Difference between revisions of "Linux/C2/Working-with-Regular-Files/Sanskrit"
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PoojaMoolya (Talk | contribs) |
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|Linux मध्ये नियत-सञ्चिकाभि: सह कार्यम् इति एतस्मिन् spoken tutorial मध्ये स्वागतम् | |Linux मध्ये नियत-सञ्चिकाभि: सह कार्यम् इति एतस्मिन् spoken tutorial मध्ये स्वागतम् | ||
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− | | | + | |00:07 |
|संधारिका: , सञ्चिका: च एकीभूय Linux File System रचयन्ति | |संधारिका: , सञ्चिका: च एकीभूय Linux File System रचयन्ति | ||
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− | | | + | |00:13 |
|संधारिकाभि: सह कथं कार्यम् इति अस्माभि: आदावेव पूर्वस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , भवान् एनं पाठम् अस्मिन् जालपुटे पश्येत् | |संधारिकाभि: सह कथं कार्यम् इति अस्माभि: आदावेव पूर्वस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , भवान् एनं पाठम् अस्मिन् जालपुटे पश्येत् | ||
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− | | | + | |00:25 |
|नियत-सञ्चिका: कथं नियन्त्रणीया: इति अस्मिन् पाठे वयं द्रक्ष्याम: | |नियत-सञ्चिका: कथं नियन्त्रणीया: इति अस्मिन् पाठे वयं द्रक्ष्याम: | ||
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− | | | + | |00:31 |
|cat आदेशम् उपयुज्य सञ्चिका कथं निर्मातव्या इति अस्माभि: आदावेव अन्यस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , अधिक-विवरणार्थम् अस्य जालपुटस्य संपर्कं करोतु | |cat आदेशम् उपयुज्य सञ्चिका कथं निर्मातव्या इति अस्माभि: आदावेव अन्यस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , अधिक-विवरणार्थम् अस्य जालपुटस्य संपर्कं करोतु | ||
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− | | | + | |00:46 |
|अथ पश्याम: , एकस्थानीयसञ्चिकाया: अन्यस्थाने प्रतिकृति: कथं करणीया इति ,एतन्निमित्तम् अस्माकं समीपे cp आदेश: अस्ति | |अथ पश्याम: , एकस्थानीयसञ्चिकाया: अन्यस्थाने प्रतिकृति: कथं करणीया इति ,एतन्निमित्तम् अस्माकं समीपे cp आदेश: अस्ति | ||
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− | | | + | |00:55 |
|पश्याम: तर्हि , आदेश: कथम् प्रयुज्यते इति | |पश्याम: तर्हि , आदेश: कथम् प्रयुज्यते इति | ||
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− | | | + | |01:00 |
− | |कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: | + | |कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: -cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा... space SOURCEसञ्चिकाया: नाम space गतव्य-सञ्चिकाया: नाम DEST |
− | + | ||
− | cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा... space SOURCEसञ्चिकाया: नाम space गतव्य-सञ्चिकाया: नाम DEST | + | |
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− | | | + | |01:15 |
− | |युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: - | + | |युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: -cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा..the name of the SOURCEसञ्चिकाया: नाम...यासां सञ्चिकानां प्रतिकृति: करणीया तासां तथैव यस्यां संधारिकायां ता: सञ्चिका: समाविष्टा: भवेयु: तस्या: इत्युक्ते गन्तव्यस्थानस्य नाम |
− | + | ||
− | cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा..the name of the SOURCEसञ्चिकाया: नाम... | + | |
− | + | ||
− | यासां सञ्चिकानां प्रतिकृति: करणीया तासां तथैव यस्यां संधारिकायां ता: सञ्चिका: समाविष्टा: भवेयु: तस्या: इत्युक्ते गन्तव्यस्थानस्य नाम | + | |
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− | | | + | |01:34 |
|अधुना उदाहरणं पश्याम: ,प्रथमं तावत् terminal उद्घाटयाम: | |अधुना उदाहरणं पश्याम: ,प्रथमं तावत् terminal उद्घाटयाम: | ||
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− | | | + | |01:42 |
|अस्मत्-सविधे /home/anirban/arc/ मध्ये test1 नाम्ना सञ्चिका आदावेव अस्ति | |अस्मत्-सविधे /home/anirban/arc/ मध्ये test1 नाम्ना सञ्चिका आदावेव अस्ति | ||
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− | | | + | |01:49 |
− | |test1 मध्ये किम् अस्ति इति द्रष्टुं वयं टङ्कयाम: - | + | |test1 मध्ये किम् अस्ति इति द्रष्टुं वयं टङ्कयाम: -"$ cat test1 " enter नुदतु च |
− | + | ||
− | "$ cat test1 " enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |02:00 |
− | |वयं पश्याम: यत् test1 इत्यस्या:सामग्री दृश्यते इति , अधुना यदि वयं तस्या: प्रतिकृतिं test2 नाम्न: अन्य-सञ्चिकायां कर्तुम् इच्छाम: तर्हि वयं लिखाम: | + | |वयं पश्याम: यत् test1 इत्यस्या:सामग्री दृश्यते इति , अधुना यदि वयं तस्या: प्रतिकृतिं test2 नाम्न: अन्य-सञ्चिकायां कर्तुम् इच्छाम: तर्हि वयं लिखाम: "$ cp test1 test2 " , enter नुदाम: च |
− | + | ||
− | "$ cp test1 test2 " , enter नुदाम: च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |02:22 |
|अधुना सञ्चिकाया: प्रतिकृति: निर्मिता | |अधुना सञ्चिकाया: प्रतिकृति: निर्मिता | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |02:25 |
|यदि test2 विद्यमाना नास्ति तर्हि प्रथमं सा निर्मातव्या तत: च test1 इत्यस्या: सामग्रे: तस्यां प्रतिकृति: कर्तव्या | |यदि test2 विद्यमाना नास्ति तर्हि प्रथमं सा निर्मातव्या तत: च test1 इत्यस्या: सामग्रे: तस्यां प्रतिकृति: कर्तव्या | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |02:35 |
− | |यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम: | + | |यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम:"$ cat test2 " , enter नुदतु च |
− | + | ||
− | "$ cat test2 " , enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |02:52 |
− | |भवान् भिन्नसंधारिकत: भिन्नसधारिकायाम् अपि सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं शक्नोति | + | |भवान् भिन्नसंधारिकत: भिन्नसधारिकायाम् अपि सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं शक्नोति यथा टङ्कयतु- "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/demo2 " enter नुदतु च |
− | + | ||
− | टङ्कयतु- | + | |
− | + | ||
− | "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/demo2 " enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |03:31 |
− | |अनेन किं भवेत् इति चेत् | + | |अनेन किं भवेत् इति चेत् /home/anirban/arc/इत्यस्या: मूल-संधारिकात: /home/anirban इत्यस्यां गन्तव्य-संधारिकायां demo1 इत्यस्या: सञ्चिकाया:प्रतिकृति: निर्मिता भवेत् ,तस्या: प्रतिकृति: demo2 नाम्न: सञ्चिकायां भवेत् |
|- | |- | ||
− | | | + | |03:51 |
− | |तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु | + | |तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु "ls space /home/anirban " enter नुदतु च |
− | + | ||
− | "ls space /home/anirban " enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |04:13 |
|वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति | |वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |04:19 |
|अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |04:25 |
|यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- | |यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |04:35 |
|टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु | |टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |05:03 |
|अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् | |अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |05:20 |
− | |यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु - | + | |यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु -"ls/home/anirban " enter नुदतु च |
− | "ls/home/anirban " enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | | + | |05:33 |
|अत्र पुन: वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति | |अत्र पुन: वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |05:40 |
|पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |05:48 |
|अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति | |अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |05:56 |
|वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च | |वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |06:04 |
|अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च | |अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |06:27 |
|अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् | |अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |06:41 |
|भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च | |भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:03 |
|भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति | |भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति | ||
− | |||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:10 |
|cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: | |cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:18 |
|प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | |प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:23 |
|पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति | |पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:33 |
|उदाहरणं पश्याम: | |उदाहरणं पश्याम: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:38 |
|अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: | |अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |07:48 |
|तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:02 |
|output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , | |output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:06 |
|सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: | |सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:14 |
|किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते | |किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:19 |
|अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च | |अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:36 |
|इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च | |इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:47 |
|भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: | |भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |08:57 |
|test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च | |test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:08 |
|test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति | |test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:13 |
|अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | |अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:16 |
|अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते | |अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:25 |
|अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? | |अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:30 |
|ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति | |ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:36 |
|अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते | |अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:41 |
|वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति | |वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:54 |
|अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति | |अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:59 |
|असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? | |असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? | ||
|- | |- | ||
− | | 10:04 | + | |10:04 |
|अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति | |अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 10:07 | + | |10:07 |
|सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् | |सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् | ||
|- | |- | ||
− | | 10:11 | + | |10:11 |
|तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते | |तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 10:17 | + | |10:17 |
|mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति | |mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति | ||
|- | |- | ||
− | | 10:29 | + | |10:29 |
|वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च | |वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 10:43 | + | |10:43 |
|अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् | |अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | 10:52 | + | |10:52 |
|यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् | |यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् | ||
|- | |- | ||
− | | 11:00 | + | |11:00 |
|यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: | |यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 11:05 | + | |11:05 |
|तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: | |तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | 11:10 | + | |11:10 |
|चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: | |चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 11:20 | + | |11:20 |
|वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च | |वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | 11:32 | + | |11:32 |
|भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते | |भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 11:41 | + | |11:41 |
|यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् | |यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | 11:49 | + | |11:49 |
|cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् | |cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् | ||
|- | |- | ||
− | | 11:58 | + | |11:58 |
|अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | |अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | 12:03 | + | |12:03 |
|चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति | |चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 12:14 | + | |12:14 |
|तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च | |तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | 12:21 | + | |12:21 |
|पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: | |पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | 12:36 | + | |12:36 |
|अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति | |अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 12:46 | + | |12:46 |
|तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च | |तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | 13:14 | + | |13:14 |
|तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च | |तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | 13:20 | + | |13:20 |
|भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च | |भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च | ||
|- | |- | ||
− | | 13:27 | + | |13:27 |
|अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | |अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | ||
|- | |- | ||
− | | 13:37 | + | |13:37 |
|mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् | |mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | 13:48 | + | |13:48 |
|अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति | |अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति | ||
|- | |- | ||
− | | 13:58 | + | |13:58 |
|rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते | |rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 14:06 | + | |14:06 |
|terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. | |terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. | ||
|- | |- | ||
− | | 14:15 | + | |14:15 |
|वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: | |वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 14:23 | + | |14:23 |
− | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: | + | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम:"$ rm testdir/faq.txt " , enter नुदतु च |
− | + | ||
− | "$ rm testdir/faq.txt " , enter नुदतु च | + | |
|- | |- | ||
− | | 14:37 | + | |14:37 |
|अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् | |अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | 14:46 | + | |14:46 |
|सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च | |सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च | ||
|- | |- | ||
− | | 15:00 | + | |15:00 |
|वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति | |वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति | ||
|- | |- | ||
− | | 15:05 | + | |15:05 |
|वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: | |वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | 15:10 | + | |15:10 |
|testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च | |testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च | ||
|- | |- | ||
− | | 15:17 | + | |15:17 |
|चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: | |चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 15:23 | + | |15:23 |
|तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च | |तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 15:45 | + | |15:45 |
|अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति | |अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति | ||
|- | |- | ||
− | | 15:53 | + | |15:53 |
|तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् | |तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् | ||
|- | |- | ||
− | | 16:07 | + | |16:07 |
|अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | |अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | 16:14 | + | |16:14 |
|अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | |अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम | ||
|- | |- | ||
− | | 16:18 | + | |16:18 |
|इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: | |इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: | ||
|- | |- | ||
− | | 16:20 | + | |16:20 |
|एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: | |एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 16:27 | + | |16:27 |
|नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: | |नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 16:34 | + | |16:34 |
|अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: | |अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: | ||
|- | |- | ||
− | | 16:40 | + | |16:40 |
|कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् | |कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् | ||
|- | |- | ||
− | | 16:57 | + | |16:57 |
|अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति | |अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति | ||
|- | |- | ||
− | | 17:07 | + | |17:07 |
|terminal प्रति गच्छाम: | |terminal प्रति गच्छाम: | ||
|- | |- | ||
− | | 17:12 | + | |17:12 |
|संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति | |संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 17:21 | + | |17:21 |
|किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति | |किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति | ||
|- | |- | ||
− | | 17:27 | + | |17:27 |
|यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? | |यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? | ||
|- | |- | ||
− | | 17:35 | + | |17:35 |
|एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे | |एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे | ||
|- | |- | ||
− | | 17:38 | + | |17:38 |
|अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च | |अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 17:47 | + | |17:47 |
|output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: | |output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | 17:55 | + | |17:55 |
|किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: | |किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | 18:03 | + | |18:03 |
|टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु | |टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु | ||
|- | |- | ||
− | | 18:16 | + | |18:16 |
|अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति | |अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 18:22 | + | |18:22 |
|अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम | |अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम | ||
|- | |- | ||
− | | 18:27 | + | |18:27 |
|cmp इति आदेश: | |cmp इति आदेश: | ||
|- | |- | ||
− | | 18:29 | + | |18:29 |
|कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: | |कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: | ||
|- | |- | ||
− | | 18:37 | + | |18:37 |
|तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति | |तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति | ||
|- | |- | ||
− | | 18:44 | + | |18:44 |
|एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
− | | 18:49 | + | |18:49 |
|अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते | |अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 18:54 | + | |18:54 |
|file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. | |file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. | ||
|- | |- | ||
− | | 19:03 | + | |19:03 |
|यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते | |यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 19:11 | + | |19:11 |
|केवलं संसूचकं दरीदृश्येत | |केवलं संसूचकं दरीदृश्येत | ||
|- | |- | ||
− | | 19:14 | + | |19:14 |
|यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत | |यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत | ||
|- | |- | ||
− | | 19:25 | + | |19:25 |
|पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति | |पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 19:35 | + | |19:35 |
|पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? | |पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? | ||
|- | |- | ||
− | | 19:38 | + | |19:38 |
− | | टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च , | + | |टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च , अस्यां “This is a Linux file to test the cmp command” इति लिखितमस्ति |
− | + | ||
− | अस्यां “This is a Linux file to test the cmp command” इति लिखितमस्ति | + | |
|- | |- | ||
− | | 19:50 | + | |19:50 |
|अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च | |अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 20:00 | + | |20:00 |
|अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् | |अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् | ||
|- | |- | ||
− | | 20:06 | + | |20:06 |
|अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
− | | 20:11 | + | |20:11 |
|वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च | |वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 20:23 | + | |20:23 |
|वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते | |वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 20:32 | + | |20:32 |
|अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | |अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: | ||
|- | |- | ||
− | | 20:38 | + | |20:38 |
|wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति | |wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 20:43 | + | |20:43 |
|सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते | |सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 20:50 | + | |20:50 |
|अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति | |अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 20:56 | + | |20:56 |
|तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च | |तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 21:05 | + | |21:05 |
|एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! | |एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! | ||
|- | |- | ||
− | | 21:10 | + | |21:10 |
|अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
− | | 21:14 | + | |21:14 |
|तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च | |तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च | ||
|- | |- | ||
− | | 21:25 | + | |21:25 |
|आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति | |आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 21:38 | + | |21:38 |
|सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति | |सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 21:43 | + | |21:43 |
|इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति | |इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति | ||
|- | |- | ||
− | | 21:51 | + | |21:51 |
|man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि | |man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि | ||
|- | |- | ||
