Difference between revisions of "BOSS-Linux/C2/File-System/Hindi"

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|चलिए कमांड प्रोंप्ट पर pwd टाइप करके हम अपनी करंट डाइरेक्टरी को देखते हैं। और एंटर दबायें।
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|"mkdir space testtree space testtree slash test3" टाइप करें।
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|तो हमने testdir ,test1,test2, testtree  नामक चार डाइरेक्टरी करंट डाइरेक्टरी में बनाई हैं। जिसमें से पहली तीन खाली हैं तथा आखिरी में एक test3 नामक सब डाइरेक्टरी है।   
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|तो हमने चार डाइरेक्टरी करंट डाइरेक्टरी में बनाई हैं testdir ,test1,test2, testtree। जिसमें से पहली तीन खाली हैं तथा आखिरी में एक test3 नामक सब डाइरेक्टरी है।   
 
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Revision as of 11:50, 7 January 2015

Time Narration
0:00 लिनक्स फाइल सिस्टम्स के इस स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
0:04 मैं लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हूँ।
0:08 हम यह मान रहे हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ शुरुआत कैसे करना है ये आपको पता है तथा कमांड्स के बारे में थोड़ी जानकारी है।
0:16 यदि इसके बारे में आपको जानना है तो यह दूसरे ट्यूटोरियल में मौजूद है जो http://spoken-tutorial.org. पर उपलब्ध है।
0:28 यह भी ध्यान दें कि लिनक्स केस सेंसिटिव है।
0:32 इस ट्यूटोरियल में इस्तेमाल की गई सभी कमांड्स लोवर केस में हैं तथा जो नहीं हैं उन्हें बताया गया है।
0:41 लिनक्स में लगभग सबकुछ एक फाइल है।
0:44 तो फाइल क्या है? वास्तव में हम जानते हैं कि फाइल वो होती है जिसमें हम डाक्यूमेंट्स और पेपर्स जमा करके रखते हैं।
0:54 उसी तरह लिनक्स में फाइल भी जानकारी संग्रहित करने के लिए एक जगह होती है।
1:00 अब डायरेक्टरी क्या है ?
1:03 डायरेक्टरी को बहुत सारी फाइल्स और सब डायरेक्टरीज़ का संग्रह माना जा सकता है।
1:10 डायरेक्टरी हमें फाइल्स को व्यवस्थित रूप में संगठित करने के लिए मदद करती है।
1:16 ये वही है जिन्हें हम विन्डोज़ में फोल्डर कहते हैं।
1:20 लिनक्स में अलग-अलग यूज़र्स अपनी डायरेक्टरीज़ के साथ फाइल्स रख सकते हैं जिन्हें दूसरे व्यक्ति रूपांतरित नहीं कर सकते हैं।
1:30 वैसे भी यदि डायरेक्टरीज़ न होती तो सिस्टम की सारी फाइल्स को अलग अनोखे नाम देने पड़ते जिन्हें बनाए रखना बहुत ही कठिन होता।
1:41 हालाँकि फाइल्स और डायरेक्टरी के लिए ये परिभाषा उनके बारे में जानकारी देने के लिए ठीक है लेकिन ये इनके लिए पूरी तरह से सही नहीं है।
1:51 फाइल का एक नाम होता है, उसके कंटेंट्स के साथ-साथ कुछ प्रशासनिक जानकारी यानि एडमिनिस्ट्रेटीव इन्फोर्मेशन जोकि उस फाइल की रचना या रूपांतरण दिनांक और उसके पहुँच की अनुमति के बारे में भी जानकारी रहती है।
2:05 ये जानकारी फाइल की आइनोड में संरक्षित रहती है जो कि फाइल सिस्टम में एक विशेष डेटा का खंड है और जो फाइल की लम्बाई और स्थान भी संरक्षित रखता है।
2:20 सिस्टम फाइल की आइनोड नम्बर को इस्तेमाल करता है। हमारी सुविधा के लिए ये डायरेक्टरी आकर फाइल को नाम देती है, क्योंकि हमें नम्बर से ज्यादा नाम याद रखने में आसानी होती है।
2:35 डायरेक्टरी की अतिसरल परिभाषा का विरोध करते हुए ये कहा जा सकता है कि एक डायरेक्टरी वास्तव में दूसरे फाइल्स को संग्रह नहीं करती, बल्कि वह खुद एक फाइल है जो कि दूसरे फाइल्स की आइनोड नम्बर और नाम को जमा रखता है।
2:49 वास्तव में लिनक्स में तीन तरह की फाइल्स होती हैं।
2:54 1रेगुलर या ऑर्डिनरी फाइल्स – इसमें अक्षरों की धारा के रूप में डेटा मौजूद रहता है।
3:01 2 डायरेक्टरीज़- जो कि हमने पिछली स्लाइड में देखा।
3:07 3 डिवाइस फाइल्स – सभी हार्डवेयर उपकरणों और पेरिफेरल्स को लिनक्स में फाइल्स के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
3:14 लिनक्स में सभी उपकरण जैसे कि सीडी , हार्डडिस्क यहाँ तक कि एक USB स्टिक सबकुछ एक फाइल है। लेकिन ऐसा क्यों है ? ये इन उपकरणों को साधारण फाइल के जैसे पढ़ने और लिखने में मदद करता है।
3:32 लिनक्स में सभी फाइल्स संबन्धित हैं, संक्षिप्त में वे भी हमारी तरह ही एक परिवार के रूप में होती हैं।
3:39 डायरेक्टरी में संग्रहित सभी फाइल्स और सब- डायरेक्टरीज़ में अभिभावक बच्चों जैसे रिश्ता होगा । यही लिनक्स में फाइल सिस्टम ट्री को जन्म देता है।
3:52 सबसे ऊपर रूट है जिसे फ्रंट स्लैश द्वारा बताया जाता है। इसमें अन्य सभी फाइल्स और डायरेक्टरीज़ शामिल हैं।
4:04 यदि हमें सही पाथ की जानकारी है तो ये हमें एक फाइल या डायरेक्टरी से दूसरे में जाने की सहायता करता है।
4:12 जैसे कि हम लिनक्स फाइल सिस्टम में काम कर रहे हैं हमें ऐसा लग रहा है जैसे कि हम इस ट्री के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
4:18 एक कमांड और आप एक जगह से दूसरे में टेलीपोर्ट हो जाएँगे ।
4:24 दिलचस्प है ना ! सही में ऐसा ही है, जैसे कि हम अब देखेंगे ।
4:29 जब हम लिनक्स फाइल सिस्टम में लॉगिन करते हैं डिफॉल्ट रूप से एक होम डाइरेक्टरी में होते हैं।
4:36 अब टर्मिनल पर चलते हैं।
4:39 होम डाइरेक्टरी को देखने के लिए कमांड प्रोम्प्ट पर "echo space dollar H-O-M-E in capital" टाइप करें और एंटर दबायें।
4:53 यह हमारे होम डाइरेक्टरी का पाथनेम देता है।
4:57 हम एक डाइरेक्टरी से दूसरी में जा सकते हैं।
5:01 लेकिन किसी एक समय में हम किसी एक ही डाइरेक्टरी में रह सकते हैं और उस डाइरेक्टरी को करन्ट डाइरेक्टरी या वर्किंग डाइरेक्टरी कहते हैं।
5:09 pwd कमांड हमें करन्ट डाइरेक्टरी को देखने में मदद करता है। Pwd मतलब प्रेसेंट वर्किंग डाइरेक्टरी।
5:18 कमांड प्रोम्प्ट पर "pwd" टाइप करें और एंटर दबायें। अब यह हमारी प्रेसेंट वर्किंग डाइरेक्टरी है।
5:28 हमने कहा था कि हम एक डाइरेक्टरी से दूसरे में जा सकते हैं।
5:32 लेकिन कैसे? इसके लिए हमारे पास cd कमांड है।
5:39 जिस डाइरेक्टरी में आप जाना चाहते हैं उसका पाथनेम टाइप करने के बाद cd कमांड टाइप करें।
5:47 चलिए हम अपनी करंट डाइरेक्टरी को देखते हैं कमांड प्रोंप्ट पर pwd टाइप करके । और एंटर दबायें।
5:57 अब हम इस डाइरेक्टरी में है ।
6:01 अब मान लीजिए की हमें /usr डाइरेक्टरी में जाना है। "cd space slash usr" टाइप करें, याद रखें लिनक्स में स्लैश का मतलब है फ्रंट स्लैश और एंटर प्रेस करें।
6:17 चलिए अब हम अपनी करंट डाइरेक्टरी को देखते हैं। pwd टाइप करें और एंटर दबायें।
6:24 हाँ हम /usr डाइरेक्टरी में चले गए हैं।
6:30 यहाँ मुश्किल यह है कि पाथनेम्स बहुत लंबे हो सकते हैं, क्योंकि ये ऐब्सल्यूट पाथनेम हैं जो कि मूल डाइरेक्टरी से शुरू करके पुरे पाथ की सूचना देते हैं।
6:42 इसके बदले में हम रिलेटिव पाथनेम्स का इस्तेमाल कर सकते हैं जो करंट डाइरेक्टरी से शुरू होते हैं।
6:48 यहाँ हमें दो विशेष कैरेक्टर्स को जानने की आवश्यकता है। (.) डॉट जो करंट डाइरेक्टरी को दर्शाता है और (..) डॉट डॉट जो करंट डाइरेक्टरी की पेरन्ट डाइरेक्टरी को दर्शाता है।
7:02 चलिए अब हम cd कमांड पर एक संक्षिप्त चर्चा करते हैं।
7:06 किसी भी तर्क के बिना होम डाइरेक्टरी में जाने के लिए कमांड cd का इस्तेमाल करते हैं।
7:13 कमांड प्रोम्प्ट पर cd टाइप करें और एंटर दबायें ।
7:19 pwd कमांड से हमारी करंट डाइरेक्टरी को देखते हैं।
7:23 तो अब हम वापस अपनी होम डाइरेक्टरी /home/gnuhata [ narration- slash home slash gnuhata ] में है।
7:30 चलिए अब हम म्यूजिक डाइरेक्टरी में चलते हैं । कमांड प्रोम्प्ट पर "cd space Music(M in capital) slash" टाइप करें और एंटर दबायें।
7:43 अब pwd कमांड से करंट डाइरेक्टरी को चेक करते हैं। pwd टाइप करें और एंटर दबायें। हम /home/gnuhata/Music आ गए हैं।
7:57 अब म्यूजिक से पेरेंट डाइरेक्टरी में चलते हैं । उसके लिए आपको cd कमांड के साथ डॉट डॉट का प्रयोग करना होगा ।
8:04 कमांड प्रोम्प्ट पर cd space dot dot टाइप करें और एंटर करें।
8:11 अब pwd टाइप करके करंट डाइरेक्टरी को चेक करें। हम फिर से /home/gnuhata में हैं।
8:23 अब डॉट का प्रयोग करके करंट डाइरेक्टरी की सब डाइरेक्टरी यानि उप डाइरेक्टरी में जाने की कोशिश करते हैं।
8:30 कमांड प्रोम्प्ट पर cd space dot slash Documents(D in capital) slash टाइप करें और एंटर दबायें।
8:42 pwd टाइप करके करंट डाइरेक्टरी को चेक करें। हम /home/gnuhata/Documents में हैं।
8:53 मैं ctrl+ l प्रेस करके स्क्रीन को क्लियर करती हूँ ताकि आप अच्छे से देख सकें।
8:58 Cd कमांड से होम डाइरेक्टरी में वापस आएँ। cd टाइप करें और एंटर दबायें।
9:07 फिर से pwd कमांड से करंट डाइरेक्टरी को चेक करें । हम /home/gnuhata में वापस आए हैं।
9:17 हम एक रिलेटिव पाथ में कई डॉट डॉट को जोड़ सकते हैं जो / द्वारा अलग किए होते हैं।
9:23 इस स्लाइड में हम फाइल सिस्टम की हायरार्की यानि अनुक्रम को देख सकते हैं। रूट डाइरेक्टरी या / सबसे ऊपर है । रूट के नीचे दो सब डाइरेक्टरीज़ हैं - होम तथा बिन (bin) । यूज़रनेम यहाँ gnuhata नामक डाइरेक्टरी,होम के भीतर की एक सब डाइरेक्टरी है।
9:43 तो हम अब /home/gnuhata में हैं । हम bin डाइरेक्टरी में कैसे जाएँ ।
9:51 कमांड प्रोम्प्ट पर "cd space dot dot slash dot dot slash bin" टाइप करें और एंटर दबायें।
10:03 pwd कमांड से करंट डाइरेक्टरी को चेक करें । हम /bin पर हैं।
10:11 पहला डॉट डॉट हमें /home/gnuhata से /home में ले जाता है ।
10:18 अगला हमें /home से स्लैश या रूट में ले जाता है।
10:24 अब स्लैश या रूट से हम /bin directory में आए हैं।
10:30 अब कमांड cd से होम डाइरेक्टरी में वापस जाएँ।
10:34 एक डाइरेक्टरी बनाने के लिए हम mkdir कमांड का प्रयोग करते हैं।
10:40 आपको कमांड तथा डाइरेक्टरी का नाम जो बनानी है उसे टाइप करना है और करंट डाइरेक्टरी में एक डाइरेक्टरी बनाई जाएगी ।
10:49 testdir नामक डाइरेक्टरी बनाने के लिए कमांड प्रोम्प्ट पर "mkdir space testdir" यह कमांड टाइप करें और एंटर दबायें।
11:01 यह testdir डाइरेक्टरी बनाएगा।
11:05 ध्यान दें कि डाइरेक्टरी सफलतापूर्वक बनी है या हटी है इसकी कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिलती है।
11:13 यदि आपको कोई एरर मेसेज नहीं मिलता तो इसका मतलब है कि ठीक से निष्पादन हुआ है।
11:18 ट्री में कहीं भी डाइरेक्टरी बनाने के लिए हम रिलेटिव या ऐब्सल्यूट पाथनेम का इस्तेमाल कर सकते हैं अगर आपको ये करने की अनुमति हो तथा उसी नाम की डाइरेक्टरी पहले से मौजूद नहीं हो तो ।
11:33 यह प्रक्रिया एकाधिक डाइरेक्टरी या डाइरेक्टरीज़ का अनुक्रम बनाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
11:39 टाइप करें "mkdir space test1 space test2 और एंटर दबायें। यह वर्तमान डाइरेक्टरी में test1 तथा test2 नाम की दो डाइरेक्टरी बनाएगा।
11:57 टाइप करें "mkdir space testtree space testtree slash test3" ।
12:11 यह testtree डाइरेक्टरी बनाएगा और डाइरेक्टरी test3 जो कि testtree में एक सब डाइरेक्टरी है।
12:20 तो हमने चार डाइरेक्टरी करंट डाइरेक्टरी में बनाई हैं testdir ,test1,test2, testtree। जिसमें से पहली तीन खाली हैं तथा आखिरी में एक test3 नामक सब डाइरेक्टरी है।
12:40 Mkdir की तरह rmdir एक और कमांड है जो डाइरेक्टरी या डाइरेक्टरीज़ को हटाने के लिए प्रयोग की जाती है ।
12:50 "rmdir space test1" कमांड टाइप करें यह test1 डाइरेक्टरी को हटा देगा ।
13:00 आप एक डाइरेक्टरी को हटा सकते हो यदि आप उसके ओनर हों तो । यदि आपकी करंट डाइरेक्टरी उस डाइरेक्टरी से ऊपर हो जिसे आप हटाना चाहते हैं। या डाइरेक्टरी खाली हो तो ।
13:13 अब कमांड प्रोम्प्ट पर"cd space testtree slash test3" टाइप करें।
13:25 अतः हम अभी test3 डाइरेक्टरी में है । जो कि testtree में एक सब-डाइरेक्टरी है।
3:33 चलिए हम testdir डाइरेक्टरी को हटाने की कोशिश करते हैं "rmdir space testdir" कमांड टाइप करके । एंटर दबायें।
13:46 हम देख सकते हैं कि हम ये नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि जिस डाइरेक्टरी को हम हटाना चाहते हैं वो पदानुक्रम से करंट डाइरेक्टरी के ऊपर नहीं है।
13:54 तो हमें उस डाइरेक्टरी पर जाना है जो पदानुक्रम से testdir डाइरेक्टरी के ऊपर है ।
14:00 "cd space dot dot" टाइप करें और एंटर दबायें।
14:06 अब "cd space dot dot" यह कमांड टाइप करके पेरेंट डाइरेक्टरी पर वापस जाएँ ।
14:13 अब फिर से पिछली कमांड की कोशिश करते हैं।
14:16 टाइप करें "rmdir space testdir" और एंटर दबायें।
14:23 testdir डाइरेक्टरी डिलीट हो गई है। ध्यान दें कि testdir डाइरेक्टरी खाली भी थी ।
14:32 एकाधिक डाइरेक्टरीज़ या डाइरेक्टरीज़ के अनुक्रम को एक ही बार में हटाया जा सकता है । अतः testtree डाइरेक्टरी को उसकी सब-डाइरेक्टरी test3 के साथ डिलीट करने की कोशिश करें।
14:43 कमांड प्रोंप्ट पर "rmdir space testtree space testtree slash test3 " टाइप करें और एंटर दबायें।
14:57 देखिए ये एक एरर मेसेज दे रहा है वह testtree डाइरेक्टरी को हटा नहीं सकते क्योंकि यह खाली नहीं है।
15:07 लेकिन आप एक चीज़ जो भूल रहे हैं कि testtree/test3 डिलीट हुई है क्योंकि वह खाली थी ।
15:16 उसे चेक करने के लिए कमांड प्रोम्प्ट पर "cd space testtree" टाइप करें और एंटर दबायें।
15:25 अब "ls" टाइप करें और एंटर दबायें। देखिए कि अब डाइरेक्टरी में कुछ नहीं है , तो test3 डिलीट हुई है।
15:34 तो इस ट्यूटोरियल में हमने लिनक्स फाइल्स और डाइरेक्टरीज़ के बारे में जाना और लिनक्स डाइरेक्टरीज़ में कैसे काम किया जाता है ये भी जाना, उनको देखना, उनके बीच चलना, उनको बनाना और हटाना ।
15:48 अब हम इस ट्यूटोरियल के अंत में आ चुके हैं। स्पोकन ट्यूटोरियल टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने ICT के माध्यम से समर्थित किया है ।
16:02 अधिक जानकारी दिए गए लिंक पर उपलब्ध है http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro.
16:08 आई आई टी बॉम्बे की तरफ से मैं सकीना आप से विदा लेती हूँ । इस ट्यूटोरियल में शामिल होने के लिए धन्यवाद ।

Contributors and Content Editors

Pratik kamble, Shruti arya