 | अपि च अत्र अस्ति अस्माकं नूतनतया निर्मितः ‘duck’ इति उपयोक्ता। |
04:23 | अधुना अवसर्पिणीं (slides) प्रति गच्छामि। |
04:26 | अधुना अपरः आदेशः अस्ति ‘su’ इति। |
04:30 | ‘su’ इति आदेशः ‘Switch User’ निमित्तम् अस्ति। |
04:34 | एषः आदेशः प्रसक्तोपयोक्तुः अपरोपयोक्तारं प्रति गन्तुम् उपयुज्यते। |
04:39 | अधुना terminal इत्यत्र गच्छामः। |
04:43 | अत्र आदेशं लिखन्तु :- |
04:45 | ‘su space hyphen space duck’ इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। |
04:53 | अधुना भवान् कूटशब्दनिमित्तं पृष्टः भवति। |
04:56 | अहमत्र duck इति उपयोक्तुः कूटशब्दं टङ्कितवान्। सः ‘duck’ इत्येव इत्येतत् स्मरन्तु। |
05:04 | कृपया अवधानं कुर्वन्तु, terminal इत्येतद् पुरातनोपयोक्तृतः नूतनोपयोक्तारं प्रति परिवर्तनं करोति। अस्मिन् उदाहरणे ‘duck’ इति नूतनोपयोक्ता अस्ति। |
05:14 | एतस्याः उपयोक्तृसंज्ञायाः बहिः निर्गन्तुं :- |
05:17 | ‘logout’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
05:22 | अधुना terminal ‘duck’ नाम्न्याः प्रसक्तोपयोक्तृसंज्ञातः निर्गत्य ‘vinhai’ नाम्न्यां पुरातनायाम् उपयोक्तृसंज्ञायां प्रविष्टं भवति। |
05:31 | अधुना ‘usermod’ इति आदेशस्य विषये ज्ञास्यामः। |
05:35 | ‘usermod’ इति आदेशः |
05:37 | अध्युपयोक्तारं (super user) अथवा मूलोपयोक्तारं (root user) अन्योपयोक्तॄणां व्यवस्थापरिवर्तने सक्षमं करोति। |
05:46 | यथा- ‘password’ इत्येतं ‘no password’ अथवा ‘empty password’ इति रूपेण परिवर्तनार्थम्। |
05:50 | यस्मिन् दिनाङ्के उपयोक्तृसञ्ज्ञा अक्षमा क्रियते तस्य दिनाङ्कस्य दर्शनार्थं च । |
05:55 | अधुना इममादेशं प्रयुज्य पश्यामः। |
05:59 | अधुना अहम् duck नाम्न्याः उपयोक्तृसंज्ञायाः अन्तिमदिनाङ्कः कथं द्रष्टव्यः इति दर्शयामि। |
06:05 | आदेशसंसूचके (command prompt)- |
06:09 | sudo space usermod space –(hyphen) e space 2012 –(hyphen) 12 –(hyphen)27 space duck इति टङ्कयित्वा |
06:33 | enter नुदन्तु। |
06:37 | उपर्युक्तस्य आदेशस्य –e इति विकल्पस्य साहाय्येन उपयोक्तृसञ्ज्ञायाः अन्तिमदिनाङ्कः निश्चितः भवति। |
06:46 | अधुना भवन्तः duck इति उपयोक्तृसंज्ञायै अन्तिमदिनाङ्कस्य निर्धारणं कृतवन्तः। |
06:52 | अधुना ‘uid’ अपि च ‘gid’ इति आदेशद्वयस्य विषये चिन्तयामः। |
06:57 | ‘id - .......’ इति आदेशः सर्वेषाम् उपयोक्तॄणां गुम्फानां च अभिज्ञानम् कर्तुम् उपयुज्यते। |
07:04 | उपयोक्तारं अभिज्ञातुं वयम् ‘id space – (hyphen) u’ इति आदेशं उपयुञ्ज्महे। |
07:12 | समूहोपयोक्तॄन् अभिज्ञातुं वयम् ‘id space – (hyphen) g’ इति आदेशं उपयुञ्ज्महे। |
07:20 | अधुना प्रयोगं करवाम। |
