LibreOffice-Suite-Base/C4/Database-Maintenance/Hindi
From Script | Spoken-Tutorial
Revision as of 11:50, 29 November 2012 by 10.102.152.95 (Talk)
Database Maintenance
Visual Cues | Narration |
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00:00 | लिबरऑफिस बेस पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:04 | इस ट्यूटोरियल में, हम सीखेंगे कि, डेटाबेस का अनुरक्षण कैसे करें, डेटाबेस संरचना कैसे बदलें, डेटाबेस को एकीकृत कैसे करें और बैकअप्स कैसे लें। |
00:19 | डेटाबेस अनुरक्षण। |
00:21 | बेस डेटाबेस के पूरे कार्यकाल में, हमें देता को नया, विश्वसनीय और सुरक्षित रखने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। |
00:31 | यह डेटा संरचना में परिवर्तन और फॉर्म्स को अपडेट करने सहित डेटा को नया रखने के लिए जरूरी है। |
00:41 | Library डेटाबेस उदाहरण पर गौर करें, जिसे हमने अपने पिछले ट्यूटोरियल्स में बनाया था। |
00:48 | इस डेटाबेस में शुरू में पुस्तकों, सदस्यों और जारी की गयी हुई पुस्तकों पर टेबल्स थे। |
00:55 | और हमने इस डेटाबेस संरचना पर आधारित अपने उदाहरण फॉर्म्स, क्वेरीस और रिपोर्ट्स बनाये थे। |
01:03 | बाद में, library को अन्य मीडिया जैसे DVDs और CDs के लिए विकसित किया गया। |
01:11 | अतः, हमने संरचना को नया रखने के लिए Library डेटाबेस को परिवर्तित कर दिया । |
01:16 | इसके लिए, हमने Media नामक एक अन्य टेबल जोड़ा। |
01:21 | और हमने इस नये Media टेबल में DVD और CD सूचना संचित की। |
01:28 | इस प्रकार से, हमारा डेटाबेस अधिक उपयोगी और नवीनतम बन गया, क्योंकि जब आवश्यकता पड़ी हमने बदलाव किये। |
01:39 | टेबल बदलावों के साथ, हमें उपयोग के लिए सरल बनाने के लिए फॉर्म्स में भी बदलाव करने की आवश्यकता होगी। |
01:47 | या नये टेबल्स संरचनाओं को समायोजित करने के लिए हम नये फॉर्म्स बना सकते हैं। |
01:54 | उदाहरणस्वरुप, यदि हमारे पास पुस्तकों का डेटा दर्ज करने के लिए एक फॉर्म है, तो हम इसको DVDs और CDs के डेटा को भी दर्ज करने के लिए परिवर्तित कर सकते हैं। |
02:08 | यहाँ हम मीडिया के प्रकार को चुनने के लिए ऑप्शन बटन्स जोड़ सकते थे, जो हैं books, या DVDs या CDs . |
02:19 | या, हम केवल DVD या CD मीडिया के डेटा की प्रविष्टि को स्वीकार करने के लिए बिलकुल नया फॉर्म जोड़ सकते हैं। |
02:28 | उसी प्रकार से, हमें बदलने या नई क्वेरीस और रिपोर्ट्स जोड़ने की आवश्यकता होगी, जोकि डेटा संरचना पर आधारित हैं वह बदले जा चुके हैं। |
02:39 | और कभी-कभी हमें मौजूदा टेबल संरचना को परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी। |
02:45 | उदाहरणस्वरुप, Members टेबल पर गौर करें, जो Library के सभी सदस्यों को सूचीबद्ध कर रहा है। |
02:53 | यह अभी केवल उनके नाम और फोन नम्बर्स को संचित कर रहा है। |
02:58 | अब यदि हमें उनका पता और शहर की जानकारी भी संचित करनी है, तो हमें Members टेबल संरचना को बदलना होगा। |
03:09 | इसके लिए,हम SQL सिन्टैक्स इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि: |
03:15 | ALTER TABLE Members ADD Address TEXT, ADD City TEXT |
03:22 | अतः ALTER TABLE स्टेटमेंट टेबल संरचना को बदलता है और दो नये कॉलम्स जोड़ता है: |
03:30 | Address और City जो TEXT डेटा रखेंगे। |
03:36 | टेबल संरचना को बनाने और बदलने पर अधिक जानकारी के लिए hsqldb.org/ वेबसाइट पर जाएँ। |
03:47 | स्क्रीन पर दिख रहे url एड्रेस का उपयोग करें। |
03:52 | आगे, देखते हैं कि हम बेस डेटाबेस को इस्तेमाल के लिए विश्वसनीय कैसे कर सकते हैं। |
03:59 | कभी-कभी, बेस को थोड़े से रेकॉर्ड्स को रखने के लिए अधिक मेमोरी की आवश्यकता होती है। |
04:08 | ऐसा इसलिए, क्योंकि बेस पूर्वानुमान करता है कि डेटाबेस को एक निश्चित मात्रा में मेमोरी की आवश्यकता पड़ सकती है। |
04:17 | और, डेटा जिसे हमने टेबल्स में देखा, वह बिलकुल उसी क्रम में संचित नहीं होते हैं। |
04:26 | क्योंकि हम विभिन्न समय पर टेबल्स में डेटा जोड़ते हैं, उनका असली संग्रह विशिष्ट क्रम में नहीं होता। |
04:36 | हम टेबल डेटा के लिए सूचियाँ इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसा कि हमने पुस्तकों की Library के लिए तालिका इस्तेमाल की थी। |
04:45 | तालिका केवल पुस्तकों को सूचीबद्ध नहीं करती, बल्कि उनका वास्तविक स्थान भी संचित करती है। |
04:53 | उसी प्रकार से, हम कुशलतापूर्वक डेटा को लोकेट करने के लिए टेबल सूचियाँ बना सकते हैं। |
05:00 | किन्तु सूचियाँ भी बहुत सारी मेमोरी लेंगी। |
05:04 | और कभी-कभी, टेबल डेटा को डिलीट करना, डेटा को पूरी तरह से नहीं निकालता है। |
05:11 | वह केवल टेबल सूचियों से अलग हो जाते हैं, किन्तु तब तक जगह घेरते हैं, जब तक उस जगह के लिए नया डेटा न जोड़ें। |
05:24 | अतः इसलिए डेटाबेस का साइज़ बढ़ता जाता है, जबकि असली संचित डेटा हो सकता है कि ज्यादा बड़ा न हो। |
05:35 | बेस, फिर से रखने के लिए डिफ्रैग्मेंटिंग नामक बहुत ही अच्छा तरीका प्रदान करता है। |
05:42 | इसके लिए, हम डेटाबेस खोलेंगे, जिसे डिफ्रैग्मेंट करने की आवश्यकता है। |
05:49 | पहले लिबरऑफिस बेस विंडो के अंदर पहुँचकर, हम Tools मेन्यू पर क्लिक करेंगे और फिर SQL सब-मेन्यू पर क्लिक करेंगे। |
06:01 | और SQL विंडो में निम्न कमांड टाइप करें। |
06:07 | CHECKPOINT DEFRAG |
06:10 | यह SQL कमांड बेस डेटाबेस फाइल से अवांछित सूचना को हटाता है। |
06:19 | यह पहले डेटाबेस को बंद करेगा, डेटा को पुनःसंगठित करेगा और डेटाबेस को फिर से खोलेगा। |
06:27 | अब, हम SQL विंडो में एक और कमांड इस्तेमाल कर सकते हैं। |
06:33 | SHUTDOWN COMPACT. |
06:36 | इसमें एक अंतर है कि यह कमांड डेटाबेस को फिर से नहीं खोलेगा। |
06:43 | डिफ्रैग्मेंटिंग पर अधिक जानकारी के लिए, hsqldb.org, के Chapter 11 (अध्याय) पर जाएँ। |
06:54 | अंततः बैकअप्स के बारे में बात करते हैं, जो डेटाबेस को सुरक्षित रखने में मदद करता है। |
07:02 | हम अपना डेटाबेस इनकी वजह से खो सकते हैं। |
07;06 | कम्प्यूटर अचानक खराब होने से, हार्डडिस्क ड्राइव टूटने से या वायरल खराबी से। |
07:14 | लिबरऑफिस में अच्छी रिकवरी wizard है, जो डेटा नाश को कम करता है। |
07:20 | किन्तु अच्छा है कि आप डेटाबेस का समय-समय पर बैकअप्स रखें। |
07:26 | और बैकअप लेना बहुत ही सरल है। |
07:30 | हमें केवल डेटाबेस फाइल को कॉपी करने की आवश्यकता होगी। |
07:34 | और इसे किसी दूसरे संचयन माध्यम से संचित कर लें, जैसे कि बाहरी हार्ड डिस्क्स, या CDs या DVDs या फ्लैश ड्राइव्स। |
07:47 | अतः Library डेटाबेस का बैकअप लेने के लिए पता करें, कि Library.odb फाइल कहाँ सेव है। |
07:57 | और फिर, फाइल को दूसरी हार्ड डिस्क ड्राइव या फ्लैश ड्राइव में कॉपी और पेस्ट करें। |
08:08 | अब यह कॉपी और पेस्ट कार्य पूरे डेटाबेस के बैकअप का संरक्षण करता हैः |
08:17 | इसके सभी डेटा संरचना, डेटा, फॉर्म्स, क्वेरीस और रिपोर्ट्स के साथ। |
08:24 | हमें कितनी बार बैकअप्स लेने की आवश्यकता है? |
08:28 | यह निर्भर करता है कि कितनी बार डेटाबेस डेटा या अपनी संरचना के सम्बन्ध में बदलता है। |
08:37 | मतलब कितनी बार हम डेटा जोड़ते है, बदलते हैं या मिटाते हैं। |
08:42 | और कितनी बार हम टेबल संरचनाओं, फॉर्म्स, क्वेरीस या रिपोर्ट्स को बदलते हैं। |
08:49 | अतः डेटाबेस के इस्तेमाल की बारंबारता पर आधारित हम प्रतिदिन या साप्ताहिक बैकअप्स नियत कर सकते हैं। |
08:58 | यहाँ एक नियत कार्य है। |
09:00 | Address और City दो नये कॉलम्स को जोड़ने के लिए Members टेबल को बदलें। |
09:08 | दोनों कॉलम्स को डेटा टाइप TEXT रहने दीजिये। |
09:13 | साथ ही Data Entry मोड़ में Members टेबल को खोलें और कुछ नमूने के तौर पर address और city डेटा जोड़ें। |
09;23 | अगला, Library डेटाबेस का डिफ्रैगमेंट करें। |
09:27 | अंततः, Library डेटाबेस का बैकअप लें, उसे फ्लैश ड्राइव या दूसरी हार्ड डिस्क ड्राइव में संचित करें, यदि मौजूद है। |
09:38 | इसी के साथ हम लिबरऑफिस बेस में डेटाबेस अनुरक्षण के इस ट्यूटोरियल की समाप्ति की ओर आ गये हैं। |
09:45 | संक्षिप्त में, हमने सीखा कि कैसे: |
09:48 | एक डेटाबेस का अनुरक्षण करें। |
09:50 | डेटाबेस संरचना बदलें। |
09:54 | डेटाबेस डिफ्रैगमेंट करें। |
09:56 | और बैकअप्स लें। |
09:58 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट टॉक-टू-अ-टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, |
10:03 | यह भारत सरकार के एमएचआरडी के “आईसीटी के माध्यम से राष्ट्रीय साक्षरता मिशन” द्वारा समर्थित है। |
10:10 | यह प्रोजेक्ट http://spoken-tutorial.org. द्वारा संचालित है। |
10:15 | इस पर अधिक जानकारी निम्न लिंक पर उपलब्ध है। |
10:20 | आई.आई.टी बॉम्बे की ओर से मैं रवि कुमार अब आपसे विदा लेता हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |