Difference between revisions of "LaTeX-Old-Version/C2/What-is-Compiling/Marathi"
From Script | Spoken-Tutorial
(Created page with 'कंपाइलेशन म्हणजे काय? ला टेक वापरून साधे डॉक्युमेंट कसे निर्माण कर…') |
Nancyvarkey (Talk | contribs) m (Nancyvarkey moved page LaTeX/C2/What-is-Compiling/Marathi to LaTeX-Old-Version/C2/What-is-Compiling/Marathi without leaving a redirect) |
||
| (4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
| Line 1: | Line 1: | ||
| − | + | {| border=1 | |
| − | + | |'''Time''' | |
| − | + | |'''Narration''' | |
| − | + | |- | |
| − | पहिली गोष्ट म्हणजे | + | |00:00 |
| − | + | |लेटेक वापरून साधे डॉक्युमेंट कसे निर्माण करावे हे समजावून देणाऱ्या ट्युटोरियलमध्ये आपले स्वागत. | |
| − | मी डॉक्युमेंट ची सुरुवात करते. मी हॅलो वर्ल्ड हे | + | |- |
| − | + | |00:08 | |
| − | आपण जुळणी करण्यासाठी पी डी एफ | + | |मी ही क्रिया मॅक ओ एस एक्स मधे कशी करावी हे समजावणार आहे. |
| − | + | |- | |
| − | माझ्या मॅक सिस्टिम मधे मी हे स्किम हॅलो.पीडीएफ अशी आज्ञा देऊन | + | |00:13 |
| − | + | |लिनक्स आणि विंडोज या इतर ऑपरेटिंग सिस्टिम्स मधे अशाच पद्धती उपलब्ध आहेत. | |
| − | या | + | |- |
| − | + | |00:19 | |
| − | मी आता हे | + | |सर्व प्रथम तुमचा संपादक वापरून तुम्ही सोर्स फाइल बनविणे आवश्यक आहे. |
| − | + | |- | |
| − | मी | + | |00:24 |
| − | + | |ईमॅक्स हा माझा आवडता संपादक आहे. मी या फाइल चे नाव हॅलो डॉट टेक ठेवले. फाइल चे एक्स्टेंशन टेक आहे. याचे स्पेलिंग टी-ई-एक्स असले तरी उच्चार टेक आहे. हे लेटेक करता सामान्य आहे. | |
| − | + | |- | |
| − | + | |00:40 | |
| − | काही टिपा ः शक्य तितकी अधिक | + | |पहिली गोष्ट म्हणजे लेटेक ला सांगणे की आपल्याला कोणत्या प्रकारचे डॉक्युमेंट बनवायचे आहे. |
| − | + | |- | |
| − | + | |00:46 | |
| − | + | |मी खालील बाबी ठरविते. | |
| − | + | |- | |
| − | + | |01:01 | |
| − | + | |सेव्ह करते. | |
| − | संगणक | + | |- |
| − | + | |01:03 | |
| − | याचबरोबर आपले हे | + | |या शिवाय इतर अनेक प्रकार आहेत. |
| + | |- | ||
| + | |01:06 | ||
| + | |इतर ट्युटोरियलमध्ये ते आपण बघणार आहोत. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:10 | ||
| + | |मी बारा हे अक्षराचे आकारमान वापरले आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:14 | ||
| + | |लेटेक मधे अकरा आणि दहा हे दोन लहान आकारही लोकप्रिय आहेत. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:23 | ||
| + | |मी डॉक्युमेंट ची सुरुवात करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:29 | ||
| + | |मी हॅलो वर्ल्ड हे टाईप करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:34 | ||
| + | |डॉक्युमेंट संपवते. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:36 | ||
| + | |सेव्ह करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:39 | ||
| + | |बिगिन आणि एण्ड या आज्ञांच्या मधे जे काही येईल तेच अखेरच्या निर्मितीत दिसेल. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:47 | ||
| + | |याला सोर्स फाइल असे म्हणतात. मी हॅलो डॉट टेक हे नाव दिले. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:51 | ||
| + | |पी डी एफ लेटेक ही आज्ञा वापरून आपण हे कंपाइल करू. | ||
| + | |- | ||
| + | |01:55 | ||
| + | |आपण इथे येऊन पी डी एफ लेटेक हॅलो डॉट टेक ही आज्ञा देऊ. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:08 | ||
| + | |आपण जुळणी करण्यासाठी पी डी एफ लेटेक हॅलो ही आज्ञा टेक या एक्स्टेंशन शिवाय ही वापरु शकतो. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:23 | ||
| + | |अशा वेळी टेक हे सामान्य एक्स्टेंशन वापरले जाईल. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:28 | ||
| + | |पी डी एफ लेटेक ही आज्ञा लेटेक सोर्स फाइल पासून पी डी एफ फाइल निर्माण करण्यासाठी वापरतात. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:35 | ||
| + | |या आज्ञेनंतर लेटेक काही माहिती दर्शविते, हे संदेश हॅलो.लॉग या फाइल मधे नंतर पाहता यावेत म्हणून साठविले जातात. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:48 | ||
| + | |आतापर्यंत निर्माण केलेल्या सर्व फाइल्स मध्ये हॅलो हा शब्द आहे हे लक्षात घ्या. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:53 | ||
| + | |आता आपण हॅलो.पीडीएफ ही फाइल उघडू. | ||
| + | |- | ||
| + | |02:57 | ||
| + | |माझ्या मॅक सिस्टिम मधे मी हे स्किम हॅलो.पीडीएफ अशी आज्ञा देऊन करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:12 | ||
| + | |स्किम हा मॅक ओएसएक्स मधील विनामूल्य पीडीएफ वाचक आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:18 | ||
| + | |ही आज्ञा दिल्यावर स्किम हॅलो.पीडीएफ ही फाइल उघडते. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:22 | ||
| + | |त्यात अपेक्षेप्रमाणे फक्त एक ओळ आहे. मी ही फाइल मोठी करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:33 | ||
| + | |स्किम उघडलेल्या फाइलची नवीनतम आवृत्ती दाखवतो. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:37 | ||
| + | |उदाहरणादाखल मी यात बदल करते, मी अजून एक हॅलो वर्ल्ड इथे लिहिते. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:48 | ||
| + | |मी हे सेव्ह करते आणि संकलित करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |03:56 | ||
| + | |मी हे मान्य करते. फाईल अद्ययावत झाली. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:01 | ||
| + | |मी हे खोडते, पुन्हा सेव्ह करते आणि संकलित करते. आता पुन्हा मूळ फाइल दिसू लागली. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:14 | ||
| + | |लक्षात घ्या की मी दरवेळी संकलित करण्याआधी ती सेव्ह केली. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:21 | ||
| + | |तुम्ही आधी सेव्ह करता आणि मग संकलित करता. तुम्ही सेव्ह केले नाहीतर अगोदर सेव्ह केल्यानंतर तुम्ही केलेले कोणतेही बदल संकलित आवृत्तीत दिसणार नाहीत. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:30 | ||
| + | |या ट्युटोरियल करता मी तीन चौकटींमधे हे दाखवत आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:36 | ||
| + | |डॉक्युमेन्टस तयार करण्यास अशीच रचना करावी असे नाही. लक्षात घ्या, तुमच्या आवडीनुसार तुम्ही कोणताही संपादक आणि pdf रीडर वापरू शकता. | ||
| + | |- | ||
| + | |04:45 | ||
| + | |लेटेक वापरताना या पायऱ्या आवश्यक आहेत ः सोर्स बनविणे, संकलन आणि पीडीएफ फाइल पहाणे. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:08 | ||
| + | |मी तुम्हाला प्रोत्साहित करते कि, सोर्स फाईल परिवर्तीत करून या पायऱ्यांन वरून नजर टाका. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:12 | ||
| + | |तुम्ही सुरवात आणि शेवटच्या डॉक्युमेन्ट मध्ये आणखी काही ओळ जाडू शकता. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:20 | ||
| + | |हॅलो.लॉग ही फाइल पहाण्याची तुम्हाला इच्छा असेल. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:24 | ||
| + | |मी आता हे ट्युटोरियल एका सादरीकरणा सहित पुढे नेते. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:28 | ||
| + | |अगोदर , मला हे डिलीट करू द्या. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:38 | ||
| + | |मी लेटेक च्या फायद्यांनी सुरूवात करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:42 | ||
| + | |लेटेक हे अक्षरजुळणीचे उत्कृष्ट साधन आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:47 | ||
| + | |लेटेक वापरून बनवलेल्या डॉक्युमेंटची गुणवत्ता अतुलनीय असते. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:51 | ||
| + | |हे विनामूल्य आणि खुले आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |05:53 | ||
| + | |हे विन्डोज़ आणि युनिक्स सिस्टम्स, तसेच मॉक आणि लिनक्स वर उपलब्ध आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:00 | ||
| + | |लेटेक चे उत्कृष्ट वैशिष्ट आहे, जसे, समीकरण, धडे, विभाग, अंक, टेबल्स, यांना आपोआप अंकित करते. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:08 | ||
| + | |डॉक्युमेन्टस सह, अनेक गणिती समीकरणे लेटेक मध्ये सहज निर्माण करू शकता. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:13 | ||
| + | |ग्रंथसूची चे विविध प्रकार बनविणे यात खूपच सोपे आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:19 | ||
| + | |लेटेक संरचनेची काळजी घेत असल्याने लेखकाला आपले लक्ष मुद्देसूदपणा आणि ज्ञानसाधनांची निर्मिती या महत्वाच्या गोष्टींकडे केंद्रित करता येते. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:31 | ||
| + | |लेटेक करिता अधिक ट्युटोरियल उपलब्ध आहे. लेटेक च्या अशा प्रकाराच्या खालील ट्युटोरियलकरिता moudgalya.org या संकेतस्थळाला भेट द्या ः संकलन म्हणजे काय, पत्रलेखन, वार्तालेखन, गणिती अक्षरजुळणी, समीकरणे, तालिका व आकृत्या, ग्रंथसूची कशी बनवाल, आणि ग्रंथसूची बनवण्याच्या युक्त्या. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:53 | ||
| + | |चांगल्या परिणामांसाठी हा क्रम योग्य आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |06:57 | ||
| + | |ही ट्युटोरियल्स बनवण्यासाठी वापरलेल्या सोर्स फाइल्स सुद्धा या संकेतस्थळावर आहेत. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:03 | ||
| + | |लेटेक विंडोज मधे कसे बसवावे यासाठी एक ट्युटोरियल बनवायची आमची योजना आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:09 | ||
| + | |भविष्यात इतर ट्युटोरियलस हि जोडले जातील जसे, बीमर चे स्लाईड प्रेज़ेंटेशन. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:15 | ||
| + | |हे सादरीकरण लेटेक वापरून बीमर मध्ये बनवले आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:21 | ||
| + | |काही टिपा ः शक्य तितकी अधिक ट्युटोरियल्स पहा. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:26 | ||
| + | |सोबत त्यांचा सराव करा. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:28 | ||
| + | |लेटेक ची चालू फाइल वापरून सुरूवात करा. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:31 | ||
| + | |एका वेळी एक बदल करा, सेव करा,संकलित करा, आणि पुढील बदलांपुर्वी केलेले काम व्यवस्तीत आहे, खात्री करा. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:40 | ||
| + | |संकलना पूर्वी सोर्स फाइल सेव्ह करा. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:45 | ||
| + | |लेटेक वरती अनेक पुस्तके आहेत.आम्ही दोन सुचवतो. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:48 | ||
| + | |पहिले लेटेक चे निर्माते लेस्ली लॅम्पर्ट यांचे. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:53 | ||
| + | |हे पुस्तक भारतीय स्वस्त आवृत्ती स्वरूपात उपलब्ध आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |07:57 | ||
| + | |प्रगत मार्गदर्शनासाठी लेटेक कंपॅनिअन हे पुस्तक वापरू शकता. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:03 | ||
| + | |इंटरनेट आणि पुस्तक सामान्यतः अनेक कामांसाठी पुरेसे आहे, परंतु, लेटेक संबंधी माहिती साठी ctan.org साईट आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:15 | ||
| + | |यासाठी अर्थसहाय्य National Mission on Education through ICT द्वारे मिळाले आहे. हि योजना MHRD, Government of India. ने चालविली जाते. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:24 | ||
| + | |याची साईट sakshat.ac.in. आहे. स्पोकन ट्युटोरियल "टॉक-टू-अ-टीचर” या प्रोजेक्ट चा भाग असून, तो सीड़ीप, आईआईटी मुंबई, द्वारे चालतो. cdeep.iitb.ac.in. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:39 | ||
| + | |संगणक कार्यक्रमांच्या विकासासाठी आणि वापरासाठी सहयोग fossee.in करत आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:47 | ||
| + | | Fossee म्हणजे फ्री अँड ओपन सोर्स सॉफ्टवेअर इन सायन्स अँड इंजिनिअरिंग एज्युकेशन हे आहे. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:52 | ||
| + | |हा प्रॉजेक्ट राष्ट्रीय शिक्षण योजनेच्या सहाय्याने चालतो. | ||
| + | |- | ||
| + | |08:57 | ||
| + | |या संकेतस्थळांना अधिक ट्युटोरियल्स व त्यांच्या विविध भाषांमधील अनुवादासाठी नियमित भेट देत रहा. | ||
| + | |- | ||
| + | |09:05 | ||
| + | |याचबरोबर आपले हे ट्युटोरियल संपले. पाहिल्याबद्दल धन्यवाद. मी रंजना भांबळे आयआयटी मुंबई आपली रजा घेते. | ||
| + | |} | ||
Latest revision as of 15:22, 16 October 2019
| Time | Narration |
| 00:00 | लेटेक वापरून साधे डॉक्युमेंट कसे निर्माण करावे हे समजावून देणाऱ्या ट्युटोरियलमध्ये आपले स्वागत. |
| 00:08 | मी ही क्रिया मॅक ओ एस एक्स मधे कशी करावी हे समजावणार आहे. |
| 00:13 | लिनक्स आणि विंडोज या इतर ऑपरेटिंग सिस्टिम्स मधे अशाच पद्धती उपलब्ध आहेत. |
| 00:19 | सर्व प्रथम तुमचा संपादक वापरून तुम्ही सोर्स फाइल बनविणे आवश्यक आहे. |
| 00:24 | ईमॅक्स हा माझा आवडता संपादक आहे. मी या फाइल चे नाव हॅलो डॉट टेक ठेवले. फाइल चे एक्स्टेंशन टेक आहे. याचे स्पेलिंग टी-ई-एक्स असले तरी उच्चार टेक आहे. हे लेटेक करता सामान्य आहे. |
| 00:40 | पहिली गोष्ट म्हणजे लेटेक ला सांगणे की आपल्याला कोणत्या प्रकारचे डॉक्युमेंट बनवायचे आहे. |
| 00:46 | मी खालील बाबी ठरविते. |
| 01:01 | सेव्ह करते. |
| 01:03 | या शिवाय इतर अनेक प्रकार आहेत. |
| 01:06 | इतर ट्युटोरियलमध्ये ते आपण बघणार आहोत. |
| 01:10 | मी बारा हे अक्षराचे आकारमान वापरले आहे. |
| 01:14 | लेटेक मधे अकरा आणि दहा हे दोन लहान आकारही लोकप्रिय आहेत. |
| 01:23 | मी डॉक्युमेंट ची सुरुवात करते. |
| 01:29 | मी हॅलो वर्ल्ड हे टाईप करते. |
| 01:34 | डॉक्युमेंट संपवते. |
| 01:36 | सेव्ह करते. |
| 01:39 | बिगिन आणि एण्ड या आज्ञांच्या मधे जे काही येईल तेच अखेरच्या निर्मितीत दिसेल. |
| 01:47 | याला सोर्स फाइल असे म्हणतात. मी हॅलो डॉट टेक हे नाव दिले. |
| 01:51 | पी डी एफ लेटेक ही आज्ञा वापरून आपण हे कंपाइल करू. |
| 01:55 | आपण इथे येऊन पी डी एफ लेटेक हॅलो डॉट टेक ही आज्ञा देऊ. |
| 02:08 | आपण जुळणी करण्यासाठी पी डी एफ लेटेक हॅलो ही आज्ञा टेक या एक्स्टेंशन शिवाय ही वापरु शकतो. |
| 02:23 | अशा वेळी टेक हे सामान्य एक्स्टेंशन वापरले जाईल. |
| 02:28 | पी डी एफ लेटेक ही आज्ञा लेटेक सोर्स फाइल पासून पी डी एफ फाइल निर्माण करण्यासाठी वापरतात. |
| 02:35 | या आज्ञेनंतर लेटेक काही माहिती दर्शविते, हे संदेश हॅलो.लॉग या फाइल मधे नंतर पाहता यावेत म्हणून साठविले जातात. |
| 02:48 | आतापर्यंत निर्माण केलेल्या सर्व फाइल्स मध्ये हॅलो हा शब्द आहे हे लक्षात घ्या. |
| 02:53 | आता आपण हॅलो.पीडीएफ ही फाइल उघडू. |
| 02:57 | माझ्या मॅक सिस्टिम मधे मी हे स्किम हॅलो.पीडीएफ अशी आज्ञा देऊन करते. |
| 03:12 | स्किम हा मॅक ओएसएक्स मधील विनामूल्य पीडीएफ वाचक आहे. |
| 03:18 | ही आज्ञा दिल्यावर स्किम हॅलो.पीडीएफ ही फाइल उघडते. |
| 03:22 | त्यात अपेक्षेप्रमाणे फक्त एक ओळ आहे. मी ही फाइल मोठी करते. |
| 03:33 | स्किम उघडलेल्या फाइलची नवीनतम आवृत्ती दाखवतो. |
| 03:37 | उदाहरणादाखल मी यात बदल करते, मी अजून एक हॅलो वर्ल्ड इथे लिहिते. |
| 03:48 | मी हे सेव्ह करते आणि संकलित करते. |
| 03:56 | मी हे मान्य करते. फाईल अद्ययावत झाली. |
| 04:01 | मी हे खोडते, पुन्हा सेव्ह करते आणि संकलित करते. आता पुन्हा मूळ फाइल दिसू लागली. |
| 04:14 | लक्षात घ्या की मी दरवेळी संकलित करण्याआधी ती सेव्ह केली. |
| 04:21 | तुम्ही आधी सेव्ह करता आणि मग संकलित करता. तुम्ही सेव्ह केले नाहीतर अगोदर सेव्ह केल्यानंतर तुम्ही केलेले कोणतेही बदल संकलित आवृत्तीत दिसणार नाहीत. |
| 04:30 | या ट्युटोरियल करता मी तीन चौकटींमधे हे दाखवत आहे. |
| 04:36 | डॉक्युमेन्टस तयार करण्यास अशीच रचना करावी असे नाही. लक्षात घ्या, तुमच्या आवडीनुसार तुम्ही कोणताही संपादक आणि pdf रीडर वापरू शकता. |
| 04:45 | लेटेक वापरताना या पायऱ्या आवश्यक आहेत ः सोर्स बनविणे, संकलन आणि पीडीएफ फाइल पहाणे. |
| 05:08 | मी तुम्हाला प्रोत्साहित करते कि, सोर्स फाईल परिवर्तीत करून या पायऱ्यांन वरून नजर टाका. |
| 05:12 | तुम्ही सुरवात आणि शेवटच्या डॉक्युमेन्ट मध्ये आणखी काही ओळ जाडू शकता. |
| 05:20 | हॅलो.लॉग ही फाइल पहाण्याची तुम्हाला इच्छा असेल. |
| 05:24 | मी आता हे ट्युटोरियल एका सादरीकरणा सहित पुढे नेते. |
