LaTeX-Old-Version/C2/Installing-MikTeX/Hindi

From Script | Spoken-Tutorial
Revision as of 11:09, 16 September 2014 by PoojaMoolya (Talk | contribs)

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Time Narration
00:00 इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है जिसमें आप (windows) विन्ड़ोज़ में लेटेक की स्थापना सिखेंगे।
00:08 लेटेक द्वारा तैयार किए गए डॊक्युमेंट्स उत्कृष्ठ हैं।
00:12 यदि आप अपने जीवन में कईं डॊक्युमेंट्स बनाने की इच्छा रखते हैं, तो आपको इसी समय लेटेक का प्रयोग शुरू कर देना चाहिए।
00:20 यदि आप इनमें बहुत सारा (mathematics) मॆथमाटिकस अथ्वा गणित जोड़ना चाहते है, तो लेटेक का कोई मुकाबला नहीं।
00:28 लेटेक डॊक्युमेंट्स जो एक औपरेटिंग सिस्टम पर बनाई गईं हैं, वही बिना कोई परिवर्तन के, दुसरे औपरेटिंग सिस्टमस में काम करेगी - लिनक्स और मैक सहित।
00:39 इसका विपरीत भी लागू होता है। लेटेक विनामूल्य और ओपन-सोर्स सॉफ़्टवॆयर है।
00:45 इसके अलावा, लेटेक के उत्कृष्ट उपयोगकर्ता समुदाय हर संदेह को मिटाने में सहायता देगा। उदाहरण के लिए – (tug india) “टग-इंड़िया” पर जाएं।


00:55 मौदगल्या डॉट ओ-आर-जी साइट पर आप निम्नलिखित ट्युटोरियलस पाएँगे।
01:00 कृपया इस सूची के पहले ट्युटोरियल – (what is compilation) “वॉट इज़ कॉम्पाइलेश्न” - का अभ्यास करें और उसके बाद ही इस ट्युटोरियल को देखें।
01:09 अक्सर, इंटरनॆट की खोज, जानकारी का सर्वोत्तम स्रोत है।
01:14 आप भविष्य में लेटेक के लिए समर्थन (http://fossee.in) एच-टी-टी-पी फॉस्सी डॉट इन पर पाएंगे।
01:21 ध्यान रहे कि फॉस्सी में दो “ई” और दो “एस” हैं।
01:25 फॉस्सी का पूर्ण रूप फ़्री एंड़ ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर इन सायन्स एंड़ ऐंजिनीयरिंग ऐड्युकेशन है।


01:32 अब मैं आपको विन्ड़ोज़ में लेटेक का उपयोग समझाती हूँ।
01:36 मैं मिक्टेक की स्थापना से शुरु करती हूँ, जो कि लेटेक का मुफ्त वितरण है।
01:42 उसके बाद टेक-सेंटर जो मिक्टेक का (front end) फ़्रंट-एंड़ है।
01:47 मैं आपको टेक-सेंटर के प्रयोग से संचय करना और (adobe reader) अड़ोबी-रीड़र की सहायता से उसका अवलोकन करना सिखाऊँगी। उसके बाद मैं एक वैकल्पिक पी-ड़ी-एफ़ रीड़र (Sumatra) “सुमात्रा” के साथ समाप्त करुँगी।
02:03 मिक्टेक विन्ड़ोज़ पर लेटेक की एक लोकप्रिय स्थापना है। (miktek.org) मिक्टेक डॉट और्ग पर, (version 2.7) यानि संस्करण दो दशमलव साथ का पता लगाएँ।
02:16 चलिए, वहाँ चलें।
02:28 आप इसे डाउनलोड़ कर सकतें हैं।
02:36 डाउनलोड़ करने के बाद, कमप्युटर पर उसे सुरक्षित करें ताकि आप शुरुआत में इसे कई बार उपयोग कर सकते हैं। इस फ़ाइल का नाम यहाँ दिया गया है।
02:48 इस फ़ाइल की साइज़ करीब तिरासी मेगा-बाइट्स (83MB) है।
02:52 मिक्टेक का पूर्ण संस्करण काफ़ी बड़ा है, करीब नौ सौ मेगा-बाइट्स (900 MB) - इसलिए हम इसका सुझाव नहीं देंगे।
03:00 यदि आपके पास अच्छा संपर्क नहीं है, तो एक (cd) सी-डी का उपयोग करें जो भविष्य में (fosse.in) “फॉस्सी डॉट इन” पर प्राप्त होगा।
03:09 मैंने इस स्थापना को (my downloads directory) “माय डाउनलोड़्स ड़िरेक्टरी” में सुरक्षित कर दिया है और मैं अब इसे खोलती हूँ।
03:21 मैंने इसे डाउनलोड़ कर दिया है। अब इसकी (icon) आइकॉन पर क्लिक करके मैं इसकी स्थापना करूँगी।
03:29 व्यक्तिक्रम उत्तर दें। इसे स्थापित करने में करीब बीस मिनीट लगता है, इस लिए मैं इसे यहाँ नहीं दिखाऊँगी।
03:38 मैंने इसे स्थापित कर दिया है और इस जगह पर इसकी स्थापना हुई है।
03:45 अगला अड़ोबी-रीड़र, यह एक फ़्री यानि निशुल्क रीड़र है जो (pdf file) पी-ड़ी-एफ़ फ़ाइल का प्रदर्शन करता है।
03:53 आपके सिस्टम में यह पहले से मौजुद होगा। यदि ऐसा है, तो आप इस भाग को छोड़ सकतें हैं।
04:02 यदि आप के सिस्टम में यह नहीं है, तो (adobe.com) अड़ोबी डॉट कॉम में जाएं। फ़्री अड़ोबी रीड़र को डाउनलोड़ करें।
04:10 मैंने इसे (my downloads directory) माय डाउनलोड़्स ड़िरेक्टरी में डाउनलोड़ करके सुरक्षित कर दिया है।
04:16 यह यहाँ पर है। उसे ड़बल-क्लिक करके इसकी स्थापना करेंगे। व्यक्तिक्रम उत्तर स्वीकार्य हैं।
04:27 मैंने पहले ही यह किया है। अब हम विन्ड़ोज़ में टेकनिक सेंटर को स्थापित करेंगे। (texniccentre.org) “टेकनिक सेंटर डॉट ओ-आर-जी” पर जाएं – ध्यान दें कि टेकनिक सेंटर में दो “सी” हैं।
04:43 ठीक है, देखती हूँ कि यह मेरे पास है कि नहीं। यह यहाँ।
04:56 तो यहाँ पर टेकनिक सेंटर ड़ाउनलोड़ ड़ाइरेक्टरी है।
05:02 और अगर हम यहाँ नीचे जाएं, देख रही हूँ कि हम वापस टेकनिक सेंटर डॉट ओ-आर-जी में जा रहें हैं।
05:15 जैसे हम यह कर रहें हैं, हम वापस – ओह – यह यहाँ देखिए - टेकनिक सेंटर का (homepage) होम-पेज।
05:26 आप देख सकतें हैं कि यह टेकनिक सेंटर की जानकारी दे रही है।
05:34 अपने लेटेक ब्रह्मांड़ के केंद्र, इत्यादि।
05:39 अब आप को ड़ाउनलोड़ की लड़ी पर क्लिक करना है, यह पिछले पन्ने पर है। वहाँ जाने पर, सबसे पहली कड़ी पर क्लिक करें और ड़ाउनलोड़ करें।
05:53 मैंने इसे ड़ाउनलोड़ कर दिया है। तो आप इसे ड़ाउनलोड़स ड़िरेक्टरी में देख सकते हो जिसमें मैंने ड़ाउनलोड़ किया है।
06:06 अब हम ऐसा करेंगें, हम यहाँ वापस जाएंगे, ड़ाउनलोड़ पर क्लिक करेंगें।
06:18 यह आपको डाउनलोड़स की सूची पर ले जाएगा जिसका उल्लेख मैंने पहले किया था।
06:24 आपको टेकनिक सेंटर (installer) इंस्टॉलर की आवश्यकता है जो सूची में पहला है।
06:29 क्लिक करें – आपको शायद डाउनलोड करने के लिए एक (mirror) मिरर का चुनाव करना पड़े।
06:35 डाउनलोड करने के बाद, उसे सुरक्षित करें ताकि आप चाहें तो भविष्य में इसे पुनः स्थापित कर सकते हैं।
06:43 जैसे के मैंने पहले उल्लेख किया था – मैंने इसे अपने ड़ाउनलोड़ ड़िरेक्टरी में सुरक्षित कर दिया है।
06:50 अब हम इसे डबल क्लिक करके और (default) डिफ़ॉल्ट यानि व्यक्तिक्रम उत्तर देते हुए स्थापित करेंगे।
06:57 तो मैं वहाँ जा रही हूँ। डाउनलोड में जाएंगे। ठीक है – आगे बढ़ते हैं। (GPL Agreement) जी-पी-एल अग्रिमेंट को स्वीकार करतें हैं।
07:08 और अब इसकी स्थापना करतें हैं।
07:24 यह अब स्थापित हो रहा है।
07:36 टेकनिक सेंटर की स्थापना होने पर डैस्कटौप पर एक शोर्टकट दिखाई देगी।
07:43 डैस्कटौप के इस टेकनिक सेंटर आइकन पर डबल-क्लिक करें और उसे आरम्भ करें।
07:50 ठीक है – डैस्कटौप यहाँ है।
07:53 मैं इसे आरम्भ करती हूँ। इसे बंध कर देती हूँ। अब हम इसे (configure) कौंफ़िगर करते हैं।
08:12 यहाँ कहाँ गया है कि उस जगह का नाम दिया जाएं जहाँ (tex distribution) “टेक डीस्ट्रिब्यूशन” स्थित है। मुझे पता है कि यह कहाँ है।
08:22 तो अब मैं उसे दर्ज़ करती हूँ। (c: programfiles/miktex 2.7/miktex/bin) “सी कोलन, प्रोग्राम फ़ाइल्स, मिक्टेक 2.7, मिक्टेक, बिन”।
08:38 बेशक आप भी इसे ब्राउज़ कर सकते हैं और ड़िरेक्टरी को ढूँढ सकते हैं।
08:45 ठीक है, मैं अगले पन्ने पर आ गई हूँ। यह (post-script-viewer) “पोस्ट-स्क्रिप्ट-व्यूवर” है। मैं इसे स्वीकार करती हूँ।
08:53 यहाँ कुछ भी दर्ज़ नहीं करेंगे। अब यहाँ पर मैं ब्राउज़ करके उस ड़िरेक्टरी को स्थापित करूँगी जहाँ अड़ोबी-रीड़र स्थित है।
09:10 यहाँ यह (program files/adobe reader 9.0/ reader) “प्रोग्राम फ़ाइल्स, अड़ोबी-रीड़र 9.0, रीड़र”, अब उस पर क्लिक करूँगी। अब इसका चुनाव हुआ है।
09:26 अब मैं (finish) “फ़िनिश” पर क्लिक करूँगी। ठीक है, अब टेकनिक सेंटर कौंफ़िगर हो गया है।
09:38 अब मैं इसे छोटा कर देती हूँ ताकि आप को सब कुछ साथ में दिखें। i t “आइ-टी” यहाँ आ गया है।
09:50 चलिए, इसे थोड़ासा बड़ा कर देती हूँ। अब यह उपयोग के लिए तैयार है।
10:03 अब यहाँ वापस आ जाते हैं। वह एक टिप्पणि देगा, उसे बंध करें। आगे, वह एक (configuration menu) “कौंफ़िगरेशन मैन्यू” को खोलेगा और लेटेक डीस्ट्रिब्यूशन को स्थापित करने का संकेत देगा।
10:17 मिक्टेक की सीफ़ारिश भी करेगा। मैंने इसे पहले ही किया है। (next button) “नेक्स्ट बटन” पर क्लिक करें।
10:24 आपसे उस फ़ोल्ड़र का पता पुछा जाएगा जहाँ मिक्टेक के (binary files) “बायनरी फ़ाइल्स” स्थित है।
10:31 मैंने इसे भी पहले दर्ज़ किया है। मेरे ड़िरेक्टरी में यह यहाँ पर स्थित है।
10:37 मैंने इसे हस्त-दर्ज़ किया है। (p s files)
10:41 “पी-एस फ़ाइल्स” – यहाँ कुछ भी दर्ज़ नहीं करना है। इसके बाद मैंने ब्राउज़ करके (acrobat pdf reader) “एक्रोबॅट पी-ड़ी-एफ़ रीड़र” को ढूँढ निकाला है।
10:50 अब टेकनिक सेंटर उपयोग के लिए तैयार है। कृपया मौदगल्या ड़ॉट ओ-आर-जी साइट पर पाए जाने वाला स्पोकन ट्यूटोरियल – (what is compilation) “वॉट इज़ कम्पाइलेशन” – का परामर्श करें, अगर आपने अब तक न किया हो।
11:04 ट्यूटोरियल में आगे मैं यही मान कर चलूँगी कि आप इसका परामर्श कर चुके हैं।
11:10 आइए, टेकनिक सेंटर में जाते हैं और फ़ाइल मैन्यू पर क्लिक करते हैं।
11:15 अब, क्या करें? अगर आप नया फ़ाइल बनाना चाहते हैं, तो new “न्यू” पर क्लिक करें, टाइप करें और सुरक्षित करें।
11:25 मेरे पास पहले से ही (hello.tex) “हैलो ड़ॉट टेक” है और मैं उसे लोड़ करती हूँ।
11:30 अब मैं ऐसा करती हूँ, यहाँ जाती हूँ, फ़ाइल – ओपन – यह लेटेक फ़ाइल्ज़ में है -
11:47 हैलो ड़ॉट टेक। आइए, इसे खोलतें हैं।
11:54 अच्छा, यहाँ वापस आ जाते हैं। टेकनिक सेंटर का सबसे उत्तम हैल्प या सहायता उसी के साथ आता है।
12:03 एक और उत्तम स्रोत है (texniccentre.org) “टेकनिक सेंटर ड़ॉट ओ-आर-जी”, जो हम पहले देख चुके हैं।
12:09 अबी हम हैल्प पर जाएंगे, (contents) “कोन्टेंट्स” पर क्लिक करेंगे और टेकनिक सेंटर एवं लेटेक के लिए सहायता पाएंगे। यानि, मैं कहना चाहती हूँ – यहाँ आती हूँ, यहाँ हैल्प है - कोन्टेंट्ज़ है।
12:30 इसका मतलब है कि दो चिज़ों के लिए हैल्प यानि सहायता उपलब्द है - टेकनिक सेंटर एवं लेटेक (e-help book) इ-हैल्प बुक के लिए।
12:41 अगर मैं इस पर क्लिक करती हूँ, तो बहुत सारे विषय दिखाई देंगें।
12:46 आप यहाँ भी क्लिक कर सकते हो और आप यहाँ बहुत सारे विषय देखेंगे – उदाहरण के लिए, (latex maths) लेटेक मैत्स और (graphics) ग्राफ़िक्स देखेंगे।
12:56 मैत्स – इस में आपको बहुत सारे विषय दिखाई देगा जैसे (fractions, matrices) फ़्राक्शन्ज़, मेट्रिसज़ और अन्य विषय भी। इसे बंध करती हूँ।
13:08 (advanced latex environments) एड़वान्स्ड़ लेटेक एन्वायरमेंटज़ – यहाँ (alignments) अलाइनमेंटज़, (environments) एन्वायरमेंटज़, (array) ऐरे, (pictures) पिक्चरज़, maths मैत्स और कई अन्य विषय हैं। इसे भी बंध करती हूँ। ठीक है, अब यहाँ आ जाती हूँ।


13:29 टेकनिक सेंटर के लिए हैल्प – पहला – फ़ोंट, रूप और आकार पर सहायता देता है।
13:36 टेकनिक सेंटर को कौंफ़िगर करने में यह सहायता देता है।
13:40 कभी-कभी वहाँ (manual) मैनुअल और वास्तविक क्रियान्वयन के बीच फ़र्क हो सकता है, तब आप सहायता पाने के लिए इंटरनेट की खोज करें।
13:50 वास्तव में, यह सबी ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर प्रणालियों में प्रमाणित तरीका है - किसी को पूछना, वे जवाब देंगे।
13:58 दुसरा – लेटेक-संबंधित सहायता है – रिपोर्ट की संरचना कैसे करें, गणित को कैसे शामिल करें, (list environment) लीस्ट एन्वायरमेंट को कैसे शामिल करें, इत्यादि।
14:08 बेशक, इंटरनेट की खोज भी एक बेहतरीन चुनाव है।
14:12 अब यहाँ वापस आते हैं और फ़ोंट की आकार को बढ़ातें हैं।
14:19 यह यहाँ है – (tools options text format) “टूल्ज़, ओपशनज़, टेक्स्ट फ़ोरमैट”।
14:33 मैं बारह दर्ज़े का चुनाव करती हूँ।
14:40 ठीक है – आप देख सकतें हैं कि आकार अब बढ़ा है।
14:46 मैंने फ़ोंट को बढ़ा कर दिया। हमने यह कर दिया। अब अगर आप चाहें, तो पंक्ति की संख्या को शामिल कर सकते हैं।
14:55 तो यहाँ वापस आ जातें हैं – (tools options, editor, show line numbers) “टूल्ज़, ओपशनज़, एड़िटर, शो लाइन नम्बर्ज़”।
15:11 आप देख सकतें हैं कि यहाँ लाइन नम्बर्ज़ यानि पंक्ति की संख्या दिखाई देती है।
15:16 चलिए, आगे बढ़ते हैं और डॉक्यूमेंट का संचालन करतें हैं। (latex to pdf) “लेटेक टू पी-ड़ी-एफ़” इस विकल्प का चुनाव करें।
15:25 आइए, यह करें - लेटेक टू पी-ड़ी-एफ़। अब एक साथ (ctrl+shift+f5 keys) “कंट्रोल-शिफ़्ट-एफ़ फ़ाइव कीज़” को दबाएं। मैं यह करती हूँ।
15:42 कंट्रोल-शिफ़्ट-एफ़ फ़ाइव कीज़ को एक साथ दबाने से क्या होगा? ऐसा करने से संचय होगा और परिणामी पी-ड़ी-एफ़ फ़ाइल दिखाई देगी।
15:53 उसमें केवल एक ही पंक्ति होगा। आइए, ऐसा करते हैं - कंट्रोल-शिफ़्ट-एफ़ फ़ाइव।
16:00 आप देख सकतें हैं कि वह संचय कर रहा है। और अब वह एक पी-ड़ी-एफ़ रीड़र को खोल देता है।
16:09 मैं उसे यहाँ लाती हूँ। उसे बढ़ा कर देती हूँ।
16:17 आप यहाँ केवल एक ही पंक्ति देख सकतें हैं।
16:21 आप इस फ़ाइल को परिवर्थित करके, संचय करके उसमें परिणाम देख सकतें हैं।
16:27 अब मैं हैलो ड़ॉट टेक और हैलो ड़ॉट पी-ड़ी-एफ़ को बंध करती हूँ। हम यह बाद में करेंगे।
16:34 अब मैं आपको अड़ोबी-रीड़र की एक ऋठि समझाती हूँ।
16:38 इसे समझाने के लिए, मैं रीपोर्ट डॉट टेक फ़ाइल को लोड़ करती हूँ।
16:43 इस फ़ाइल को मैंने रीपोर्ट राइटींग की स्पोकन ट्यूटोरियल बनाने के लिए प्रयोग किया था और यह मौदगल्या ड़ॉट ओ-आर-जी पर उपलब्द है।
16:53 तो अब मैं यह करती हूँ। इसे बंध करती हूँ और रीपोर्ट डॉट टेक को खोलती हूँ।
17:01 तो अब मैं इसे यहाँ ले जाती हूँ ताकि मुझे यह कुछ और दिखे।
17:14 अब सब से पहले क्या करेंगें – इसे (compile) कम्पाइल करेंगे ctrl, shift और f5 को साथ में दबाकर।
17:22 यह अब कम्पाइल हो गया और एक पन्ने का रीपोर्ट आ गया।
17:27 मैं इसे यहाँ ले जाती हूँ और इसे थोड़ा बड़ा करती हूँ। ठीक है, अब क्या?
