Difference between revisions of "Health-and-Nutrition/C2/Football-hold-for-breastfeeding/Hindi"

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| स्तनपान के लिए Football होल्ड (पकड़) पर स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।  
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| स्तनपान के लिए फुटबॉल पकड़ के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
 +
 
  
 
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|इस ट्यूटोरियल में हम निम्न के बारे में सीखेंगे - माँ और उसके बच्चे के लिए सही स्तनपान के लिए पकड़ चुनना।
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| इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे स्तनपान के लिए मां और शिशु के लिए स्तन के सही पकड़ को चुनना
  
 
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| स्तनपान से पहले माँ की तयारी और Football होल्ड के लिए क्रमशः प्रक्रिया।
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| स्तनपान से पहले मां की तैयारी और फुटबॉल पकड़ का पूरा तरीका
  
 
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| शुरू करते हैं
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| आइए शुरू करते हैं
  
 
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| दुनिया भर में माएं अलग-अलग पकड़ के तरीके उपयोग करके अपने बच्चों को स्तनपान कराती हैं।  
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| पूरी दुनिया में मायेँ कई तरह से शिशुओं को स्तनपान कराती हैं।
  
 
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| पिछले ट्यूटोरियल में समझाए गए अनुसार माँ और उसके बच्चे के लिए सबसे अच्छी स्तनपान पकड़ वो है जिसमें-
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| जैसा कि पहले एक ट्यूटोरियल में बताया गया है मां और शिशु के लिए सबसे सही पकड़ वही है  
  
 
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| पूरे स्तनपान के दौरान माँ और बच्चा दोनों आरामदायक स्थिति में हों।
+
| जिसमें मां और शिशु दोनों को स्तनपान के पूरे समय आराम मिले,
  
 
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| बच्चा माँ के स्तन से अच्छे से जुड़ने में सक्षम हो और पर्याप्त दूध प्राप्त करे।
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| मां के स्तन से शिशु गहराई से जुड़े और उसे काफी दूध मिले।
  
 
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| अब Football होल्ड (पकड़) नामक एक पकड़ के बारे में सीखते हैं।  
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| आइये एक ऐसी पकड़ सीखते हैं जिसे फुटबॉल पकड़ कहते हैं।
  
 
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| फुटबॉल होल्ड उन माओं के लिए उपयोगी है: जिनका प्रसव सी-सेक्शन से हुआ हो।
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| फुटबॉल पकड़ से खासकर उन मांओ की मदद होती है जिनका प्रसव के लिए ऑपरेशन किया हो।
  
 
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| जिनके स्तन बड़े हों।
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| या जिनके बड़े स्तन हों
 
+
 
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| 01:10
| जिनका बच्चा छोटा या समय से पहले हुआ हो।
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| या जिन्हे छोटे शिशु या समय से पहले पैदा हुए शिशु हों या
 
+
 
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| 01:14
| या जिनके जुड़वाँ बच्चे हों।
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| जुड़वा शिशु हों
  
 
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|हमेशा याद रखें अपने बच्चे को स्तनपान कराने से पहले माँ को अपने हाथ अच्छी तरह धो और पोंछ लेने चाहिए।  
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| याद रखें स्तनपान से पहले मां को अपने हाथ अच्छे से धोकर सुखाने चाहिए।
  
 
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| 01:22
 
| 01:22
|फिर उसको एक ग्लास उबला और ठंडा पानी पी लेना चाहिए।  
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| फिर उसे एक गिलास उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पीना चाहिए।
  
 
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| 01:27
| औसतन दूध पिलाने वाली माएं प्रतिदिन 750 से 850 मिलीलीटर दूध का उत्पादन करती हैं।
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| स्तनपान कराती माओं में तकरीबन 750 से 850 मिलीलीटर दूध बनता है।
  
 
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| 01:34
| इसलिए उन्हें प्रतिदिन पानी की मात्रा बढानी चाहिए।
+
| इसलिए उन्हें रोज ज्यादा पानी पीना चाहिए
+
 
 
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|आगे माँ की स्थिति के बारे में चर्चा करते हैं।
+
| अगला हम बात करेंगे मां की स्थिति पर
  
 
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| 01:43
 
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|माँ को पालथी मारकर फर्श पर या बिस्तर पर।
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| मां को फ़र्श या बिस्तर पर चौकड़ी मार कर बैठना चाहिए
  
 
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| 01:48
 
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| या ज़मीन पर पैर रखकर कुर्सी पर बैठना चाहिए। 
+
| या फिर कुर्सी पर बैठ कर पैरों को जमीन पर जमा कर
  
 
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| 01:51
 
| 01:51
| यदि कुर्सी ज़्यादा ऊँची है और पैर ज़मीन तक नहीं पहुँच पाते तो वह ज़मीन पर एक छोटे स्टूल या तकियों को रखकर उस पर अपने पैर रख सकती है।
+
| अगर कुर्सी बहुत ऊंची हो
 +
और उसके पैर जमीन तक ना पहुंचे तो जमीन पर रखी चौकी या तकिए पर पैर रखें
  
 
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| 02:02
 
| 02:02
| बैठते समय उसे निश्चित करना चाहिए कि - पीठ दर्द से बचने के लिए उसकी पीठ सीधी हो।
+
| बैठकर ध्यान दें की पीठ सीधी है ताकि कमर दर्द ना हो
 +
 
  
 
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|02:09
 
|02:09
| उसके कंधे आरामदेह स्थिति में हों और उचके हुए या मुड़े हुए न हों।
+
| कंधे आराम से हों  
 +
न की ऊपर उठे हुए या झुके हुए
  
 
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| 02:13
 
| 02:13
| और यह आरामदेह स्थिति पूरे स्तनपान के समय बनी रहे।
+
| और ये आरामदायक स्थिति पूरे स्तनपान के दौरान बनाए रखें
 
+
 
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|02:19
 
|02:19
| माँ को 3 से 4 तकिये उस स्तन के साइड में रखने चाहिए जिससे वो स्तनपान कराने वाली हो।
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| मां को 3 से 4 तकिए उस स्तन की तरफ रखने चाहिए जिससे वह स्तनपान कराएगी ।
  
 
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| 02:26
 
| 02:26
|सबसे ऊपर वाला तकिया अन्य तकियों और माँ की जांघ के ऊपर तिरछा रखा होना चाहिए।  
+
| सबसे ऊपर का तकिया बाक़ी तकियों और मां की जांघ पर टेढ़ा रखना चाहिए।
  
 
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| 02:32
 
| 02:32
| फिर माँ को उस स्तन से कपड़ा हटा लेना चाहिए जिससे वो बच्चे को दूध पिलाना चाहती है।
+
| फिर मां को उस स्तन से कपड़ा हटाना चाहिए जिससे वह दूध पिलाएगी
  
 
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| 02:38
 
| 02:38
| उसे निश्चित कर लेना चाहिए कि स्तन पर ब्रा या ब्लाउज़ का दबाव न पड़े।
+
| ध्यान दें अपने ब्लाउज या ब्रा का दबाव स्तन पर ना हो
  
 
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| 02:45
 
| 02:45
| आरामदेह स्थिति में बैठने के बाद बच्चे को माँ के पास लायें।
+
| आराम से बैठने के बाद शिशु को मां के पास लाया जाए
  
 
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| 02:49
 
| 02:49
| माँ को बच्चे की पीठ तकियों पर रखनी चाहिए।
+
| मां को चाहिए कि वह शिशु की पीठ तकियों पर रखें
  
 
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| 02:53
 
| 02:53
| उसे अपने बच्चे के सर को उसी तरफ के हाथ से पकड़ना चाहिए जिस तरफ के स्तन से वो स्तनपान कराएगी।
+
| जिस स्तन से दूध पिलाने वाली है उसी तरफ के हाथ से शिशु के सर को पकड़े
  
 
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| 03:01
 
| 03:01
| बच्चे की टाँगें तकियों के ऊपर उसी हाथ की बगल से पास होनी चाहिए।
+
| शिशु की टांगें मां के उसी हाथ के बगल में से निकलने चाहिए जो कि तकिए पर है।
  
 
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| 03:08
 
| 03:08
| माँ को इस हाथ को और बच्चे की टाँगों को तकियों पर स्थिर करना चाहिए।
+
| मां को अपना यही हाथ और शिशु की टांगे तकिए पर आराम से रखने चाहिए
  
 
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| 03:13
 
| 03:13
| इस पिक्चर में माँ अपने दायें स्तन से अपने बच्चे को दूध पिलाएगी।
+
| चित्र में दिखाई जाने वाली ये मां अपने दाएं स्तन से दूध पिलाएगी
  
 
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| 03:18
 
| 03:18
| इसलिए बच्चे की टाँगें माँ की दायीं बगल से पास होती हैं।
+
| इसीलिए शिशु की टांगे मां के दाएं बगल में से निकल रही है
  
 
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| 03:23
 
| 03:23
| वह बच्चे के सर के निचले भाग को पकड़ने के लिए अपने दाहिने हाथ का अंगूठा और उँगलियों का उपयोग कर रही है।
+
| अपने दाएं हाथ के अंगूठे और अंगुलियों से उसने शिशु के सर का निचला हिस्सा पकड़ा है
  
 
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| 03:31
 
| 03:31
|याद रखें माँ को अपनी पीठ मोड़कर बच्चे तक स्तन कभी नहीं ले जाना चाहिए।
+
| याद रहे मां को पीठ झुकाते हुए अपना स्तन शिशु तक कभी नहीं लाना चाहिए
 
   
 
   
 
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| 03:37
 
| 03:37
| यह माँ के इ कष्टप्रद और पीठ दर्द का कारण होगा ।
+
| इससे उसे तकलीफ होगी और कमर में दर्द भी
  
 
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|03:42
 
|03:42
| उसे अपनी पीठ हमेशा सीधी रखनी और अपने बच्चे को उठाकर स्तन तक पहुँचाना  चाहिए।
+
| उसे हमेशा अपनी पीठ सीधी रखनी चाहिए और शिशु को उठाकर अपने स्तन पर लाना चाहिए
+
 
 
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| 03:48
 
| 03:48
| आगे बच्चे के सर को पकड़ने के लिए माँ के अंगूठे और उँगलियों की सही स्थिति को देखते हैं।
+
| अगला हम देखेंगे शिशु के सर को पकड़ने के लिए हम मां के अंगूठे और उंगलियों के सही स्थिति  
  
 
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| 03:56
 
| 03:56
| माँ का अंगूठा बच्चे के एक कान के पीछे और बाकी की उँगलियाँ दूसरे कान के पीछे होनी चाहिए।
+
| मां का अंगूठा शिशु के एक कान के पीछे और उंगलियां दूसरे कान के पीछे होने चाहिए
  
 
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| 04:03
 
| 04:03
|उसको अपनी उँगलियों या अंगूठे को कान के पीछे से हटाकर  गर्दन तक नहीं ले जाना चाहिए।
+
| उसे अंगूठा या उंगलियां हिला कर सर से गर्दन पर नहीं लानी चाहिए
  
 
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| 04:09
 
| 04:09
| उसकी कलाई बच्चे के कंधे की हड्डी के बीच होनी चाहिए।  
+
| उसकी कलाई शिशु के दो कंधे के बीच में होनी चाहिए।
  
 
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| 04:13
 
| 04:13
| उसे अपने हाथ से बच्चे के सर के पीछे दबाव नहीं डालना चाहिए. यह स्तनपान के दौरान बच्चे को आरामदेह स्थिति में रखेगा।
+
| उसे अपने हाथ से शिशु के सर के नीचे दबाव नहीं डालना चाहिए इससे शिशु आराम से स्तनपान कर पाएगा।
  
 
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| 04:23
 
| 04:23
| आगे सीखते हैं की बच्चे के शरीर को सही स्थिति में कैसे रखना है।
+
| अगला हम सीखेंगे कि कैसे शिशु के शरीर को सही स्थिति में रखें
  
 
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| 04:27
 
| 04:27
| बच्चे का चेहरा माँ के चेहरे की तरफ होना चाहिए।।
+
| शिशु का चेहरा मां के चेहरे के सामने होना चाहिए
  
 
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| 04:31
 
| 04:31
| बच्चे के शरीर को धीरे से माँ के शरीर की तरफ दबाना चाहिए।
+
| शिशु का शरीर मां को शरीर को छूना चाहिए
  
 
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| 04:36
| उनके शरीर के बीच की कम दूरी  बच्चे को स्तन तक पहुँचने के प्रयास को घटाएगी।
+
| उनके शरीर के बीच के कम फासले की वजह से शिशु के मां के स्तन तक पहुंचने में कम कोशिश करनी पड़ेगी
  
 
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| 04:41
 
| 04:41
| और यह बच्चे को अच्छे से जोड़ने के लिए बहुत आसान होगा।
+
| और शिशु को स्तन से गहराई से जुड़ने में आसानी होगी
  
 
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| 04:47
 
| 04:47
|स्थिति के लिए दूसरा पॉइंट बच्चे के शरीर का सरेखण है।
+
| दूसरी स्थिति है शिशु के शरीर को एक सीध में रखना
  
 
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| 04:51
 
| 04:51
| जब हम खाना खाते हैं तो हमारा सर, गर्दन और शारीर हमेशा एक ही दिशा में होते है।
+
| जब हम खाना खाते हैं तो हमेशा हमारा सर गर्दन और शरीर एक ही दिशा में होता
  
 
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| 04:57
 
| 04:57
|उसी प्रकार स्तनपान के दौरान बच्चे का सर, गर्दन और शरीर हमेशा एक ही दिशा में होने चाहिए।
+
| उसी तरह शिशु का सर गर्दन और शरीर स्तनपान करते हुए एक ही दिशा में होने चाहिए
  
 
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|05:06
 
|05:06
| यह बच्चे के लिए दूध पीना आसान बनाएगा।
+
| इससे शिशु के लिए दूध निगलना आसान होगा
  
 
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| 05:10
 
| 05:10
|अब हम बच्चे के शरीर की स्थिति के तीसरे पॉइंट पर आ गए है ।
+
| अब हम शिशु के शरीर की स्थिति के बारे में तीसरी ध्यान रखने वाली बात करेंगे।
  
 
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| 05:16
 
| 05:16
| माँ को अपने बच्चे के पूरे शरीर को सहारा देना चाहिए।
+
| जो है मां को शिशु को पूरे शरीर को सहारा देना
  
 
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| 05:22
 
| 05:22
| अन्यथा बच्चे को स्तन से अच्छे से जुड़ने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ेगा।
+
| नहीं तो शिशु को स्तन से गहराई से जुड़ने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़ेगी
  
 
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| 05:30
 
| 05:30
| आगे बच्चे की नाक और दाढ़ी की स्थिति को देखते हैं।
+
| अब हम देखेंगे शिशु के नाक और ठोढ़ी की स्थिति
  
 
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| 05:34
 
| 05:34
| बच्चे की नाक हमेशा निप्पल की सीध में होनी चाहिए।
+
| शिशु की नाक हमेशा निप्पल के सीध में होनी चाहिए
  
 
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| 05:39
 
| 05:39
| और उसकी दाढ़ी आगे और स्तन के बहुत पास होनी चाहिए।
+
| और ठोढ़ी आगे की तरफ स्तन के करीब
  
 
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| 05:44
 
| 05:44
| यह निश्चित करेगा कि लैचिंग के दौरान बच्चा areola के निचले भाग से ज़्यादा लेता है।
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| इससे शिशु एरियोला के निचले हिस्से का ज्यादा भाग मुंह से पकड़ पाएगा और अपने निचले जबड़े से अच्छे से ज्यादा दूध पिएगा
और इसलिए वह निपुणता से ज़्यादा दूध पीने के लिए निचला जबड़ा उपयोग करेगा।
+
  
 
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|05:55
 
|05:55
| ध्यान दें - Areola निप्पल के चारों तरफ का गहरा भाग है। 
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| ध्यान दें एरियोला निप्पल के आसपास का काला भाग है
  
 
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| 06:00
 
| 06:00
|अब बच्चा सही स्थिति में है, अब सीखते हैं कि स्तन को कैसे पकड़ते हैं।
+
| शिशु को सही स्थिति से पकड़ने के बाद हम सीखेंगे स्तन को कैसे पकड़ा जाए
  
 
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|-  
 
| 06:07
 
| 06:07
| माँ को अपने दूसरे हाथ की उँगलियाँ उपयोग करके, साइड से C के आकर की पकड़ में अपने स्तन को पकड़ना चाहिए।
+
| अपने दूसरे हाथ के उंगलियों से मां को स्तन को एक तरफ से आधे चांद के आकार में पकड़ना चाहिए
 
