Difference between revisions of "Linux/C2/File-System/Sanskrit"
From Script | Spoken-Tutorial
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− | | | + | |07:58 |
− | |संसूचके टङ्कयतु - "cd space dot slash Documents(D in capital) slash." , enter | + | |संसूचके टङ्कयतु - "cd space dot slash Documents(D in capital) slash." , enter |
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− | | | + | |- |
+ | |08:09 | ||
|pwd इति टङ्कयित्वा उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata/Documents इत्यत्र स्म: | |pwd इति टङ्कयित्वा उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata/Documents इत्यत्र स्म: | ||
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− | | | + | |08:19 |
|control L नुदित्वा पटलं रिक्तं कुर्म: , येन स्पष्टता भवेत् | |control L नुदित्वा पटलं रिक्तं कुर्म: , येन स्पष्टता भवेत् | ||
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− | | | + | |08:23 |
− | |cd आदेशेन अस्माकं गृह-सधारिकां गन्तुं | + | |cd आदेशेन अस्माकं गृह-सधारिकां गन्तुं टङ्कयतु cd , नुदतु enter. |
− | टङ्कयतु cd , नुदतु enter. | + | |
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− | | | + | |08:32 |
|पुन: pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata इत्यत्र आगता: | |पुन: pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata इत्यत्र आगता: | ||
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− | | | + | |08:41 |
|<nowiki>वयं कियन्त: अपि dot dot दातुं शक्नुम: यानि संबद्ध-मार्गे slash इत्यनेन भिन्नानि भवन्ति </nowiki> | |<nowiki>वयं कियन्त: अपि dot dot दातुं शक्नुम: यानि संबद्ध-मार्गे slash इत्यनेन भिन्नानि भवन्ति </nowiki> | ||
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− | | | + | |08:47 |
|अस्याम् अवसर्पिण्यां वयं सञ्चिका- व्यवस्थापनस्य क्रमं पश्याम: , उपरितन-भागे Root , slash वा अस्ति , username -इति root मध्ये home तथा च bin इति उपसन्धारिका-द्वयम् अस्ति , अत्र home मध्ये gnuhata नाम्न: उपसन्धारिका अस्ति | |अस्याम् अवसर्पिण्यां वयं सञ्चिका- व्यवस्थापनस्य क्रमं पश्याम: , उपरितन-भागे Root , slash वा अस्ति , username -इति root मध्ये home तथा च bin इति उपसन्धारिका-द्वयम् अस्ति , अत्र home मध्ये gnuhata नाम्न: उपसन्धारिका अस्ति | ||
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− | | | + | |09:05 |
|अधुना वयं /home/gnuhata मध्ये स्म: , अधुना bin सन्धारिका कथं गन्तव्या ? | |अधुना वयं /home/gnuhata मध्ये स्म: , अधुना bin सन्धारिका कथं गन्तव्या ? | ||
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− | | | + | |09:12 |
− | |संसूचके टङ्कयतु | + | |संसूचके टङ्कयतु "cd space dot dot slash dot dot slash bin" , enter नुदतु च |
− | "cd space dot dot slash dot dot slash bin" , enter नुदतु च | + | |
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− | | | + | |09:23 |
− | |pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सन्धारिकां परिशीलयतु | + | |pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सन्धारिकां परिशीलयतु <nowiki>वयं /bin [narration - slash bin] इत्यत्र स्म:</nowiki> |
− | <nowiki>वयं /bin [narration - slash bin] इत्यत्र स्म:</nowiki> | + | |
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− | | | + | |09:30 |
|प्रथमं dot dot , slash home slash gnuhata] त: slash home प्रति अस्मान् नयति , | |प्रथमं dot dot , slash home slash gnuhata] त: slash home प्रति अस्मान् नयति , | ||
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− | | | + | |09:37 |
|अग्रिमं च /home त: root प्रति | |अग्रिमं च /home त: root प्रति | ||
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− | | | + | |09:43 |
|अधुना slash त: ,root त: वा वयं slash bin संधारिकायां प्रत्यागता: | |अधुना slash त: ,root त: वा वयं slash bin संधारिकायां प्रत्यागता: | ||
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− | | | + | |09:48 |
|cd इति आदेशेन अस्माकं गृह-सन्धारिकां गच्छतु | |cd इति आदेशेन अस्माकं गृह-सन्धारिकां गच्छतु | ||
+ | |||
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− | | | + | |09:52 |
|सन्धारिकां निर्मातुं वयं mkdir आदेशम् उपयुञ्ज्महे | |सन्धारिकां निर्मातुं वयं mkdir आदेशम् उपयुञ्ज्महे | ||
|- | |- | ||
− | | | + | |09:56 |
|सन्धारिका-निर्माणार्थं भवता आदेशं ,सन्धारिका-नाम च टङ्कनीयं ,तदनु उद्घाटित-सधारिकायां सन्धारिका निर्मिता भवेत् | |सन्धारिका-निर्माणार्थं भवता आदेशं ,सन्धारिका-नाम च टङ्कनीयं ,तदनु उद्घाटित-सधारिकायां सन्धारिका निर्मिता भवेत् | ||
+ | |||
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− | | 10:04 | + | |10:04 |
|testdir इति नाम्न: सन्धारिकां निर्मातुम् आदेशं टङ्कयतु - "mkdir space testdir" ,enter नुदतु च | |testdir इति नाम्न: सन्धारिकां निर्मातुम् आदेशं टङ्कयतु - "mkdir space testdir" ,enter नुदतु च | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 10:15 | + | |10:15 |
|अनेन testdir सन्धारिका यशस्विरीत्या निर्मिता भवेत् ! | |अनेन testdir सन्धारिका यशस्विरीत्या निर्मिता भवेत् ! | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 10:19 | + | |10:19 |
|पश्यतु यत् , संधारिका-निर्माणं तत्-निष्कासनं वा यशस्वि अभवत् इति वक्तुं कापि प्रत्यक्षं सूचना नास्ति | |पश्यतु यत् , संधारिका-निर्माणं तत्-निष्कासनं वा यशस्वि अभवत् इति वक्तुं कापि प्रत्यक्षं सूचना नास्ति | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 10:25 | + | |10:25 |
|भवान् कमपि दोष-सूचनां न प्राप्नोति इत्युक्ते इदं सम्पादनं यशस्वि अभवत् | |भवान् कमपि दोष-सूचनां न प्राप्नोति इत्युक्ते इदं सम्पादनं यशस्वि अभवत् | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 10:30 | + | |10:30 |
|वृक्षे कुत्रापि सन्धारिकां निर्मातुं वयं relative , absolute वा मार्गनाम उपयोक्तुं शक्नुम: किन्तु तथा कर्तुम् अनुमति: आवश्यकी अपि च तत्-नाम्न: सन्धारिका आदावेव विद्यमाना स्यात् | |वृक्षे कुत्रापि सन्धारिकां निर्मातुं वयं relative , absolute वा मार्गनाम उपयोक्तुं शक्नुम: किन्तु तथा कर्तुम् अनुमति: आवश्यकी अपि च तत्-नाम्न: सन्धारिका आदावेव विद्यमाना स्यात् | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 10:43 | + | |10:43 |
|एषा प्रक्रिया बहुविधा: संधारिका: , संधारिकाणां च क्रमं निर्मातुं उपयोक्तुं शक्यते | |एषा प्रक्रिया बहुविधा: संधारिका: , संधारिकाणां च क्रमं निर्मातुं उपयोक्तुं शक्यते | ||
+ | |||
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− | | 10:49 | + | |10:49 |
|टङ्कयतु - "mkdir space test1 space test2 " enter नुदतु च , अनेन विद्यमान-संधारिकायां test1 तथा च test2 इति संधारिकाद्वयं निर्मितं भवति | |टङ्कयतु - "mkdir space test1 space test2 " enter नुदतु च , अनेन विद्यमान-संधारिकायां test1 तथा च test2 इति संधारिकाद्वयं निर्मितं भवति | ||
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− | | 11:06 | + | |11:06 |
|टङ्कयतु - "mkdir space testtree space testtree slash test3". | |टङ्कयतु - "mkdir space testtree space testtree slash test3". | ||
+ | |||
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− | | 11:20 | + | |11:20 |
|अनेन testtree संधारिका तथैव testtree इत्यस्य test3 इति अन्या एका उपसंधारिका निर्मिता भवति | |अनेन testtree संधारिका तथैव testtree इत्यस्य test3 इति अन्या एका उपसंधारिका निर्मिता भवति | ||
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− | | 11:28 | + | |11:28 |
|अथ अस्माभि: उद्घाटित-संधारिकायां संधारिका-चतुष्टयं निर्मितं -testdir,test1,test2 , testtree च , तेषु प्रथम-त्रयं रिक्तम् अस्ति , अन्तिमा च test3 नाम्न: उपसंधारिका समाविशति | |अथ अस्माभि: उद्घाटित-संधारिकायां संधारिका-चतुष्टयं निर्मितं -testdir,test1,test2 , testtree च , तेषु प्रथम-त्रयं रिक्तम् अस्ति , अन्तिमा च test3 नाम्न: उपसंधारिका समाविशति | ||
+ | |||
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− | | 11:47 | + | |11:47 |
|mkdir इव rmdir अपि एक: आदेश: अस्ति य: संधारिकां निष्कासयितुम् उपयुज्यते | |mkdir इव rmdir अपि एक: आदेश: अस्ति य: संधारिकां निष्कासयितुम् उपयुज्यते | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 11:56 | + | |11:56 |
|"rmdir space test1" इति आदेश: test1 संधारिकां यशस्विरीत्या निष्कासयति | |"rmdir space test1" इति आदेश: test1 संधारिकां यशस्विरीत्या निष्कासयति | ||
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− | | 12:09 | + | |12:09 |
|संधारिका तदैव निष्कासयितुं शक्या यदा भवान् तस्य स्वामी भवति ,यदा भवत: उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि भवति अपि च यदा संधारिका रिक्ता भवति | |संधारिका तदैव निष्कासयितुं शक्या यदा भवान् तस्य स्वामी भवति ,यदा भवत: उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि भवति अपि च यदा संधारिका रिक्ता भवति | ||
+ | |||
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− | | 12:23 | + | |12:23 |
− | |संसूचके टङ्कयतु | + | |संसूचके टङ्कयतु "cd space testtree slash test3" |
− | "cd space testtree slash test3" | + | |
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− | | 12:35 | + | |12:35 |
|वयम् अधुना संधारिकायां स्म: या testtree इत्यस्य उपसन्धारिका अस्ति | |वयम् अधुना संधारिकायां स्म: या testtree इत्यस्य उपसन्धारिका अस्ति | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 12:42 | + | |12:42 |
|"rmdir space testdir" आदेशं टङ्कयित्वा testdir संधारिकां निष्कासयाम: ,enter नुदाम: | |"rmdir space testdir" आदेशं टङ्कयित्वा testdir संधारिकां निष्कासयाम: ,enter नुदाम: | ||
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|- | |- | ||
− | | 12:55 | + | |12:55 |
|वयं पश्याम: यत् एतत् न भवति ,उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि नास्ति | |वयं पश्याम: यत् एतत् न भवति ,उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि नास्ति | ||
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− | | 13:02 | + | |13:02 |