07:22 | Terminal इत्यत्र 'id' इति टङ्कयामः :- |
07:25 | अपि च enter नुदामः। |
07:29 | अधुना उपयुज्यमाने उपकरणे उपयोक्तुः id अपि च समूहस्य id द्रष्टुं शक्नुमः। |
07:37 | केवलम् उपयोक्तुः id प्राप्तुं वयम् ‘– (hyphen)u’ इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे। |
07:43 | अधुना ‘id space –(hyphen)u’ इति आदेशं टङ्कयित्वा, |
07:49 | enter नुदामः।,अधुना वयं केवलम् उपयोक्तॄणाम् id द्रष्टुं शक्नुमः। |
07:55 | परमस्माभिः उपयोक्तुः नाम ज्ञातुं किं करणीयम्? |
08:00 | नाम ज्ञातुम्, |
08:02 | Terminal मध्ये ‘id space –(hyphen)n space –(hyphen)u’ इति टङ्कयित्वा enter नुदामः। |
08:13 | अधुना वयम् उपयोक्तुः id स्थाने तेषां नामानि द्रष्टुं शक्नुमः। |
08:20 | इदानीं समूह id कृते आदेशान् अधिगच्छामः। |
08:24 | अधुना ‘id space –(hyphen)g’ इति टङ्कयामः। |
08:29 | अत्र वयं समूह id दृष्टुं शक्नुमः। |
08:32 | यदि वयं सर्वेषां प्रसक्तोपयोक्तॄणां समूहम् अभिज्ञातुम् इच्छामः तर्हि, |
08:38 | ‘id space –(hyphen) (बृहदक्षरेण)G’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
08:46 | कृपया अवधानं यच्छन्तु यत् अहं G इति बृहदक्षरेण एव लिखितवान् इति। |
08:50 | परिणामं स्वयमेव पश्यन्तु। |
08:53 | अधुना वयम् उपयोक्तृसंज्ञायाः नाशनम् (delete) कथं करणीयम् इति ज्ञास्यामः। |
08:57 | एतन्निमित्तं वयम् ‘userdel’ इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे। |
09:00 | वयम् ‘userdel’ आदेशद्वारा उपयोक्तृसंज्ञां शाश्वतरूपेण नाशयितुं शक्नुमः। |
09:07 | अधुना आदेशमिमं प्रयुञ्ज्महे। |
09:09 | अत्र ‘sudo space userdel space –(hyphen)r space duck’ इति टङ्कयन्तु। |
09:22 | अहम् ‘-(hyphen)r’ इति विकल्पम् उपयुक्तवान् अस्मि। |
09:25 | एतत् home directory इत्यनेन सह उपयोक्तुः निष्कासनार्थम् उपयुज्यते। |
09:30 | अधुना enter नुत्त्वा पश्यन्तु किम् भविष्यति इति। |
09:34 | अधुना duck इति उपयोक्ता नाशितः। |
09:38 | अधोनिर्दिष्टस्य टङ्कनेन इदं परीक्षयन्तु, |
09:41 | ‘ls space /(slash)home’ अपि च enter नुदन्तु। |
09:47 | वयम् अत्र duck इति उपयोक्तृसंज्ञा नष्टा (delete) इति द्रष्टुं शक्नुमः। |
09:53 | अधुना वयं slides प्रति गच्छामः। |
09:56 | Linux System Administration इत्यत्र उपयोगकरादेशौ नाम ‘df’ आदेशः ‘du’ आदेशः च। |
10:03 | ‘df’ इति आदेशः disc मध्ये उपलभ्यमानरिक्तस्थानस्य विषये ज्ञापयति। |
10:08 | अपि च ‘du’ इति आदेशः disc मध्ये सञ्चिकया आक्रान्तस्य स्थानस्य विषये ज्ञापयति। |
10:13 | कृपया एतौ द्वौ अपि आदेशौ उपयुज्य तस्य प्रयोजनं स्वयं पश्यन्तु। |
10:19 | अधुना terminal प्रति गच्छाम। |
10:26 | कृपया ‘df space –(hyphen)h’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
10:33 | एषः अत्र filesystem इत्यस्य परिमाणम् (size) अपि च तेन उपयुक्तावकाशस्य विषये दर्शयति। |
10:38 | पठनयोग्यरीत्या आरोपितावकाशम् अपि दर्शयति। |
10:46 | अधुना ‘du’ इति आदेशेन सह कतिचन विकल्पान् पश्यामः। |
10:50 | इदानीम् अहं चिन्तयामि यत् एतावता एव भवन्तः भवतां home page मध्ये कतिचन text files सृष्टवन्तः इति। |
10:57 | यदि न सृष्टवन्तः तर्हि कृपया ‘General Purpose Utilities in Linux’ इति अनुशिक्षणं पश्यन्तु। |
11:04 | अहम् मम home directory मध्ये कतिचन text files सृष्टवान् अस्मि आदेशान् चालयितुम्। |
11:11 | home folder गन्तुं terminal मध्ये, |
11:15 | ‘cd space /(slash) home’ इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
11:20 | तदनन्तरम् du space –(hyphen)s space *.(astrix) dot txt इति टङ्कयित्वा enter नुदन्तु। |
11:33 | एषः आदेशः सन्धारिकायां (directory) विद्यमानानाम् txt files इत्येतेषां विवरणं सञ्चिकापरिमाणसूचनया सह भवतां कृते प्रयच्छति। |
11:43 | अभ्यासत्वेन आदेशफलके एवं टङ्कयन्तु, |
11:47 | ‘du space –(hyphen)ch space*.(astrix dot) txt’ इति, अनन्तरं पश्यन्तु किं भवति। |
11:59 | अधुना अहम् slides प्रति गच्छामि। |
12:01 | सङ्क्षिप्ततया वक्तव्यं चेत् एतावता, |
12:03 | नूतनोपयोक्तारं स्रष्टुम् ‘adduser’ इति आदेशः |
12:06 | एकस्मात् अपरोपयोक्तारं प्रति गन्तुम् ‘su’ इति |
12:09 | उपयोक्तृसंज्ञाव्यवस्था-(setting)-परिवर्तनार्थम् ‘usermod’ इति |
12:12 | उपयोक्तृसंज्ञानाशनार्थम् ‘userdel’ इति |
12:15 | उपयोक्तॄणाम् id समूहस्य id इत्यनयोः विषये ज्ञातुम् ‘id’ इति |
12:20 | File system इत्यस्य परिमाणं तस्मिन् उपलभ्यतां च ज्ञातुम् ‘df’ इति |
12:24 | File इत्यनेन कियत् स्थानम् आक्रान्तमस्ति इति ज्ञातुम् ‘du’ इति आदेशः च उपयोक्तव्यः इति ज्ञातवन्तः |
12:27 | अत्र “Basics of system administration” इत्यसौ पाठ: समाप्यते। |
12:33 | अधोनिर्दिष्टे जालपुटे उपलभ्यं चलच्चित्रम् |
12:37 | Spoken tutorial परियोजनां साररूपेण दर्शयति। |
12:40 | यदि भवान् सम्यक् द्रष्टुं न शक्नोति तर्हि चलच्चित्रं अवतारयितुं शक्नोति। |
12:44 | वयम् spoken tutorial उपयुज्य कार्यशालां चालयामः। online परीक्षाम् उत्तीर्णेभ्य: प्रमाणपत्रम् अपि दद्मः। कृपया अधिकविवरणार्थम् अस्माकं संपर्कं करोतु। |
12:53 | spoken tutorial इत्येतत् ‘talk to a teacher’ इत्यस्य प्रकल्पस्य भागः अस्ति। असौ National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: अस्ति। |
13:03 | अधिकविवरणं जालपुटेऽस्मिन् उपलभ्यते। |
13:08 | अस्याः प्रतेः अनुवादकः प्रवाचकः च वासुदेवः आपृच्छति। |