LibreOffice-Suite-Base/C4/Database-Design-Purpose-OrganizeTables/Hindi

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Visual Cue Narration
00:00 लिबरऑफिस बेस पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
00:04 इस ट्यूटोरियल में, हम डेटाबेस डिजाइन पर निम्न विषयों के बारे में सीखेंगे:
00:09 अपने डेटाबेस का उद्देश्य पता करना।
00:12 अपेक्षित सूचना का पता करना और सुव्यवस्थित करना।
00:15 जानकारी को टेबल्स में बाँटना।
00:19 डेटाबेस डिजाइन क्या है?
00:21 डेटाबेस डिजाइन डेटाबेस के विस्तृत डेटा मॉडल को बनाने की प्रक्रिया है।
00:28 अच्छे डिजाइन के साथ, डेटाबेस......
00:32 नवीनतम, सही और पूर्ण सूचना प्रदान कर सकता है।
00:37 जिसका मतलब है कि हम विभिन्न स्तरों पर अपनी सूचना की पूर्णता सुनिश्चित कर सकते हैं।
00:43 डेटा संसाधन और रिपोर्टिंग की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
00:48 और बदलावों को आसानी से समायोजित कर सकते हैं।
00:51 डेटाबेस डिजाइन की प्रक्रिया में निम्न स्टेप्स होते हैं।
00:57 अपने डेटाबेस का उद्देश्य पता करना।
01:00 अपेक्षित सूचना को प्राप्त करना और सुव्यवस्थित करना।
01:04 जानकारी को टेबल्स में बाँटना।
01:07 जानकारी विषयों को कॉलम्स में बदलना।
01:11 प्राइमरी कीज़ का विवरण देना।
01:14 टेबल रिलेशनशिप्स को स्थापित करना।
01:17 अपने डिजाइन को सुधारना।
01:20 सामान्यकरण नियम लागू करना।
01:23 और अंततः, डेटाबेस को जाँचना, रन करना और अनुरक्षण करना।
01:28 ठीक है, पहले स्टेप पर जाते हैं जो है.........
01:32 अपने डेटाबेस का उद्देश्य पता करना।
01:35 एक सरल Library एप्लिकैशन पर विचार करते हैं।
01:38 लाइब्रेरी में सामान्यतः पुस्तकें होती हैं।
01:41 और यह पुस्तकें उसके पंजीकृत सदस्यों को जारी की जाती हैं।
01:45 अतः हमें पुस्तकों और सदस्यों की सूची को रखने के लिए एक Library एप्लिकैशन की आवश्यकता है।
01:51 और इसके सदस्यों को जारी की जाने वाली पुस्तकों को ट्रैक करने के लिए।
01:56 हमारा पहला स्टेप है, अपेक्षित सूचना का पता लगाना और सुव्यवस्थित करना ।
02:01 यहीं हम सभी प्रकार की सूचनाओं को इकठ्ठा करते हैं, जिन्हें हम डेटाबेस में रिकॉर्ड करना चाहते हैं।
02:09 अब हम Library एप्लिकैशन का उद्देश्य जानते हैं, यहाँ विषयों को समझते हैं।
02:17 यहाँ books हैं।
02:19 एक पुस्तक में एक शीर्षक, एक रचयिता, एक प्रकाशक, और एक कीमत होती है।
02:24 और हम साथ ही रचयिता की सूचना जैसे कि, जन्म तिथि और देश भी रख सकते हैं।
02:33 हम प्रकाशक का नाम, पता और फोन भी रख सकते हैं।
02:38 और, यहाँ Library के सदस्य हैं जिनके नाम, फोन नम्बर्स और पते होते हैं।
02:45 अब जब सदस्य को एक पुस्तक जारी होती है, तो यहाँ.......
02:49 पुस्तक जारी करने की दिनाँक, वापस करने की दिनाँक, वास्तविक वापस करने की दिनाँक और चेक्ड इन स्थिति होती है।
02:56 इन प्रत्येक विषयों को ऐट्रिब्यूट्स(attributes) भी कहते हैं।
03:01 इनमें से प्रत्येक ऐट्रिब्यूट्स टेबल में एक सामर्थ्य कॉलम को दर्शाती है।
03:08 इस जगह पर, हम प्रश्नों को प्रतिपादित कर सकते हैं जैसे कि:
03:12 हम Library को प्रकाशक द्वारा दी गयी नई पुस्तकों के सेट के बारे में सूचना को कैसे जोड़ेंगे?
03:20 हम इसके सदस्यों की सूची को कैसे बनाये रखेंगे?
03:25 क्या, यदि सदस्य छोड़ना या अपना पता बदलना चाहता है?
03:32 हम सूचना को अपडेट कैसे करें, जब सदस्य द्वारा पुस्तक वापस की जाती है?
03:38 किस प्रकार की रिपोर्ट्स हम बनाना चाहेंगे?
03:42 कौन-सी पुस्तकें सदस्यों में सबसे अधिक पढ़ी जाती हैं?
03:46 और सदस्यों द्वारा ली गयी पुस्तकें जो वापस करने के लिए शेष हैं,हम उनकी एक सूची कैसे बनाएँ?
03:55 अब हमारी कुछ सूचनाएँ हैं, देखते हैं कि हम सूचना को टेबल्स में कैसे बाँट सकते हैं।
04:02 हम अपनी सूचना विषयों (आइटम्स) या एट्रिब्यूट्स को मुख्य तत्व या प्रसंग में कैसे बाँटें।
04:11 प्रत्येक प्रसंग फिर एक टेबल बन जाएगा।
04:14 अतः टेबल्स की आरंभिक सूची स्क्रीन पर दिख रहे चित्र के जैसे दिखती है।
04:21 यहाँ दर्शाए जा रहे मुख्य प्रसंग या तत्व(entities) Books और members हैं।
04:26 अतः, इसका तात्पर्य है कि दो सूचियों के साथ शुरू करें, एक books के लिए और एक members के लिए।
04:33 अब Books टेबल को विस्तार से देखते हैं।
04:37 इसमें 10 ऐट्रिब्यूट्स या कॉलम्स हैं, जिन्हें हम पहले परिभाषित कर चुके हैं।
04:43 Title, Author, Publisher, PublisherAddress, PublisherCity, PublisherPhone, PublishYear, Price, AuthorBirthDate और AuthorCountry.
04:58 अब देखते हैं कि इस टेबल में डेटा कैसे प्रदर्शित होता है।
05:03 ध्यान दीजिये, प्रत्येक रो या रिकॉर्ड पुस्तक, उसके रचयिता और उसके प्रकाशक की सूचनाएँ रखते हैं।
05:13 अब, इस डिजाइन में दो त्रुटियाँ हैं।
05:17 यहाँ एक ही रचयिता और प्रकाशक की कई पुस्तकें हो सकती हैं।
05:23 अतः हम देखते हैं कि रचयिता का विवरण और प्रकाशक का विवरण कई बार दोहराया गया है।
05:31 जो कि कंप्यूटर की डिस्क स्पेस बर्बाद करता है।
05:34 और इस डिजाइन के साथ दूसरी समस्या यह है कि:
05:38 यह डेटाबेस में अनियमितता(एनोमलीस) उत्पन्न करने के खतरे को बढ़ाता है।
05:44 अब एनोमली क्या है?
05:47 यह डेटाबेस में केवल एक एरर या असंगति है।
05:53 यहाँ तीन प्रकार की एनोमलीस होती हैं:
05:57 पहले को इंसर्शन एनोमली कहते हैं,
06:01 जोकि तब हो सकता है जब नया रिकॉर्ड प्रविष्ट करते हैं,
06:06 या जब कुछ ऐट्रिब्यूट्स बिना अन्य ऐट्रिब्यूट्स की मौजूदगी में डेटाबेस में प्रविष्ट न हो सकें।
06:14 उदाहरणस्वरुप, हम मानते हैं कि यहाँ Penguin नामक एक नया प्रकाशक है।
06:21 अब हमारा डिजाइन हमें Penguin प्रकाशकों की सूचनाओं को प्रविष्ट करने की अनुमति नहीं देगा, जब तक हमारी लाइब्रेरी इसके द्वारा कम से कम एक पुस्तक को नहीं रखती।
06:34 दूसरे को डिलीशन(मिटाना) एनोमली कहते हैं,
06:39 जो कि रिकॉर्ड को मिटाते समय होती है।
06:43 यहाँ, डेटाबेस में रो या रिकॉर्ड का डिलीशन, हमारी इच्छा से अधिक सूचनाएँ डिलीट कर देता है।
06:51 उदाहरणस्वरुप, हम देखते हैं कि Orient प्रकाशक की ‘Paradise Lost’ शीर्षक नामक केवल एक ही पुस्तक हमारी लाइब्रेरी में है।
07:01 अब यदि हम इस पूरे रिकॉर्ड को डिलीट करते है, तो हम Orient प्रकाशक पर सारी जानकारी खो देंगे।
07:10 और हम साथ ही रचयिता John Milton की जानकरी भी खो देंगे।
07:16 और अंततः देखते हैं कि अपडेट एनोमली क्या है।
07:21 यह रिकॉर्ड को अपडेट करने के दौरान होती है।
07:26 उदाहरणस्वरुप, चलिए मानते हैं कि Cambridge प्रकाशकों के पास नया पता है।
07:32 अब, इस प्रकाशक के लिए Address कॉलम को अपडेट करने के लिए हमें एक से अधिक स्थान पर बदलाव करने की आवश्यकता है।
07:40 हमारे उदाहरण में, दो स्थानों पर।
07:43 और यदि Cambridge हज़ार पुस्तकें देता है, तो इसका मतलब है कि हमें उन हज़ार रेकॉर्ड्स में पता बदलने की आवश्यकता है।
07:54 और हो सकता है, हम अनजाने में एक स्थान पर पता बदलें, किन्तु अन्य स्थानों पर इसे बदलना भूल जाएँ।
08:02 अतः इसकी वजह से जानकारी सही नहीं होगी और फलस्वरूप डेटा पूर्णता खो जाएगा।
08:11 हम इन समस्याओं को कैसे हल करें?
08:14 हमें फिर से डिजाइन करना होगा, जिससे कि हम प्रत्येक तथ्य को केवल एक बार रिकॉर्ड करें।
08:20 यदि एक ही जानकारी एक से अधिक स्थान पर दोहराई गई है, तो हमें उस सूचना को एक अलग टेबल में रखना चाहिए।
08:29 चलिए देखते हैं कैसे।
08:31 अब हमने Books टेबल को Books, Authors और Publications में बाँट दिया है।
08:38 ध्यान दीजिये कि प्रत्येक टेबल में कॉलम्स केवल उस तत्व या प्रसंग के तथ्यों को रखता है।
08:47 इस प्रकार से, हम प्रकाशक की जानकारी Publications टेबल में केवल एक बार रिकॉर्ड कर सकते हैं।
08:55 उसी प्रकार से, अलग Authors टेबल के होने से रचयिता की जानकारी को केवल एक बार रिकॉर्ड करने की अनुमति मिलती है।
09:04 और अगले ट्यूटोरियल में हम देखेंगे कि कैसे हम इन टेबल्स को Books टेबल्स में वापस जोड़ सकते हैं।
09:12 इसी के साथ हम लिबरऑफिस में डेटाबेस डिजाइन के पहले भाग के इस ट्यूटोरियल की समाप्ति की ओर आ गये हैं।
09:19 संक्षिप्त में, हमने डेटाबेस डिजाइन में निम्न विषय सीखे:
09:25 अपने डेटाबेस का उद्देश्य पता करना।
09:28 अपेक्षित सूचना का पता लगाना और सुव्यवस्थित करना।
09:32 जानकारी को टेबल्स में बाँटना।
09:36 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक-टू-अ-टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, यह भारत सरकार के एमएचआरडी के “आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन” द्वारा समर्थित है।
09:48 यह प्रोजेक्ट http://spoken-tutorial.org. द्वारा संचालित है।
09:54 इस पर अधिक जानकारी निम्न लिंक पर उपलब्ध है।
09:58 आई.आई.टी बॉम्बे की ओर से मैं रवि कुमार अब आपसे विदा लेता हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Pravin1389