LaTeX/C2/What-is-Compiling/Hindi

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Revision as of 15:31, 27 November 2012 by Pratibha (Talk | contribs)

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इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है। यह ट्युटोरियल आप को लेटेक में एक सरल डोक्युमेंट बनाने की प्रक्रिया सिखाएगा। (Mac OSX) मॅक ओ-एस-एक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में यह प्रक्रिया समझाया जाएगा। ऐसी प्रक्रियाँएं दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टमस में भी मौजुद हैं – उदाहरण के लिए लिनक्स और विन्ड़ोज़। सबसे पहले आप अपने ऐड़िटर के द्वारा एक स्रोत फ़ाइल अथ्वा सोर्स फ़ाइल (source file) का निर्माण करें। मेरा प्रिय ऐड़िटर (Emacs)“ई-मैक्स” है। मैंने इस फ़ाइल को “हेलो डॉट टेक” का नाम दिया है। इस फ़ाइल का एक्स्टेंशन “टेक” (tex) है। हांलांकि, इसके अक्षर टी-इ-एक्स हैं, परंतु इसका उच्चारण टेक है। यह एक्स्टेंशन लेटेक में व्यक्तिक्रम रुप से होता है। लेटेक को यह बताना आवश्यक है कि हमें किस डोक्युमेंट क्लास में दिलचस्पी है। मैं “आरटिकल क्लास” (article class) का उपयोग करुँगी – इस तरह। अब मैं कमप्युटर पर इसको सुरक्षित करुँगी। लेटेक में अन्य क्लासेज़ भी मौजुद हैं। हम अगले कुछ ट्युटोरियलस में इन से परिचित होंगे।


मैं बारह फ़ोंट साइज़ (font size) या हस्ताक्षर प्रणाली दरजे का चुनाव करती हूँ। दस या ग्यारह भी लोकप्रिय हस्ताक्षर प्रणाली दरजें हैं। अब इस आदेश से मैं डोक्युमेंट की शुरुवात करती हूँ.........और टेक्स्ट (text) अथ्वा मूल पाठ को टाइप करती हूँ – हेलो वर्लड। यहाँ इस आदेश से मैं डोक्युमेंट को समाप्त करती हूँ और कमप्युटर पर इसको सुरक्षित करती हूँ। जो भी मूल पाठ बिगिन डोक्युमेंट (begin document) और ऐंड डोक्युमेंट (end document) आदेशों के बीच आतें हैं, वही आखरी प्रक्षेपण में दिखाई देंगे। यह सोर्स फ़ाइल (source file) अथ्वा स्रोत फ़ाइल है और मैंने इसे “हॅलो डॊट टेक” (hello.tex) का नाम दिया है। अब “पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक” (pdf latex) आदेश से मैं इसका संचय करूँगी। मैं यहाँ पर इस आदेश को टाइप करूँगी – “पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक हॅलो डॊट टेक” (pdf.latex hello.tex.) संचय करने के लिए पी-ड़ी-ऐफ़ डॊट लेटेक हॅलो बिना टेक ऐक्स्टेंशन का आदेश भी दिया जा सकता है। लेटेक व्यक्तिक्रम रुप से टेक ऐक्स्टेंशन का उपयोग करेगा। पी-ड़ी-ऐफ़ लेटेक इस आदेश के द्वारा लेटेक के स्रोत फ़ाइल से पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल का निर्माण होता है। इस आदेश का पालन होने पर, लेटेक कुछ सूचनात्मक प्रक्षेपण भी देता है। जैसे कि आप देख रहे हैं, इन सूचनाओं को “हॅलो डॊट लॊग” (hello.log)फ़ाइल में सुरक्षीत किया गया है। इस बात पर ध्यान दें कि हॅलो शब्द हमारे द्वारा निर्माण किए गए हर फ़ाइल में है।


