BOSS-Linux/C2/File-Attributes/Hindi
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Revision as of 17:11, 6 January 2015 by Shruti arya (Talk | contribs)
Time | Narration |
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0:00 | लिनक्स फ़ाइल अट्रिब्यूट के इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
0:05 | इस ट्यूटोरियल के लिए आप को पहले से ही example1, example2, example3, example4, example5 और testchown के रूप में नामित खाली फाइलों को बनाना होगा। |
0:18 | कृपया test_chown नाम की खाली डाइरेक्टरीस और डाइरेक्टरी 1 को भी बनाएँ। |
0:25 | फ़ाइल अट्रिब्यूट एक metadata (मेटाडेटा) है जो वर्णन करता है या एक कंप्यूटर फाइल के साथ जुड़ा हुआ है। |
0:24 | फ़ाइल अट्रिब्यूट फ़ाइल के मालिक, फ़ाइल के प्रकार, उपयोग अनुमतियाँ, आदि विशेषताओं का वर्णन करता है। |
0:45 | chown कमांड का इस्तेमाल फ़ाइल या डारेक्टरी के मालिक को बदलने के लिए करते हैं। यह एक एडमिन कमांड है जिससे केवल रूट यूजर फाइल या डाइरेक्टरी के मालिक को बदल सकता है। |
1:00 | Chown कमांड का रचनाक्रम (सिन्टैक्स) इस प्रकार है- स्पेस ऑप्शन स्पेस ओनरनेम स्पेस फाइलनेम या डाइरेक्टरीनेम (space options space ownername space filename or directoryname)। |
1:13 | हम chown कमांड के साथ निम्न विकल्प दे सकते हैं। |
1:18 | R : जो डाइरेक्टरी की सब-डाइरेक्टरीज़ हैं उनकी फ़ाइलों की अनुमति को बदलने के लिए जहाँ आप फिलहाल हैं। |
1:28 | c : प्रत्येक फ़ाइल की अनुमति को बदलने के लिए। |
1:33 | f : ch own को एरर मेसेज प्रदर्शित करने से रोकता है। |
1:37 | अब हम chown के कुछ उदाहरण देखेंगे। |
1:40 | अतः टर्मिनल पर जाएँ। अब हम उस डाइरेक्टरी में जायेंगे जहाँ हमने खाली फाइलें और फोल्डर बनाये थे। उसके लिए cd space Desktop slash file attribute टाइप करें और एंटर दबायें। |
1:56 | अब कमांड $ ls space -l spacetestchown that is t-e-s-t-c-h-o-w-n टाइप करें और एंटर दबायें। |
2:11 | यहाँ हम फाइल के मालिक(ओनर) को देख सकते हैं शाहिद 'testchown' का मालिक(ओनर) है। |
2:18 | फ़ाइल के मालिक(ओनर) को बदलने के लिए$ sudo space c-h own space that is a-n-u-s-h-a anusha space testchown that is t-e-s-t-c-h-o-w-n कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
2:36 | sudo पासवर्ड को एंटर करें और फिर से एंटर दबायें। |
2:44 | अब $ ls space -l space t-e-s-t-c-h-o-w-n टाइप करें और एंटर दबायें । यहाँ आप देख सकते हैं कि फाइल की नई मालिक(ओनर) अनुषा है । |
3:03 | अब हम देखेंगे कि डाइरेक्टरी के मालिक(ओनर) को कैसे बदलते हैं। |
3:07 | $ ls –l कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। यहाँ हम देख सकते हैं कि शाहिद 'test_chown' डाइरेक्टरी का मालिक(ओनर) है। |
3:21 | डाइरेक्टरी के मालिक(ओनर) को बदलने के लिए इस कमांड को टाइप करें। |
3:26 | $ sudo space chown space minus capital R space a-n-u-s-h-a anusha spacetest_chown जो डाइरेक्टरी का नाम है और एंटर दबायें। |
3:44 | यदि जरूरत हो तो sudo पासवर्ड को एंटर करें और फिर से एंटर दबायें। |
3:49 | हमारी सहूलियत के लिए मैं CTRL+L प्रेस करके स्क्रीन को साफ करती हूँ। अब $ ls space –l टाइप करें और एंटर दबायें। यहाँ हम देख सकते हैं कि अनुषा डाइरेक्टरी की नई ओनर है। |
4:06 | chmod कमांड का प्रयोग एक से अधिक फ़ाइलों का उपयोग यानि एक्सेस मोड या अनुमति को बदलने के लिए करते हैं। |
4:13 | chmod कमांड का रचनाक्रम(सीनटैक्स) इस प्रकार है- chmod space [options] space mode space filename space chmod space [options] space filename. हम chmod कमांड के साथ निम्न विकल्प दे सकते हैं। |
4:29 | c:बदली हुई फ़ाइल्स की जानकारी को प्रिंट करने के लिए। |
4:34 | f:chmod जिन फ़ाइल्स को नहीं बदल सकता उनकी सूचना यूजर को न देने के लिए। |
4:41 | निम्न प्रकार के ऐस्सेस या अनुमतियां हैं। |
4:44 | r : Read अर्थात पढ़ना
w : Write अर्थात लिखना x : Execute अर्थात निष्पादित करना s : user या ग्रुप की ID को सेट करना। |
4:54 | वैकल्पिक रूप से, हम तीन अंकों की अष्टाधारी संख्या अर्थात three-digit octal number से अनुमतियाँ निर्दिष्ट कर सकते हैं। |
5:00 | पहला अंक मालिक की अनुमति के लिए है, दूसरा अंक समूह की अनुमति के लिए है और तीसरा अंक दूसरों की अनुमति के लिए है। |
5:09 | अनुमतियों की गणना निम्नलिखित अष्टाधारी मूल्यों को जोड़कर की जाती है-
4 : Read (पढ़ना) 2 : Write(लिखना) 1 : Execute(निष्पादित करना) |
5:20 | अब हम chmod के कुछ उदाहरण देखेंगे- टर्मिनल पर जाएँ और execute-by-user अनुमति को file example1 में जोड़ने के लिए कमांड एंटर करें। |
5:30 | उससे पहले मैं CTRL+L से स्क्रीन को क्लिअर करती हूँ। |
5:36 | अब $ chmod space u+x space example1 टाइप करें और एंटर दबायें। |
5:49 | अब $ ls space -l space example1 टाइप करें और बदलाव को देखने के लिए एंटर दबायें। |
6:01 | ओनर (मालिक) द्वारा read/write/execute अनुमति,ग्रुप द्वारा read/execute अनुमति और दूसरों द्वारा execute-only अनुमति को file example1 को निर्दिष्ट करने के लिए। |
6:15 | अब $ chmod space 751 space example1 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:26 | अब $ ls space -l space example1टाइप करें और एंटर दबायें। |
6:35 | हम देख सकते हैं कि ऊपर दिए कमांड से ओनर द्वारा read/write/execute की अनुमति, ग्रुप द्वारा read/write की अनुमति और दूसरों द्वारा execute-only की अनुमति को file example1 में निर्दिष्ट किया गया है। |
6:52 | file example1 को सभी के लिए read-only अनुमति निर्दिष्ट करने के लिए इस कमांड $ chmod space =r space example1 को टाइप करें और एंटर दबायें। |
7:08 | अब $ ls space -l space example1 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
7:19 | यहाँ हम देख सकते हैं कि सभी यूज़र्स के लिए file example1 को read-only अनुमति निर्दिष्ट की गयी है। |
7:30 | अनुमति को बारी-बारी से बदलने और सभी यूजर्स के लिए read-and-execute एक्सेस को निर्दिष्ट करने के लिए और डाइरेक्टरी 1 डाइरेक्टरी के ओनर को write-access देने के लिए कमांड टाइप करें। |
7:44 | $ chmod space minus capital R space 755 space directory1 एंटर दबायें। |
8:00 | अब $ ls space –l टाइप करें और बदलाव देखने के लिए एंटर दबायें। |
8:09 | यूज़र को file example2 में execute अनुमति देने के लिए $ chmod space u+x space example2 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
8:27 | अब $ ls space -l space example2 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
8:40 | अब हम देख सकते हैं कि यूजर को file example2 में execute अनुमति निर्दिष्ट की गयी है। |
8:50 | file example3 को ग्रुप के लिए write अनुमति जोड़ने के लिए इस कमांड $ chmod space g+w space example3 को टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:10 | और अब $ ls space -l space example3 टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:23 | अब हम देख सकते हैं कि ग्रुप में write अनुमति जोड़ी गयी है। |
9:30 | सभी यूज़र्स के लिए write अनुमति हटाने के लिए $ chmod space a-w space example3 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:45 | अब $ ls space -l space example3 टाइप करें और एंटर दबायें। |
9:55 | अब हम देख सकते हैं कि write अनुमति को सभी यूजर्स के लिए हटाया गया है। |
10:02 | chgrp कमांड का उपयोग एक से अधिक फाइल्स के ग्रुप को नए ग्रुप में बदलने के लिए करते हैं। |
10:10 | newgroup या तो एक ग्रुप ID नम्बर है या फिर /etc/group में स्थित एक ग्रुप का नाम है। |
10:20 | केवल फाइल का ओनर या एक privileged user (विशेषाधिकारी उपयोगकर्ता) ही ग्रुप को बदल सकता है। |
10:26 | chgrp कमांड का रचनाक्रम (सिन्टैक्स) इस प्रकार है- chgrp space [options] space newgroup space files space chgrp space [options]। |
10:36 | अब हम टर्मिनल पर चलते हैं और chgrp कमांड के कुछ उदाहरण देखते हैं। $ ls space -l space example4 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
10:57 | अब हम देख सकते हैं कि ग्रुप अनुमति यूज़र शाहिद के लिए है। |
11:03 | ग्रुप अनुमति को बदलने के लिए कमांड $ sudo space chgrp space rohit space example4 टाइप करें और एंटर दबायें। |
11:20 | एंटर दबायें। यदि आवश्कता हो तो sudo पासवर्ड को एंटर करें। |
11:27 | अब $ ls space -l space example4 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
11:38 | अब हम देख सकते हैं कि ग्रुप shahid से बदलकर rohit बन गया है। |
11:46 | आइनोड संख्या एक अद्वितीय पूर्णांक(unique integer) है जो डिवाइस (device) को सौंपा जाता है। |
11:51 | आइनोड एक नियमित फाइल या डाइरेक्टरी के बारे में मूल जानकारी स्टोर करता है। |
11:57 | सभी फ़ाइल्स आइनोड के लिए हार्ड लिंक्स हैं। |
12:00 | जब भी कोई प्रोग्राम,नाम से एक फाइल संदर्भित करता है, तब सिस्टम, अनुरूपी आइनोड को उस फाइल के नाम से खोजता है। |
12:12 | हम फाइल के आइनोड नम्बर देखने के लिए ls space -i कमांड का उपयोग कर सकते हैं। |
12:19 | $ ls space -i space example5 कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
12:29 | फ़ाइल के पहले लिखी संख्या फ़ाइल का आइनोड नंबर है। |
12:35 | आइनोड निश्चित रूप से एक समय पर केवल एक ही एंट्री से जुड़े रहते हैं। |
12:41 | हार्ड लिंक्स एक अकेले आइनोड से एकाधिक डाइरेक्टरी एन्ट्रीज़ से जुड़ सकते हैं। लिंक बनाने के लिए ln कमांड है। |
12:52 | हार्ड लिंक बनाने के लिए ln कमांड का रचनाक्रम (सिन्टैक्स) इस प्रकार है। |
11:57 | ln space source space link जहाँ सोर्स (source) एक मौजूदा फाइल है और लिंक वो फाइल है जो बनानी है। |
13:06 | अब हम हार्ड लिंक्स के कुछ उदाहरण देखेंगे। |
13:10 | मैं फिर से स्क्रीन साफ करती हूँ। अब $ ln space example1 space exampleln कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
13:25 | अब दोनों फाइल्स के आइनोड नंबर का प्रदर्शन करने के लिए $ ls space -i space example1 space exampleln कमांड टाइप करें और एंटर दबायें। |
13:41 | अब हम देख सकते हैं कि दोनों फाइल्स के आइनोड नंबर समान हैं, file example1 का हार्ड लिंक file exampleln है। |
13:54 | सोफ्ट लिंक एक विशेष प्रकार की फाइल है जिसमें दूसरे फाइल या डाइरेक्टरी का रेफरेंस अर्थात संदर्भ है जो पूर्ण या रिलेटिव अर्थात संबंधित पाथ के रूप में है। |
14:07 | सोफ्ट लिंक बनाने के लिए ln कमांड का रचनाक्रम (सिन्टैक्स) इस प्रकार है। |
14:12 | ln space -s space {target-filename} space {symbolic-filename} |
14:19 | अब हम सोफ्ट लिंक्स के कुछ उदाहरण देखेंगे। |
14:25 | सोफ्ट लिंक को बनाने के लिए $ ln space -s space example1 space examplesoft कमांड टाइप करें। |
14:40 | एंटर दबायें। |
14:43 | अब दोनों फाइल्स के आइनोड नंबर और सूची का प्रदर्शन करने के लिए $ ls space -li space example1 space examplesoft कमांड टाइप करें। |
15:01 | एंटर दबायें। |
15:03 | अब हम देख सकते हैं कि दोनों फाइल्स के आइनोड नंबर अलग हैं, example1 का सोफ्ट लिंक examplesoft है। |
15:16 | अतः इस ट्यूटोरियल में हमने लिनक्स फ़ाइल अट्रिब्युट्स के बारे में सीखा जैसे फाइल की अनुमति, ओनरशीप और ग्रुप को बदलना। |
15:26 | हमने फाइल के आइनोड , सोफ्ट और हार्ड लिंक्स के बारे में भी सीखा। |
15:31 | इसी के साथ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ। |
15:35 | स्पोकन ट्यूटोरियल टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने ICT के माध्यम से समर्थित किया है। |
15:44 | अधिक जानकारी दिए गए लिंक पर उपलब्ध है http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro. |
15:50 | यह स्क्रिप्ट देवेन्द्र कैरवान द्वारा अनुवादित है तथा आई आई टी बॉम्बे की तरफ से मैं सकीना अब आप से विदा लेती हूँ। |