Difference between revisions of "Digital-Divide/D0/Newborn-Child-Care/Marathi"
From Script | Spoken-Tutorial
Kavita salve (Talk | contribs) |
Kavita salve (Talk | contribs) |
||
Line 2: | Line 2: | ||
| '''Visual Cue''' | | '''Visual Cue''' | ||
| '''Narration''' | | '''Narration''' | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:02 | | 00:02 | ||
| नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . | | नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:06 | | 00:06 | ||
− | | या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: | + | | या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 00:09 | | 00:09 | ||
| एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. | | एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:12 | | 00:12 | ||
|नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, | |नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:15 | | 00:15 | ||
|त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. | |त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
|00:18 | |00:18 | ||
|डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. | |डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:25 | | 00:25 | ||
|अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . | |अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00:30 | | 00:30 | ||
|बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. | |बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.35 | | 00.35 | ||
|डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, | |डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.41 | | 00.41 | ||
|खाली ठेवतांना, | |खाली ठेवतांना, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.43 | | 00.43 | ||
|बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. | |बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.45 | | 00.45 | ||
|ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. | |ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.51 | | 00.51 | ||
|अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. | |अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 00.55 | | 00.55 | ||
| आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. | | आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 01.02 | | 01.02 | ||
|डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी / सहमत होते. | |डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी / सहमत होते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 01:04 | | 01:04 | ||
|ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, | |ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 01:09 | | 01:09 | ||
| नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, | | नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 01:13 | | 01:13 | ||
| साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, | | साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
|01:15 | |01:15 | ||
| लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. | | लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
|01.19 | |01.19 | ||
|त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. | |त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 01.24 | | 01.24 | ||
− | |" मी माझ्या बाळाला किती वेळा | + | |" मी माझ्या बाळाला किती वेळा भरविले पाहिजे?" असे अनिता डॉक्टरांना विचारते? |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 01.28 | | 01.28 | ||
− | |डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला | + | |डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला भरविणे आवश्यक आहे. |
− | + | ||
− | + | ||
|- | |- | ||
| 01:37 | | 01:37 | ||
− | |स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. | + | |स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 01.43 | | 01.43 | ||
|बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, | |बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 01.46 | | 01.46 | ||
|तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. | |तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. | ||
− | |||
|- | |- | ||
|01.56 | |01.56 | ||
|नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. | |नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.00 | | 02.00 | ||
| महिला डॉक्टर असे सूचविते की, | | महिला डॉक्टर असे सूचविते की, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02:02 | | 02:02 | ||
|जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, | |जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02:08 | | 02:08 | ||
|तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. | |तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02:14 | | 02:14 | ||
|त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. | |त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.21 | | 02.21 | ||
− | |पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | + | |पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 02.28 | | 02.28 | ||
|त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, | |त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.33 | | 02.33 | ||
| (a) नाळ पडत नाही, | | (a) नाळ पडत नाही, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.37 | | 02.37 | ||
|(b) सुंता बरी होत नाही, | |(b) सुंता बरी होत नाही, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.39 | | 02.39 | ||
| (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. | | (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.43 | | 02.43 | ||
| डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. | | डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.53 | | 02.53 | ||
| हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. | | हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 02.56 | | 02.56 | ||
|वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. | |वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.01 | | 03.01 | ||
|त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. | |त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.06 | | 03.06 | ||
|अनिता घाबरते. | |अनिता घाबरते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.08 | | 03.08 | ||
|अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. | |अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.13 | | 03.13 | ||
|ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | |ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.19 | | 03.19 | ||
|त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. | |त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.29 | | 03.29 | ||
| सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. | | सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.34 | | 03.34 | ||
− | | नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. | + | | नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 03.39 | | 03.39 | ||
|पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. | |पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.49 | | 03.49 | ||
|बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. | |बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 03.55 | | 03.55 | ||
|अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. | |अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.02 | | 04.02 | ||
|हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. | |हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.05 | | 04.05 | ||
|प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. | |प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.09 | | 04.09 | ||
|ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. | |ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.12 | | 04.12 | ||
|जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. | |जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.18 | | 04.18 | ||
|स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. | |स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.25 | | 04.25 | ||
|परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. | |परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.29 | | 04.29 | ||
− | |अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. | + | |अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. |
− | + | ||
|- | |- | ||
| 04.39 | | 04.39 | ||
|स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. | |स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.44 | | 04.44 | ||
|यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि. | |यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि. | ||
गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. | गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
| 04.53 | | 04.53 | ||
|या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे. | |या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे. | ||
spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. | spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 05.09 | | 05.09 | ||
|याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, | |याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 05.16 | | 05.16 | ||
|मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. | |मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. | ||
− | |||
|- | |- | ||
| 05.19 | | 05.19 | ||
|सहभागासाठी धन्यवाद. | |सहभागासाठी धन्यवाद. | ||
− | |||
|} | |} |
Revision as of 09:29, 12 May 2014
Visual Cue | Narration |
00:02 | नवजात बाल संगोपना वरील स्पोकन ट्युटोरियल मध्ये आपले स्वागत . |
00:06 | या ट्युटोरियलमध्ये आपण शिकाल: |
00:09 | एका नवजात बाळाची काळजी घेणे. |
00:12 | नवीन आईच्या समोर येणार्या सामान्य समस्या आणि, |
00:15 | त्या समस्यांना कसे हाताळायचे. |
00:18 | डॉ. अंजली अनिता च्या घरी प्रवेश करते, आणि तिच्या नवजात बालका वरील तिचा आनंद व्यक्त करते. |
00:25 | अनिता ने बाळाला चुकीच्या पद्धतीने घेतले आहे असे डॉ. अंजली च्या लक्षात येते . |
00:30 | बाळाला घेतांना काळजी बाळगावी हे देखील अनिता ला सांगते. |
00.35 | डॉक्टर अंजली, बाळाला सरळ धरतांना किंवा, |
00.41 | खाली ठेवतांना, |
00.43 | बाळाच्या डोक्याला आधार देऊन कसे झुलवीतात हे अनितला दाखविते. |
00.45 | ओबडधोबडपणे बाळाला कधीही हाताळायचे नाही, अशी सल्ला डॉक्टर अनिता ला देतात. |
00.51 | अनिता डॉक्टरांना सांगते की, हे सर्व तिच्या साठी नवीन आहे. |
00.55 | आणि ती तिच्या नवजात बाळा ची उत्तम काळजी घेण्याबाबत डॉक्टरांना सल्ला विचारते. |
01.02 | डॉक्टर अंजली आनंदाने राजी / सहमत होते. |
01:04 | ती पहिली आणि सर्वात महत्वाची गोष्ट सुचविते की, |
01:09 | नवजात बाळांना हाताळण्यापूर्वी, |
01:13 | साबणाने किंवा कोळशाच्या-राखेने आपले हात धुवावेत, |
01:15 | लहान बाळांची अद्याप मजबूत रोगप्रतिकार प्रणाली तयार झाली नसते. |
01.19 | त्यामुळे त्यांना संक्रमणाचा प्रभाव्य होतो. |
01.24 | " मी माझ्या बाळाला किती वेळा भरविले पाहिजे?" असे अनिता डॉक्टरांना विचारते? |
01.28 | डॉक्टर अनिता ला सांगतात की, प्रत्येक 2 ते 3 तासांत नवजात बाळाला भरविणे आवश्यक आहे. |
01:37 | स्तनपान बाळाच्या आरोग्यासाठी सर्वात महत्त्वाचे आहे असे ती स्पष्ट करते. |
01.43 | बाळाच्या रोगप्रतिकार प्रणालीच्या विकासासाठी, |
01.46 | तसेच, तुम्ही स्तनपान करत असल्यास, , आपल्या बाळाला प्रत्येक स्तनातून सुमारे 10-15 मिनिटे स्तनपान करू द्या. |
01.56 | नंतर अनिता डॉक्टरांना बाळाला स्तनपान करण्या बद्दलचे सूत्र विचारते. |
02.00 | महिला डॉक्टर असे सूचविते की, |
02:02 | जर तुम्ही तुमच्या बाळाला आहार-सूत्र म्हणून उदाहरणार्थ दुधा चे पर्याय देत आसाल तर, |
02:08 | तेव्हा ते बहुधा प्रत्येक आहार मध्ये सुमारे 60-90 ग्रॅम असणे आवश्यक आहे. |
02:14 | त्यानंतर अनिता डॉक्टरांना विचारते की, केव्हा आणि कसे ती बाळाला आंघोळ घालू शकते. |
02.21 | पहिल्या काही आठवड्यांच्या दरम्यान, बाळ फार नाजूक असते असे डॉक्टर स्पष्ट करतात. |
02.28 | त्या म्हणतात की, आपल्याला केवळ बाळाला पाण्याने स्वच्छ पुसून काढले पाहिजे, जोपर्यंत, |
02.33 | (a) नाळ पडत नाही, |
02.37 | (b) सुंता बरी होत नाही, |
02.39 | (c) नाभी पूर्णपणे बरी होत नाही, तोपर्यंत. |
02.43 | डॉक्टर प्रारंभिक काळानंतर दर आठवड्यात 2-3 वेळा, सौम्य साबणाने, अंघोळ घालणे, बाळा साठी पुरेसे असते, असे स्पष्ट करतात. |
02.53 | हे बाळाच्या पहिल्या वर्षात सुरू ठेवू शकता. |
02.56 | वारंवार आंघोळ केल्याने त्वचा कोरडी होऊ शकते. |
03.01 | त्यानंतर बाळाला काही पुरळ असल्याचे डॉक्टर अंजली च्या लक्षात येते. |
03.06 | अनिता घाबरते. |
03.08 | अशा पुरळाची काळजी कशी घ्यावी हे ती डॉक्टरांना विचारते. |
03.13 | ओल्या लंगोटी (डाइपर )मुळे पुरळ आल्याचे डॉक्टर स्पष्ट करतात. |
03.19 | त्या पुढे असे सांगतात की, आपल्या बाळाची लंगोटी वारंवार बदलवी, आतड्यांच्या हालचाली नंतर शक्य होईल तितक्या लवकर. |
03.29 | सौम्य साबणाने आणि पाण्याने भाग स्वच्छ केल्यानंतर, त्यास कोरडे करण्यास पुसने. |
03.34 | नंतर ओलावा मुक्त ठेवण्यासाठी त्यावर काही बाळ पावडर लावा. |
03.39 | पुढे डॉक्टर स्पष्ट करतात की, जर तुम्ही कापडी लंगोटी वापर्ट असाल तर त्यांना गरम पाण्यात डेटोल सारख्या जंतुनाशक सह धुवा. |
03.49 | बाळाला काही काळ लंगोटी न घालणे ही देखील चांगली कल्पना आहे. |
03.55 | अनिता डॉक्टरांना त्यांच्या सल्ल्या बदद्ल धण्यवाद देते आणि त्यास ती लक्षात ठेवेन असे सांगते. |
04.02 | हे ट्यूटोरियल येथे संपत आहे. |
04.05 | प्रकल्पाची माहिती दिलेल्या लिंकवर उपलब्ध आहे. |
04.09 | ज्या मध्ये तुम्हाला प्रोजेक्ट चा सारांश मिळेल. |
04.12 | जर तुमच्याकडे चांगली बॅंडविड्त नसेल तर व्हिडीओ डाउनलोड करूनही पाहू शकता. |
04.18 | स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट टीम. स्पोकन टयूटोरियल च्या सहाय्याने कार्यशाळा चालविते. |
04.25 | परीक्षेत उत्तीर्ण होणाऱ्या विद्यार्थ्यांना प्रमाणपत्र दिले जाते. |
04.29 | अधिक माहिती साठी कृपया contact@spoken-tutorial.org वर लिहा. |
04.39 | स्पोकन टयूटोरियल प्रोजेक्ट हे 'टॉक टू टीचर ' चा भाग आहे. |
04.44 | यासाठी अर्थसहाय्य नॅशनल मिशन ऑन एज्युकेशन थ्रू आय. सी. टी. , एम .एच. आर. डि.
गव्हरमेण्ट ऑफ इंडिया कडून मिळाले आहे. |
04.53 | या संबंधी माहिती पुढील साईटवर उपलब्ध आहे.
spoken-tutorial.org/NMEICT-intro. |
05.09 | याट्यूटोरियल चे भाषांतर कविता साळवे यानी केले असून, |
05.16 | मी रंजना भांबळे आपला निरोप घेते. |
05.19 | सहभागासाठी धन्यवाद. |