Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Kangaroo-Mother-Care/Hindi"
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| कंगारू मदर केयर का यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। | | कंगारू मदर केयर का यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। | ||
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| − | | आईआईटी बाम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती | + | | आईआईटी बाम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं। |
| + | हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। | ||
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Revision as of 18:10, 26 August 2020
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| 00:00 | कंगारू मदर केयर के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है। |
| 00:05 | इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे - |
| 00:08 | कंगारू मदर केयर क्या है? |
| 00:10 | उसके अलग-अलग भाग और
महत्व |
| 00:13 | और कंगारू मदर केयर का पूरा तरीका |
| 00:17 | चलिए पहले शुरू करते हैं कंगारू मदर केयर की जानकारी के बारे में? |
| 00:22 | जैसा कि नाम सुझाव देता है- |
| 00:24 | इसमें शिशु को मां के नंगे शरीर के साथ रखा जाता है। |
| 00:29 | और इसे केएमसी के नाम से भी जाना जाता है। |
| 00:32 | याद रखें केएमसी शिशु के जन्म के तुरंत बाद करना चाहिए। |
| 00:39 | यह खासकर उन कम वजन के शिशुओं के लिए सुझाया जाता है- |
| 00:44 | जिनका वजन जन्म के दौरान ढाई किलो से कम हो। |
| 00:48 | और जिनको लगातार निगरानी की जरूरत ना हो। |
| 00:52 | पर ये आम तंदुरुस्त शिशुओं के लिए भी किया जा सकता है। |
| 00:59 | केएमसी के दो भाग हैं: |
| 01:03 | शिशु को लगातार लंबे समय तक मां के नंगे शरीर के साथ रखा जाना। |
| 01:09 | और सिर्फ स्तनपान कराना। |
| 01:13 | चलिए केएमसी के भागों के बारे विस्तार में देखते हैं। |
| 01:17 | पहला है मां के नंगे शरीर के साथ रखा जाना। |
| 01:21 | जिससे लेट डाउन रिफ्लेक्स बेहतर होता है |
| 01:24 | और जिसकी वजह से मां का दूध ज्यादा बनता है। |
| 01:28 | लेट डाउन रिफ्लेक्स इसी श्रंखला के एक अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
| 01:34 | दूसरा भाग है स्तनपान कराना। |
| 01:38 | याद रखें कि- |
| 01:40 | पहले 6 महीने तक शिशु को सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। |
| 01:45 | अगले हम बात करेंगे कंगारू मदर केयर के महत्व की। |
| 01:50 | केएमसी में लंबे समय तक मां के शरीर के साथ समय एक रखे जाने से शिशु के सही तरीके का तापमान बना रहता है। |
| 01:57 | और शिशु को भी सुरक्षित महसूस होता है। |
| 02:01 | केएमसी से कम होते हैं- |
| 02:03 | इन्फेक्शन की संभावना और |
| 02:05 | शिशु का सांस रुकना जिसे एप्निया कहते हैं। |
| 02:09 | एप्निया में शिशु की सांस लंबे समय तक रूक जाता है। |
| 02:13 | इससे अलावा - |
| 02:15 | केएमसी की वजह से स्तनपान कई दफे बार बार कराया जाता है। |
| 02:20 | और इससे मां और शिशु का बंधन भी मजबूत होता है। |
| 02:26 | केएमसी से शिशु की मदद होती है- |
| 02:28 | वजन के बढ़ने में बाकी पारंपरिक तरीके के मुकाबले जैसे कि - |
| 02:33 | शिशु को गर्म रखने वाली पेटी में रखना। |
| 02:36 | जिससे मां और शिशु को दोनों को तनाव होता है। |
| 02:40 | केएमसी से मां की संतुष्टि और आत्मविश्वास बढ़ता है। |
| 02:45 | जब वह अपने शिशु का खास ख्याल रखती है। |
| 02:49 | खास बात केएमसी की यह है कि इसे मां के अलावा कोई और भी कर सकता है जैसे - |
| 02:54 | पिता या |
| 02:56 | कोई बड़ा बुजुर्ग भी। |
| 02:58 | अब हम केएमसी करने वाले के ध्यान में रखने वाली बातें करेंगे: |
| 03:04 | केएमसी करने वाला तंदुरुस्त और हृस्ट पुष्ट होना चाहिए। |
| 03:09 | उसे खुद की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि - |
| 03:14 | हाथ धोना, |
| 03:16 | रोज नहाना, |
| 03:17 | नाखून कटे होना, |
| 03:18 | बाल बंधे होना, |
| 03:20 | और साफ कपड़े पहनना। |
| 03:22 | उसे जेवर घड़ी या धागे नहीं पहनना चाहिए - |
| 03:26 | क्योंकि इन सब चीजों से खुद की स्वच्छता में कमी रह सकती है। |
| 03:31 | इनसे शिशु को चोट भी लग सकती है। |
| 03:35 | अब हम बात करेंगे कि केएमसी करने वाले को किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए- |
| 03:42 | कपड़े ऐसे हों जो सामने से खुल पाए और हल्के हों। |
| 03:46 | जैसे कि साड़ी का ब्लाउज या फिर सामने से खुल पाने वाली मैक्सी। |
| 03:51 | ध्यान रखें, |
| 03:52 | कि केएमसी करने वाले को सामने से खुली मैक्सी ब्लाउज केएमसी कपड़े के ऊपर पहनना चाहिए। |
| 03:58 | कंगारू थैले या फिर बाइंडर बाजार से भी खरीद सकते हैं। |
| 04:04 | अगर केएमसी लंबे समय तक करना हो तो यह फायदेमंद होते हैं। |
| 04:09 | इनके अलावा केएमसी करने वाला
एक मुलायम साफ सूती कपड़ा भी इस्तेमाल कर सकता है। |
| 04:16 | जबकि केएमसी के दौरान शिशु को - |
| 04:19 | एक टोपी और लंगोट पहनानी चाहिए। |
| 04:22 | अगर शिशु का मल या पेशाब निकल जाता है तो - |
| 04:27 | शिशु को अच्छे से साफ करके सुखाएं। |
| 04:30 | अगला हम सीखेंगे कंगारू केयर करने का पूरा तरीका। |
| 04:36 | पहले मां को एकदम सीधा खड़ा होना चाहिए। |
| 04:40 | फिर या तो स्वास्थ्य सेविका को या फिर परिवार के सदस्य को यह करना चाहिए। |
| 04:48 | शिशु के नितंब और सर को सहारा देकर - |
| 04:51 | उसे मां के नंगे स्तनों के बीच में सीधा रखें। |
| 04:56 | फिर शिशु का सर एक तरफ को घुमाए। |
| 05:00 | ध्यान दें कि उसका सर हल्के से पीछे की तरफ झुका हो। |
| 05:04 | उस स्थिति में नाक सांस लेने के लिए खुली रहेगी। |
| 05:08 | और वह मां की आंखों को देख पाएगा। |
| 05:14 | अब शिशु के नितंब को थोड़ा सा बाहर धकेले। |
| 05:18 | याद से शिशु के हाथ मां के स्तनों पर ही रखें। |
| 05:23 | और टांगे मां के स्तनों के नीचे और |
| 05:27 | शिशु का पेट मां के सीने पर होना चाहिए। |
| 05:29 | कपड़े से लपेटने से पहले - |
| 05:32 | अगर मौसम ठंडा हो उसे कंबल में लपेटें। |
| 05:36 | इससे मां और शिशु दोनों गर्म रहेंगे। |
| 05:39 | फिर एक कपड़े से शिशु और मां के सीने और उसके पेट को लपेटें। |
| 05:45 | लपेटते हुए यह ध्यान दें कि - |
| 05:47 | कपड़े की बीच का भाग शिशु पर है। |
| 05:50 | और उसके दोनों सिरे - |
| 05:53 | मां के बगलों में से निकल कर |
| 05:56 | उसकी पीठ के पीछे बंध पाए। |
| 05:59 | उसके बाद फिर से कपड़े के दोनों सिरे सामने लाएँ |
| 06:03 | और एक गांठ बांध ले
शिशु के नितंब के बिल्कुल नीचे। |
| 06:09 | इससे शिशु को आराम मिलेगा
और सहारा भी। |
| 06:14 | और वह फिसलेगा भी नहीं। |
| 06:17 | याद रखें - |
| 06:18 | जब मां आराम से केएमसी करने लगे
तो उससे खुद से कपड़ा लपेटना सीखना चाहिए। |
| 06:24 | केएमसी करने के लिए खुद से कपड़ा लपेटने की तकनीक इसी शृंखला के एक अन्य ट्यूटोरियल में बताया जाएगा।
|
| 06:32 | उससे मां का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह खुद से केएमसी का कपड़ा लपेट पाएगी। |
| 06:37 | अगर कपड़े से मां को तकलीफ हो तो वह खिंचने वाला कपड़ा इस्तेमाल कर सकती है। |
| 06:43 | इसे आसानी से और आराम से इस्तेमाल कर सकते हैं। |
| 06:46 | खिंचने वाला कपड़ा इस्तेमाल करते हुए- |
| 06:49 | उसके किनारे शिशु के कान तक लाएं ताकि उसके सर को सहारा मिले। |
| 06:54 | फिर उसका सर को हल्का सा घुमाइए- |
| 06:57 | कि वह आराम से सांस ले सके और |
| 06:59 | अपनी मां को देख पाए जैसा कि पहले बताया गया है। |
| 07:04 | लपेटने वाला कपड़ा या खींचने वाला कपड़ा ना ज्यादा तंग ना ज्यादा ढीला होना चाहिए। |
| 07:11 | उनसे शिशु को सांस लेने में आसानी होनी चाहिए. |
| 07:15 | ध्यान रखें केएमसी करते हुए मां यह सब कर पाए - |
| 07:20 | चलना, |
| 07:21 | खड़ा होना, |
| 07:22 | बैठना और |
| 07:23 | अलग-अलग काम कर पाना। |
| 07:26 | अगर मां आराम से हो तो- |
| 07:29 | वो केएमसी करते हुए पूरी तरह लेट कर या फिर तकिया रख कर या टेक लगा कर सो भी सकती है। |
| 07:35 | अब हम बात करेंगे केएमसी के दौरान स्तनपान कराने की- |
| 07:40 | स्तनपान कराने के लिए मां- |
| 07:43 | लपेटे हुए कपड़े को गीला करके और |
| 07:46 | शिशु को सही स्थिति में रखकर दूध पिला सकती है। |
| 07:50 | या फिर खुद अपने हाथ से दूध निकाल कर |
| 07:54 | शिशु को कप या चम्मच से पिला सकती है। |
| 07:57 | याद रखें हर रोज शिशु का वजन 25 से 30 ग्राम बढ़ना चाहिए।
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| 08:03 | शिशु का महीने में करीब 900 से 1000 ग्राम वज़न बढ़ना चाहिए। |
| 08:10 | इसलिए मां या स्वास्थ्य सेविका को - |
| 08:13 | नियमित जांच के दौरान शिशु के वजन पर निगरानी रखनी चाहिए। |
| 08:17 | अगर शिशु के जरूरत के मुताबिक वजन ना बढ़े। |
| 08:21 | तो स्वास्थ्य सेविका को मां के स्तनपान की तकनीक को देखना चाहिए या |
| 08:25 | फिर देखना चाहिए शिशु कितनी बार पेशाब करता है |
| 08:28 | और मां को मुँह की पकड़ को तकनीक को समझानी चाहिए। |
| 08:32 | मुंह की पकड़ के सही तकनीक इसी शृंखला के एक अन्य ट्यूटोरियल में बताया गया है। |
| 08:39 | अब हम सीखेंगे शिशु को लपेटे हुए कपड़े में से कैसे निकालें - |
| 08:44 | पहले मां को एकदम सीधे बैठना चाहिए। |
| 08:48 | फिर गांठ को एक हाथ से खोलना चाहिए और |
| 08:53 | लपेटे हुए कपड़े को बाहर से और शिशु के नितंब को बाहर से सहारा देना चाहिए। |
| 08:58 | उसके बाद जिस हाथ से पहले गांठ खोली थी उसी हाथ को लपेटे हुए कपड़े को ढीला करें। |
| 09:04 | फिर शिशु के नितंब को सहारा देने वाले हाथ को कपड़े के नीचे से हटाए और |
| 09:11 | दूसरे हाथ से कपड़े के बाहर शिशु के नितंब को सहारा दें। |
| 09:16 | फिर लपेटे हुए कपड़े में से शिशु को निकालें। |
| 09:21 | अब याद से शिशु का सर इस तरह पकड़ें कि - |
| 09:26 | अंगूठा एक कान के पीछे और |
| 09:28 | अंगुलियां दूसरे कान के पीछे हो। |
| 09:30 | केएमसी करते हुए - |
| 09:32 | मां को डॉक्टर या स्वास्थ्य सेविका की तुरंत सलाह लेनी चाहिए- |
| 09:37 | अगर शिशु सतर्क हो और सुस्त ना हो। |
| 09:41 | या फिर जल्दी जल्दी सांस ले रहा हो
या फिर बहुत धीरे धीरे। |
| 09:46 | या शिशु के होंठ और जीभ नीले पड़ गए हों। |
| 09:50 | या फिर उसके पैर ठंडें हों। |
| 09:52 | कंगारू मदर केयर का यह ट्यूटोरियल यहीं समाप्त होता है। |
| 09:57 | आईआईटी बाम्बे से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं।
हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। |