| 05:28 | अगोदर , मला हे डिलीट करू द्या. |
| 05:38 | मी लेटेक च्या फायद्यांनी सुरूवात करते. |
| 05:42 | लेटेक हे अक्षरजुळणीचे उत्कृष्ट साधन आहे. |
| 05:47 | लेटेक वापरून बनवलेल्या डॉक्युमेंटची गुणवत्ता अतुलनीय असते. |
| 05:51 | हे विनामूल्य आणि खुले आहे. |
| 05:53 | हे विन्डोज़ आणि युनिक्स सिस्टम्स, तसेच मॉक आणि लिनक्स वर उपलब्ध आहे. |
| 06:00 | लेटेक चे उत्कृष्ट वैशिष्ट आहे, जसे, समीकरण, धडे, विभाग, अंक, टेबल्स, यांना आपोआप अंकित करते. |
| 06:08 | डॉक्युमेन्टस सह, अनेक गणिती समीकरणे लेटेक मध्ये सहज निर्माण करू शकता. |
| 06:13 | ग्रंथसूची चे विविध प्रकार बनविणे यात खूपच सोपे आहे. |
| 06:19 | लेटेक संरचनेची काळजी घेत असल्याने लेखकाला आपले लक्ष मुद्देसूदपणा आणि ज्ञानसाधनांची निर्मिती या महत्वाच्या गोष्टींकडे केंद्रित करता येते. |
| 06:31 | लेटेक करिता अधिक ट्युटोरियल उपलब्ध आहे. लेटेक च्या अशा प्रकाराच्या खालील ट्युटोरियलकरिता moudgalya.org या संकेतस्थळाला भेट द्या ः संकलन म्हणजे काय, पत्रलेखन, वार्तालेखन, गणिती अक्षरजुळणी, समीकरणे, तालिका व आकृत्या, ग्रंथसूची कशी बनवाल, आणि ग्रंथसूची बनवण्याच्या युक्त्या. |
| 06:53 | चांगल्या परिणामांसाठी हा क्रम योग्य आहे. |
| 06:57 | ही ट्युटोरियल्स बनवण्यासाठी वापरलेल्या सोर्स फाइल्स सुद्धा या संकेतस्थळावर आहेत. |
| 07:03 | लेटेक विंडोज मधे कसे बसवावे यासाठी एक ट्युटोरियल बनवायची आमची योजना आहे. |
| 07:09 | भविष्यात इतर ट्युटोरियलस हि जोडले जातील जसे, बीमर चे स्लाईड प्रेज़ेंटेशन. |
| 07:15 | हे सादरीकरण लेटेक वापरून बीमर मध्ये बनवले आहे. |
| 07:21 | काही टिपा ः शक्य तितकी अधिक ट्युटोरियल्स पहा. |
| 07:26 | सोबत त्यांचा सराव करा. |
| 07:28 | लेटेक ची चालू फाइल वापरून सुरूवात करा. |
| 07:31 | एका वेळी एक बदल करा, सेव करा,संकलित करा, आणि पुढील बदलांपुर्वी केलेले काम व्यवस्तीत आहे, खात्री करा. |
| 07:40 | संकलना पूर्वी सोर्स फाइल सेव्ह करा. |
| 07:45 | लेटेक वरती अनेक पुस्तके आहेत.आम्ही दोन सुचवतो. |
| 07:48 | पहिले लेटेक चे निर्माते लेस्ली लॅम्पर्ट यांचे. |
| 07:53 | हे पुस्तक भारतीय स्वस्त आवृत्ती स्वरूपात उपलब्ध आहे. |
| 07:57 | प्रगत मार्गदर्शनासाठी लेटेक कंपॅनिअन हे पुस्तक वापरू शकता. |
| 08:03 | इंटरनेट आणि पुस्तक सामान्यतः अनेक कामांसाठी पुरेसे आहे, परंतु, लेटेक संबंधी माहिती साठी ctan.org साईट आहे. |
| 08:15 | यासाठी अर्थसहाय्य National Mission on Education through ICT द्वारे मिळाले आहे. हि योजना MHRD, Government of India. ने चालविली जाते. |
| 08:24 | याची साईट sakshat.ac.in. आहे. स्पोकन ट्युटोरियल "टॉक-टू-अ-टीचर” या प्रोजेक्ट चा भाग असून, तो सीड़ीप, आईआईटी मुंबई, द्वारे चालतो. cdeep.iitb.ac.in. |
| 08:39 | संगणक कार्यक्रमांच्या विकासासाठी आणि वापरासाठी सहयोग fossee.in करत आहे. |
| 08:47 | Fossee म्हणजे फ्री अँड ओपन सोर्स सॉफ्टवेअर इन सायन्स अँड इंजिनिअरिंग एज्युकेशन हे आहे. |
| 08:52 | हा प्रॉजेक्ट राष्ट्रीय शिक्षण योजनेच्या सहाय्याने चालतो. |
| 08:57 | या संकेतस्थळांना अधिक ट्युटोरियल्स व त्यांच्या विविध भाषांमधील अनुवादासाठी नियमित भेट देत रहा. |
| 09:05 | याचबरोबर आपले हे ट्युटोरियल संपले. पाहिल्याबद्दल धन्यवाद. मी रंजना भांबळे आयआयटी मुंबई आपली रजा घेते. |