Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Breast-crawl/Hindi"

From Script | Spoken-Tutorial
Jump to: navigation, search
Line 29: Line 29:
 
|-
 
|-
 
| 00:28
 
| 00:28
| प्रसव के तुरंत बाद मां के नंगे पेट पर रखे जाने पर शिशु खुद ही मां का स्तन ढूंढ कर स्तनपान शुरू कर सकती है।
+
| प्रसव के तुरंत बाद मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखे जाने पर शिशु खुद ही मां का स्तन ढूंढ कर स्तनपान शुरू कर सकती है।  
  
 
|-
 
|-
Line 57: Line 57:
 
|-
 
|-
 
|01:29
 
|01:29
| अगला शिशु के उसके मां के नंगे पेट पर रखकर साफ करें।
+
| अगला शिशु को उसके मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखकर साफ करें।  
  
 
|-
 
|-
Line 88: Line 88:
 
|-
 
|-
 
| 02:13
 
| 02:13
| अब फिर से शिशु को मां के नंगे पेट पर इस तरह रखे कि उसका पेट मां के पेट से छुए।
+
| अब फिर से शिशु को मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर इस तरह रखे कि उसका पेट मां के पेट को छुए।
  
 
|-
 
|-
Line 188: Line 188:
 
|-
 
|-
 
|05:13
 
|05:13
| ऐसे में कमरा बदलने के बाद तुरंत शिशु को तुरंत माँ के नंगे पेट में रखे जैसे कि पहले बताया गया है।
+
| ऐसे में कमरा बदलने के बाद शिशु को तुरंत माँ के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखे जैसे कि पहले बताया गया है।  
  
 
|-
 
|-
Line 207: Line 207:
 
|-
 
|-
 
| 05:59
 
| 05:59
| याद रखें प्रश्नों के तुरंत बाद किसी भी देखभाल से ज्यादा जरूरी है कि दोनों को नंगे शरीर के एक साथ रखा जाना।
+
| याद रखें प्रसव के तुरं त बाद किसी भी देखभाल से ज्यादा जरूरी है कि दोनों के बिना कपडे ओढ़े हुए  शरीर  एक साथ रखे जाएँ।
 +
 
 
|-
 
|-
 
| 06:09
 
| 06:09
Line 278: Line 279:
 
|-
 
|-
 
| 07:50
 
| 07:50
| ब्रेस्ट कॉल में शिशु गरम रहता है कि वह क्योकि अपने मां के नंगे शरीर के साथ होता है।
+
|   ब्रेस्ट कॉल में शिशु गरम रहता है क्योकि वह अपने मां के बिना कपडे ओढ़े हुए शरीर के साथ होता है।  
  
 
|-
 
|-

Revision as of 12:58, 14 June 2022

Time Narration
00:00 ब्रेस्ट क्रॉल पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:05 इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे कि ब्रेस्स क्रॉल क्या है,
00:10 इसे करने का पूरा तरीका और
00:13 यह क्यों जरूरी है।
00:18 आइए पहले हम समझेंगे कि ब्रेस्ट कॉल क्या है?
00:23 जब शिशु पैदा होता है तो वह प्राकृतिक रूप से स्तनपान करना जानता है।
00:28 प्रसव के तुरंत बाद मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखे जाने पर शिशु खुद ही मां का स्तन ढूंढ कर स्तनपान शुरू कर सकती है।
00:40 इस पूरी प्रक्रिया को ब्रेस्ट क्रॉल कहते हैं।
00:46 ध्यान दें कि 9 महीने कोख में पूरे किए हुए शिशु जो सामान्य तरीके से या ऑपरेशन से हुए हो उनको भी ब्रेस्ट क्रॉल कराया जा सकता है
00:58 जो पैदा होते ही काफी रोए हों


01:03 असंतुलित शिशु जिनका जन्म से पहले कम वजन हो उन्हे यह नहीं करवाते क्योंकि उनको श्वास की तकलीफ हो सकती है जैसे सांस फूलना
01:15 अब हम बात करेंगे ब्रेस्ट क्रॉल करने की तरीके की और यह करना क्यों जरूरी है
01:22 पहले यह पक्का कर ले कि प्रसव के कमरे का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस है।
01:29 अगला शिशु को उसके मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखकर साफ करें।
01:35 शिशु के हाथों के अलावा उसका पूरा शरीर साफ करें।
01:42 याद रखें शिशु के हाथ गीले रहने दे।
01:46 साफ करते हुए उसके शरीर के सफेद परत ना उतारे।
01:53 यह शिशु को ठंडे वातावरण से बचाता है।
01:56 शिशु को साफ करने के बाद वह गीला कपड़ा हटा दें।
02:01 शिशु को सुखाने के बाद स्वास्थ्य सेविका को धड़कन वाली नाल महसूस करनी चाहिए।
02:08 जैसे ही धड़कन बंद हो जाए उसे काट देना चाहिए।
02:13 अब फिर से शिशु को मां के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर इस तरह रखे कि उसका पेट मां के पेट को छुए।
02:22 उसका सर माँ के दोनों स्तनों के बीच में रखा जाना चाहिए
02:26 और उसका मुंह मां के स्तनों के नीचे होना चाहिए
02:30 अब शिशु ब्रेस्ट क्रॉल के लिए स्थिति में है।
02:37 क्योंकि आगे बढ़ना प्राकृतिक है इसीलिए वह आसानी से मां के स्तनों तक रेंग कर पहुंच सकती है।
02:46 अगला शिशु और मां को गरम रखने के लिए उनको एक साफ सूखा कपड़ा ओढ़ाए
02:54 और शिशु को टोपी पहनाए
02:57 ध्यान दें कि आगे के चित्रों में टोपी और कपड़ा नहीं दिखाया जाएगा
03:04 ताकि  ब्रेस्ट क्रॉल के दौरान शिशु की स्थिति साफ दिखाई दे।
03:10 शिशु को कपड़ा ओढ़ाने के बाद भी मां को अपने हाथ से शिशु के  पीठ को सहारा देने को कहें।
03:18 अब बात करेंगे शिशु के ब्रेस्ट क्रॉल करने की काबिलियत की।
03:24 जन्म के बाद शिशु बहुत सतर्क और स्तनपान करना जानती है।
03:29 अपने  साफ किए हुए हाथों की महक सूंघ कर उसका थूक निकलता है।
03:35 और आंखों की कमजोर नजर से भी वह अपनी मां का चेहरा और एरियोला देख पाती है।
03:43 एरिओला निप्पल के आसपास का काला भाग होता है।
03:47 अपने हाथों और पैरों का इस्तेमाल करके शिशु आगे बढ़ती है और रेंगती हुए मां के स्तनों तक पहुंचती है।
03:57 कुछ शिशु तुरंत रेंगने लगते हैं कुछ को समय लगता है।
04:04 स्तन तक पहुंचने के बाद शिशु उसे पकड़ने की कोशिश करती है।
04:12 ऐसे में शिशु और उसकी मां को अकेला छोड़ दें जब तक कि वह पहले पहला स्तनपान शुरू नहीं करती।
04:20 स्वास्थ्य सेविका और मां दोनों को धीरज रखना चाहिए
04:27 शिशु को 30 से 60 मिनट भी लगते हैं मां के इस समय तक  पहुंचकर पहला स्तनपान करने के लिए।
04:35 स्तनपान शुरू करने के लिए शिशु अपना मुंह बड़ा सा खोलेगी और स्तन से गहराई से जुड़ेगी।
04:45 स्तनपान के बाद लगभग 1 घंटे के लिए शिशु को उसी स्थिति में रहने दें।
04:52 इससे मां और शिशु का बंधन और गहरा होगा।
04:58 पर माँ ने कुछ दवाई ली है तो इसके बारे में डॉक्टर की सलाह ले।
05:05 यह भी हो सकता है कि मां को प्रसव कमरे से दूसरे कमरे में ले जाना पड़े।
05:13 ऐसे में कमरा बदलने के बाद शिशु को तुरंत माँ के बिना कपडे ओढ़े हुए पेट पर रखे जैसे कि पहले बताया गया है।
05:29 अब बात करेंगे कि ऑपरेशन से किए गए शिशुओं की  ब्रेस्ट क्रॉल की।
05:35 यह करने के लिए शिशु को मां के पेट पर रखने के बजाय मां के सीने पर इस तरह रखना चाहिए कि शिशु की टांगे मां के सिर की तरफ हो।
05:47 शिशु का सीना और पेट मां के कंधे पर और उसका मुंह मां के स्तन पर होना चाहिए।
05:54 ऑपरेशन वाले कमरे में ही जितनी देर हो सके स्तन को चूसने दें।
05:59 याद रखें प्रसव के तुरं त बाद किसी भी देखभाल से ज्यादा जरूरी है कि दोनों के बिना कपडे ओढ़े हुए शरीर एक साथ रखे जाएँ।
06:09 ब्रेस्ट  क्रॉल होने के बाद ही जन्म के बाद वाली नवजात देखभाल देनी चाहिए।
06:17 अब बात करेंगे कि बेस्ट कॉल नवजात शिशु के लिए क्यों जरूरी है


06:23 ब्रेस्ट कॉल करके शिशु को मां के पहला दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं वह मिलता है।
06:29 यह पीला और गाढ़ा होता है
06:33 ध्यान दें प्रसव के बाद कोलेस्ट्रोल की मात्रा शिशु के स्तनपान के बाद धीरे धीरे बढ़ेगी।
06:43 पहले दिन शिशु 5 मिलीलीटर पिएगा,
06:47 दूसरे दिन 10 मिलीलीटर पिएगा,
06:50 और तीसरे दिन 25 मिलीलीटर,
06:53 40 मिलीलीटर चौथे दिन 55 मिलीलीटर पांचवे दिन ऐसा स्तन से हर बार स्तनपान के दौरान होगा।
07:05 इतना नवजात शिशु के लिए काफी है
07:09 इसमें शिशु को कोलेस्ट्रम के अलावा कुछ नहीं देना चाहिए।
07:15 कोलेस्ट्रम शिशु के लिए पहला टीका है उसमें इंफेक्शन से लड़ने के लिए प्रोटीन होता है जो शिशु के लिए रोग प्रतिरोध शक्ति बढ़ाता है।
07:27 जन्म के बाद शिशु को ताकत पहली बार इसी से मिलती है
07:33 कोलेस्ट्रम शिशु के खून में ग्लूकोज को कम होने से बचाता है।
07:37 और शरीर की बाकी प्रक्रिया बनाए रखता है।
07:42 और एक स्वास्थ्य दिमाग भी बनाता है।
07:46 यह शिशु को अपना पहला मल निकालने में मदद करता है।
07:50 ब्रेस्ट कॉल में शिशु गरम रहता है क्योकि वह अपने मां के बिना कपडे ओढ़े हुए शरीर के साथ होता है।
07:57 वह खुद में खुद मां के स्तन से गहराई से जुड़ना सीखता है।
08:04  ब्रेस्ट कॉल से मां के स्वस्थ बैक्टीरिया मिलते हैं
08:08 और यह बैक्टीरिया  शिशु की आंतों में जाकर लड़ते हैं
08:13 जिससे कि शिशु की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
08:18 ब्रेस्ट क्रॉल से शिशु मां का प्यार और सुरक्षा मिलती है जिससे दोनों में बंधन गहरा होता है।
08:29 ब्रेस्ट क्रॉल से मां को भी फायदा होता है।
08:34 शिशु के पैरों की जोर की वजह से मां की कोख पर दबाव पड़ता है यह दबाव गर्भाशय को सिकोड़ता है और गर्भनाल को निकालने में मदद करता है।
08:45 स्तनपान शुरू होते ही मां के शरीर में ऑक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ने लगती है।
08:51 बढ़े हुए ऑक्सीटोसिन की वजह से भी गर्भ नाल के निकलने में मदद मिलती है।
08:56 ब्रेस्ट क्रॉल खून की बहाव कम करके एनीमिया से बचाता है।
09:03 एनीमिया ऐसी अवस्था है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं।
09:08 इसमें मां को थकान और कमजोरी होती है।
09:13 इसीलिए ब्रेस्ट क्रॉल के प्राकृतिक से रूप मां और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद है।
09:21 ब्रेस्ट क्रॉल का यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है।
09:26 आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं।

हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Bellatony911, Debosmita