Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Nipple-conditions/Hindi"

From Script | Spoken-Tutorial
Jump to: navigation, search
(Created page with "{|border=1 | <center> '''Time'''</center> | <center> '''Narration'''</center> |- | 00:01 | स्तनपान कराती माओं के निप्पल की...")
 
Line 17: Line 17:
 
|-
 
|-
 
| 00:15
 
| 00:15
| पहली स्थिति है – दरारों भरे या ज़ख़्मी निप्पल।
+
| पहली स्थिति है – दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल।
  
 
|-
 
|-
Line 29: Line 29:
 
|-
 
|-
 
| 00:30
 
| 00:30
| अब, हम बात करेंगें उन कारणों के बारे में, जिनसे दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल होते हैं-
+
| अब, हम बात करेंगें उन कारणों की , जिनसे दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल होते हैं-
  
 
|-
 
|-
Line 49: Line 49:
 
|-
 
|-
 
| 00:47
 
| 00:47
| शुरू करते हैं निप्पल से स्तनपान करना।
+
| शुरू करते हैं निप्पल से स्तनपान कराना।
  
 
|-
 
|-
Line 61: Line 61:
 
|-
 
|-
 
| 01:03
 
| 01:03
| शिशु निप्पल को अपनी जीभ और मुँह के सख़्त वाले भाग के बीच दबाता है।
+
| शिशु निप्पल को अपनी जीभ और मुँह के सख़्त भाग से दबाता है।
  
 
|-
 
|-
Line 141: Line 141:
 
|-
 
|-
 
| 03:01
 
| 03:01
| निप्पल से स्तनपान जुड़ी हुई जीभ वाले शिशु ही करते हैं।
+
| निप्पल से स्तनपान अधिकतर जुड़ी हुई जीभ वाले शिशु ही करते हैं।
  
 
|-
 
|-

Revision as of 12:05, 1 February 2019

Time
Narration
00:01 स्तनपान कराती माओं के निप्पल की स्थिति पर Spoken Tutorial में आपका स्वागत है।
00:06 इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे – दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल और
00:11 चपटे या उलटे निप्पल के बारे में।
00:15 पहली स्थिति है – दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल।
00:20 यह ऐसी स्थिति है जिसमें माँ के दरारों भरे निप्पल से ख़ून आता है।
00:26 और इससे निप्पल रूखे और खुजलीवाले हो जाते हैं।
00:30 अब, हम बात करेंगें उन कारणों की , जिनसे दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल होते हैं-
00:36 जैसे कि निप्पल से स्तनपान कराना,
00:38 फफूँदी या बैक्टीरिया का इंफ़ेक्शन होना,
00:41 या हर स्तनपान के बाद निप्पल को साफ़ करने की आदत होना या फिर
00:45 शिशु की जीभ जुड़ी हुई होना।
00:47 शुरू करते हैं निप्पल से स्तनपान कराना।
00:50 निप्पल से स्तनपान कराना पहला कारण है जिसकी वजह से दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल होते हैं।
00:56 निप्पल से स्तनपान कराते समय, निप्पल शिशु के मुँह के अंदर सख़्त वाले भाग से दबता है।
01:03 शिशु निप्पल को अपनी जीभ और मुँह के सख़्त भाग से दबाता है।
01:08 निप्पल के दबने की वजह से स्तनपान दर्दभरा हो जाता है और निप्पल दरारों भरे और ज़ख़्मी हो जाते हैं।
01:17 स्तन पर ग़लत तरीक़े से मुँह की पकड़ होने से निप्पल स्तनपान होता है।
01:20 इसलिए स्तन पर मुँह की सही पकड़ होना ज़रूरी है, इससे निप्पल से स्तनपान की वजह से दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल नहीं होंगे।
01:29 सही तरह से स्तन पर मुँह की पकड़ इस श्रेणी के एक अन्य ट्यूटोरियल में सिखाया गया है।
01:37 याद रखें, दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल पर मुँह की सही पकड़ होने पर भी दर्द होता है।
01:43 अगर माँ मुँह के सही पकड़ की तकनीक जारी रखती है तो धीरे धीरे निप्पल का दर्द कम होता जाता है।
01:51 अगला है फफूँदी या बैक्टीरिया का इंफ़ेक्शन।
01:56 अगर माँ को फफूँदी या बैक्टीरिया का इंफ़ेक्शन है तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए।
02:03 कुछ माँए हर स्तनपान के बाद निप्पल को साफ़ करती हैं।
02:09 इससे निप्पल रूखे हो जाते हैं।
02:13 इसीलिए, इस आदत को बदलना चाहिए।
02:16 माँ निप्पल को नहाते हुए साफ़ कर सकती है।
02:21 पर, अगर दरारों भरा निप्पल हो गया हो तो हर स्तनपान के बाद निप्पल को साफ़ करना चाहिए।
02:28 साफ करने के बाद, ज़ख़्म पर पीछे का दूध लगाना चाहिए
02:32 क्योंकि पीछे के दूध में इंफ़ेक्शन से लड़ने और ज़ख़्म को ठीक करने वाले पदार्थ होते हैं।
02:39 और ये शिशु के मुँह के कीटाणुओं को निप्पल की दरारों से अंदर नहीं जाने देते।
02:46 अगला है शिशु को जुड़ी हुई जीभ होना।
02:50 जुड़ी हुई जीभ में शिशु के जीभ की नोक उसके मुँह के अंदर निचले भाग से जुड़ी होती है।
02:58 यह आम स्थिति नहीं है।
03:01 निप्पल से स्तनपान अधिकतर जुड़ी हुई जीभ वाले शिशु ही करते हैं।
03:06 अगर शिशु को जुड़ी हुई जीभ हो तो मुँह से स्तन की पकड़ के अलावा ऑपरेशन भी कराना चाहिए।
03:16 और इसके लिए माँ को डॉक्टर से मिलना चाहिए।
03:22 अब, हम दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल के इलाज की बात करेंगे।
03:27 अगर माँ को दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल हैं, तो स्वास्थ्य सेविका को माँ के निप्पल और स्तन की जाँच करनी चाहिए,
03:37 माँ को बताएँ कि स्तनपान से पहले अपने हाथों से थोड़ा सा दूध निकालें।
03:42 इससे स्तन थोड़े से नरम होंगें और शिशु सही से जुड़ पाएगा।
03:47 इसके अलावा, दूध हाथ से निकालने की वजह से निप्पल में दरारों का इंफ़ेक्शन और सूजन नहीं होंगे।


03:55 अब माँ की मदद करें कि वह शिशु को अच्छी तरह से जोड़ पाए।
04:01 याद रखें, दूध का बनना कई दफे स्तनपान कराए जाने पर निर्भर करता है।
04:09 इसलिए, माँ को स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए।
04:13 स्तनपान के समय, कम दर्द वाले स्तन से शुरू करें।
04:20 अगर स्तनपान के समय दर्द हो तो उसे अपने हाथ से दूध निकालकर शिशु को कप या चम्मच से पिलाना चाहिए।
04:32 और जैसा कि पहले बताया गया है, हर बार स्तनपान के बाद प्रभावित जगह पर पिछला दूध लगाना चाहिए।
04:42 याद से दरारों भरे ज़ख़्मी या सेहतमंद निप्पल पर ये सब ना लगाएँ -
04:49 जैसे- साबुन, तेल, लोशन, बाम या इत्र।
04:54 इन सबसे जलन हो सकती है।
04:57 और अगर माँ को दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल हों तो ज़्यादा तकलीफ़ होगी
05:03 ऐसा होने पर माँ को, डॉक्टर या स्वास्थ्य सेविका से मिलना चाहिए।
05:09 दरारों भरे ज़ख़्मी निप्पल से बचने के लिए, जन्म के तुरंत बाद स्तनपान शुरू कराना चाहिए।
05:15 स्तनपान के समय शिशु का गहराई से मुँह की पकड़ होना ज़रूरी है।
05:22 अब हम बात करेंगे - चपटे और उलटे निप्पल के बारे में।
05:28 चपटे स्तन स्तन के काले भाग में से बाहर नहीं निकले होते।
05:33 जबकि उलटे निप्पल अंदर की तरफ़ मुड़े होते हैं।
05:38 माँ का ये समझना ज़रूरी है कि चपटे या उलटे निप्पल से स्तनपान में कोई रुकावट नहीं होती।
05:48 क्योंकि शिशु की सही पकड़ स्तन के काले भाग पर होती है, न कि निप्पल पर।
05:56 माँ को उलटे या चपटे निप्पल होने पर, शिशु के जन्म के पहले हफ़्ते में मदद चाहिए होती है।
06:03 इस दौरान, स्वास्थ्य सेविका को माँ को स्तन की सही पकड़ समझानी चाहिए।
06:08 इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
06:11 याद रखें, अगर माँ को उलटे या चपटे निप्पल हैं तो असरदार स्तनपान के लिए सही जुड़ाव है क्रॉस क्रेडल पकड़,
06:22 फ़ुटबॉल पकड़ और पीठ को पीछे करके आराम से बैठने वाली पकड़।
06:26 जैसा कि पहले के ट्यूटोरियल में बताया गया है, किसी भी पकड़ में ये ज़रूरी है कि माँ स्तन को सही से पकड़े,
06:37 जहाँ शिशु के होंठ और माँ की उँगलियाँ एक ही दिशा में हों।
06:42 ध्यान दें कि मुँह की ग़लत पकड़ से निप्पल को चोट लगती है।
06:47 याद रखें, दूध की बोतल और प्लास्टिक की निप्पल इस्तेमाल ना करें।
06:52 इनसे शिशु को चपटे या उलटे निप्पल से स्तनपान करने में मुश्किल होगी।
07:00 माँ कई बार शिशु को अपने बिना कपड़े पहने हुए शरीर को क़रीब रखे।
07:04 इससे माँ में ऑक्सीटोसिन बनेगा और दूध आराम से निकलेगा।
07:12 हमेशा याद रखें कि मुँह की सही पकड़ से निप्पल की हर परेशानी को दूर रख सकते हैं।
07:19 अब स्तनपान कराती माँओं के निप्पल की स्थिति पर ये स्पोकन ट्यूटोरियल यहीं ख़त्म होता है।
07:26 इस ट्यूटोरियल में, हमने दरारों और ज़ख़्मी निप्पल और
07:31 चपटे और उलटे निप्पल के बारे में सीखा।
07:34 इस ट्यूटोरियल का योगदान Spoken Tutorial Project, IIT Bombay द्वारा किया गया है।
07:40 स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट भारत सरकार के एनएमईआईसीटी, एमएचआरडी द्वारा वित्तपोषित है।
07:47 इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है।
07:52 यह ट्यूटोरियल व्हील्स ग्लोबल फ़ाउंडेशन की ओर से दिये गए उदार योगदान द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित है।
07:59 यह ट्यूटोरियल मां और शिशु पोषण प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
08:04 इस ट्यूटोरियल की ज्ञान क्षेत्रक समीक्षक है - डॉक्टर रूपल दलाल, एमडी, बाल चिकित्सा और डॉक्टर तरू जिंदल, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ।

आईआईटी मुंबई से मैं बेला टोनी आपसे विदा लेती हूं हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Bellatony911, Debosmita, Sakinashaikh