Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Basics-of-newborn-care/Hindi"

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| लंगोट और उसकी वजह से त्वचा पर लाल रंग के दाने होना
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|  और नवजात शिशु की सोने की आदत है।
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| नवजात शिशु  के जन्म पर पूरा परिवार खुश  दो जाता है और हर कोई शिशु को देखना और उसे उठाना चाहता है।
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| नवजात शिशु के जन्म पर पूरा परिवार खुश हो जाता है और हर कोई शिशु को देखना और उसे उठाना चाहता है।
  
 
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| इसीलिए यह जरूरी है कि किसी को उठाने से पहले  कुछ नियम का पालन किया जाए
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| नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं होती है इस वजह से  जैसे उसे इंफेक्शन का खतरा रहता है।
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|  शिशु को इंफेक्शन से बचाने के लिए  यह है कि उसे पकड़ने उठाने वाले लोग या हाथ  हमेशा साफ़ हों ।
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|  शिशु को इंफेक्शन से बचाने के लिए यह ज़रूरी है कि उसे पकड़ने या उठाने वाले के हाथ हमेशा साफ़ हों ।
  
 
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| उठाने से पहले हाथ साफ हो या पानी से अच्छे से धोयें और साफ कपड़े से सुखाएं
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| शिशु को उठाने से पहले हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोयें और साफ कपड़े से सुखाएं
  
 
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| अब हम सीखेंगे की पहली बार शिशु को कैसे उठाएं
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|  शिशु को उठाते वक्त हम उसके नीचे एक दूसरा गर्दन को सहारा दे और दूसरे हाथ से उसके नितंब को
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|  शिशु को उठाते हुए हमेशा अपने एक हाथ से उसके सर और गर्दन को सहारा दे और दूसरे हाथ से उसके नितंब को
  
 
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| और लिटाने के लिए भी उसके गर्दन के सहारा देते हुए और दूसरे हाथ से नितंब की
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| लिटाते हुए भी एक हाथ से सर और गर्दन को सहारा दे और दूसरे हाथ से नितंब को
  
 
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| जब शिशु को नींद से जगाना हो तो  
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|  उसके पैरों पर गुदगुदी करें या  फिर  सहारा देते हुए उठा कर बैठाएं या फिर हल्के से उसके कान को छुए
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|  उसके पैरों पर गुदगुदी करें या फिर सहारा देते हुए उठाकर बैठाएं या फिर हल्के से उसके कान को छुए
  
 
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|  हमेशा याद रखें कि नवजात शिशु  नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं
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|  हमेशा याद रखें कि नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं
  
 
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| शिशु को संभालने से पहले याद रखें कि किसी भी तरह खेल के  लिए तैयार नहीं है
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| शिशुओं को संभालने से पहले याद रखें कि किसी भी तरह खेल के लिए तैयार नहीं है
  
 
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| इसीलिए उसको घुटने पर रखकर ना हिलाएं पर जोर ना दें और ना उसे हवा  मैं फेंक कर ना पकड़ें
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| इसीलिए उसे घुटने पर रखकर ना हिलाएं और ना ही हवा में फेंक कर पकड़ें
  
 
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Revision as of 17:40, 1 January 2020

Time
Narration
00:00 नवजात शिशु की देखभाल की जरूरी बातों के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है
00:05  इस ट्यूटोरियल हम सीखेंगे नवजात को किस तरह संभाले,
00:11 गर्भनाल की देखभाल करना, नवजात को खिलाना और डकार दिलवाना,
00:15 लंगोट और उसकी वजह से त्वचा पर होने वाले लाल रंग के दाने होना
00:19  और नवजात शिशु की सोने की आदतें।
00:23 नवजात शिशु के जन्म पर पूरा परिवार खुश हो जाता है और हर कोई शिशु को देखना और उसे उठाना चाहता है।
00:34 इसीलिए यह जरूरी है कि शिशु को उठाने से पहले कुछ नियमों का पालन किया जाए
00:40 नवजात की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत नहीं होती। इस वजह से उसे इंफेक्शन का खतरा रहता है।
00:48 शिशु को इंफेक्शन से बचाने के लिए यह ज़रूरी है कि उसे पकड़ने या उठाने वाले के हाथ हमेशा साफ़ हों ।
00:57 शिशु को उठाने से पहले हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोयें और साफ कपड़े से सुखाएं
01:07 अब हम सीखेंगे की पहली बार जो है शिशु को कैसे उठाएं
01:11  शिशु को उठाते हुए हमेशा अपने एक हाथ से उसके सर और गर्दन को सहारा दे और दूसरे हाथ से उसके नितंब को
01:19 लिटाते हुए भी एक हाथ से सर और गर्दन को सहारा दे और दूसरे हाथ से नितंब को
01:26 जब भी शिशु को नींद से जगाना हो तो
01:31 उसके पैरों पर गुदगुदी करें या फिर सहारा देते हुए उठाकर बैठाएं या फिर हल्के से उसके कान को छुए
01:42  हमेशा याद रखें कि नवजात शिशु बहुत नाजुक होते हैं
01:46 शिशुओं को संभालने से पहले याद रखें कि किसी भी तरह खेल के लिए तैयार नहीं है
01:55 इसीलिए उसे घुटने पर रखकर ना हिलाएं और ना ही हवा में फेंक कर पकड़ें
02:01 या फिर खेलते हुए या फिर गुस्से में जोर से ना हिलाएं
02:05 उसकी गर्दन को अचानक से न हिलाएं 

इन सब से अंदरूनी चोट लग सकती है।

02:14 अब हम घर पर गर्भनाल की देखभाल करना सीखेंगे।
02:18 मां की कोख में गर्भनाल ही  शिशु को जिंदा रखता है 

पर पैदा होने के बाद गर्भनाल की जरूरत नहीं होती।

02:30 पैदा होने के कुछ ही मिनटों में  गर्भनाल धड़कना बंद हो जाए तो उस पर गांठ बांध दें।
02:37 जब  तक शिशु घर जाने लायक होता हो तब तक गर्भनाल सुख कर सिकुड़ने लगता है।
02:45 फिर वह एक दो हफ्तों में गिर जाता है।
02:50 पर याद रखें गर्भनाल में शिशु के इन्फेक्शन आ सकता है
02:57 इसीलिए इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
03:02 कैसे गर्भनाल को हवा लगाकर सूखा रखें
03:09 गर्भनाल को गिरने तक शरीर को गीले कपड़े से पोंछे।
03:14  गर्भनाल को शिशु के लंगोट के बाहर रखे  या फिर मोड़कर लंगोट के नाल के अंदर रखें।
03:24 शिशु को स्वास्थ्य सेविका को जरूर दिखाएं अगर गर्भनाल के एक तरफ से खून निकले या त्वचा से खून निकले,
03:32 या पीक पड जाए या सूजन या फिर सोचा लाल हो जाए,
03:36 या फिर आपको लगे कि शिशु को नाभि के आसपास दर्द हो रहा हो
03:41 यदि शिशु के एक महीना पूरे होने पर भी गर्भनाल ना गिरे।
03:46 तो कभी भी ऐसा भी हो सकता है कि कभी भी गर्भनाल गिरने वाला हो तब या फिर गिरने के बाद थोड़ा सा खून निकले पर ये जल्दी रुक जाता है।
04:01 याद रखें कि गर्भनाल को कभी भी ना खींचे।
04:04 और ना ही उसके ऊपर क्रीम और ना ही पाउडर डालें
04:08 और ना ही उसके गिरने पर त्वचा पर ना पट्टी बांधे।
04:13 अब हम पोषण की बात करेंगे कि कैसे शिशु को दूध पिलाया जाए।
04:20 नवजात को पैदा होते ही 1 घंटे में दूध पिलाएं।
04:25 पहले 6 महीने मां का ही दूध पिलाना चाहिए।
04:30 इसके अलावा शिशु को मां अपने नंगे शरीर के साथ रखना चाहिए और शिशु के भूखे होने के संकेत को देखना चाहिए।
04:40 यह सब बातें इसी शृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताई गई है।
04:46 कभी-कभी नवजात शिशु को दूध पिलाने के लिए हर बार बार जगाना पड़ता है खासकर कम वज़न पैदा होने वाले शिशुओं को।
04:57 अगर एक स्वस्थ या एक समय से पहले पैदा होने वाले शिशु को स्तनपान में दिलचस्पी ना हो तो तो मां को स्वास्थ्य सेविका या डॉक्टर से मिलना चाहिए।
05:09 स्तनपान करते समय शिशु हवा भी निगल लेते हैं इससे वह चिड़चिड़ा हो जाते हैं।
05:15 ऐसा ना हो हर स्तनपान करने के हर बार शिशु को डकार दिलवाए।
05:20 यह इसी शृंखला के एक अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है।
05:25 अगला है लंगोट के बारे में जब भी शिशु  पेशाब मल करें तो उसको पीठ पर लिटा ले और गंदी लंगोट निकालें
05:37 पानी या साफ कपड़े से उसके गुप्त  अंगों को साफ करें।
05:44 इन जगहों पर साबुन ना लगाएं अगर शिशु लड़की है तो उसे आगे की ओर से साफ करें इससे इंफेक्शन से बचाव होगा।
05:55 लड़की लंगोट बदलने से पहले मां, आया और जो शिशु को पकड़ने वाले हाथ को  अच्छे से साफ करना चाहिए।
06:03 कभी ऐसा भी हो सकता है कि लंगोट की वजह से लाल या उसकी वजह से दाने निकल आए
06:08 यह सामान्य है और लाल हो जाए या दाने होना और कुछ दिनों के गर्म पानी से नहाने से और,
06:18 कुछ खास क्रीम लगाने पर या फिर बिना लंगोट पहनने पर भी ठीक हो जाता है।
06:25 शिशु की त्वचा नाजुक होती है गीली लंगोट से तकलीफ होती है।
06:33 त्वचा लाल या उस पर दाने भी हो जाते हैं इन सब से बचने के लिए शिशु को हर मल या पेशाब करने पर बदलने चाहिए।
06:41 फिर उसके गुप्त अंगो को गर्म पानी या साफ कपड़े से साफ करना चाहिए बाजार में मिलने वाले कपड़े या पेपर से नहीं उससे शिशु को तकलीफ हो सकती है
06:50 इससे बचने के लिए मोटी परत लंगोट या एक क्रीम लगा सकते हैं।
06:55 एक क्रीम जिसमें जिंक ऑक्साइड हो वो नमी को दूर रखता है।
07:03 शिशु की लंगोट बिना रंग खुशबूदार डिटर्जेंट से धोएँ।
07:08 और दिन में शिशु को कुछ वक्त लंगोट ना  पहनाए इसे त्वचा को हवा लगेगी।
07:18 अगर 3 दिन से ज्यादा त्वचा को तकलीफ हो तो या फिर हालत ज्यादा बिगड़े तो फिर डॉक्टर को दिखाएं।
07:27 यह फफूंदी का इंफेक्शन हो सकता है, जिसमें दवा लेनी पड़ती है।
07:33 आख़िर में हम बात करेंगे शिशु की सोने की आदतों की।
07:38 1 दिन में शिशु 14 से 16 घंटे तक सो सकते हैं।
07:43 एक ही बार में 3 से 4 घंटे सोते हैं।
07:48 काफी नवजात शिशु के लिए दिन और रात में कोई फर्क नहीं होता।
07:52 और वह रात को जागते हैं और  वह पूरा दिन सोते हैं।
07:58 ताकि शिशु अच्छे से सो पाए ऐसा कुछ ना करें ताकि उनकी नींद खराब है जैसे कि कमरे की रोशनी कम करके रखें और दिन में उन्हें जगा कर रखें और उनके साथ खेले और बातचीत करें।
08:17 मां या शिशु की देखभाल करने वाले को याद रखें शिशु हमेशा पीठ के बल ही सोए।
08:24 इससे अचानक से होने वाली मौत से शिशु बचेगा।
08:30 सोते हुए जो भी सावधानियां हैं वह बरतें उनके पालने में कंबल रजाई और रुई से भरे खिलौने और तकिए ना रखें।
08:44 इन सब से शिशु का दम घुट सकता है।
08:47 हर रोज सोते समय शिशु किस तिथि बदलें पहले जाएं फिर बाएं फिर दाएं ऐसे रोज बदलें।
08:58 इससे शिशु का सिर चपटा नहीं होगा।
09:04 नवजात शिशु की देखभाल की जरूरी बातों का यह  स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है

मुंबई से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Bellatony911, Sakinashaikh