BOSS-Linux/C2/Working-with-Linux-Process/Hindi
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Revision as of 17:24, 6 January 2015 by Shruti arya (Talk | contribs)
Time | Narration |
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0:00 | लिनक्स प्रक्रियाओं यानि लिनक्स प्रोसेसेस में प्रचालन पर इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
0:05 | मैं लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रही हूँ। |
0:09 | हम यह मानते हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरूआत करने के बारे में आपको जानकारी है और कमांड्स के बारे में कुछ बुनियादी जानकारी है। |
0:16 | यदि आप इच्छुक हैं तो निम्नलिखित वेबसाइट http://spoken-tutorial.org. पर यह दूसरे स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से उपलब्ध है। |
0:28 | यह भी ध्यान रहे कि लिनक्स केस सेंसिटिब है। इस ट्यूटोरियल में उपयोगित सभी कमांड लोअर केस अन्यथा कथित हैं। |
0:38 | प्रक्रिया क्या है यह समझने के लिए मैं आपको एक संक्षिप्त विवरण देती हूँ। |
0:42 | जो कुछ भी लिनक्स में चलता है प्रक्रिया कहलाती है। |
0:46 | शेल जो चल रही है और हमारी कमांड ले रही है एक प्रक्रिया(प्रॉसेस) है। |
0:51 | कमांड जो हम टर्मिनल पर टाइप करते हैं वह प्रक्रियाएँ हैं जब वे चल रही हैं। |
0:56 | विडियो जिसमें आप यह ट्यूटोरियल देख रहे हैं एक प्रकिया है। |
1:00 | जो ब्राउज़र चल रहा है जिसमें आपने स्पोकन ट्यूटोरियल वेबसाइट खोला है एक प्रक्रिया है। |
1:05 | शेल स्क्रीप्ट्स जो चल रही हैं प्रक्रियाएँ हैं आदि। |
1:11 | प्रक्रिया को प्रोग्राम के रूप में परिभाषित कर सकते हैं जो निष्पादित किया जा रहा है, वह जो चल रहा है। |
1:17 | प्रक्रियाएँ अधिकतर हमारे समान हैं वे जन्म लेती हैं, वे मरती हैं। उनके अभिभावक और संतान होती है। |
1:28 | पहले हम शेल प्रक्रिया के बारे में सीखते हैं। |
1:31 | शेल प्रक्रिया लिनक्स कर्नेल से शुरू होती है ज्यों ही हम सिस्टम में लोगिन करते हैं। |
1:36 | इस स्तर पर यह जानना काफी होगा कि लिनक्स कर्नेल लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्यभाग है। |
1:43 | यह अति महत्वपूर्ण घटकों से बना है जो लिनक्स को चलाता है। शेल अन्य सभी यूजर कमांड प्रक्रियाओं को रचती या जन्म देती है। |
1:53 | अब टर्मिनल खोलते हैं। |
1:57 | डॉलर चिन्ह के रूप में हम कमांड प्रोंप्ट को टर्मिनल पर देख सकते हैं। |
2:03 | यह शेल प्रक्रिया का काम है। |
2:07 | अब कोई भी कमांड टाइप करें, मानिए “डेट” और एंटर दबायें। |
2:13 | ज्यों ही हम यह करते हैं शेल प्रक्रिया डेट नाम की एक प्रक्रिया की रचना करेगी। |
2:18 | अब क्योंकि शेल प्रक्रिया ने डेट प्रक्रिया को जन्म दिया है, हम कह सकते हैं कि शेल प्रक्रिया डेट प्रक्रिया की अभिभावक है तथा डेट प्रक्रिया शेल प्रक्रिया की संतान है। |
2:30 | एक बार डेट प्रक्रिया ने सिस्टम को डेट (दिनाँक) और समय दिखा दिया, यह मर जाती है। |
2:40 | एक शेल अन्य शेल प्रक्रिया को भी जन्म दे सकती है। प्रक्रिया को जन्म देना या प्रक्रिया की रचना करने को स्पॉनिंग प्रक्रिया(प्रक्रिया को बोना या पैदा करना) भी कहते हैं। |
2:50 | अन्य शेल प्रक्रिया को बनाने के लिए केवल टर्मिनल पर जाएँ और एसएच(“sh” ) टाइप करें और एंटर दबायें। |
3:00 | हम टर्मिनल पर दिख रहे नए प्रोंप्ट को देखेंगे। अब हमारी प्रारंभिक शेल, इसे शेल वन कहें, जिसने चाइल्ड शेल या सबशेल को जन्म दिया है इसे शेल टू कहें। |
3:13 | अब आप नए कमांड प्रोंप्ट में भी कमांड चला सकते हैं। इस नए कमांड प्रोंप्ट में 1s कमांड चलायें। |
