COVID19/C2/Breastfeeding-during-COVID-19/Hindi
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00:02 | "कोविड-19 के दौरान स्तनपान कराने के " विषय पर बने इस स्पोकन ट्यूटोरिल में आपका स्वागत है। |
00:09 | इस ट्यूटोरिल मे हम सीखेंगे, |
00:11 | कोविड-19 क्या है.? |
00:14 | कोविड-19 के दौरान स्तनपान कराने के लिए क्या दिशा-निर्देश है। |
00:19 | आइए, पहले समझते हैं कि कोविड-19 क्या है.? |
00:24 | कोविड-19 एक संक्रमित बीमारी है, जो कोरोनावायरस नाम के वायरस से होती है। |
00:33 | यह वायरस दुनियाभर में फैल चुका है। |
00:37 | जब इस से संक्रमित व्यक्ति, खांसता या छींकता है तो छोटी-छोटी बूंदे मुँह से निकलती हैं |
00:44 | इन्हीं छोटी बूंदों में कोरोना वायरस होता है |
00:49 | यही संक्रमित बूंदे जब किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती हैं, तो संक्रमण फैलने लगता है |
00:56 | ये संक्रमित बूंदें हवा में एक से दो मीटर के दायरे में फ़ैल सकती हैं और किसी सतह पर बैठ जाती हैं। |
01:04 | जहाँ वे कई घण्टों या कई दिनों तक जीवित रह सकती हैं। |
01:09 | बाकी के लोग उस संक्रमित सतह को अपने हाथों से छूते हैं |
01:15 | और फिर अपनी आँखे नाक या मुँह बिना हाथ धोए छू लेते हैं |
01:23 | तो इस तरह से भी संक्रमण दूसरे व्यक्तियों में फैलता जाता है। |
01:28 | संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण दिखने से पहले भी वे दूसरे व्यक्तियों में वायरस फैला सकते हैं। |
01:35 | इस वायरस के अभी तक गर्भाशय में फैलने के कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिले हैं। |
01:43 | संक्रमित माँ के दूध में भी यह वायरस अभी तक नहीं पाया गया है। |
01:50 | और इस वायरस के स्तनपान के जरिए फैलने के भी अभी कोई सबूत नहीं मिले हैं। |
01:57 | कोरोना वायरस से संक्रमण के चिकित्सकीय लक्षण अलग-अलग हैं। |
02:03 | बुखार, खांसी |
02:05 | सांस लेने में तकलीफ थकान |
02:07 | सिर दर्द, गले में तकलीफ ऐसा कुछ आम लक्षण हैं |
02:12 | उल्टी होना, दस्त लगना |
02:14 | छींक आना और आँख आना, कुछ असामान्य लक्षण हैं |
02:19 | ऐसे भी हो सकता है कि संक्रमित व्यक्ति में ऐसे कोई लक्षण दिखाई ना दे |
02:25 | नवजात और शिशुओं को कोविड-19 से खतरा कम है। |
02:30 | छोटे बच्चों में कोविड-19 के बोहत कम पक्के केस सामने आए हैं । |
02:37 | अधिकतर, संक्रमित शिशुओं में , वायरस के कम से कम या कोई भी लक्षण नहीं पाए गए हैं। |
02:44 | चलिए, अब कोविड-19 के दौरान स्तनपान कराने के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों पर बात करते हैं। |
02:51 | स्तनपान सभी शिशुओं के लिए बोहत जरुरी है। |
02:56 | इसमें कोविड-19 से संदिग्ध या संक्रमित माओं से जन्म लेने वाले शिशु भी शामिल हैं। |
03:03 | और इसमें वे शिशु भी शामिल हैं, जो कोविड-19 से संक्रमित या संदिग्ध हैं। |
03:10 | सभी शिशुओं को शिशु आहार दिशा-निर्देशों के मानकों के हिसाब से आहार मिलना चाहिए । |
03:17 | शिशु के जन्म के एक घण्टे के भीतर ही स्तनपान की शुरुआत हो जानी चाहिए। |
03:22 | और छह महीने तक सिर्फ स्तनपान जारी रखना चाहिए। |
03:28 | यदि आवश्यक हो, तो माँ के स्तन से निकाला हुआ दूध भी शिशु को पिलाया जा सकता है। |
03:34 | शिशु की ६ महीने की उम्र पूरी होने पर उसे पूरक आहार की शुरवात करनी चाहिए |
03:40 | और स्तनपान, शिशु के 2 साल का होने तक जारी रखना चाहिए। |
03:46 | स्तनपान कराना, स्तनों से निकाला हुआ दूध पिलाना और पूरक आहार खिलाना आवश्यक कौशल हैं। |
03:54 | हमारे दूसरे ट्यूटोरिलों में इन विषयों पर बात की गई है। |
03:59 | कृपया हमारे वेबसाइट पर जाकर आप हेल्थ एंड नुट्रिशन श्रंखला में जरूरी वीडियो जरूर देखें। |
04:06 | कोविड-19 के दौरान, शिशु को आहार देने में साफ़ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। |
04:13 | शिशु को छूने से पहले और बाद में माँ को बीस सेकेंड तक अपने हाथ धोने चाहिए। |
04:19 | माँ को स्तनपान कराने और स्तन से निकाला हुआ दूध पिलाने से पहले और बाद में भी हाथ धोने चाहिए। |
04:27 | हाथ साफ करने के लिए एल्कोहल वाले सेनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। |
04:33 | अगर माँ कोविड-19 की संदिग्ध या संक्रमित मरीज हैं तो उन्हें मेडिकल मास्क की जरूरत होगी । |
04:41 | स्तनपान कराते समय माँ को मास्क पहनना चाहिए। |
04:45 | और स्तन से निकाला हुआ दूध पिलाते समय भी। |
04:48 | मास्क के नम होते ही तुरंत उसे बदल देना चाहिए। |
04:54 | इस्तेमाल किया हुआ मास्क तुरन्त कूड़ेदान में फेक देना चाहिए। |
04:59 | इसे दुबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। |
05:02 | माँ को मास्क की बाहरी सतह कभी नहीं छूनी चाहिए। |
05:08 | उसे मास्क को पीछे से निकालना चाहिए |
05:12 | अगर ऐसा हो जाऐ की मेडिकल मास्क उपलब्ध न हो, |
05:17 | तो उस समय, माँ को टिश्यू पेपर |
05:21 | या एक साफ कपड़ा, या एक रुमाल का इस्तेमाल करना चाहिए। |
05:25 | माँ को छींकते और खांसते वक्त इसे चेहरे पर लगा लेना चाहिए |
05:30 | फिर इसे तुरन्त कूड़ेदान में फेक कर अपने हाथ धो लेने चाहिए। |
05:36 | गंदा टिश्यू पेपर
या कपड़ा |
05:39 | या रुमाल जितनी जल्दी हो सके बदलते रहना चाहिए। |
05:44 | अगर मेडिकल मास्क ना उपलब्ध हों तो कपड़ों के बने मास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं। |
05:51 | माँ को हर बार दूध पिलाने से पहले स्तन को धोने की जरूरत नहीं है। |
05:57 | लेकिन खांसते या छींकते समय छाती पर बूंदे पड़ जाएं तो स्तन साफ कर लेने चाहिए। |
06:02 | स्तन को धोने के लिए साबुन और गर्म पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक सफाई करनी चाहिए। |
06:10 | शिशु की देखभाल करने वालों को भी शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथ धोने चाहिए। |
06:17 | कमरे के फर्श और बाकि की सतह को रोज़ साफ़ और संक्रमण रहित बनाए रखना जरूरी है। |
06:24 | कुछ संक्रमित माँएं इतनी बीमार हो सकती हैं कि वे शिशु को स्तनपान ना करा सकें। |
06:30 | ऐसे में, शिशु को माँ के स्तनों से निकाला हुआ दूध पिलाया जाना चाहिए। |
06:37 | नर्स या परिवार का सदस्य शिशु को ये दूध पिला सकते हैं। |
06:43 | ध्यान रहे, दूध पिलाने वाला व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में न आया हो। |
06:49 | शिशु या दूध को छूने से पहले उन्हें २० सेकंड तक हाथ धोने चाहिए
हाथ धोने के बाद उन्हे मास्क भी पहनना चाहिए । |
06:56 | स्तनों से निकाला हुआ दूध शिशु को बिना गर्म किए हुए ही पिलाया जा सकता है। |
07:02 | स्तनों से निकाले हुए दूध को इखट्टा करना और उसका रखरखाव बड़ी सावधानी से करना चाहिए। |
07:09 | माँ के ठीक होते ही स्तनपान की शुरुआत फिर से करनी चाहिए। |
07:15 | अगर संक्रमित माँयें ज्यादा बीमार हों और स्तनों से दूध न निकाला जा सके, |
07:21 | तो शिशु को पोषण देने के लिए दूसरे विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। |
07:27 | कोशिश करें, ,दानी माँ का दुघ , किसी माँ यो का दूध इखट्ठा करने वाले बैंक में मिल सके |
07:33 | शिशु को दूसरी माँ का दूध पिलाते रहना चाहिए, जब तक शिशु की माँ ठीक न हो जाये। |
07:39 | अगर किसी और माँ का दूध ना मिल सके, तो माँ के ठीक होने तक वेट-नर्सिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। |
07:47 | वेट-नर्सिंग का मतलब हैं , शिशु को किसी दूसरी माँ द्वारा स्तनपान कराया जाना |
07:55 | अगर वेट-नर्सिंग न हो सके, तो शिशु को पशु का दूध पिलाया जा सकता है। |
08:02 | हमेशा पशु का दूध उबाल कर ही शिशु को पिलाना चैहिए । |
08:07 | साथ ही इन सभी विकल्पों पर अपने स्वस्थ सेवक की सलाह जरूर लें। |
08:14 | डिब्बे वाला पाउडर दूध का प्रयोग न करें। |
08:16 | न ही दूध की बोतल |
08:18 | और न ही प्लास्टिक, रबर या सिलिकॉन निप्पल्स का प्रयोग करें। |
08:23 | माँ के ठीक होने पर उसे स्तनपान शुरू कराने में मदद करें। |
08:30 | शिशुऔर माँ के त्वचा से त्वचा के सम्पर्क कराने की प्रक्रिया भी करते रहें। |
08:38 | यह प्रक्रिया शिशुके जन्म लेते ही शुरू करनी चाहिए, भले ही माता माँ कोविड-19 से संक्रमित हो। |
08:45 | इस प्रक्रिया से माँ को स्तनपान शुरू कराने में मदद मिलेगी। |
08:49 | कंगारू मदर केयर पद्धति माँ से शिशुको दिन-रात मिलनी चाहिए। |
08:55 | स्तनपान और त्वचा से त्वचा के सम्पर्क की प्रक्रिया शिशुओं की मृत्यु के खतरे को कम कर देती है। |
09:03 | यह प्रक्रिया, शिशु को तत्काल और आजीवन स्वास्थ्य और विकास प्रदान करते हैं। |
09:11 | स्तनपान से माँओं में स्तन और अंडाशय के कैंसर के खतरे को भी कम किया जा सकता है। |
09:18 | ये सभी लाभ विशेष मायनों में उनके संक्रमित होने के खतरे से कहीं ज्यादा बड़े हैं। |
09:25 | आखिर में, माँ और परिवार के सदस्यों को चिंताजनक लक्षणों के बारे में भी जरूर सलाह देनी चाहिए। |
09:33 | उन्हें शिशु में चिंताजनक लक्षण देखने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। |
09:39 | अगर उन्हें ऐसे लक्षण दिखें, तो उन्हें तुरन्त डॉक्टर को बताना चाहिए। |
09:45 | इस ट्यूटोरिल में दिए गए दिशा-निर्देश अभी तक उपलब्ध सीमित सूचना पर आधारित हैं। |
09:52 | जैसे ही नई जानकारी उपलब्ध होगी, वैसे ही कुछ सुझावों में बदलाव किया जा सकता है। |
09:59 | कृपया इन दिशा-निर्देशों का उपयोग, नवीनतम सरकारी अधिनियमों के साथ करें। |
10:06 | इसी के साथ यह ट्यूटोरिल समाप्त होता है।
जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। |