LibreOffice-Suite-Base/C4/Design-Refine-Database-Design-and-Normalization-Rules/Hindi
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Database Design,Refine Database Design,Normalization Rules
Visual Cue | Narration |
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00:02 | लिबरऑफिस बेस पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:06 | यह ट्यूटोरियल डेटाबेस डिजाइन पर पिछले ट्यूटोरियल के आगे का भाग है। |
00:11 | और यहाँ हम निम्न विषयों को सीखेंगे: |
00:15 | डेटाबेस डिजाइन को सुधारना। |
00:18 | normalization (सामान्यकरण) नियमों को लागू करना। |
00:21 | डेटाबेस डिजाइन को जाँचना। |
00:25 | पिछले ट्यूटोरियल में, हमने सीखा था कि टेबल रिलेशनशिप्स को स्थापित करने के लिए प्राइमरी कीज़ और फॉरेन कीज़ को कैसे निर्धारित करें। |
00:34 | अब डेटाबेस डिजाइन के तरीके को आगे बढ़ाते हैं। |
00:38 | पहले, हम अपने डेटाबेस डिजाइन में सुधार करेंगे। |
00:42 | अभी हमारे पास प्रारंभिक डिजाइन है, हम टेबल्स को नमूने डेटा के साथ बना और भर सकते हैं। |
00:50 | हम नमूना क्वेरीस, फॉर्म्स और रिपोर्ट्स बना सकते हैं और देखते हैं, कि हमारे सभी शुरुआती सवालों के जवाब मिले हैं या नहीं। |
00:59 | हम अनावश्यक प्रतिलिपिकरण को जांच सकते हैं और डिजाइन में परिवर्तन करके उन्हें कम कर सकते हैं। |
01:06 | हम कॉलम्स जोड़ सकते हैं जिन्हें हम शायद भूल गये हों। |
01:10 | साथ ही डेटाबेस पूर्णता को पुष्ट करने के लिए हम व्यापार नियमों को भी लाइब्रेरी डेटाबेस में सम्मिलित कर सकते हैं। |
01:19 | उदाहरणस्वरुप, Books टेबल में Price कॉलम को अंकीय होना चाहिए। |
01:24 | एक और व्यापार नियम हो सकता है: वापस करने की तिथि पुस्तक को जारी करने की तिथि के एक महीने बाद होनी चहिये। |
01:32 | या जब कोई विशिष्ट कार्य होता है, आगे की कार्यवाही तुरंत करनी चाहिए। |
01:39 | अतः यदि पुस्तक को वापस करने की तिथि बीत जाये, तो हमें सदस्य को याद दिलाने के लिए एक ई-मेल भेजने के लिए डेटाबेस में कुछ कार्यों को निर्धारित करना चाहिये। |
01:50 | अतः चूँकि हम फिर से डिजाइन कर रहे हैं, हम सम्भवतः नए टेबल्स, कॉलम्स, नियमों या प्रतिबंधों को लागू कर सकते हैं।। |
01:58 | और डेटा इन्टिग्रिटी न खोये, यह सुनिश्चित करने के हमें पिछले सभी स्टेप्स में जाना होगा। |
02:07 | आगे, हम normalization (सामान्यकरण) नियमों को लागू कर सकते हैं। |
02:13 | इनको देखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, यदि हमारे टेबल्स. |
02:17 | a) ठीक से बने हैं और |
02:20 | b) कोई भी बदलाव एनोमलीस से मुक्त हैं, जिन्हें हम पहले देख चुके हैं । |
02:25 | डेटाबेस डिजाइन में नियमों या नॉर्मल फॉर्म्स को लागू करने को normalization(सामान्यकरण) कहते हैं। |
02:33 | अपने ट्यूटोरियल के पहले तीन नॉर्मल फॉर्म्स को देखते हैं। |
02:38 | सबसे पहले पहला नॉर्मल फॉर्म देखते हैं। पहला नॉर्मल फॉर्म या 1NF दर्शाता है कि सभी कॉलम वेल्यूस छोटी होनी चाहिए। |
02:51 | उदाहरणस्वरूप, Books टेबल में Price कॉलम की प्रत्येक सेल में केवल एक वेल्यू होनी चाहिए। |
02:59 | मतलब कि कॉलम में केवल उस पुस्तक की कीमत होनी चाहिए और कुछ नहीं। |
03:07 | उसी प्रकार से, Authors टेबल में प्रत्येक First Name सेल में केवल रचयिता का पहला नाम होना चाहिए। |
03:16 | पहला नॉर्मल फॉर्म यह भी दर्शाता है कि कॉलम्स के पुनरावृत्ति समूह नहीं होने चाहिए। |
03:23 | उदाहरण के तौर पर, हम मानेंगे कि एक प्रकाशक ने 3 पुस्तकें प्रकाशित की। |
03:29 | और Publishers टेबल संरचना में निम्न कॉलम्स हैं: |
03:34 | Publisher Id, Publisher, Book1, Author 1, Book 2, Author 2, Book 3, Author 3. |
03:47 | ध्यान दीजिये कि समूह: Book और Author तीन बार पुनरावृत्ति कर रहे हैं। |
03:52 | अतः यदि हम ऐसे पुनरावृत्ति समूह देखते हैं, हमें अपने डिजाइन को फिर से देखना चाहिए। |
03:58 | अब यदि प्रकाशक दस और पुस्तकें प्रकाशित करता है, हम टेबल संरचना को 20 कॉलम्स जोड़कर बदलने के लिए बाध्य होंगे। |
04:08 | अतः हम देखते हैं कि टेबल डिजाइन, डेटा बदलावों जैसा स्थिर नहीं हैं। |
04:14 | साथ ही टेबल को पुस्तक या रचयिता के द्वारा खोजना और क्रमबद्ध करना जटिल हो जाएगा। |
04:23 | अतः हम इस त्रुटी को टेबल को दो या तीन टेबल्स में विभाजित करके हल कर सकते हैं। |
04:30 | हमारे उदाहरण में, हम उपर्युक्त टेबल को Publishers, Books और Authors में विभाजित करेंगे, जैसा स्क्रीन में दिखाया गया है। |
04:41 | यह डिजाइन टेबल को पहले नॉर्मल फॉर्म में लाएगा। |
04:47 | और publishers और books के डेटा को बदलने पर भी यह टेबल संरचनाओं को स्थिर रखता है। |
04:56 | अब दूसरा नॉर्मल फॉर्म देखते हैं। |
05:00 | यदि टेबल 1NF में है तो उसे दूसरे नॉर्मल फॉर्म, या 2NF में कहा जा सकता है। |
05:07 | और प्रत्येक की-रहित कॉलम पूर्ण रूप से सभी प्राइमरी की पर निर्भर हो जाती है। |
05:14 | यह नियम लागू होता है जब हमारे पास एक प्राइमरी की हो, जो एक से अधिक कॉलम सम्मिलित करे। |
05:22 | उदाहरणस्वरुप, BooksIssued टेबल को, निम्न कॉलम्स के साथ देखते हैं। |
05:29 | BookId, MemberId, BookTitle,और IssueDate, साथ ही BookId और MemberId टेबल के लिए प्राइमरी की बना रहे हैं। |
05:42 | अब, BookTitle कॉलम पर ध्यान दीजिये। |
05:45 | हम Books टेबल में BookId में देख कर BookTitle पा सकते हैं। |
05:52 | दूसरे शब्दों में, BookTitle केवल Book ID पर निर्भर है, और Member ID पर नहीं। |
06:00 | अतः यह सभी प्राइमरी की पर निर्भर नहीं है। |
06:06 | इस टेबल को दूसरे नॉर्मल फॉर्म में लाने के लिए, हमें इस टेबल से BookTitle हटाना ही होगा। |
06:14 | और केवल उन कॉलम्स को रखना होगा जो प्राइमरी की और कॉलम्स दोनों पर पूर्ण रूप से निर्भर हैं। |
06:23 | IssueDate कॉलम यहाँ पर रहेगा, क्योंकि यह दोनों प्राइमरी की फील्ड्स पर पूर्ण रूप से निर्भर है। |
06:31 | अब देखते हैं, कि तीसरी नॉर्मल फ़ॉर्मल क्या है। |
06:35 | टेबल को तीसरे नॉर्मल फॉर्म (3NF) में कहा जाता है यदि वह 2NF में होता है। |
06:42 | और यदि सभी की-रहित कॉलम्स एक दूसरे से स्वतंत्र हों। |
06:48 | उदाहरणस्वरुप, BooksIssued टेबल को इन कॉलम्स के साथ देखते हैं। |
06:54 | BookIssueId (प्राइमरी की की तरह काम करती है), BookTitle,Member,IssueDate,
और ReturnDate. |
07:03 | और यह मानते हैं कि वापसी तारीख के लिए लाइब्रेरी की नीति, पुस्तक को जारी करने की तिथि के एक महीने बाद की है। |
07:11 | अब, बेस IssueDate कॉलम का इस्तेमाल करके वापस करने की तिथि की गणना कर सकता है, जोकि एक की-रहित (non-key) कॉलम है। |
07:19 | मतलब, ReturnDate वाकई में केवल IssueDate कॉलम पर निर्भर करती है और किसी अन्य कॉलम पर नहीं। |
07:26 | और, यदि हम Return Date फील्ड में कोई अन्य तिथि प्रविष्ट करते हैं, तो यह हमारी लाइब्रेरी की नीति का उलंघन होगा। |
07:37 | अतः टेबल को तीसरे नॉर्मल फॉर्म में रखने के लिए, हम टेबल में से ReturnDate कॉलम हटा देंगे। |
07:44 | अतः अब हम जान चुके हैं कि पहले तीन नॉर्मल फॉर्म्स को कैसे लागू करें। |
07:49 | साधारणतः, हमारा डेटाबेस डिजाइन 3NF पर रुक सकता है। |
07:55 | नॉर्मल फॉर्म्स और डेटाबेस डिजाइन पर अधिक जानकारी के लिए, स्क्रीन पर दिखाई दे रही वेबसाइट्स पर जाएँ। |
08:05 | अंततः अपना डेटाबेस डिजाइन जाँचते हैं, क्योंकि हम अपनी डेटाबेस डिजाइन की प्रक्रिया को पूरा कर चुके हैं। |
08:12 | हम डेटाबेस संरचना बना सकते हैं; |
08:16 | यहाँ हम टेबल्स, रिलेशनशिप्स, नियम या प्रतिबंध, फॉर्म्स, क्वेरीस और रिपोर्ट्स बनाएँगे। |
08:24 | और हम डेटाबेस को वास्तविक डेटा औए उपयोगकर्ताओं के साथ जाँच सकते हैं। |
08:29 | डेटाबेस में डेटा जोड़ने, अपडेट करने या मिटाने के लिए फॉर्म्स का इस्तेमाल करें। |
08:36 | रिपोर्ट्स रन करें, यह देखने के लिए,कि रिपोर्ट के परिणाम उचित और सही हैं। |
08:42 | चूँकि, डेटाबेस इस्तेमाल के लिए तैयार है, हम गति के मामले में इसका प्रदर्शन जाँच सकते हैं। |
08:50 | हम डेटा को तेज़ी से पाने के लिए टेबल्स में इन्डेक्सिज़(सूचियाँ) जोड़ सकते हैं। |
08:55 | और अपने डेटाबेस एप्लिकैशन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए, हमें समय-समय पर डेटाबेस अनुरक्षण करना चाहिए। |
09:03 | अब हमने कर लिया है, यहाँ आपके लिए एक नियत कार्य है: |
09:08 | लाइब्रेरी डेटाबेस डिजाइन में Media नामक एक नई एंटिटी जोड़िये। |
09:14 | Media में DVDs और CDs शामिल हैं। और यह या तो ऑडियो या विडियो हो सकते हैं। |
09:21 | पुस्तकों की ही तरह, DVDs और CDs भी लाइब्रेरी सदस्यों को जारी कर सकते हैं। |
09:28 | डेटाबेस डिजाइन प्रक्रिया का अनुगमन करें। |
09:31 | और पहले तीन नॉर्मल फॉर्म्स को अपने डिजाइन में लागू करें। |
09:37 | इसी के साथ हम लिबरऑफिस में डेटाबेस डिजाइन के तीसरे भाग के इस ट्यूटोरियल की समाप्ति की ओर आ गये हैं। |
09:45 | संक्षिप्त में, हमने डेटाबेस डिजाइन में निम्न विषय सीखे: |
09:50 | 7. डेटाबेस डिजाइन को सुधारना। |
09:52 | 8. Normalization (सामान्यकरण) नियमों को लागू करना। |
09:55 | 9. डेटाबेस डिजाइन को जाँचना। |
09:58 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक-टू-अ-टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, यह भारत सरकार के एमएचआरडी के “आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन” द्वारा समर्थित है। |
10:10 | यह प्रोजेक्ट http://spoken-tutorial.org. द्वारा संचालित है। |
10:15 | इस पर अधिक जानकारी निम्न लिंक पर उपलब्ध है। |
10:20 | आई.आई.टी बॉम्बे की ओर से मैं रवि कुमार अब आपसे विदा लेता हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |