Avogadro/C3/Stereoisomerism/Hindi
From Script | Spoken-Tutorial
Revision as of 00:15, 30 October 2017 by Jayarastogi (Talk | contribs)
|
|
00:01 | 'Stereoisomerism'पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:06 | इस ट्यूटोरियल में हम निम्न के बारे में सीखेंगे: उदाहरणों के साथ 'Conformational isomerism', 'Geometrical isomerism'और 'R-S configurations' |
00:18 | यहाँ मैं उपयोग कर रही हूँ:
'Ubuntu Linux' OS वर्जन 14.04 'Avogadro'वर्जन 1.1.1. |
00:28 | इस ट्यूटोरियल के अनुसरण के लिए आपको 'Avogadro'इंटरफ़ेस से परिचित होना चाहिए।
यदि नहीं तो सम्बंधित ट्यूटोरियल्स के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएँ। |
00:39 | इस ट्यूटोरियल में उपयोग हुई उदाहरण फाइल्स कोड फाइल्स में दी गयी हैं। |
00:45 | इस ट्यूटोरियल में हम 'Avogadro'उपयोग करके 'stereoisomers'बनाना सीखेंगे। |
00:51 | मैं 'stereoiosmersism'के बारे में संक्षिप्त परिचय दूँगी। |
00:56 | 'Stereoisomersism'परमाणुओं की त्रिआयामी व्यवस्था (spatial arrangement) में भिन्नता के कारण उत्पन्न होता है। |
01:03 | 'Isomers'समान संरचना रखते हैं और गुणों में ज़्यादा अंतर नहीं होता है। |
01:09 | यहाँ एक स्लाइड है जो 'isomers'का वर्गीकरण दिखाती है। |
01:16 | मैं 'Conformational isomerism'के साथ शुरू करती हूँ। |
01:21 | यह स्टीरियोआइसोमेरिस्म का एक प्रकार है। |
01:23 | इसमें 'isomers'को सिंगल बॉन्ड्स के चारों ओर रोटेट करके अन्तः-परिवर्तित किया जा सकता है। |
01:30 | सिंगल बॉन्ड के चारों ओर रोटेशन 'rotational energy barrier'से प्रतिबंधित किया जाता है। |
01:36 | अब '1,2-dichloroethane'के कन्फॉर्मर्स (conformers) के साथ शुरू करते हैं। |
01:41 | '1,2-dichloroethane'तीन कन्फॉर्मर्स में होता है जैसे कि:
'Eclipsed', 'Gauche' और 'Anti' |
01:50 | मैंने 'Avogadro'विंडो खोल ली है। |
01:53 | 'Draw'टूल पर क्लिक करें। |
01:55 | 'Adjust Hydrogens'चेक बॉक्स को अनचेक करें। |
01:59 | 'Panel'पर क्लिक करें और दो परमाणु बनाने के लिए ड्रैग करें। |
02:04 | 'Element'ड्राप डाउन से 'Chlorine'चुनें। |
02:08 | प्रत्येक 'कार्बन' पर एक बॉन्ड बनाएं। |
02:11 | 'Build' मेनू पर जाएँ और 'Add Hydrogens' पर क्लिक करें। |
02:15 | '1,2-dichloroethane' पैनल'पर बनता है। |
02:19 | अब संरचना को ऑप्टिमाइज़ करते हैं। |
02:22 | 'Auto Optimization'टूल पर क्लिक करें। |
02:25 | 'Force Field'में 'MMFF94'चुनें और 'Start'बटन पर क्लिक करें। |
02:35 | 'ऑप्टिमाइज़ेशन'प्रक्रिया रोकने के लिए 'Stop'पर क्लिक करें। |
02:40 | उचित ओरिएंटेशन हेतु संरचना को रोटेट करने के लिए 'Navigation'टूल पर क्लिक करें। |
02:45 | हमारे पास 'पैनल'पर 'Gauche conformer'है। |
02:49 | '1,2-dichloroethane'के 'conformers'दिखाने के लिए मैं रोटेशन के प्लेन को स्थिर करुँगी। |
02:55 | 'Bond Centric Manipulation'टूल पर क्लिक करें। |
02:59 | दो 'कार्बन'परमाणुओं के बीच के बॉन्ड पर क्लिक करें। |
03:03 | परमाणुओं के बीच का प्लेन नीले या पीले रंग में दिखता है। |
03:08 | 'क्लोरीन'परमाणु पर कर्सर रखें। |
03:10 | बॉन्ड को दक्षिणावर्त दिशा में घुमाएं। |
03:14 | 'Navigation'टूल पर क्लिक करें और संरचना को रोटेट करें। |
03:18 | हमारे पास 'पैनल'पर 'Anti conformer'है। |
03:21 | 'C-C bond'को रोटेट करने के लिए दोबारा 'Bondcentric Manipulation'टूल उपयोग करें। |
03:25 | हमारे पास 'पैनल'पर 'Eclipsed conformer'है। |
03:30 | अब मैं 'Cyclohexane'के अनेक 'conformers'दिखाऊँगी। |
03:35 | एक नयी विंडो खोलें। |
03:38 | 'Draw settings'मेनू में 'कार्बन'डिफ़ॉल्ट एलिमेंट की तरह चयनित है। |
03:44 | 'Adjust Hydrogens'चेक बॉक्स को अनचेक करें। |
03:48 | अब 'cyclohexane'संरचना को 'boat form'में बनाते हैं। |
03:53 | 'पैनल'पर 'cyclohexane'का 'boat conformer'बनाने के लिए क्लिक और ड्रैग करते हैं। |
04:01 | परमाणुओं को लेबल करने के लिए 'Display Types'मेनू में 'Label'चेक बॉक्स पर क्लिक करें। |
04:07 | ध्यान दें लेबलिंग हर समय एक सी नहीं भी हो सकती है। |
04:11 | अपनी आवश्यकता के अनुसार 'conformers'को लेबल करते हैं। |
04:16 | 'Selection'टूल पर क्लिक करें फिर पहले 'कार्बन'परमाणु पर राइट क्लिक करें। |
04:21 | एक मेनू खुलता है। 'Change label' चुनें। |
04:25 | 'Change label of the atom' टेक्स्ट बॉक्स खुलता है। |
04:30 | 'New Label' फील्ड में 1 टाइप करें और 'OK'पर क्लिक करें। |
04:35 | आगे दूसरे परमाणु पर राइट क्लिक करें और लेबल को 2 करें। |
04:41 | उसी प्रकार मैं परमाणुओं के लेबल्स को 3, 4, 5 और 6 करुँगी। |
04:50 | हम 'boat'को 'twist boat conformer'में बदलेंगे। |
04:54 | 'Manipulation'टूल पर क्लिक करें। 2 पर क्लिक करें और इसे ऊपर ड्रैग करें। |
04:57 | 5 पर क्लिक करके इसे ऊपर ड्रैग करें। 3 पर क्लिक करके इसे ऊपर ड्रैग करें। |
05:08 | हमारे पर 'पैनल'पर 'twist boat'है। |
05:10 | अब हम 'twist boat'को 'half chair conformer'में बदलेंगे। |
05:16 | 2 पर क्लिक करके इसे नीचे ड्रैग करें। |
05:19 | 5 पर क्लिक करके इसे नीचे ड्रैग करें। |
05:23 | 4 पर क्लिक करें और इसे क्षैतिज स्थान पर ड्रैग करें। |
05:27 | सही संरचना के लिए, अगर अवश्यक हो तो सारे 'कार्बन'परमाणुओं के स्थानों को समायोजित करें। |
05:33 | हमारे पास 'पैनल'पर 'half chair' है। |
05:36 | अब हम 'half chair' को 'chair conformer' में बदलेंगे। |
05:41 | 4 पर क्लिक करें और इसे नीचे ड्रैग करें। |
05:44 | 1 पर क्लिक करें और इसे नीचे ड्रैग करें। |
05:47 | सही संरचना के लिए, अगर अवश्यक हो तो सारे 'कार्बन'परमाणुओं के स्थानों को समायोजित करें। |
05:53 | हमारे पास 'पैनल'पर 'chair conformer'है। |
05:56 | असाइनमेंट में 'ब्यूटेन'और 'साइक्लोपेन्टेन'के अनेक 'कन्फॉरमर्स'बनाएं। |
06:03 | अब मैं 'geometrical isomerism'दिखाने के लिए संरचनाएं बनाऊँगी। |
06:09 | 'geometrical isomerism'बनता है: 'डबल-बॉन्ड'के चारों तरफ परमाणुओं की भिन्न-भिन्न त्रिआयामी व्यवस्था (spatial arrangement) के कारण |
06:17 | यहाँ 'डबल-बॉन्डेड कार्बन'के चारों तरफ परमाणुओं या ग्रुप्स का रोटेशन प्रतिबंधित है। |
06:24 | प्रदर्शन के लिए मैं 'diamminedichloroplatinum(II)' संरचना बनाऊँगी, जिसे 'cisplatin' भी कहते हैं। |
06:33 | एक नयी विंडो खोलें। |
06:36 | 'Draw settings'मेनू में 'Element'ड्राप डाउन पर क्लिक करें और 'Other'चुनें।
Periodic table window opens. 'Periodic table'विंडो खुलती है। |
06:44 | टेबल से 'Platinum(Pt)'चुनें। 'Periodic table'विंडो बंद करें। |
06:50 | 'Panel'पर क्लिक करें। |
06:53 | 'Element'ड्राप डाउन से 'Chlorine'चुनें। |
06:55 | 'Platinum'परमाणु पर एक ही तरफ दो 'chlorine bonds'बनाएं। |
07:00 | 'Element'ड्राप डाउन से 'Nitrogen'चुनें। पहले की तरह दो 'nitrogen bonds'बनाएं। |
07:07 | संरचना पूरी करने के लिए हमें नाइट्रोजन परमाणुओं पर तीन जुड़े हुए हाइड्रोजन्स की ज़रुरत है। |
07:13 | 'Element'ड्राप डाउन से 'Hydrogen'चुनें। |
07:16 | तीसरा बॉन्ड बनाने के लिए प्रत्येक 'नाइट्रोजन'परमाणु पर क्लिक करें। |
07:21 | संरचना को ऑप्टिमाइज़ करें। |
07:24 | 'Auto Optimization'टूल पर क्लिक करें। |
07:27 | 'Force Field'में 'UFF'चुनें और 'Start'बटन पर क्लिक करें। |
07:35 | ऑप्टिमाइज़ेशन प्रक्रिया को रोकने के लिए 'Stop'पर क्लिक करें। |
07:39 | प्रदर्शन के लिए मुझे दो संरचनाओं की ज़रुरत होगी। |
07:43 | मैं संरचनाओं को कॉपी और पेस्ट करुँगी। |
07:46 | संरचना को चुनने के लिए 'Selection'टूल पर क्लिक करें। |
07:50 | कॉपी के लिए 'CTRL+C'और पेस्ट के लिए 'CTRL+V'दबाएं। पेस्ट की हुई संरचना को दायीं तरफ ड्रैग करें। |
07:57 | सुविधा के लिए मैं परमाणुओं को लेबल करुँगी। |
08:00 | 'Display Types' मेनू में 'Label'चेक बॉक्स पर क्लिक करें। |
08:05 | 'हाइड्रोजन्स'हटाने के लिए 'Build'मेनू पर जाकर 'Remove Hydrogens'चुनें। |
08:11 | हमारे पास 'पैनल'पर 'cisplatin'के दो आइसोमर्स (isomers) हैं। |
08:16 | मैं दूसरे 'cis isomer'को 'trans isomer' में बदलूँगी। |
08:21 | 'Manipulation'टूल पर क्लिक करें। |
08:24 | 'Cl4'पर क्लिक करके बायीं तरफ लाएं। 'N4'पर क्लिक करके दायीं तरफ लाएं। |
08:32 | फिर उचित ओरिएंटेशन (अभिविन्यास) दिखाने के लिए सारे बॉन्ड्स के स्थानों को समायोजित करें। |
08:38 | 'Build'मेनू पर जाएँ और 'Add Hydrogens'चुनें। |
08:43 | पहले की तरह प्रत्येक 'नाइट्रोजन'दो जुड़े हुए परमाणु रखता है। |
08:48 | 'Draw'टूल से 'Hydrogen'उपयोग करके तीसरा 'हाइड्रोजन'जोड़ें। |
08:53 | अब संरचनाओं को ऑप्टिमाइज़ करते हैं। |
08:55 | 'Auto Optimization' टूल पर क्लिक करें। |
08:59 | 'Force Field'में 'UFF'चुनें और 'Start'बटन पर क्लिक करें। |
09:05 | ऑप्टिमाइज़ेशन प्रक्रिया को रोकने के लिए 'Stop'पर क्लिक करें। |
09:09 | अब हमारे पास 'पैनल'पर 'diamminedichloroplatinum(II)'के दो 'ज्योमेट्रीकल आइसोमर्स'हैं। |
09:17 | उसीप्रकार हमारे पास 'diamminetetracyanoferrate(III)ion'के 'ज्योमेट्रीकल आइसोमर्स'हैं। |
09:25 | आगे हम 'R-S configuration' के बारे में चर्चा करेंगे। |
09:29 | 'R-S configurations', 'Chiral centre' की उपस्थिति के कारण होता है। |
09:35 | 'Chiral centre'चार भिन्न-भिन्न प्रतिस्थापियों से जुड़ा हुआ परमाणु होता है। |
09:41 | कॉन्फ़िग्रेशन्स एक दूसरे की 'non-superimposable mirror images'होती हैं। |
09:47 | 'R-S configurations'के प्रदर्शन के लिए मैं 'amino acid - Alanine'उपयोग करुँगी। |
09:53 | एक नयी विंडो खोलें। |
09:56 | मैं 'Fragment library'से 'Alanine'संरचना लोड करुँगी। |
10:01 | 'Fragment library'में उपलब्ध सारे 'amino acids'दृष्टिगत रूप से सक्रीय हैं। |
10:07 | आप अपने आप लोड और अन्वेषण कर सकते हैं। |
10:11 | संरचना को अचयनित करने के लिए 'CTRL+SHIFT'और 'A' कीज़ दबाएं। |
10:15 | उचित ओरिएंटेशन हेतु संरचना को रोटेट करने के लिए 'Navigation'टूल उपयोग करें। |
10:22 | केंद्रीय 'कार्बन'परमाणु 'chiral'है जो 4 भिन्न-भिन्न ग्रुप्स से जुड़ा हुआ है। |
10:26 | 'R S configuration'दक्षिणावर्त या वामावर्त दिशाओं में प्रतिस्थापी को दी गयी वरीयता पर आधारित है। |
10:35 | वरीयता प्रतिस्थापी के एटॉमिक नंबर पर आधारित है। |
10:40 | उच्च एटॉमिक नंबर वाले प्रतिस्थापी को पहली वरीयता मिलती है। |
10:45 | अब हम दक्षिणावर्त दिशा में वरीयता देखते हैं। |
10:49 | इस संरचना में 'नाइट्रोजन'को पहली वरीयता दी गयी है। |
10:53 | 'ऑक्सीजन'से जुड़े हुए 'कार्बन'को दूसरी और 'मिथाइल'को तीसरी वरीयता दी गयी है। |
11:02 | संरचना 'R configuration'रखती है। |
11:05 | मैं जुड़े हुए ग्रुप्स के स्थानों को 'chiral carbon'से बदलूँगी। |
11:10 | 'Build'मेनू पर जाएँ और 'Remove Hydrogens'चुनें। |
11:15 | 'Manipulation'टूल पर क्लिक करें। |
11:17 | 'कार्बन'को दायीं तरफ लाएं। |
11:20 | 'ऑक्सीजन'से जुड़े हुए 'कार्बन'को बायीं तरफ लाएं। |
11:25 | 'Build'मेनू पर जाकर 'Add Hydrogens'चुनें। |
11:29 | अब वामावर्त दिशा में वरीयता देखेंगे। |
11:33 | 'नाइट्रोजन'की पहली वरीयता है। 'ऑक्सीजन'से जुड़े हुए 'कार्बन'की दूसरी वरीयता है
और 'मिथायल'की तीसरी वरीयता है। |
11:45 | संरचना 'S configuration'रखती है। |
11:48 | उसी प्रकार हमारे पास 'पैनलGlyceraldehyde'के 'R'और 'S configurations'हैं। |
11:55 | सारांश में |
11:57 | इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न बनाना सीखा:
'1,2-dichloroethane' के 'Conformations' 'cyclohexane' के 'Conformations' 'cisplatin'के 'Geometrical isomers' 'amino acid Alanine'के 'R-S configurations' |
12:15 | असाइनमेंट में '2-butene'और '1,2-dichloroethene'के ज्योमेट्रीकल 'आइसोमर्स', 'bromochloroiodomethane'के 'R-S configurations'बनाएं। |
12:29 | यह वीडियो स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट को सारांशित करता है। अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं। |
12:37 | हम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाते हैं और प्रमाणपत्र देते हैं। हमसे संपर्क करें। |
12:44 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट NMEICT, MHRD, भारत सरकार द्वारा निधिबद्ध है। |
12:51 | यह स्क्रिप्ट जया द्वारा अनुवादित है, आई आई टी बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य आपसे विदा लेती हूँ। धन्यवाद। |