|अत: अस्माभि: testdir संधारिकाया: क्रमश: उपरितना संधारिका गन्तव्या | |अत: अस्माभि: testdir संधारिकाया: क्रमश: उपरितना संधारिका गन्तव्या | ||
+ | |||
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− | | 13:08 | + | |13:08 |
|टङ्कयतु - "cd space dot dot" , enter नुदतु च | |टङ्कयतु - "cd space dot dot" , enter नुदतु च | ||
+ | |||
|- | |- | ||
− | | 13:14 | + | |13:14 |
|अधुना "cd space dot dot" आदेशं टङ्कयित्वा पितृ-संधारिकां गच्छतु | |अधुना "cd space dot dot" आदेशं टङ्कयित्वा पितृ-संधारिकां गच्छतु | ||
+ | |||
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− | | 13:20 | + | |13:20 |
|अधुना पुन: पूर्वतन-आदेशं टङ्कयतु | |अधुना पुन: पूर्वतन-आदेशं टङ्कयतु | ||
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− | | 13:24 | + | |13:24 |
|अधुना टङ्कयतु - "rmdir space testdir" , enter नुदतु च | |अधुना टङ्कयतु - "rmdir space testdir" , enter नुदतु च | ||
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− | | 13:30 | + | |13:30 |
|testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्ना , पश्यतु यत् testdir संधारिका अपि रिक्ता आसीत् | |testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्ना , पश्यतु यत् testdir संधारिका अपि रिक्ता आसीत् | ||
+ | |||
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− | | 13:38 | + | |13:38 |
|बहुविधसंधारिका: संधारिकाणां क्रम: वा युगपत् निष्कासयितुं शक्य: , अत: test3 उपसंधारिकया सह testtree संधारिकां उच्छेत्तुं प्रयत्नं करोतु | |बहुविधसंधारिका: संधारिकाणां क्रम: वा युगपत् निष्कासयितुं शक्य: , अत: test3 उपसंधारिकया सह testtree संधारिकां उच्छेत्तुं प्रयत्नं करोतु | ||
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− | | 13:48 | + | |13:48 |
− | |संसूचके टङ्कयतु | + | |संसूचके टङ्कयतु "rmdir space testtree space testtree slash test3 " , enter नुदतु च |
− | "rmdir space testtree space testtree slash test3 " , enter नुदतु च | + | |
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− | | 14:02 | + | |14:02 |
|पश्यतु , दोष-सूचना क्रियते यत् 'testree' संधारिका निष्कासयितुं न शक्या यत: testtree रिक्ता नास्ति | |पश्यतु , दोष-सूचना क्रियते यत् 'testree' संधारिका निष्कासयितुं न शक्या यत: testtree रिक्ता नास्ति | ||
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− | | 14:11 | + | |14:11 |
|किन्तु एकम् अंशं भवान् विस्मर्तुं शक्नोति यत् testtree/test3 उच्छिन्ना यतो हि सा रिक्ता आसीत् | |किन्तु एकम् अंशं भवान् विस्मर्तुं शक्नोति यत् testtree/test3 उच्छिन्ना यतो हि सा रिक्ता आसीत् | ||
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− | | 14:19 | + | |14:19 |
|तत् परीक्षितुं संसूचके टङ्कयतु - "cd space testtree" , enter नुदतु च | |तत् परीक्षितुं संसूचके टङ्कयतु - "cd space testtree" , enter नुदतु च | ||
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− | | 14:27 | + | |14:27 |
|अधुना टङ्कयतु- "ls" , enter नुदतु च , पश्यतु संधारिकायां किमपि नास्ति , अत: test3 उच्छिन्ना | |अधुना टङ्कयतु- "ls" , enter नुदतु च , पश्यतु संधारिकायां किमपि नास्ति , अत: test3 उच्छिन्ना | ||
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− | | 14:36 | + | |14:36 |
|अथ पाठे अस्मिन् अस्माभि: Linux - सञ्चिका , संधारिका ,तयो: कार्यं च इत्यादिकं पठितं , तत् सर्वं पश्यतु, यथावत् करोतु च | |अथ पाठे अस्मिन् अस्माभि: Linux - सञ्चिका , संधारिका ,तयो: कार्यं च इत्यादिकं पठितं , तत् सर्वं पश्यतु, यथावत् करोतु च | ||
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− | | 14:49 | + | |14:49 |
|अत्र असौ पाठ: समाप्यते , Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher प्रकल्पस्य भाग: य: National Mission on Education through ICT. इत्यनेन साहाय्यीकृत: | |अत्र असौ पाठ: समाप्यते , Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher प्रकल्पस्य भाग: य: National Mission on Education through ICT. इत्यनेन साहाय्यीकृत: | ||
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− | | 15:03 | + | |15:03 |
|अस्य अधिक-ज्ञानम् अस्मिन् सन्धाने उपलभ्यते | |अस्य अधिक-ज्ञानम् अस्मिन् सन्धाने उपलभ्यते | ||
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− | | 15:08 | + | |15:08 |
|एतत्-पाठ-अनुवादकर्त्री इयं नन्दिनी आपृच्छते भवन्तं , संपर्कार्थं धन्यवादा: ! | |एतत्-पाठ-अनुवादकर्त्री इयं नन्दिनी आपृच्छते भवन्तं , संपर्कार्थं धन्यवादा: ! | ||
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Latest revision as of 17:14, 29 March 2017
Time | Narration |
00:00 | Linux File System विषये spoken tutorial मध्ये स्वागतम् |
00:04 | अहं Ubuntu 10.04 उपयुञ्जे |
00:07 | वयम् आशास्महे यत् आदेशानां प्राथमिकसंकल्पनां तथैव Linux - प्रणाल्या: आरम्भ: कथं करणीय: इति भवान् जानाति |
00:13 | यदि रुचिमन्त: भवन्त: तर्हि अस्मिन् जालपुटे अन्यस्मिन् अपि spoken tutorial मध्ये इदं ज्ञानम् उपलभ्यमस्ति http://spoken-tutorial.org |
00:25 | अपि च जानातु यत् linux अक्षर-संवेद्यम् अस्ति |
00:28 | अस्मिन् पाठे विशेषत्वेन अनुक्ता: सर्वे आदेशा: लघु-अक्षरै: टङ्किता: सन्ति |
00:36 | Linux-मध्ये प्राय: सर्वं सञ्चिका-रूपं भवति |
00:39 | तर्हि का नाम सञ्चिका ? व्यवहारे वयं जानीम: यत् सञ्चिका नाम सा यस्याम् अस्माकम् पत्राणि सामग्री: च वयं संगृह्णीम: |
00:47 | तथैव Linux - मध्ये सञ्चिका सामग्री-संग्राहिका भवति |
00:53 | अन्यच्च किं नाम संधारिका? |
00:56 | संधारिका इत्युक्ते सञ्चिकानां , उपसंधारिकाणां च संग्रह इति वक्तुं शक्यम् |
01:02 | संधारिका सञ्चिका: व्यवस्थापयितुं साहाय्यं करोति |
01:08 | Windows मध्ये यत् धारिका इति उच्यते, तादृशम् एव इदम् |
01:12 | अनेन भिन्न-उपयोक्-र्तॄणां स्वस्य संधारिका:, सञ्चिका: च भवितुम् अर्हन्ति या: अन्ये द्रष्टुं परिवर्तयितुं वा न शक्नुयु: |
01:20 | अपि च यदि संधारिका: न भवेयु: तर्हि प्रणाल्यां विद्यमानानां सर्व-सञ्चिकानां भिन्न-नामानि आवश्यकानि स्यु:,यानि व्यवस्थापयितुं कष्टंकरं भवेत् |
01:31 | यद्यपि संधारिकाणां , सञ्चिकानां च इमा: व्याख्या: सामान्यत: अवगन्तुं समीचीना: सन्ति तथापि ता: संपूर्णत: यथार्था: न सन्ति |
01:42 | सञ्चिकाया: एकं नाम भवति ,कतिचन धर्मा: भवन्ति ,अथवा प्रशासकीय-सूच्यांश: भवति इत्युक्ते सञ्चिकाया: रचना-परिवर्तन-दिनाङ्क: ,तदनुमतिश्च |
01:55 | सञ्चिकाविन्यासे inodeनामा एक: विशिष्ट: सामग्रीखण्ड: भवति , यस्मिन् धर्मा: रक्षिता: भवन्ति अपि च सञ्चिकाया: दैर्घ्यं , disk मध्ये संग्रहण-स्थानं च इत्यस्य ज्ञानं समाविष्टं भवति |
02:08 | सञ्चिकाया:विन्यास: inode - क्रमाङ्कम् उपयुङ्क्ते , अस्माकं सारल्यार्थं धारिकाविन्यास: सञ्चिकाया: नामकरणमात्रं करोति , यत: दीर्घ-क्रमाङ्कस्य स्मरणापेक्षया नाम्नां स्मरणं सुकरं भवति |
02:23 | वस्तुत: संधारिका अन्य-सञ्चिका: न रक्षति ,अपि तु सा स्वयमेव एका सञ्चिका अस्ति या inode क्रमाङ्कान् ,अन्य-सञ्चिकानां नामानि च संधारयति एतच्च तस्या: अतिसरलव्याख्याया: विरोधि भाति |
02:37 | वस्तुत: Linux - मध्ये सञ्चिकाया: प्रकारत्रयमस्ति - |
02:41 | १ नियत-सञ्चिका, सामान्य-सञ्चिका वा - एषा केवलं अक्षरयुतां सामग्रीं धारयति |
02:48 | २ संधारिका -इदं पूर्वतन-अवसर्पिण्यां दृष्टपूर्वम् |
02:52 | ३ Device Files - Linux मध्ये सर्वाणि यन्त्रांश-उपकरणानि ,आनुषाङ्गिक-उपकरणानि च सञ्चिका-रूपेण प्रदर्श्यन्ते |
02:59 | Linux - मध्ये CD, Harddisk , usb stick च इति प्रत्येकं सञ्चिका भवति , किन्तु किमर्थम् एवम्? इति चेत् अनेन सामान्य- सञ्चिका इव इमानि उपकरणानि पठितुं लेखितुं च शक्यानि |
03:15 | Linux - मध्ये सर्वा: सञ्चिका: संबद्धा: भवन्ति , संक्षेपेण सर्वा: कुटुम्बं रचयन्ति वयम् इव |
03:22 | संधारिकायां विद्यमानानां सञ्चिकानां : उपसंधारिकाणां च परस्पर-संबन्ध: जन्य-जनक-भाव-संबन्ध: इव भवति, एवञ्च linux इत्यस्य सञ्चिका-व्यवस्थाया: रेखावृक्ष: उत्पन्न: भवति |
03:34 | उपरि मूलं भवति यत् frontslash (/) द्वारा निर्दिश्यते , तस्मिन् अन्या: सर्वा: सञ्चिका: संधारिका: च भवन्ति |
03:42 | अनेन सञ्चिकात: संधारिकात: वा अन्यत्र गमनं सुकरं भवति , यदि वयम् उचितं मार्गं जानीम:, |
03:51 | यदा Linux प्रणाल्यां वयम् कार्यं कुर्म: तदा अनेन वृक्षेण सह गच्छाम: इति भाति |
03:56 | एकेन आदेशेन भवान् एकस्मात् स्थानात् अन्यत्र गन्तुं शक्नुयात् |
04:01 | चित्तवेधकं भाति इदं , तथैव अस्ति च ,वयं पश्याम: एव |
04:05 | यदा वयं Linux प्रणाल्यां login कुर्म: तदा उत्सर्गेण वयं गृह-संधारिकायां भवाम: |
04:11 | अधुना terminal उद्घाटयाम: |
04:13 | Ubuntu मध्ये terminal उद्घाटयितुं Ctrl+alt+T साहाय्यं करोति |
04:17 | आदेश: एष: सर्वासु सर्वेषु unix प्रणालीषु कार्यं न कुर्यात् ,तथापि terminal उद्घाटयितुं सामान्य-प्रक्रिया आदावेव अन्यस्मिन् spoken tutorial मध्ये स्पष्टीकृता अस्ति |
04:27 | गृह-संधारिकां द्रष्टुं ,आदेशस्य संसूचके टङ्कयतु "echo space dollar capitalमध्ये H-O-M-E " , enter नुदतु च |
04:40 | अनेन गृह-संधारिकाया: मार्गनाम दृश्येत |
04:44 | वयम् एकस्या: संधारिकाया: अन्यां संधारिकां गन्तुं शक्नुम: |
04:47 | किन्तु ,यदा वयम् कस्यां-चित् संधारिकायां भवाम: तदा सा संधारिका उद्घाटित - संधारिका / कार्यकारिणी संधारिका वा इति उच्यते, अधुना अवसर्पिणीं प्रति पुन: गच्छाम: |
04:56 | तत: pwd आदेश: उद्घाटित -संधारिकां द्रष्टुम् अस्माकं साहाय्यं करोति , pwd इत्युक्ते "present working directory" |
05:03 | संसूचके "pwd" इति टङ्कयतु ,enter नुदतु , अधुना एषा अस्माकं विद्यमाना कार्यकारिणी संधारिका अस्ति |
05:13 | वयम् उक्तवन्त: यत् वयम् एकस्या: संधारिकाया: अन्यां संधारिकां गन्तुं शक्नुम: |
05:17 | किन्तु कथं करणीयम् इदम् ? एतन्निमित्तम् अस्मत्-सविधे cd इति आदेश: अस्ति |
05:22 | भवता इष्टसंधारिकाया: मार्गनाम्न: अनन्तरं cd इति आदेश: टङ्कनीय: |
05:28 | पुन: अस्माकं विद्यमान-संधारिकां पश्याम: ,तदर्थं संसूचके pwd टङ्कयतु तत: enter नुदतु |
05:37 | तर्हि वयमिदानीं अस्यां संधारिकायां स्म: |
05:41 | अधुना वयं slash usr directory इत्यत्र गन्तुम् इच्छाम: चेत् नुदाम:
"cd space slash usr" , अत्र स्मरतु, linux मध्ये slash इत्युक्ते front slash ,enter नुदतु च |
05:56 | अधुना अस्माकं उद्घाटित-संधारिकां पश्याम: ,टङ्कयतु pwd , enter नुदतु च |
06:03 | आं, वयं slash usr directory प्रति गतवन्त: |
06:08 | अत्र एका समस्यास्ति यत् मार्गनाम दीर्घं भवितुम् अर्हति ,यतो हि एतानि नि:शेषाणि मार्गनामानि मूल-संधारिकात: मूलसहितं संपूर्णं मार्गं निर्दिशति |
06:18 | अथवा वयं विद्यमान-संधारिकया आरभ्यमाणानि संबद्ध-मार्गनामानि उपयोक्तुं शक्नुम: |
06:23 | अत्र अस्माभि: विशिष्टं चिह्नद्वयं ज्ञातव्यम् dot उद्घाटित-संधारिकां प्रदर्शयति, अपि च dot dot उद्घाटित-संधारिकाया: पितृ-संधारिकां दर्शयति |
06:36 | अधुना cd आदेशं सविस्तरं पश्याम: |
06:40 | नि:संशयं cd इति आदेश: पुन: गृह-संधारिकां गन्तुम् उपयुज्यते |
06:46 | संसूचके- "cd" enter नुदतु च |
06:51 | अधुना pwd इति आदेशेन अस्माकं उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु |
06:55 | अथ अधुना वयं अस्माकं गृह-संधारिकायां प्रत्यागता:
/home/gnuhata [ narration- slash home slash gnuhata ] |
07:01 | अधुना सङ्गीत-संधारिकां गच्छाम: , संसूचके टङ्कयतु "cd space Music(M in capital) slash" , enter नुदतु च |
07:13 | अधुना pwd इति आदेशेन अस्माकं उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , pwd ,enter नुदतु , पश्यतु वयं /home/gnuhata/Music प्रत्यागता: |
07:26 | सङ्गीतत: पितृ-संधारिकां गच्छाम: , तन्निमित्तं भवता dot dot इत्यनेन सह cd इति आदेश: उपयोक्तव्य: |
07:33 | संसूचके टङ्कयतु - cd space dot dot , enter नुदतु च |
07:40 | अधुना pwd इति आदेशेन अस्माकं विद्यमान-सधारिकां परिशीलयाम:, वयं पुन: /home/gnuhata मध्ये स्म: |
07:51 | अधुना dot उपयुज्य उद्घाटित-संधारिकाया: उपसधारिकां गन्तुं प्रयतामहे |
07:58 | संसूचके टङ्कयतु - "cd space dot slash Documents(D in capital) slash." , enter |
08:09 | pwd इति टङ्कयित्वा उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata/Documents इत्यत्र स्म: |
08:19 | control L नुदित्वा पटलं रिक्तं कुर्म: , येन स्पष्टता भवेत् |
08:23 | cd आदेशेन अस्माकं गृह-सधारिकां गन्तुं टङ्कयतु cd , नुदतु enter. |
08:32 | पुन: pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सधारिकां परिशीलयतु , वयं /home/gnuhata इत्यत्र आगता: |
08:41 | वयं कियन्त: अपि dot dot दातुं शक्नुम: यानि संबद्ध-मार्गे slash इत्यनेन भिन्नानि भवन्ति |
08:47 | अस्याम् अवसर्पिण्यां वयं सञ्चिका- व्यवस्थापनस्य क्रमं पश्याम: , उपरितन-भागे Root , slash वा अस्ति , username -इति root मध्ये home तथा च bin इति उपसन्धारिका-द्वयम् अस्ति , अत्र home मध्ये gnuhata नाम्न: उपसन्धारिका अस्ति |
09:05 | अधुना वयं /home/gnuhata मध्ये स्म: , अधुना bin सन्धारिका कथं गन्तव्या ? |
09:12 | संसूचके टङ्कयतु "cd space dot dot slash dot dot slash bin" , enter नुदतु च |
09:23 | pwd इति आदेशेन उद्घाटित-सन्धारिकां परिशीलयतु वयं /bin [narration - slash bin] इत्यत्र स्म: |
09:30 | प्रथमं dot dot , slash home slash gnuhata] त: slash home प्रति अस्मान् नयति , |
09:37 | अग्रिमं च /home त: root प्रति |
09:43 | अधुना slash त: ,root त: वा वयं slash bin संधारिकायां प्रत्यागता: |
09:48 | cd इति आदेशेन अस्माकं गृह-सन्धारिकां गच्छतु |
09:52 | सन्धारिकां निर्मातुं वयं mkdir आदेशम् उपयुञ्ज्महे |
09:56 | सन्धारिका-निर्माणार्थं भवता आदेशं ,सन्धारिका-नाम च टङ्कनीयं ,तदनु उद्घाटित-सधारिकायां सन्धारिका निर्मिता भवेत् |
10:04 | testdir इति नाम्न: सन्धारिकां निर्मातुम् आदेशं टङ्कयतु - "mkdir space testdir" ,enter नुदतु च |
10:15 | अनेन testdir सन्धारिका यशस्विरीत्या निर्मिता भवेत् ! |
10:19 | पश्यतु यत् , संधारिका-निर्माणं तत्-निष्कासनं वा यशस्वि अभवत् इति वक्तुं कापि प्रत्यक्षं सूचना नास्ति |
10:25 | भवान् कमपि दोष-सूचनां न प्राप्नोति इत्युक्ते इदं सम्पादनं यशस्वि अभवत् |
10:30 | वृक्षे कुत्रापि सन्धारिकां निर्मातुं वयं relative , absolute वा मार्गनाम उपयोक्तुं शक्नुम: किन्तु तथा कर्तुम् अनुमति: आवश्यकी अपि च तत्-नाम्न: सन्धारिका आदावेव विद्यमाना स्यात् |
10:43 | एषा प्रक्रिया बहुविधा: संधारिका: , संधारिकाणां च क्रमं निर्मातुं उपयोक्तुं शक्यते |
10:49 | टङ्कयतु - "mkdir space test1 space test2 " enter नुदतु च , अनेन विद्यमान-संधारिकायां test1 तथा च test2 इति संधारिकाद्वयं निर्मितं भवति |
11:06 | टङ्कयतु - "mkdir space testtree space testtree slash test3". |
11:20 | अनेन testtree संधारिका तथैव testtree इत्यस्य test3 इति अन्या एका उपसंधारिका निर्मिता भवति |
11:28 | अथ अस्माभि: उद्घाटित-संधारिकायां संधारिका-चतुष्टयं निर्मितं -testdir,test1,test2 , testtree च , तेषु प्रथम-त्रयं रिक्तम् अस्ति , अन्तिमा च test3 नाम्न: उपसंधारिका समाविशति |
11:47 | mkdir इव rmdir अपि एक: आदेश: अस्ति य: संधारिकां निष्कासयितुम् उपयुज्यते |
11:56 | "rmdir space test1" इति आदेश: test1 संधारिकां यशस्विरीत्या निष्कासयति |
12:09 | संधारिका तदैव निष्कासयितुं शक्या यदा भवान् तस्य स्वामी भवति ,यदा भवत: उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि भवति अपि च यदा संधारिका रिक्ता भवति |
12:23 | संसूचके टङ्कयतु "cd space testtree slash test3" |
12:35 | वयम् अधुना संधारिकायां स्म: या testtree इत्यस्य उपसन्धारिका अस्ति |
12:42 | "rmdir space testdir" आदेशं टङ्कयित्वा testdir संधारिकां निष्कासयाम: ,enter नुदाम: |
12:55 | वयं पश्याम: यत् एतत् न भवति ,उद्घाटित-संधारिका क्रमश: निष्कासनीय-संधारिकाया: उपरि नास्ति |
13:02 | अत: अस्माभि: testdir संधारिकाया: क्रमश: उपरितना संधारिका गन्तव्या |
13:08 | टङ्कयतु - "cd space dot dot" , enter नुदतु च |
13:14 | अधुना "cd space dot dot" आदेशं टङ्कयित्वा पितृ-संधारिकां गच्छतु |
13:20 | अधुना पुन: पूर्वतन-आदेशं टङ्कयतु |
13:24 | अधुना टङ्कयतु - "rmdir space testdir" , enter नुदतु च |
13:30 | testdir संधारिका यशस्विरीत्या उच्छिन्ना , पश्यतु यत् testdir संधारिका अपि रिक्ता आसीत् |
13:38 | बहुविधसंधारिका: संधारिकाणां क्रम: वा युगपत् निष्कासयितुं शक्य: , अत: test3 उपसंधारिकया सह testtree संधारिकां उच्छेत्तुं प्रयत्नं करोतु |
13:48 | संसूचके टङ्कयतु "rmdir space testtree space testtree slash test3 " , enter नुदतु च |
14:02 | पश्यतु , दोष-सूचना क्रियते यत् 'testree' संधारिका निष्कासयितुं न शक्या यत: testtree रिक्ता नास्ति |
14:11 | किन्तु एकम् अंशं भवान् विस्मर्तुं शक्नोति यत् testtree/test3 उच्छिन्ना यतो हि सा रिक्ता आसीत् |
14:19 | तत् परीक्षितुं संसूचके टङ्कयतु - "cd space testtree" , enter नुदतु च |
14:27 | अधुना टङ्कयतु- "ls" , enter नुदतु च , पश्यतु संधारिकायां किमपि नास्ति , अत: test3 उच्छिन्ना |
14:36 | अथ पाठे अस्मिन् अस्माभि: Linux - सञ्चिका , संधारिका ,तयो: कार्यं च इत्यादिकं पठितं , तत् सर्वं पश्यतु, यथावत् करोतु च |
14:49 | अत्र असौ पाठ: समाप्यते , Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher प्रकल्पस्य भाग: य: National Mission on Education through ICT. इत्यनेन साहाय्यीकृत: |
15:03 | अस्य अधिक-ज्ञानम् अस्मिन् सन्धाने उपलभ्यते |
15:08 | एतत्-पाठ-अनुवादकर्त्री इयं नन्दिनी आपृच्छते भवन्तं , संपर्कार्थं धन्यवादा: ! |