Health-and-Nutrition/C2/Physical-methods-to-increase-the-amount-of-breastmilk/Hindi
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Revision as of 17:27, 12 April 2019 by Sakinashaikh (Talk | contribs)
Time | Narration |
00:02 | शारीरिक तरीकों से स्तन के दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:08 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे शारीरिक तरीकों से मां के दूध को बढ़ाने के अलग-अलग तरीके। |
00:17 | सबसे पहले हम शुरू करेंगे कंगारू मदर केयर से। |
00:20 | जिसमें शिशु को मां के बिना कपड़े पहने शरीर के साथ लंबे समय तक रखा जा जाता है। |
00:27 | ध्यान दें कि कंगारू मदर केयर करने का तरीका इसी श्रंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
00:34 | अगला हम सीखेंगे कि कैसे बेहतर करें लेट डाउन रिफ्लेक्स या ऑक्सीटोसिन रिफ्लेक्स को पर पहले यह देखते हैं कि ऑक्सीटोसिन क्या है? |
00:44 | ऑक्सीटोसिन ऐसा हार्मोन है जो लेट डाउन रिफ्लेक्स को बढ़ावा देता है और इससे शिशु के बारे में सोचते ही दूध बाहर निकलता है। |
00:54 | इसीलिए दूध के बाहर निकलने के लिए पहले मां को आराम करना चाहिए और फिर अपने शांत शिशु को देखना चाहिए। |
01:01 | वो अपने शिशु के मैले कपड़े सूंघ सकती है और मन को खुश करने वाले गाने भी सुन सकती है। |
01:09 | बाकी तरीके जिनसे दूध बाहर निकलेगा वे हैं गर्म पानी केसेंक ऊपरी पीठ की मालिश और स्तनों की मालिश आइए देखते हैं
गर्म पानी का सेंक |
01:16 | ऊपरी पीठ की मालिश एवं छाती की मालिश |
01:20 | कैसे किया जाए |
01:24 | मां को गर्म पानी से नहाना चाहिए या फिर अपने स्तन पर हल्का गरम कपड़ा रखकर चाहिए |
01:30 | इन दोनों तरीकों से स्तनों में दूध के संचार में मदद होगी और दूध बाहर निकलेगा। |
01:36 | अब मालिश करना सीखेंगे। |
01:40 | ऊपरी पीठ और गर्दन की मालिश से दूध आराम से बहेगा क्योंकि दोनों की नस एक ही है। |
01:49 | स्तनपान से पहले स्तन की मालिश से दूध कि नलियाँ खुलेगी |
01:53 | इससे दूध आराम से बहेगा और स्तन पूरा खाली होगा, और फिर दूध ज्यादा मात्रा में बनेगा |
02:01 | स्तन की दूध की मात्रा बढ़ाने का अगला तरीका स्तन पर शिशु का मुंह की सही पकड़। |
02:09 | देखते हैं यह कैसे किया जाए |
02:12 | निप्पल को शिशु के ऊपरी होंठ पर हल्के से छुएं इससे शिशु अपना पूरा मुंह खोलेगा और स्तन पर मुंह की सही पकड़ होगी जिससे दूध भी ज्यादा मिलेगा |
02:24 | स्तनपान के समय ध्यान दें- |
02:27 | कि मां ने शिशु को पूरा सहारा दिया है |
02:30 | और दोनों का पेट एक दूसरे को छू रहा है |
02:34 | शिशु का सर गर्दन और शरीर एक सीध में है। |
02:39 | शिशु की नाक मां के निप्पल के सीध में है। |
02:43 | उसकी ठुड्डी को आगे लाते हुए मां के स्तन में हल्के से धकेले उसका निचला होंठ बाहर की तरफ मुड़ा हो। |
02:50 | ध्यान दें कि स्तन से जुड़ते समय शिशु मुंह में एरिओला का निचला भाग ज्यादा लें। ताकि एरिओला का ऊपरी भाग ज्यादा दिखे और निचला कम। |
03:01 | एरिओला स्तन के आसपास का काला भाग होता है। |
03:05 | अगला तरीका है हल्के से स्तन को दबाना |
03:12 | स्तनपान के समय हल्के से स्तन को दबाए। |
03:17 | हल्के दबाव से दूध की नलियों से ज्यादा दूध निकलता है। |
03:22 | जब भी शिशु चूसेगा तो उसे ज्यादा दूध मिलेगा। |
03:27 | स्तन को हल्के से दबाना इसी श्रंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
03:33 | एक खास बात यह है कि रात को स्तनपान कराना जरूरी है। आइए देखें क्यों? |
03:41 | रात को स्तन के दूध में प्रोलेक्टिन हार्मोन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। |
03:46 | रात में कई बार स्तनपान कराने से दूध की मात्रा बढ़ती है इससे शिशु के विकास में मदद होती है। |
03:56 | स्तन के दूध को बढ़ाने का अगला तरीका है बार-बार स्तनपान कराना। |
04:04 | शिशु को 24 घंटों में कम से कम 10 से 12 बार स्तनपान कराएं और जरूरी है कि रात में कम से कम दो तीन बार |
04:15 | उसे भूखा ना रखें। |
04:17 | उसके भूखे रहने के संकेतों को समझे जैसे हाथ पैर हिलाना। |
04:24 | उसके गालों को छूने वाली हर चीज की तरफ मुडना और अपना मुंह खोलना। |
04:30 | याद रखें रोता हुआ शिशु बहुत भूखा होता है इसलिए भूखे रहने के संकेत देखते ही उसे स्तनपान कराएं। |
04:39 | और पिछला दूध जरूर पिलाएं जो कि स्तन के पिछले भाग में होता है |
04:49 | यह चर्बी से बना होता है और बहुत गाढ़ा होता है। |
04:53 | इसीलिए मां पहले एक स्तन पूरी तरह खाली करें फिर दूसरे स्तन से पिलाए। |
05:00 | हम बात करेंगे स्तनपान के बाद दूध को निकालने की। |
05:06 | इसमें मां अपने हाथों से खुद का दूध निकालती है, |
05:11 | ऐसा करने के लिए मां एरिओला और उसके बाहरी भाग पर अपने अंगूठे और उंगली को रखती है |
05:19 | और हल्के से एरिओला को छाती के अंदर की तरफ दबाती और छोड़ती है। |
05:26 | ऐसा शिशु के दूध पूरा पीने के बाद भी करना चाहिए |
05:31 | दो बार स्तनपान कराने के बीच में भी मां को हाथ से दूध निकालना चाहिए |
05:35 | हाथ से दूध निकालने से दूध की मात्रा बढ़ती है |
05:40 | याद रखें प्लास्टिक के निप्पल और बोतल का दूध इस्तेमाल ना करें इससे मां का दूध कम बनेगा |
05:50 | गाय या बकरी का भी दूध ना दें |
05:54 | प्लास्टिक की निप्पल की वजह से शिशु को मां स्तन में जुड़ने में मुश्किल होगी |
05:59 | याद रखें शिशु के रोने का इंतज़ार न करें।उसको हल्की-हल्की भूख होने के संकेत देखते ही उसे स्तनपान कराएं |
06:06 | सही जुड़ाव का तरीका सिखा कर स्वास्थ्य सेविका को मां का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए। |
06:12 | रोज शिशु का वजन तौलें, उसका 25 से 30 ग्राम तक रोज वजन बढ़ना चाहिए |
06:21 | शारीरिक तरीकों से स्तन के दूध की मात्रा बढ़ाने का स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है
आईआईटी बॉम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूँ हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद
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