3:20 | अब कमांड प्रोंप्ट पर ls टाइप करें और एंटर दबायें। हम डाइरेक्टरिस(निर्देशिकाओं) और फाइल्स की सूची देख सकते हैं। |
3:32 | अब ls नाम की एक नई प्रक्रिया बनी है। |
3:35 | यहाँ शेल2 ls का अभिभावक है जबकि शेल1 ls का पितामह है। ls शेल2 की संतान है जबकि शेल2 खुद शेल1 की संतान है। |
3:56 | शेल2 को नष्ट करने के लिए केवल नए प्रोंप्ट पर एक्सिट (“exit”) टाइप करें और एंटर दबायें |
4:04 | यह शेल2 को नष्ट कर देगा और हम अपनी प्रारंभिक कमांड प्रोंप्ट में वापस आ जायेंगे। |
4:12 | हमारे और प्रक्रियाओं के बीच की समानताओं को जारी रखते है, हम जानते हैं कि हम में से प्रत्येक में कुछ गुण होते हैं जो हमारी पहचान बताते है वो गुण हमारा नाम, अभिभावक का नाम, जन्म दिनाँक, पैनकार्ड संख्या आदि हो सकते हैं। |
4:26 | उसी तरह प्रक्रियाओं के भी गुण होते हैं जैसे पीआईडी (प्रोसेस आईडी), पीपीआईडी ( पेरेंट प्रोसेस आईडी), स्टार्ट टाइम आदि। |
4:38 | इसमें से अधिकतर गुण कर्नेल द्वारा प्रक्रिया टेबल में पोषित किये जाते हैं। |
4:43 | प्रत्येक प्रक्रिया एक विशिष्ट पूर्णांक के द्वारा विशिष्टता पूर्ण निर्धारित होती है। पीआईडी कहलाती है। पीआईडी कर्नेल द्वारा आवंटित की जाती है जब प्रक्रिया जन्मती है। |
4:51 | पेरेंट प्रोसेस (अभिभावक प्रक्रिया) की पीआईडी जो नई प्रक्रिया पैदा करती है मानिए कि पी वन , पी वन प्रक्रिया की पीपीआईडी कहलाती है। |
5:00 | वर्तमान शेल की पीआईडी देखने के लिए प्रोंप्ट पर इको स्पेस डॉलर डॉलर(“echo space dollar dollar”) टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:11 | एक संख्या दिखाई देगी । यह वर्तमान शेल की पीआईडी है। |
5:23 | एक कमांड जिसका हम ज्यादा उपयोग करेंगे। जब प्रक्रियाओं के बारे में बात होगी, वह पीएस कमांड है। |
5:29 | पीएस या प्रोसेस स्टेटस एक कमांड है जो सिस्टम में रन हो रही प्रक्रियाओं को प्रदर्शित करती है। |
5:34 | अब देखें कि क्या होता है यदि हम इस कमांड को बिना किसी पर्याय के चलाते हैं। |
5:40 | अब कमांड प्रोंप्ट पर पीएस टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:47 | इस तरह हम साधारणतः यूजर द्वारा चलाये जा रहे प्रोग्राम से स्वामित्व , सभी प्रक्रियाओं की सूची देख पायेंगे। |
5:54 | आप सीएमडी शीर्षक के अधीन प्रक्रिया का नाम देख सकते हैं। |
5:58 | इसके अलावा आप पीआईडी, टीटीवाई या कंसोल जिसमें प्रक्रिया TIME (टाइम)चला रही है, भी देख सकते हैं। |
6:06 | वह पूर्ण प्रोसेसर समय है जो कि प्रक्रिया की शुरूआत से इस्तेमाल किया गया। |
6:12 | मेरी मशीन पर यह दो प्रक्रियाएँ दिखा रहा है। |
6:16 | एक बैश है, जिस शेल प्रक्रिया का हम उपयोग कर रहे हैं, दूसरी स्वयं पीएस प्रक्रिया है। |
6:25 | ध्यान रखने लायक यहाँ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शेल प्रक्रिया की पीआईडी समान है जो कि इको स्पेस डॉलर डॉलर कमांड द्वारा दिखाई दी। |
6:35 | यदि हम सबशेल बनाते हैं, तो देखिए क्या होता है। टर्मिनल पर एसएच(“sh” ) टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:42 | अब नए प्रोंप्ट में जो कि नई रेखा में दिखाई पड़ता है, पीएस(“ps”) टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:51 | अब हम सूची में 3 प्रक्रियाएँ देख सकते हैं। प्रक्रिया एसएच(sh) जोड़ दी गयी है। |
6:57 | यहाँ फिर से ध्यान दें कि बैश प्रक्रिया की पीआईडी पहले की तरह समान ही है। |
7:05 | पीएस कई पर्यायों के साथ आता है जो हम अब देखेंगे । पहला पर्याय जिसमें हमें सूचीबद्ध प्रक्रियाओं के लिए अधिक गुणों का प्रदर्शन दिखाई देगा। |
7:13 | अब प्रोंप्ट पर पीएस स्पेस माइनस एफ(“ps space minus f”) टाइप करें और एंटर दबायें। फिर से पिछले केस(मामले) की तरह 3 प्रक्रियाओं की सूची बनेगी। |
7:28 | बैश एसएच और पीएस-एफ। |
7:31 | भिन्नता केवल यह है कि अब अधिक गुण सूचीबद्ध हैं। |
7:36 | यूआईडी उस यूजर का यूजरनेम देती है जिसने प्रक्रिया की शुरूआत की। यह पीपीआईडी भी दिखाता है जो कि अभिभावक की पीआईडी है जिसने प्रक्रिया की रचना की। |
7:47 | उदाहरणस्वरूप, देखिए वह बैश प्रक्रिया sh प्रक्रिया का अभिभावक है, इसलिए बैश की पीआईडी एसएच प्रक्रिया की पीपीआईडी के समान है। |
8:00 | उसी प्रकार क्योंकि sh प्रक्रिया ps का अभिभावक है, sh प्रक्रिया की पीआईडी ps-f प्रक्रिया की पीपीआईडी के समान है। |
8:17 | सी प्रोसेसर के उपयोग के लिए मौजूद है। इस समय यह प्रक्रिया के जीवनपर्यंत , प्रोसेसर के प्रतिशत प्रयोग का पूर्णांक वेल्यू है। |
8:26 | यह 0 के रूप में प्रदर्शित होगा, इस केस (मामले) में उपयोग बहुत कम है। |
8:32 | STIME क्षेत्र समय बताता है जिस समय प्रक्रिया शुरू हुई, बाकि हम पहले ही देख चुके हैं जब ps चलता है। |
8:42 | प्रक्रियाएँ दो प्रकार की होती हैं, पहली यूजर प्रोसेसेस (प्रक्रिया होती) हैं । जो यूजर द्वारा शुरू की जाती हैं। |
8:49 | उदाहरणस्वरूप ps अथवा उस कारण कई कमांड जो हमने टर्मिनल पर चलाई हैं। |
8:54 | दूसरी सिस्टम प्रोसेसेस (प्रक्रियाएँ) होती हैं, जो प्रक्रियाएँ सिस्टम स्टार्टप या यूजर लोगिन के दौरान प्रायः सिस्टम द्वारा शुरू की जाती हैं। |
9:05 | सिस्टम प्रक्रिया का उदाहरण बैश हो सकता है। |
9:09 | कभी-कभी हम सभी प्रक्रियाएँ- सिस्टम प्रक्रियाएँ साथ ही साथ यूजर प्रकियाएँ दोनों देखना चाहते हैं। |
9:17 | तब हम माइनस e या माइनस capital A ऑप्शन का उपयोग करते हैं। |
9:23 | टर्मिनल पर जाएँ और प्रोंप्ट पर पीएस स्पेस माइनस ई(“ps space minus e”) टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:32 | हम प्रक्रियाओं की लम्बी सूची देख सकते हैं। |
9:35 | मल्टीपेज डिस्प्ले पाने के लिए प्रोंप्ट पर केवल टाइप करें। |
9:40 | “पीएस स्पेस माइनस ई स्पेस वर्टीकल बार स्पेस मोर”(“ps space minus e space vertical bar space more”)एंटर दबायें। |
9:52 | जैसा हमने पहले देखा कि more यह करेगा के अधिक से अधिक सूचीबद्ध प्रक्रियाएँ एक विंडो में बैठ सकें। |
9:58 | जैसे ही हम एंटर दबाते हैं हम प्रक्रियाओं की पूर्ण सूची स्क्रोल करते हैं। |
10:03 | इस सूची में प्रथम प्रक्रिया दिलचस्प है। इसे init(इनिट) प्रक्रिया कहते हैं। |
10:09 | यह वह प्रक्रिया है जिससे अधिकतर सभी अन्य प्रक्रियाएँ बनी हैं। |
10:12 | इसमें 1 का पीआईडी है। |
10:16 | प्रोंप्ट पर वापस आने के लिए क्यू (Q) दबायें। |
10:24 | तो इस ट्यूटोरियल में हमने प्रक्रिया, शेल प्रक्रिया, प्रक्रिया का जन्मना, प्रक्रियाओं के गुणों तथा प्रक्रियाओं के विभिन्न प्रकारों के बारे में सीखा। |
10:37 | हमने पीएस कमांड के उपयोग के बारे में भी सीखा। इसी के साथ में इस ट्यूटोरियल को समाप्ती की ओर ले जाती हूँ। |
10:45 | स्पोकन ट्यूटोरियल टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे भारत सरकार के एमएचआरडी मंत्रालय के राष्ट्रीय शिक्षा मिशन ने आईसीटी के माध्यम से समर्थित किया है। |
10:55 | इस पर अधिक जानकारी हमारी निम्नलिखित वेबसाइट http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro पर उपलब्ध है। |
11:07 | यह स्क्रिप्ट देवेन्द्र कैरवान द्वारा अनुवादित है तथा आई आई टी बॉम्बे की तरफ से मैं सकीना अब आप से विदा लेती हूँ। |