Difference between revisions of "LaTeX-Old-Version/C2/Report-Writing/Marathi"
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+ | |नमस्कार, ला टेक वापरून वृत्तांतलेखन कसे करावे या प्रशिक्षणात आपले स्वागत. तुम्ही आता तीन चौकटी पाहू शकता. संपादकामधे मूळ फाईल. मी इमॅक्स संपादक वापरत आहे. | ||
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+ | |टर्मिनल मधे मी मूळ फाईल संकलित करत आहे आणि पीडी एफ फाईल बनवत आहे. पी डी एफ फाईल वाचकात मी पीडीएफ फाईल पहात आहे. | ||
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− | + | |मी मॅक ओ एस एक्स मधील स्किम हा विनामूल्य पी डी एफ वाचक वापरीत आहे कारण तो प्रत्येक कंपाइलेशन नंतर आपोआप नवीन आवृत्ती दाखवितो. | |
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− | एक्स मधील स्किम हा विनामूल्य पी डी एफ वाचक वापरीत आहे कारण तो प्रत्येक | + | |
− | कंपाइलेशन नंतर आपोआप नवीन आवृत्ती दाखवितो | + | |
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− | + | |या प्रशिक्षणा करता मी तीन चौकटी दाखवल्या आहेत तुम्ही ले टेक मधे तुमचा दस्तऐवज बनवताना अशीच रचना केली पाहिजे असे नाही. तुम्ही दुसरा संपादक आणि दुसरा पीडीएफ वाचक वापरू शकता. | |
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− | मी | + | |
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− | + | |लिनक्स सहीत युनिक्स मधे ले टेक वापरण्याची पद्धत एकच आहे. | |
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− | + | |00:58 | |
− | + | |विंडोज मधे ती थोडीफार वेगळी असेल. तरीही मूळ फाईल सर्वांमधे सारखीच असते. त्यामुळे तुमची विंडोज मधील काम करण्याची मूळ फाईल युनिक्स मधेही बदल न करता चालेल. | |
− | आहे. | + | |- |
− | + | |01:12 | |
+ | |या मालिकेतील पहिले प्रशिक्षण संकलनाबद्दल आहे. त्यात ले टेक ची मूलभूत ओळख करून दिलेली आहे. तुम्ही ते पाहिले नसल्यास तुम्हाला ते पहायला आवडेल. | ||
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− | + | |01:24 | |
− | + | |मी अक्षरांचा आकार १२ पॉइंट आणि आर्टिकल प्रकार वापरत आहे. | |
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− | विभागांची शीर्षके | + | |- |
+ | |01:30 | ||
+ | |मी विभाग, उपविभाग आणि उप-उप विभागांची शीर्षके निश्चित केली आहेत. | ||
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+ | |या प्रत्येका साठीची विधाने परिणामात यथायोग्य ठिकाणी दिसून येतील. | ||
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− | + | |या विभाग शीर्षकांची वैशिष्ट्ये नीट पहा. मूळ फाईल मधील रिकाम्या ओळींमुळे परिणामांमधे काहीही फरक पडत नाही. | |
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− | + | |मी इथे काही रिकाम्या ओळी टाकते. रक्षित करते. संकलित करते. फरक नाही. | |
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− | + | |ही मूळ फाईल पुन्हा पहिल्या स्थितीत नेऊ. संकलित करू. | |
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− | + | |02:19 | |
− | + | |शीर्षकांचा आकार आपोआप प्रमाणशीर केला जातो. उदाहरणार्थ, हे विभागाचे शीर्षक सर्वात मोठे आहे आणि हे उप-उप विभागाचे शीर्षक सर्वात लहान आहे. | |
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+ | |मी अक्षरांचा आकार बदलला तरीही ही वैशिष्ट्ये तशीच रहातील. | ||
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− | + | |02:38 | |
− | + | |आकार ११ पॉइंट करू. रक्षित करू. संकलित करू. सर्वसाधारण आकार लहान झाला परंतु शीर्षकांची वर सांगितलेली वैशिष्ट्ये तशीच राहिली. | |
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− | करू. | + | |
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− | मूळ फाइल मधे हवे तसे बदल करून पहा, उदाहरणार्थ, तुम्ही नवीन विभाग बनवू | + | |- |
− | शकता, मुख्य मजकुरात नवीन उपविभाग बनवा, नवीन परिशिष्ट बनवा, आणि वृत्तांत | + | |02:52 |
− | बनवा. या प्रशिक्षणात शिकवलेल्या आज्ञा तुम्ही आत्मविश्वास वाटेपर्यंत वापरून | + | |आता मी अक्षरांचा आकार पुन्हा १२ पॉइंट करते. |
− | पहा. प्रत्येक बदलानंतर तो स्वीकारार्ह आहे की नाही हे पहाण्यासाठी तात्काळ | + | |
− | जुळणी करून पहा. सर्वसाधारणपणे नव्याने लेटेक वापरणारे लोक हा नियम विसरतात | + | |- |
− | आणि त्यांना समस्या निर्माण होतात. हे नीट लक्षात घ्या की इमॅक्स मधे मूळ | + | |02:59 |
− | फाइल कशी दिसते म्हणजे रंग शीर्षकांचे आकारमान याचा लेटेक वर काहीही | + | |शीर्षकांचे एक प्रमुख वैशिष्ट्य म्हणजे विभागाच्या क्रमांकांची आपोआप होणारी निर्मिती. मी हा विभाग इथे बनवला. रक्षित केले. संकलित केले. |
− | होत नाही. लेटेक ला फक्त मूळ फाइल ही सुयोग्य हवी असते आणि ती कशी बनवली | + | |
− | याच्याशी त्याला काहीही कर्तव्य नसते. याचबरोबर आपले हे प्रशिक्षण संपले. | + | |- |
− | पाहिल्याबद्दल धन्यवाद. मी चैत्राली, सी डीप आय आय टी मुंबई आपली रजा घेते. | + | |03:10 |
+ | |मी इन्सर्टेड सेक्शन या नावाने एक नवीन विभाग तयार केला, तो सुयोग्य क्रमांकासह परिणामात दिसत आहे. थोडक्यात, दोन ओळींमधील अंतर, आकार आणि वेगळेपणा, म्हणजे शीर्षके ठळक दिसणे इत्यादि गोष्टीची काळजी ले टेक आपोआप घेईल. | ||
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+ | |मी आता अनुक्रमणिका कशी बनवावी ते समजावते. सर्वप्रथम, हे लक्षात घ्या की रिपोर्ट डॉट टीओसी अशी कोणतीही फाईल नाही. ते सांगते की नो सच फाईल ऑर डिरेक्टरी. | ||
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+ | |04:04 | ||
+ | |हे पहा की रिपोर्ट डॉट टीईसी ही मूळ फाईल आहे. मी ही आज्ञा देते, टेबल ऑफ कंटेंट्स्, एक शब्द, इथे. रक्षित करू. संकलित करू. | ||
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+ | |04:33 | ||
+ | |मी हे संकलित करताच कंटेन्टस् हा शब्द परिणामात दिसू लागला पण इतर काहीच नाही. आता अापल्याकडे रिपोर्ट डॉट टीओसी ही फाईल आहे. | ||
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+ | |विभागांची शीर्षके या टीओसी फाईल मधे लिहिली जातात. चला हे पाहू. आता मी | ||
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+ | |हे पुन्हा जुळवते. ही माहिती आपण परत जुळणी करू तेव्हा वापरली जाईल. | ||
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+ | |मी पुन्हा जुळणी करते आणि त्याचे काय होते ते पाहू. नीट पहा. आता सर्व शीर्षके अनुक्रमणिकेत पृष्ठ क्रमांकासह दिसत आहेत. | ||
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+ | |05:18 | ||
+ | |येथील पृष्ठ क्रमांक एक आहे तो अनुक्रमणिकेत दिसत आहे. या दस्तऐवजात एकच पान आहे. या दोन जुळणी प्रक्रिया शीर्षकांमधील बदलांनाही लागू होतात. | ||
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+ | |इथे आपण एक नवीन शीर्षक देऊ. मी याला मॉडिफाइड सेक्शन हे नाव देते. आता याची जुळणी करू. तुम्हाला दिसेल की हे इथे बदलले गेले पण अनुक्रमणिकेत बदलले गेले नाही. | ||
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+ | |05:53 | ||
+ | |मी याची पुन्हा जुळणी करते आणि हा प्रश्न सोडवते. आपण या अनुक्रमणिकेची जागा बदलू शकतो. मी ही या दस्तऐवजाच्या शेवटी नेते. जुळणी करते. | ||
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+ | |06:17 | ||
+ | |आता हे दस्तऐवजाच्या शेवटी दिसू लागले. आता हे पुन्हा सुरुवातीला आणून दस्तऐवज मूळ स्वरूपात आणू. | ||
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+ | |आता आपण या दस्तऐवजाला नाव देऊ. मी हे इथे दस्तऐवज प्रकारानंतर करते. लेखक. | ||
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+ | |07:00 | ||
+ | |मी इथे नवीन ओळी घालू शकते. आजचा दिनांक. आणि मग, फर्स्ट क्रिएटेड ऑन १३ जुलै २००७. मी याची जुळणी करते. यात बदल झाला नाही. | ||
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+ | |07:31 | ||
+ | |कारण मी लेटेक ला या माहितीचे काय करायचे ते सांगितले नाही. म्हणून मी आता इथे मेक टायटल ही आज्ञा देते. एकाच शब्दात, जिथे मला हे शीर्षक हवे आहे तिथे. या दस्तऐवजाच्या सुरुवातीला. जुळणी केल्यावर हे शीर्षक निर्मितीत दिसते. | ||
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+ | |08:01 | ||
+ | |आता आपण या दस्तऐवजाचा लेख हा प्रकार बदलून वृत्तांत हा करू. हे आपण इथे करू. जुळणी केल्यावर हे शीर्षक संपूर्ण पानावर दिसू लागले. | ||
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+ | |08:18 | ||
+ | |बाकीचा मजकूर नवीन पानावर गेला आणि त्याला पान क्रमांक एक दिसू लागला. थोडक्यात, शीर्षक पानाला क्रमांक नसतो. आपण विभाग शीर्षकाचा पान क्रमांक शून्य पाहू शकतो. वृत्तांत या दस्तऐवज प्रकारात पाठ असावे लागतात. | ||
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+ | |08:44 | ||
+ | |पण आपण पाठ निश्चित केले नसल्याने सामान्य असलेला शून्य क्रमांक वापरला गेला आहे. उप-उप विभागाशी कोणताही क्रमांक संलग्न नाही. ही अनुक्रमणिका चुकीची आहे. | ||
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+ | |08:59 | ||
+ | |इथे अजून जुने क्रमांक दिसत आहेत. मी ही समस्या पुन्हा जुळणी करून सोडवते. आता नवीन क्रमांक दिसू लागले. आता आपण नवीन पाठ सुरू करू. | ||
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+ | |09:20 | ||
+ | |आपण याला फर्स्ट चॅप्टर हे नाव देऊ. याची दोनदा जुळणी करू. अनुक्रमणिका बदलली नाही पण इतर बाबी दिसत नाहीत. आपण दिलेली चॅप्टर ही आज्ञा नवीन पान सुरू करते हे याचे कारण आहे. | ||
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+ | |09:40 | ||
+ | | आता आपण पुढल्या पानावर जाऊ व याची निश्चिती करू. चॅप्टर हा शब्द नवीन पानावर दिसत आहे हे आपण पाहू शकतो. मी परत इथे जाते. याची जुळणी करते. | ||
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+ | |09:56 | ||
+ | |तुम्ही पुन्हा पाहू शकता की नवीन पाठाची माहिती अनुक्रमणिकेत दिसू लागली आहे. | ||
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+ | |10:12 | ||
+ | |तुम्हाला परिशिष्टे द्यायची असल्यास अपेंडिक्स ही आज्ञा वापरा. मी आता परिशिष्टात नवीन पाठ सुरू करते. फर्स्ट चॅप्टर इन अपेंडिक्स. | ||
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+ | |मी याची दोनदा जुळणी करते. तुम्ही पाहू शकता की पहिला पाठ इथे आला आहे. आपण जाऊन पाहू की तो कसा दिसतो. | ||
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+ | |अपेंडिक्स ए हे नवीन पानावर गेले आहे. आणि पानांचे क्रमांक आता ४ झाले आहेत. | ||
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+ | |11:12 | ||
+ | |अपेंडिक्स हा शब्द इथे दिसत आहे. अजून एक पाठ यात घालू. मी याची जुळणी करते. आता पानांची संख्या ५ झाली. हा नवीन पानावर गेला. आता याच्या सुरुवातीला जाऊ. मी याची दुसऱ्यांदा जुळणी केल्यावर अनुक्रमणिका बरोबर झाली. | ||
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+ | |11:45 | ||
+ | |आपल्याला या दस्तऐवजाचा प्रकार बदलून परत लेख करायचा असेल तर काय होईल. आपण इथे जाऊ. याची जुळणी करू. | ||
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+ | |12:08 | ||
+ | |जुळणी केल्यावर लेटेक तक्रार करते की इथे काहीतरी चूक आहे. लेटेक अशा प्रकारे थांबल्यास आपल्याला दोन मार्ग उपलब्ध आहेत. | ||
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+ | |12:18 | ||
+ | |पहिला म्हणजे एक्स टंकित करून बाहेर पडणे. पीडीएफ फाइल मधे सामान्यतः अगोदरची पाने असतात पण इथे मात्र आत्ता हे सांगते आहे की कोणतीही पाने नाहीत. | ||
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+ | |12:41 | ||
+ | |आपण तात्काळ मूळ फाइल मधे जाऊन चुका दुरुस्त करून पुढे जाऊ शकतो. सुरुवातीला वारंवार जुळणी करण्यामुळे कोणतीही चूक आपल्या चटकन लक्षात येते. कोणत्याही चुका पटकन सापडतात. | ||
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+ | |- | ||
+ | |12:58 | ||
+ | |कधीकधी लेटेक चुकीमुळे थांबले तर मी तो दस्तऐवज तिथल्या तिथे संपवते. अर्थात चालू असणारे सर्व प्रकार बंद करून चुका शोधा आणि दुरुस्त करा. | ||
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+ | |लेटेक एन्ड डॉक्युमेंट या आज्ञेनंतर येणारा सर्व मजकूर दुर्लक्षित करते त्यामुळे तो भाग बदलण्याची गरज नाही. एकदा आपण चुका दुरुस्त केल्या की क्लोज एनविरॉनमेंट आज्ञेमधील मधेच येणारी एन्ड डॉक्युमेंट आज्ञा आपण काढून टाकू शकतो. | ||
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+ | |13:33 | ||
+ | |लेटेक एखादी चूक पाहून थांबते तेव्हा आपण त्याला दुर्लक्ष करून पुढे जाण्यास सांगू शकतो. हे एण्टर किंवा रिटर्न ही कळ दाबून होते. जसे मी आत्ताच केले. | ||
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+ | |13:44 | ||
+ | |आता आपल्याकडे दोन पाने आहेत. पहिल्या पानावर जा, सगळी माहिती एकत्रित दिसते आहे. ही चूक अशी आहे की इथे एक पाठ आहे. ही दुरुस्त करण्यासाठी आपण हे काढून टाकू. याची जुळणी करू. पुन्हा जुळणी करू. हे सारखी तक्रार करीत रहाते. | ||
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+ | |इथे काहीतरी पाठ लिहिलेले आहे आणि ते अनुक्रमणिकेत तसेच परिशिष्टांमधे आहे. आता हे सर्व ठिकाणांमधून काढून टाकू. जुळणी करू. | ||
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+ | |आता कोणत्याही समस्येशिवाय हे पूर्ण झाले आणि संपूर्ण दस्तऐवज एका पानावर आला. अनुक्रमणिका सुद्धा आता बरोबर दिसू लागली. | ||
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+ | |15:08 | ||
+ | |मूळ फाइल मधे हवे तसे बदल करून पहा, उदाहरणार्थ, तुम्ही नवीन विभाग बनवू शकता, मुख्य मजकुरात नवीन उपविभाग बनवा, नवीन परिशिष्ट बनवा, आणि वृत्तांत बनवा. | ||
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+ | |15:22 | ||
+ | |या प्रशिक्षणात शिकवलेल्या आज्ञा तुम्ही आत्मविश्वास वाटेपर्यंत वापरून पहा. प्रत्येक बदलानंतर तो स्वीकारार्ह आहे की नाही हे पहाण्यासाठी तात्काळ जुळणी करून पहा. | ||
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+ | |15:37 | ||
+ | |सर्वसाधारणपणे नव्याने लेटेक वापरणारे लोक हा नियम विसरतात आणि त्यांना समस्या निर्माण होतात. | ||
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+ | |15:45 | ||
+ | |हे नीट लक्षात घ्या की इमॅक्स मधे मूळ फाइल कशी दिसते म्हणजे रंग शीर्षकांचे आकारमान याचा लेटेक वर काहीही | ||
+ | परिणाम होत नाही. | ||
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+ | |15:57 | ||
+ | |लेटेक ला फक्त मूळ फाइल ही सुयोग्य हवी असते आणि ती कशी बनवली याच्याशी त्याला काहीही कर्तव्य नसते. याचबरोबर आपले हे प्रशिक्षण संपले. | ||
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+ | |- | ||
+ | |16:07 | ||
+ | |पाहिल्याबद्दल धन्यवाद. मी चैत्राली, सी डीप आय आय टी मुंबई आपली रजा घेते. |
Revision as of 15:25, 30 September 2014
Time | Narration |
00:02 | नमस्कार, ला टेक वापरून वृत्तांतलेखन कसे करावे या प्रशिक्षणात आपले स्वागत. तुम्ही आता तीन चौकटी पाहू शकता. संपादकामधे मूळ फाईल. मी इमॅक्स संपादक वापरत आहे. |
00:16 | टर्मिनल मधे मी मूळ फाईल संकलित करत आहे आणि पीडी एफ फाईल बनवत आहे. पी डी एफ फाईल वाचकात मी पीडीएफ फाईल पहात आहे. |
00:27 | मी मॅक ओ एस एक्स मधील स्किम हा विनामूल्य पी डी एफ वाचक वापरीत आहे कारण तो प्रत्येक कंपाइलेशन नंतर आपोआप नवीन आवृत्ती दाखवितो. |
00:38 | या प्रशिक्षणा करता मी तीन चौकटी दाखवल्या आहेत तुम्ही ले टेक मधे तुमचा दस्तऐवज बनवताना अशीच रचना केली पाहिजे असे नाही. तुम्ही दुसरा संपादक आणि दुसरा पीडीएफ वाचक वापरू शकता. |
00:54 | लिनक्स सहीत युनिक्स मधे ले टेक वापरण्याची पद्धत एकच आहे. |
00:58 | विंडोज मधे ती थोडीफार वेगळी असेल. तरीही मूळ फाईल सर्वांमधे सारखीच असते. त्यामुळे तुमची विंडोज मधील काम करण्याची मूळ फाईल युनिक्स मधेही बदल न करता चालेल. |
01:12 | या मालिकेतील पहिले प्रशिक्षण संकलनाबद्दल आहे. त्यात ले टेक ची मूलभूत ओळख करून दिलेली आहे. तुम्ही ते पाहिले नसल्यास तुम्हाला ते पहायला आवडेल. |
01:24 | मी अक्षरांचा आकार १२ पॉइंट आणि आर्टिकल प्रकार वापरत आहे. |
01:30 | मी विभाग, उपविभाग आणि उप-उप विभागांची शीर्षके निश्चित केली आहेत. |
01:38 | या प्रत्येका साठीची विधाने परिणामात यथायोग्य ठिकाणी दिसून येतील.
|
01:42 | या विभाग शीर्षकांची वैशिष्ट्ये नीट पहा. मूळ फाईल मधील रिकाम्या ओळींमुळे परिणामांमधे काहीही फरक पडत नाही. |
01:52 | मी इथे काही रिकाम्या ओळी टाकते. रक्षित करते. संकलित करते. फरक नाही. |
02:06 | ही मूळ फाईल पुन्हा पहिल्या स्थितीत नेऊ. संकलित करू. |
02:19 | शीर्षकांचा आकार आपोआप प्रमाणशीर केला जातो. उदाहरणार्थ, हे विभागाचे शीर्षक सर्वात मोठे आहे आणि हे उप-उप विभागाचे शीर्षक सर्वात लहान आहे. |
02:30 | मी अक्षरांचा आकार बदलला तरीही ही वैशिष्ट्ये तशीच रहातील. |
02:38 | आकार ११ पॉइंट करू. रक्षित करू. संकलित करू. सर्वसाधारण आकार लहान झाला परंतु शीर्षकांची वर सांगितलेली वैशिष्ट्ये तशीच राहिली. |
02:52 | आता मी अक्षरांचा आकार पुन्हा १२ पॉइंट करते. |
02:59 | शीर्षकांचे एक प्रमुख वैशिष्ट्य म्हणजे विभागाच्या क्रमांकांची आपोआप होणारी निर्मिती. मी हा विभाग इथे बनवला. रक्षित केले. संकलित केले. |
03:10 | मी इन्सर्टेड सेक्शन या नावाने एक नवीन विभाग तयार केला, तो सुयोग्य क्रमांकासह परिणामात दिसत आहे. थोडक्यात, दोन ओळींमधील अंतर, आकार आणि वेगळेपणा, म्हणजे शीर्षके ठळक दिसणे इत्यादि गोष्टीची काळजी ले टेक आपोआप घेईल. |
03:46 | मी आता अनुक्रमणिका कशी बनवावी ते समजावते. सर्वप्रथम, हे लक्षात घ्या की रिपोर्ट डॉट टीओसी अशी कोणतीही फाईल नाही. ते सांगते की नो सच फाईल ऑर डिरेक्टरी.
|
04:04 | हे पहा की रिपोर्ट डॉट टीईसी ही मूळ फाईल आहे. मी ही आज्ञा देते, टेबल ऑफ कंटेंट्स्, एक शब्द, इथे. रक्षित करू. संकलित करू. |
04:33 | मी हे संकलित करताच कंटेन्टस् हा शब्द परिणामात दिसू लागला पण इतर काहीच नाही. आता अापल्याकडे रिपोर्ट डॉट टीओसी ही फाईल आहे. |
04:52 | विभागांची शीर्षके या टीओसी फाईल मधे लिहिली जातात. चला हे पाहू. आता मी |
05:01 | हे पुन्हा जुळवते. ही माहिती आपण परत जुळणी करू तेव्हा वापरली जाईल. |
05:08 | मी पुन्हा जुळणी करते आणि त्याचे काय होते ते पाहू. नीट पहा. आता सर्व शीर्षके अनुक्रमणिकेत पृष्ठ क्रमांकासह दिसत आहेत. |
05:18 | येथील पृष्ठ क्रमांक एक आहे तो अनुक्रमणिकेत दिसत आहे. या दस्तऐवजात एकच पान आहे. या दोन जुळणी प्रक्रिया शीर्षकांमधील बदलांनाही लागू होतात. |
05:34 | इथे आपण एक नवीन शीर्षक देऊ. मी याला मॉडिफाइड सेक्शन हे नाव देते. आता याची जुळणी करू. तुम्हाला दिसेल की हे इथे बदलले गेले पण अनुक्रमणिकेत बदलले गेले नाही. |
05:53 | मी याची पुन्हा जुळणी करते आणि हा प्रश्न सोडवते. आपण या अनुक्रमणिकेची जागा बदलू शकतो. मी ही या दस्तऐवजाच्या शेवटी नेते. जुळणी करते. |
06:17 | आता हे दस्तऐवजाच्या शेवटी दिसू लागले. आता हे पुन्हा सुरुवातीला आणून दस्तऐवज मूळ स्वरूपात आणू. |
06:36 | आता आपण या दस्तऐवजाला नाव देऊ. मी हे इथे दस्तऐवज प्रकारानंतर करते. लेखक. |
07:00 | मी इथे नवीन ओळी घालू शकते. आजचा दिनांक. आणि मग, फर्स्ट क्रिएटेड ऑन १३ जुलै २००७. मी याची जुळणी करते. यात बदल झाला नाही. |
07:31 | कारण मी लेटेक ला या माहितीचे काय करायचे ते सांगितले नाही. म्हणून मी आता इथे मेक टायटल ही आज्ञा देते. एकाच शब्दात, जिथे मला हे शीर्षक हवे आहे तिथे. या दस्तऐवजाच्या सुरुवातीला. जुळणी केल्यावर हे शीर्षक निर्मितीत दिसते. |
08:01 | आता आपण या दस्तऐवजाचा लेख हा प्रकार बदलून वृत्तांत हा करू. हे आपण इथे करू. जुळणी केल्यावर हे शीर्षक संपूर्ण पानावर दिसू लागले. |
08:18 | बाकीचा मजकूर नवीन पानावर गेला आणि त्याला पान क्रमांक एक दिसू लागला. थोडक्यात, शीर्षक पानाला क्रमांक नसतो. आपण विभाग शीर्षकाचा पान क्रमांक शून्य पाहू शकतो. वृत्तांत या दस्तऐवज प्रकारात पाठ असावे लागतात. |
08:44 | पण आपण पाठ निश्चित केले नसल्याने सामान्य असलेला शून्य क्रमांक वापरला गेला आहे. उप-उप विभागाशी कोणताही क्रमांक संलग्न नाही. ही अनुक्रमणिका चुकीची आहे. |
08:59 | इथे अजून जुने क्रमांक दिसत आहेत. मी ही समस्या पुन्हा जुळणी करून सोडवते. आता नवीन क्रमांक दिसू लागले. आता आपण नवीन पाठ सुरू करू. |
09:20 | आपण याला फर्स्ट चॅप्टर हे नाव देऊ. याची दोनदा जुळणी करू. अनुक्रमणिका बदलली नाही पण इतर बाबी दिसत नाहीत. आपण दिलेली चॅप्टर ही आज्ञा नवीन पान सुरू करते हे याचे कारण आहे. |
09:40 | आता आपण पुढल्या पानावर जाऊ व याची निश्चिती करू. चॅप्टर हा शब्द नवीन पानावर दिसत आहे हे आपण पाहू शकतो. मी परत इथे जाते. याची जुळणी करते. |
09:56 | तुम्ही पुन्हा पाहू शकता की नवीन पाठाची माहिती अनुक्रमणिकेत दिसू लागली आहे. |
10:12 | तुम्हाला परिशिष्टे द्यायची असल्यास अपेंडिक्स ही आज्ञा वापरा. मी आता परिशिष्टात नवीन पाठ सुरू करते. फर्स्ट चॅप्टर इन अपेंडिक्स.
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10:39 | मी याची दोनदा जुळणी करते. तुम्ही पाहू शकता की पहिला पाठ इथे आला आहे. आपण जाऊन पाहू की तो कसा दिसतो. |
10:59 | अपेंडिक्स ए हे नवीन पानावर गेले आहे. आणि पानांचे क्रमांक आता ४ झाले आहेत. |
11:12 | अपेंडिक्स हा शब्द इथे दिसत आहे. अजून एक पाठ यात घालू. मी याची जुळणी करते. आता पानांची संख्या ५ झाली. हा नवीन पानावर गेला. आता याच्या सुरुवातीला जाऊ. मी याची दुसऱ्यांदा जुळणी केल्यावर अनुक्रमणिका बरोबर झाली. |
11:45 | आपल्याला या दस्तऐवजाचा प्रकार बदलून परत लेख करायचा असेल तर काय होईल. आपण इथे जाऊ. याची जुळणी करू. |
12:08 | जुळणी केल्यावर लेटेक तक्रार करते की इथे काहीतरी चूक आहे. लेटेक अशा प्रकारे थांबल्यास आपल्याला दोन मार्ग उपलब्ध आहेत. |
12:18 | पहिला म्हणजे एक्स टंकित करून बाहेर पडणे. पीडीएफ फाइल मधे सामान्यतः अगोदरची पाने असतात पण इथे मात्र आत्ता हे सांगते आहे की कोणतीही पाने नाहीत. |
12:41 | आपण तात्काळ मूळ फाइल मधे जाऊन चुका दुरुस्त करून पुढे जाऊ शकतो. सुरुवातीला वारंवार जुळणी करण्यामुळे कोणतीही चूक आपल्या चटकन लक्षात येते. कोणत्याही चुका पटकन सापडतात. |
12:58 | कधीकधी लेटेक चुकीमुळे थांबले तर मी तो दस्तऐवज तिथल्या तिथे संपवते. अर्थात चालू असणारे सर्व प्रकार बंद करून चुका शोधा आणि दुरुस्त करा. |
13:12 | लेटेक एन्ड डॉक्युमेंट या आज्ञेनंतर येणारा सर्व मजकूर दुर्लक्षित करते त्यामुळे तो भाग बदलण्याची गरज नाही. एकदा आपण चुका दुरुस्त केल्या की क्लोज एनविरॉनमेंट आज्ञेमधील मधेच येणारी एन्ड डॉक्युमेंट आज्ञा आपण काढून टाकू शकतो. |
13:33 | लेटेक एखादी चूक पाहून थांबते तेव्हा आपण त्याला दुर्लक्ष करून पुढे जाण्यास सांगू शकतो. हे एण्टर किंवा रिटर्न ही कळ दाबून होते. जसे मी आत्ताच केले. |
13:44 | आता आपल्याकडे दोन पाने आहेत. पहिल्या पानावर जा, सगळी माहिती एकत्रित दिसते आहे. ही चूक अशी आहे की इथे एक पाठ आहे. ही दुरुस्त करण्यासाठी आपण हे काढून टाकू. याची जुळणी करू. पुन्हा जुळणी करू. हे सारखी तक्रार करीत रहाते. |
14:35 | इथे काहीतरी पाठ लिहिलेले आहे आणि ते अनुक्रमणिकेत तसेच परिशिष्टांमधे आहे. आता हे सर्व ठिकाणांमधून काढून टाकू. जुळणी करू. |
14:55 | आता कोणत्याही समस्येशिवाय हे पूर्ण झाले आणि संपूर्ण दस्तऐवज एका पानावर आला. अनुक्रमणिका सुद्धा आता बरोबर दिसू लागली. |
15:08 | मूळ फाइल मधे हवे तसे बदल करून पहा, उदाहरणार्थ, तुम्ही नवीन विभाग बनवू शकता, मुख्य मजकुरात नवीन उपविभाग बनवा, नवीन परिशिष्ट बनवा, आणि वृत्तांत बनवा. |
15:22 | या प्रशिक्षणात शिकवलेल्या आज्ञा तुम्ही आत्मविश्वास वाटेपर्यंत वापरून पहा. प्रत्येक बदलानंतर तो स्वीकारार्ह आहे की नाही हे पहाण्यासाठी तात्काळ जुळणी करून पहा. |
15:37 | सर्वसाधारणपणे नव्याने लेटेक वापरणारे लोक हा नियम विसरतात आणि त्यांना समस्या निर्माण होतात. |
15:45 | हे नीट लक्षात घ्या की इमॅक्स मधे मूळ फाइल कशी दिसते म्हणजे रंग शीर्षकांचे आकारमान याचा लेटेक वर काहीही
परिणाम होत नाही. |
15:57 | लेटेक ला फक्त मूळ फाइल ही सुयोग्य हवी असते आणि ती कशी बनवली याच्याशी त्याला काहीही कर्तव्य नसते. याचबरोबर आपले हे प्रशिक्षण संपले. |
16:07 | पाहिल्याबद्दल धन्यवाद. मी चैत्राली, सी डीप आय आय टी मुंबई आपली रजा घेते. |