Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Feeding-expressed-breastmilk-to-babies/Hindi"
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− | | हाथ से निकाले गए स्तन के दूध को शिशुओं को पिलाने का यह स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता | + | | हाथ से निकाले गए स्तन के दूध को शिशुओं को पिलाने का यह स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। |
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+ | | आईआईटी मुंबई से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं। | ||
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+ | हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। | ||
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Latest revision as of 18:31, 26 August 2020
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00:01 | हाथ से निकाले गए स्तन के दूध को शिशुओं को पिलाने के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
00:07 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे:
संभाले गए दूध को शिशु को पिलाने के लिए किस तरह तैयार करें
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00:14 | फिर उस दूध को किस तरह पिलाएं। |
00:19 | चलिए शुरू करते हैं।
हाथ से निकाले गए स्तन के दूध से मां और शिशु दोनों को फायदा होता है
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00:26 | हाथ से दूध निकालना और उसे संभालना अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
00:34 | अब हम सीखेंगे संभाला हुआ दूध शिशु को पिलाने के लिए किस तरह तैयार करें। |
00:42 | दूध को संभालने से पहले शिशु को ध्यान रखने वाले को अपने हाथ साबुन और पानी से हाथ धो कर सुखाने चाहिए। |
00:52 | याद रखें संभाले हुए दूध में सबसे पुराना दूध पहले इस्तेमाल करें। |
00:59 | बर्फ की तरह जमाया हुआ दूध पहले इस्तेमाल करना हो तो पहले उसे रात भर फ्रिज के सबसे निचले खाने में रखकर पिघलाएं। |
01:08 | और फिर इस दूध को 24 घंटे में इस्तेमाल करें। |
01:15 | पर अगर बर्फ की तरह जमाया हुआ दूध जल्दी चाहिए हो तो उसे एक फ्रिज के बाहर एक ठंडे पानी के बर्तन में रख कर पिघलाएं, |
01:25 | फिर उसे हल्के गर्म पानी में पिघलाए। |
01:31 | दूध के डिब्बे को बीच-बीच में हल्के से हिलाएं।
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01:38 | पर लगातार जोर जोर से नहीं। |
01:42 | इस्तेमाल करने से पहले डिब्बे को बाहर से पोंछ लें। |
01:48 | इस पिघलाए हुए दूध को 2 घंटे में इस्तेमाल करें बाकी का बचा हुआ दूध फेंक दें।
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01:56 | पिघलाया हुआ दूध ताजे दूध के मुकाबले स्वाद और सूँघने में अलग होता है
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02:03 | पर अगर शिशु उस दूध को पी ले तो इसका मतलब दूध ठीक है। |
02:08 | ध्यान रखने वाले को हमेशा दूध को सूंघ कर ही उसे शिशु को देना चाहिए। |
02:16 | अगर दूध सुनने में खट्टा हो तो शिशु को ना दें। |
02:20 | याद रखें संभालकर रखे हुए दूध की मलाई ऊपर जमती है। |
02:28 | यह आम बात है मलाई को दूध में वापस मिलाने के लिए इस्तेमाल से पहले दूध को हल्के से हिलाएं। |
02:36 | शिशु को पिलाने से पहले दूध को हल्का गर्म करना हो तो उस डिब्बे को हल्के गर्म पानी के बर्तन में 20 से 30 मिनट तक रखें। |
02:47 | दूध की गरमाई जांचने के लिए उसकी बूंदे अपने अंदर की कलाई पर डालें।
अगर दूध हल्का गर्म है तो पिलाने लायक है। |
02:56 | गर्म पानी में दूध को गरम ना करें कोशिश करें संभाले हुए दूध को फ्रिज से सीधा शिशु को पिलाएं। |
03:05 | इससे ज्यादा दूध के गर्म होने या कलाई के जलने से बचेंगे। |
03:12 | स्तन के दूध को सीधा चूल्हे पर या माइक्रोवेव पर गर्म ना करें। |
03:19 | सीधी आंच से दूध में इन्फेक्शन से लड़ने वाले दूध के अच्छे कीटाणु मर जाएंगे। |
03:27 | जब भी स्तन का दूध तैयार हो शिशु को पिलाएं। |
03:32 | दूध पिलाने के लिए यह इस्तेमाल करें पलडही और छोटा कप या चम्मच या फिर निफ़्टी कप। |
03:42 | इनमें से चम्मच या फिर कप से शिशु को पिलाना सबसे ज्यादा सुझाया जाता है। |
03:49 | पहले ध्यान रखने वाले को चुने हुए बर्तन को साबुन और पानी से धोकर कर हवा लगाकर सुखाना चाहिए या फिर साफ-सुथरे कपड़े से सुखाना चाहिए। |
04:02 | फिर खुद के हाथ अच्छे से धो कर सुखाने चाहिए। |
04:10 | स्तन के दूध को बर्तन में या तो आधा या फिर दो तिहाई भरे। |
04:16 | फिर शिशु को अपने गोदी में तकरीबन सीधा बैठाएँ। |
04:23 | अपने हाथ से शिशु के सर और गर्दन को सहारा दें। |
04:28 | अगर पलडही से दूध पिलाना हो तो तो उसकी नोक की स्थिति शिशु के मुंह के अंदर कोने में होनी चाहिए। |
04:39 | पलडही को हल्के से शिशु ने दोनों होठों के बीच में पकड़ा होना चाहिए। |
04:45 | और खासकर पलडही की नोक शिशु की ऊपरी होंठ पर हल्के से छूनी चाहिए
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04:50 | ऐसी स्थिति में दूध पलडही के नोक के किनारे में होना चाहिए. |
04:58 | जब शिशु दूध निगलेगा पिलाने वाले को पलडही को कैसे झुकाना होगा ताकि दूध कोने तक आए
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05:07 | अगर शिशु को कप से दूध देना हो तो कप को हल्के से शिशु के होठों के बीच रखें। |
05:17 | कप का किनारा हल्के से शिशु के ऊपरी होंठ को छूना चाहिए। |
05:22 | धीरे से कप को झुकाए ताकि दूध कप के किनारे तक पहुंचे। |
05:28 | इससे शिशु कप के किनारे से दूध पी पाएगा। |
05:33 | और अगर शिशु को दूध चम्मच से देना ना हो तो चम्मच को शिशु के होठों के बीच में रखें। |
05:42 | चम्मच का किनारा उसके ऊपरी होंठ को छूना चाहिए। |
05:47 | फिर चम्मच को हल्के से झुकाए ताकि दूध किनारे तक पहुंचे। |
05:54 | जन्म के कुछ दिनों तक चम्मच से दूध पिलाना फायदेमंद होता है। |
05:59 | क्योंकि इन दिनों शिशु को कम दूध की जरूरत होती है। |
06:07 | अगर शिशु को निफ्टी कप से दूध पिलाना हो तो कप का भाग जिसमें दूध इकट्ठा होता है उसे ऐसे पकड़े कि वह शिशु के मुंह के अंदर हल्के से हो। |
06:19 | जब शिशु दूध पिएगा तो कप को ज्यादा झुकाए इससे कप के आधे भाग में दूध फिर से भर जाएगा। |
06:31 | शिशु को दूध पिलाते हुए कभी भी उसके मुंह में दूध ना उड़ेले। |
06:38 | इससे उसका दम घुट सकता है। |
06:40 | बल्कि दूध हमेशा कप या चम्मच के किनारे तक ला कर पिलाएं। |
06:47 | पिलाते हुए ध्यान दें कि वह जगा हुआ या सतर्क हो और उसका पीने का मन हो। |
06:54 | जरूरत पड़े तो शिशु को कपड़े में लपेट कर पिलाएं ताकि वह अपने हाथों से दूध ना गिरा दे। |
07:03 | आप जल्दी ना करें उसे खुद के हिसाब से पीने दे। |
07:08 | ध्यान से उसके पेट भरने के संकेतों को देखें, |
07:13 | जैसे हाथ ऊपर उठाना। |
07:16 | सो जाना या मुंह बंद रखना। |
07:21 | याद से उसके निचले होंठ पर जोर ना डालें। |
07:28 | कप या चम्मच का किनारा उसके ऊपरी होंठ पर छूना चाहिए। |
07:34 | कप पलडही या चम्मच उसके मुंह के अंदर तक ना डालें। |
07:41 | कभी भी शिशु को लेटा कर ना पिलाएं। |
07:45 | और दूध की बोतल का इस्तेमाल ना करें। |
07:51 | दूध पिलाने के बाद कप पलडही या चम्मच अच्छे से साबुन और पानी से अच्छे से धो लें और फिर हवा लगाकर सुखाएं |
08:04 | हो सकता है पहले पहले जब नया इंसान यह वाला दूध पिलाएगा तो शिशु पीना नहीं चाहेगा। |
08:12 | पर किसी और के देने पर आराम से पी लेगा। |
08:17 | अगर शिशु इस दूध को ना पिए तो चिंता ना करें। |
08:22 | जब मां घर आएगी तो शिशु स्तनपान कर लेगा लंबी देर तक या फिर कई बार। |
08:32 | स्तन के दूध को ध्यान से रखने के लिए जरूरी है धुले हुए हाथ और बर्तन जैसे ही इस दूध की जरूरत शिशु को पड़े उसे पिलाएं और इस दूध को हमेशा ध्यान से संभाल कर रखें। |
08:45 | हाथ से निकाले गए स्तन के दूध को शिशुओं को पिलाने का यह स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। |
05:51 | आईआईटी मुंबई से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं।
हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |