Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Cross-cradle-hold/Konkani"
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+ | |00:01 | ||
+ | |आयच्या स्पोकन ट्युटोरियलांत तुमकां सगळ्यांक येवकार. आयचो विशय आसा -- “ स्तनपाना खातीर क्रॉस क्रेडल आसन.” | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:07 | |
+ | |आज आमी शिकया, भुरग्याक दुदाक धरतना आवयन खंयच्या योग्य आसनाची निवड करप ती. | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:16 | |
+ | |भुरग्याक दुदाक धरचे पयलीं आवयची तयारी आनी | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:20 | |
+ | | क्रॉस क्रेडल आसनाची योग्य पद्दत. | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:24 | |
+ | |तर सुरवात करया- | ||
− | | | + | |- |
− | + | |00:26 | |
− | + | |जगभर आवयो भुरग्याक दुदाक धरतना वेग-वेगळ्या आसनांचो वापर करतात. | |
− | | 00: | + | |
− | + | ||
− | + | |- | |
− | + | |00:32 | |
+ | |आवय आनी भुरग्याक सगळ्यात उत्तम दूद दिवपाचें आसन म्हळ्यार जातूंतल्यान दोगांयकय स्तनपान सोपमेरेन सुशेग मेळटा तें. | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:43 | |
+ | |तशेंच भुरगें आवयच्या स्तनाकडल्यान सुटूंक जायना. | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:48 | |
+ | |आनी भुरग्याक चडांत चड दूद मेळपाक जाय. | ||
− | | 00: | + | |- |
− | + | |00:51 | |
+ | |आयज आमी दुदाक धरपाचे क्रॉस क्रेडल पद्दतीविशीं जाणून घेवया. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |00:56 | |
+ | |क्रॉस क्रेडल आसन हें सगळ्यांत बरें आसन कित्याक तर भुरग्याचे पुराय कुडीचेर नियंत्रण उरता . आवयच्या स्तनाक सारकें धरपा खातीर भुरग्याक फायदेशीर पडटा आनी ताका स्तनाचेर (फकत चिंवेचेरच ऩ्हय) घट्ट पकड मेळटा. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:06 | |
+ | |दुदाक धरचे पयलीं आवयन आपले हात नितळ उदकान धुवन सुकोवचे. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:12 | |
+ | |उपरांत सळसळावन थंड केल्लें पेलोभर उदक पिवचें. | ||
− | |01: | + | |- |
− | + | |01:16 | |
+ | |स्तनपान करपी आवय दिसाक 750 - 850 मिलिलीटर दूद तयार करता. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:24 | |
+ | |देखून तिणें भरपूर उदक पिवंक जाय. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:29 | |
+ | |चलात तर आतां पळोवया , आवयन स्तनपान करतना कशें बसप तें. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:33 | |
+ | |तिणें खाटीर वा जमनीर मांडी घालून बसचें. | ||
+ | |- | ||
+ | |01:38 | ||
+ | |खुर्चेरुय बसूं येता, पूण तिचे पांय जमनीक तेंकपाक जाय. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:43 | |
+ | |जर खुर्चेर बसून पांय जमनीक तेंकना तर ल्हान स्टूल वा उशें दवरून ताचेर पांय दवरचे. | ||
− | | 01: | + | |- |
− | + | |01:54 | |
+ | |बसतना कांय गजाली मतींत दवरच्यो, त्यो म्हळ्यार – फाट सरळ उरतली अशे तरेन बसचें, म्हणजे मागीर फाट दुखची ना. | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:03 | |
