Linux/C2/General-Purpose-Utilities-in-Linux/Hindi
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Time | Narration |
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0:00 | लिनक्स में जनरल परपज़ यूटीलीटीज़ के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
0:06 | इस ट्यूटोरियल में हम अपने आप को कुछ बुनियादी लेकिन ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले लिनक्स कमांड्स से परिचित कराएँगे। |
0:14 | इस अभ्यास का मुख्य प्रयोजन है,लिनक्स पर काम करने की शुरुआत कराना। |
0:21 | पहली कमांड जो हम देखेंगे वो है एक्को कमांड। ध्यान दें लिनक्स कमांड केस सेंसिटिव होती हैं। |
0:29 | यहाँ सभी कमांड और उनके पर्याय छोटे अक्षर में हैं और जब नहीं है तब बताया गया है। |
0:36 | इस कमांड का उपयोग स्क्रीन पर मेसेज यानि कोई संदेश प्रदर्शित करने के लिए करते हैं। |
0:43 | उबंटु में टर्मिनल पर जाने के लिए CTRL+ALT+T मदद करता है। |
0:48 | हो सकता है यह कमांड सभी यूनिक्स सिस्टम पर न चले। |
0:52 | टर्मिनल को ओपन करने की प्रक्रिया पहले से ही एक दूसरे ट्यूटोरियल में समझाई गयी है। |
0:58 | प्रोंप्ट पर इको स्पेस हेलो वर्ल्ड टाइप करें और एंटर दबायें। |
1:08 | यह स्क्रीन पर प्रथागत हेलो वर्ल्ड मेसेज प्रदर्शित करता है। |
1:14 | इको कमांड को हम वेरीएबल के मूल्य को प्रदर्शित करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। |
1:19 | प्रोंप्ट पर बड़े अक्षर में इको स्पेस डॉलर शेल टाइप करें और एंटर दबायें। |
1:30 | यह आउटपुट है कि वर्तमान शेल इस्तेमाल हो रही है। |
1:36 | हम इको कमांड के साथ एस्केप सीक्वेन्सेस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। |
1:42 | इसके लिए लिनक्स में हमें –e ऑप्शन का प्रयोग करना होगा। |
1:46 | सामान्य एस्केप सीक्वेन्सेस में टैब के लिए \t, नई लाइन के लिए \n तथा \c एक एस्केप सीक्वेन्स है जिसे जब इस्तेमाल करते हैं तो प्रोम्प्ट को उसी लाइन पर प्रदर्शित करता है। |
2:03 | यह उपयोगी हो सकता है यदि कुछ एंटर करने से पहले हमें प्रोम्प्ट मेसेज यानि त्वरित मेसेज चाहिए। प्रोंप्ट पर echo space minus e single quote में टाइप करें, back slash c कमांड एंटर करें और एंटर दबायें। |
2:32 | हम देखेंगे कि उसी लाइन पर 'Enter a command' प्रिंट होने पर प्रोम्प्ट प्रदर्शित होगा। |
2:38 | आप जानना चाहेंगे कि लिनक्स कर्नल का वर्श़न जो आप चला रहे हैं वह कौन-सा है। |
2:43 | इसके बारे में तथा हमारी मशीन की अन्य विशेषताओं को जानने के लिए हमारे पास uname कमांड है। प्रोंप्ट पर uname space hyphen r टाइप करें और एंटर दबायें। |
2:58 | आपका यूज़रनेम (username) क्या है यह जानने के लिए प्रोम्प्ट पर who space am space I टाइप करें और एंटर दबायें। |
3:11 | यह असल में who कमांड से आता है जोकि सिस्टम में लॉगिन हुए वर्त्तमान उपयोगकर्ताओं की सूची बनाता है,यदि आपका सिस्टम एक मल्टीयूज़र सिस्टम है तो। |
3:21 | कई दफा आपके लॉगिन पासवर्ड में समझौता हो सकता है और आप उसे बदलना चाहोगे। |
3:28 | इसके लिए हमारे पास passwd कमांड है । प्रोंप्ट पर P-a-s-s-w-d टाइप करें और एंटर दबायें। |
3:37 | जब आप इस कमांड को टाइप करते हैं, वर्त्तमान पासवर्ड को टाइप करने के लिए कहेगा। |
3:43 | यहाँ मैं सिस्टम का कर्रेंट पासवर्ड टाइप करूँगी। |
3:48 | जब वह सही से एंटर करेंगे, तब आपको अपना नया पासवर्ड एंटर करना होगा और उसकी पुष्टि के लिए दुबारा टाइप करें। |
4:02 | लेकिन वर्त्तमान पासवर्ड को अगर आप भूल गए हैं तो क्या करें? |
4:06 | फिर भी, वर्तमान पासवर्ड को जाने बिना आप पासवर्ड बदल सकते हैं। लेकिन यह सिर्फ रूट यूज़र द्वारा किया जा सकता है। |
4:14 | अब रूट यूज़र कौन है। |
4:18 | वह एक विशेषाधिकारों वाला व्यक्ति है। |
4:22 | समरूपता बनाते हुए हम यह कह सकते हैं कि रूट यूज़र्स विन्डोज़ में ऐड्मिनिस्ट्रेटिव पद के यूज़र के समान है। |
4:30 | सिस्टम में दिनांक तथा समय आप जानना चाहोगे। इसके लिए डेट कमांड का उपयोग करते हैं। |
4:36 | टर्मिनल में डेट कमांड को टाइप करें और एंटर दबायें। |
4:42 | यह सिस्टम का वर्तमान समय और दिनांक प्रदर्शित करेगा । |
4:45 | जैसे कि हम देख सकते हैं डेट कमांड हमें दोनों दिनांक और समय देता है। इसके बहुमुख उपयोग होने के साथ इसके कई विकल्प भी हैं। |
4:54 | प्रोंप्ट पर date space plus 'percent' sign capital T टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:07 | यह (hh:mm:ss) के रूप में केवल हमें समय बताता है। |
5:12 | प्रोंप्ट पर date space plus 'percentage sign small h टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:23 | यह महीने का नाम बताता है। |
5:25 | प्रोंप्ट पर date space plus percentage sign small m टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:38 | यह सांख्यिक रूप में साल का महीना बताता है। यहाँ यह फरवरी महीने के लिए 02 दिखा रहा है। आपको प्राप्त आउटपुट के अनुसार इसे मिलायें। |
5:50 | प्रोंप्ट पर date space plus percentage sign small y टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:01 | यह वर्तमान साल के आखिर दो अंक बताता है। |
6:05 | हम इन पर्यायों को संघटित कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप प्रोंप्ट पर date space plus double quotes में percentage small h percentage small y टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:34 | यह फरवारी 11 दिखा रहा है। |
6:39 | अन्य संबंधित कमांड है cal कमांड। हालाँकि यह आम कमांड नहीं है यह हमें कोई भी महीना और साल देखने में मदद करता है। |
6:48 | वर्तमान महीने के कैलन्डर को देखने के लिए प्रोंप्ट पर ‘cal’ टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:56 | किसी भी महीने का कैलन्डर देखने के लिए, मानिए दिसम्बर २०७०, प्रोंप्ट पर ‘ cal space 12 space 2070 टाइप करें और एंटर दबायें। |
7:13 | यह दिसम्बर 2070 का कैलन्डर दिखाता है। |
7:19 | आगे बढ़ने से पहले हम फाइल्स और डाइरेक्टरीज़ के बारे में कुछ चर्चा करते हैं। |
7:26 | लिनक्स में लगभग सब कुछ एक फाइल है। अब सवाल है की फाइल क्या है? |
7:34 | वास्तव में फाइल वह है जहाँ हम अपने डाक्यूमेंट्स और पेपर्स संग्रहित करते हैं। उसी प्रकार से एक लिनक्स फाइल भी जानकारी को संग्रहित करने की जगह है। |
7:48 | अगला, डाइरेक्टरी क्या है ? |
7:52 | डाइरेक्टरी को फाइलों तथा अन्य उप-डाइरेक्टरीज़ के संग्रह के रूप में समझा जा सकता है। |
7:58 | डाइरेक्टरी हमें अपनी फाइलों को व्यवस्थित रूप में आयोजन करने में मदद करती है। |
8:04 | यह विन्डोज़ में फ़ोल्डरों के समान है। |
8:08 | लिनक्स सिस्टम पर जब हम लॉगिन करते हैं, स्वतः से होम डाइरेक्टरी में होते हैं। होम डाइरेक्टरी देखने के लिए प्रोंप्ट पर echo space dollar HOME टाइप करें और एंटर दबायें। |
8:27 | अगली कमांड हमें वर्त्तमान डाइरेक्टरी जिस पर हम काम कर रहे हैं उसे दिखाने में मदद करती है । वह है pwd जो प्रेसेंट वर्किंग डाइरेक्टरी से जानी जाती है। प्रोम्प्ट पर pwd टाइप करें और एंटर दबायें। |
8:42 | अब जब कि हमें अपनी डाइरेक्टरी के बारे में पता है तो हम उस डाइरेक्टरी की फाइलों तथा सब-डाइरेक्टरीज़ के बारे में जानना चाहेंगे। इसके लिए हम ls कमांड का इस्तेमाल करेंगे जो कि सबसे व्यापक रूप से यूनिक्स और लिनक्स में प्रयोग की जाती है। |
8:56 | ls कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:01 | अब आउटपुट को देखें। |
9:04 | फाइलें और सब-डाइरेक्टरीज़ साधारणतः अलग-अलग रंग में दिखते हैं। |
9:08 | ls कमांड बहुमुखी है और इसके बहुत से ऑप्शंस हैं। चलिए इनमें से कुछ देखते हैं। प्रोम्प्ट पर ls space minus minus all टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:24 | ये सभी फाइलों के साथ-साथ छुपी हुई यानि हिडन फाइलें भी बताता है।(फाइल नेम जो डॉट से शुरू हो रहे हैं वो यहाँ पर हिडन फाइलें हैं) |
9:33 | अगर हम फाइल ही नहीं बल्कि उसके साथ और अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो माईनस l ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। |
9:40 | प्रोम्प्ट पर ls space minus small l कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:50 | यह हमें फाइल परमिशंस यानि फाइल आज्ञा , फाइल के अधिकारी यानि ओनर का नाम, लास्ट मोडिफिकेशन टाइम यानि पिछला संशोधन समय, बाइट्स में फाइल साइज़ , इत्यादि बताता है। इस ऑप्शंस का विवरण इस वर्त्तमान ट्यूटोरियल के क्षेत्र से बाहर है। |
10:06 | 1s को कई ऑप्शंस के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं जो हम बाद में देखेंगे। |
10:11 | इन सभी जानकारी को स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के बजाय, हम एक फाइल में संग्रहित कर सकते हैं। असल में इस तरह से कोई भी कमांड के आउटपुट को फाइल में संग्रहित करके रख सकते हैं। |
10:23 | कमांड के बाद राइट ऐंगअल ब्रैकिट और फाइल के नाम को टाइप करें अर्थात हम ls space minus small l space right angle bracket space fileinfo लिखते हैं। |
10:46 | अब सभी फाइलों और फोल्डरों की जानकारी fileinfo नामक फाइल में जायेगी । |
10:54 | लेकिन हम इस फाइल के कंटेंट्स को कैसे देखें । इसके लिए हमारे पास cat कमांड है। बस cat स्पेस और फाइल का नाम टाइप कीजिये यहाँ नाम है fileinfo और एंटर दबायें। |
11:12 | आप उसके कंटेंट्स देख सकते हैं। दरअसल,cat का एक और मुख्य उपयोग है फाइल को बनाना । इसके लिए प्रोंप्ट पर cat space right angle bracket space filename टाइप करें और एंटर दबायें। |
11:36 | अब हम अगर एन्टर दबाते हैं तो कमांड उपयोगकर्ता से निवेश यानि इनपुट के लिए इंतज़ार करता है। |
11:42 | जो भी हम टाइप करते हैं वो फाइल में लिखा जाता है। तो कुछ टेक्स्ट टाइप करें। |
11:50 | अब एंटर की प्रेस करके इनपुट का अंत करें। |
11:56 | अब कंट्रोल तथा d की दोनों को एक साथ प्रेस करें। |
12:05 | अगर फाइल उदाहरण के लिए फाइल 1 पहले से ही मौजूद है तो उपयोगकर्ता का इनपुट इस फाइल पर ओवरराइट होता है। |
12:13 | अब यदि आप पहले से मौजूद फाइल,फाइल 1 के अंत में जोड़ना चाहते हैं तो प्रोंप्ट पर cat space double right angle bracket space file1 टाइप करें और एंटर दबायें। |
12:36 | यहाँ कई अन्य कमांड हैं जिनपर हम चर्चा कर सकते हैं लेकिन फिलहाल यहीं तक सीमित रखते हैं। असल में बताए गए कमांड्स में भी कई सारे ऑप्शंस हैं जिनपर चर्चा नहीं हुई है। |
12:50 | अब हम इस ट्यूटोरियल के अंत में आ चुके हैं। स्पोकन ट्यूटोरियल टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने ICT के माध्यम से समर्थित किया है। |
13:02 | अधिक जानकारी दिए गए लिंक पर उपलब्ध है http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro |
13:10 | यह स्क्रिप्ट देवेन्द्र कैरवान द्वारा अनुवादित है तथा आई आई टी बॉम्बे की तरफ से मैं सकीना अब आप से विदा लेती हूँ। |