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00:02 Newborn child care यानि नवजात शिशु की देखभाल सम्बन्धी स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:06 इस ट्यूटोरियल में निम्न के बारे में सीखेंगे :-
00:09 नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें
00:12 एक नयी माँ के सामने आने वाली सामान्य समस्याएं और
00:15 उनका समाधान कैसे करें
00:18 डॉक्टर अंजली, अनीता के घर में प्रवेश करती है और उसके नवजात बच्चे पर अपनी खुशी व्यक्त करती है।
00:25 डॉ. अंजली देखती है कि अनीता अपने बच्चे को गलत तरीके से पकडे हुए है।
00:30 वह अनीता से बच्चे को पकड़ते समय सावधान रहने को कहती है।
00:35 डॉ. अंजली दिखाती है कि बच्चे के सर को कैसे सहारा दें और कैसे पकड़ें
00:41 जब बच्चे को सीधे पकड़ना हो और
00:43 जब नीचे लेटाना है।
00:45 डॉक्टर, अनीता को सलाह देती है कि बच्चे को कभी भी कठोरता से न पकड़ें
00:51 अनीता डॉक्टर से कहती है की वह इस सब के लिए नयी है।
00:55 और अपने नवजात शिशु की अच्छी देखभाल के लिए पूछती है।
01:02 डॉक्टर अंजली ख़ुशी-ख़ुशी सहमत होती है।
01:04 वो पहली और महत्वपूर्ण बात बताती है-
01:09 नवजात शिशु को लेने से पहले साबुन या राख से हाथ धोएं।
01:15 युवा शिशुओं में अभी तक सबल प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण नहीं हुआ है।
01:19 अतः, वे संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं।
01:24 अनीता डॉक्टर से पूछती है, "अपने बच्चे का कितनी बार भरण करना चाहिए" ?
01:28 डॉक्टर, अनीता को बताती है कि नवजात शिशु को प्रत्येक 2 से 3 घण्टों में भरण की ज़रुरत होती है।
01:37 वह बताती है कि स्तनपान बच्चे के स्वस्थ के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
01:43 और बच्चे के प्रतिरक्षी तंत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
01:46 और अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो बच्चे को प्रत्येक स्तन पर 10-15 मिनट तक स्तनपान करने का मौका दें।
01:56 फिर, अनीता डॉक्टर से फार्मूला-फीडिंग यानि ऊपर से खिलाने का तरीका पूछती है।
02:00 महिला डॉक्टर कहती है कि
02:02 अगर आप अपने बच्चे को उदाहरण के लिए दूध के विकल्प दे रही हैं तो बच्चा एक बार में लगभग 60-90 ग्राम तक ग्रहण कर सकता है।
02:14 फिर अनीता डॉक्टर से पूछती है कि वो अपने बच्चे को कब और कैसे नहलाए।
02:21 डॉक्टर बताती है कि शुरूआती कुछ हफ़्तों तक बच्चा बहुत नाज़ुक होता है।
02:28 वह कहती है कि वो बच्चे को तब तक गीले कपडे से पोछे जब तक
02:33 (a) गर्भनाल न निकल जाय
02:37 (b) कटा हुआ घाव न भर जाय
02:39 (c) पूरी तरह से नाभि न भर जाय।
02:43 डॉक्टर बताती है कि शुरूआती दिनों के बाद हर हफ्ते 2 से 3 बार हल्के साबुन से नहलाना बच्चे के लिए पर्याप्त है।
02:53 यह बच्चे के पहले साल के दौरान जारी रख सकते हैं।
02:56 बार-बार नहलाना त्वचा को खुष्क बना सकता है।
03:01 फिर डॉ. अंजली दिखाती है कि बच्चे के कुछ निशान हैं।
03:06 अनीता डर जाती है।
03:08 वो डॉ. से पूछती है इन निशानों की देखभाल कैसे करें।
03:13 डॉक्टर बताती है कि ये निशान गीले डाइपर के कारण होते हैं।
03:19 आगे वह कहती है कि आपको बच्चे का कपडे का डाइपर बार-बार और मल त्याग के बाद जितना जल्दी हो सके बदलना चाहिए ।
03:29 उस क्षेत्र को हलके साबुन और पानी से साफ़ करके, सूखा करें।
03:34 फिर नमी रहित रखने के लिए थोड़ा बच्चों का पाउडर लगाएं।
03:39 आगे डॉक्टर बताती है कि अगर आप कपडे का डाइपर उपयोग कर रहे हैं तो आप उन्हें कीटाणुनाशक जैसे डेटॉल के साथ गर्म पानी से धोएं।
03:49 यह भी अच्छा विचार है कि दिन में कुछ समय के लिए बच्चे को बिना डाइपर के रहने दें।
03:55 अनीता डॉ. अंजली का धन्यवाद करती है और कहती है कि वो इन बातों का ध्यान रखेगी।
04:02 यह हमें इस ट्यूटोरियल के अंत में लाता है।
04:05 निम्न लिंक पर उपलब्ध वीडियो देखें।
04:09 यह स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है।
04:12 अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं।
04:18 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टीम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाती है।
04:25 ऑनलाइन टेस्ट पास करने वालों को प्रमाणपत्र देते हैं।
04:29 अधिक जानकारी के लिए कृपया contact@spoken-tutorial.org पर लिखें।
04:39 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
04:44 यह भारत सरकार के एमएचआरडी के आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन द्वारा समर्थित है। .
04:53 इस मिशन पर अधिक जानकारी http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro पर उपलब्ध है।
05:16 आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य अब आपसे विदा लेती हूँ।
05:19 इस ट्यूटोरियल को देखने एवं सुनने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Devraj, Sakinashaikh, Shruti arya