Difference between revisions of "Digital-Divide/D0/Newborn-Child-Care/Marathi"
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| 00:02 | | 00:02 | ||
| नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . | | नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . | ||
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| 00:06 | | 00:06 | ||
| या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: | | या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: | ||
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| 00:09 | | 00:09 | ||
| एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. | | एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. | ||
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| 00:12 | | 00:12 | ||
|नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, | |नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, | ||
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| 00:15 | | 00:15 | ||
|त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. | |त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. | ||
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|00:18 | |00:18 | ||
|डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. | |डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. | ||
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| 00:25 | | 00:25 | ||
|अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . | |अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . | ||
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| 00:30 | | 00:30 | ||
|बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. | |बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. | ||
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− | | 00 | + | | 00:35 |
|डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, | |डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, | ||
+ | |||
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− | | 00 | + | | 00:41 |
|खाली ठेवतांना, | |खाली ठेवतांना, | ||
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− | | | + | | 00:43 |
|बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. | |बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. | ||
+ | |||
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− | | 00 | + | | 00:45 |
|ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. | |ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. | ||
+ | |||
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− | | 00 | + | | 00:51 |
|अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. | |अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. | ||
+ | |||
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− | | 00 | + | | 00:55 |
| आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. | | आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. | ||
+ | |||
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− | | | + | | 01:02 |
|डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी होते. | |डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी होते. | ||
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| 01:04 | | 01:04 | ||
|ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, | |ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, | ||
+ | |||
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| 01:09 | | 01:09 | ||
| नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, | | नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, | ||
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| 01:13 | | 01:13 | ||
| साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, | | साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, | ||
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|01:15 | |01:15 | ||
| लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. | | लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. | ||
+ | |||
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− | |01 | + | |01:19 |
|त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. | |त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. | ||
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− | | | + | | 01:24 |
|" मी माझ्या बाळाला किती वेळा भरविले पाहिजे?" असे अनिता डॉक्टरांना विचारते? | |" मी माझ्या बाळाला किती वेळा भरविले पाहिजे?" असे अनिता डॉक्टरांना विचारते? | ||
+ | |||
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− | | 01 | + | | 01:28 |
|डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला भरविणे आवश्यक आहे. | |डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला भरविणे आवश्यक आहे. | ||
+ | |||
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| 01:37 | | 01:37 | ||
|स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. | |स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. | ||
+ | |||
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− | | 01 | + | | 01:43 |
|बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, | |बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, | ||
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− | | 01 | + | | 01:46 |
|तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. | |तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. | ||
+ | |||
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− | |01 | + | |01:56 |
|नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. | |नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. | ||
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− | | 02 | + | | 02:00 |
| महिला डॉक्टर असे सूचविते की, | | महिला डॉक्टर असे सूचविते की, | ||
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| 02:02 | | 02:02 | ||
|जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, | |जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, | ||
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| 02:08 | | 02:08 | ||
|तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. | |तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. | ||
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| 02:14 | | 02:14 | ||
|त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. | |त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. | ||
+ | |||
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− | | 02 | + | | 02:21 |
|पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | |पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | ||
+ | |||
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− | | | + | | 02:28 |
|त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, | |त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, | ||
+ | |||
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− | | | + | | 02:33 |
− | | (a) नाळ पडत नाही, | + | |(a) नाळ पडत नाही, |
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− | | 02 | + | | 02:37 |
|(b) सुंता बरी होत नाही, | |(b) सुंता बरी होत नाही, | ||
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− | | 02 | + | | 02:39 |
| (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. | | (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. | ||
+ | |||
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− | | 02 | + | | 02:43 |
| डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. | | डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. | ||
+ | |||
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− | | 02 | + | | 02:53 |
| हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. | | हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. | ||
+ | |||
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− | | 02 | + | | 02:56 |
|वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. | |वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. | ||
+ | |||
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− | | 03 | + | | 03:01 |
|त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. | |त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. | ||
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− | | 03 | + | | 03:06 |
|अनिता घाबरते. | |अनिता घाबरते. | ||
+ | |||
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− | | 03 | + | | 03:08 |
|अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. | |अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. | ||
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− | | 03 | + | | 03:13 |
|ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | |ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | ||
+ | |||
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− | | 03 | + | | 03:19 |
|त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. | |त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. | ||
+ | |||
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− | | 03 | + | | 03:29 |
| सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. | | सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. | ||
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− | | 03 | + | | 03:34 |
| नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. | | नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. | ||
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− | | 03 | + | | 03:39 |
|पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. | |पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. | ||
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− | | 03 | + | | 03:49 |
|बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. | |बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. | ||
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− | | 03 | + | | 03:55 |
|अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. | |अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. | ||
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− | | | + | | 04:02 |
|हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. | |हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. | ||
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− | | 04 | + | | 04:05 |
|प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. | |प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. | ||
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− | | | + | | 04:09 |
|ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. | |ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. | ||
+ | |||
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− | | | + | | 04:12 |
|जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. | |जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. | ||
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− | | | + | | 04:18 |
|स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. | |स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. | ||
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− | | | + | | 04:25 |
|परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. | |परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. | ||
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− | | 04 | + | | 04:29 |
|अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. | |अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. | ||
+ | |||
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− | | 04 | + | | 04:39 |
|स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. | |स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. | ||
+ | |||
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− | | | + | | 04:44 |
− | |यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि. | + | |यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि. गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. |
− | गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. | + | |
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− | | 04 | + | | 04:53 |
− | |या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे. | + | |या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे. spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. |
− | spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. | + | |
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− | | 05 | + | | 05:09 |
|याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, | |याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, | ||
+ | |||
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− | | | + | | 05:16 |
|मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. | |मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. | ||
+ | |||
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− | | | + | | 05:19 |
|सहभागासाठी धन्यवाद. | |सहभागासाठी धन्यवाद. | ||
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Latest revision as of 12:53, 12 April 2017
Time | Narration |
00:02 | नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . |
00:06 | या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: |
00:09 | एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. |
00:12 | नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, |
00:15 | त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. |
00:18 | डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. |
00:25 | अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . |
00:30 | बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. |
00:35 | डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, |
00:41 | खाली ठेवतांना, |
00:43 | बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. |
00:45 | ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. |
00:51 | अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. |
00:55 | आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. |
01:02 | डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी होते. |
01:04 | ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, |
01:09 | नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, |
01:13 | साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, |
01:15 | लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. |
01:19 | त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. |
01:24 | " मी माझ्या बाळाला किती वेळा भरविले पाहिजे?" असे अनिता डॉक्टरांना विचारते? |
01:28 | डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला भरविणे आवश्यक आहे. |
01:37 | स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. |
01:43 | बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, |
01:46 | तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. |
01:56 | नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. |
02:00 | महिला डॉक्टर असे सूचविते की, |
02:02 | जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, |
02:08 | तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. |
02:14 | त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. |
02:21 | पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. |
02:28 | त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, |
02:33 | (a) नाळ पडत नाही, |
02:37 | (b) सुंता बरी होत नाही, |
02:39 | (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. |
02:43 | डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. |
02:53 | हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. |
02:56 | वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. |
03:01 | त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. |
03:06 | अनिता घाबरते. |
03:08 | अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. |
03:13 | ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. |
03:19 | त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. |
03:29 | सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. |
03:34 | नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. |
03:39 | पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. |
03:49 | बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. |
03:55 | अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. |
04:02 | हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. |
04:05 | प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. |
04:09 | ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. |
04:12 | जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. |
04:18 | स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. |
04:25 | परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. |
04:29 | अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. |
04:39 | स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. |
04:44 | यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि. गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. |
04:53 | या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे. spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. |
05:09 | याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, |
05:16 | मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. |
05:19 | सहभागासाठी धन्यवाद. |