LibreOffice-Suite-Writer/C4/Using-track-changes/Hindi
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TIME | NARRATION |
00:00 | नमस्कार दोस्तों। |
00:03 | लिबरऑफिस राइटर पर ट्यूटोरियल, 'डॉक्युमेंट में संपादन के समय ट्रैक में बदलाव' में आपका स्वागत है। |
00:09 | इस ट्यूटोरियल में, मैं समझाऊँगा, कि लिबरऑफिस राइटर में डॉक्युमेंट का पीयर रिव्यू( सहकर्मी समीक्षा) कैसे किया जा सकता है। |
00:15 | हम एक मौजूद डॉक्युमेंट को खोलेंगे- |
00:18 | समझाने के लिए, कि 'Record Changes' का उपयोग करके डॉक्युमेंट का संपादन और पीर रिव्यू कैसे करें। |
00:25 | इस विशेषता के उपयोग का लाभ यह है, कि समीक्षक मौजूद टेक्स्ट में टेक्स्ट जोड़ सकता है, टिप्पणी कर सकता है,डिलीट कर सकता है, या बदलाव कर सकता है। जो कि समान डॉक्युमेंट में स्पष्टतः दिखाई देता है। |
00:40 | यह लेखक द्वारा आसानी से देखा जा सकता है, जो इन बदलावों को स्वीकार और अस्वीकार कर सकता है। तथा इस प्रकार, फिर से बदलाव किये बिना इन संपादित टिप्पणियों को समाविष्ट कर सकता है। |
00:52 | और जब फाइल सेव हो जाती है, टिप्पणियाँ समाविष्ट हो जाती हैं। |
00:56 | अतः सीखते हैं, कि यह सब कैसे करें। |
01:01 | यहाँ हम अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में उबंटू लिनक्स 10.04 और लिबरऑफस सूट वर्जन 3.3.4 का उपयोग कर रहे हैं। |
01:09 | इस ट्यूटोरियम में, मैं कुछ डॉक्युमेंट्स का उपयोग कर रहा हूँ, जो मैंने पहले ही बनाये हैं, और मेरे सिस्टम में सेव किये हैं। जैसे कि- |
01:16 | Seven-reasons-to-adopt-FOSS.odt, Government-support-for-FOSS-in-India.odt |
01:24 | राइटर में शुरूआत के लिए Applications - Office और LibreOffice Writer पर क्लिक करें। |
01:33 | Seven-reasons-to-adopt-FOSS.odt को खोलें। |
01:40 | 'record changes' ऑप्शन को सेट करने के लिए, |
01:43 | EDIT → CHANGES पर जाएँ और RECORD ऑप्शन चुनें। |
01:52 | SHOW ऑप्शन भी चुनित होना चाहिए। यह किसी भी आगामी संपादन को स्पष्टतः रिकार्ड करने के लिए सक्षम हो जाएगा। |
02;00 | डॉक्युमेंट में, दूसरे बिंदु को प्रविष्ट करें। |
02:05 | हम बिंदु क्रमांक 2 पर जायेंगे और टाइप करेंगे। |
02;08 | Linux is a virus resistant operating system since each user has a distinct data space and cannot directly access the program files. |
02:35 | एंटर दबायेंगे। |
02:36 | जिससे वर्तमान बिंदु 2, बिंदु क्रमांक 3 हो जाता है। |
02:41 | ध्यान दें, कि इनपुट टेक्स्ट नये रंग में आ गया है। |
02:45 | इस टेक्स्ट पर माउस धुमाएँ। आप मैसेज देखेंगे। |
02:50 | Inserted Sriranjani:” प्रविष्टि की तारीख और समय के साथ। |
02:55 | इस प्रकार डॉक्युमेंट में टिप्पणी करने वाले व्यक्ति की पहचान होती है। नाम कंप्यूटर पर उपयोगकर्ता के रूप में लिबरऑफिस के संस्थापन के समय दिए गए नाम के आधार पर प्रदान किया जाता है। |
03:07 | पहली लाइन में “avalable” की वर्तनी को सही करें। आप सुधार पर ध्यान देंगे। |
03:16 | पहले बिंदु को डिलीट करें- |
03:18 | “It can be installed on all computers without restriction or needing to pay license fees to vendors”. |
03:30 | ध्यान दें, कि विलोपन (डिलीशन) लाइन को वास्तव में डिलीट नहीं करता, लेकिन इसे विलोपन के लिए सूचित लाइन के रूप में चिन्हित करता है। |
03:39 | इस पर कर्सर धुमाएँ और हम मैसेज देखते हैं- |
03:43 | “Deleted Sriranjani:” विलोपन की तारीख और समय के साथ। |
03:48 | इस तरह, डॉक्युमेट में मौजूद टेक्स्ट को जोड़कर, डिलीट करके या बदलाव करके डॉक्युमेंट में संसोधन किया जा सकता है। |
04:00 | एक से अधिक व्यक्ति समान डॉक्युमेंट को संपादित कर सकते हैं। |
04:03 | लिबरऑफिस राइटर एक समीक्षक के कार्य को दूसरे से अलग करके पाठक की मदद के लिए प्रत्येक संपादन को भिन्न रंग में दर्शाएगा। |
04:12 | सहज ही, संपादित टेक्स्ट पर माउस धुमाएँ, समीक्षक का नाम प्रदर्शित होगा। |
04:18 | डॉक्युमेंट को ओपन करके, मैं इसे प्रदर्शित करने जा रहा हूँ, जो मेरे सहकर्मी गुरू द्वारा पहले से ही संपादित किया गया है। |
04:26 | टेक्स्ट फाइल डॉक्युमेंट “Government-support-for-FOSS-in-India.odt” को ओपन करें। |
04:34 | इस डॉक्युमेंट में हम देख सकते हैं, कि कई अनुवृद्धि(एडिशन) और विलोपन किये गये हैं। |
04:41 | इस टेक्स्ट पर माउस धुमाकर, मैसेज मिलता है कि अनुवृद्धि और विलोपन गुरू द्वारा किये गये हैं। |
04:51 | सबसे नीचे एक बिंदु जोड़ें “CDAC, NIC, NRC-FOSS are institutions of Government of India which develop and promote FOSS”. |
05:17 | हम देख सकते हैं, कि इस प्रविष्टि का रंग गुरू द्वारा किये गये संपादन के रंग से भिन्न है। |
05:23 | इस प्रविष्टि पर माउस धुमाकर, मैसेज मिलता है “Inserted: Sriranjani”. |
05:28 | इस प्रकार, लेखक के पास वापस जाने से पहले एक से अधिक व्यक्ति समान डॉक्युमेंट का संपादन कर सकते हैं। |
05:34 | इसे सेव किये बिना, डॉक्युमेंट बंद करें। |
05:44 | अब हम दिखायेंगे, कि कैसे लेखक समीक्षक द्वारा किये गये बदलावों को स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है। |
05:49 | उसी डॉक्युमेंट में, “Government-support-for-FOSS-in-India”, मानते हैं कि मैं लेखक हूँ और मैं गुरू द्वारा किये गये संपादनों को स्वीकार या अस्वीकार करूँगा। |
06:11 | बिंदु 2 पर जाएँ और डिलीट किये गये टेक्स्ट 'reasons' पर राइट क्लिक करें। तथा 'Accept Change' चुनें। |
06:22 | आप देखेंगे, कि टेक्स्ट डिलीट हो गया है, जिस बदलाव को समीक्षक ने सुझाया है। |
06:27 | प्रविष्ट टेक्स्ट 'needs' पर राइट क्लिक करें और 'Accept Change' चुनें। |
06:34 | आप देखेंगे, कि टेक्स्ट सामान्य हो गया है, जिस बदलाव को समीक्षक ने सुझाया है। |
06:39 | इस तरह से, समीक्षक द्वारा सुझाये गये संपादन, प्रविष्टि और डिलीशन्स दोनों, लेखक द्वारा स्वीकार किये जा सकते हैं। |
06:48 | बिंदु 1 पर जाएँ और डिलीट किये गये टेक्स्ट “The OpenOffice document standard has been notified under this policy” पर राइट क्लिक करें और 'Reject change' चुनें। |
07:01 | यह टेक्स्ट को सामान्य करता है, अर्थात डिलीट के लिए समीक्षक का सुझाव, लेखक द्वारा अस्वीकार किया गया है। |
07:08 | बिंदु 5 पर जाएँ और “Government Schools in these states and in Orissa, Karnataka and Tamil Nadu learn Linux” पर राइट क्लिक करें और 'Reject change' चुनें। यह समीक्षक द्वारा प्रविष्ट किये गये टेक्स्ट को डिलीट करता है। |
07:26 | इसी तरह, लेखक द्वारा प्रत्येक एडिशन और डिलीशन स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है। |
07:33 | अंततः, बदलाव स्वीकार या अस्वीकार करने के बाद, हमें EDIT >> CHANGES पर जाना चाहिए तथा 'Record' और 'Show' ऑप्शन्स को अनचेक करना चाहिए। |
07:55 | जब अनचेक कर देते हैं, तो कोई भी अन्य संपादन अलग से चिन्हित नहीं होगा। |
08:00 | कृपया समीक्षक द्वारा दी गई सभी टिप्पणियों को समाविष्ट करने के लिए, बदलावों को स्वीकार या अस्वीकार करने के बाद फाइल को सेव करने के लिए सुनिश्चित रहें। |
08:08 | अब हम इस ट्यूटोरियल के अंत में आ चुके हैं, अंततः नियत-कार्य। |
08:15 | एक डॉक्युमेंट ओपन करें और Record Changes मोड में वर्तनी की गलतियों को सुधारें। |
08:24 | मैंने इस नियत-कार्य को यहाँ पहले ही तैयार कर दिया है। |
08:30 | विडियो निम्न लिंक पर उपलब्ध है। जो स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है। यदि आपके पास अच्छा बैन्ड्विड्थ नहीं है तो आप इसे डाउनलोड़ करके भी देख सकते हैं। |
08:40 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट, स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएँ भी चलाता है। |
08:44 | वे उनको प्रमाण-पत्र भी देते हैं जो ऑनलाइन टेस्ट पास करते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें ,contact [at] spoken hypen tutorial dot org.
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08:53 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक-टू-अ-टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है। भारत सरकार के एमएचआरडी के “आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन” द्वारा समर्थित है। |
09:02 | इस पर अधिक जानकारी निम्न लिंक पर उपलब्ध है। spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hypen Intro |
09:13 | यह स्क्रिप्ट देवेन्द्र कैरवान द्वारा अनुवादित है, आई.आई.टी बॉम्बे की ओर से मैं रवि कुमार अब आपसे विदा लेता हूँ। धन्यवाद। |