+
 
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|-  
 
| 06:15
 
| 06:15
| इस पिक्चर में माँ दायें स्तन को पकड़ने के लिए अपने बाएं हाथ का उपयोग करेगी।
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| इस चित्र में मां अपने बाएं हाथ से अपना दायाँ स्तन पकड़ रही है
  
 
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|-  
 
|06:21
 
|06:21
| अंगूठे और उँगलियों की सही स्थिति समझने के लिए- दायें स्तन पर निप्पल को घड़ी के केंद्र में कल्पना क।रें
+
| अंगूठे और अंगुलियों की सही स्थिति से समझने के लिए ऐसा सोचिए जैसे कि दाएं स्तन का निप्पल एक घड़ी के बीच का बिंदु है
  
 
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| 06:30
 
| 06:30
| उसको अपना बाँया अंगूठा इस घड़ी पर 12 बजे के स्थान पर रखना चाहिए।
+
| जिस तरह घड़ी पर 12 बजते हैं उसी तरह मां को बाएँ हाथ के अंगूठे को रखना चाहिए
  
 
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|-  
 
| 06:35
 
| 06:35
| जबकि उसकी तर्जनी और बीच की ऊँगली 6 बजे के स्थान पर रखनी चाहिए।
+
| जिस तरह घड़ी पर 6 बजते हैं उसी तरह मां को अंगूठे की बगल की और बीच की उंगली रखनी चाहिए
  
 
|-  
 
|-  
 
| 06:42
 
| 06:42
| उँगलियाँ हमेशा बच्चे के होठों की दिशा में होनी चाहिए।
+
| अंगुलियां हमेशा शिशु के होंठों की दिशा में होनी चाहिए
  
 
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|-  
 
| 06:47
 
| 06:47
| क्यूँ ? इसे एक सरल उदाहरण उपयोग करके समझते हैं।
+
| क्यों? आइए समझे इस उदाहरण से
  
 
|-  
 
|-  
 
| 06:52
 
| 06:52
| जब हम वडा पाव या बर्गर खाते हैं तो हमारे होंठ क्षैतिज स्थिति में खुलते हैं।
+
| जब हम बड़ा पाव या बर्गर खाते हैं तो हमारे होंठ आड़े खुलते हैं
  
 
|-  
 
|-  
 
| 06:58
 
| 06:58
| हम बड़ा निवाला लेने के लिए वडा पाव या बर्गर को क्षैतिज स्थिति में पकड़ते हैं।
+
| हम बड़ा पाव या बर्गर को आड़ा पकड़ते हैं ताकि उसका बड़ा हिस्सा खा पाएँ
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:03
 
| 07:03
| यहाँ अंगूठा और उँगलियाँ होठों की दिशा में रखे जाते हैं।
+
| यहाँ अंगूठा और उंगलियां होठों की दिशा में है
  
 
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|-  
 
| 07:10
 
| 07:10
| यदि हम वडा पाव या बर्गर को उर्ध्वाधर स्थिति में पकड़ते हैं तो हम बड़ा निवाला लेने में सक्षम नहीं होते।
+
| अगर बड़ा पाव या बर्गर को सीधा पकड़े तो हम उसका बड़ा हिस्सा मुंह में नहीं ले पाएंगे।
  
 
|-  
 
|-  
 
|07:16
 
|07:16
| उसी प्रकार बच्चे के होठों की दिशा को देखें।
+
| उसी तरह शिशु के मुंह की दिशा देखिए
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:21
 
| 07:21
| यहाँ होंठ क्षैतिज स्थिति में हैं।
+
| उसके होंठ आड़े हैं
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:24
 
| 07:24
| इसलिए उँगलियाँ और अंगूठा भी स्तन पर क्षैतिज स्थिति में रखे जाने चाहिए।
+
| इसलिए उंगलियों और अंगूठे की स्थिति स्तन पर आड़ी होनी चाहिए
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:32
 
| 07:32
| यह बच्चे को उसके मुंह में areola के निचले भाग का बड़ा हिस्सा लेने में मदद करेगा।
+
| इससे शिशु को अपने मुंह में एरियोला के निचले हिस्से का एक बड़ा भाग लेने में मदद मिलेगी
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:39
 
| 07:39
| बच्चे के होठों की दिशा के आलावा माँ का अंगूठा और उँगलियाँ हमेशा निप्पल से 3 उँगलियों की दूरी पर होने चाहिए।
+
| माँ का अँगूठा और उँगलियाँ शिशु के मुँह की दिशा में होने के साथ साथ निप्पल से 3 उँगलियों की दूरी पर होने चाहिए।  
  
 
|-  
 
|-  
 
| 07:50
 
| 07:50
| दोबारा, वडा पाव या बर्गर खाते समय यदि हम इसे बहुत पास से पकड़ते हैं तो बड़ा निवाला लेने के लिए हमारी उँगलियाँ मुंह को बंद कर देंगी।
+
| अगर हम बड़ापाव या बर्गर खाते हुए उसे मुँह के क़रीब रखेंगे तो हमारी उँगलियों की वजह से हम उसका एक बड़ा हिस्सा मुँह में नहीं ले पाएँगे।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 08:00
 
| 08:00
| यदि हम इसे बहुत दूर से पकड़ते हैं तो हमारे मुंह में फिट होने के लिए इसका आकर ठीक नहीं होगा।
+
| अगर दूर रखेंगें तो उसके आकार की वजह से उसे हम मुँह में नहीं ले पाएँगें।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 08:07
 
| 08:07
| इसलिए बड़ा निवाला लेने के लिए हम इसे सही दूरी पर रखते हैं। 
+
| इसीलिए उसे हम सही दूरी पर रखकर उसका एक बड़ा हिस्सा मुँह में ले पाएँगें
  
 
|-  
 
|-  
 
| 08:13
 
| 08:13
| उसी प्रकार बच्चे के लिए पिक्चर में दिखाए अनुसार निप्पल से 3 उँगलियों का फासला सही दूरी है।
+
|उसी तरह जैसा कि इस चित्र में दिखाया गया है, शिशु के लिए भी सही दूरी निप्पल से 3 उँगलियाँ हैं।
  
 
|-  
 
|-  
 
|08:21
 
|08:21
| यह दूरी निश्चित करेगी कि माँ की उँगलियाँ बच्चे के मुंह में areola के निचले भाग को लेने से बच्चे को नहीं रोकती।
+
| इस दूरी से माँ की उँगलियाँ शिशु को अपने मुँह में एरियोला का निचला हिस्सा लेने से नहीं रोक सकेंगें।
  
 
|-  
 
|-  
 
|08:31
 
|08:31
| माँ केवल निप्पल को नहीं दबाती जो बहुत कम दूध निकालेगा। 
+
| और माँ सिर्फ़ निप्पल को नहीं दबाएगी जिस वजह से बहुत कम दूध निकलेगा।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 08:36
 
| 08:36
| माँ ज़्यादा दूध बाहर निकालने के लिए areola के नीचे ज़्यादा दूध की नलिकाओं को दबाती है।
+
| माँ एरियोला के नीचे की दूध की बड़ी नलियों को दबा पाएगी, जिनसे ज़्यादा दूध निकलेगा।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 08:42
 
| 08:42
| और स्तन का आकर बच्चे को अच्छे से जोड़ने में मदद के लिए सही है।
+
| और स्तन का आकार सही होगा जिससे शिशु को गहराई से जुड़ने में मदद मिलेगी।
  
 
|-  
 
|-  
 
|08:50
 
|08:50
| याद रखें- पिक्चर में दिखाए अनुसार माँ का अंगूठा स्तन के ऊपर की तरफ होना चाहिए।
+
| याद रखें माँ का अँगूठा स्तन के ऊपरी भाग पर होना चाहिए
  
 
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|-  
 
| 08:55
 
| 08:55
| और उसकी दो उँगलियाँ स्तन के नीचे की तरफ होनी चाहिए।
+
| और उसकी दोनों उँगलियाँ होनी चाहिए स्तन के निचले भाग में , जैसा इस चित्र में दिखाया गया है।
  
 
|-  
 
|-  
 
|09:01
 
|09:01
| वडा पाव या बर्गर के उदाहरण पर वापस जाते हैं।  
+
| दोबारा बड़ा पाव या बर्गर के उदाहरण की बात करते हैं।  
  
 
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|-
 
|09:06
 
|09:06
| वडा पाव या बर्गर को सही से पकड़ने के बाद हम हमेशा बड़ा निवाला लेने के लिए इसे दबाते हैं।
+
| बड़ा पाव या बर्गर को सही से पकड़कर हम उसे दबाते हैं, ताकि एक बड़ा हिस्सा मुँह में ले पाएँ।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 09:12
 
| 09:12
| उसी प्रकार, माँ को साइड से C आकार की पकड़ में अपने स्तन को धीरे से दबाना चाहिए।  
+
| ठीक उसी तरह, माँ को भी स्तन को एक तरफ़ से आधे चाँद के आकार में पकड़कर हल्के से दबाना चाहिए।  
  
 
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|-  
 
| 09:18
 
| 09:18
| यह बच्चे को अपने मुंह में स्तन का बड़ा भाग लेने में उसकी मदद करेगा।
+
| इससे शिशु को स्तन का बड़ा हिस्सा मुँह में लेने में मदद मिलेगी।
  
 
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|-  
 
| 09:23
 
| 09:23
| लेकिन याद रखें, माँ को कैंची के आकार की पकड़ में अपने स्तन को नहीं दबाना चाहिए।  
+
| पर याद रहे, माँ को अपना स्तन कैंची के आकार में पकड़कर नहीं दबाना चाहिए।  
  
 
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|-  
 
| 09:30
 
| 09:30
| कैंची के आकार में दबाना स्तन में चुभन करेगा और निप्पल फीडिंग का कारण होगा।  
+
| स्तन को कैंची के आकार में पकड़कर दबाने से उस पर चोट लगेगी और निप्पल से स्तनपान होगा।  
  
 
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|-  
 
| 09:36
 
| 09:36
| यह भी निश्चित कर लें कि अंगूठे और उँगलियों से स्तन का दबाव समान हो।
+
| ध्यान दें कि स्तन अंगूठे और उँगलियों से एक समान दबे।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 09:43
 
| 09:43
| अन्यथा निप्पल ऊपर की या नीचे की दिशा में शिफ्ट हो जायेगा और खराब जुडाव का कारण होगा।
+
| नहीं तो निप्पल ऊपर या नीचे की तरफ़ मुड़ेगा, जिससे शिशु गहराई से नहीं जुड़ पाएगा।
  
 
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|-  
 
| 09:51
 
| 09:51
| कभी-कभी माँ अपने बच्चे को अलग स्थिति में पकड़ना पसंद कर भी सकती हैं।
+
| कभी कभी माँ शिशु को किसी और स्थिति में पकड़ना चाहेगी।
  
 
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|-  
 
| 09:56
 
| 09:56
| इस पिक्चर में बच्चे का चेहरा माँ की तरफ नहीं है।  
+
| इस चित्र में शिशु माँ के सामने नहीं है।  
  
 
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| 10:00
 
| 10:00
| बच्चे का सर स्तन की साइड से स्तन की तरफ लाया जाता है और न कि नीचे से।
+
| शिशु का सर स्तन पर स्तन के बगल से लाया गया है, नीचे से नहीं।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 10:07
 
| 10:07
| यहाँ बच्चे के होंठ उर्ध्वाधर हैं. इसलिए माँ को U आकार की पकड़ में स्तन पर उर्ध्वाधर स्थिति में अपनी उँगलियाँ स्थित करनी चाहिए।
+
| शिशु के होंठ सीधे हैं। इसलिए माँ को अपनी उँगलियाँ स्तन पर सीधी रखनी चाहिए '''U''' के आकार में।
  
 
|-  
 
|-  
 
| 10:17
 
| 10:17
| याद करें किसी भी स्तनपान की स्थिति के लिए स्तन को पकड़ते हुए माँ की उँगलियाँ और अंगूठा हमेशा बच्चे के होंठों की दिशा में होने चाहिए।  
+
| याद रहे स्तनपान की किसी भी स्थिति में स्तन को पकड़ती माँ की उँगलियाँ और अँगूठा शिशु के होंठों की दिशा में होने चाहिए।  
  
 
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| 10:28
 
| 10:28
| अब बच्चा Football पकड़ में है और स्तनपान के लिए स्तन पट लैच करने को तैयार है।  
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| अब, शिशु फ़ुटबाल पकड़ में है और उसका मुँह स्तनपान के लिए स्तन को पकड़ने के लिए तैयार है।  
  
 
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| 10:34
 
| 10:34
| सही लैचिंग तकनीक इसी श्रंखला में एक अन्य ट्यूटोरियल में समझाया गया है।  
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| मुँह के पकड़ की सही तकनीक इस शृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताई गई है।  
  
 
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| 10:41
 
| 10:41
| एक बार जब बच्चा सही से लैच किया जाता है और यदि स्तन बड़े या भारी नहीं है तो-
+
| जब शिशु का मुँह स्तन को सही से पकड़ लेता है और अगर स्तन बड़ा और भारी नहीं है तो माँ अपने हाथ से स्तन को छोड़कर उस हाथ को ख़ाली रख सकती है।
 
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माँ अपने हाथ से स्तन को छोड़ सकती है और उस हाथ को खाली रखें।
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|-  
 
| 10:53
 
| 10:53
| यह हमें इस ट्यूटोरियल के अंत में लाता है ।
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| अब यह ट्यूटोरियल यहीं ख़त्म होता है।
  
 
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| 10:57
 
| 10:57
| इस ट्यूटोरियल में हमने निम्न के बारे में सीखा: माँ और उसके बच्चे के लिए सही स्तनपान की पकड़ को चुनना।
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| '''IIT Bombay''' से मैं बेला टोनी से आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।
  
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| 11:04
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|  स्तनपान से पहले माँ की तैयारी और Football पकड़ के लिए क्रमशः प्रक्रिया।
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| 11:12
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| इस ट्यूटोरियल का योगदान स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट IIT बॉम्बे द्वारा किया गया है। 
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| 11:18
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| स्पोकन ट्यूटोरियल प्रोजेक्ट NMEICT, MHRD भारत सरकार द्वारा वित्त-पोषित है। 
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| 11:26
+
| इस मिशन पर अधिक जानकारी इस लिंक पर उपलब्ध है।
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| 11:30
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| यह ट्यूटोरियल व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन से जेनेरस कॉन्ट्रिब्यूशन द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित है। 
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| 11:38
+
| यह ट्यूटोरियल माँ और शिशु प्रोजेक्ट का एक भाग है।
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| 11:44
+
| इस ट्यूटोरियल की विषय-वस्तु विशेषज्ञ डॉ. रूपल दलाल (एमडी. बाल चिकित्सा) है।
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| 11:50
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| आई आई टी बॉम्बे की ओर से मैं श्रुति आर्य आपसे विदा लेती हूँ।
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हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।
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Latest revision as of 17:41, 26 August 2020

Time Narration
00:01 स्तनपान के लिए फुटबॉल पकड़ के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।


00:06 इस ट्यूटोरियल में हम सीखेंगे स्तनपान के लिए मां और शिशु के लिए स्तन के सही पकड़ को चुनना
00:15 स्तनपान से पहले मां की तैयारी और फुटबॉल पकड़ का पूरा तरीका
00:23 आइए शुरू करते हैं
00:24 पूरी दुनिया में मायेँ कई तरह से शिशुओं को स्तनपान कराती हैं।
00:31 जैसा कि पहले एक ट्यूटोरियल में बताया गया है मां और शिशु के लिए सबसे सही पकड़ वही है
00:41 जिसमें मां और शिशु दोनों को स्तनपान के पूरे समय आराम मिले,
00:48 मां के स्तन से शिशु गहराई से जुड़े और उसे काफी दूध मिले।
00:56 आइये एक ऐसी पकड़ सीखते हैं जिसे फुटबॉल पकड़ कहते हैं।
01:01 फुटबॉल पकड़ से खासकर उन मांओ की मदद होती है जिनका प्रसव के लिए ऑपरेशन किया हो।
01:08 या जिनके बड़े स्तन हों
01:10 या जिन्हे छोटे शिशु या समय से पहले पैदा हुए शिशु हों या
01:14 जुड़वा शिशु हों
01:15 याद रखें स्तनपान से पहले मां को अपने हाथ अच्छे से धोकर सुखाने चाहिए।
01:22 फिर उसे एक गिलास उबालकर ठंडा किया हुआ पानी पीना चाहिए।
01:27 स्तनपान कराती माओं में तकरीबन 750 से 850 मिलीलीटर दूध बनता है।
01:34 इसलिए उन्हें रोज ज्यादा पानी पीना चाहिए
01:38 अगला हम बात करेंगे मां की स्थिति पर
01:43 मां को फ़र्श या बिस्तर पर चौकड़ी मार कर बैठना चाहिए
01:48 या फिर कुर्सी पर बैठ कर पैरों को जमीन पर जमा कर
01:51 अगर कुर्सी बहुत ऊंची हो
और उसके पैर जमीन तक ना पहुंचे तो जमीन पर रखी चौकी या तकिए पर पैर रखें 
02:02 बैठकर ध्यान दें की पीठ सीधी है ताकि कमर दर्द ना हो


02:09 कंधे आराम से हों

न की ऊपर उठे हुए या झुके हुए

02:13 और ये आरामदायक स्थिति पूरे स्तनपान के दौरान बनाए रखें
02:19 मां को 3 से 4 तकिए उस स्तन की तरफ रखने चाहिए जिससे वह स्तनपान कराएगी ।
02:26 सबसे ऊपर का तकिया बाक़ी तकियों और मां की जांघ पर टेढ़ा रखना चाहिए।
02:32 फिर मां को उस स्तन से कपड़ा हटाना चाहिए जिससे वह दूध पिलाएगी
02:38 ध्यान दें अपने ब्लाउज या ब्रा का दबाव स्तन पर ना हो
02:45 आराम से बैठने के बाद शिशु को मां के पास लाया जाए
02:49 मां को चाहिए कि वह शिशु की पीठ तकियों पर रखें
02:53 जिस स्तन से दूध पिलाने वाली है उसी तरफ के हाथ से शिशु के सर को पकड़े
03:01 शिशु की टांगें मां के उसी हाथ के बगल में से निकलने चाहिए जो कि तकिए पर है।
03:08 मां को अपना यही हाथ और शिशु की टांगे तकिए पर आराम से रखने चाहिए
03:13 चित्र में दिखाई जाने वाली ये मां अपने दाएं स्तन से दूध पिलाएगी
03:18 इसीलिए शिशु की टांगे मां के दाएं बगल में से निकल रही है
03:23 अपने दाएं हाथ के अंगूठे और अंगुलियों से उसने शिशु के सर का निचला हिस्सा पकड़ा है
03:31 याद रहे मां को पीठ झुकाते हुए अपना स्तन शिशु तक कभी नहीं लाना चाहिए
03:37 इससे उसे तकलीफ होगी और कमर में दर्द भी
03:42 उसे हमेशा अपनी पीठ सीधी रखनी चाहिए और शिशु को उठाकर अपने स्तन पर लाना चाहिए
03:48 अगला हम देखेंगे शिशु के सर को पकड़ने के लिए हम मां के अंगूठे और उंगलियों के सही स्थिति
03:56 मां का अंगूठा शिशु के एक कान के पीछे और उंगलियां दूसरे कान के पीछे होने चाहिए
04:03 उसे अंगूठा या उंगलियां हिला कर सर से गर्दन पर नहीं लानी चाहिए
04:09 उसकी कलाई शिशु के दो कंधे के बीच में होनी चाहिए।
04:13 उसे अपने हाथ से शिशु के सर के नीचे दबाव नहीं डालना चाहिए इससे शिशु आराम से स्तनपान कर पाएगा।
04:23 अगला हम सीखेंगे कि कैसे शिशु के शरीर को सही स्थिति में रखें
04:27 शिशु का चेहरा मां के चेहरे के सामने होना चाहिए
04:31 शिशु का शरीर मां को शरीर को छूना चाहिए
04:36 उनके शरीर के बीच के कम फासले की वजह से शिशु के मां के स्तन तक पहुंचने में कम कोशिश करनी पड़ेगी
04:41 और शिशु को स्तन से गहराई से जुड़ने में आसानी होगी
04:47 दूसरी स्थिति है शिशु के शरीर को एक सीध में रखना
04:51 जब हम खाना खाते हैं तो हमेशा हमारा सर गर्दन और शरीर एक ही दिशा में होता
04:57 उसी तरह शिशु का सर गर्दन और शरीर स्तनपान करते हुए एक ही दिशा में होने चाहिए
05:06 इससे शिशु के लिए दूध निगलना आसान होगा
05:10 अब हम शिशु के शरीर की स्थिति के बारे में तीसरी ध्यान रखने वाली बात करेंगे।
05:16 जो है मां को शिशु को पूरे शरीर को सहारा देना
05:22 नहीं तो शिशु को स्तन से गहराई से जुड़ने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़ेगी
05:30 अब हम देखेंगे शिशु के नाक और ठोढ़ी की स्थिति
05:34 शिशु की नाक हमेशा निप्पल के सीध में होनी चाहिए
05:39 और ठोढ़ी आगे की तरफ स्तन के करीब
05:44 इससे शिशु एरियोला के निचले हिस्से का ज्यादा भाग मुंह से पकड़ पाएगा और अपने निचले जबड़े से अच्छे से ज्यादा दूध पिएगा
05:55 ध्यान दें एरियोला निप्पल के आसपास का काला भाग है
06:00 शिशु को सही स्थिति से पकड़ने के बाद हम सीखेंगे स्तन को कैसे पकड़ा जाए
06:07 अपने दूसरे हाथ के उंगलियों से मां को स्तन को एक तरफ से आधे चांद के आकार में पकड़ना चाहिए
06:15 इस चित्र में मां अपने बाएं हाथ से अपना दायाँ स्तन पकड़ रही है
06:21 अंगूठे और अंगुलियों की सही स्थिति से समझने के लिए ऐसा सोचिए जैसे कि दाएं स्तन का निप्पल एक घड़ी के बीच का बिंदु है
06:30 जिस तरह घड़ी पर 12 बजते हैं उसी तरह मां को बाएँ हाथ के अंगूठे को रखना चाहिए
06:35 जिस तरह घड़ी पर 6 बजते हैं उसी तरह मां को अंगूठे की बगल की और बीच की उंगली रखनी चाहिए
06:42 अंगुलियां हमेशा शिशु के होंठों की दिशा में होनी चाहिए
06:47 क्यों? आइए समझे इस उदाहरण से
06:52 जब हम बड़ा पाव या बर्गर खाते हैं तो हमारे होंठ आड़े खुलते हैं
06:58 हम बड़ा पाव या बर्गर को आड़ा पकड़ते हैं ताकि उसका बड़ा हिस्सा खा पाएँ
07:03 यहाँ अंगूठा और उंगलियां होठों की दिशा में है
07:10 अगर बड़ा पाव या बर्गर को सीधा पकड़े तो हम उसका बड़ा हिस्सा मुंह में नहीं ले पाएंगे।
07:16 उसी तरह शिशु के मुंह की दिशा देखिए
07:21 उसके होंठ आड़े हैं
07:24 इसलिए उंगलियों और अंगूठे की स्थिति स्तन पर आड़ी होनी चाहिए
07:32 इससे शिशु को अपने मुंह में एरियोला के निचले हिस्से का एक बड़ा भाग लेने में मदद मिलेगी
07:39 माँ का अँगूठा और उँगलियाँ शिशु के मुँह की दिशा में होने के साथ साथ निप्पल से 3 उँगलियों की दूरी पर होने चाहिए।
07:50 अगर हम बड़ापाव या बर्गर खाते हुए उसे मुँह के क़रीब रखेंगे तो हमारी उँगलियों की वजह से हम उसका एक बड़ा हिस्सा मुँह में नहीं ले पाएँगे।
08:00 अगर दूर रखेंगें तो उसके आकार की वजह से उसे हम मुँह में नहीं ले पाएँगें।
08:07 इसीलिए उसे हम सही दूरी पर रखकर उसका एक बड़ा हिस्सा मुँह में ले पाएँगें
08:13 उसी तरह जैसा कि इस चित्र में दिखाया गया है, शिशु के लिए भी सही दूरी निप्पल से 3 उँगलियाँ हैं।
08:21 इस दूरी से माँ की उँगलियाँ शिशु को अपने मुँह में एरियोला का निचला हिस्सा लेने से नहीं रोक सकेंगें।
08:31 और माँ सिर्फ़ निप्पल को नहीं दबाएगी जिस वजह से बहुत कम दूध निकलेगा।
08:36 माँ एरियोला के नीचे की दूध की बड़ी नलियों को दबा पाएगी, जिनसे ज़्यादा दूध निकलेगा।
08:42 और स्तन का आकार सही होगा जिससे शिशु को गहराई से जुड़ने में मदद मिलेगी।
08:50 याद रखें – माँ का अँगूठा स्तन के ऊपरी भाग पर होना चाहिए
08:55 और उसकी दोनों उँगलियाँ होनी चाहिए स्तन के निचले भाग में , जैसा इस चित्र में दिखाया गया है।
09:01 दोबारा बड़ा पाव या बर्गर के उदाहरण की बात करते हैं।
09:06 बड़ा पाव या बर्गर को सही से पकड़कर हम उसे दबाते हैं, ताकि एक बड़ा हिस्सा मुँह में ले पाएँ।
09:12 ठीक उसी तरह, माँ को भी स्तन को एक तरफ़ से आधे चाँद के आकार में पकड़कर हल्के से दबाना चाहिए।
09:18 इससे शिशु को स्तन का बड़ा हिस्सा मुँह में लेने में मदद मिलेगी।
09:23 पर याद रहे, माँ को अपना स्तन कैंची के आकार में पकड़कर नहीं दबाना चाहिए।
09:30 स्तन को कैंची के आकार में पकड़कर दबाने से उस पर चोट लगेगी और निप्पल से स्तनपान होगा।
09:36 ध्यान दें कि स्तन अंगूठे और उँगलियों से एक समान दबे।
09:43 नहीं तो निप्पल ऊपर या नीचे की तरफ़ मुड़ेगा, जिससे शिशु गहराई से नहीं जुड़ पाएगा।
09:51 कभी कभी माँ शिशु को किसी और स्थिति में पकड़ना चाहेगी।
09:56 इस चित्र में शिशु माँ के सामने नहीं है।
10:00 शिशु का सर स्तन पर स्तन के बगल से लाया गया है, नीचे से नहीं।
10:07 शिशु के होंठ सीधे हैं। इसलिए माँ को अपनी उँगलियाँ स्तन पर सीधी रखनी चाहिए U के आकार में।
10:17 याद रहे स्तनपान की किसी भी स्थिति में स्तन को पकड़ती माँ की उँगलियाँ और अँगूठा शिशु के होंठों की दिशा में होने चाहिए।
10:28 अब, शिशु फ़ुटबाल पकड़ में है और उसका मुँह स्तनपान के लिए स्तन को पकड़ने के लिए तैयार है।
10:34 मुँह के पकड़ की सही तकनीक इस शृंखला के अन्य ट्यूटोरियल में बताई गई है।
10:41 जब शिशु का मुँह स्तन को सही से पकड़ लेता है और अगर स्तन बड़ा और भारी नहीं है तो माँ अपने हाथ से स्तन को छोड़कर उस हाथ को ख़ाली रख सकती है।
10:53 अब यह ट्यूटोरियल यहीं ख़त्म होता है।
10:57 IIT Bombay से मैं बेला टोनी से आपसे विदा लेती हूँ। हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Debosmita, Sakinashaikh, Shruti arya