ExpEYES/C3/Diode-Rectifier-Transistor/Hindi
Time | Narration |
00:01 | नमस्कार, 'Diode, Rectifier और Transistor' पर इस ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:08 | इस ट्यूटोरियल में हम निम्न अध्ययन करेंगे:
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00:26 | यहाँ मैं उपयोग कर रही हूँ:
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00:36 | इस ट्यूटोरियल के अनुसरण के लिए आपको 'ExpEYES Junior' इंटरफ़ेस से परिचित होना चाहिए। यदि नहीं तो सम्बंधित ट्यूटोरियल्स के लिए कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ। |
00:47 | सबसे पहले एक 'PN जंक्शन डायोड' परिभाषित करते हैं। |
00:51 | 'PN जंक्शन डायोड':
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01:03 | हम 'PN जंक्शन डायोड' के 'half wave rectifier' की तरह कार्य करने को दिखायेंगे। |
01:09 | इस परिक्षण में हम निम्न करेंगे:
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01:25 | अब मैं सर्किट कनेक्शन्स समझाऊँगी।
'1K प्रतिरोधक (resistor)', 'GND' और 'A2' के बीच जोड़ा गया है। 'PN जंक्शन डायोड', 'A2' और 'SINE' के बीच जोड़ा गया है। 'SINE' 'A1' से जोड़ा गया है। यहाँ 'SINE' एक 'AC' स्रोत है। यह 'सर्किट डायग्राम' है। |
01:46 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखते हैं। |
01:49 | प्लॉट विंडो पर 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें। 'A1', 'CH1' पर निर्दिष्ट किया गया है। |
01:56 | 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें। 'A2', 'CH2' पर निर्दिष्ट किया गया है। |
02:01 | वेव्स को समायोजित करने के लिए 'mSec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ। दो 'sine' वेव्स बनती हैं। |
02:10 | काला वक्र वास्तविक 'sine' वेव है |
02:13 | लाल वक्र 'rectified (संशोधित) sine wave' है। लाल वक्र का ऋणात्मक भाग पूरी तरह से हट गया है क्यौंकि यह 'rectified यानि संशोधित वेव' है। |
02:23 | 'डायोड' के 'थ्रेशोल्ड वोल्टेज' तक पहुँचने के बाद धनात्मक भाग शुरू होता है। 'forward bias' में, 'AC' सिग्नल 'DC' सिग्नल में बदल जाता है। |
02:34 | 'CH1' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें।
'CH2' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें। |
02:40 | 'विंडो' के दायीं तरफ 'वोल्टेज' और 'आवृत्ति' की वैल्यूज़ कोदेखें। |
02:45 | डायोड कनेक्शन पलटने पर 'reverse bias' में 'AC' सिग्नल 'DC' सिग्नल में बदल जाता है। |
02:52 | हम '10uF' (micro farad) 'संधारित्र (capacitor)' उपयोग करके 'sine wave' को फ़िल्टर करेंगे। उसी कनेक्शन में '1K प्रतिरोधक' को '10uF' संधारित्र से बदलें। |
03:04 | यह 'सर्किट डायग्राम' है। |
03:06 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखें। |
03:09 | 'प्लॉट विंडो' पर हम देख सकते हैं कि 'rectified sine wave' फ़िल्टर होती है। यहाँ 'AC' कॉम्पोनेन्ट 'DC' में 'ripple' कहलाता है। |
03:20 | अब हम 'PN जंक्शन डायोड' और 'LEDs' के 'डायोड IV' कैरेक्टरिस्टिक्स दिखायेंगे। |
03:27 | मैं सर्किट कनेक्शन्स समझाऊँगी। 'PVS' '1K प्रतिरोधक' के द्वारा 'IN1' से जोड़ा गया है। |
03:34 | 'IN1' 'PN जंक्शन डायोड' के द्वारा 'GND' से जोड़ा गया है। |
03:39 | यह सर्किट डायग्राम है। |
03:41 | 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखें। |
03:44 | 'प्लॉट विंडो' पर 'EXPERIMENTS' बटन पर क्लिक करें। 'Diode IV' चुनें। |
03:51 | 'EYES:IV characteristics' और 'Schematic' विंडोज़ खुलती हैं। 'Schematic' विंडो सर्किट डायग्राम दिखाती है। |
04:00 | 'EYES:IV characteristics' विंडो पर, 'START' बटन पर क्लिक करें। |
04:05 | शुरुआत में विद्युत धारा नियत रहती है लेकिन बढ़ती है जैसे ही वोल्टेज 0.6 वोल्ट्स तक बढ़ती है। |
04:13 | 'FIT' बटन पर क्लिक करें। |
04:16 | 'Diode equation' और 'Ideality factor' दिखते हैं। डायोड का 'ideality factor' 1 और 2 के बीच परिवर्तित होता है। |
04:26 | हम सर्किट में एक-एक ककरे डायोड को लाल, हरी और सफ़ेद 'LEDs' से बदलेंगे। |
04:33 | कृपया ध्यान दें 'LED' केवल एक ही दिशा में चमकती है। यदि यह नहीं चमके तो दिशा पलटे और दोबारा कनेक्ट करें। |
04:43 | सबसे पहले सर्किट में लाल 'LED' कनेक्ट करते हैं। यह सर्किट डायग्राम है। |
04:49 | 'प्लॉट विंडो' पर 'EXPERIMENTS' बटन पर क्लिक करें। 'Diode IV' चुनें। |
04:56 | 'EYES:IV characteristics' विंडो पर, 'START' बटन पर क्लिक करें।
'diode IV' वक्र में, शुरुआत में विद्युत धारा नियत रहती है लेकिन बढ़ती है जैसे ही वोल्टेज '1.7 volts' तक बढ़ती है। |
05:11 | अब सर्किट में हरी 'LED' कनेक्ट करते हैं। |
05:15 | 'Plot window' पर, 'EXPERIMENTS' बटन पर क्लिक करें। 'Diode IV' चुनें। |
05:22 | 'EYES:IV characteristics' विंडो पर, 'START' बटन पर क्लिक करें। |
05:27 | 'diode IV वक्र' में, शुरुआत में विद्युत धारा नियत रहती है लेकिन बढ़ती है जैसे ही वोल्टेज बढ़कर '1.8 वोल्ट्स' हो जाती है। यहाँ वैल्यू थोड़ी सी बदल सकती है। |
05:40 | अब सर्किट में सफ़ेद 'LED' कनेक्ट करते हैं। |
05:44 | 'प्लॉट विंडो' पर 'EXPERIMENTS' बटन पर क्लिक करें। 'Diode IV' चुनें। |
05:51 | 'EYES:IV characteristics' विंडो पर, 'START' बटन पर क्लिक करें।
'diode IV वक्र' में, शुरुआत में विद्युत धारा नियत रहती है लेकिन बढ़ती है जैसे ही वोल्टेज बढ़कर '2.6 वोल्ट्स' हो जाती है। |
06:05 | अब हम '180 degree out of phase sine waves' दिखायेंगे। |
06:10 | हम यह 'amplifier (आवर्धक)' उपयोग करके 'SINE' के आउटपुट को पलटकर कर सकते हैं। यहाँ एम्प्लिफिकशन यानि आवर्धन के लिए हम '51K' 'प्रतिरोधक (resistor)' उपयोग कर रहे हैं। |
06:21 | मैं सर्किट कनेक्शन्स समझाऊँगी। |
06:24 | 'A1', 'SINE' से जोड़ा गया है।
'51K' प्रतिरोधक 'SINE' और 'IN' के बीच जोड़ा गया है। 'OUT', 'A2' से जोड़ा गया है। |
06:35 | यह सर्किट डायग्राम है। |
06:37 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखें। |
06:40 | 'प्लॉट विंडो' पर 'A1' पर क्लिक करें और 'CH1' तक खींचें।'A1', 'CH1' पर निर्दिष्ट किया जाता है। |
06:49 | 'A2' पर क्लिक करें और 'CH2' तक खींचें।'A2', 'CH2' पर निर्दिष्ट किया जाता है।
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06:54 | वेव्स को समायोजित करने के लिए 'mSec/div' स्लाइडर को खिसकाएँ। दो 'Sine waves' जो 180 डिग्री से फेज़ में अलग हैं उत्पन्न होती हैं। |
07:04 | 'CH1' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें। 'CH2' पर क्लिक करें और 'FIT' तक खींचें। |
07:10 | दायीं तरफ 'वोल्टेज' और 'आवृत्ति' की वैल्यूज़ दिखती हैं। |
07:15 | 'CH1' पर राइट क्लिक करें। 'विंडो' में नीचे 'वोल्टेज, आवृत्ति' और 'फेज़ शिफ़्ट' की वैल्यूज़ दिखती हैं। |
07:25 | अब हम 'transistor CE (collector emitter)' कैरेक्टरिस्टिक वक्र प्लॉट करेंगे। |
07:31 | कृपया '2N2222, NPN ट्रांज़िस्टर' उपयोग करें। ट्रांज़िस्टर के तारों को इस प्रकार जोड़ें जिससे ट्रांज़िस्टर 'ExpEYES' किट से अच्छी तरह से जुड़ सके। |
07:44 | मैं सर्किट कनेक्शन्स समझाऊँगी।
'SQR1', '200K 'प्रतिरोधक' से जोड़ा गया है। '200K' प्रतिरोधक ट्रांज़िस्टर के 'base' से जोड़ा गया है। |
07:56 | 'PVS', '1K प्रतिरोधक' उपयोग करके 'कलेक्टर' से जोड़ा गया है।
'IN1', '1K प्रतिरोधक' और 'कलेक्टर' के बीच जोड़ा गया है। |
08:06 | 'Emitter', 'GND' (ग्राउंड) से जोड़ा गया है।
'100uF' (micro farads) संधारित्र '200K प्रतिरोधक' और 'GND' के बीच जोड़ा गया है। यह 'सर्किट डायग्राम' है। |
08:18 | अब 'प्लॉट विंडो' पर परिणाम देखें। |
08:21 | 'प्लॉट विंडो' पर 'Set PVS' को '3 volts' करें। 'आंतरिक वोल्टेज' देने के लिए 'PVS' को '3 volts' पर सेट किया गया है। |
08:31 | 'EXPERIMENTS' बटन पर क्लिक करें और 'Transistor CE' चुनें। |
08:37 | 'EYES Junior: Transistor CE characteristics' और 'Schematic' विंडोज़ खुलती हैं।
'Schematic' विंडो सर्किट डायग्राम दिखाती है। |
08:47 | 'EYES Junior: Transistor CE characteristics' विंडो पर, 'base voltage' को 1 वोल्ट करें। |
08:55 | 'START' बटन पर क्लिक करें।'Collector current बढ़ती है और नियत हो जाती है।
कलेक्टर करंट लगभग '0.3 mA' है। 'Base Current' '2uA'(micro ampere) है। |
09:10 | 'base voltage' को '2 Volts' करें और 'START' बटन पर क्लिक करें। 'Collector current' '1.5 mA' है। |
09:19 | 'Base Current' '7uA'(micro ampere) है। |
09:23 | 'base voltage' को '3V' करें और 'START' बटन क्लिक करें। 'Collector current' '2.7mA' है। |
09:33 | 'Base Current' '12uA'(micro ampere) है। |
09:37 | इसे सारांशित करते हैं। |
09:38 | इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न अध्ययन किया:
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09:58 | एक नियत कार्य में
प्रकाश की तीव्रता और स्रोत से इसका परिवर्तन मापें। यह सर्किट डायग्राम है। आउटपुट इस प्रकार दिखना चाहिए। |
10:13 | यह विडियो स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट को सारांशित करता है। अच्छी बैंडविड्थ न मिलने पर आप इसे डाउनलोड करके देख सकते हैं। |
10:21 | हम स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उपयोग करके कार्यशालाएं चलाते हैं और प्रमाणपत्र देते हैं। कृपया हमसे संपर्क करें। |
10:28 | स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट भारत सरकार के MHRD के NMEICT द्वारा निधिबद्ध है। |
10:34 | आई आई बॉम्बे से मैं श्रुति आर्य विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |