Difference between revisions of "LibreOffice-Suite-Calc/C3/Formulas-and-Functions/Sanskrit"
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||‘लिब्रे आफिस् क्याल्क्’ मध्ये सूत्राणि, तेषां कार्याणि च बोध्यमानं प्रशिक्षणं प्रति स्वागतम्। | ||‘लिब्रे आफिस् क्याल्क्’ मध्ये सूत्राणि, तेषां कार्याणि च बोध्यमानं प्रशिक्षणं प्रति स्वागतम्। | ||
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||00:07 | ||00:07 | ||
| − | ||प्रशिक्षणेऽस्मिन् वयं | + | ||प्रशिक्षणेऽस्मिन् वयं निबन्धनात्मकम् आपरेटर (कंडीषनल् आपरेटर्), If, Or निर्बन्धानामुपयोगः, संख्याशास्त्रस्य मूलभूतकार्याणि अपि च संख्यासमीकरणम् इत्यादिकं ज्ञास्यामः। |
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||00:19 | ||00:19 | ||
||अत्र वयम् ‘उबंटु लिनक्स्’ इत्यस्य ‘10.04’ तमम् आवृत्तिं ‘लिब्रे आफिस् सूट्’ इत्यस्य ‘3.3.4’ तमम् आवृत्तिं उपयुञ्जामहे। | ||अत्र वयम् ‘उबंटु लिनक्स्’ इत्यस्य ‘10.04’ तमम् आवृत्तिं ‘लिब्रे आफिस् सूट्’ इत्यस्य ‘3.3.4’ तमम् आवृत्तिं उपयुञ्जामहे। | ||
| + | |||
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||00:30 | ||00:30 | ||
||वयमेतावता एव ‘दत्तांशानां संयोजनम्, वियोजनम्, मध्यमांशः’ इत्येवं यानि अङ्कगणितीय-मूलभूतकर्याणि सन्ति तानि ज्ञातवन्तः स्मः। | ||वयमेतावता एव ‘दत्तांशानां संयोजनम्, वियोजनम्, मध्यमांशः’ इत्येवं यानि अङ्कगणितीय-मूलभूतकर्याणि सन्ति तानि ज्ञातवन्तः स्मः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||00:39 | ||00:39 | ||
||सम्प्रति इतराणि कानिचन कार्याणि अभ्यसामः। | ||सम्प्रति इतराणि कानिचन कार्याणि अभ्यसामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||00:43 | ||00:43 | ||
||तत्र सामान्यतः निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् उपयुज्यते। | ||तत्र सामान्यतः निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् उपयुज्यते। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||00:51 | ||00:51 | ||
| − | ||निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् , | + | ||निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् , दत्तांशानामुपरि उपयोक्तुः निबन्धनान् परिशीलयति। |
| − | दत्तांशानामुपरि उपयोक्तुः निबन्धनान् परिशीलयति। | + | |
|- | |- | ||
||00:56 | ||00:56 | ||
||अपि च TRUE अथवा FALSE इति फलितांशान् प्रकटयति। | ||अपि च TRUE अथवा FALSE इति फलितांशान् प्रकटयति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:01 | ||01:01 | ||
| − | || “Personal-Finance-Tracker.ods” उद्घाटयामः। | + | ||“Personal-Finance-Tracker.ods” उद्घाटयामः। |
| + | |||
|- | |- | ||
||01:05 | ||01:05 | ||
||अत्र, “Cost” इति शीर्षकस्य अधः ,केषाञ्चन वस्तूनां मौल्यानां पट्टिका कृता। | ||अत्र, “Cost” इति शीर्षकस्य अधः ,केषाञ्चन वस्तूनां मौल्यानां पट्टिका कृता। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:11 | ||01:11 | ||
||तत्र निबन्धात्मकं (conditional) आपरेटर् इत्यस्य अन्वयं कुर्मः। आगतं च फलितांशं चर्चयामः। | ||तत्र निबन्धात्मकं (conditional) आपरेटर् इत्यस्य अन्वयं कुर्मः। आगतं च फलितांशं चर्चयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:17 | ||01:17 | ||
| − | || “B10” कोशं नुदन्तु। तत्र “Condition Result” इति टङ्कयन्तु। | + | ||“B10” कोशं नुदन्तु। तत्र “Condition Result” इति टङ्कयन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||01:24 | ||01:24 | ||
||अत्र, “C10” कोशं नुदामः। | ||अत्र, “C10” कोशं नुदामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:28 | ||01:28 | ||
||अस्मिन् कोशे उपरि कृतं निबन्धनम् अन्वितं भवति। अपि च अत्रैव प्रदर्शितं भवति। | ||अस्मिन् कोशे उपरि कृतं निबन्धनम् अन्वितं भवति। अपि च अत्रैव प्रदर्शितं भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:33 | ||01:33 | ||
| − | || “House Rent” अस्य मौल्यं 6,000 रूप्यकाणि, | + | ||“House Rent” अस्य मौल्यं 6,000 रूप्यकाणि, |
| + | |||
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||01:38 | ||01:38 | ||
||अपि च “Electricity Bill” अस्य मौल्यं 800 रूप्यकाणि। | ||अपि च “Electricity Bill” अस्य मौल्यं 800 रूप्यकाणि। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||01:43 | ||01:43 | ||
| − | || “House Rent” अस्य मौल्यं “Electricity Bill” अस्य मौल्यात् अधिकमस्ति। | + | ||“House Rent” अस्य मौल्यं “Electricity Bill” अस्य मौल्यात् अधिकमस्ति। |
| + | |||
|- | |- | ||
||01:48 | ||01:48 | ||
||वयं यतयोः उपरि नाना-निबन्धनानि अन्वितानि कृत्वा फलितांशान् प्राप्नुमः। | ||वयं यतयोः उपरि नाना-निबन्धनानि अन्वितानि कृत्वा फलितांशान् प्राप्नुमः। | ||
| + | |||
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||01:54 | ||01:54 | ||
| − | || “C10” कोशं नुदन्तु। | + | ||“C10” कोशं नुदन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||01:57 | ||01:57 | ||
||अस्मिन् कोशे, “ समचिह्नं C3 ग्रेटर् देन् C4 ” इति निबन्धनं टैप् कृत्वा “Enter” इति कीलकं नुदन्तु। | ||अस्मिन् कोशे, “ समचिह्नं C3 ग्रेटर् देन् C4 ” इति निबन्धनं टैप् कृत्वा “Enter” इति कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
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||02:09 | ||02:09 | ||
| − | || C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् अधिकमस्ति, अतः “TRUE” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | + | ||C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् अधिकमस्ति, अतः “TRUE” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| + | |||
|- | |- | ||
||02:18 | ||02:18 | ||
||इदानीं, “समचिह्नं C3 लेस् देन् C4” इति निबन्धनात्मकनिर्देशं परिवर्तयामः। | ||इदानीं, “समचिह्नं C3 लेस् देन् C4” इति निबन्धनात्मकनिर्देशं परिवर्तयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||02:26 | ||02:26 | ||
| − | || “Enter” कीलकं नुदामः। | + | ||“Enter” कीलकं नुदामः। |
| + | |||
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||02:28 | ||02:28 | ||
| − | || “FALSE” इति फलितांशः प्रकट्यते। | + | ||“FALSE” इति फलितांशः प्रकट्यते। |
| + | |||
|- | |- | ||
||02:32 | ||02:32 | ||
||अनया रीत्या वयम्, विविधनिबन्धनात्मकनिर्देशानाम् अन्वयनं कृत्वा फलितांशं परीक्षितुं शक्नुमः। | ||अनया रीत्या वयम्, विविधनिबन्धनात्मकनिर्देशानाम् अन्वयनं कृत्वा फलितांशं परीक्षितुं शक्नुमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||02:38 | ||02:38 | ||
||एतादृशनिर्देशाः अधिकानां दत्तांशानां व्यवहारेषु अनुकूलकराः भवन्ति। | ||एतादृशनिर्देशाः अधिकानां दत्तांशानां व्यवहारेषु अनुकूलकराः भवन्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||02:44 | ||02:44 | ||
||एवमेव भवन्तः दत्तांशानाम् उपरि “If अथवा Or” निबन्धनानि उपयुज्य | ||एवमेव भवन्तः दत्तांशानाम् उपरि “If अथवा Or” निबन्धनानि उपयुज्य | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||02:49 | ||02:49 | ||
||TRUE इति उत्तरद्वारा निबन्धनानुसारं फलितांशान् प्रकटयितुं शक्नुमः। | ||TRUE इति उत्तरद्वारा निबन्धनानुसारं फलितांशान् प्रकटयितुं शक्नुमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||02:55 | ||02:55 | ||
| − | || “C10” कोशं नुदार्मः, | + | ||“C10” कोशं नुदार्मः, |
| + | |||
|- | |- | ||
||02:59 | ||02:59 | ||
| − | || तत्र “समचिह्नं IF” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3 ग्रेटर् देन् C4” इति, अर्धविरामः, पुनः डबल् कोट् अन्तः “Positive” इति, अर्धविरामः, पुनरपि डबल् कोट् अन्तः “Negative” इति च टङ्कयन्तु। | + | ||तत्र “समचिह्नं IF” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3 ग्रेटर् देन् C4” इति, अर्धविरामः, पुनः डबल् कोट् अन्तः “Positive” इति, अर्धविरामः, पुनरपि डबल् कोट् अन्तः “Negative” इति च टङ्कयन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||03:16 | ||03:16 | ||
| − | || C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् यदि अधिकमस्ति तर्हि, “Positive” इति | + | ||C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् यदि अधिकमस्ति तर्हि, “Positive” इति |
| + | |||
|- | |- | ||
||03:25 | ||03:25 | ||
||नो चेत् “Negative” इति च, प्रदर्शितमस्ति। | ||नो चेत् “Negative” इति च, प्रदर्शितमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||03:28 | ||03:28 | ||
| − | || “Enter” कीलकं नुदामः। | + | ||“Enter” कीलकं नुदामः। |
| + | |||
|- | |- | ||
||03:31 | ||03:31 | ||
| − | || 6000 रूप्यकाणि 800 रूप्यकाणामपेक्षया अधिकम् इति कारणात् “Positive” फलितांशः आयाति। | + | ||6000 रूप्यकाणि 800 रूप्यकाणामपेक्षया अधिकम् इति कारणात् “Positive” फलितांशः आयाति। |
| + | |||
|- | |- | ||
||03:39 | ||03:39 | ||
||इदानीं, निबन्धनात्मक-निर्देशं “ग्रेटर् देन्” तः “लेस् देन्” इति परिवर्तयामः। “Enter” कीलकं नुदामः। | ||इदानीं, निबन्धनात्मक-निर्देशं “ग्रेटर् देन्” तः “लेस् देन्” इति परिवर्तयामः। “Enter” कीलकं नुदामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||03:47 | ||03:47 | ||
| − | || C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशस्थमौल्यात् अधिकमस्ति इति कारणात् “Negative” इति फलितांशः आयाति। | + | ||C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशस्थमौल्यात् अधिकमस्ति इति कारणात् “Negative” इति फलितांशः आयाति। |
| + | |||
|- | |- | ||
||03:57 | ||03:57 | ||
| − | || C3 , C4 कोशयोः विद्यमाने मौल्ये यदि परिवर्तयामः तर्हि फलितांशे अपि परिवर्तनं द्रष्टुं शक्नुमः। | + | ||C3 , C4 कोशयोः विद्यमाने मौल्ये यदि परिवर्तयामः तर्हि फलितांशे अपि परिवर्तनं द्रष्टुं शक्नुमः। |
| + | |||
|- | |- | ||
||04:04 | ||04:04 | ||
| − | || “Negative” इति फलितांशः प्रकटितः वर्तते। | + | ||“Negative” इति फलितांशः प्रकटितः वर्तते। |
| + | |||
|- | |- | ||
||04:09 | ||04:09 | ||
||इदानीं, C4 कोशस्थं मौल्यं “7000” रूप्यकाणि प्रति वर्धयामः। अपि च “Enter” कीलकं नुदामः। | ||इदानीं, C4 कोशस्थं मौल्यं “7000” रूप्यकाणि प्रति वर्धयामः। अपि च “Enter” कीलकं नुदामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:17 | ||04:17 | ||
||इदानीं फलितांशः स्वतः “Positive” इति परिवर्तितं भवति। | ||इदानीं फलितांशः स्वतः “Positive” इति परिवर्तितं भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:22 | ||04:22 | ||
||पुनरपि, C4 कोशस्थं मौल्यं “800” रूप्यकाणि प्रति न्यूनीकृत्य | ||पुनरपि, C4 कोशस्थं मौल्यं “800” रूप्यकाणि प्रति न्यूनीकृत्य | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:26 | ||04:26 | ||
||“Enter” कीलकं नुदामः। | ||“Enter” कीलकं नुदामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:29 | ||04:29 | ||
||फलितांशः स्वतः प्राग्वत् “Negative” इति परिवर्तितं भवति। | ||फलितांशः स्वतः प्राग्वत् “Negative” इति परिवर्तितं भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:34 | ||04:34 | ||
||सम्प्रति कृतानि सर्वाणि परिवर्तनानि डिलीट् कुर्मः। | ||सम्प्रति कृतानि सर्वाणि परिवर्तनानि डिलीट् कुर्मः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:38 | ||04:38 | ||
||अग्रे, अङ्कगणितस्य (arithmetic) संख्याशास्त्रस्य (statistic) च कार्याणि अभ्यसामः। | ||अग्रे, अङ्कगणितस्य (arithmetic) संख्याशास्त्रस्य (statistic) च कार्याणि अभ्यसामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||04:43 | ||04:43 | ||
| − | ||अङ्कगणितस्य मूलभूतानि कार्याणि नाम- | + | ||अङ्कगणितस्य मूलभूतानि कार्याणि नाम- संयोजनम् SUM, गुणाकारः PRODUCT, भागाकारः QUOTIENT अपि च प्राक्तन-प्रशिक्षणेषु अधीतानि अन्यानि कार्याणि। |
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
|- | |- | ||
||04:57 | ||04:57 | ||
| − | || इदानीं Sum, Product तथा Quotient (कोशंट्) एतेषां कार्याणि परिशीलयितुं किञ्चित् अभ्यासं कुर्मः। | + | ||इदानीं Sum, Product तथा Quotient (कोशंट्) एतेषां कार्याणि परिशीलयितुं किञ्चित् अभ्यासं कुर्मः। |
| + | |||
|- | |- | ||
||05:05 | ||05:05 | ||
|| “Sheet 3” चिन्वन्तु। | || “Sheet 3” चिन्वन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:08 | ||05:08 | ||
| − | || “50”,”100” तथा ”150” एताः संख्याः क्रमात् “B1”, “B2” , “B3” कोशेषु लिखामः। | + | ||“50”,”100” तथा ”150” एताः संख्याः क्रमात् “B1”, “B2” , “B3” कोशेषु लिखामः। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |05:19 | + | ||05:19 |
||“A4” कोशं नुदन्तु। तत्र “SUM” इति टङ्कयन्तु। | ||“A4” कोशं नुदन्तु। तत्र “SUM” इति टङ्कयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:23 | ||05:23 | ||
||“B4” कोशं नुदन्तु। | ||“B4” कोशं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:26 | ||05:26 | ||
||अस्मिन् कोशे एव अस्मभिः फलितांशस्य गणना (compute) कार्या। | ||अस्मिन् कोशे एव अस्मभिः फलितांशस्य गणना (compute) कार्या। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:30 | ||05:30 | ||
||तत्र “समचिह्नं “SUM” इति बन्धकस्य अन्तः B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इति च टङ्कयामः। | ||तत्र “समचिह्नं “SUM” इति बन्धकस्य अन्तः B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इति च टङ्कयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:37 | ||05:37 | ||
||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:39 | ||05:39 | ||
||“300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||“300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:43 | ||05:43 | ||
||भवन्तः कोशस्थमौल्यानां व्याप्तिम् (range) अपि प्राप्तुं शक्नुवन्ति। | ||भवन्तः कोशस्थमौल्यानां व्याप्तिम् (range) अपि प्राप्तुं शक्नुवन्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:47 | ||05:47 | ||
||“B4” कोशं पुनः नुदन्तु। | ||“B4” कोशं पुनः नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:49 | ||05:49 | ||
||इदानीं, बन्धकस्य अन्तः, B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इत्यस्य स्थाने, B1 विवरणात्मकचिह्नं B3 , इति टङ्कयामः। | ||इदानीं, बन्धकस्य अन्तः, B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इत्यस्य स्थाने, B1 विवरणात्मकचिह्नं B3 , इति टङ्कयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||05:58 | ||05:58 | ||
||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:00 | ||06:00 | ||
||पुनः ,“300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||पुनः ,“300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:03 | ||06:03 | ||
||“A5” कोशं नुत्वा “PRODUCT” इति टङ्कयामः। | ||“A5” कोशं नुत्वा “PRODUCT” इति टङ्कयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:08 | ||06:08 | ||
||“B5” कोशं नुदन्तु। | ||“B5” कोशं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:10 | ||06:10 | ||
| − | || अत्र “समचिह्नं” “PRODUCT” इति बन्धकस्य अन्तः B1 “विवरणात्मकचिह्नं” B3 इति च टङ्कयन्तु। | + | ||अत्र “समचिह्नं” “PRODUCT” इति बन्धकस्य अन्तः B1 “विवरणात्मकचिह्नं” B3 इति च टङ्कयन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||06:18 | ||06:18 | ||
||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:20 | ||06:20 | ||
||“7,50,000” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||“7,50,000” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:26 | ||06:26 | ||
||Quotient इत्यस्य कार्याणि पश्यामः। | ||Quotient इत्यस्य कार्याणि पश्यामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:29 | ||06:29 | ||
||“A6” कोशं नुत्वा तत्र “QUOTIENT” इति टङ्कयन्तु। | ||“A6” कोशं नुत्वा तत्र “QUOTIENT” इति टङ्कयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:34 | ||06:34 | ||
||इदानीं “B6” कोशं नुदामः। | ||इदानीं “B6” कोशं नुदामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:37 | ||06:37 | ||
||वयं कोशमिमं फलितांशानां प्रकटनार्थम् उपयोक्ष्यामः। | ||वयं कोशमिमं फलितांशानां प्रकटनार्थम् उपयोक्ष्यामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:40 | ||06:40 | ||
| − | || किञ्च तत्र “समचिह्नं QUOTIENT” इति बन्धक्स्य अन्तः B2 अर्धविरामः B1 इति च टङ्कयन्तु। | + | ||किञ्च तत्र “समचिह्नं QUOTIENT” इति बन्धक्स्य अन्तः B2 अर्धविरामः B1 इति च टङ्कयन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||06:47 | ||06:47 | ||
||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||Enter कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:49 | ||06:49 | ||
||संख्या “100”, संख्या “50” तः भाजितः भवति इत्यतः “2” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||संख्या “100”, संख्या “50” तः भाजितः भवति इत्यतः “2” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||06:59 | ||06:59 | ||
||एवमेव वयं क्याल्क् उपयुज्य विविधानि अङ्कणितस्य कार्याणि कर्तुं शक्नुमः। | ||एवमेव वयं क्याल्क् उपयुज्य विविधानि अङ्कणितस्य कार्याणि कर्तुं शक्नुमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:05 | ||07:05 | ||
||इदानीं, संख्याशास्त्रस्य (Statistic) कार्याणाम् अन्वयनं जानीमः। | ||इदानीं, संख्याशास्त्रस्य (Statistic) कार्याणाम् अन्वयनं जानीमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:09 | ||07:09 | ||
| − | ||संख्याशास्त्रस्य कार्याणि | + | ||संख्याशास्त्रस्य कार्याणि स्प्रेड् शीट् मध्ये दत्तांशानां वर्गीकरणाय उपयुक्तानि सन्ति। यथा - COUNT, MIN, MAX, MEDIAN, MODE इत्यादीनि कार्याणि। किञ्च स्वभावतः संख्याशास्त्रसम्बन्धीनि कार्याणि। |
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
|- | |- | ||
||07:27 | ||07:27 | ||
||प्रथमतः, sheet 1 नुदन्तु। | ||प्रथमतः, sheet 1 नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:30 | ||07:30 | ||
||संख्याशास्त्रमुपयुज्य कनिष्टं (minimum), गरिष्ठं(maximum) मध्यमं (median) वा मौल्यं ज्ञातुं शक्नुमः। | ||संख्याशास्त्रमुपयुज्य कनिष्टं (minimum), गरिष्ठं(maximum) मध्यमं (median) वा मौल्यं ज्ञातुं शक्नुमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:37 | ||07:37 | ||
| − | || “C10” कोशं नुदामः। यत्र च फलितांशः प्रकट्यते। | + | ||“C10” कोशं नुदामः। यत्र च फलितांशः प्रकट्यते। |
| + | |||
|- | |- | ||
||07:44 | ||07:44 | ||
| − | || “Cost” शीर्षकस्य अधः कतिपय अंशाः सन्ति। | + | ||“Cost” शीर्षकस्य अधः कतिपय अंशाः सन्ति। |
| + | |||
|- | |- | ||
||07:48 | ||07:48 | ||
||300 रूप्यकाणि इति कनिष्टतमं मौल्यम् अस्ति। | ||300 रूप्यकाणि इति कनिष्टतमं मौल्यम् अस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:51 | ||07:51 | ||
||6000 रूप्यकाणि इति गरिष्ठतमं मौल्यमस्ति। | ||6000 रूप्यकाणि इति गरिष्ठतमं मौल्यमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||07:55 | ||07:55 | ||
||एते सर्वे अपि तत्तत्कार्यानन्तरम् प्रकट्यमानाः फलितांशाः। | ||एते सर्वे अपि तत्तत्कार्यानन्तरम् प्रकट्यमानाः फलितांशाः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:00 | ||08:00 | ||
||“C10” कोशे “ समचिह्नं MAX” इति, बन्धकस्य अन्तः“C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||“C10” कोशे “ समचिह्नं MAX” इति, बन्धकस्य अन्तः“C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:10 | ||08:10 | ||
||“Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||“Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:13 | ||08:13 | ||
||स्तम्भे (कोलम् मध्ये) गरिष्ठमौल्यं “6000” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||स्तम्भे (कोलम् मध्ये) गरिष्ठमौल्यं “6000” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:20 | ||08:20 | ||
||इदानीं, “MAX” इत्यस्य निर्देशस्य स्थाने “MIN” इति निर्देशं लिखन्तु। | ||इदानीं, “MAX” इत्यस्य निर्देशस्य स्थाने “MIN” इति निर्देशं लिखन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:25 | ||08:25 | ||
||तदुत्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||तदुत्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:28 | ||08:28 | ||
||सम्भस्य (कोलम् मध्ये) कनिष्टतमं मौल्यं “300” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||सम्भस्य (कोलम् मध्ये) कनिष्टतमं मौल्यं “300” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:34 | ||08:34 | ||
||मध्यमं मौल्यम् (median value) ज्ञातुं , “MIN” इत्यस्य स्थाने “MEDIAN” इति स्थापयन्तु। | ||मध्यमं मौल्यम् (median value) ज्ञातुं , “MIN” इत्यस्य स्थाने “MEDIAN” इति स्थापयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:40 | ||08:40 | ||
||अनन्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||अनन्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:43 | ||08:43 | ||
||स्तम्भे (कोलम् मध्ये) मध्यमं मौल्यं “800” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||स्तम्भे (कोलम् मध्ये) मध्यमं मौल्यं “800” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:50 | ||08:50 | ||
||एवमेव संख्याशास्त्रस्य कार्याणि उपयुज्य तदनुसारं दतांशान् विभक्तुं शक्नुवन्ति। | ||एवमेव संख्याशास्त्रस्य कार्याणि उपयुज्य तदनुसारं दतांशान् विभक्तुं शक्नुवन्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||08:58 | ||08:58 | ||
||कोशे कृतानि परिवर्तनानि परिमार्जयामः (डिलीट् कुर्मः)। | ||कोशे कृतानि परिवर्तनानि परिमार्जयामः (डिलीट् कुर्मः)। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:02 | ||09:02 | ||
||संख्याः समीकर्तुं (round off) जानीमः। | ||संख्याः समीकर्तुं (round off) जानीमः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:05 | ||09:05 | ||
||“Cost” शीर्षकस्य अधः कानिचन परिवर्तनानि करणीयानि। | ||“Cost” शीर्षकस्य अधः कानिचन परिवर्तनानि करणीयानि। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:09 | ||09:09 | ||
| − | ||वयम् | + | ||वयम् “6000” इतीमां संख्याम् “6000.34” इति,“600” इतीमां “600.4” इति, ”300” इतीमां “300.3” इति संख्यां प्रति च परिवर्तयामः। |
| − | “6000” इतीमां संख्याम् “6000.34” इति, | + | |
| − | “600” इतीमां “600.4” इति, ”300” इतीमां “300.3” इति संख्यां प्रति च परिवर्तयामः। | + | |
|- | |- | ||
||09:23 | ||09:23 | ||
||इदानीं, “B11” कोशं नुत्वा “ROUNDING OFF” इति शीर्षकं टङ्कयामः। | ||इदानीं, “B11” कोशं नुत्वा “ROUNDING OFF” इति शीर्षकं टङ्कयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:31 | ||09:31 | ||
||“C11” कोशं नुदन्तु। यत्र च वयं “Cost” शीर्षकस्य अधोभागस्थमौल्यानां सङ्कलितं मौल्यं ज्ञास्यामः। | ||“C11” कोशं नुदन्तु। यत्र च वयं “Cost” शीर्षकस्य अधोभागस्थमौल्यानां सङ्कलितं मौल्यं ज्ञास्यामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:39 | ||09:39 | ||
||C11 कोशे “समचिह्नं SUM” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||C11 कोशे “समचिह्नं SUM” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:49 | ||09:49 | ||
||सम्प्रति, Enter कीलकं नुदन्तु। | ||सम्प्रति, Enter कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||09:53 | ||09:53 | ||
| − | || “9701.04” इतीदं सङ्कलितं मौल्यमिति जानन्तु। | + | ||“9701.04” इतीदं सङ्कलितं मौल्यमिति जानन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
||09:59 | ||09:59 | ||
||अस्मकं फलितांशे दशमांशस्थानं मास्तु इति चिन्तयामः। | ||अस्मकं फलितांशे दशमांशस्थानं मास्तु इति चिन्तयामः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:04 | ||10:04 | ||
||अस्य कृते सरलः उपायः नाम फलितांशं प्रति यः निकटतमः पूर्णाङ्कः भवति तेन सह समीकरणम्। | ||अस्य कृते सरलः उपायः नाम फलितांशं प्रति यः निकटतमः पूर्णाङ्कः भवति तेन सह समीकरणम्। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:09 | ||10:09 | ||
||“9701.04” इति सङ्कलितमौल्यसहितं कोशं नुदन्तु। | ||“9701.04” इति सङ्कलितमौल्यसहितं कोशं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:15 | ||10:15 | ||
||तत्र “समचिह्नं ROUND” इति, बन्धकम् उद्घाट्य “SUM” इति, पुनः बन्धकस्य अन्तः“C3” विवराणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||तत्र “समचिह्नं ROUND” इति, बन्धकम् उद्घाट्य “SUM” इति, पुनः बन्धकस्य अन्तः“C3” विवराणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:25 | ||10:25 | ||
||बन्धकं पिधाय Enter किलकं नुदन्तु। | ||बन्धकं पिधाय Enter किलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:29 | ||10:29 | ||
||इदानीं फलितांशः “9701.04” इति दशमांशयुक्तसंख्यायाः निकटस्थं “9701” इति पूर्णाङ्कं प्रति परिवर्तितमस्ति। | ||इदानीं फलितांशः “9701.04” इति दशमांशयुक्तसंख्यायाः निकटस्थं “9701” इति पूर्णाङ्कं प्रति परिवर्तितमस्ति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:44 | ||10:44 | ||
||दशमांशसहितसंख्याः उपरिष्टम् अधस्थं वा पूर्णाङ्कं प्रति समीकर्तुं शक्यन्ते। | ||दशमांशसहितसंख्याः उपरिष्टम् अधस्थं वा पूर्णाङ्कं प्रति समीकर्तुं शक्यन्ते। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:52 | ||10:52 | ||
||फलितांशसहितं कोशं नुत्वा तत्रत्यं “ROUND” इतीमं निर्देशं “ROUNDUP” इति परिवर्तयन्तु। | ||फलितांशसहितं कोशं नुत्वा तत्रत्यं “ROUND” इतीमं निर्देशं “ROUNDUP” इति परिवर्तयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||10:59 | ||10:59 | ||
||इदानीं, “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||इदानीं, “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:02 | ||11:02 | ||
||“9702” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। अयम् उपरितनः पूर्णाङ्कः। | ||“9702” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। अयम् उपरितनः पूर्णाङ्कः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:10 | ||11:10 | ||
||अधस्थपूर्णाङ्केन सह समीकर्तुं, “ROUNDUP” तः “ROUNDDOWN” इति निर्देशं परिवर्तयन्तु। | ||अधस्थपूर्णाङ्केन सह समीकर्तुं, “ROUNDUP” तः “ROUNDDOWN” इति निर्देशं परिवर्तयन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:17 | ||11:17 | ||
||किञ्च “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||किञ्च “Enter” कीलकं नुदन्तु। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:19 | ||11:19 | ||
||इदानीं “9701” इति अधस्थः पूर्णाङ्कः फलितांशत्वेन प्रकटितः भवति। | ||इदानीं “9701” इति अधस्थः पूर्णाङ्कः फलितांशत्वेन प्रकटितः भवति। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:28 | ||11:28 | ||
||“Personal-Finance-Tracker.ods” इत्यस्य मूलस्वरूपं प्राप्तुं undo कुर्मः। | ||“Personal-Finance-Tracker.ods” इत्यस्य मूलस्वरूपं प्राप्तुं undo कुर्मः। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:37 | ||11:37 | ||
||अत्र LibreOffice Calc इत्यस्य प्रशिक्षणं समाप्यते। | ||अत्र LibreOffice Calc इत्यस्य प्रशिक्षणं समाप्यते। | ||
| + | |||
|- | |- | ||
||11:43 | ||11:43 | ||
| − | ||वयमत्र अधोनिर्दिष्टान् विषयान् अधीतवन्तः :- | + | ||वयमत्र अधोनिर्दिष्टान् विषयान् अधीतवन्तः :- निबन्धनात्मकम् आपरेटर्, If तथा Or निर्देशौ, संख्याशास्त्रस्य मूलभूतकार्याणि।संख्यानां समीकरणम्। |
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
|- | |- | ||
| − | |11 | + | ||11:55 |
| − | | अधः विद्यमाने लिंक मध्ये उपलभ्यं चलच्चित्रं पश्यन्तु। | + | ||अधः विद्यमाने लिंक मध्ये उपलभ्यं चलच्चित्रं पश्यन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |11 | + | ||11:58 |
| − | | एतत् स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट इत्यस्य सारांशं दर्शयति। | + | ||एतत् स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट इत्यस्य सारांशं दर्शयति। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:06 |
| − | | यदि भवतां समीपे उत्तमं bandwidth नास्ति तर्हि एतत् अवचित्य पश्यन्तु। | + | ||यदि भवतां समीपे उत्तमं bandwidth नास्ति तर्हि एतत् अवचित्य पश्यन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:08 |
| − | | spoken tutorial team पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। | + | ||spoken tutorial team पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:11 |
| − | | ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्य प्रमाणपत्रमपि दीयते। | + | ||ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्य प्रमाणपत्रमपि दीयते। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:15 |
| − | | अधिकविवरणार्थं contact @spoken-tutorial.org इति अणुसङ्केते सम्पृच्यताम्। | + | ||अधिकविवरणार्थं contact @spoken-tutorial.org इति अणुसङ्केते सम्पृच्यताम्। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:21 |
| − | | स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति। | + | ||स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:26 |
| − | | इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकार इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। | + | ||इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकार इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:37 |
| − | | अधिकविवरणार्थं spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र पश्यन्तु। | + | ||अधिकविवरणार्थं spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र पश्यन्तु। |
| + | |||
|- | |- | ||
| − | |12 | + | ||12:45 |
| − | | अस्य पाठस्य अनुवादकः प्रज्वलः अपि च प्रवाचकः ऐ ऐ टी बाम्बे तः वासुदेवः, धन्यवादः। | + | ||अस्य पाठस्य अनुवादकः प्रज्वलः अपि च प्रवाचकः ऐ ऐ टी बाम्बे तः वासुदेवः, धन्यवादः। |
| + | |} | ||
Latest revision as of 16:06, 31 March 2017
| Time | Narration |
| 00:00 | ‘लिब्रे आफिस् क्याल्क्’ मध्ये सूत्राणि, तेषां कार्याणि च बोध्यमानं प्रशिक्षणं प्रति स्वागतम्। |
| 00:07 | प्रशिक्षणेऽस्मिन् वयं निबन्धनात्मकम् आपरेटर (कंडीषनल् आपरेटर्), If, Or निर्बन्धानामुपयोगः, संख्याशास्त्रस्य मूलभूतकार्याणि अपि च संख्यासमीकरणम् इत्यादिकं ज्ञास्यामः। |
| 00:19 | अत्र वयम् ‘उबंटु लिनक्स्’ इत्यस्य ‘10.04’ तमम् आवृत्तिं ‘लिब्रे आफिस् सूट्’ इत्यस्य ‘3.3.4’ तमम् आवृत्तिं उपयुञ्जामहे। |
| 00:30 | वयमेतावता एव ‘दत्तांशानां संयोजनम्, वियोजनम्, मध्यमांशः’ इत्येवं यानि अङ्कगणितीय-मूलभूतकर्याणि सन्ति तानि ज्ञातवन्तः स्मः। |
| 00:39 | सम्प्रति इतराणि कानिचन कार्याणि अभ्यसामः। |
| 00:43 | तत्र सामान्यतः निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् उपयुज्यते। |
| 00:51 | निबन्धनात्मकम् (Conditional) आपरेटर् , दत्तांशानामुपरि उपयोक्तुः निबन्धनान् परिशीलयति। |
| 00:56 | अपि च TRUE अथवा FALSE इति फलितांशान् प्रकटयति। |
| 01:01 | “Personal-Finance-Tracker.ods” उद्घाटयामः। |
| 01:05 | अत्र, “Cost” इति शीर्षकस्य अधः ,केषाञ्चन वस्तूनां मौल्यानां पट्टिका कृता। |
| 01:11 | तत्र निबन्धात्मकं (conditional) आपरेटर् इत्यस्य अन्वयं कुर्मः। आगतं च फलितांशं चर्चयामः। |
| 01:17 | “B10” कोशं नुदन्तु। तत्र “Condition Result” इति टङ्कयन्तु। |
| 01:24 | अत्र, “C10” कोशं नुदामः। |
| 01:28 | अस्मिन् कोशे उपरि कृतं निबन्धनम् अन्वितं भवति। अपि च अत्रैव प्रदर्शितं भवति। |
| 01:33 | “House Rent” अस्य मौल्यं 6,000 रूप्यकाणि, |
| 01:38 | अपि च “Electricity Bill” अस्य मौल्यं 800 रूप्यकाणि। |
| 01:43 | “House Rent” अस्य मौल्यं “Electricity Bill” अस्य मौल्यात् अधिकमस्ति। |
| 01:48 | वयं यतयोः उपरि नाना-निबन्धनानि अन्वितानि कृत्वा फलितांशान् प्राप्नुमः। |
| 01:54 | “C10” कोशं नुदन्तु। |
| 01:57 | अस्मिन् कोशे, “ समचिह्नं C3 ग्रेटर् देन् C4 ” इति निबन्धनं टैप् कृत्वा “Enter” इति कीलकं नुदन्तु। |
| 02:09 | C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् अधिकमस्ति, अतः “TRUE” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| 02:18 | इदानीं, “समचिह्नं C3 लेस् देन् C4” इति निबन्धनात्मकनिर्देशं परिवर्तयामः। |
| 02:26 | “Enter” कीलकं नुदामः। |
| 02:28 | “FALSE” इति फलितांशः प्रकट्यते। |
| 02:32 | अनया रीत्या वयम्, विविधनिबन्धनात्मकनिर्देशानाम् अन्वयनं कृत्वा फलितांशं परीक्षितुं शक्नुमः। |
| 02:38 | एतादृशनिर्देशाः अधिकानां दत्तांशानां व्यवहारेषु अनुकूलकराः भवन्ति। |
| 02:44 | एवमेव भवन्तः दत्तांशानाम् उपरि “If अथवा Or” निबन्धनानि उपयुज्य |
| 02:49 | TRUE इति उत्तरद्वारा निबन्धनानुसारं फलितांशान् प्रकटयितुं शक्नुमः। |
| 02:55 | “C10” कोशं नुदार्मः, |
| 02:59 | तत्र “समचिह्नं IF” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3 ग्रेटर् देन् C4” इति, अर्धविरामः, पुनः डबल् कोट् अन्तः “Positive” इति, अर्धविरामः, पुनरपि डबल् कोट् अन्तः “Negative” इति च टङ्कयन्तु। |
| 03:16 | C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशे विद्यमानात् मौल्यात् यदि अधिकमस्ति तर्हि, “Positive” इति |
| 03:25 | नो चेत् “Negative” इति च, प्रदर्शितमस्ति। |
| 03:28 | “Enter” कीलकं नुदामः। |
| 03:31 | 6000 रूप्यकाणि 800 रूप्यकाणामपेक्षया अधिकम् इति कारणात् “Positive” फलितांशः आयाति। |
| 03:39 | इदानीं, निबन्धनात्मक-निर्देशं “ग्रेटर् देन्” तः “लेस् देन्” इति परिवर्तयामः। “Enter” कीलकं नुदामः। |
| 03:47 | C3 कोशे विद्यमानं मौल्यं C4 कोशस्थमौल्यात् अधिकमस्ति इति कारणात् “Negative” इति फलितांशः आयाति। |
| 03:57 | C3 , C4 कोशयोः विद्यमाने मौल्ये यदि परिवर्तयामः तर्हि फलितांशे अपि परिवर्तनं द्रष्टुं शक्नुमः। |
| 04:04 | “Negative” इति फलितांशः प्रकटितः वर्तते। |
| 04:09 | इदानीं, C4 कोशस्थं मौल्यं “7000” रूप्यकाणि प्रति वर्धयामः। अपि च “Enter” कीलकं नुदामः। |
| 04:17 | इदानीं फलितांशः स्वतः “Positive” इति परिवर्तितं भवति। |
| 04:22 | पुनरपि, C4 कोशस्थं मौल्यं “800” रूप्यकाणि प्रति न्यूनीकृत्य |
| 04:26 | “Enter” कीलकं नुदामः। |
| 04:29 | फलितांशः स्वतः प्राग्वत् “Negative” इति परिवर्तितं भवति। |
| 04:34 | सम्प्रति कृतानि सर्वाणि परिवर्तनानि डिलीट् कुर्मः। |
| 04:38 | अग्रे, अङ्कगणितस्य (arithmetic) संख्याशास्त्रस्य (statistic) च कार्याणि अभ्यसामः। |
| 04:43 | अङ्कगणितस्य मूलभूतानि कार्याणि नाम- संयोजनम् SUM, गुणाकारः PRODUCT, भागाकारः QUOTIENT अपि च प्राक्तन-प्रशिक्षणेषु अधीतानि अन्यानि कार्याणि। |
| 04:57 | इदानीं Sum, Product तथा Quotient (कोशंट्) एतेषां कार्याणि परिशीलयितुं किञ्चित् अभ्यासं कुर्मः। |
| 05:05 | “Sheet 3” चिन्वन्तु। |
| 05:08 | “50”,”100” तथा ”150” एताः संख्याः क्रमात् “B1”, “B2” , “B3” कोशेषु लिखामः। |
| 05:19 | “A4” कोशं नुदन्तु। तत्र “SUM” इति टङ्कयन्तु। |
| 05:23 | “B4” कोशं नुदन्तु। |
| 05:26 | अस्मिन् कोशे एव अस्मभिः फलितांशस्य गणना (compute) कार्या। |
| 05:30 | तत्र “समचिह्नं “SUM” इति बन्धकस्य अन्तः B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इति च टङ्कयामः। |
| 05:37 | Enter कीलकं नुदन्तु। |
| 05:39 | “300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| 05:43 | भवन्तः कोशस्थमौल्यानां व्याप्तिम् (range) अपि प्राप्तुं शक्नुवन्ति। |
| 05:47 | “B4” कोशं पुनः नुदन्तु। |
| 05:49 | इदानीं, बन्धकस्य अन्तः, B1 अर्धविरामः B2 अर्धविरामः B3 इत्यस्य स्थाने, B1 विवरणात्मकचिह्नं B3 , इति टङ्कयामः। |
| 05:58 | Enter कीलकं नुदन्तु। |
| 06:00 | पुनः ,“300” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| 06:03 | “A5” कोशं नुत्वा “PRODUCT” इति टङ्कयामः। |
| 06:08 | “B5” कोशं नुदन्तु। |
| 06:10 | अत्र “समचिह्नं” “PRODUCT” इति बन्धकस्य अन्तः B1 “विवरणात्मकचिह्नं” B3 इति च टङ्कयन्तु। |
| 06:18 | Enter कीलकं नुदन्तु। |
| 06:20 | “7,50,000” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| 06:26 | Quotient इत्यस्य कार्याणि पश्यामः। |
| 06:29 | “A6” कोशं नुत्वा तत्र “QUOTIENT” इति टङ्कयन्तु। |
| 06:34 | इदानीं “B6” कोशं नुदामः। |
| 06:37 | वयं कोशमिमं फलितांशानां प्रकटनार्थम् उपयोक्ष्यामः। |
| 06:40 | किञ्च तत्र “समचिह्नं QUOTIENT” इति बन्धक्स्य अन्तः B2 अर्धविरामः B1 इति च टङ्कयन्तु। |
| 06:47 | Enter कीलकं नुदन्तु। |
| 06:49 | संख्या “100”, संख्या “50” तः भाजितः भवति इत्यतः “2” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। |
| 06:59 | एवमेव वयं क्याल्क् उपयुज्य विविधानि अङ्कणितस्य कार्याणि कर्तुं शक्नुमः। |
| 07:05 | इदानीं, संख्याशास्त्रस्य (Statistic) कार्याणाम् अन्वयनं जानीमः। |
| 07:09 | संख्याशास्त्रस्य कार्याणि स्प्रेड् शीट् मध्ये दत्तांशानां वर्गीकरणाय उपयुक्तानि सन्ति। यथा - COUNT, MIN, MAX, MEDIAN, MODE इत्यादीनि कार्याणि। किञ्च स्वभावतः संख्याशास्त्रसम्बन्धीनि कार्याणि। |
| 07:27 | प्रथमतः, sheet 1 नुदन्तु। |
| 07:30 | संख्याशास्त्रमुपयुज्य कनिष्टं (minimum), गरिष्ठं(maximum) मध्यमं (median) वा मौल्यं ज्ञातुं शक्नुमः। |
| 07:37 | “C10” कोशं नुदामः। यत्र च फलितांशः प्रकट्यते। |
| 07:44 | “Cost” शीर्षकस्य अधः कतिपय अंशाः सन्ति। |
| 07:48 | 300 रूप्यकाणि इति कनिष्टतमं मौल्यम् अस्ति। |
| 07:51 | 6000 रूप्यकाणि इति गरिष्ठतमं मौल्यमस्ति। |
| 07:55 | एते सर्वे अपि तत्तत्कार्यानन्तरम् प्रकट्यमानाः फलितांशाः। |
| 08:00 | “C10” कोशे “ समचिह्नं MAX” इति, बन्धकस्य अन्तः“C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। |
| 08:10 | “Enter” कीलकं नुदन्तु। |
| 08:13 | स्तम्भे (कोलम् मध्ये) गरिष्ठमौल्यं “6000” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। |
| 08:20 | इदानीं, “MAX” इत्यस्य निर्देशस्य स्थाने “MIN” इति निर्देशं लिखन्तु। |
| 08:25 | तदुत्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। |
| 08:28 | सम्भस्य (कोलम् मध्ये) कनिष्टतमं मौल्यं “300” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। |
| 08:34 | मध्यमं मौल्यम् (median value) ज्ञातुं , “MIN” इत्यस्य स्थाने “MEDIAN” इति स्थापयन्तु। |
| 08:40 | अनन्तरं “Enter” कीलकं नुदन्तु। |
| 08:43 | स्तम्भे (कोलम् मध्ये) मध्यमं मौल्यं “800” इतीदं फलितांशत्वेन प्रकटितमस्ति। |
| 08:50 | एवमेव संख्याशास्त्रस्य कार्याणि उपयुज्य तदनुसारं दतांशान् विभक्तुं शक्नुवन्ति। |
| 08:58 | कोशे कृतानि परिवर्तनानि परिमार्जयामः (डिलीट् कुर्मः)। |
| 09:02 | संख्याः समीकर्तुं (round off) जानीमः। |
| 09:05 | “Cost” शीर्षकस्य अधः कानिचन परिवर्तनानि करणीयानि। |
| 09:09 | वयम् “6000” इतीमां संख्याम् “6000.34” इति,“600” इतीमां “600.4” इति, ”300” इतीमां “300.3” इति संख्यां प्रति च परिवर्तयामः। |
| 09:23 | इदानीं, “B11” कोशं नुत्वा “ROUNDING OFF” इति शीर्षकं टङ्कयामः। |
| 09:31 | “C11” कोशं नुदन्तु। यत्र च वयं “Cost” शीर्षकस्य अधोभागस्थमौल्यानां सङ्कलितं मौल्यं ज्ञास्यामः। |
| 09:39 | C11 कोशे “समचिह्नं SUM” इति, बन्धकस्य अन्तः “C3” विवरणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। |
| 09:49 | सम्प्रति, Enter कीलकं नुदन्तु। |
| 09:53 | “9701.04” इतीदं सङ्कलितं मौल्यमिति जानन्तु। |
| 09:59 | अस्मकं फलितांशे दशमांशस्थानं मास्तु इति चिन्तयामः। |
| 10:04 | अस्य कृते सरलः उपायः नाम फलितांशं प्रति यः निकटतमः पूर्णाङ्कः भवति तेन सह समीकरणम्। |
| 10:09 | “9701.04” इति सङ्कलितमौल्यसहितं कोशं नुदन्तु। |
| 10:15 | तत्र “समचिह्नं ROUND” इति, बन्धकम् उद्घाट्य “SUM” इति, पुनः बन्धकस्य अन्तः“C3” विवराणात्मकचिह्नं “C7” इति च टङ्कयन्तु। |
| 10:25 | बन्धकं पिधाय Enter किलकं नुदन्तु। |
| 10:29 | इदानीं फलितांशः “9701.04” इति दशमांशयुक्तसंख्यायाः निकटस्थं “9701” इति पूर्णाङ्कं प्रति परिवर्तितमस्ति। |
| 10:44 | दशमांशसहितसंख्याः उपरिष्टम् अधस्थं वा पूर्णाङ्कं प्रति समीकर्तुं शक्यन्ते। |
| 10:52 | फलितांशसहितं कोशं नुत्वा तत्रत्यं “ROUND” इतीमं निर्देशं “ROUNDUP” इति परिवर्तयन्तु। |
| 10:59 | इदानीं, “Enter” कीलकं नुदन्तु। |
| 11:02 | “9702” इति फलितांशः प्रकटितः भवति। अयम् उपरितनः पूर्णाङ्कः। |
| 11:10 | अधस्थपूर्णाङ्केन सह समीकर्तुं, “ROUNDUP” तः “ROUNDDOWN” इति निर्देशं परिवर्तयन्तु। |
| 11:17 | किञ्च “Enter” कीलकं नुदन्तु। |
| 11:19 | इदानीं “9701” इति अधस्थः पूर्णाङ्कः फलितांशत्वेन प्रकटितः भवति। |
| 11:28 | “Personal-Finance-Tracker.ods” इत्यस्य मूलस्वरूपं प्राप्तुं undo कुर्मः। |
| 11:37 | अत्र LibreOffice Calc इत्यस्य प्रशिक्षणं समाप्यते। |
| 11:43 | वयमत्र अधोनिर्दिष्टान् विषयान् अधीतवन्तः :- निबन्धनात्मकम् आपरेटर्, If तथा Or निर्देशौ, संख्याशास्त्रस्य मूलभूतकार्याणि।संख्यानां समीकरणम्। |
| 11:55 | अधः विद्यमाने लिंक मध्ये उपलभ्यं चलच्चित्रं पश्यन्तु। |
| 11:58 | एतत् स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट इत्यस्य सारांशं दर्शयति। |
| 12:06 | यदि भवतां समीपे उत्तमं bandwidth नास्ति तर्हि एतत् अवचित्य पश्यन्तु। |
| 12:08 | spoken tutorial team पाठमिममुपयुज्य कार्यशालां चालयति। |
| 12:11 | ये online परीक्षायाम् उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्य प्रमाणपत्रमपि दीयते। |
| 12:15 | अधिकविवरणार्थं contact @spoken-tutorial.org इति अणुसङ्केते सम्पृच्यताम्। |
| 12:21 | स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति। |
| 12:26 | इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकार इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। |
| 12:37 | अधिकविवरणार्थं spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र पश्यन्तु। |
| 12:45 | अस्य पाठस्य अनुवादकः प्रज्वलः अपि च प्रवाचकः ऐ ऐ टी बाम्बे तः वासुदेवः, धन्यवादः। |