Health-and-Nutrition/C2/Breast-crawl/Hindi
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Time | Narration |
00:00 | ब्रेस्ट क्रॉल पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:05 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे कि ब्रेस्स क्रॉल क्या है, |
00:10 | इसे करने का पूरा तरीका और |
00:13 | यह क्यों जरूरी है। |
00:18 | आइए पहले हम समझेंगे कि ब्रेस्ट कॉल क्या है? |
00:23 | जब शिशु पैदा होता है तो वह प्राकृतिक रूप से स्तनपान करना जानता है। |
00:28 | प्रसव के तुरंत बाद मां के नंगे पेट पर रखे जाने पर शिशु खुद ही मां का स्तन ढूंढ कर स्तनपान शुरू कर सकती है। |
00:40 | इस पूरी प्रक्रिया को ब्रेस्ट क्रॉल कहते हैं। |
00:46 | ध्यान दें कि 9 महीने कोख में पूरे किए हुए शिशु जो सामान्य तरीके से या ऑपरेशन से हुए हो उनको भी ब्रेस्ट क्रॉल कराया जा सकता है |
00:58 | जो पैदा होते ही काफी रोए हों
|
01:03 | असंतुलित शिशु जिनका जन्म से पहले कम वजन हो उन्हे यह नहीं करवाते क्योंकि उनको श्वास की तकलीफ हो सकती है जैसे सांस फूलना |
01:15 | अब हम बात करेंगे ब्रेस्ट क्रॉल करने की तरीके की और यह करना क्यों जरूरी है |
01:22 | पहले यह पक्का कर ले कि प्रसव के कमरे का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस है। |
01:29 | अगला शिशु के उसके मां के नंगे पेट पर रखकर साफ करें। |
01:35 | शिशु के हाथों के अलावा उसका पूरा शरीर साफ करें। |
01:42 | याद रखें शिशु के हाथ गीले रहने दे। |
01:46 | साफ करते हुए उसके शरीर के सफेद परत ना उतारे। |
01:53 | यह शिशु को ठंडे वातावरण से बचाता है। |
01:56 | शिशु को साफ करने के बाद वह गीला कपड़ा हटा दें। |
02:01 | शिशु को सुखाने के बाद स्वास्थ्य सेविका को धड़कन वाली नाल महसूस करनी चाहिए। |
02:08 | जैसे ही धड़कन बंद हो जाए उसे काट देना चाहिए। |
02:13 | अब फिर से शिशु को मां के नंगे पेट पर इस तरह रखे कि उसका पेट मां के पेट से छुए। |
02:22 | उसका सर माँ के दोनों स्तनों के बीच में रखा जाना चाहिए |
02:26 | और उसका मुंह मां के स्तनों के नीचे होना चाहिए |
02:30 | अब शिशु ब्रेस्ट क्रॉल के लिए स्थिति में है। |
02:37 | क्योंकि आगे बढ़ना प्राकृतिक है इसीलिए वह आसानी से मां के स्तनों तक रेंग कर पहुंच सकती है। |
02:46 | अगला शिशु और मां को गरम रखने के लिए उनको एक साफ सूखा कपड़ा ओढ़ाए |
02:54 | और शिशु को टोपी पहनाए |
02:57 | ध्यान दें कि आगे के चित्रों में टोपी और कपड़ा नहीं दिखाया जाएगा |
03:04 | ताकि ब्रेस्ट क्रॉल के दौरान शिशु की स्थिति साफ दिखाई दे। |
03:10 | शिशु को कपड़ा ओढ़ाने के बाद भी मां को अपने हाथ से शिशु के पीठ को सहारा देने को कहें। |
03:18 | अब बात करेंगे शिशु के ब्रेस्ट क्रॉल करने की काबिलियत की। |
03:24 | जन्म के बाद शिशु बहुत सतर्क और स्तनपान करना जानती है। |
03:29 | अपने साफ किए हुए हाथों की महक सूंघ कर उसका थूक निकलता है। |
03:35 | और आंखों की कमजोर नजर से भी वह अपनी मां का चेहरा और एरियोला देख पाती है। |
03:43 | एरिओला निप्पल के आसपास का काला भाग होता है। |
03:47 | अपने हाथों और पैरों का इस्तेमाल करके शिशु आगे बढ़ती है और रेंगती हुए मां के स्तनों तक पहुंचती है। |
03:57 | कुछ शिशु तुरंत रेंगने लगते हैं कुछ को समय लगता है। |
04:04 | स्तन तक पहुंचने के बाद शिशु उसे पकड़ने की कोशिश करती है। |
04:12 | ऐसे में शिशु और उसकी मां को अकेला छोड़ दें जब तक कि वह पहले पहला स्तनपान शुरू नहीं करती। |
04:20 | स्वास्थ्य सेविका और मां दोनों को धीरज रखना चाहिए |
04:27 | शिशु को 30 से 60 मिनट भी लगते हैं मां के इस समय तक पहुंचकर पहला स्तनपान करने के लिए। |
04:35 | स्तनपान शुरू करने के लिए शिशु अपना मुंह बड़ा सा खोलेगी और स्तन से गहराई से जुड़ेगी। |
04:45 | स्तनपान के बाद लगभग 1 घंटे के लिए शिशु को उसी स्थिति में रहने दें। |
04:52 | इससे मां और शिशु का बंधन और गहरा होगा। |
04:58 | पर माँ ने कुछ दवाई ली है तो इसके बारे में डॉक्टर की सलाह ले। |
05:05 | यह भी हो सकता है कि मां को प्रसव कमरे से दूसरे कमरे में ले जाना पड़े। |
05:13 | ऐसे में कमरा बदलने के बाद तुरंत शिशु को तुरंत माँ के नंगे पेट में रखे जैसे कि पहले बताया गया है। |
