Difference between revisions of "LaTeX/C2/What-is-Compiling/Hindi"
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|स्पोकन ट्युटोरियल गतिविधि “टॉक-टू-अ-टीचर” (Talk to a Teacher) परियोजना की पहल है, जो सीड़ीप, आईआईटी बम्बई (CDEEP, IIT Bombay) द्वारा समन्वय किया जा रहा है। | |स्पोकन ट्युटोरियल गतिविधि “टॉक-टू-अ-टीचर” (Talk to a Teacher) परियोजना की पहल है, जो सीड़ीप, आईआईटी बम्बई (CDEEP, IIT Bombay) द्वारा समन्वय किया जा रहा है। |
Latest revision as of 14:21, 16 September 2014
Time | Narration |
00:00 | इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है। |
00:05 | यह ट्युटोरियल आप को लेटेक में एक सरल डोक्युमेंट बनाने की प्रक्रिया सिखाएगा। |
00:13 | (Mac OSX) मॅक ओ-एस-एक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में यह प्रक्रिया समझाया जाएगा। |
00:18 | ऐसी प्रक्रियाँएं दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टमस में भी मौजुद हैं – उदाहरण के लिए लिनक्स और विन्ड़ोज़। |
00:26 | सबसे पहले आप अपने ऐड़िटर के द्वारा एक स्रोत फ़ाइल अथ्वा सोर्स फ़ाइल (source file) का निर्माण करें। |
00:32 | मेरा प्रिय ऐड़िटर (Emacs)“ई-मैक्स” है। मैंने इस फ़ाइल को “हेलो डॉट टेक” का नाम दिया है। |
00:39 | इस फ़ाइल का एक्स्टेंशन “टेक” (tex) है। हांलांकि, इसके अक्षर टी-इ-एक्स हैं, परंतु इसका उच्चारण टेक है। यह एक्स्टेंशन लेटेक में व्यक्तिक्रम रुप से होता है। |
00:52 | लेटेक को यह बताना आवश्यक है कि हमें किस डोक्युमेंट क्लास में दिलचस्पी है। |
00:58 | मैं “आरटिकल क्लास” (article class) का उपयोग करुँगी – इस तरह। |
01:02 | अब मैं कमप्युटर पर इसको सुरक्षित करुँगी। लेटेक में अन्य क्लासेज़ भी मौजुद हैं। |
01:09 | हम अगले कुछ ट्युटोरियलस में इन से परिचित होंगे। |
01:14 | मैं बारह फ़ोंट साइज़ (font size) या हस्ताक्षर प्रणाली दरजे का चुनाव करती हूँ। |
01:20 | दस या ग्यारह भी लोकप्रिय हस्ताक्षर प्रणाली दरजें हैं। अब इस आदेश से मैं डोक्युमेंट की शुरुवात करती हूँ.........और टेक्स्ट (text) अथ्वा मूल पाठ को टाइप करती हूँ – हेलो वर्लड। |
01:35 | यहाँ इस आदेश से मैं डोक्युमेंट को समाप्त करती हूँ और कमप्युटर पर इसको सुरक्षित करती हूँ। |
01:42 | जो भी मूल पाठ बिगिन डोक्युमेंट (begin document) और ऐंड डोक्युमेंट (end document) आदेशों के बीच आतें हैं, वही आखरी प्रक्षेपण में दिखाई देंगे। |
01:52 | यह सोर्स फ़ाइल (source file) अथ्वा स्रोत फ़ाइल है और मैंने इसे “हॅलो डॊट टेक” (hello.tex) का नाम दिया है। |
01:58 | अब “पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक” (pdf latex) आदेश से मैं इसका संचय करूँगी। |
02:04 | मैं यहाँ पर इस आदेश को टाइप करूँगी – “पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक हॅलो डॊट टेक” (pdf.latex hello.tex.) |
02:11 | संचय करने के लिए पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक हॅलो बिना टेक ऐक्स्टेंशन का आदेश भी दिया जा सकता है। |
02:18 | लेटेक व्यक्तिक्रम रुप से टेक ऐक्स्टेंशन का उपयोग करेगा। |
02:23 | पी-ड़ी-ऐफ़ लेटेक इस आदेश के द्वारा लेटेक के स्रोत फ़ाइल से पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल का निर्माण होता है। |
02:31 | इस आदेश का पालन होने पर, लेटेक कुछ सूचनात्मक प्रक्षेपण भी देता है। |
02:38 | जैसे कि आप देख रहे हैं, इन सूचनाओं को “हॅलो डॊट लॊग” (hello.log)फ़ाइल में सुरक्षीत किया गया है। |
02:46 | इस बात पर ध्यान दें कि हॅलो शब्द हमारे द्वारा निर्माण किए गए हर फ़ाइल में है। |
02:52 | अब हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को खोलें। मेरे मॅक सिस्टम पर मैं “स्किम हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़” (skim hello.pdf) आदेश के द्वारा यह करुँगी। |
03:02 | “स्किम” मॅक ओ-एस-एक्स में उप्लब्द एक निशुल्क पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र है। |
03:07 | इस आदेश को देने से स्किम हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को खोलती है। |
03:13 | इस में केवल एक ही पंक्ती है – हेलो वर्लड (hello world). आइए, इसे ज़ूम करके निकट से देखें। |
03:23 | स्किम खुली हुई पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल की आधुनिक्तम पाठांथर दिखाती है। |
03:28 | उदाहरण के लिए – अगर मैं कोई परिवर्तन करती हूँ, जैसे यहाँ पर एक और हॆलो वर्लड टाइप करती हूँ, |
03:40 | उसे सुरक्षीत करती हूँ और उसका संचय करती हूँ – |
03:47 | इसके लिए माफ़ी चाहती हूँ - तो यह यहाँ पर प्रतीत होता है। |
03:54 | अब मैं इसे मिटा देती हूँ और सुरक्षीत करके इसका संचय करती हूँ। अब पहले जैसे एक ही हॆलो वर्लड दिखाई देता है। |
04:07 | इस बात पर पुरा ध्यान दें कि मैं, हर बार आदेशों को सुरक्षीत करने के बाद ही संचय करती हूँ। |
04:14 | अगर संचालन आदेशों को सुरक्षीत करने से पहले किया जाएगा, तो कोई भी परिवर्तन दिखाई नहीं देगा। |
04:23 | मैंने इस स्पोकन ट्युटोरियल के लिए इन तीन खिड़कियों को इस तरह से सजाया है। |
04:30 | लेकिन डोक्युमेंट्स के निर्माण के लिए इन्हें इस तरह सजाना आवश्यक नहीं है। |
04:36 | इस बात को भी समझें कि आप कोई भी ऐड़िटर या पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र का प्रयोग कर सकतें हैं। |
04:43 | लेटेक को उपयोग करने के लिए इन चरणों का प्रयोग करें - स्रोत फ़ाइल का निर्माण, संचय और पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल का अवलोकन। |
05:01 | मैं आप को प्रोत्साहित करती हूँ कि आप स्रोत फ़ाइल को परिवर्तित करके इन चरणों का प्रयोग करें। |
05:09 | आप बिगिन डॊक्युमेंट और ऐंड़ डॊक्युमेंट आदेशों के बीच अन्य आदेश जोड़ना चाहें तो अवश्य जोड़ें। |
05:18 | आप हॆलो डॉट लॉग फ़ाइल को भी देखें। |
05:22 | अब मैं आप के सामने एक प्रेज़ेंटेशन प्रस्तुत करती हूँ, जिसमें मैं आप को लेटेक के गुण बताऊँगी। |
05:29 | पहले मैं इन खिड़कियों को बंद करती हूँ। लेटेक एक उम्दा टाइप-सेटिंग सॉफ़्टवेयर है। |
05:36 | लेटेक द्वारा तैयार किए गए डॊक्युमेंट्स उत्कृष्ठ हैं। लेटेक बिना मूल्य और ओपन- सोर्स सॉफ़्टवेयर है। |
05:46 | यह विन्डोज़ और युनिक्स सिस्टम्स में उपलब्ध है, जिनमें मॉक और लिनक्स शामील है। |
05:52 | लेटेक में कुछ खास खुबियाँ हैं जैसे समीकरण, अध्याय, विभाग, आँकड़े, टेबल्स, इत्यादी को स्वचलित सुची बद्ध करना। |
06:04 | डॊक्युमेंट्स जिनमें बहुत सारे समीकरण हैं, उन्हें लेटेक द्वारा आसानी से तैयार किया जा सकता है। |
06:11 | अन्य रुप एवं आकार वाले बिब्लियॉग्रफ़ी भी सरलता से लेटेक द्वारा तैयार किया जा सकता है। |
06:18 | लेटेक डॊक्युमेंट के रुप एवं आकार का ध्यान रखता है, इस लिए प्रयोगकरता अन्य महत्त्वपूर्ण गतिविधियों पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं – जैसे कि सूचना-प्रचारण और योजनाओं का तार्किक अनुक्रम करना। |
06:34 | लेटेक पर अन्य मौखिक अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियलस भी उप्लब्ध हैं। |
06:39 | आप “मौदगल्या डॉट ओ-आर-जी” साइट पर निम्नलिखित ट्युटोरियलस पाएँगे – वॉट इज़ कॉम्पायलेशन, लेटर राइटिंग, रिपोर्ट राइटिंग, मॆथमाटिकल टाइप-सेटिंग, इकुएशन, टेबल्स एंड़ फ़िगर्ज़, हाउ टु क्रिएट बिब्लियॉग्रफ़ी, इंसाइड़ स्र्टोरी ऒफ़ बिब्लियॉग्रफ़ी। |
06:57 | सर्वोत्म परिणाम के लिए मैं इस व्यवसथा की सिफ़ारिश करूँगी। |
07:02 | आप को इन ट्युटोरियलस के स्रोत फ़ाइल्स भी इस साइट पर मिलेंगें। |
07:07 | मैं एक और ट्युटोरियल जोड़ना चाहती हूँ जिसमें विंडोज़ ऒपरेटिंग सिस्टम पर लेटेक को चलाने की विधियाँ बताई गई है। |
07:15 | भविष्य में अन्य ट्युटोरियलस भी जोड़े जाएँगें जैसे कि बीमर की स्लाइड़ प्रेज़ेंटेशन। |
07:22 | यह प्रॆसंटेशन लेटेक द्वारा बीमर में बनाई गई है। |
07:27 | कुछ टिप्पणियाँ – बहुत सारे स्पोकन ट्युटोरियलस का अभ्यास करें। |
07:33 | उन्हें सामानांतर प्रैक्टिस करें। |
07:35 | किसी संक्रियात्मक फ़ाइल से शुरु करें और उसमें एक-एक करके परिवर्तन करें। |
07:42 | उसे सुरक्षित करें और उसका संचालन करें। |
07:46 | इस बात का सुनिश्चय करें कि आपने जो भी परिवर्तन किया है, वह काम कर रहा है और उसके बाद ही अन्य परिवर्तन करें। |
07:57 | भुलियेगा नहीं - सोर्स फ़ाइल की सुरक्षा करने के बाद ही संचय करें। |
08:02 | लेटेक पर अनेक किताबें हैं जिनमें से मैं दो की सिफ़ारिश करती हूँ – पहला – लेटेक के प्रमुख सृष्टिकर्त्ता “लॆज़्ली लॆम्पर्ट” (Leslie Lampart) द्वारा लिखा गया। |
08:15 | यह किताब कम लागत के भारतीय संस्करण में भी उप्लब्द है। |
08:20 | उन्नत उपयोगकर्ताएं “द लेटेक कम्पॆनियन” (The Latex Companion) इस पुस्तक का परामर्श करें। |
08:26 | अक्सर, इंटरनॆट की खोज पर पायी जाने वाली पहली किताब लेटेक के अभ्यास के लिए काफ़ी है। |
08:34 | सभी लेटेक संबंधित जानकारी के लिए मुख्य साइट है “सी-टॆन डॉट और्ग” (ctan.org)।
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08:41 | इस परियोजना के लिए फ़ंड़, आईसीटी के माध्यम से, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है। |
08:52 | इस मिशन का “यु-आर-एल डबल्यु-डबल्यु-डबल्यु डॉट साक्षात डॉट ए-सी डॉट इन” (www.sakshat.ac.in) है। |
08:58 | स्पोकन ट्युटोरियल गतिविधि “टॉक-टू-अ-टीचर” (Talk to a Teacher) परियोजना की पहल है, जो सीड़ीप, आईआईटी बम्बई (CDEEP, IIT Bombay) द्वारा समन्वय किया जा रहा है। |
09:07 | स्पोकन ट्युटोरियल का उपयोग सॉफ्टवेयर विकास को लोकप्रिय बनाने में किया जाएगा और यह कार्य “डबल्यु-डबल्यु-डबल्यु डॉट फॉस्सी डॉट इन” (www.fossee.in) द्वारा समन्वय किया जाएगा। |
09:20 | “फॉस्सी” का पूर्ण रूप “फ़्री एंड़ ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर इन सायन्स एंड़ इंजिनीयरिंग ऐड्युकेशन” है। |
09:26 | यह परियोजना भी इस मिशन द्वारा समर्थित है। |
09:31 | अन्य स्पोकन ट्यूटोरियलस और उनके अन्य भाषाओं में अनुवाद के लिए इन कड़ियों को देखते रहें। यहाँ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ। |
09:41 | इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद। |