ExpEYES/C2/Panel-connections-and-software-interface/Hindi

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00:01 नमस्कार, 'Panel connections और Software interface' पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:07 इस ट्यूटोरियल में हम निम्न के बारे में सीखेंगे:

पैनल पर अनेक टर्मिनल्स एक्सेसरी यानि सहायक सामग्री का सेट और सॉफ्टवेयर इंटरफेस

00:17 हम निम्न दिखाना भी सीखेंगे:

ओम का नियम श्रेणी संयोजन में प्रभावशाली प्रतिरोध (Resistance) समानांतर संयोजन में प्रभावशाली प्रतिरोध (Resistance) और अपने परीक्षणों का 'सर्किट डायग्राम' दिखाना

00:33 यहाँ मैं उपयोग कर रही हूँ 'ExpEYES' वर्जन '3.1.0Ubuntu Linux' OS वर्जन '14.04'
00:43 इस ट्यूटोरियल के अनुसरण के लिए आपको 'ExpEYES Junior' इंटरफेस से परिचित होना चाहिए। यदि नहीं तो सम्बधित ट्यूटोरियल्स के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ।
00:55 'ExpEYES Junior' यंत्र की उपयोगिताओं के बारे में चर्चा करते हैं।
01:00 यह यंत्र निम्न में परीक्षण करने के लिए उपयोग होता है:

उच्च माध्यमिक स्नातक में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनीयरिंग कोर्स में

01:12 यह निम्न क्षेत्रों में उपयोग किया जा सकता है - इलेक्ट्रिसिटी, ध्वनि(Sound), चुंबकत्व(Magnetism), प्रकाश(Light), डायोड, ट्रांजिस्टर और अन्य।
01:23 'पैनल' के ऊपर टर्मिनल से शुरू करते हैं।'पैनल' चार ग्राउंड टर्मिनल रखता है। इन टर्मिनल्स पर वोल्टेज ज़ीरो वोल्ट (0 V) है।
01:35 अन्य इनपुट टर्मिनल्स पर वोल्टेज ग्राउंड ('GND') से मापी गई है।
01:42 इनपुट टर्मिनल्स 'A1' और 'A2' -5V से +5V के बीच वोल्टेज माप सकते हैं।
01:51 बायीं तरफ 'IN1' और 'IN2' टर्मिनल्स 0 से 5V के बीच वोल्टेज माप सकते हैं।
01:59 'IN1' यथार्थता के साथ 5000 pF(pico farads) तक 'धारिता' भी माप सकता है।
02:07 'PVS', 'Programmable voltage source' है। यह 1.25 mV (मिली वोल्ट) के निम्नतम अंतराल के साथ 0-5 वोल्ट्स रेंज में वोल्टेज देने के लिए उपयोग किया जाता है और 5 mA (मिली एम्पीयर) तक विद्युत धारा दे सकता है।
02:25 'SINE' लगभग 4 वोल्ट्स आयाम पर एक नियत आवृत्ति लगभग 150 Hz देता है।
02:33 'SEN' मुख्य रूप से निम्न संयोजक सेंसर अवयवों के लिए उपयोग किया जाता है

'photo-transistors', 'Light Dependent Resistors', 'Thermistors' आदि

02:45 यह 5 वोल्ट से जुड़े हुए 5.1K आंतरिक प्रतिरोधक (Resistor) के साथ एक वोल्टेज मापने वाला टर्मिनल है।
02:52 'SQR1' और 'SQR2' टर्मिनल्स '0.7 Hertz' से '100 Kilo Hertz' तक आवृत्ति के साथ '0' से '5V' की 'Square waves' दे सकते हैं।
03:05 'OD1' सॉफ्टवेयर नियंत्रण के अंतर्गत '0V' या '5V' की तरह डिजिटल आउटपुट देता है।
03:13 'MIC' बाहरी ध्वनि स्रोत से ध्वनि लेता है।
03:18 'CCS' का मतलब है 'Constant Current Source'.
03:22 यह '3 kΩ'(किलो ओम) के एक लोड प्रतिरोधक (Resistor) के साथ '1 mA'('मिली एम्पीयर') विद्युत धारा देता है चूँकि वोल्टेज 'चार वोल्ट्स' के नीचे रखी जानी चाहिए।
03:31 'Inverting amplifier' बाहरी वोल्टेज को परिवर्धित (ऐम्प्लिफाइ) करने में उपयोग होता है।यह बाहरी 'condenser' या 'mic' आउटपुट को परिवर्धित करने में भी उपयोग हो सकता है।
03:42 यंत्र के साथ कुछ एक्सेसरीज़ (सहायक सामग्री) दी गई हैं।
03:47 एक्सेसरीज़ की सूची निम्न प्रकार है:

दो 'Piezo Electric Discs' दो 3000 मोड़ वाली कुंडली (turns coils) DC मोटर

03:56

पेंचकस (Screwdriver) चार स्थायी चुम्बकों का सेट तारों के साथ चार 'क्रोकोडाइल क्लिप्स' 'ट्रांसिस्टर'

04:05 दो 'सिलिकॉन डायोड्स'