अब हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को खोलें। मेरे मॅक सिस्टम पर मैं “स्किम हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़” (skim hello.pdf) आदेश के द्वारा यह करुँगी। “स्किम” मॅक ओ-एस-एक्स में उप्लब्द एक निशुल्क पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र है। इस आदेश को देने से स्किम हॅलो डॊट पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल को खोलती है। इस में केवल एक ही पंक्ती है – हेलो वर्लड (hello world). आइए, इसे ज़ूम करके निकट से देखें। स्किम खुली हुई पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल की आधुनिक्तम पाठांथर दिखाती है। उदाहरण के लिए – अगर मैं कोई परिवर्तन करती हूँ, जैसे यहाँ पर एक और हॆलो वर्लड टाइप करती हूँ, उसे सुरक्षीत करती हूँ और उसका संचय करती हूँ – इसके लिए माफ़ी चाहती हूँ - तो यह यहाँ पर प्रतीत होता है। अब मैं इसे मिटा देती हूँ और सुरक्षीत करके इसका संचय करती हूँ। अब पहले जैसे एक ही हॆलो वर्लड दिखाई देता है।


इस बात पर पुरा ध्यान दें कि मैं, हर बार आदेशों को सुरक्षीत करने के बाद ही संचय करती हूँ। अगर संचालन आदेशों को सुरक्षीत करने से पहले किया जाएगा, तो कोई भी परिवर्तन दिखाई नहीं देगा। मैंने इस स्पोकन ट्युटोरियल के लिए इन तीन खिड़कियों को इस तरह से सजाया है। लेकिन डोक्युमेंट्स के निर्माण के लिए इन्हें इस तरह सजाना आवश्यक नहीं है। इस बात को भी समझें कि आप कोई भी ऐड़िटर या पी-ड़ी-ऐफ़ रीड़र का प्रयोग कर सकतें हैं। लेटेक को उपयोग करने के लिए इन चरणों का प्रयोग करें - स्रोत फ़ाइल का निर्माण, संचय और पी-ड़ी-ऐफ़ फ़ाइल का अवलोकन। मैं आप को प्रोत्साहित करती हूँ कि आप स्रोत फ़ाइल को परिवर्तित करके इन चरणों का प्रयोग करें। आप बिगिन डॊक्युमेंट और ऐंड़ डॊक्युमेंट आदेशों के बीच अन्य आदेश जोड़ना चाहें तो अवश्य जोड़ें। आप हॆलो डॉट लॉग फ़ाइल को भी देखें।


अब मैं आप के सामने एक प्रेज़ेंटेशन प्रस्तुत करती हूँ, जिसमें मैं आप को लेटेक के गुण बताऊँगी। पहले मैं इन खिड़कियों को बंद करती हूँ। लेटेक एक उम्दा टाइप-सेटिंग सॉफ़्टवेयर है। लेटेक द्वारा तैयार किए गए डॊक्युमेंट्स उत्कृष्ठ हैं। लेटेक बिना मूल्य और ओपन- सोर्स सॉफ़्टवेयर है। यह विन्डोज़ और युनिक्स सिस्टम्स में उपलब्ध है, जिनमें मॉक और लिनक्स शामील है। लेटेक में कुछ खास खुबियाँ हैं जैसे समीकरण, अध्याय, विभाग, आँकड़े, टेबल्स, इत्यादी को स्वचलित सुची बद्ध करना। डॊक्युमेंट्स जिनमें बहुत सारे समीकरण हैं, उन्हें लेटेक द्वारा आसानी से तैयार किया जा सकता है। अन्य रुप एवं आकार वाले बिब्लियॉग्रफ़ी भी सरलता से लेटेक द्वारा तैयार किया जा सकता है।


