Digital-Divide/C2/Model-Village-Hiware-Bazar/Hindi

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Time Narration
00:01 मॉडल विलेज यानि आदर्श गाँव : Hiware Bazar के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:06 इस ट्यूटोरियल में हम निम्न के बारे में सीखेंगे
00:09 1. 'Hiware Bazar' के लोगों के सामने आने वाली समस्याएँ
00:13 2. 'Hiware Bazar' की वास्तविक स्थिति और
00:16 3. इन बदलावों को लाने वाली कार्यप्रणाली
00:20 'Hiware Bazar' के लोगों के सामने आने वाली समस्याएं
00:24 'Hiware Bazar' के लोग कृषि के लिए वर्षा पर निर्भर थे।
00:29 मिट्टी का भारी कटाव भूमि की गुणवत्ता को ख़राब कर चुका था।
00:35 पीने का पानी मुश्किल से उपलब्ध था।
00:40 उनके पास पर्याप्त चारा नहीं था।
00:44 लकड़ी का ईंधन भी उपलब्ध नहीं था।
00:49 ये बहुत सी सामाजिक समस्याओं की ओर अग्रसर करता है जैसे:-
00:53 बेरोज़गारी।
00:55 लोगों को नौकरी मिलना मुश्किल हो गया था।
00:58 स्थानान्तरण
01:00 लोगों ने गाँव से स्थानांतरण शुरू कर दिया था।
01:03 और अपराध दर में वृद्धि हुई।
01:06 'Hiware Bazar' की वर्तमान स्थिति।
01:09 प्रति व्यक्ति आय 1995 में 830 रूपए से बढ़कर 2012 में 30,000 रूपए हो गयी।
01:19 गांव में 60 लखपति हैं।
01:23 गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की संख्या 1995 में 168 से 2012 में केवल 3 रह गयी।
01:34 उसी दौरान, दूध का उत्पादन 150 लीटर से बढ़कर 4000 लीटर हो गया।
01:43 साक्षरता दर 30% से बढ़कर 95% हो गयी है।
01:51 अपराध दर काफी नीचे आ गयी है।
01:54 और रोज़गार में वृद्धि हुई है।
01:57 वह कार्यप्रणाली जिससे स्थिति में सुधार हुआ।
02:00 पांच आयामी दृष्टिकोण या 'पंचसूत्री'
02:05 1.नि: शुल्क स्वैच्छिक श्रम या 'श्रमदान'
02:09 2. चराई पर प्रतिबंध या 'चराई बंदी'
02:14 3. पेड़-काटने पर प्रतिबन्ध या 'कुरहड़ बन्दी'
02:19 4.शराब पर प्रतिबन्ध या 'नशा बन्दी'
02:25 5. परिवार नियोजन या 'कुटुम्ब नियोजन'
02:30 'श्रमदान'
02:32 लोगों ने समुदाय के कल्याण के लिए एक साथ काम करना शुरू किया।
02:38 ग्रामीणों ने एक कार्य संस्कृति विकसित की।
02:42 वे पानी के प्रवाह को कम करने के लिए, पहाड़ियों के पास चैक डैम का निर्माण करने एक साथ आए ।
02:50 चैक डैम ने भूजल के स्तर को बढ़ाने में मदद की और मिट्टी के कटाव को कम किया।
02:58 'चराई बन्दी'
03:00 मवेशिओं की अधिक चराई बन्द की गयी।
03:05 अधिक चराई मरुस्थलीकरण और मिटटी के कटाव का कारण बनती है।
03:12 चराई पर प्रतिबन्ध -
03:14 घास का उत्पादन 1994-95 में 200 टन से 2001-2002 में 5000-6000 टन से भी अधिक हो गया।
03:30 'कुरहड़ बन्दी'
03:32 पेड़ों के काटने पर प्रतिबन्ध लगाया गया।
03:35 पेड़, मिट्टी के कटाव की रोकथाम में मदद करते हैं।
03:40 मिट्टी का कटाव भूमि को ख़राब करता है और इसलिए कृषि योग्य भूमि कम रह जाती है।
03:47 पेड़ बारिश के पानी को धीमा करते हैं और भूजल के स्तर को बढ़ाते हैं।
03:54 पेड़ों के अवशेष मिट्टी को उपजाऊ बनाने में उपयोगी होते हैं।
04:00 'नशा बन्दी'
04:02 22 शराब की दुकानों को बंद करा दिया गया।
04:05 तम्बाकू और शराब के सेवन कोपूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया।
04:10 ग्राम सभा ने बैंकों से अनुबंध करके उनको ऋण दिलवाया जिनकी शराब की दुकानें थीं।
04:17 अपराध की दर कम हुई।
04:20 लोग अधिक उपयोगी कार्यों में लगे, जिससे समुदाय को मदद हुई।
04:26 'कुटुम्ब नियोजन'
04:28 प्रति परिवार एक बच्चे का सख्त नियम लगाया गया।
04:33 जन्म दर प्रति हजार 11 कम हुई।
04:39 यह महिलाओं में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य के खतरे से बचाता है।
04:44 परिवार नियोजन से शिशु मृत्यु दर भी कम होती है।
04:49 यह लोगों को समर्थ बनाने और परिवार की शिक्षा को बढ़ाने में मदद करता है।
04:55 परिवार नियोजन एक दीर्घकालिक समुदाय बनाने की कुँजी है।
05:01 इस ट्यूटोरियल से यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि
05:04 गाँव का सामूहिक प्रयास एक विशाल बदलाव ला सकता है।
05:09 पंचसूत्री सिद्धांत बहुत प्रभावी साबित हुए हैं।
05:15 इन कार्यप्रणालियाँ का अनुसरण करके ऐसे कई आदर्श गाँवों का निर्माण हो सकता है।
05:21 ये हमें इस ट्यूटोरियल के अंत में लाता है।
05:24 निम्न लिंक पर उपलब्ध विडिओ देखें।
05:28 यह स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है।
05:32 अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं।
05:37 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रपोजेक्ट टीम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाती है।
05:44 ऑनलाइन टेस्ट पास करने वालों को प्रमाणपत्र देते हैं।
05:48 अधिक जानकारी के लिए कृपया contact@spoken-tutorial.org पर लिखें।
05:55 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
06:01 यह भारत सरकार के एमएचआरडी के आईसीटी के राष्ट्रीय साक्षरता मिशन द्वारा समर्थित है।
06:09 इस मिशन पर अधिक जानकारी http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro पर उपलब्ध है।
06:28 आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य अब आपसे विदा लेती हूँ।
06:31 हमारे साथ जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Devraj, Shruti arya