− | | 22:00 | + | |22:00 |
|अनेन पाठ: असौ समाप्यते | |अनेन पाठ: असौ समाप्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 22:04 | + | |22:04 |
|Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: | |Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: | ||
|- | |- | ||
− | | 22:17 | + | |22:17 |
|अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते | |अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते | ||
|- | |- | ||
− | | 22:34 | + | |22:34 |
|एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! | |एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! | ||
+ | |} |
Revision as of 17:44, 29 March 2017
Time | Narration |
00:00 | Linux मध्ये नियत-सञ्चिकाभि: सह कार्यम् इति एतस्मिन् spoken tutorial मध्ये स्वागतम् |
00:07 | संधारिका: , सञ्चिका: च एकीभूय Linux File System रचयन्ति |
00:13 | संधारिकाभि: सह कथं कार्यम् इति अस्माभि: आदावेव पूर्वस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , भवान् एनं पाठम् अस्मिन् जालपुटे पश्येत् |
00:25 | नियत-सञ्चिका: कथं नियन्त्रणीया: इति अस्मिन् पाठे वयं द्रक्ष्याम: |
00:31 | cat आदेशम् उपयुज्य सञ्चिका कथं निर्मातव्या इति अस्माभि: आदावेव अन्यस्मिन् पाठे दृष्टम् अस्ति , अधिक-विवरणार्थम् अस्य जालपुटस्य संपर्कं करोतु |
00:46 | अथ पश्याम: , एकस्थानीयसञ्चिकाया: अन्यस्थाने प्रतिकृति: कथं करणीया इति ,एतन्निमित्तम् अस्माकं समीपे cp आदेश: अस्ति |
00:55 | पश्याम: तर्हि , आदेश: कथम् प्रयुज्यते इति |
01:00 | कस्याश्चित् सञ्चिकाया: प्रतिकृतिं कर्तुं टङ्कयाम: -cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा... space SOURCEसञ्चिकाया: नाम space गतव्य-सञ्चिकाया: नाम DEST |
01:15 | युगपदेव नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं वयं लिखाम: -cp space एक: अधिका: [ पर्याया:] वा..the name of the SOURCEसञ्चिकाया: नाम...यासां सञ्चिकानां प्रतिकृति: करणीया तासां तथैव यस्यां संधारिकायां ता: सञ्चिका: समाविष्टा: भवेयु: तस्या: इत्युक्ते गन्तव्यस्थानस्य नाम |
01:34 | अधुना उदाहरणं पश्याम: ,प्रथमं तावत् terminal उद्घाटयाम: |
01:42 | अस्मत्-सविधे /home/anirban/arc/ मध्ये test1 नाम्ना सञ्चिका आदावेव अस्ति |
01:49 | test1 मध्ये किम् अस्ति इति द्रष्टुं वयं टङ्कयाम: -"$ cat test1 " enter नुदतु च |
02:00 | वयं पश्याम: यत् test1 इत्यस्या:सामग्री दृश्यते इति , अधुना यदि वयं तस्या: प्रतिकृतिं test2 नाम्न: अन्य-सञ्चिकायां कर्तुम् इच्छाम: तर्हि वयं लिखाम: "$ cp test1 test2 " , enter नुदाम: च |
02:22 | अधुना सञ्चिकाया: प्रतिकृति: निर्मिता |
02:25 | यदि test2 विद्यमाना नास्ति तर्हि प्रथमं सा निर्मातव्या तत: च test1 इत्यस्या: सामग्रे: तस्यां प्रतिकृति: कर्तव्या |
02:35 | यदि आदावेव निर्मिता अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमाधत्ते , प्रतिकृतां सञ्चिकां द्रष्टुं टङ्कयाम:"$ cat test2 " , enter नुदतु च |
02:52 | भवान् भिन्नसंधारिकत: भिन्नसधारिकायाम् अपि सञ्चिकानां प्रतिकृतिं कर्तुं शक्नोति यथा टङ्कयतु- "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/demo2 " enter नुदतु च |
03:31 | अनेन किं भवेत् इति चेत् /home/anirban/arc/इत्यस्या: मूल-संधारिकात: /home/anirban इत्यस्यां गन्तव्य-संधारिकायां demo1 इत्यस्या: सञ्चिकाया:प्रतिकृति: निर्मिता भवेत् ,तस्या: प्रतिकृति: demo2 नाम्न: सञ्चिकायां भवेत् |
03:51 | तत्र demo2 अस्ति इति द्रष्टुं टङ्कयतु "ls space /home/anirban " enter नुदतु च |
04:13 | वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् अत्र demo2 द्रष्टुं शक्नोति |
04:19 | अग्रं गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
04:25 | यदि गन्तव्य-संधारिकायां सञ्चिकाया: नाम समानं भवतु इति भवान् इच्छति तर्हि भवता सञ्चिकानाम अपि न निर्देष्ट्व्यं भवेत् ,यथा- |
04:35 | टङ्कयतु - "$ cp /home/anirban/arc/demo1 /home/anirban/ " , enter. नुदतु |
05:03 | अनेन /home/anirban/arc/ इत्यस्यां संधारिकायां विद्यमानाया: demo1 सञ्चिकाया: प्रतिकृति: /home/anirban इत्यस्यां संधारिकायां demo1 नाम्ना एव रक्षिता भवेत् |
05:20 | यथा पूर्वं demo1 द्रष्टुं टङ्कयतु -"ls/home/anirban " enter नुदतु च |
05:33 | अत्र पुन: वयम् उपरि गच्छाम: येन भवान् तत्र demo1 सञ्चिकां द्रष्टुं शक्नोति |
05:40 | पुन: अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
05:48 | अन्यत् उदाहरणं , यदा नैकानां सञ्चिकानां प्रतिकृतय: करणीया: भवन्ति , तदा सञ्चिकाया: गन्तव्य-स्थानस्य नाम्न: आवश्यकता न भवति |
05:56 | वयं चिन्तयाम: यत् अस्माकं गृह-संधारिकायां सञ्चिकात्रयम् अस्ति test1 ,test2 ,test3 च |
06:04 | अधुना वयं टङ्कयाम: "$ cp test1 test2 test3 /home/anirban/testdir " enter नुदाम:च |
06:27 | अनेन test1 ,test2 ,test3 च इति अस्य सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: तस्य नाम अपरिवर्त्य /home/anirban/testdir इत्यस्यां संधारिकायां रक्षिता भवेत् |
06:41 | भवान् पश्यति यत् एतत् सञ्चिकात्रयस्य प्रतिकृति: सत्यमेव सञ्जाता , वयं टङ्कयाम: "ls /home/anirban/testdir " enter नुदाम: च |
07:03 | भवान् पश्यति यत् अस्यां संधारिकायां test1,test2 ,test3 च सन्ति |
07:10 | cp इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणा: बहव: पर्याया: सन्ति,अत्र वयं तेषु अधिक-महत्त्व-पूर्णान् पर्यायान् एव द्रक्ष्याम: |
07:18 | प्रथमं तावत् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: |
07:23 | पर्यायेषु -R इति महत्त्वपूर्ण: पर्याय:, एष: संपूर्ण-संधारिका-संरचनाया: पुन: पुन: प्रतिकृति-निर्माणार्थं कारणीभूत: भवति |
07:33 | उदाहरणं पश्याम: |
07:38 | अथ testdir संधारिकाया: सामग्रे: test. नाम्न: संधारिकायां प्रतिकृतिं कर्तुं प्रयत्नं कुर्म: |
07:48 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: " cp testdir/ test " enter नुदाम: च |
08:02 | output message, इत्यनेन ज्ञायेत यत् , |
08:06 | सामान्यत: वयं cp - आदेशेन सामग्रीं समाविशन्त्या: संधारिकाया: साक्षात् प्रतिकृतिं कर्तुं न शक्नुम: |
08:14 | किन्तु -R पर्यायेण वयं तत् कर्तुं शक्यते |
08:19 | अधुना वयं टङ्कयाम: "cp -R testdir/ test " , enter. नुदाम: च |
08:36 | इदानीं सञ्चिकानां प्रतिकृति: सञ्जाता, test संधारिका सत्यमेव विद्यमाना अस्ति इति द्रष्टुं,टङ्कयतु ls ,enter नुदतु च |
08:47 | भवान् पश्यति यत् test संधारिका विद्यते इति , पटलं स्वच्छं कुर्म: |
08:57 | test मध्ये विद्यमानां सामग्रीं द्रष्टुं टङ्कयतु - ls test , enter. नुदतु च |
09:08 | test संधारिकाया: सामग्रीं भवान् द्रष्टुं शक्नोति |
09:13 | अधुना अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छाम: |
09:16 | अस्माभि: दृष्टम् अस्ति यत् आदावेव विद्यमानायां सञ्चिकायां अन्य-सञ्चिकाया: प्रतिकृति: क्रियते चेत् विद्यामाना सञ्चिका प्रतिसमाधत्ते |
09:25 | अधुना किं करणीयम्? ,यदि अस्माभि: एका महत्त्व-पूर्णा सञ्चिका अज्ञातत: प्रतिसमाधाता ? |
09:30 | ईदृशं मा भवेत् इति एतदर्थम् अस्माकं समीपे , -b इति पर्याय: अस्ति |
09:36 | अनेन विद्यमानाया: प्रत्येकं गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिलेख: निर्मीयते |
09:41 | वयं -i (संवादात्मक)पर्यायम् अपि उपयोक्तुं शक्नुम: , कस्या: अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वम् असौ सर्वदा सूचयति |
09:54 | अधुना पश्याम: यत् mv आदेश: कथं कार्यं करोति इति |
09:59 | असौ सञ्चिका-नयनार्थम् उपयुज्यते ,अधुना कथं एष: उपयुक्त:? |
10:04 | अस्य उपयोग-द्वयं मुख्यम् अस्ति |
10:07 | सञ्चिकाया: संधारिकाया: वा नाम नवीकर्तुम् |
10:11 | तथैव भिन्न-संधारिकायां सञ्चिका-वर्गं नेतुम् असौ प्रयुज्यते |
10:17 | mv इति cp इत्यनेन समान: य: आदावेव दृष्ट: ,अत: शीघ्रं पश्याम: mv कथम् प्रयुज्यते इति |
10:29 | वयं terminal उद्घाटयाम: टङ्कयाम: च "$ mv test1 test2 " enter नुदाम: च |
10:43 | अनेन गृह- संधारिकायां आदावेव विद्यमानाया: test1 इत्यस्या: सञ्चिकाया: test2 इति एवं नाम-परिवर्तनं भवेत् |
10:52 | यदि test2 आदावेव विद्यमाना अस्ति तर्हि सा नि:संशयं प्रतिसमादध्यात् |
11:00 | यदि वयं सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनाम् इच्छाम: |
11:05 | तर्हि वयं mv इति आदेशेन सह -i पर्यायम् उपयोक्तुं शक्नुम: |
11:10 | चिन्तयतु ,अस्मत्-सविधे anirban नाम्न: अन्या सञ्चिका अस्ति,तां सञ्चिकाम् अपि वयं test2 नाम्ना नवीकर्तुम् इच्छाम: |
11:20 | वयं टङ्कयाम: 'mv -i anirban test2 " , enter नुदतु च |
11:32 | भवान् पश्यति यत् test2 - सञ्चिका प्रतिसमाधातव्या उत न इति प्रच्छ्यते |
11:41 | यदि वयं y नुदाम: तदनु enter, नुदाम: तर्हि सञ्चिका प्रतिसामाधाता भवेत् |
11:49 | cp इव वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह mv उपयोक्तुं शक्नुम:,किन्तु अस्मिन् सन्दर्भे गन्तव्य-स्थानं संधारिका स्यात् |
11:58 | अग्र-गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छं कुर्म: |
12:03 | चिन्तयतु , अस्मत् - सविधे गृह-संधारिकायां abc.txt, pop.txt , push.txt च इति सञ्चिकात्रयम् अस्ति |
12:14 | तत् अस्ति उत न इति द्रष्टुं टङ्कयतु ls , enter नुदतु च |
12:21 | पश्यतु ,सञ्चिका: सन्त्येव pop.txt,push.txt , abc.txt ...पटलं स्वच्छं कुर्म: |
12:36 | अधुना इदं सञ्चिका-त्रयं testdir. नाम्न: संधारिकायां नेतव्यमस्ति |
12:46 | तन्निमित्तं किं करणीयम् इति चेत् टङ्कयतु mv abc.txt pop.txt push.txt , तत: गन्तव्य-स्थानस्य नाम यत् testdir इति अस्ति ,enter नुदतु च |
13:14 | तत्-त्रयं द्रष्टुं टङ्कयतु ls testdir ,enter नुदतु च |
13:20 | भवान् सञ्चिका: द्रष्टुं शक्नोति abc, pop , push.txt. च |
13:27 | अधुना mv. इत्यनेन सह कार्यं कुर्वाणान् पर्यायान् पश्याम: , अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम |
13:37 | mv इति आदेशेन सह -b –backup वा पर्याय: अस्ति ,अस्य कारणात् प्रतिसमाधानात् पूर्वं प्रत्येकं सञ्चिका गन्तव्ये स्थाने प्रतिलिखिता भवेत् |
13:48 | अस्माभि: दृष्टपूर्व: -i पर्याय: कस्याश्चित् अपि गन्तव्य-सञ्चिकाया: प्रतिसमाधानात् पूर्वं सूचनां करोति |
13:58 | rm इति द्रष्टव्य: अग्रिम: आदेश:अस्ति ,असौ सञ्चिका: उच्छेत्तुम् उपयुज्यते |
14:06 | terminal प्रति गच्छतु , टङ्कयतु च ls testdir. |
14:15 | वयं पश्याम: यत् faq.txt इति सञ्चिका-नाम विद्यते एव ,चिन्तयतु वयं ताम् उच्छेत्तुम् इच्छाम: |
14:23 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम:"$ rm testdir/faq.txt " , enter नुदतु च |
14:37 | अनेन /testdir संधारिकात: faq.txt सञ्चिका निष्कासिता भवेत् |
14:46 | सञ्चिका निष्कासिता अस्ति उत न इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir , enter नुदतु च |
15:00 | वयं पश्याम: यत् faq.txt. सञ्चिका नैव दृश्यते इति |
15:05 | वयं नैकाभि: सञ्चिकाभि: सह अपि rm आदेशम् उपयोक्तुं शक्नुम: |
15:10 | testdir संधारिकायां सञ्चिका-द्वयम् अस्ति abc2 ,abc1. च |
15:17 | चिन्तयतु ,वयं abc2 ,abc1. च इति एतत्-द्वयं निष्कासयितुम् इच्छाम: |
15:23 | तन्निमित्तं वयं टङ्कयाम: rm testdir/abc1 testdir/abc2 , enter नुदाम: च |
15:45 | अनेन abc2 ,abc1. च इति सञ्चिका-द्वयं testdir संधारिकात: निष्कासितं भवति |
15:53 | तत्-द्वयमपि निष्कासितम् अस्ति इति द्रष्टुं पुन: टङ्कयतु ls testdir, भवान् पश्यति यत् तत्र abc2 ,abc1. च नैव दृश्येताम् |
16:07 | अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: |
16:14 | अधुना अवसर्पिणी: प्रति गच्छेम |
16:18 | इदानीं यत् उक्तं तत् संक्षेपेण पश्याम: |
16:20 | एकां सञ्चिकाम् उच्छेत्तुं वयं rm तत: च सञ्चिका-नाम लिखाम: |
16:27 | नैका: सञ्चिका: उच्छेत्तुं वयं rm तत: च तासां नामानि लिखाम: |
16:34 | अधुना rm आदेशस्य कतिचन पर्यायान् पश्याम: |
16:40 | कदाचित् सञ्चिका write इत्यनेन संरक्षिता भवति ,तेन rm कारणात् सञ्चिका उच्छिन्ना न भवेत् , तदा अस्मत्-सविधे -f इति पर्याय: अस्ति येन सञ्चिका बलेन उच्छिन्ना भवेत् |
16:57 | अन्य: सामान्य: पर्याय: अस्ति , -r पर्याय:, पश्याम:... एष: पर्याय: कुत्र उपयोगी अस्ति इति |
17:07 | terminal प्रति गच्छाम: |
17:12 | संधारिका: उच्छेत्तुं rm आदेश: सामान्यत: न उपयुज्यते ,तन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे rmdir इति आदेश: अस्ति |
17:21 | किन्तु , सामान्यत: rmdir आदेश: संधारिकां तदैव उच्छिन्नति यदा सा रिक्ता भवति |
17:27 | यदि वयं बहव: सञ्चिका: उपसन्धारिका: च समाविशन्तीं संधारिकां उच्छेत्तुम् इच्छाम: तर्हि किं करणीयम्? |
17:35 | एतत् कर्तुं rm आदेशेन प्रयतामहे |
17:38 | अथ टङ्कयाम: rm तत: उच्छेत्तव्या संधारिका testdir इति, enter नुदाम: च |
17:47 | output message त: ज्ञायते यत् , rm आदेशेन वयम् testdir उच्छेत्तुं न शक्नुम: |
17:55 | किन्तु , यदि -r , -f च एकत्रीकुर्म: तर्हि वयं तत् कर्तुं शक्नुम: |
18:03 | टङ्कयतु rm -rf testdir , तत: च enter. नुदतु |
18:16 | अधुना testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्नाअस्ति |
18:22 | अधुना अग्रिम-आदेशं पठितुम् अवसर्पिणी: प्रति पुन: गच्छेम |
18:27 | cmp इति आदेश: |
18:29 | कदाचित् सञ्चिका-द्वयं समानम् उत भिन्नम् इति द्रष्टव्यं भवति ,यदि तद्द्वयं समानं तर्हि वयं तयो: एकाम् उच्छेत्तुं शक्नुम: |
18:37 | तथा च सञ्चिका गत-संस्करणात् परिवर्तिता अस्ति उत न इति अपि द्रष्टव्यं भवति |
18:44 | एतन्निमित्तं तथैव बहूनां अन्य-हेतूनां कृते वयं cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
18:49 | अनेन सञ्चिकाद्वयम् अष्टकश: तुल्यते |
18:54 | file1 , file2 च तोलयितुं वयं लिखाम: cmp file1 file2. |
19:03 | यदि सञ्चिका-द्वये अपि यथावत् समाना सामग्री स्यात् तर्हि कोsपि सन्देश: न दर्श्यते |
19:11 | केवलं संसूचकं दरीदृश्येत |
19:14 | यदि सामग्र्यो: भिन्नता भवेत् तर्हि तयो: प्रथमा terminal उपरि दृश्येत |
19:25 | पश्याम: cmp कथं कार्यं करोति इति ,गृह-संधारिकायां sample1 , sample2 च सञ्चिका-द्वयमस्ति |
19:35 | पश्याम: च तयो: किमस्तीति ? |
19:38 | टङ्कयतु cat sampe1 ,enter नुदतु च , अस्यां “This is a Linux file to test the cmp command” इति लिखितमस्ति |
19:50 | अन्य-सञ्चिकायामपि किमपि लिखितं स्यात् तत् द्रष्टुं टङ्कयाम: cat sample2 ,enter नुदाम: च |
20:00 | अस्यां “This is a Unix file to test the cmp command.” इति लिखितं स्यात् |
20:06 | अधुना वयं एतत्-सञ्चिकाद्वय-सन्दर्भे cmp आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
20:11 | वयं लिखाम: cmp sample1 sample2 , enter नुदाम: च |
20:23 | वयं पश्याम: यत् sample1 sample2 च इति एतयो: प्रथम-भेद: निर्दिश्यते |
20:32 | अग्रिम-आदेशार्थम् अग्रे गमनात् पूर्वं पटलं स्वच्छीकुर्म: |
20:38 | wc - आदेश: अग्रिम-आदेश: अस्ति |
20:43 | सञ्चिकास्थान् वर्णान् शब्दान् पङ्क्ती: च गणयितुं आदेश: असौ उपयुज्यते |
20:50 | अस्माकं गृह-संधारिकायां sample3 नाम्न: सञ्चिका अस्ति |
20:56 | तस्या: सामग्रीं पश्याम:,तदर्थं वयं टङ्कयाम: cat sample3 ,enter नुदाम: च |
21:05 | एषा अस्ति sample3.-इत्यस्या: सामग्री ! |
21:10 | अधुना एतत् -सञ्चिकाया: कृते wc इति आदेशम् उपयुञ्ज्महे
|
21:14 | तदर्थं वयं लिखाम: wc sample3 ,enter नुदाम: च |
21:25 | आदेश: निर्दिशति यत् सञ्चिकायां षट् पङ्क्तय: ,सप्तषष्टि: शब्दा: ,त्रिशताधिकपञ्चाशीति: वर्णा: च सन्ति |
21:38 | सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुम् अस्माकं साहाय्यं कुर्वाणा: केचन आदेशा: सन्ति |
21:43 | इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति , तथैव अस्माभि: दृष्टस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्ति |
21:51 | man आदेशम् उपयुज्य तेषां विषये अधिकं ज्ञातुम् अहं भवन्तं प्रेरयामि |
22:00 | अनेन पाठ: असौ समाप्यते |
22:04 | Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,य: National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: |
22:17 | अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro इत्यत्र उपलभ्यते |
22:34 | एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी आपृच्छते भवत: ,संपर्कार्थं धन्यवादा:! |