'LDR और Thermistor' ' संधारित्र (Capacitors)'

04:12 चार 5mm 'LEDS'

चार तार 'प्रतिरोधक'

04:19 यह 'ExpEYES Junior' का 'graphical user interface' (GUI) है।GUI को 'प्लॉट विंडो' की तरह भी जाना जाता है।
04:28 'प्लॉट विंडो' के बायीं तरफ हमारे पास इनपुट टर्मिनल्स 'A1, A2, IN1, IN2, SEN, SQ1' और 'SQ2' हैं।
04:40 'ATR, WHI' और अन्य 'trigger sources' वेवफॉर्म को ठीक करने में उपयोग होते हैं।
04:48 हम 'ATR, WHI' और अन्य 'trigger sources' के बारे में चर्चा आगे आने वाले ट्यूटोरियल्स में करेंगे।
04:56 'CH1, CH2, CH3, CH4' स्लाइडर्स के साथ प्लॉटिंग 'चैनेल्स' हैं।
05:04 दायीं तरफ के 'Channel sliders' 'प्लॉट विंडो' पर उस वेव को घुमाने में उपयोग किए जाते हैं।
05:11 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। हम नीचे वाले बॉक्स में कनैक्शन की जानकारी देख सकते हैं।
05:21 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। हम पहले की तरह कनैक्शन की जानकारी देख सकते हैं।
05:29 चैनल 'CH2' से 'FIT' तक खींचें।यह 'A2' की वोल्टेज और आवृत्ति दिखाता है।
05:38 'CH2' से 'NML' तक खींचें।यह 'FIT' द्वारा दिखाए हुए डिस्प्ले को हटाता है।
05:44 'msec/div'('milli second/division') समय अक्ष (एक्सिस) दिखाता है।
05:51 'Volt/div' वोल्ट अक्ष को दिखाता है।
05:56 'Trig level' 'trigger' नियंत्रक है।
06:00 'CH2' पर क्लिक करें और 'DEL' तक खींचें। यह 'CH2' को हटाता है।
06:07 'CH1' पर क्लिक करें और 'DEL' तक खींचें। यह 'CH1' के प्रदर्शन को अक्षम (डिसेबल) करता है।
06:15 'FTR' वेव का 'Fourier spectrum' देता है।
06:20 'Setting Squarewaves' में हमारे पास कुछ इनपुट और चेकबॉक्स हैं।
06:26 इस 'input box' में हम वेव की आवृत्ति 'Hertz' में बदल सकते हैं।
06:33 यह 'phase difference- dphi' को परसेंटेज (%) में बदलने के लिए है।
06:38 'Set PVS=' इनपुट बॉक्स में हम '0' से '5V' के बीच वांछित वोल्टेज की वैल्यू प्रविष्ट कर सकते हैं। वैल्यू सेट करने के लिए एंटर दबाएँ।
06:52 'SQR1, SQR2' और 'BOTH’ चेक बॉक्सेस आवृत्ति को सक्षम करने में उपयोग होते हैं।'स्लाइडर' उपयोग करके आवृत्ति बदली जा सकती है।
07:04 'Set State' चेक बॉक्सेस 'OD1' और 'CCS' को नियंत्रित करने में उपयोग होते हैं।
07:11 'Measure C on IN1' बटन 'धारिता(Capacitance)' मापने में उपयोग होता है।
07:16 'Measure R on SEN' बटन 'प्रतिरोध(Resistance)' को मापने में उपयोग होता है।
07:21 बटन्स के नीचे हमारे पास Python कोड टाइप करने के लिए 'कमांड विंडो' है। हम 'Python' कोड के बारे में आगे के ट्यूटोरियल्स में चर्चा करेंगे।
07:31 Save Traces to बटन '.txt फ़ाइल की तरह वक्रों को 'सेव' करने के लिए है।
07:37 'LOOP' चेक बॉक्स, 'SCAN' और 'XMG' बटन्स के बारे में हम चर्चा आगे के ट्यूटोरियल्स में करेंगे।
07:45 'EXPERIMENTS' बटन परीक्षणों की सूची दिखाता है। 'Quit' बटन विंडो बंद करने में उपयोग होता है।
07:53 अब मैं यंत्र और इसके इंटरफेस को उपयोग करके ओम का नियम दिखाऊँगी।
07:59 इस परीक्षण में हम 'प्रतिरोधक(Resistor)' पर वोल्टेज की निर्भरता को दिखायेंगे और ओम का नियम प्रमाणित करेंगे।
08:09 यंत्र सिस्टम से जोड़ा गया है।
08:12 इस परीक्षण में 'PVS', '2.2 KΩ'('किलो ओम') प्रतिरोध के द्वारा 'IN1' से जोड़ा गया है। 'IN1', '1KΩ'('किलो ओम') के द्वारा ग्राउंड ('GND') से जोड़ा गया है।
08:25 यह कनैक्शन के लिए सर्किट डायग्राम है।
08:30 सॉफ्टवेयर इंटरफेस खोलें।
08:32 प्लॉट विंडो में, वोल्टेज मापने के लिए 'IN1' पर क्लिक करें।
08:37 'PVS=1 Volt' के लिए सम्बन्धित 'IN1' वैल्यू '0.309 Volt' है।

'PVS=2V' के लिए, 'IN1' की वैल्यू '0.619V' है। 'PVS=3V' के लिए, 'IN1' की वैल्यू '0.928V' है।

09:01 एक नियत कार्य में -

'PVS' की वैल्यू को 0 से 5 वोल्ट्स तक बदलें और सम्बन्धित 'IN1' वैल्यू को जांचें।

09:10 अब हम 'श्रेणी' संयोजन में प्रभावशाली प्रतिरोध(Resistance) को जाँचने के लिए एक परीक्षण करते हैं।
09:16 इस परीक्षण में हम वोल्टेज दिखायेंगे जब प्रतिरोधक(Resistor) श्रेणी में जुड़े हुए हैं।
09:23 इस परीक्षण में -

'IN1', 'CCS' से जुड़ा हुआ है, 'CCS' एक प्रतिरोधक(Resistor) के द्वारा ग्राउंड से जुड़ा हुआ है।

09:33 'प्लॉट विंडो' में 'CCS' चेक बॉक्स चुनें। वोल्टेज दिखाने के लिए 'IN1' पर क्लिक करें।
09:42 यह कनैक्शन का सर्किट डायग्राम है।
09:45 जब '1 KΩ' (किलो ओम) प्रतिरोधक(Resistor) 'CCS' और 'GND' से जुड़ा होता है तो मापी गई वोल्टेज '0.979V' है।
09:54 उसी प्रकार '560 Ω'(ओम) प्रतिरोध(Resistance) के लिए मापी गई वोल्टेज '0.543V' है।
10:02 '1 KΩ' (किलो ओम) और '560Ω'(ओम) प्रतिरोधों के श्रेणी संयोजन के लिए मापी गई वोल्टेज '1.524V' है।
10:14 अब हम समानांतर संयोजन के लिए प्रभावशाली प्रतिरोध को जाँचने के लिए एक परीक्षण करते हैं।
10:21 इस परीक्षण में हम वोल्टेज दिखायेंगे जब प्रतिरोधक समानांतर जोड़े गए हैं।
10:28 इस परीक्षण में 'IN1', 'CCS' से जुड़ा हुआ है।'CCS' एक प्रतिरोधक के द्वारा ग्राउंड ('GND') से जुड़ा हुआ है।
10:38 यह कनैक्शन के लिए सर्किट डायग्राम हैं।
10:40 'प्लॉट विंडो' में 'CCS' चेक बॉक्स चुनें। वोल्टेज दिखाने के लिए 'IN1' पर क्लिक करें।
10:49 यह परीक्षण पहले '1000Ω'(ओम) प्रतिरोधक के साथ फिर दो '1000 Ω'(ओम) प्रतिरोधकों के समानांतर संयोजन के साथ किया जाता है।
11:01 यह समानंतर संयोजन में '1000 Ω'(ओम) प्रतिरोध के लिए सर्किट डायग्राम है। 'IN1' की मापी गई वैल्यू '0.952V' है।
11:11 यह दो '1000 Ω'(ओम) प्रतिरोधकों के समानांतर संयोजन के लिए सर्किट डायग्राम है। 'IN1' की मापी गई वैल्यू '0.474V' है।
11:25 दोबारा यह परीक्षण पहले '2.2K Ω'(किलो ओम) प्रतिरोधक के साथ फिर दो '2.2 KΩ'(किलो ओम) प्रतिरोधकों के समानांतर संयोजन के साथ किया जाता है।
11:38 यह '2.2K Ω'(किलो ओम) प्रतिरोध के लिए सर्किट डायग्राम है। 'IN1' की मापी गई वैल्यू '2.132V' है।
11:48 यह दो '2.2K Ω'(किलो ओम) प्रतिरोधों के समानांतर संयोजन के लिए सर्किट डायग्राम है।'IN1' की मापी गई वैल्यू '1.063V' है।
12:03 इसे सारांशित करते हैं।
12:05 इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न करना सीखा:

पैनल पर अनेक 'टर्मिनल्स' ऐक्सेसरी यानि सहायक सामग्री का सेट और सॉफ्टवेयर इंटरफेस

12:14 हमने निम्न दिखाना भी सीखा:

ओम का नियम श्रेणी में प्रभावशाली प्रतिरोध समानांतर में प्रभावशाली प्रतिरोध और उपरोक्त परीक्षणों के सर्किट डायग्राम दिखाना।

12:29 एक नियत कार्य में श्रेणी और समानांतर प्रतिरोधकों का संयोजन उपयोग करके प्रभावशाली प्रतिरोध मापें।
12:37 यह विडिओ स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है। अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड और देख सकते हैं।
12:47 हम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाते हैं और प्रमाणपत्र देते हैं। कृपया हमसे संपर्क करें।
12:55 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट भारत सरकार के MHRD के NMEICT द्वारा निधिबद्ध है।
13:02 आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Devraj, Pratik kamble, Shruti arya