लेटेक डॊक्युमेंट के रुप एवं आकार का ध्यान रखता है, इस लिए प्रयोगकरता अन्य महत्त्वपूर्ण गतिविधियों पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं – जैसे कि सूचना-प्रचारण और योजनाओं का तार्किक अनुक्रम करना। लेटेक पर अन्य मौखिक अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियलस भी उप्लब्ध हैं। आप “मौदगल्या डॉट ओ-आर-जी” साइट पर निम्नलिखित ट्युटोरियलस पाएँगे – वॉट इज़ कॉम्पायलेशन, लेटर राइटिंग, रिपोर्ट राइटिंग, मॆथमाटिकल टाइप-सेटिंग, इकुएशन, टेबल्स एंड़ फ़िगर्ज़, हाउ टु क्रिएट बिब्लियॉग्रफ़ी, इंसाइड़ स्र्टोरी ऒफ़ बिब्लियॉग्रफ़ी। सर्वोत्म परिणाम के लिए मैं इस व्यवसथा की सिफ़ारिश करूँगी। आप को इन ट्युटोरियलस के स्रोत फ़ाइल्स भी इस साइट पर मिलेंगें। मैं एक और ट्युटोरियल जोड़ना चाहती हूँ जिसमें विंडोज़ ऒपरेटिंग सिस्टम पर लेटेक को चलाने की विधियाँ बताई गई है। भविष्य में अन्य ट्युटोरियलस भी जोड़े जाएँगें जैसे कि बीमर की स्लाइड़ प्रेज़ेंटेशन।


यह प्रॆसंटेशन लेटेक द्वारा बीमर में बनाई गई है। कुछ टिप्पणियाँ – बहुत सारे स्पोकन ट्युटोरियलस का अभ्यास करें। उन्हें सामानांतर प्रैक्टिस करें। किसी संक्रियात्मक फ़ाइल से शुरु करें और उसमें एक-एक करके परिवर्तन करें। उसे सुरक्षित करें और उसका संचालन करें। इस बात का सुनिश्चय करें कि आपने जो भी परिवर्तन किया है, वह काम कर रहा है और उसके बाद ही अन्य परिवर्तन करें। भुलियेगा नहीं - सोर्स फ़ाइल की सुरक्षा करने के बाद ही संचय करें।


लेटेक पर अनेक किताबें हैं जिनमें से मैं दो की सिफ़ारिश करती हूँ – पहला – लेटेक के प्रमुख सृष्टिकर्त्ता “लॆज़्ली लॆम्पर्ट” (Leslie Lampart) द्वारा लिखा गया। यह किताब कम लागत के भारतीय संस्करण में भी उप्लब्द है। उन्नत उपयोगकर्ताएं “द लेटेक कम्पॆनियन” (The Latex Companion) इस पुस्तक का परामर्श करें। अक्सर, इंटरनॆट की खोज पर पायी जाने वाली पहली किताब लेटेक के अभ्यास के लिए काफ़ी है। सभी लेटेक संबंधित जानकारी के लिए मुख्य साइट है “सी-टॆन डॉट और्ग” (ctan.org)।


इस परियोजना के लिए फ़ंड़, आईसीटी के माध्यम से, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है। इस मिशन का “यु-आर-एल डबल्यु-डबल्यु-डबल्यु डॉट साक्षात डॉट ए-सी डॉट इन” (www.sakshat.ac.in) है। स्पोकन ट्युटोरियल गतिविधि “टॉक-टू-अ-टीचर” (Talk to a Teacher) परियोजना की पहल है, जो सीड़ीप, आईआईटी बम्बई (CDEEP, IIT Bombay) द्वारा समन्वय किया जा रहा है। स्पोकन ट्युटोरियल का उपयोग सॉफ्टवेयर विकास को लोकप्रिय बनाने में किया जाएगा और यह कार्य “डबल्यु-डबल्यु-डबल्यु डॉट फॉस्सी डॉट इन” (www.fossee.in) द्वारा समन्वय किया जाएगा। “फॉस्सी” का पूर्ण रूप “फ़्री एंड़ ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर इन सायन्स एंड़ इंजिनीयरिंग ऐड्युकेशन” है। यह परियोजना भी इस मिशन द्वारा समर्थित है। अन्य स्पोकन ट्यूटोरियलस और उनके अन्य भाषाओं में अनुवाद के लिए इन कड़ियों को देखते रहें। यहाँ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ। इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद। कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” (kannan@iitb.ac.in) पर भेजें। आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं नॆन्सी आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।

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