17:42 हमने यह कर दिया है इस लिए अब हम यह करेंगे – हम इस ड़ॉक्यूमेंट के क्लास को (report class) “रीपोर्ट क्लास” बनाएंगे।
17:54 यह रहा – (article class) “आर्टिकल क्लास” – इसे मिटा देती हूँ और बदले में रीपोर्ट टाइप करती हूँ।
18:02 सुरक्षित करके संचय करती हूँ - ctrl, shift और f5. ठीक है, अब यह दो पन्नों पर आ गया है।
18:10 इसे पिछे लेते हैं - थोड़ा बड़ा करतें हैं और दुसरे पन्ने पर जातें हैं।
18:23 यह रहा दुसरा पन्ना।


18:26 जैसे कि हमने देखा, यह दो पन्नों पर आ गया है और ध्यान दें कि आप दुसरे पन्ने को देख रहे थे।
18:34 आइए, इसे दोबारा संचय करें। इसे हम बंध कर सकतें हैं क्योंकि हमें यह अब नहीं चाहिए।
18:41 रीपोर्ट डॉट पी-ड़ी-एफ़ के भीतर जातें हैं। ठीक है, मैं कहना चाहती हूँ कि मैं दुसरे पन्ने को देख रही हूँ ।
18:57 आप इसे देख सकतें हैं – यह दुसरा पन्ना है। हम दुसरे पन्ने को देख रहें हैं।
19:09 अब यहाँ वापस आ जातें हैं और इसे दोबारा संचय करतें हैं।
19:13 ctrl, shift और f5 और आप देख सकतें हैं कि यह दोबारा खुल जाता है लेकिन पहले पन्ने को दिखाता है।
19:22 यही बात मैंने अबी कहा था कि यह पहले पन्ने को खोलता है।
19:27 हम दुसरे पन्ने को देख रहे थे लेकिन संचय करते ही यह पहले पन्ने पर आ गया है।
19:34 यह एक समस्या है – अड़ोबी-रीड़र को याद नहीं रहता कि हम किस पन्ने पर थे।
19:40 बड़े ड़ॉक्यूमेंटज़ के लिए यह एक गमबीर समस्या हो सकती है।
19:44 अगर आप अड़ोबी-रीड़र का प्रयोग करेंगे तो संचय के बाद फ़ाइल हमेशा पहले पन्ने पर ही आएगी।
19:52 बड़े ड़ॉक्यूमेंटज़ के लिए यह एक समस्या है। पी-ड़ी-एफ़ रीड़र सुमत्रा इस समस्या को सुलजा सकता है।
20:00 सुमत्रा स्वचलित रूप से पी-ड़ी-एफ़ फ़ाइल को ताज़ा करती है और इसके अलावा उस पन्ने को याद रकती है जिसे आखिर में देखा था।
20:10 और सुमत्रा निशुल्क और ओपन सोर्स है।
20:13 सुमत्रा रीड़र को ढूँढने पर आप इस पन्ने में पहुँचेंगे जो मैं आपको थोड़ी देर में दिखाऊँगी।
20:21 यह रहा अब इस ड़ाउनलोड़ पन्ने पर जाएं और यह आप को वह फ़ाइल दिखाती है जिसकी स्थापना करनी है। यह
20:30 करीब (1.5Mb) ड़ेड़ एम-बी का है और मैंने इसे ड़ाउनलोड़ कर दिया है। तो अब मैं इसे बंध करती हूँ और यहाँ आती हूँ।
20:40 यहाँ चलते हैं – अगले पन्ने पर। अब हम आइकन पर ड़बल-किल्क करेंगे और व्यक्तिक्रम उत्तर देते हूए इसकी स्थापना करेंगे।
20:50 अब मैं यह करती हूँ। ड़ाउनलोड़्ज़ में जाती हूँ – मैंने सुमत्रा को पहले ही ड़ाउनलोड़ किया है। अब उसकी स्थापना करती हूँ। ठीक है – (install) “इंस्टॉल”।
21:03 हाँ – यह स्थापिथ्त हो गया। बंध करतें हैं।
21:08 सुमत्रा की स्थापना हो गई।
21:13 अगले पन्ने पर जाएंगे – तो मेरे सिस्टम में यह प्रोगाम फ़ाइलज़ में स्थापिथ्त हुआ है - सुमत्रा डॉट पी-ड़ी-एफ़।
21:24 पहले आपको टेकनिक सेंटर को यह बताना होगा कि सुमत्रा का प्रयोग करें, इस लिए (build) “बिल्ड़” पर जाएं और (output profiles) “आउटपुट प्रोफ़ाइल” को स्पष्ट करें।
21:34 हम यह सब करेंगें। फ़िर (viewer) “व्यूवर” पर। इस स्थान पर यह है।
21:39 आइए, इसे ढ़ूँढतें हैं। वासतव में हमें यह नहीं चाहिए। मैं इसे बंध करती हूँ।
21:49 यह टेकनिक सेंटर है, तो बिल्ड़, आउटपुट प्रोफ़ाइल को स्पष्ट करें और व्यूवर पर जाएं।
21:57 तो यह अड़ोबी की ओर इशारा करता है। मान लीजिए कि मुझे इसे बदलना है।
22:02 ठीक है – तो यहाँ वापस आतें हैं। यहाँ आतें हैं। यहाँ आतें हैं।
22:09 प्रोग्राम फ़ाइलज़ में हम सुमत्रा को देखते हैं। यह रहा। और आपको इसका जिक्र करना है।
22:21 ठीक है। तो अब यह हो गया। अब से यह सुमत्रा के प्रयोग से संचय करेगा।
22:27 तो हमने यह किया – हमने ब्राउज़ किया, फ़ाइल को ढ़ूँढा और अब हम सुमत्रा का प्रयोग करने के लिए तैयार है। अड़ोबी-रीड़र को बंध करती हूँ।
22:28 आइए, (ctrl f7) कंट्रोल और एफ़ सेवन को साथ में दबाकर रीपोर्ट डॉट टेक का संचय करतें हैं।
22:46 हम कंट्रोल और एफ़ सेवन को दबाएंगे न कि पहले जैसे। कंट्रोल और एफ़ सेवन और इसका संचय हो गया है।
22:56 अब आगे क्या करें? रीपोर्ट डॉट पी-ड़ी-एफ़ को ढ़ूँढतें हैं। उसे सुमत्रा के प्रयोग से खोलतें हैं।
23:04 आइए, लेटेक फ़ाइल में जातें हैं - रीपोर्ट डॉट पी-ड़ी-एफ़ यहाँ है। तो मैं इसे सुमत्रा के प्रयोग से खोलती हूँ।


23:17 ठीक है – यह है सुमत्रा। मैं इसे ज़रासा ऊपर लेती हूँ। आइए, दुसरे पन्ने पर जातें हैं।
23:27 ठीक है – यह पहला पन्ना है और यह दुसरे पन्ने पर इस तरह से जाएंगें।
23:42 तो अब ऐसा करतें हैं – हम दुसरे पन्ने पर आ गएं हैं – अब पाठ में एक पंक्ति जोड़तें हैं।
24:04 मैं अब एक पंक्ति जोड़ती हूँ – (added line) “एड़ेड़ लाइन”। सुरक्षित करती हूँ और कंट्रोल और एफ़ सेवन को दबाती हूँ।
24:16 और आप रीपोर्ट डॉट पी-ड़ी-एफ़ में यह देख सकते हैं कि प्रष्ठ संख्या वही है।
24:22 वासतव में मैंने यह किया – यह पहले से ही मौजुद था – तो आप को यकीन दिलाने के लिए – मैं इसे छोटा करती हूँ ताकि मुझे यह दोनों साथ में दिखे।
24:35 ठीक है - मैं अब ऐसा करती हूँ – इसे मिठा देती हूँ, सुरक्षित करती हूँ और कंट्रोल और एफ़ सेवन से संचय करती हूँ। अब इसे खोलते हैं और यह चला गया है।
24:52 वासतव में मैं ऐसा भी कर सकती हूँ – मैं (chapter new) चापटर न्यू में जा सकती हूँ।
25:00 मैं इसे बंध करती हूँ, सुरक्षित करती हूँ और कंट्रोल और एफ़ सेवन से संचय करती हूँ।
25:08 आइए, यहाँ चलतें हैं – अब हमें तीन पन्ने नज़र आतें हैं।
25:14 लेकिन हम दुसरे पन्ने पर हैं क्यूँकि हम शुरुवात में दुसरे पन्ने पर ही थे।
25:19 अब हम तीसरे पन्ने पर जाएंगे और फ़िर से संचय करतें हैं।
25:25 यहाँ वापस आतें हैं और यह बिलकुल ही बदला नहीं है। यही सुमत्रा की खासियत है।
25:32 ठीक है – हमने यह सबी कार्य किए हैं – आइए दोबारा इसे देखें।
25:37 पी-ड़ी-एफ़ फ़ाइल अपने आप ही बदलती है – आपको कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है।
25:43 और महत्त्वपुर्ण बात यह है कि यह वही पन्ना दिखाता है। एक (appendix) अपेंड़िक्स को जोड़ेते है, कंट्रोल और एफ़ सेवन से संचय करेते है – इसे में तीन पन्ने हैं।
25:55 तो हम तिसरे पन्ने पर जाएंगें और पुनः संचय करेंगे। यह तिसरे पन्ने पर ही रहेगा।
26:01 अब आगे क्या? हमने केवल मिक्टेक और लेटेक के basic बेसिक यानि बुनियादी पाठंतर को स्थापित किया है। बेशक, आप इसके प्रयोग से काफ़ी कुछ कर सकतें हैं।
26:13 लेकिन कुछ (packages) पैकेजज़ यहाँ उपलब्ध्द नहीं है – इस सूची में कुछ नाम दिएं हैं।
26:19 और (beamer) बीमर जैसे कुछ महत्त्वपुर्ण पैकेजज़ भी नहीं है। इन (missing) मिसींग यानि अनुपस्थित पैकेजज़ को जोड़ने की प्रक्रिया अगले स्लाइड़ में है।
26:30 बुनियादी मिक्टेक को स्थापित करने के तुरंत बाद, उसे (update)अपडेट यानि नवीनतम बनाएं।
26:36 (start) स्टार्ट बटन पर क्लिक करें जो (task bar) टास्क बार में है – नीचे की तरफ़ बाएँ हाथ के कोने में।
26:41 अब प्रोगाम पर क्लिक करें और फ़िर मिक्टेक पर। (update) अपड़ेट पर क्लिक करें, (mirror) मिरर को चुनें, (prox-t) प्रोक्स टी, वगैरा – ज़रुरत के हीसाब से वह नवीनतम हो जाएगा।
26:51 उसके बाद, टेकनिक सेंटर का प्रयोग करें जैसे इस ट्यूटोरियल में समझाया गया है।
26:58 जब कोई पैकेज अनुपस्थित हो, तो उसे स्थापिथ्त करने के लिए मिक्टेक आप को प्रोत्साहित करेगा।
27:05 आप उसे इंटरनेट से स्थापिथ्त कर सकते हो। या फ़िर आप एक (cd distribution) “सी-ड़ी ड़िस्ट्रिब्यूशन” से भी यह कर सकते हो।
27:13 पहले सारे फ़ाइलज़ को (hard disk) हार्ड डिस्क पर (copy) कौपी करें और फ़िर वहाँ से उसे स्थापिथ्त करें।
27:20 सी-ड़ी से स्थापिथ्त करने में कुछ दिक्कतें हैं – इस स्थापना के लिए हार्ड डिस्क पर करीब एक एम-बी (1MB) की जगह की आवश्यकता है।


27:29 अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए, प्रयोगकरता समुदाय से सम्पर्क करें। उदाहरण के लिए – टग इंडिया।
27:36 हम फ़ोसी डॉट इन द्वारा कुछ हद्द तक सहायता देने की कोशिश करेंगे।
27:42 भविष्य में हम लेटेक पर कईं स्पोकन ट्यूटोरियलज़ जोडना चाहेंगे।
27:48 यहाँ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ।
27:51 इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद।
27:53 कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” पर भेजें।
27:59 आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं नॆन्सी आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।

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Nancyvarkey, PoojaMoolya, Pratibha