Difference between revisions of "BOSS-Linux/C2/Redirection-Pipes/Sanskrit"
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|redirection - विषये पठनात् पूर्वम् stream , file descriptor च इति महत्त्वपूर्णं संकल्पनाद्वयं ज्ञातव्यं | |redirection - विषये पठनात् पूर्वम् stream , file descriptor च इति महत्त्वपूर्णं संकल्पनाद्वयं ज्ञातव्यं | ||
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|Linux shell वर्णक्रमानुसारं stream इत्यस्य च अनुसारं निवेशं स्वीकरोति ,फलितं च प्रेषयति Bashइव | |Linux shell वर्णक्रमानुसारं stream इत्यस्य च अनुसारं निवेशं स्वीकरोति ,फलितं च प्रेषयति Bashइव | ||
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− | |यथा वयं जानीम: यत् aaa नाम्ना कापि सञ्चिका विद्यमाना नास्त्येव , इदं लिखतु - | + | |यथा वयं जानीम: यत् aaa नाम्ना कापि सञ्चिका विद्यमाना नास्त्येव , इदं लिखतु -"wc space aaa" |
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− | "wc space aaa space 2 'right-anged bracket' errorlog dot txt" | + | |
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− | |अधुना चिन्तयतु अहं एनम् आदेशं संचाल्य कञ्चित् अन्यं दोषं करोमि | + | |अधुना चिन्तयतु अहं एनम् आदेशं संचाल्य कञ्चित् अन्यं दोषं करोमि "cat space bbb space 2 'right-angled bracket' errorlog dot txt". |
− | "cat space bbb space 2 'right-angled bracket' errorlog dot txt". | + | |
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|किन्तु सर्वदोषाणाम् आवलिं कर्तुं किं करणीयम्? ? | |किन्तु सर्वदोषाणाम् आवलिं कर्तुं किं करणीयम्? ? | ||
− | सरलं तत्, टङ्कयाम: | + | सरलं तत्, टङ्कयाम: "wc space aaa space 2 'right-angled bracket' twice errorlog dot txt" |
− | "wc space aaa space 2 'right-angled bracket' twice errorlog dot txt" | + | |
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− | |इदम् इत्थं दृश्यते | + | |इदम् इत्थं दृश्यते command1 vertical bar command2 hyphen option vertical bar command3 hyphen option1 hyphen option2 vertical bar command4 |
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− | |वयं सञ्चिकायां फलितं redirect कर्तुं शक्नुम: | + | |वयं सञ्चिकायां फलितं redirect कर्तुं शक्नुम:"ls space minus l 'right-angled bracket' files dot txt" |
− | "ls space minus l 'right-angled bracket' files dot txt" | + | |
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− | |वयं pipes उपयुज्य सरलतया इदं कर्तुं शक्नुम: इत्थं,टङ्कयाम: | + | |वयं pipes उपयुज्य सरलतया इदं कर्तुं शक्नुम: इत्थं,टङ्कयाम: "ls space minus l 'vertical bar' wc space minus l" |
− | "ls space minus l 'vertical bar' wc space minus l" | + | |
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Latest revision as of 17:23, 28 March 2017
Time | Narration |
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00:00 | Redirection Pipes. च इति एतत्-विषयके spoken tutorial मध्ये स्वागतम् |
00:07 | अहं Linux उपयुञ्जे |
00:09 | आदेशानां प्राथमिकसंकल्पनां तथैव Linux - प्रणाल्या: आरम्भ: कथं करणीय: इति भवान् जानीयात् एव |
00:16 | इदं प्राथमिकं ज्ञानम् अस्मिन् जालपुटे अन्यस्मिन् spoken tutorial, मध्ये उपलभ्यते |
00:22 | तथैव यत् linux अक्षर-संवेद्यमस्तीति जानातु |
00:25 | अस्मिन् पाठे विशेषत्वेन अनुक्ता: सर्वे आदेशा: लघु-अक्षरै: टङ्किता: सन्ति |
00:32 | Linux मध्ये क्रियमाणं कार्यम् आधिक्येन terminal. - द्वारा एव क्रियते |
00:35 | सामान्यत: कीलफलकम् उपयुज्य वयम् आदेशं टङ्कयाम: |
00:39 | चिन्तयतु ,दिनाङ्क: समय: च द्रष्टव्य: अस्तीति |
00:41 | टङ्कयाम: "date" , enter. नुदाम: च |
00:46 | एवं सामान्यत: वयं कीलफलकम् उपयुज्य निवेशं दद्म: |
00:48 | तथैव वयं पश्याम: यत् आदेशस्य फलितम् अपि terminal - गवाक्षे दर्श्यते |
00:56 | चिन्तयतु च ..कस्यचित् आदेशस्य सञ्चालने कश्चित् दोष: उत्पन्न: |
00:59 | यथा वयं टङ्कयाम: "cat space aaa" , enter नुदाम: च |
01:05 | aaa इति नाम्न: कापि सञ्चिका न विद्यते |
01:08 | अत: न इति वदन् एक: दोष: दर्शित: भवति |
01:10 | अधुना एष: दोष: अपि terminal गवाक्षे आगच्छति ,इत्थं दोष-दर्शनमपि terminal इत्यत्र भवति |
01:20 | एवं निवेशनं , फलितं ,दोष-दर्शनं च इति विशिष्टं क्रियात्रयं आदेश-संबद्धं भवति |
01:24 | redirection - विषये पठनात् पूर्वम् stream , file descriptor च इति महत्त्वपूर्णं संकल्पनाद्वयं ज्ञातव्यं |
01:31 | Linux shell वर्णक्रमानुसारं stream इत्यस्य च अनुसारं निवेशं स्वीकरोति ,फलितं च प्रेषयति Bashइव |
01:37 | प्रत्येकम् अक्षरं तस्मात् परस्य पूर्वस्य च अक्षरात् स्वतन्त्रं भवति |
01:41 | IO - तन्त्रान् उपयुज्य streams द्रष्टुं शक्यानि |
01:44 | अक्षराणां stream, सञ्चिकात: , कीलफलकत: , गवाक्षत: च आगच्छेत् नागच्छेत् वा ,तान् प्रति गच्छेत् न गच्छेत् वा इत्यत्र नास्ति चिन्ता |
01:51 | Linux, मध्ये प्रत्येकम् उद्घाटित-सञ्चिका पूर्णाङ्केन संबद्धा भवति |
01:57 | इदं संख्यात्मक-परिमाणं file descriptor इति उच्यते |
02:05 | Linux shell three standard I/O stream इत्यस्य उपयोगं करोति |
02:08 | तेषु प्रत्येकं file descriptor. इत्यनेन संबद्धं भवति |
02:12 | stdin इत्युक्ते standard input stream. |
02:15 | अनेन आदेशानां कृते निवेशनं प्रदीयते |
02:17 | अस्य file descriptor ० इति अस्ति |
02:19 | stdout इत्युक्ते standard output stream. |
02:22 | अनेन आदेशस्य फलितं दर्श्यते ,अस्य एकं इति file descriptor अस्ति |
02:26 | stderr इत्युक्ते standard error stream ,अनेन आदेशस्य फलिते दोष: दर्श्यते , अस्य द्वे. इति file descriptor अस्ति |
02:36 | input stream, program इति अस्य कृते निवेशनं प्रददाति |
02:40 | उत्सर्गेण इदं terminal द्वारा स्वीक्रियते |
02:44 | output streams इत्येतत् terminal. उपरि उत्सर्गेण अक्षराणि मुद्रयति |
02:47 | terminal इत्येतत् मूलत: ASCII - टङ्कक: अथवा display terminal. आसीत् |
02:52 | किन्तु अधुना तत् graphical desktop. उपरि लेखन-गवाक्ष: अस्ति |
02:56 | वस्तुत: त्रीणि streams कतिपयसञ्चिकाभि: उत्सर्गेण संयुक्तानि भवन्ति |
03:01 | किन्तु linux, मध्ये इदम् उत्सर्ग-आचरणं परिवर्तयितुं शक्यं |
03:04 | वयम् इमानि त्रीणि streams , अन्य-सञ्चिकाभि: संयोक्तुं शक्नुम: |
03:07 | प्रक्रिया इयं redirection. इति उच्यते |
03:09 | अधुना पश्याम: त्रीषु streams इत्येतेषु redirection कथं क्रियते इति |
03:14 | प्रथमं तावत् standard input, कथं redirect करणीयम् इति पश्याम: |
03:17 | वयं संचिकात: (left angled bracket) operator. उपयुज्य standardin इति एतस्य redirection कुर्म:
पश्याम: कथमिति |
03:22 | पङ्क्तीनां शब्दानां वर्णानां च संख्यां द्रष्टुं wc - आदेशस्य उपयोग: भवति इति वयं जानीम: एव |
03:28 | टङ्कयतु wc |
03:31 | enter. नुदतु. किं भवति ? निमिषद् चिह्नं दृश्यते , इत्युक्ते तत्र किञ्चित् निवेशनीयम् |
03:37 | टङ्कयतु ..यथा "This tutorial is very important". |
03:46 | enter. नुदतु |
03:48 | अधुना Ctrl, d इति कीले युगपत् नुदतु |
03:52 | निविष्टानां पङ्क्तीनां कृते आदेश: असौ कार्यं कुर्यात् |
03:55 | आदेश: terminal इत्यत्र फलितं दर्शयेत् |
03:57 | अधुना अत्र wc इति आदेशात् अनन्तरं कापि सञ्चिका निर्दिष्टा नास्ति |
04:01 | अत:असौ standard input stream इत्यस्मात् निवेशनं स्वीकुर्यात् |
04:04 | अथ standard input stream उत्सर्गेण कीलफलकेन संयुक्तं भवति ,अत: wc आदेश: कीलफलकात् निवेशं स्वीकरिष्यति |
04:12 | अधुना यदि वयं लिखाम: "wc space 'left-angled bracket" space test1 dot txt" |
04:19 | तर्हि wc - आदेश: test1 dot txt - सञ्चिकाया: पङ्क्तीनां शब्दानां वर्णानां च संख्याम् अस्मभ्यं कथयति |
04:27 | अधुना टङ्कयतु "wc space test1 dot txt" |
04:34 | वयं समानं परिणामं पश्याम: |
04:37 | ननु क: भेद: अस्ति ? |
04:39 | "wc space test1dot txt" ,इत्यनेन आदेशेन test1dot txt सञ्चिका उद्घाटिता पठिता च भवति |
04:46 | किन्तु यद्यपि वयं "wc space 'left-angled bracket' test1 dot txt", लिखाम: तथापि wc इत्यनेन कापि सञ्चिका उद्घाटिता न भवति |
04:53 | तत्स्थाने स: standardin.-त: निवेशं स्वीकर्तुम् इच्छति |
04:57 | अधुना वयं test1dot txt. इति सञ्चिकाया: कृते standardin नियोजयाम: |
05:01 | अत: आदेश: असौ test1 - त:पठनं करोति |
05:04 | वस्तुत: असौ न जानाति यत् सामग्री standardin प्रति कुत: आयाति इति |
05:10 | एवं standard input कथं redirect करणीयम् इति वयं दृष्टवन्त: |
05:12 | अधुना पश्याम: ,standard output ,standard error च कथं redirect करणीयम् इति |
05:17 | एतद्द्वयं सञ्चिकां प्रति redirect कर्तुं मार्गद्वयमस्ति |
05:20 | चिन्तयतु , n इत्यक्षरं file descriptor द्योतयति ,n> (-एन ‘सिंगल राइट-एंगल्ड ब्रेकेट’) file descriptor n त: सञ्चिकां प्रति फलितं redirect करोति |
05:29 | भवत: सञ्चिका-लेखनस्य अधिकार: स्यादेव |
05:32 | सञ्चिका विद्यमाना नास्ति चेत् निर्मातव्या |
05:35 | यदि सा न निर्मीयते तर्हि तत्-सामग्री सामान्यत: पूर्वसूचनां विना नश्येत् |
05:40 | अपि च n'double right-angled bracket' , file descriptor त: फलितं redirect करोति |
05:47 | पुन: भवत: सञ्चिका-लेखनस्य अधिकार: स्यादेव |
05:50 | सञ्चिका विद्यमाना नास्ति चेत् निर्मातव्या |
05:52 | यदि विद्यमाना अस्ति तर्हि फलितं विद्यमान-सञ्चिकया संयोजितं भवेत् |
05:59 | n single right angle bracket , अथवा n इत्यस्मात् double right angle bracket इत्येषा स्थिति:,file descriptor द्योतयति |
06:05 | इदम् अपाकुर्म: चेत् standard output , file descriptor 1 स्यात् इति चिन्तनीयं |
06:10 | अत: केवलं right angle bracket ,एकेन right angle bracket. इत्यनेन समानम् |
06:15 | किन्तु ,error stream, redirect कर्तुं , भवता 2 right angle bracket , 2 double right angle bracket. वा उपयोक्तव्यम् |
06:22 | एतत् कृत्वा एव पश्याम: |
06:24 | wc आदेशस्य standardin इत्यस्मिन् , सञ्चिकायां च जात: परिणाम: terminal - गवाक्षे दर्शित:भवति |
06:31 | एष: terminal - गवाक्षे न दर्शनीय: चेत् किं करणीयम्? |
06:34 | वयम् एनं सञ्चिकायां संगृह्णीम: येन सूच्यांश: अनन्तरम् उपयोक्तुं शक्य: |
06:38 | उत्सर्गेण wc आदेश: तत् -फलितं standardout मध्ये लिखति |
06:42 | standardout, उत्सर्गेण terminal गवाक्षेण सयुक्तं भवति |
06:45 | अत: फलितं terminal - गवाक्षे दृश्यते |
06:48 | किन्तु वयं standardout इत्येतत् सञ्चिकायां redirect कुर्म: चेत् wc आदेशस्य फलितं तत्- सञ्चिकायां लेखितं भवेत् |
06:57 | चिन्तयतु ,वयं लिखाम: "wc space test1 dot txt 'right-angled bracket' wc_results dot txt" . |
07:09 | enter. नुदतु |
07:11 | इदं सत्यमेव सञ्जातं वा इति द्रष्टुं वयं c-a-t c इति आदेशेन wc_results dot txt इत्यस्या: सामग्रीं दर्शयितुं शक्नुम: |
07:23 | आम् ,इदं सञ्जातम् चिन्तयतु , अस्यां संधारिकायां test2 इति अन्या सञ्चिका अस्ति |
07:30 | पुन: test2 सञ्चिकया सह आदेशं टङ्कयाम:
"wc space test2 dot txt 'right-angled bracket' wc_results dot txt" |
07:44 | अत: wc_results इति सञ्चिकाया: सामग्री प्रतिसमाधाता भवेत् |
07:48 | अस्तु ,इदं पश्याम: |
07:56 | एतत्-स्थाने यदि वयं लिखाम: "wc space test1 dot txt 'right-angled bracket' twice wc underscore results dot txt" |
08:07 | तर्हि आदावेव wc underscore results dot txt, इति सञ्चिकायां विद्यमान-सामग्रे: स्थाने नूतन-सामग्री प्रतिसमाधाता न भवेत् ,सा संयोजिता भवेत् |
08:15 | इदमपि पश्याम: |
08:26 | standard error इत्यस्य Redirecting सामानरीत्या एव भवेत् |
08:29 | तत्र भेद: नाम अस्मिन् सन्दर्भे right angle bracket , double right angle bracket sign. वा इत्यस्मात् पूर्वं standard error इत्यस्य file descriptor - क्रमाङ्क: निर्देष्टव्य: भवेत् |
08:38 | यथा वयं जानीम: यत् aaa नाम्ना कापि सञ्चिका विद्यमाना नास्त्येव , इदं लिखतु -"wc space aaa" |
08:46 | तर्हि shell दोषं दर्शयेत् यत् “No such file or directory”. ईदृशी सञ्चिका संधारिका वा नास्ति इति |
08:50 | अधुना चिन्तयतु , वयं पटले दोष-सूचना: नेच्छाम: इति , ता: अन्यस्यां सञ्चिकायां redirected भवितुम् अर्हन्ति . |
08:55 | तन्निमित्तं टङ्कयाम: "wc space aaa space 2 'right-anged bracket' errorlog dot txt" |
09:06 | अधुना terminal उपरि दोष-सूचना न क्रियते, किं बहुना सा errorlog dot txt इति सञ्चिकायां लिखिता भवेत् |
09:12 | वयम् इदम् अनेन आदेशेन द्रष्टुं शक्नुम: "cat space errorlog dot txt" |
09:22 | अधुना चिन्तयतु अहं एनम् आदेशं संचाल्य कञ्चित् अन्यं दोषं करोमि "cat space bbb space 2 'right-angled bracket' errorlog dot txt". |
09:34 | पूर्वतन-दोष: प्रतिसमाधात: भवेत् , नूतन: च दर्शित: भवेत् |
09:39 | पश्यतु "cat space errorlog dot txt" |
09:46 | किन्तु सर्वदोषाणाम् आवलिं कर्तुं किं करणीयम्? ?
सरलं तत्, टङ्कयाम: "wc space aaa space 2 'right-angled bracket' twice errorlog dot txt" |
09:58 | cat आदेशम् उपयुज्य वयम् इदं परिशीलयेम |
10:06 | अस्माभि: दृष्टं यत् कथं standard out,standard in,standard error इति त्रीणि streams भिन्नश: कौशलपूर्वकं प्रयुज्यन्ते अपि च redirected क्रियन्ते , किन्तु अस्या: संकल्पनाया: वास्तवं सामर्थ्यं तदैव अनुमातुं शक्यं यदा वयं एकत्रितरीत्या कौशल्येन तेषाम् उपयोगं कुर्म:, तन्नाम भिन्नानां streams इत्येषां संयोजनम् |
10:20 | एषा प्रक्रिया pipelining. इति उच्यते |
10:22 | आदेशानां शृङ्खला: निर्मातुं Pipes प्रयुज्यन्ते |
10:25 | Pipe एकस्य आदेशस्य फलितम् अग्रिम-आदेशस्य निवेशेन श्रुङ्खलायां संयोजयति |
10:30 | इदम् इत्थं दृश्यते command1 vertical bar command2 hyphen option vertical bar command3 hyphen option1 hyphen option2 vertical bar command4 |
10:46 | yचिन्तयतु ,वयं उद्घाटित-संधारिकायां विद्यमानानां सञ्चिकानां , संधारिकाणां च आहत्य संख्यां ज्ञातुम् इच्छाम: |
10:51 | वयं जानीम: "ls space minus l" इत्यादेश: सर्वासां सञ्चिकानां संधारिकाणां च आवलिं करोति इति |
10:58 | वयं सञ्चिकायां फलितं redirect कर्तुं शक्नुम:"ls space minus l 'right-angled bracket' files dot txt" |
11:08 | टङ्कयतु - "cat space files dot txt" |
11:14 | अधुना प्रत्येकं पङ्क्ति: नाम सञ्चिकाया:, संधारिकाया: वा नाम अस्ति . |
11:17 | अत: यदि वयम् अस्या: सञ्चिकाया: सर्वा: पङ्क्ती: गणयाम: ,तर्हि वयं अस्माकं हेतुं पूर्णीकर्तुं files dot txt उपयोक्तुं शक्नुम: |
11:24 | तदर्थं आदेशं टङ्कयाम: - "wc space minus l files dot txt" |
11:32 | यद्यपि अनेन अस्माकं कार्यं साध्यते तथापि कतिचन समस्या: अस्मिन् सन्ति |
11:35 | प्रथमं वयं , files dot txt . इति intermediate-सञ्चिकाम् इच्छाम: |
11:40 | यदि प्रथम-आदेश: महतीं सामग्रीं निर्माति तर्हि तस्मात् disk memory. व्यर्थम् एव नष्टं भवेत् |
11:46 | तथैव वयं बहून् आदेशान् शृङ्खला-बद्धान् कर्तुम् इच्छाम: चेदपि ,प्रक्रिया इयं मन्दा अस्ति |
11:50 | वयं pipes उपयुज्य सरलतया इदं कर्तुं शक्नुम: इत्थं,टङ्कयाम: "ls space minus l 'vertical bar' wc space minus l" |
12:01 | वयं समानमेव परिणामम् अतीव सौकर्येण प्राप्तुं शक्नुम: |
12:06 | ls आदेशस्य फलितं wc आदेशार्थं निवेशत्वेन कार्यं करोति |
12:10 | वयं pipes उपयुज्य आदेशस्य दीर्घा: शृङ्खला: योजयितुं शक्नुम: |
12:15 | pipe इत्यस्य एक: उपयोग: नाम इत्यनेन अनेकानि पर्णानि युगपत् पठितुं शक्यानि |
12:19 | टङ्कयतु -"cd space slash user slash bin". |
12:24 | अथ इदानीं वयं bin संधारिकायां स्म: |
12:28 | टङ्कयतु "ls minus l" |
12:31 | वयं फलितं यथावत् द्रष्टुं न शक्नुम: , किन्तु pipe इत्यनेन more संयोजयाम: ,चेत् वयं तत् द्रष्टुं शक्नुम: |
12:37 | enter नुदतु येन संपूर्ण-आवलिं द्रष्टुं शक्नुम: |
12:41 | "q" नुदतु येन इत: बहि: आगच्छाम: |
12:45 | एते पठिता: कतिचन आदेशा: सञ्चिकाभि: सह कार्यं कर्तुं अस्माकं साहाय्यं कुर्वन्ति |
12:48 | इतोऽपि बहव: आदेशा: सन्ति तथैव |
12:50 | तथापि अस्माभि: पठितस्य प्रत्येकम् आदेशस्य बहव: पर्याया: सन्त्येव |
12:54 | 'man' आदेशम् उपयुज्य तस्मिन् विषये अधिकं पठितुं अहं भवन्तं प्रोत्साहयामि |
12:58 | आदेशान् पठितुम् उत्तम: मार्ग: नाम तेषां पुन: पुन: उपयोजनम् |
13:04 | अत्र असौ पाठ: समाप्यते |
13:07 | Spoken Tutorial इति Talk to a Teacher - प्रकल्पभाग: ,असौ National Mission on Education through ICT, MHRD, भारतसर्वकारेण साहाय्यीकृत: |
13:15 | अस्य अधिकज्ञानम् spoken hyphen tutorial dot.org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र उपलभ्यते |
13:19 | एतत्- पाठ- अनुवादकर्त्री इयं घाग-नन्दिनी IIT - मुम्बयीत: आपृच्छते भवत:, संपर्कार्थं धन्यवादा: ! |