Linux/C2/Basic-Commands/Hindi

From Script | Spoken-Tutorial
Revision as of 15:41, 27 November 2012 by Pratibha (Talk | contribs)

(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to: navigation, search
Time Narration
0:00 दोस्तों, लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के स्पोकन ट्यूटोरियल में आपका स्वागत है।
0:05 इस ट्यूटोरियल में हम कुछ बेसिक कमांड्स का अध्ययन करेंगे।
0:10 मैं उबन्टू 10.04 का इस्तेमाल कर रही हूँ।
0:12 हम यह मानते हैं कि लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ शुरुआत कैसे करना है, ये आपको पता है।
0:17 यदि आप इच्छुक हैं तो http://spoken-tutorial.org. वेबसाइट पर दिए गए एक दूसरे स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से उपलब्ध है।
0:26 इस ट्यूटोरियल में हम देखेंगे कि कमांड्स क्या हैं और कमांड व्याख्याकार यानि इंटरप्रेटर क्या है।
0:33 फिर हम सीखेंगे कि मैन (man) कमांड के इस्तेमाल से लिनक्स में हेल्प कैसे पता करें।
0:39 अब पहला सवाल है कि "कमांड्स क्या हैं" ?
0:43 सरल शब्दों में कहें तो लिनक्स कमांड्स ऐसे शब्द हैं जो दिए जाने पर कुछ एक्शन या कार्य करते हैं।
0:52 लिनक्स कमांड्स शायद ही कभी चार से ज्यादा अक्षर के होंगे जैसे कि ls, who, psआदि।
0:59 कमांड्स लोअर केस में होती हैं तथा वे केस सेंसिटिव हैं। चलिए एक उदाहरण देखते हैं।
1:05 एप्लीकेशन मेन्यू (applications menu) में जाएँ।
1:08 ऐक्सेसरीज़ को चुनें और फिर उपलब्ध ऑप्शन से टर्मिनल पर क्लिक करें।
1:14 या टर्मिनल विंडो खोलने के लिए अपने कीबोर्ड पर Ctrl Alt T प्रेस करें।
1:20 अब हम एक प्रोम्प्ट ($) देख सकते हैं और ठीक उसके साथ एक कर्सर भी है। यहीं पर हमें कमांड टाइप करनी है।
1:29 शब्दों में who टाइप करें और एंटर दबायें।
1:34 हम लॉग इन यूज़र्स के नाम देख सकते हैं। वास्तव में हमने अभी एक कमांड को एक्सक्यूट यानि निष्पादित किया है जो है who, जो कि बताती है कि कौन-कौन सिस्टम में लॉग इन हैं।
1:47 लेकिन ये कुछ अक्षरों की कौन-सी चीज़ या एंटिटी है जो इन कमांड्स को एक्शन में बदलती है।
1:54 ये कमांड इंटरप्रेटर का कार्य है जिसे शेल भी कहते हैं ।
1:59 हम शेल को प्रोग्राम के रूप में परिभाषित कर सकते हैं, जो हमारे और लिनक्स सिस्टम के बीच इंटरफेस की तरह काम करता है।
2:08 हमें ऑपरेटिंग सिस्टम में एक्सक्यूट (निष्पादन) करने के लिए कमांड्स एंटर करने की अनुमति देता है।
2:13 लिनक्स में मल्टिपल यानि विविध शेल्स इंस्टाल करना संभव है और जहाँ उपयोगकर्ता अपने पसंद से उन्हें चुन सकते हैं।
2:22 लिनक्स पर मानक यानि स्टैन्डर्ड शेल जो हमेशा /bin/sh के रूप में इन्स्टॉल्ड रहता है उसे बैश (bash)कहते हैं (the GNU Bourne-Again SHell) जो GNU सूट ऑफ टूल्स से है।
2:35 कमांड्स जो हम इस ट्यूटोरियल में देखेंगे वह काफी सामान्य हैं और जो मामूली बदलाव के साथ अधिकांश लिनक्स शेल्स पर चलती हैं।
2:44 तथापि हम इस ट्यूटोरियल में प्रदर्शन के लिए शेल के रूप में बैश का प्रयोग करेंगे।
2:51 वो इसलिए क्योंकि यह एक लोकप्रिय शेल है और लगभग सभी यूनिक्स के लिए वहनीय यानि पोर्टेबल है।
2:58 दूसरे शेल्स हैं Bourne shell (sh) जो कि मौलिक यूनिक्स शेल है , C Shell (csh) और Korn shell(ksh).
3:08 कौन-सा शेल हम इस्तेमाल कर रहे हैं यह देखने के लिए।
3:11 टर्मिनल पर जाएँ और कमांड echo space dollar in capital SHELL टाइप करें और एंटर दबायें।
3:27 सामान्य रूप से /bin/bash आउटपुट है जो हमें बैश शेल देता है।
3:34 काफी तरीके हैं जिससे हम अलग-अलग शेल्स को सक्रिय कर सकते हैं जो कि उन्नत ट्यूटोरियल (Advanced tutorials) में देखेंगे।
3:42 कमांड्स वास्तव में फाइल्स हैं जिसमें प्रोग्राम्स होते हैं जो अक्सर C में लिखी जाती हैं।
3:47 यह फाइल्स डाइरेक्टरीज़ में समाहित होती हैं। कमांड का संचय कहाँ हुआ है इसका पता करने के लिए टाइप कमांड का प्रयोग कर सकते हैं।
3:55 कमांड प्रोंप्ट पर Type--space-- ps टाइप करें और एंटर करें।
4:03 यह बताता है कि ps कमांड असल में स्लैश बिन (bin) डाइरेक्टरी में संग्रहित एक फाइल है।
4:09 जब हम कमांड प्रोम्प्ट पर कमांड देते हैं तब शेल , डाइरेक्टरीज़ की सूची में से कमांड के नाम से मिलती हुई फाइल को ढूँढता है।
4:18 यदि इसका पता चलता है तो उस फाइल का समरूप प्रोग्राम निष्पादित होता है। यदि नहीं तो कमांड नॉट फाउन्ड ऐसा एरर देगा।
4:27 खोजे गए डाइरेक्टरीज़ की सूची पाथ वेरीएबल द्वारा स्पष्ट रूप से बताई गयी है जो कि हम बाद में देखेंगे।
4:34 अभी के लिए यदि हमें इस लिस्ट को देखना है तो केवल एको स्पेस डॉलर पाथ कमांड टाइप करें।
4:44 बड़े अक्षर में और एंटर दबायें।
4:52 जब कमांड्स की बात कर रहे हैं तो एक महत्वपूर्ण चीज़ जो हमें पता होनी चाहिए।
4:57 लिनक्स कमांड्स दो प्रकार की हैं : एक्सटर्नल कमांड्स तथा इंटरनल कमांड्स।
5:02 एक्सटर्नल कमांड्स वह है जो अलग से फाइल्स या प्रोग्राम्स के रूप में मौजूद है।
5:07 लिनक्स में अधिकांश कमांड्स इसी प्रकार की होती हैं। लेकिन कुछ कमांड्स ऐसी हैं जिनका कार्यान्वयन शेल में ही लिखा जाता है तथा वे अलग फाइल्स के रूप में नहीं होती।
5:18 ये इंटरनल कमांड्स होती हैं।
5:20 एको कमांड, जिसे हम बाद में देखेंगे, वास्तव में एक इंटरनल कमांड है।
5:25 टर्मिनल पर जाएँ और कमांड टाइप करें।
5:33 type space echo और एंटर दबायें।
5:40 आउटपुट एको को शेल बुलेटिन के रूप में दिखाता है।
5:43 अतः फाइलनेम देने के बजाय यह बताता है कि एको कमांड का कार्यान्वयन शेल के लिए इंटरनल है। इसलिए इसे इंटरनल कमांड कहते हैं।
5:56 एक और महत्वपूर्ण चीज़ जो हमें समझनी चाहिए वह है कमांड्स की संरचना।
6:01 कमांड्स एक या एक से अधिक शब्द के हो सकते हैं जो कि ह्वाइट स्पेसेस द्वारा अलग किए होते हैं।
6:08 दूसरे केस में पहला शब्द कमांड का वास्तविक नाम है जबकि अन्य शब्द तर्क हैं।
6:16 आर्ग्यूमेंट्स, ऑप्शंस, एक्स्प्रेशंस या फाइल हो सकते हैं।
6:20 स्पष्ट किए ऑप्शन के आधार पर एक कमांड अलग-अलग कार्य कर सकती है।
6:26 साधारणतः उनके पहले एक सिंगल या डबल माइनस चिन्ह होता है जिसे क्रमशः शोर्ट या लॉंग ऑप्शन कहते हैं।
6:35 टर्मिनल विंडो पर जाएँ और कमांड्स टाइप करें और उनके आउटपुट्स देखें।
6:40 टर्मिनल विंडो को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें।
6:44 उसके बाद ls टाइप करें और एंटर दबायें।
6:49 फिर से, क्लियर टाइप करें और एंटर दबायें।
6:55 ls space minus a टाइप करें और एंटर दबायें।
7:04 टर्मिनल विंडो को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें।
7:11 अबls space minus minus all टाइप करें और एंटर दबायें।
7:19 फिर से, टर्मिनल को क्लियर करने के लिए क्लियर टाइप करें।
7:23 अब ls space minus d टाइप करें और एंटर दबायें।
7:32 इस समय यह समझना काफी है कि कैसे ऑप्शंस में बदलाव होने पर कमांड्स का बर्ताव बदलता है।
7:40 लिनक्स में हमारे पास काफी सारी कमांड्स हैं।
7:45 हर एक में कई सारे अलग ऑप्शंस हैं।
7:48 कमांड्स को एक साथ संयुक्त भी कर सकते हैं जो कि हम बाद में देखेंगे । तो इतनी सारी चीज़ें हम दिमाग में कैसे रखें।
7:55 सच में आपको इसकी ज़रूरत नहीं । क्योंकि लिनक्स में उत्कृष्ट ऑनलाइन हेल्प या मदद की सुविधा उपलब्ध है।
8:01 मैन(man) कमांड सिस्टम पर सभी उपलब्ध कमांड के बारे में डाक्यूमेन्टेशन या अभिलेख प्रदान करता है।
8:08 उदाहरण के लिए ls कमांड के बारे में जानने के लिए, आपको टर्मिनल पर जाना पड़ेगा।
8:16 ls तर्क के साथ मैन कमांड टाइप करें, जो है type man space ls और एंटर दबायें।
8:30 बाहर आने के लिए क्यू (q)दबायें।
8:35 मैन सिस्टम का मैन्यूअल पेजर है। प्रत्येक तर्क जो मैन को दिया जाता है वह साधारणतः एक प्रोग्राम का नाम , यूटीलीटी यानि उपयोगिता, या फंक्शन होता है।
8:43 इन तर्कों से जुड़े हुए मैन्यूअल पेज को फिर ढूँढकर दर्शाया जाता है।
8:49 यदि एक सेक्शन प्रदान किया है, यह मैन को मैन्यूअल में से उसी सेक्शन की ओर देखने के लिए कहेगा ।
8:55 डिफॉल्ट एक्शन यह है कि सारे उपलब्ध सेक्शंस में खोजे और वह भी एक पूर्वनिर्धारित क्रम में और पाए गए पेज में से सिर्फ पहला पेज दिखाए, भले ही वह पेज कई सेक्शंस में मौजूद है।
9:07 आप मैन कमांड के बारे में ही अधिक जानने के लिए मैंन कमांड का उपयोग कर सकते हैं।
9:14 टर्मिनल पर जाएँ और man space man टाइप करें और एंटर दबायें।
9:23 इससे बाहर आने के लिए क्यू (q) दबायें।
9:26 मैन कमांड में कई ऑप्शन हैं।
9:30 यहाँ मैं आपको ज्यादा उपयोगी वालों के बारे में बताऊँगी । कभी-कभी हमें पता होता है जो हम करना चाहते हैं लेकिन सही कमांड नहीं पता होती। तब हम क्या करे?
9:41 मैन, -k ऑप्शन प्रदान करता है जो एक कीवर्ड को लेता है और फिर कमांड्स की सूची और उनका संक्षिप्त उद्देश्य बताता है।
9:50 उदाहरण के लिए, डाइरेक्टरी बनाने के लिए, हमें सही कमांड का पता ना हो।
9:56 तो हम कमांड प्रोंप्ट पर जा सकते हैं और man space minus k space directories टाइप करें और एंटर दबायें।
10:12 अब हम प्रत्येक कमांड्स खोज सकते हैं ताकि देख पाएँ कि असल में हमें क्या चाहिए।
10:17 यही चीज़ apropos कमांड का उपयोग कर भी प्राप्त कर सकते हैं।
10:21 कमांड प्रोंप्ट पर apropos space directories टाइप करें और आउटपुट देखने के लिए एंटर दबायें।
10:36 कभी-कभी हमें अधिक विवरण की ज़रूरत नहीं होती । हमें सिर्फ ये जानना होता है कि कमांड क्या करती है।
10:40 उस स्थिति में हम whatis command या man –f कमांड का इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों ही कमांड के बारे में एक लाइन का विवरण देते हैं।
10:52 टर्मिनल पर जाएँ, टर्मिनल को क्लियर करने के लिए clear टाइप करें।
10:58 अब whatis space ls टाइप करें और एंटर दबायें।
11:06 कुछ कमांड्स में कई ऑप्शंस होते हैं। हो सकता है कि एक कमांड के विभिन्न ऑप्शंस की सूची हम प्राप्त करना चाहें।
11:13 तब हम –help ऑप्शन का इस्तेमाल करते हैं।
11:18 कमांड प्रोंप्ट पर जाएँ और ls space minus minus help टाइप करें और एंटर दबायें।
11:29 मैं ऊपर स्क्रोल करुँगी ताकि आप इस मैन्यूअल पेज पर सारे ऑप्शंस देख सकें ।
11:45 लिनक्स स्पोकन ट्यूटोरियल के इस भाग के लिए बस इतना ही । स्पोकन ट्यूटोरियल टॉक टू अ टीचर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय साक्षरता मिशन ने ICT के माध्यम से समर्थित किया है।
11:56 अधिक जानकारी दिए गए लिंक पर उपलब्ध है http://spoken-tutorial.org/NMEICT-Intro.
12:00 यह स्क्रिप्ट देवेन्द्र कैरवान द्वारा अनुवादित है। आई आई टी बॉम्बे की तरफ से मैं सकीना अब आप से विदा लेती हूँ। इस ट्यूटोरियल में शामिल होने के लिए धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Pratibha