Health-and-Nutrition/C2/Reasons-for-increase-in-junk-food-consumption/Hindi
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00:00 | जंक फूड ज्यादा खाने के कारणों पर बने "स्पोकन ट्यूटोरियल" में आपका स्वागत है। |
00:08 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे - |
00:11 | ज्यादा जंक फूड खाने के कारक । |
0:15 | और आपके खाने में से जंक फूड हटाने के तरीके। |
00:20 | जंक फूड में ज्यादा मात्रा में चीनी नमक, रिफाइंड फैट और रिफाइंड आटा होता है। |
00:28 | जंक फूड खाने से होने वाले हानिकारक असर के बारे में अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
00:34 | अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखें। |
00:38 | आइये समझते हैं कि ज्यादा जंक फूड खाने के क्या कारण हैं? |
00:45 | इन दिनों जंक फूड आसानी से खरीदने को मिलता है। |
00:49 | यह आसपास की दुकानों में, |
00:52 | स्कूल की कैंटीन में, ठेलों पर |
00:54 | और होटलों में भी मिल जाता है। |
00:56 | आइये अब समझते हैं जंक फूड खाने के दूसरे कारक । |
1:02 | कभी-कभी माएँ नौकरी और घर के कामों में व्यस्त होती है |
1:06 | इसलिए उन्हें अपने बच्चों के लिए घर पर पौष्टिक खाना बनाने का समय नहीं मिल पाता। |
1:14 | और वो घर पर बने खाने के बजाय बच्चों को बाहर से खाना खरीदने के लिए पैसे दे देती हैं। |
1:20 | बच्चे उन पैसों से चॉकलेट आइसक्रीम और चिप्स खरीद लेते हैं। |
1:26 | जंक फूड अक्सर पौष्टिक खाने की तुलना में सस्ता मिलता है। |
1:33 | जैसे एक प्लेट रोटी, दाल और सब्जी की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है। |
1:42 | इसलिए लोग कुछ सस्ती चीज़ें जैसे समोसा, चिप्स और बिस्कुट खरीद लेते हैं। |
1:50 | कभी-कभी माता पिता बच्चों की पसंद नापसंद को अनदेखा कर देते हैं । |
1:56 | बच्चे कई बार रोज बनने वाले घर के खाने से ऊब जाते हैं |
2:01 | घर पर अलग- अलग किस्म के खाने ना मिलने की वजह से वे जंक फूड
खाना पसंद करते हैं । |
2:08 | और जंक फूड बच्चों को स्वादिष्ट लगते हैं । |
2:11 | ज्यादा मीठा जंक फूड खाने से दिमाग में से डोपामाइन जैसे रसायन निकलते हैं । |
2:19 | जब डोपामाइन ज्यादा निकलता है तब हमें खुशी और आराम का एहसास होता है। |
2:26 | इसलिए हमें जंक फूड खाने की लत लग जाती है और हमें इसे ज्यादा से ज्यादा खाने की इच्छा होती है। |
2:34 | जंक फूड खाकर हमें आराम का एहसास मिलता है । |
2:38 | ऐसा तनाव के दौरान |
2:42 | उदासी, अकेलापन |
2:44 | और चिंता में ज्यादा होता है। |
2:47 | विज्ञापन भी एक कारक है जिसकी वजह से हमारा जंक फूड खाने का मन करता है। |
2:53 | जंक फूड के विज्ञापन बहुत लुभाते हैं |
2:56 | और भटकाते हैं । |
2:59 | इन से बच्चे और किशोरावस्था के लोग आसानी से प्रभावित हो जाते हैं। |
3:05 | दोस्तों का भी हमारे खाने की पसंद पर असर होता है। |
3:08 | जैसे कि एक विद्यार्थी स्कूल में रोटी और सब्जी लाती है |
3:14 | पर अगर उसके दोस्त जरूर लाएंगे तो उस विद्यार्थी का भी वही लाने का मन करेगा। |
3:22 | यह दिखाता है कि हमारी खाने की आदतों पर हमारे आसपास के लोगों का असर होता है। |
3:29 | अब जंक फूड को ना खाने की बात करते हैं। |
3:35 | माता-पिता को समझना चाहिए कि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं। |
3:41 | अगर बच्चे माता पिता को पौष्टिक खाना खाते देखेंगे तो वे भी पौष्टिक खाना खाने को प्रेरित होंगे। |
3:48 | इसलिए माता पिता को अपने बच्चों के लिए एक अच्छा आदर्श बनना चाहिए। |
3:53 | हमेशा याद रखें, बच्चों को इनाम के रूप में जंक फूड नहीं देना चाहिए। |
3:58 | माता पिता अक्सर बच्चों को इनाम के तौर पर जंक फूड दे देते हैं । |
4:05 | जैसे स्कूल का काम खत्म करने के लिए और परीक्षा में अच्छे नंबर पाने के लिए। |
4:12 | इस से बच्चों को ये लगता है कि जंक फूड खाना ठीक है। |
4:18 | और बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं जंक फूड खाना उनकी आदत बन जाता है। |
4:23 | इसलिए हमें बच्चों को इनाम के रूप में जंक फूड नहीं देना चाहिए। |
4:29 | खाना खाते हुए कभी भी टीवी या मोबाइल नहीं देखना चाहिए। |
4:37 | टीवी देखते समय हमारा ध्यान खाने पर नहीं होता। |
4:41 | इसलिए हमारा खाना खाकर भी मन नहीं भरता और फिर हम ज्यादा खाते हैं। |
4:46 | इसके साथ-साथ माओं को बच्चों के लिए अलग-अलग तरह के खाने बनाने चाहिए। |
4:53 | इस से बच्चों के रोज के खाने को मजेदार बना सकते हैं। |
4:58 | अलग-अलग रंग और पोषक तत्वों वाले खाने बनाने चाहिए । |
5:02 | अलग-अलग खाद्य समूह के सामग्री से खाना बनाएं। |
5:08 | मैं आपको एक उदाहरण देती हूं। |
5:11 | सादे चावल में दाल सब्जी और अंडे मिलाकर उसे स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। |
5:19 | इस तरह से बच्चे घर का खाना खाने के लिए उत्साहित रहेंगे। |
5:26 | खाना बनाने से पहले बच्चों की पसंद नापसंद का ख्याल रखना चाहिए। |
5:31 | अगर बच्चे कोई एक चीज पसंद नहीं करते हों तो उसे दूसरे खाने में डालकर खिला सकते हैं। |
5:39 | जैसे कुछ बच्चे सब्जियां खाने को मना करते हैं। |
5:45 | तो सब्जियों को पराठा, चीला या कटलेट में डालकर खिला सकते हैं। |
5:54 | सब्जियों को काटकर या प्यूरी बनाकर सूप की तरह दे सकते हैं। |
6:00 | जंक फूड के बजाय पौष्टिक खाना ही चुने। |
6:04 | वड़ा-पाव, समोसा और बिस्कुट के पैकेट की कीमत पांच से दस रुपए होती है। |
6:13 | पर उसी पैसे से हम दो अंडे या एक गिलास दूध खरीद सकते हैं। |
6:19 | बच्चों के दूध में स्वाद बढ़ाने के लिए बाजार में मिलने वाले पाउडर ना डालें। |
6:26 | उस के बजाय आप दूध में हल्दी या दाने और बीजों का पाउडर मिलाएं। |
6:33 | केचप और सौस के बजाय आप दाने और बीजों से बनी चटनी खिलाएं। |
6:41 | चिप्स और तले हुए चिवड़े के बजाय आप भुनी हुई मूंगफली या चना खिलाएं। |
6:50 | हरा चना, काला चना और मक्के को उबालकर भी खा सकते हैं। |
6:58 | रिफाइंड आटे से बनी पुड़िया ना खाएं। |
7:02 | बजाय इस के अनाज, जवार और बाजरा से बनी चपाती या पराठा खाए। |
7:11 | बुरे फैट जैसे की रिफाइंड तेल की जगह अच्छे फैट वाले तेल का इस्तेमाल करें। |
7:19 | अच्छे फैट वाले तेल के उदाहरण है - नारियल का तेल, शुद्ध देसी घी और मक्खन । |
7:26 | दाने, बीज, अंडा और मछली में भी अच्छा फैट होता है। |
7:32 | कोल्ड ड्रिंक और रस ना पिए। |
7:36 | इसके बजाय पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, छास और दूध पी सकते हैं। |
7:44 | बच्चों को रस पीने के बजाय मौसम के हिसाब से मिलने वाले फल खाने के लिए उत्साहित करें। |
7:51 | फलों का रस या पीने की मीठी चीजें 2 साल से छोटे बच्चों को ना पिलाए । |
7:58 | और 2 साल के बच्चों को चाय और कॉफी भी ना दें। |
8:04 | पांच से नौ साल के बच्चों को आधा कप या 100 मिलीलीटर चाय या कॉफी दे सकते हैं । |
8:12 | और किशोरों को एक कप का या 200 मिलीलीटर दे सकते हैं। |
8:18 | पांच साल तक के बच्चों को चाय और कॉफी नहीं देनी चाहिए। |
8:26 | बच्चों और किशोरों को एनर्जी मिलने वाला मीठा पानी और सोडा बिल्कुल न दे । |
8:33 | जंक फूड सप्ताह में सिर्फ एक ही बार खाएं। |
8:40 | सही सामग्री से बना घर का खाना बाहर के जंक फूड से ज्यादा स्वास्थ्य बढ़ाता है। |
8:47 | हमेशा याद रखें - आदत बनाने में समय लगता है। |
8:52 | इसलिए बच्चों को छोटी उम्र में ही पौष्टिक खाना खाने की आदत डालनी चाहिए |
8:59 | इसी के साथ यह टुटोरिअल समाप्त होता है।
आईआईटी बॉम्बे से में बेल्ला टोनी आपसे विदा लेती हूं। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |