Difference between revisions of "BOSS-Linux/C2/Working-with-Regular-Files/Sanskrit"
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|कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: - | |कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: - | ||
− | + | cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा... space SOURCEसञ्चिकाया: नाम space गतव्य-सञ्चिकाया: नाम DEST | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|01:15 | |01:15 | ||
− | |||
|युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: - | |युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: - | ||
− | + | cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा..the name of the SOURCEसञ्चिकाया: नाम... | |
− | + | यासां सञ्चिकानां प्रतिकृति: करणीया तासां तथैव यस्यां संधारिकायां ता: सञ्चिका: समाविष्टा: भवेयु: तस्या: इत्युक्ते गन्तव्यस्थानस्य नाम | |
− | + | ||
− | + | ||
|- | |- | ||
|01:34 | |01:34 | ||
Line 59: | Line 55: | ||
|02:35 | |02:35 | ||
|यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम: | |यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम: | ||
− | + | "$ cat test2 " , enter नुदतु च | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|02:52 | |02:52 | ||
Line 68: | Line 63: | ||
|- | |- | ||
|03:32 | |03:32 | ||
− | |||
|अनेन किं भवेत् इति चेत् /home/anirban/arc/इत्यस्या: मूल-संधारिकात: /home/anirban इत्यस्यां गन्तव्य-संधारिकायां demo1 इत्यस्या: सञ्चिकाया:प्रतिकृति: निर्मिता भवेत् ,तस्या: प्रतिकृति: demo2 नाम्न: सञ्चिकायां भवेत् | |अनेन किं भवेत् इति चेत् /home/anirban/arc/इत्यस्या: मूल-संधारिकात: /home/anirban इत्यस्यां गन्तव्य-संधारिकायां demo1 इत्यस्या: सञ्चिकाया:प्रतिकृति: निर्मिता भवेत् ,तस्या: प्रतिकृति: demo2 नाम्न: सञ्चिकायां भवेत् | ||
|- | |- | ||
|03:51 | |03:51 | ||
− | |||
|तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु | |तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु | ||
− | + | "ls space /home/anirban " enter नुदतु च | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|04:07 | |04:07 | ||
− | |||
|येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति | |येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
|04:12 | |04:12 | ||
− | |||
|अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|04:17 | |04:17 | ||
− | |||
|यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- | |यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- | ||
|- | |- | ||
|04:27 | |04:27 | ||
− | |||
|टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु | |टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु | ||
|- | |- | ||
|04:55 | |04:55 | ||
− | |||
|अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् | |अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
|05:11 | |05:11 | ||
− | |||
|यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु - | |यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु - | ||
− | + | "ls/home/anirban " enter नुदतु च | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|05:25 | |05:25 | ||
− | |||
|येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति | |येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
|05:30 | |05:30 | ||
− | |||
|पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|05:37 | |05:37 | ||
− | |||
|अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति | |अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति | ||
|- | |- | ||
|05:44 | |05:44 | ||
− | |||
|वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च | |वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च | ||
|- | |- | ||
|05:53 | |05:53 | ||
− | |||
|अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च | |अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च | ||
|- | |- | ||
|06:16 | |06:16 | ||
− | |||
|अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् | |अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
|06:30 | |06:30 | ||
− | |||
|भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च | |भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|06:52 | |06:52 | ||
− | |||
|भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति | |भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
|06:58 | |06:58 | ||
− | |||
|cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: | |cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: | ||
|- | |- | ||
|07:07 | |07:07 | ||
− | |||
|प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | |प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|07:12 | |07:12 | ||
− | |||
|पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति | |पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति | ||
|- | |- | ||
|07:23 | |07:23 | ||
− | |||
|उदाहरणं पश्याम: | |उदाहरणं पश्याम: | ||
|- | |- | ||
|07:27 | |07:27 | ||
− | |||
|अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: | |अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|07:36 | |07:36 | ||
− | |||
|तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|07:51 | |07:51 | ||
− | |||
|output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , | |output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , | ||
|- | |- | ||
|07:54 | |07:54 | ||
− | |||
|सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: | |सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|08:02 | |08:02 | ||
− | |||
|किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते | |किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते | ||
|- | |- | ||
|08:07 | |08:07 | ||
− | |||
|अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च | |अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|08:25 | |08:25 | ||
− | |||
|इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च | |इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|08:37 | |08:37 | ||
− | |||
|भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: | |भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|08:45 | |08:45 | ||
− | |||
|test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च | |test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|08:57 | |08:57 | ||
− | |||
|test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति | |test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
|09:01 | |09:01 | ||
− | |||
|अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | |अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|09:05 | |09:05 | ||
− | |||
|अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते | |अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते | ||
|- | |- | ||
|09:14 | |09:14 | ||
− | |||
|अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? | |अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? | ||
|- | |- | ||
|09:19 | |09:19 | ||
− | |||
|ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति | |ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति | ||
|- | |- | ||
|09:25 | |09:25 | ||
− | |||
|अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते | |अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते | ||
|- | |- | ||
|09:32 | |09:32 | ||
− | |||
|वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति | |वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति | ||
|- | |- | ||
|09:43 | |09:43 | ||
− | |||
|अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति | |अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति | ||
|- | |- | ||
|09:47 | |09:47 | ||
− | |||
|असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? | |असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? | ||
|- | |- | ||
|09:53 | |09:53 | ||
− | |||
|अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति | |अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति | ||
|- | |- | ||
|09:57 | |09:57 | ||
− | |||
|सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् | |सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् | ||
|- | |- | ||
|10:00 | |10:00 | ||
− | |||
|तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते | |तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते | ||
|- | |- | ||
|10:05 | |10:05 | ||
− | |||
|mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति | |mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति | ||
|- | |- | ||
|10:17 | |10:17 | ||
− | |||
|वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च | |वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|10:32 | |10:32 | ||
− | |||
|अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् | |अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् | ||
|- | |- | ||
|10:40 | |10:40 | ||
− | |||
|यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् | |यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् | ||
|- | |- | ||
|10:49 | |10:49 | ||
− | |||
|यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: | |यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|10:54 | |10:54 | ||
− | |||
|तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: | |तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|10:59 | |10:59 | ||
− | |||
|चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: | |चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|11:08 | |11:08 | ||
− | |||
|वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च | |वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|11:21 | |11:21 | ||
− | |||
|भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते | |भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते | ||
|- | |- | ||
|11:30 | |11:30 | ||
− | |||
|यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् | |यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् | ||
|- | |- | ||
|11:37 | |11:37 | ||
− | |||
|cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् | |cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् | ||
|- | |- | ||
|11:47 | |11:47 | ||
− | |||
|अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|11:52 | |11:52 | ||
− | |||
|चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति | |चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति | ||
|- | |- | ||
|12:03 | |12:03 | ||
− | |||
|तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च | |तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|12:09 | |12:09 | ||
− | |||
|पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: | |पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
|12:24 | |12:24 | ||
− | |||
|अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति | |अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति | ||
|- | |- | ||
|12:32 | |12:32 | ||
− | |||
|तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च | |तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|12:58 | |12:58 | ||
− | |||
|तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च | |तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|13:06 | |13:06 | ||
− | |||
|भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च | |भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च | ||
|- | |- | ||
|13:14 | |13:14 | ||
− | |||
|अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | |अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | ||
|- | |- | ||
|13:22 | |13:22 | ||
− | |||
|mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् | |mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
|13:34 | |13:34 | ||
− | |||
|अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति | |अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति | ||
|- | |- | ||
|13:44 | |13:44 | ||
− | |||
|rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते | |rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते | ||
|- | |- | ||
|13:52 | |13:52 | ||
− | |||
|terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. | |terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. | ||
|- | |- | ||
|14:00 | |14:00 | ||
− | |||
|वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: | |वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|14:09 | |14:09 | ||
− | |||
|तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: | ||
− | + | "$ rm testdir/faq.txt " , enter नुदतु च | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|14:23 | |14:23 | ||
− | |||
|अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् | |अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
|14:32 | |14:32 | ||
− | |||
|सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च | |सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
|14:47 | |14:47 | ||
− | |||
|वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति | |वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति | ||
|- | |- | ||
|14:51 | |14:51 | ||
− | |||
|वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: | |वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|14:57 | |14:57 | ||
− | |||
|testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च | |testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च | ||
|- | |- | ||
|15:03 | |15:03 | ||
− | |||
|चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: | |चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|15:09 | |15:09 | ||
− | |||
|तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|15:31 | |15:31 | ||
− | |||
|अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति | |अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति | ||
|- | |- | ||
|15:39 | |15:39 | ||
− | |||
|तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् | |तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् | ||
|- | |- | ||
|15:53 | |15:53 | ||
− | |||
|अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | |अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | ||
|- | |- | ||
|15:58 | |15:58 | ||
− | |||
|अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | |अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | ||
|- | |- | ||
|16:02 | |16:02 | ||
− | |||
|इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: | |इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: | ||
|- | |- | ||
|16:04 | |16:04 | ||
− | |||
|एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: | |एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: | ||
|- | |- | ||
|16:11 | |16:11 | ||
− | |||
|नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: | |नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: | ||
|- | |- | ||
|16:19 | |16:19 | ||
− | |||
|अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: | |अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: | ||
|- | |- | ||
|16:24 | |16:24 | ||
− | |||
|कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् | |कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् | ||
|- | |- | ||
|16:41 | |16:41 | ||
− | |||
|अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति | |अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति | ||
|- | |- | ||
|16:52 | |16:52 | ||
− | |||
|terminal प्रति गच्छाम: | |terminal प्रति गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
|16:57 | |16:57 | ||
− | |||
|संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति | |संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति | ||
|- | |- | ||
|17:05 | |17:05 | ||
− | |||
|किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति | |किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति | ||
|- | |- | ||
|17:12 | |17:12 | ||
− | |||
|यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? | |यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? | ||
|- | |- | ||
|17:19 | |17:19 | ||
− | |||
|एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे | |एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे | ||
|- | |- | ||
|17:23 | |17:23 | ||
− | |||
|अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च | |अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|17:31 | |17:31 | ||
− | |||
|output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: | |output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|17:39 | |17:39 | ||
− | |||
|किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: | |किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|17:47 | |17:47 | ||
− | |||
|टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु | |टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु | ||
|- | |- | ||
|18:00 | |18:00 | ||
− | |||
|अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति | |अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति | ||
|- | |- | ||
|18:06 | |18:06 | ||
− | |||
|अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम | |अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम | ||
|- | |- | ||
|18:11 | |18:11 | ||
− | |||
|cmp इति आदेश: | |cmp इति आदेश: | ||
|- | |- | ||
|18:13 | |18:13 | ||
− | |||
|कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: | |कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
|18:22 | |18:22 | ||
− | |||
|तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति | |तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति | ||
|- | |- | ||
|18:28 | |18:28 | ||
− | |||
|एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
|18:33 | |18:33 | ||
− | |||
|अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते | |अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते | ||
|- | |- | ||
|18:38 | |18:38 | ||
− | |||
|file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. | |file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. | ||
|- | |- | ||
− | |18: 47 | + | |18:47 |
− | + | ||
|यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते | |यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते | ||
|- | |- | ||
|18:55 | |18:55 | ||
− | |||
|केवलं संसूचकं दरीदृश्येत | |केवलं संसूचकं दरीदृश्येत | ||
|- | |- | ||
|18:58 | |18:58 | ||
− | |||
|यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत | |यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत | ||
|- | |- | ||
|19:10 | |19:10 | ||
− | |||
|पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति | |पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति | ||
|- | |- | ||
|19:19 | |19:19 | ||
− | |||
|पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? | |पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? | ||
|- | |- | ||
|19:22 | |19:22 | ||
− | |||
|टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च , | |टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च , | ||
− | + | अस्यां “This is a Linux file to test the cmp command” इति लिखितमस्ति | |
− | + | ||
|- | |- | ||
|19:34 | |19:34 | ||
− | |||
|अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च | |अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|19:44 | |19:44 | ||
− | |||
|अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् | |अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् | ||
|- | |- | ||
|19:50 | |19:50 | ||
− | |||
|अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
|19:55 | |19:55 | ||
− | |||
|वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च | |वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|20:08 | |20:08 | ||
− | |||
|वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते | |वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते | ||
|- | |- | ||
|20:16 | |20:16 | ||
− | |||
|अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | |अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | ||
|- | |- | ||
|20:22 | |20:22 | ||
− | |||
|wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति | |wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति | ||
|- | |- | ||
|20:26 | |20:26 | ||
− | |||
|सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते | |सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते | ||
|- | |- | ||
|20:34 | |20:34 | ||
− | |||
|अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति | |अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति | ||
|- | |- | ||
|20:39 | |20:39 | ||
− | |||
|तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च | |तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|20:50 | |20:50 | ||
− | |||
|एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! | |एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! | ||
|- | |- | ||
|20:54 | |20:54 | ||
− | |||
|अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
|20:59 | |20:59 | ||
− | |||
|तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च | |तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
|21:10 | |21:10 | ||
− | |||
|आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति | |आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति | ||
|- | |- | ||
|21:22 | |21:22 | ||
− | |||
|सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति | |सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति | ||
|- | |- | ||
|21:27 | |21:27 | ||
− | |||
|इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति | |इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति | ||
|- | |- | ||
|21:36 | |21:36 | ||
− | |||
|man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि | |man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि | ||
|- | |- | ||
|21:44 | |21:44 | ||
− | |||
|अनेन पाठ: असौ समाप्यते | |अनेन पाठ: असौ समाप्यते | ||
|- | |- | ||
|21:48 | |21:48 | ||
− | |||
|Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: | |Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: | ||
|- | |- | ||
|22:02 | |22:02 | ||
− | |||
|अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते | |अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते | ||
|- | |- | ||
|22:18 | |22:18 | ||
− | |||
|एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! | |एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! | ||
|- | |- | ||
|} | |} |
Latest revision as of 11:01, 23 March 2017
Time | Narration |
00:00 | Linux मध्ये नियत-सञ्चिकाभि: सह कार्यम् इति एतस्मिन् spoken tutorial मध्ये स्वागतम् |
00:07 | संधारिका: , सञ्चिका: च एकीभूय Linux File System रचयन्ति |
00:13 | संधारिकाभि: सह कथं कार्यम् इति अस्माभि: आदावेव पूर्वस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , भवान् एनं पाठम् अस्मिन् जालपुटे पश्येत् |
00:25 | नियत-सञ्चिका: कथं नियन्त्रणीया: इति अस्मिन् पाठे वयं द्रक्ष्याम: |
00:32 | cat आदेशम् उपयुज्य सञ्चिका कथं निर्मातव्या इति अस्माभि: आदावेव अन्यस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , अधिक-विवरणार्थम् अस्य जालपुटस्य संपर्कं करोतु |
00:46 | अथ पश्याम: , एकस्थानीयसञ्चिकाया: अन्यस्थाने प्रतिकृति: कथं करणीया इति ,एतन्निमित्तम् अस्माकं समीपे cp आदेश: अस्ति |
00:56 | पश्याम: तर्हि , आदेश: कथम् प्रयुज्यते इति |
01:00 | कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: -
cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा... space SOURCEसञ्चिकाया: नाम space गतव्य-सञ्चिकाया: नाम DEST |
01:15 | युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: -
cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा..the name of the SOURCEसञ्चिकाया: नाम... यासां सञ्चिकानां प्रतिकृति: करणीया तासां तथैव यस्यां संधारिकायां ता: सञ्चिका: समाविष्टा: भवेयु: तस्या: इत्युक्ते गन्तव्यस्थानस्य नाम |
01:34 | अधुना उदाहरणं पश्याम: ,प्रथमं तावत् terminal उद्घाटयाम: |
01:42 | अस्मत्-सविधे गृहसन्धारिकायां test1 नाम्ना सञ्चिका आदावेव अस्ति |
01:49 | test1 मध्ये किम् अस्ति इति द्रष्टुं वयं टङ्कयाम: -
"$ cat test1 " enter नुदतु च |
02:00 | वयं पश्याम: यत् test1 इत्यस्या:सामग्री दृश्यते इति , अधुना यदि वयं तस्या: प्रतिकृतिं test2 नाम्न: अन्य-सञ्चिकायां कर्तुम् इच्छाम: तर्हि वयं लिखाम:
"$ cp test1 test2 " , enter नुदाम: च |
02:22 | अधुना सञ्चिकाया: प्रतिकृति: निर्मिता |
02:25 | यदि test2 विद्यमाना नास्ति तर्हि प्रथमं सा निर्मातव्या तत: च test1 इत्यस्या: सामग्रे: तस्यां प्रतिकृति: कर्तव्या |
02:35 | यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम:
"$ cat test2 " , enter नुदतु च |
02:52 | भवान् भिन्नसंधारिकत: भिन्नसधारिकायाम् अपि सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं शक्नोति यथा
टङ्कयतु- "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/demo2 " enter नुदतु च |
03:32 | अनेन किं भवेत् इति चेत् /home/anirban/arc/इत्यस्या: मूल-संधारिकात: /home/anirban इत्यस्यां गन्तव्य-संधारिकायां demo1 इत्यस्या: सञ्चिकाया:प्रतिकृति: निर्मिता भवेत् ,तस्या: प्रतिकृति: demo2 नाम्न: सञ्चिकायां भवेत् |
03:51 | तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु
"ls space /home/anirban " enter नुदतु च |
04:07 | येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति |
04:12 | अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
04:17 | यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- |
04:27 | टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु |
04:55 | अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् |
05:11 | यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु -
"ls/home/anirban " enter नुदतु च |
05:25 | येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति |
05:30 | पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
05:37 | अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति |
05:44 | वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च |
05:53 | अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च |
06:16 | अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् |
06:30 | भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च |
06:52 | भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति |
06:58 | cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: |
07:07 | प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: |
07:12 | पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति |
07:23 | उदाहरणं पश्याम: |
07:27 | अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: |
07:36 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च |
07:51 | output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , |
07:54 | सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: |
08:02 | किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते |
08:07 | अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च |
08:25 | इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च |
08:37 | भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: |
08:45 | test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च |
08:57 | test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति |
09:01 | अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: |
09:05 | अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते |
09:14 | अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? |
09:19 | ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति |
09:25 | अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते |
09:32 | वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति |
09:43 | अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति |
09:47 | असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? |
09:53 | अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति |
09:57 | सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् |
10:00 | तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते |
10:05 | mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति |
10:17 | वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च |
10:32 | अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् |
10:40 | यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् |
10:49 | यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: |
10:54 | तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: |
10:59 | चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: |
11:08 | वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च |
11:21 | भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते |
11:30 | यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् |
11:37 | cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् |
11:47 | अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
11:52 | चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति |
12:03 | तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च |
12:09 | पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: |
12:24 | अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति |
12:32 | तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च |
12:58 | तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च |
13:06 | भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च |
13:14 | अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम |
13:22 | mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् |
13:34 | अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति |
13:44 | rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते |
13:52 | terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. |
14:00 | वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: |
14:09 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम:
"$ rm testdir/faq.txt " , enter नुदतु च |
14:23 | अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् |
14:32 | सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च |
14:47 | वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति |
14:51 | वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: |
14:57 | testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च |
15:03 | चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: |
15:09 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च |
15:31 | अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति |
15:39 | तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् |
15:53 | अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: |
15:58 | अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम |
16:02 | इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: |
16:04 | एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: |
16:11 | नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: |
16:19 | अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: |
16:24 | कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् |
16:41 | अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति |
16:52 | terminal प्रति गच्छाम: |
16:57 | संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति |
17:05 | किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति |
17:12 | यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? |
17:19 | एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे |
17:23 | अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च |
17:31 | output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: |
17:39 | किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: |
17:47 | टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु |
18:00 | अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति |
18:06 | अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम |
18:11 | cmp इति आदेश: |
18:13 | कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: |
18:22 | तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति |
18:28 | एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
18:33 | अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते |
18:38 | file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. |
18:47 | यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते |
18:55 | केवलं संसूचकं दरीदृश्येत |
18:58 | यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत |
19:10 | पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति |
19:19 | पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? |
19:22 | टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च ,
अस्यां “This is a Linux file to test the cmp command” इति लिखितमस्ति |
19:34 | अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च |
19:44 | अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् |
19:50 | अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
19:55 | वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च |
20:08 | वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते |
20:16 | अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: |
20:22 | wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति |
20:26 | सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते |
20:34 | अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति |
20:39 | तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च |
20:50 | एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! |
20:54 | अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
20:59 | तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च |
21:10 | आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति |
21:22 | सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति |
21:27 | इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति |
21:36 | man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि |
21:44 | अनेन पाठ: असौ समाप्यते |
21:48 | Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: |
22:02 | अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते |
22:18 | एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! |