Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Vegetarian-recipes-for-7-month-old-babies/Hindi"
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− | | इस ट्यूटोरियल में हम | + | | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे- सात महीने के शिशुओं के लिए पूरक आहार क्यों जरूरी है |
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− | | 00: | + | | 00:17 |
− | | शाकाहारी | + | | शाकाहारी खाना, जैसे कटहल के बीजों का दलिया बनाने का तरीका |
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| कुलीथ और चौलाई के पत्तों का दलिया | | कुलीथ और चौलाई के पत्तों का दलिया | ||
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| राजगिरा और लोबिया का दलिया | | राजगिरा और लोबिया का दलिया | ||
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− | | मेथी के पत्तों का दलिया और कोदरा के साथ चने का दलिया | + | | मेथी के पत्तों का दलिया |
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+ | |और कोदरा के साथ चने का दलिया | ||
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− | | इसलिए उसकी ऊर्जा की जरूरत भी | + | | इसलिए उसकी ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ती है। |
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| 01:16 | | 01:16 | ||
− | | | + | | आधा कप पूरक आहार तकरीबन 125 मिलीलीटर या फिर आठ बड़े चम्मच होता है। |
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− | | याद से घोटा हुआ या पिसा हुआ ही खाना दें। | + | | पर याद से घोटा हुआ या पिसा हुआ ही खाना दें। |
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| कढ़ी पत्तों का पाउडर और सहजन के पत्तों का पाउडर। | | कढ़ी पत्तों का पाउडर और सहजन के पत्तों का पाउडर। | ||
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− | | 02: | + | | 02:16 |
| पर जब तक शिशु एक साल का ना हो तब तक उसके खाने में नमक न डालें। | | पर जब तक शिशु एक साल का ना हो तब तक उसके खाने में नमक न डालें। | ||
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| फिर एक बर्तन में डालकर उसके ऊपर तक पानी डालें। | | फिर एक बर्तन में डालकर उसके ऊपर तक पानी डालें। | ||
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− | | 03: | + | | 03:05 |
| और प्रेशर कुकर में 5 से 6 सीटी लगवाएं। | | और प्रेशर कुकर में 5 से 6 सीटी लगवाएं। | ||
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− | | बाद में | + | | बाद में बीज को प्लेट पर रखकर ठंडा होने दें। |
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− | |03: | + | |03:15 |
| फिर उनका बाहरी छिलका निकाल दें | | फिर उनका बाहरी छिलका निकाल दें | ||
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− | | कटहल के बीजों और केले को मिलाकर फिर से | + | | कटहल के बीजों और केले को मिलाकर फिर से घोटलें । |
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| और दाने और बीजों का पाउडर भी डालें। | | और दाने और बीजों का पाउडर भी डालें। | ||
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| ये दलिया इन सभी से भरपूर है- | | ये दलिया इन सभी से भरपूर है- | ||
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− | | | + | | ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
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|04:06 | |04:06 | ||
− | | अगला सीखेंगे | + | | अगला सीखेंगे कुलीथ और चौलाई के पत्ते का दलिया। |
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| 04:11 | | 04:11 | ||
− | | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच | + | | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच कुलीथ का पाउडर |
दो कप धुले हुए चौलाई के पत्ते | दो कप धुले हुए चौलाई के पत्ते | ||
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|04:24 | |04:24 | ||
− | | पहले | + | | पहले कुलीथ को 7 से 8 घंटों के लिए पानी में भिगो लें। |