05:29 | अब बात करेंगे कि ऑपरेशन से किए गए शिशुओं की ब्रेस्ट क्रॉल की। |
05:35 | यह करने के लिए शिशु को मां के पेट पर रखने के बजाय मां के सीने पर इस तरह रखना चाहिए कि शिशु की टांगे मां के सिर की तरफ हो। |
05:47 | शिशु का सीना और पेट मां के कंधे पर और उसका मुंह मां के स्तन पर होना चाहिए। |
05:54 | ऑपरेशन वाले कमरे में ही जितनी देर हो सके स्तन को चूसने दें। |
05:59 | याद रखें प्रश्नों के तुरंत बाद किसी भी देखभाल से ज्यादा जरूरी है कि दोनों को नंगे शरीर के एक साथ रखा जाना। |
06:09 | ब्रेस्ट क्रॉल होने के बाद ही जन्म के बाद वाली नवजात देखभाल देनी चाहिए। |
06:17 | अब बात करेंगे कि बेस्ट कॉल नवजात शिशु के लिए क्यों जरूरी है
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06:23 | ब्रेस्ट कॉल करके शिशु को मां के पहला दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं वह मिलता है। |
06:29 | यह पीला और गाढ़ा होता है |
06:33 | ध्यान दें प्रसव के बाद कोलेस्ट्रोल की मात्रा शिशु के स्तनपान के बाद धीरे धीरे बढ़ेगी। |
06:43 | पहले दिन शिशु 5 मिलीलीटर पिएगा, |
06:47 | दूसरे दिन 10 मिलीलीटर पिएगा, |
06:50 | और तीसरे दिन 25 मिलीलीटर, |
06:53 | 40 मिलीलीटर चौथे दिन 55 मिलीलीटर पांचवे दिन ऐसा स्तन से हर बार स्तनपान के दौरान होगा। |
07:05 | इतना नवजात शिशु के लिए काफी है |
07:09 | इसमें शिशु को कोलेस्ट्रम के अलावा कुछ नहीं देना चाहिए। |
07:15 | कोलेस्ट्रम शिशु के लिए पहला टीका है उसमें इंफेक्शन से लड़ने के लिए प्रोटीन होता है जो शिशु के लिए रोग प्रतिरोध शक्ति बढ़ाता है। |
07:27 | जन्म के बाद शिशु को ताकत पहली बार इसी से मिलती है |
07:33 | कोलेस्ट्रम शिशु के खून में ग्लूकोज को कम होने से बचाता है। |
07:37 | और शरीर की बाकी प्रक्रिया बनाए रखता है। |
07:42 | और एक स्वास्थ्य दिमाग भी बनाता है। |
07:46 | यह शिशु को अपना पहला मल निकालने में मदद करता है। |
07:50 | ब्रेस्ट कॉल में शिशु गरम रहता है कि वह क्योकि अपने मां के नंगे शरीर के साथ होता है। |
07:57 | वह खुद में खुद मां के स्तन से गहराई से जुड़ना सीखता है। |
08:04 | ब्रेस्ट कॉल से मां के स्वस्थ बैक्टीरिया मिलते हैं |
08:08 | और यह बैक्टीरिया शिशु की आंतों में जाकर लड़ते हैं |
08:13 | जिससे कि शिशु की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। |
08:18 | ब्रेस्ट क्रॉल से शिशु मां का प्यार और सुरक्षा मिलती है जिससे दोनों में बंधन गहरा होता है। |
08:29 | ब्रेस्ट क्रॉल से मां को भी फायदा होता है। |
08:34 | शिशु के पैरों की जोर की वजह से मां की कोख पर दबाव पड़ता है यह दबाव गर्भाशय को सिकोड़ता है और गर्भनाल को निकालने में मदद करता है। |
08:45 | स्तनपान शुरू होते ही मां के शरीर में ऑक्सीटोसिन की मात्रा बढ़ने लगती है। |
08:51 | बढ़े हुए ऑक्सीटोसिन की वजह से भी गर्भ नाल के निकलने में मदद मिलती है। |
08:56 | ब्रेस्ट क्रॉल खून की बहाव कम करके एनीमिया से बचाता है। |
09:03 | एनीमिया ऐसी अवस्था है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं। |
09:08 | इसमें मां को थकान और कमजोरी होती है। |
09:13 | इसीलिए ब्रेस्ट क्रॉल के प्राकृतिक से रूप मां और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद है। |
09:21 | ब्रेस्ट क्रॉल का यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। |
09:26 | इस ट्यूटोरियल में हमने सीखा ब्रेस्ट क्रॉल क्या है, |
09:30 | उसे करने का तरीका और उसकी जरूरत। |
09:37 | इस ट्यूटोरियल का योगदान स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट आईआईटी बॉम्बे द्वारा किया गया है। |
09:43 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट भारत सरकार द्वारा एमएचआरडी द्वारा वित्त पोषित है। |
09:49 | इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है। |
09:54 | यह ट्यूटोरियल व्हील ग्लोबल फाउंडेशन की ओर से दिए गए उदार योगदान द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित है। |
10:01 | यह ट्यूटोरियल मां और शिशु पोषण प्रोजेक्ट का हिस्सा है इस ट्यूटोरियल की ज्ञान क्षेत्रक समीक्षक हैं डॉक्टर रूपल दलाल एमडी बाल चिकित्सा। |
10:12 | आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |