Difference between revisions of "Java/C2/Getting-started-java-Installation/Sanskrit"
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− | | | + | |वयमधुना जावा इत्यस्य कतिचन प्रकारान् अपि च तस्य एप्लिकेशन्स विषये ज्ञास्यामः। |
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− | |JSP, | + | |JSP, अथवा Java Server Pages (ಜಾವಾ ಸರ್ವರ್ ಪೇಜಸ್): एतत् कोड इत्यस्य आधारेण सामान्येन HTML ट्याग इत्यनेन समं भवति। |
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| 05.18 | | 05.18 | ||
− | |JSP | + | |JSP इति क्रियात्मकजालपत्राणि निर्मातुं साहाय्यं करोति। |
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− | |Java Applets ( | + | |Java Applets (जावा एप्लेट्स) : एतत् वेब एप्लिकेशन् मध्ये संवहनात्मकवैशिष्ट्यानि प्रापयति। |
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| 05.28 | | 05.28 | ||
− | |J2EE | + | |J2EE अथवा Java Enterprise Edition (जावा एंटर्प्रैस् एडिशन्): संस्थाः J2EE इत्यस्य उपयोगं कुर्वन्ति। |
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− | | | + | |एतस्य साहाय्येन XML सदृशसञ्चिकाः परिवर्तयितुं शक्नुमः। |
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| 05.38 | | 05.38 | ||
− | |JavaBeans ( | + | |JavaBeans (जावा बीन्स): जावा बीन्स इत्येतत् पुनरुपयोगि साफ्ट्वेर कम्पोनेंट अस्ति। |
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| 05.43 | | 05.43 | ||
− | | | + | |एतत् नूतनस्य अपि च उन्नतस्य एप्लिकेशन् इत्यस्य निर्माणाय उपयुज्यते। |
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− | |Mobile Java ( | + | |Mobile Java (मोबैल जावा): एतत् मोबैलसदृशानि विविधानि मनोरञ्जकानि साधनानि निर्मातुमुपयुज्यते। |
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− | | | + | |एवं च वयं अस्मिन् पाठे, |
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− | | | + | |जावा मध्ये प्रकाराः अपि च एप्लिकेशन् इत्येतेषां विषये ज्ञातवन्तः। |
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− | | | + | |स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट विषये इतोप्यधिकं ज्ञातुं अधः विद्यमाने लिंक मध्ये उपलभ्यं चलच्चित्रं पश्यन्तु। |
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− | | | + | |एतत् स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट इत्यस्य सारांशं दर्शयति। |
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− | | | + | |यदि भवतां समीपे उत्तमं bandwidth नास्ति तर्हि एतत् अवचित्य पश्यतु। |
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| 06.22 | | 06.22 | ||
− | | | + | |spoken tutorial team पाठमिदमुपयुज्य कार्यशालां चालयति। |
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| 06.27 | | 06.27 | ||
− | | | + | |ये online परीक्षायां उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्य प्रमाणपत्रमपि दीयते। |
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| 06.30 | | 06.30 | ||
− | | | + | |अधिकविवरणार्थं contact @spoken-tutorial.org इति अणुसङ्केते सम्पृच्यताम्। |
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| 06.36 | | 06.36 | ||
− | | | + | |स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति। |
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| 06.41 | | 06.41 | ||
− | | | + | |इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकार इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। |
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| 06.47 | | 06.47 | ||
− | | | + | |अधिकविवरणार्थं spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र पश्यन्तु। |
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| 06.58 | | 06.58 | ||
− | | | + | |एतेन वयं अस्य पाठस्य अन्तम् आगतवन्तः स्मः। |
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| 07.01 | | 07.01 | ||
− | | | + | |अस्य पाठस्य अनुवादकः प्रवाचकश्च वासुदेवः, धन्यवादः। |
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Revision as of 14:31, 2 June 2014
Time | Narration
|
00.01 | जावा इन्स्टालेशन् इत्याख्ये जावा इत्यस्य प्रअथमिकपाठेऽस्मिन् भवतां स्वागतम्।
|
00.07 | अस्मिन् पाठे वयम्, |
00.09 | सिनाप्टिक प्याकेज् मेनेजर इत्यस्य साहाय्येन JDK इत्यस्य संस्थापनं कथमिति, |
00.13 | जावा किमर्थम्? |
00.14 | जावा इत्यस्य प्रकाराः अपि च एप्लिकेशन् इत्यादीनां विषये ज्ञास्यामः। |
00.17 | अत्र वयं, |
00.19 | Ubuntu 11.10 मध्ये, |
00.21 | Java Development Environment JDK 1.6 इत्येतत् उपयुञ्ज्महे। |
00.26 | पाठमिमं अनुसर्तुं अन्तर्जालसम्पर्कः भवेत्।
|
00.31 | भवतां सङ्गणके सिनाप्टिक एकेज मेनेजर इति संस्थापितं भवेत्। |
00.35 | अपि च लिनक्स मध्ये टर्मिनल, टेक्स्ट एडिटर, सिनाप्टिक एकेज मेनेजर इत्येतेषाम् उपयोगज्ञानमपि अनिवार्यमस्ति। |
00.43 | यदि नास्ति तर्हि, कृपया spoken-tutorial.org इत्यस्मिन् जालपुटे लिनक्स् इत्यस्य पाठान् पश्यन्तु। |
00.51 | जावा इत्यस्य उपयोगार्थम् अस्माभिः JDK अर्थात् Java Development Kit इत्येतत् संस्थापनीयं भवति। |
00.57 | JDK इत्यस्य विषये इतोऽप्यधिकं ज्ञातुम् अधः विद्यमानं लिंक पश्यन्तु। |
01.02 | अधुना वयं सिनाप्टिक एकेज मेनेजर इत्यस्य साहाय्येन JDK इत्यस्य संस्थापनं कुर्मः। |
01.07 | एवं कर्तुं युष्मत्सविधे रूट इत्यस्य अनुमतिः भवेत्। |
01.10 | अपि च भवान् रेपोसिटोरि इत्यस्य चयनं कथं करणीयं इत्यपि जानीयात्।
|
01.14 | एतत्सर्वमपि लिनक्स् इत्यस्य पूर्वापेक्षितपाठश्रेण्यां ज्ञापितमस्ति। |
01.19 | अधुना, भवतां डेस्क्टाप इत्यस्य दक्षिणभागे टास्क बार भवन्तः पश्यन्ति। |
01.25 | तस्य उपरितनभागे भवन्तः Dash home पश्यन्ति। |
01.28 | Dash home इत्यस्य उपरि नुदन्तु। |
01.31 | अन्वेषणपेटिकायां Synaptic इति टङ्कयन्तु।
|
01.35 | भवन्तः अधुना सिनाप्टिक एकेज मेनेजर इत्येतत् पश्यन्ति। |
01.38 | सिनाप्टिक एकेज मेनेजर इत्यस्य उपरि नुदन्तु। |
01.42 | दृढीकरणार्थं भवतां कूटशब्दं पृच्छति। |
01.47 | अतः भवतां कूटशब्दं टङ्कयित्वा Authenticate इत्यत्र नुदन्तु।
|
01.56 | अधुना सिनाप्टिक एकेज मेनेजर उद्घटते। |
02.03 | अधुना Quick Filter इति पेटिकायां jdk इति टङ्कयन्तु।
|
02.08 | वयं openjdk-6-jdk इति पेकेज पश्यामः।
|
02.13 | तस्योपरि रैट क्लिक कृत्वा Mark for Installation इत्यस्योपरि नुदन्तु।
|
02.17 | अनन्तरं Apply उपरि नुदन्तु। |
02.20 | अधुना परिवर्तनानि दृढीकर्तुं परिवर्तितानां सूचीं दर्शयति। |
02.24 | तत्र To be Installed इत्यत्र नुत्त्वा अनन्तरं Apply इत्यत्र नुदन्तु। |
02.30 | संस्थापनप्रक्रिया कतिचन समयं स्वीकरोति। |
02.38 | अधुना openjdk-6-jdk इति हरितवर्णे दृश्यते। |
02.48 | एवं चेत् संस्थापनप्रक्रिया सफला इत्यर्थः। |
02.52 | अधुना एतत् परिशीलयामः, एवं कर्तुं Ctrl, Alt अपि च T इत्येतानि समानकाले नुत्त्वा टर्मिनल उद्घाटयन्तु। |
03.03 | अहं टर्मिनल् इत्येतत् एतावता एव उद्घाटितवान् अस्मि। |
03.06 | आदेशसंसूचके java space hyphen version इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु।
|
03.15 | jdk इत्यस्य आवृतिसङ्ख्यां वयं पश्यामः।
|
03.20 | डिस्ट्रिब्यूटर इत्येतमवलम्ब्य आवृत्तिसङ्ख्या अपि विभिन्ना भवति। |
03.26 | तर्हि, वयं jdk इत्येतत् सम्यक् संस्थापितवन्तः स्मः। |
03.30 | अधुना, सरलम् Java program इत्येतत् उद्घाटयामः अपि च तत् कार्यं करोति वा इति पश्यामः। |
03.35 | अत्र यत् कोड् दृश्यते तत् अहं एतावता एव TestProgram dot java इत्यस्यां सञ्चिकायां रक्षितवान् अस्मि। |
03.42 | अधुना इदं कोड इत्येतत् कम्पैल अपि च रन करोमि। |
03.45 | एतत् कोड टर्मिनल मध्ये We have successfully run a Java Program इति सन्देशं प्रदर्शयति। |
03.53 | अधुना टर्मिनल प्रति गच्छामः। |
03.57 | स्मरन्तु यत् अहं TestProgram dot java इति सञ्चिकां गृहसन्धारिकायां एव रक्षित्वान् अस्मि इति। |
04.03 | अपि व अहं अधुना गृहसन्धारिकायामेव अस्मि। |
04.07 | अतः, आदेशसंसूचके javac space TestProgram dot java इत्यि टङ्कयन्तु। |
04.19 | एतत् कोड् इत्यस्य कम्पैल् करोति। |
04.21 | Enter नुदन्तु। |
04.25 | अधुना, अहं कोड रन करोमि। |
04.27 | java space TestProgram इति टङ्कयित्वा Enter नुदन्तु। |
04.35 | वयं We have successfully run a java program इति फलितं प्राप्नुमः। |
04.44 | अतः अस्माकं संस्थापनप्रक्रिया समीचीना अस्तीत्यर्थः। |
04.48 | अहम् स्लैड प्रति गच्छामि। |
04.51 | अहमधुना जावा इत्येतत् किमर्थं प्रयोजनकारि अस्ति इति वदामि। |
04.55 | जावा इति बहु सरलमस्ति। |
04.57 | जावा इति वस्त्वाधारितमस्ति। |
04.59 | एतत् platform independent अस्ति। |
05.01 | एतत् सुरक्षितमस्ति। |
05.02 | जावा इत्यस्मिन् अधिककार्यक्षमता अस्ति। |
05.04 | जावा इति multi – threaded अस्ति। |
05.07 | वयमधुना जावा इत्यस्य कतिचन प्रकारान् अपि च तस्य एप्लिकेशन्स विषये ज्ञास्यामः। |
05.11 | JSP, अथवा Java Server Pages (ಜಾವಾ ಸರ್ವರ್ ಪೇಜಸ್): एतत् कोड इत्यस्य आधारेण सामान्येन HTML ट्याग इत्यनेन समं भवति। |
05.18 | JSP इति क्रियात्मकजालपत्राणि निर्मातुं साहाय्यं करोति। |
05.22 | Java Applets (जावा एप्लेट्स) : एतत् वेब एप्लिकेशन् मध्ये संवहनात्मकवैशिष्ट्यानि प्रापयति। |
05.28 | J2EE अथवा Java Enterprise Edition (जावा एंटर्प्रैस् एडिशन्): संस्थाः J2EE इत्यस्य उपयोगं कुर्वन्ति। |
05.33 | एतस्य साहाय्येन XML सदृशसञ्चिकाः परिवर्तयितुं शक्नुमः। |
05.38 | JavaBeans (जावा बीन्स): जावा बीन्स इत्येतत् पुनरुपयोगि साफ्ट्वेर कम्पोनेंट अस्ति। |
05.43 | एतत् नूतनस्य अपि च उन्नतस्य एप्लिकेशन् इत्यस्य निर्माणाय उपयुज्यते। |
05.47 | Mobile Java (मोबैल जावा): एतत् मोबैलसदृशानि विविधानि मनोरञ्जकानि साधनानि निर्मातुमुपयुज्यते। |
05.53 | एवं च वयं अस्मिन् पाठे, |
05.56 | सिनाप्टिक पेकेज मेनेजर इत्यस्य साहाय्येन JDK इत्यस्य संस्थापनम्, |
05.59 | जावा प्रोग्राम इत्यस्य कम्पैल अपि च रन करणम्, |
06.02 | जावा इत्यस्य उपयोगेन के लाभाः भवन्ति, |
06.04 | जावा मध्ये प्रकाराः अपि च एप्लिकेशन् इत्येतेषां विषये ज्ञातवन्तः। |
06.08 | स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट विषये इतोप्यधिकं ज्ञातुं अधः विद्यमाने लिंक मध्ये उपलभ्यं चलच्चित्रं पश्यन्तु। |
06.14 | एतत् स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट इत्यस्य सारांशं दर्शयति। |
06.17 | यदि भवतां समीपे उत्तमं bandwidth नास्ति तर्हि एतत् अवचित्य पश्यतु। |
06.22 | spoken tutorial team पाठमिदमुपयुज्य कार्यशालां चालयति। |
06.27 | ये online परीक्षायां उत्तीर्णतां यान्ति तेभ्य प्रमाणपत्रमपि दीयते। |
06.30 | अधिकविवरणार्थं contact @spoken-tutorial.org इति अणुसङ्केते सम्पृच्यताम्।
|
06.36 | स्पोकन ट्युटोरियल प्रोजेक्ट Talk to a Teacher इति परियोजनायाः भागः अस्ति। |
06.41 | इमं प्रकल्पं राष्ट्रियसाक्षरतामिषन् इति संस्था ICT, MHRD भारतसर्वकार इत्यस्य माध्यमेन समर्थितवती अस्ति। |
06.47 | अधिकविवरणार्थं spoken hyphen tutorial dot org slash NMEICT hyphen Intro इत्यत्र पश्यन्तु। |
06.58 | एतेन वयं अस्य पाठस्य अन्तम् आगतवन्तः स्मः। |
07.01 | अस्य पाठस्य अनुवादकः प्रवाचकश्च वासुदेवः, धन्यवादः। |