+ | |आपले खांदे सैल सोडचे आनी एका समान पातळेर दवरचे. | ||
− | | 02:08 | + | |- |
− | + | |02:08 | |
+ | |हें आरामदायी आसन स्तनपान सोंपमेरेन दवरचें. | ||
− | | 02:13 | + | |- |
− | + | |02:13 | |
− | + | |सुरवातीक ज्या स्तनाक भुरग्याक दुदाक धरपाचें आसा ते उक्तें करचे. | |
− | + | ||
− | + | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:19 | |
+ | |ब्लावजाक वा ब्राक लागून स्तनाचेर दाब येवपाक दिवचें न्हय. | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:26 | |
+ | |वेवस्थीत बसल्या उपरांत भुरग्याक आवय म्हऱ्यांत हाडचें. | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:31 | |
+ | |दाव्या स्तनाक दुदाक धरपाचें आसल्यार उजव्या हातान आवयन भुरग्याचे तकलेक आदार दिवचो. | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:39 | |
+ | |आनी उजव्या हाताच्या खाक्यांत भुरग्याचे पांय घालचे. | ||
+ | |- | ||
+ | |02:45 | ||
+ | |ह्या चित्रांत आवय तिच्या भुरग्याक उजवे बाजूक दुदाक धरतली , देखून भुरग्याचे पांय आवयच्या दाव्या खाक्यांत दवरल्यात. | ||
− | | 02: | + | |- |
− | + | |02:57 | |
+ | |तिणें आपल्या दाव्या हाताचो आंगठो आनी बोटां भुरग्याचे तकलेक आदार दिवपाक वापरल्यात. | ||
− | | | + | |- |
− | + | | 03:05 | |
+ | |जर भुरग्याक वयर धरपाची गरज पडली तर मांडयेर उशें दवरचें. ताचो आदार मेळटलो. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:15 | |
+ | |मतीन दवरचें, आवयन पोंग घालून भुरग्याक दूद दिवचें न्हय. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:21 | |
+ | |जर अशें केलेंना तर फाटीच्या कण्याचेर पेज येवन दुखूं येतां. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:26 | |
+ | |आवयन फाट तायट वा सरळ दवरून भुरग्याक स्तनामेरेन हाडचें. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:33 | |
+ | |आतां आवयच्या आंगठ्याची आनी बोटांची योग्य स्थिती ( ठेवण) पळोवया. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:39 | |
+ | |आवयचो आंगठो भुरग्याच्या एका कानाफाटल्यान आनी बाकीचीं बोटां दुसऱ्या काना फाटल्यान आसचीं. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:46 | |
+ | |तिणें आपलीं बोटां आनी आंगठो भुरग्याच्या काना फाटल्यान हालोवन मानेमेरेन हाडचें न्हय. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | | | + | |03:52 |
+ | |आवयच्या हाताचें मनगट भुरग्याच्या खांद्यामदीं दवरचें. | ||
− | | 03: | + | |- |
− | + | |03:56 | |
+ | |भुरग्याचे तकलेचो फाटलो भाग आवयन केन्नाच दांबचो न्हय. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |04:04 | |
+ | |अशेतरेन दूद पितना भुरग्याक सुशेग मेळटलो. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:08 | |
+ | |ल्हान भुरग्याचें आंग वा कूड कशी धरप तें आतां पळोवया. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:15 | |
+ | |भुरग्याचें पोट आवयक तेंकपाक जाय आनी थोडोसो तिचेर दाब पडपाक जाय. | ||
− | | 04:20 | + | |- |
− | + | |04:20 | |
+ | |भुरगें आनी आवय मदीं जितलें अंतर कमी तिंतलें भुरग्याक आवयचे स्तन बरे तरेन मेळटलें. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:26 | |
+ | |आनी भुरग्याक आवयच्या स्तनाची पकड घट्ट करपाक सोंपें जातलें. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:32 | |
+ | |भुरग्याक दुदाक धरतना म्हत्वाची गजाल म्हळ्यार , भुरग्याच्या आंगाची मांडणी . | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:37 | |
+ | |आमी जेवतना आमची तकली,मान आनी कूड सरळ आसता. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | अशें | + | |04:43 |
+ | |पूण जायते फावट अशें पळोवपाक मेळटा की, आवय भुरग्याक फाटीर न्हिदयता आनी ताची तकली आपले वटेन घुंवडावन दूद दिता. | ||
− | | 04: | + | |- |
− | + | |04:50 | |
+ | |अशें तरेन दुदाक धरल्यार भुरग्याक त्रास जातलो. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |04:55 | |
+ | |दुदाक धरतना भुरग्याची तकली, मान आनी कूड सरळ दवरची. | ||
− | |05: | + | |- |
− | + | |05:01 | |
+ | |अशें केल्यार भुरग्याक दूद वोडपाक सोंपें जाता. | ||
− | | 05: | + | |- |
− | + | |05:05 | |
+ | |दुदाक धरपाची तिसरी म्हत्वाची गजाल पळोवया. | ||
− | | 05: | + | |- |
− | + | |05:10 | |
+ | |दुदाक धरतना भुरग्याच्या पुराय शरीराक आदार दिवपाक जाय. | ||
− | | 05: | + | |- |
− | + | |05:14 | |
+ | |अशें केलेना जाल्यार भुरग्याक आवयच्या स्तनाची घट्ट पकड मेळपाक त्रास जातलो. | ||
− | | 05: | + | |- |
− | + | |05:22 | |
+ | |दुदाक धरतना भुरग्याचें नाक आनी खाडकी कशी दवरपाक जाय तें पळोवया. | ||
− | | 05: | + | |- |
− | + | |05:28 | |
+ | |भुरग्याचें नाक आनी स्तनाची चिंव एके वळीन आसपाक जाय. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |05:33 | |
+ | |भुरग्याची खाडकी फुडलेवटेन आनी स्तनाच्या खूब लागीं आसपाक जाय. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |05:38 | |
+ | |हाका लागून भुरगें स्तनाची पकड करतना एरीओलाचो सकयलो भाग चडांत चड तोंडांत घेतलें. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |05:45 | |
+ | | आनी भुरगें आपलो सकयलो जबडो दूद पिवपाक वापरतलें. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |05:51 | |
+ | |एरीओला म्हळ्यार चिंवे भोंवतणचो काळसर भाग . | ||
− | | | + | |- |
− | + | | 05:57 | |
+ | |भुरग्याक योग्य स्थितींत दवरल्या नंतर स्तन कशें धरप तें पळोवया. | ||
+ | |- | ||
+ | |06:04 | ||
+ | |दुसऱ्या हाताच्या बोटांचो वापर करून U (यू) अक्षराच्या आकारान आवयन आपलें स्तन धरचें. | ||
− | | 06: | + | |- |
− | + | |06:12 | |
+ | |हें चित्र पळयात. आवयन आपल्या उजव्या हातान आपलें उजवें स्तन धरलां. | ||
− | | 06: | + | |- |
− | + | |06:19 | |
+ | |आवयच्या हाताचो आंगठो आनी बोटां कशीं आसपाक जाय हें समजुवपाक एक देख दितां. आवयच्या स्तनार एक घडयाळ आसा आनी चिंव तिचो केंद्रबिंदू, असें चिंतया. | ||
− | | 06: | + | |- |
− | + | |06:31 | |
+ | |ह्या घडयाळाचो 9 आंकडो आसा, त्या जाग्यार उजव्या हाताचो आंगठो दवरचो. | ||
− | | 06: | + | |- |
− | + | |06:38 | |
+ | |आनी आंगठ्याच्या उपरांतचीं दोन बोटां घडयाळाचो 3 आंकडो आसता थंय दवरचीं. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |06:46 | |
+ | |आवयच्या हाताचीं बोटां आनी भुरग्याचे ओंट एका दिशेन आसपाक जाय. अशें कित्याक ? | ||
− | | | + | |- |
− | + | |06:51 | |
+ | |हें समजुवपाक तुमकां परत एक सोंपें उदाहरण दितां. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |06:56 | |
− | + | |जेन्ना आमी वडापाव वा बर्गर खातात तेन्ना आमचे ओंट आडवें उगडटात. | |
− | | 07: | + | |- |
− | तशेंच | + | |07:02 |
+ | |तशेंच तें आमी आडवें धरता म्हणजे आमी व्हड घांस घेवपाक शकतलें. | ||
− | | 07: | + | |- |
− | + | |07:08 | |
+ | |हांगा आमचीं बोटां आनी ओंट समांतर आसता. | ||
+ | |- | ||
+ | |07:12 | ||
+ | |आमी जर वडापाव वा बर्गर उबो धरीत तर व्हड घांस घेवपाक शकचीनात. | ||
− | | 07: | + | |- |
− | | | + | |07:19 |
+ | |आमी आतां भुरग्याच्या ओंटांचे दिकेकडेन पळोवया. | ||
− | | 07: | + | |- |
− | + | |07:25 | |
+ | |हांगा ताणें ओंट लांबायेन उगडिल्ले आसात. देखून आवयन आपल्या बोटांकूय स्तनांचेर लांबायेन दवरपाची गरज आसा. | ||
− | |07: | + | |- |
− | + | |07:34 | |
+ | |अशें केल्यार भुरग्याक एरिओलाचो चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मेळटा. | ||
− | | 07: | + | |- |
− | + | |07:39 | |
+ | |आवयचो आंगठो आनी बोटां भुरग्याच्या ओंटाच्या समांतर आसपाक जा. ते भायर तीं चिंवेकडच्यान 3 बोटां पयस आसपाक जाय. | ||
− | |07: | + | |- |
− | + | |07:50 | |
+ | |जर आमी बोटां वडापाव वा बर्गर खावपाच्या भागाक तेंकून घरलीं तर बोटांची आडखळ येवन आमी व्हड घांस घेवपाक शकचीनात. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:00 | |
+ | |आनी आमी बोटां खूब पयस धरलीं जाल्यारूय खावपाक त्रास जातले. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:07 | |
+ | |देखून व्हड घांस घेवपाक वडापाव वा बर्गर योग्य अंतराचेर धरप गरजेचें. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:12 | |
+ | |तशेंच ह्या चित्रान दाखयल्लें प्रमाण भुरग्याक दुदाक धरतना चिंवेपासून 3 बोटां पयस धरचें. | ||
− | + | |- | |
− | + | |08:20 | |
+ | |आनी हाचेपासत बोटांची आडखळ येनास्तना भुरग्याक ऐरीओलाचो चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मेळटलो. | ||
− | |08:29 | + | |- |
− | + | | 08:29 | |
+ | |आवयन फक्त चिंवेक दांबल्यार भुरग्याक उणें दूद मेळटलें. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:35 | |
+ | |आवयन ऐरीओलाच्या सकल आशिल्ल्या दुग्धनासिकेर इल्लो दाब दीत तर चड दूद भायर येता. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:42 | |
+ | |आनी स्तनाक योग्य आकार मेळून भुरग्याक घट्ट पकड करपाक मदत जाता. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | + | |08:49 | |
+ | |भुरग्याचें नाक आसा ते वटेन वयलो आंगठो स्तनाच्या तीन बोटां पयस आसचो. | ||
− | | 08: | + | |- |
− | आनी | + | |08:59 |
+ | |आनी तिचीं दोन बोटां चिंवेपासून तीन आंगळां पयस , भुरग्याची खाडकी आसा ते वटेन आसचीं. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | | | + | |09:09 |
+ | |आतां आमी परत वडापाव वा बर्गर हाची देख घेवया. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | | | + | |09:13 |
+ | |व़डापाव वा बर्गर सारखो धरल्या उपरांत व्हड घांस घेवपाक आमी ताका दांबतात. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | + | |09:21 | |
+ | |तेचबशेन आवयन स्तनाक सकयल्यान यू आकारान धरून ल्हव हातांनी दांबचें. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | + | |09:28 | |
+ | |अशें केलें जाल्यार भुरग्याक चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मदत जाता. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |09:34 | |
− | + | |एक गजाल मतीन दवरपाक जाय की आवयन आपलें स्तन व्ही आकारान दांबचें न्हय. | |
− | | 09: | + | |
− | + | ||
− | | 09: | + | |- |
− | + | |09:39 | |
+ | |तशें केल्यार स्तन दुखपाक लागतलें आनी भुरग्याक फक्त चिंवेंतल्यानच दूद मेळटलें. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | + | |09:45 | |
+ | |तशेंच आंगठ्याचो आनी बोटांचो स्तनाचेर समप्रमाणात दाब येतलो हेंय लक्षांत घेवचें. | ||
− | | 09: | + | |- |
− | + | |09:52 | |
+ | |ना जाल्यार चिंव उजवेवटेन वा दावेवटेन सरकून भुरग्याची पकड सदळ जातली. | ||
− | | | + | |- |
− | + | |10:00 | |
+ | |लक्षांत दवरात, स्तन वोडून तें भुरग्यालागीं केन्नाच व्हरचें न्हय. | ||
− | | 10: | + | |- |
− | + | |10:08 | |
− | + | |सदांच भुरग्याक स्तनालागीं हाडचें. | |
− | | 10:12 | + | |- |
− | + | |10:12 | |
+ | |आतां भुरगें क्रॉस क्रेडल आसनान सुरक्षीत आसा, अशें म्हणूं येतां आनी स्तन तोंडांत घेवपाक भुरगें तयार आसा. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |10:18 | ||
+ | |स्तनाची पकड करपाची योग्य पद्दत हाचेविशीं म्हायती हेच माळेंतल्या दुसऱ्या ट्युटोरियलांतल्यान मेळटली. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |10:24 | ||
+ | |एकदां भुरग्यान आवयच्या स्तनाक बरेतरेन धरलें आनी जर स्तन जड नासत तर तिणें स्तनावयलो हात काडून भुरग्याक आदार दिवपाक वापरूं येता. | ||
+ | |- | ||
+ | |10:40 | ||
+ | |अशे स्थितींत आवयन तिचे दोनय हात कुडीच्या खूब लागीं हाडचे. | ||
+ | |- | ||
+ | |10:46 | ||
+ | |हाकालागून तिका स्तनपान करतना आराम मेळटलो. हें आसन भुरग्याक दुदाक धरपाक योग्य आसा. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |10:50 | ||
+ | |हाकालागून तिका स्तनपान करतना आराम मेळटलो. हें आसन भुरग्याक दुदाक धरपाक योग्य आसा. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |10:54 | ||
+ | |ह्या ट्युटोरियलांत आवय आनी भुरग्याखातीर योग्य आसनाची कशी निवड करप हें शिकलीं. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |11:03 | ||
+ | |हांव वर्षा नायक , असिस्टंट प्रोफेसर आनी आहारतज्ञ , ह्या स्पोकन ट्युटोरियल संघाचें सदस्य तुमच्या मोलादीक सहभागा खातीर तुमकां देव बरें करूं म्हण्टा. | ||
+ | |||
+ | |- | ||
+ | |} |
Latest revision as of 18:14, 14 August 2020
Time | Narration
|
00:01 | आयच्या स्पोकन ट्युटोरियलांत तुमकां सगळ्यांक येवकार. आयचो विशय आसा -- “ स्तनपाना खातीर क्रॉस क्रेडल आसन.” |
00:07 | आज आमी शिकया, भुरग्याक दुदाक धरतना आवयन खंयच्या योग्य आसनाची निवड करप ती. |
00:16 | भुरग्याक दुदाक धरचे पयलीं आवयची तयारी आनी |
00:20 | क्रॉस क्रेडल आसनाची योग्य पद्दत. |
00:24 | तर सुरवात करया- |
00:26 | जगभर आवयो भुरग्याक दुदाक धरतना वेग-वेगळ्या आसनांचो वापर करतात. |
00:32 | आवय आनी भुरग्याक सगळ्यात उत्तम दूद दिवपाचें आसन म्हळ्यार जातूंतल्यान दोगांयकय स्तनपान सोपमेरेन सुशेग मेळटा तें. |
00:43 | तशेंच भुरगें आवयच्या स्तनाकडल्यान सुटूंक जायना. |
00:48 | आनी भुरग्याक चडांत चड दूद मेळपाक जाय. |
00:51 | आयज आमी दुदाक धरपाचे क्रॉस क्रेडल पद्दतीविशीं जाणून घेवया. |
00:56 | क्रॉस क्रेडल आसन हें सगळ्यांत बरें आसन कित्याक तर भुरग्याचे पुराय कुडीचेर नियंत्रण उरता . आवयच्या स्तनाक सारकें धरपा खातीर भुरग्याक फायदेशीर पडटा आनी ताका स्तनाचेर (फकत चिंवेचेरच ऩ्हय) घट्ट पकड मेळटा. |
01:06 | दुदाक धरचे पयलीं आवयन आपले हात नितळ उदकान धुवन सुकोवचे. |
01:12 | उपरांत सळसळावन थंड केल्लें पेलोभर उदक पिवचें. |
01:16 | स्तनपान करपी आवय दिसाक 750 - 850 मिलिलीटर दूद तयार करता. |
01:24 | देखून तिणें भरपूर उदक पिवंक जाय. |
01:29 | चलात तर आतां पळोवया , आवयन स्तनपान करतना कशें बसप तें. |
01:33 | तिणें खाटीर वा जमनीर मांडी घालून बसचें. |
01:38 | खुर्चेरुय बसूं येता, पूण तिचे पांय जमनीक तेंकपाक जाय. |
01:43 | जर खुर्चेर बसून पांय जमनीक तेंकना तर ल्हान स्टूल वा उशें दवरून ताचेर पांय दवरचे. |
01:54 | बसतना कांय गजाली मतींत दवरच्यो, त्यो म्हळ्यार – फाट सरळ उरतली अशे तरेन बसचें, म्हणजे मागीर फाट दुखची ना. |
02:03 | आपले खांदे सैल सोडचे आनी एका समान पातळेर दवरचे. |
02:08 | हें आरामदायी आसन स्तनपान सोंपमेरेन दवरचें. |
02:13 | सुरवातीक ज्या स्तनाक भुरग्याक दुदाक धरपाचें आसा ते उक्तें करचे. |
02:19 | ब्लावजाक वा ब्राक लागून स्तनाचेर दाब येवपाक दिवचें न्हय. |
02:26 | वेवस्थीत बसल्या उपरांत भुरग्याक आवय म्हऱ्यांत हाडचें. |
02:31 | दाव्या स्तनाक दुदाक धरपाचें आसल्यार उजव्या हातान आवयन भुरग्याचे तकलेक आदार दिवचो. |
02:39 | आनी उजव्या हाताच्या खाक्यांत भुरग्याचे पांय घालचे. |
02:45 | ह्या चित्रांत आवय तिच्या भुरग्याक उजवे बाजूक दुदाक धरतली , देखून भुरग्याचे पांय आवयच्या दाव्या खाक्यांत दवरल्यात. |
02:57 | तिणें आपल्या दाव्या हाताचो आंगठो आनी बोटां भुरग्याचे तकलेक आदार दिवपाक वापरल्यात. |
03:05 | जर भुरग्याक वयर धरपाची गरज पडली तर मांडयेर उशें दवरचें. ताचो आदार मेळटलो. |
03:15 | मतीन दवरचें, आवयन पोंग घालून भुरग्याक दूद दिवचें न्हय. |
03:21 | जर अशें केलेंना तर फाटीच्या कण्याचेर पेज येवन दुखूं येतां. |
03:26 | आवयन फाट तायट वा सरळ दवरून भुरग्याक स्तनामेरेन हाडचें. |
03:33 | आतां आवयच्या आंगठ्याची आनी बोटांची योग्य स्थिती ( ठेवण) पळोवया. |
03:39 | आवयचो आंगठो भुरग्याच्या एका कानाफाटल्यान आनी बाकीचीं बोटां दुसऱ्या काना फाटल्यान आसचीं. |
03:46 | तिणें आपलीं बोटां आनी आंगठो भुरग्याच्या काना फाटल्यान हालोवन मानेमेरेन हाडचें न्हय. |
03:52 | आवयच्या हाताचें मनगट भुरग्याच्या खांद्यामदीं दवरचें. |
03:56 | भुरग्याचे तकलेचो फाटलो भाग आवयन केन्नाच दांबचो न्हय. |
04:04 | अशेतरेन दूद पितना भुरग्याक सुशेग मेळटलो. |
04:08 | ल्हान भुरग्याचें आंग वा कूड कशी धरप तें आतां पळोवया. |
04:15 | भुरग्याचें पोट आवयक तेंकपाक जाय आनी थोडोसो तिचेर दाब पडपाक जाय. |
04:20 | भुरगें आनी आवय मदीं जितलें अंतर कमी तिंतलें भुरग्याक आवयचे स्तन बरे तरेन मेळटलें. |
04:26 | आनी भुरग्याक आवयच्या स्तनाची पकड घट्ट करपाक सोंपें जातलें. |
04:32 | भुरग्याक दुदाक धरतना म्हत्वाची गजाल म्हळ्यार , भुरग्याच्या आंगाची मांडणी . |
04:37 | आमी जेवतना आमची तकली,मान आनी कूड सरळ आसता. |
04:43 | पूण जायते फावट अशें पळोवपाक मेळटा की, आवय भुरग्याक फाटीर न्हिदयता आनी ताची तकली आपले वटेन घुंवडावन दूद दिता. |
04:50 | अशें तरेन दुदाक धरल्यार भुरग्याक त्रास जातलो. |
04:55 | दुदाक धरतना भुरग्याची तकली, मान आनी कूड सरळ दवरची. |
05:01 | अशें केल्यार भुरग्याक दूद वोडपाक सोंपें जाता. |
05:05 | दुदाक धरपाची तिसरी म्हत्वाची गजाल पळोवया. |
05:10 | दुदाक धरतना भुरग्याच्या पुराय शरीराक आदार दिवपाक जाय. |
05:14 | अशें केलेना जाल्यार भुरग्याक आवयच्या स्तनाची घट्ट पकड मेळपाक त्रास जातलो. |
05:22 | दुदाक धरतना भुरग्याचें नाक आनी खाडकी कशी दवरपाक जाय तें पळोवया. |
05:28 | भुरग्याचें नाक आनी स्तनाची चिंव एके वळीन आसपाक जाय. |
05:33 | भुरग्याची खाडकी फुडलेवटेन आनी स्तनाच्या खूब लागीं आसपाक जाय. |
05:38 | हाका लागून भुरगें स्तनाची पकड करतना एरीओलाचो सकयलो भाग चडांत चड तोंडांत घेतलें. |
05:45 | आनी भुरगें आपलो सकयलो जबडो दूद पिवपाक वापरतलें. |
05:51 | एरीओला म्हळ्यार चिंवे भोंवतणचो काळसर भाग . |
05:57 | भुरग्याक योग्य स्थितींत दवरल्या नंतर स्तन कशें धरप तें पळोवया. |
06:04 | दुसऱ्या हाताच्या बोटांचो वापर करून U (यू) अक्षराच्या आकारान आवयन आपलें स्तन धरचें. |
06:12 | हें चित्र पळयात. आवयन आपल्या उजव्या हातान आपलें उजवें स्तन धरलां. |
06:19 | आवयच्या हाताचो आंगठो आनी बोटां कशीं आसपाक जाय हें समजुवपाक एक देख दितां. आवयच्या स्तनार एक घडयाळ आसा आनी चिंव तिचो केंद्रबिंदू, असें चिंतया. |
06:31 | ह्या घडयाळाचो 9 आंकडो आसा, त्या जाग्यार उजव्या हाताचो आंगठो दवरचो. |
06:38 | आनी आंगठ्याच्या उपरांतचीं दोन बोटां घडयाळाचो 3 आंकडो आसता थंय दवरचीं. |
06:46 | आवयच्या हाताचीं बोटां आनी भुरग्याचे ओंट एका दिशेन आसपाक जाय. अशें कित्याक ? |
06:51 | हें समजुवपाक तुमकां परत एक सोंपें उदाहरण दितां. |
06:56 | जेन्ना आमी वडापाव वा बर्गर खातात तेन्ना आमचे ओंट आडवें उगडटात. |
07:02 | तशेंच तें आमी आडवें धरता म्हणजे आमी व्हड घांस घेवपाक शकतलें. |
07:08 | हांगा आमचीं बोटां आनी ओंट समांतर आसता. |
07:12 | आमी जर वडापाव वा बर्गर उबो धरीत तर व्हड घांस घेवपाक शकचीनात. |
07:19 | आमी आतां भुरग्याच्या ओंटांचे दिकेकडेन पळोवया. |
07:25 | हांगा ताणें ओंट लांबायेन उगडिल्ले आसात. देखून आवयन आपल्या बोटांकूय स्तनांचेर लांबायेन दवरपाची गरज आसा. |
07:34 | अशें केल्यार भुरग्याक एरिओलाचो चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मेळटा. |
07:39 | आवयचो आंगठो आनी बोटां भुरग्याच्या ओंटाच्या समांतर आसपाक जा. ते भायर तीं चिंवेकडच्यान 3 बोटां पयस आसपाक जाय. |
07:50 | जर आमी बोटां वडापाव वा बर्गर खावपाच्या भागाक तेंकून घरलीं तर बोटांची आडखळ येवन आमी व्हड घांस घेवपाक शकचीनात. |
08:00 | आनी आमी बोटां खूब पयस धरलीं जाल्यारूय खावपाक त्रास जातले. |
08:07 | देखून व्हड घांस घेवपाक वडापाव वा बर्गर योग्य अंतराचेर धरप गरजेचें. |
08:12 | तशेंच ह्या चित्रान दाखयल्लें प्रमाण भुरग्याक दुदाक धरतना चिंवेपासून 3 बोटां पयस धरचें. |
08:20 | आनी हाचेपासत बोटांची आडखळ येनास्तना भुरग्याक ऐरीओलाचो चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मेळटलो. |
08:29 | आवयन फक्त चिंवेक दांबल्यार भुरग्याक उणें दूद मेळटलें. |
08:35 | आवयन ऐरीओलाच्या सकल आशिल्ल्या दुग्धनासिकेर इल्लो दाब दीत तर चड दूद भायर येता. |
08:42 | आनी स्तनाक योग्य आकार मेळून भुरग्याक घट्ट पकड करपाक मदत जाता. |
08:49 | भुरग्याचें नाक आसा ते वटेन वयलो आंगठो स्तनाच्या तीन बोटां पयस आसचो. |
08:59 | आनी तिचीं दोन बोटां चिंवेपासून तीन आंगळां पयस , भुरग्याची खाडकी आसा ते वटेन आसचीं. |
09:09 | आतां आमी परत वडापाव वा बर्गर हाची देख घेवया. |
09:13 | व़डापाव वा बर्गर सारखो धरल्या उपरांत व्हड घांस घेवपाक आमी ताका दांबतात. |
09:21 | तेचबशेन आवयन स्तनाक सकयल्यान यू आकारान धरून ल्हव हातांनी दांबचें. |
09:28 | अशें केलें जाल्यार भुरग्याक चडांत चड भाग तोंडांत घेवपाक मदत जाता. |
09:34 | एक गजाल मतीन दवरपाक जाय की आवयन आपलें स्तन व्ही आकारान दांबचें न्हय. |
09:39 | तशें केल्यार स्तन दुखपाक लागतलें आनी भुरग्याक फक्त चिंवेंतल्यानच दूद मेळटलें. |
09:45 | तशेंच आंगठ्याचो आनी बोटांचो स्तनाचेर समप्रमाणात दाब येतलो हेंय लक्षांत घेवचें. |
09:52 | ना जाल्यार चिंव उजवेवटेन वा दावेवटेन सरकून भुरग्याची पकड सदळ जातली. |
10:00 | लक्षांत दवरात, स्तन वोडून तें भुरग्यालागीं केन्नाच व्हरचें न्हय. |
10:08 | सदांच भुरग्याक स्तनालागीं हाडचें. |
10:12 | आतां भुरगें क्रॉस क्रेडल आसनान सुरक्षीत आसा, अशें म्हणूं येतां आनी स्तन तोंडांत घेवपाक भुरगें तयार आसा. |
10:18 | स्तनाची पकड करपाची योग्य पद्दत हाचेविशीं म्हायती हेच माळेंतल्या दुसऱ्या ट्युटोरियलांतल्यान मेळटली. |
10:24 | एकदां भुरग्यान आवयच्या स्तनाक बरेतरेन धरलें आनी जर स्तन जड नासत तर तिणें स्तनावयलो हात काडून भुरग्याक आदार दिवपाक वापरूं येता. |
10:40 | अशे स्थितींत आवयन तिचे दोनय हात कुडीच्या खूब लागीं हाडचे. |
10:46 | हाकालागून तिका स्तनपान करतना आराम मेळटलो. हें आसन भुरग्याक दुदाक धरपाक योग्य आसा. |
10:50 | हाकालागून तिका स्तनपान करतना आराम मेळटलो. हें आसन भुरग्याक दुदाक धरपाक योग्य आसा. |
10:54 | ह्या ट्युटोरियलांत आवय आनी भुरग्याखातीर योग्य आसनाची कशी निवड करप हें शिकलीं. |
11:03 | हांव वर्षा नायक , असिस्टंट प्रोफेसर आनी आहारतज्ञ , ह्या स्पोकन ट्युटोरियल संघाचें सदस्य तुमच्या मोलादीक सहभागा खातीर तुमकां देव बरें करूं म्हण्टा. |