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| 04:47 | | 04:47 | ||
− | | अंकुरित | + | | अंकुरित कुलीथ को धूप में एक या दो दिन सुखाएं। |
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| 04:58 | | 04:58 | ||
− | | फिर पीसकर पाउडर बना लें। | + | | फिर पीसकर पाउडर बना लें। इस पूरे तरीके को माल्टिंग कहते हैं। |
− | + | ||
− | इस | + | |
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| और उसमें चौलाई के पत्ते डाल दें। | | और उसमें चौलाई के पत्ते डाल दें। | ||
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− | |05: | + | | 05:22 |
− | | अब दो बड़े चम्मच पानी | + | | अब दो बड़े चम्मच पानी कुलीथ के पाउडर में डालें। |
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| 05:37 | | 05:37 | ||
− | | अब | + | | अब घोटें हुए चौलाई के पत्ते इसमें डाल कर अच्छे से मिलाएं। |
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| 05:52 | | 05:52 | ||
− | | फिर आंच से उतार लें। | + | | फिर आंच से उतार लें। कुलीथ और चौलाई के पत्तों का दलिया तैयार है। |
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| 05:59 | | 05:59 | ||
| इस दलिया में ये सभी हैं - प्रोटीन | | इस दलिया में ये सभी हैं - प्रोटीन | ||
− | ओमेगा थ्री | + | ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
− | फैटी एसिड | + | |
कैल्शियम | कैल्शियम | ||
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− | | 06: | + | | 06:05 |
| फॉस्फोरस आयरन और पोटैशियम। | | फॉस्फोरस आयरन और पोटैशियम। | ||
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|06:20 | |06:20 | ||
− | | हमेशा फलियों के साथ साथ ज्वार | + | | हमेशा फलियों के साथ साथ ज्वार,नाचनी, कोदरा और अनाज मिलाकर ही पकाएं। |
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| 06:35 | | 06:35 | ||
− | | आप | + | | आप शिशु के खाने में माल्टिंग किया हुआ अनाज का पाउडर या फिर ज्वार या नाचनी का पाउडर मिला सकते हैं। |
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| 06:42 | | 06:42 | ||
− | | आप | + | | आप दलिये में पका कर घुटा हुआ अंकुरित ज्वार या नाचनी भी मिला सकते हैं। |
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| 06:48 | | 06:48 | ||
− | | तीसरा हम सीखेंगे | + | | तीसरा हम सीखेंगे राजगिरा और लोबिया का दलिया। |
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| 06:53 | | 06:53 | ||
− | | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच | + | | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर |
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− | |07:06 | + | | 07:06 |
− | | | + | | माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर बनाने का तरीका इसी ट्यूटोरियल के पहले भाग में बताया गया है। |
− | + | ||
− | इसी ट्यूटोरियल के पहले भाग में बताया गया है। | + | |
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| 07:26 | | 07:26 | ||
− | | अब इस लोबिया को | + | | अब इस लोबिया को घोट लें। |
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| 07:30 | | 07:30 | ||
− | | फिर दो बड़े चम्मच | + | | फिर दो बड़े चम्मच माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर लें और जरूरत के जितना पानी मिलाएं। |
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| 07:58 | | 07:58 | ||
− | | आखिर में एक चौथाई चम्मच सहजन के पत्तों का पाउडर इस दलिया में | + | | आखिर में एक चौथाई चम्मच सहजन के पत्तों का पाउडर इस दलिया में मिलाएं। राजगिरा लोबिया का दलिया तैयार है। |
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| 08:09 | | 08:09 | ||
| इस दलिया में ये सब भरपूर हैं। | | इस दलिया में ये सब भरपूर हैं। | ||
− | + | प्रोटीन | |
− | ओमेगा | + | ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
− | थ्री | + | |
− | फैटी एसिड | + | |
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− | | 08: | + | | 08:19 |
| आयरन पोटैशियम और कैल्शियम। | | आयरन पोटैशियम और कैल्शियम। | ||
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| 08:24 | | 08:24 | ||
− | | आप इस | + | | आप इस दलिये को दो अलग अलग अंकुरित की हुई चीजों से भी बना सकते हैं जैसे नाचनी, जवार |
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| 08:32 | | 08:32 | ||
− | | मटकी चना वगैरह। | + | | मटकी, चना वगैरह। |
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| 08:56 | | 08:56 | ||
− | | इस पाउडर को बनाने का तरीका इसी श्रृंखला के अन्य | + | | इस पाउडर को बनाने का तरीका इसी श्रृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। अब आगे बढ़ते हैं। |
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| 09:04 | | 09:04 | ||
− | | | + | | बर्तन में एक चम्मच घी गरम करें। |
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| 09:13 | | 09:13 | ||
− | | फिर किसी प्लेट | + | | फिर किसी प्लेट पर डाल कर ठंडा कर लें। |
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− | | 09: | + | | 09:34 |
| जरूरत पड़े तो उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डाल लें। | | जरूरत पड़े तो उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डाल लें। | ||
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| 09:58 | | 09:58 | ||
− | | मेथी के पत्ते और | + | | मेथी के पत्ते और फलियों का दलिया तैयार हैं। |
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| 10:03 | | 10:03 | ||
− | | इस | + | | इस दलिये में ये सब भरपूर है- |
प्रोटीन | प्रोटीन | ||
ओमेगा थ्री फैटी एसिड | ओमेगा थ्री फैटी एसिड | ||
− | |||
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| 10:27 | | 10:27 | ||
− | | | + | | पांचवा सीखेंगे - घुटे हुए कोदरा और चना बनाने का तरीका। |
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| 10:32 | | 10:32 | ||
− | | हमें चाहिए : दो बड़े चम्मच | + | | हमें चाहिए : दो बड़े चम्मच कोदरा |
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| 10:35 | | 10:35 | ||
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| 10:43 | | 10:43 | ||
− | | | + | | एक स्टील के बर्तन में 2 बड़े चम्मच कोदरा लें। |
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− | | 11: | + | | 11:10 |
− | | पका हुआ | + | | पका हुआ कोदरा, घोंटा हुआ चना और नारियल का दूध डालकर अच्छे से मिलाएं। |
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| 11:18 | | 11:18 | ||
− | | और 4 से 5 मिनट पकाएं। | + | | और 4 से 5 मिनट पकाएं। कोदरा के साथ घुटा हुआ चना तैयार है |
− | + | ||
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− | | 11: | + | | 11:37 |
− | | | + | | यह स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं हम से जुड़ने के लिए धन्यवाद। |
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Latest revision as of 12:03, 25 June 2021
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00:00 | सात महीने के शिशुओं के लिए शाकाहारी खाना बनाने के तरीकों के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:07 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे- सात महीने के शिशुओं के लिए पूरक आहार क्यों जरूरी है |
00:17 | शाकाहारी खाना, जैसे कटहल के बीजों का दलिया बनाने का तरीका |
00:22 | कुलीथ और चौलाई के पत्तों का दलिया |
00:25 | राजगिरा और लोबिया का दलिया |
00:28 | मेथी के पत्तों का दलिया |
00:31 | और कोदरा के साथ चने का दलिया |
00:35 | शिशु पहले साल में जब घुटने और पैरों पर चलना शुरू करता है तो काफी बढ़ता है। |
00:43 | इसलिए उसकी ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ती है। |
00:48 | छह से आठ महीने के शिशु को पूरक आहार में 200 कैलरी की जरूरत होती है। |
00:55 | इसीलिए खाने की मात्रा नियमित रूप से बढ़ानी चाहिए। |
00:59 | याद रखें सात महीने के शिशु को स्तनपान कराना जरूरी है और उसके साथ पूरक आहार देना भी। |
01:07 | इसीलिए शिशु के सात महीने होते ही दिन में तीन बार आधा कप पूरक आहार दें। |
01:16 | आधा कप पूरक आहार तकरीबन 125 मिलीलीटर या फिर आठ बड़े चम्मच होता है। |
01:22 | अब तक शिशु तरह तरह के खाने आराम से खा चुका होता है। |
01:28 | क्योंकि पूरक आहार उसे छह महीने से ही दिया जाता है। |
01:33 | अब उसे दो अलग अलग खाने देना शुरू करें। |
01:38 | पर याद से घोटा हुआ या पिसा हुआ ही खाना दें। |
01:44 | और खाना काफी गाढ़ा होना चाहिए पतला नहीं |
01:52 | शिशु को मौसम और अपने इलाके में मिलने वाला खाना ही दें |
01:59 | उसके खाने में पोषक पाउडर मिलाएं जैसे कि दाने और बीजों का पाउडर अंकुरित फलियों का पाउडर। |
02:07 | कढ़ी पत्तों का पाउडर और सहजन के पत्तों का पाउडर। |
02:11 | ये सब इसी श्रृंखला के एक अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
02:16 | पर जब तक शिशु एक साल का ना हो तब तक उसके खाने में नमक न डालें। |
02:21 | और जब तक वो दो साल का ना हो तब तक चीनी या गुड़ भी ना डालें। |
02:27 | अब हम देखेंगे पूरक आहार के लिए कुछ शाकाहारी खाना बनाने के तरीके। |
02:35 | सबसे पहला है कटहल के बीजों का दलिया। |
02:39 | इसे बनाने के लिए चाहिए कटहल के 15 से 20 बीज। एक छोटा केला या तो बड़े केले का आधा भाग। |
02:48 | नारियल का दूध या मां का दूध |
02:50 | और एक चम्मच दाने और बीजों का पाउडर |
02:53 | दलिया बनाने के लिए बीजों को अच्छे से धोएं। |
02:58 | फिर एक बर्तन में डालकर उसके ऊपर तक पानी डालें। |
03:05 | और प्रेशर कुकर में 5 से 6 सीटी लगवाएं। |
03:09 | बाद में बीज को प्लेट पर रखकर ठंडा होने दें। |
03:15 | फिर उनका बाहरी छिलका निकाल दें |
03:20 | और मिक्सर या सिलबट्टे पर डालकर घोट लें। |
03:25 | अलग से एक बर्तन में केले को चम्मच से घोट ले। |
03:32 | कटहल के बीजों और केले को मिलाकर फिर से घोटलें । |
03:37 | उसमें 2 बड़े चम्मच नारियल का दूध या मां का दूध डालें। |
03:41 | और दाने और बीजों का पाउडर भी डालें। |
03:45 | फिर अच्छे से मिलाएं। |
03:47 | धीमी आंच पर 3 से 4 मिनट पकाएं। |
03:52 | कटहल के बीजों का दलिया तैयार है। |
03:55 | ये दलिया इन सभी से भरपूर है-
प्रोटीन |
03:59 | ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
04:02 | पोटैशियम और फास्फोरस |
04:06 | अगला सीखेंगे कुलीथ और चौलाई के पत्ते का दलिया। |
04:11 | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच कुलीथ का पाउडर
दो कप धुले हुए चौलाई के पत्ते |
04:19 | एक चौथाई कढ़ी पत्तों का पाउडर
आधा चम्मच घी |
04:24 | पहले कुलीथ को 7 से 8 घंटों के लिए पानी में भिगो लें। |
04:31 | फिर छलनी में डालकर अच्छे से धोएं, |
04:37 | सारा पानी निकलने के बाद एक साफ सूती कपड़े में बांधकर अंकुरित होने दें। |
04:47 | अंकुरित कुलीथ को धूप में एक या दो दिन सुखाएं। |
04:52 | बाद में धीमी आंच पर 8 से 10 मिनट तक भूने और ठंडा करें। |
04:58 | फिर पीसकर पाउडर बना लें। इस पूरे तरीके को माल्टिंग कहते हैं। |
05:05 | साथ साथ बर्तन में घी गरम करें। |
05:09 | और उसमें चौलाई के पत्ते डाल दें। |
05:13 | चार से पांच मिनट तक पकाएं, फिर ठंडा होने दें। |
05:17 | और मिक्सर या सिलबट्टे पर डालकर घोट लें। |
05:22 | अब दो बड़े चम्मच पानी कुलीथ के पाउडर में डालें। |
05:28 | अच्छे से मिलाएं ताकि गांठे न बनें। |
05:32 | फिर इसको छह से सात मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। |
05:37 | अब घोटें हुए चौलाई के पत्ते इसमें डाल कर अच्छे से मिलाएं। |
05:43 | धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक फिर से पकाएं। |
05:48 | और कढ़ी पत्ते डालकर मिलाएं। |
05:52 | फिर आंच से उतार लें। कुलीथ और चौलाई के पत्तों का दलिया तैयार है। |
05:59 | इस दलिया में ये सभी हैं - प्रोटीन
ओमेगा थ्री फैटी एसिड कैल्शियम |
06:05 | फॉस्फोरस आयरन और पोटैशियम। |
06:10 | ध्यान दें कि आप अपने इलाके में मिलने वाली फलियां और हरी पत्तेदार सब्जियों से ये दलिया बना सकते हैं। |
06:20 | हमेशा फलियों के साथ साथ ज्वार,नाचनी, कोदरा और अनाज मिलाकर ही पकाएं। |
06:31 | इन सभी को इकट्ठे लेने से शिशु को पूरा प्रोटीन मिलता है। |
06:35 | आप शिशु के खाने में माल्टिंग किया हुआ अनाज का पाउडर या फिर ज्वार या नाचनी का पाउडर मिला सकते हैं। |
06:42 | आप दलिये में पका कर घुटा हुआ अंकुरित ज्वार या नाचनी भी मिला सकते हैं। |
06:48 | तीसरा हम सीखेंगे राजगिरा और लोबिया का दलिया। |
06:53 | इसके लिए चाहिए दो बड़े चम्मच माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर |
06:59 | दो बड़े चम्मच घुटा हुआ अंकुरित लोबिया और एक चौथाई सहजन के पत्तों का पाउडर |
07:06 | माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर बनाने का तरीका इसी ट्यूटोरियल के पहले भाग में बताया गया है। |
07:17 | फिर अंकुरित लोबिया को स्टील के बर्तन में डालकर प्रेशर कुकर में चार से पांच सीटी लगवाएं। |
07:26 | अब इस लोबिया को घोट लें। |
07:30 | फिर दो बड़े चम्मच माल्टिंग किया हुआ राजगिरा का पाउडर लें और जरूरत के जितना पानी मिलाएं। |
07:38 | अच्छे से मिलाएं ताकि गांठे न हों। |
07:42 | अब इसको धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक पकाएं और घोंटा हुआ लोबिया भी मिला लें। |
07:52 | अच्छे से मिला कर चार से पांच मिनट पकाएं, फिर आंच से उतार लें। |
07:58 | आखिर में एक चौथाई चम्मच सहजन के पत्तों का पाउडर इस दलिया में मिलाएं। राजगिरा लोबिया का दलिया तैयार है। |
08:09 | इस दलिया में ये सब भरपूर हैं।
प्रोटीन ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
08:17 | फॉस्फोरस
मैगनीशियम |
08:19 | आयरन पोटैशियम और कैल्शियम। |
08:24 | आप इस दलिये को दो अलग अलग अंकुरित की हुई चीजों से भी बना सकते हैं जैसे नाचनी, जवार |
08:32 | मटकी, चना वगैरह। |
08:37 | चौथा हम सीखेंगे मेथी के पत्ते और फलियों का दलिया। |
08:41 | इसे बनाने के लिए चाहिए। 2 कप धुले और डंडी काटे हुए मेथी के पत्ते एक चम्मच घी। |
08:49 | 2 बड़े चम्मच पिसा हुआ नारियल |
08:52 | और 2 बड़े चम्मच अंकुरित फलियों का पाउडर। |
08:56 | इस पाउडर को बनाने का तरीका इसी श्रृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। अब आगे बढ़ते हैं। |
09:04 | बर्तन में एक चम्मच घी गरम करें। |
09:09 | और मेथी के पत्ते डालकर दो से तीन मिनट पकाएं। |
09:13 | फिर किसी प्लेट पर डाल कर ठंडा कर लें। |
09:18 | मिक्सी या सिलबट्टे पर डालकर फिर घोंट लें। |
09:23 | और धीमी आंच पर 1 मिनट तक पकाएं। साथ में 2 बड़े चम्मच अंकुरित फलियों का पाउडर भी डालें। |
09:31 | अच्छे से मिलाएं ताकि गांठे न पड़ें। |
09:34 | जरूरत पड़े तो उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डाल लें। |
09:40 | फिर इस मिश्रण में 2 बड़े चम्मच पिसा हुआ नारियल डालें। |
09:44 | याद रखें नारियल को पीसने के लिए ताजा घिसा हुआ नारियल ही लें और फिर पीसें। |
09:51 | मिश्रण को 7 से 8 मिनट धीमी आंच पर लगातार हिलाते हुए पकाएं। |
09:58 | मेथी के पत्ते और फलियों का दलिया तैयार हैं। |
10:03 | इस दलिये में ये सब भरपूर है-
प्रोटीन ओमेगा थ्री फैटी एसिड |
10:10 | फोलेट
आयरन |
10:12 | कैल्शियम
फॉस्फोरस |
10:14 | ज़िंक और पोटैशियम। |
10:16 | इसे बनाने के लिए सिर्फ अनाज या फिर अनाज के साथ ज्वार या नाचनी जैसा कुछ मिलाएं। |
10:27 | पांचवा सीखेंगे - घुटे हुए कोदरा और चना बनाने का तरीका। |
10:32 | हमें चाहिए : दो बड़े चम्मच कोदरा |
10:35 | दो बड़े चम्मच अंकुरित किया हुआ चना |
10:38 | 3 बड़े चम्मच नारियल का दूध और एक चम्मच घी |
10:43 | एक स्टील के बर्तन में 2 बड़े चम्मच कोदरा लें। |
10:48 | फिर अच्छे से धोएं।
दोबारा उसमें 3 से 4 बड़े चम्मच पानी डालें। |
10:55 | फिर प्रेशर कूकर में 3 से 4 सीटी लगवाएं। |
10:58 | और चने को भी अलग से 4 से 5 सीटी लगवाएं। |
11:04 | फिर उसे घोंट लें। |
11:07 | स्टील के बर्तन में एक चम्मच घी डालें। |
11:10 | पका हुआ कोदरा, घोंटा हुआ चना और नारियल का दूध डालकर अच्छे से मिलाएं। |
11:18 | और 4 से 5 मिनट पकाएं। कोदरा के साथ घुटा हुआ चना तैयार है |
11:27 | इसमें ये सभी भरपूर हैं : प्रोटीन, आयरन |
11:30 | फॉस्फोरस
मैग्नीशियम |
11:33 | कैल्शियम और पोटैशियम |
11:37 | यह स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं हम से जुड़ने के लिए धन्यवाद। |