LaTeX-Old-Version/C2/Inside-story-of-Bibliography/Hindi

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Revision as of 11:44, 17 September 2014 by Pratik kamble (Talk | contribs)

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Time Narration
00:01 इस मौखिक अभ्यास अथ्वा स्पोकन ट्युटोरियल में आप का स्वागत है जिसमें आप को “बिब्लीयोग्रफ़ी एंट्रीज़” (bibliography entries) का निर्माण सिखाया जाएगा।
00:09 इस कार्य के लिए मैं बिबटेक का प्रयोग करूँगी। बिबटेक लेटेक से अलग एक उपयोगिता है।
00:17 इस ट्युटोरियल में आप “पी-ड़ी-ऐफ़” फ़ाइल का निर्माण सिखेंगे। पहला पन्ने पर शिर्षक दिखाई देती है। हम दुसरे पन्ने पर जाएंगे जहाँ मूल पाठ है।
00:30 रेफ़रन्सस् एक से छः तक अंकित है और दुसरे पन्ने पर ग्यारह तक। ध्यान दें कि रेफ़रन्सस् वर्णमाला के क्रम से सूची बद्ध है।
00:46 आप यहाँ इसे देख सकतें हैं। अगला, हम उस स्रोत फ़ाइल को देखेंगे जिसे हमने इस कार्य के लिए प्रयोग किया है। आईए, देखें।
01:00 ब्राऊज़ करने पर यह स्पष्ट हो जाता कि यहाँ रेफ़रन्सस् का कोई उल्लेख नहीं है। स्रोत फ़ाइल में यह जानकारी नहीं है।
01:12 तो रेफ़रन्सस् कहाँ है? वो तो “रेफ़” नाम वाले फ़ाइल में है। वास्तव में, फ़ाइल का नाम “रेफ़ ड़ॉट बीब” (ref.bib) है। बिब्लीयोग्रफ़ी आदेश का यह व्यक्तिक्रम रुप है। यहाँ देखिए, “रेफ़ ड़ॉट बीब”।
01:33 आईए, हम इसके अंदर की जानकारी को देखें। इसमें रेफ़रन्सस् की विभिन्न श्रेणियों की जानकारी है, उदाहरण के लिए – इसमें पाठ्यपुस्तक है, टेक-रिपोर्ट है, इन-प्रोसिड़ींगस हैं, मिसलेनियस है और आर्टिकल भी है।
02:02 हम शीघ्र ही इस फ़ाइल में वापस आएंगे और इसे समझेंगे। अब हम आउट-पुट में रेफ़रन्सस् के निर्माण की प्रक्रिया पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे।
02:17 “रेफ़रन्सस् ड़ॉट टेक” (references.tex) को फ़िर से खोल देते हैं, स्रोत फ़ाइल, और इस पन्ने की शुरुवात में जाते हैं। पहले, हम उन फ़ाइलों की सूची देखेंगे जिनकी उपसर्ग रेफ़रन्सस् है। यह यहाँ है।
02:39 अब हम रेफ़रन्सस् ड़ॉट टेक के अलावा सभी फ़ाइलों को हटा देंगे। हम इस बात की पुष्टि करेंगे कि हमरे पास केवल रेफ़रन्सस् ड़ॉट टेक ही है।
03:04 अब मैं इसका संचय करूँगी। संचय करने पर हमें चेतावनी मिलती है कि यहाँ कुछ अपरिभाषित रेफ़रन्सस् हैं और कुछ साइटेशनस गायब है।
03:28 हम देखते हैं कि यहाँ कुछ नई फ़ाइलें हैं जिन्हें “पी-ड़ी-ऐफ़ ड़ॉट टेक” आदेश निर्माण करता है। “रेफ़रन्सस् ड़ॉट पी-ड़ी-ऐफ़” के अलावा यहाँ कुछ नई फ़ाइलें हैं, जैसे “रेफ़रन्सस् ड़ॉट लॉग” (references.log) और “रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स” (references.aux) ।
03:48 सबसे पहले हम रेफ़रन्सस् ड़ॉट लॉग फ़ाइल को देखेंगे। इस में बहुत सारी जानकारी है, वास्तव में, सभी संदेश हैं जो यहाँ पर प्रकट हो रहें हैं। नीचे देखते हैं।
04:08 यहाँ पर बहुत सारी जानकारी है और यह चेतावनियाँ भी हैं जो यहाँ प्रतीत हो रहें हैं। बेशक, यहाँ पर यह चेतावनी है कि कुछ फ़ोंटस गायब हैं लेकिन इन त्रुठियों के साथ हम रह सकते हैं।
04:26 हमारे लिए यह चेतावनी महत्त्वपुर्ण है कि यहाँ कुछ रेफ़रन्सस् और साइटेशनस गायब हैं। अब हम इन चेतावनियों को संबोधित करेंगे।
04:41 यहाँ हम रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स फ़ाइल को खोलेंगे। इसमें कईं साइटेशन के आदेश हैं। यह सब कहाँ से आए? साइटेशन के तर्क, स्रोत फ़ाइल में साइट आदेश में प्रतीत हो रहें हैं जैसे कि हम यहाँ देख रहें हैं।
05:04 मैं इसको खोलती हूँ। नीचे देखते हैं। इसके लिए एक स्क्रोल है, स्रोत फ़ाइल। उदाहरण के लिए, मेरे पास यह “साइट वी-के उनासी” (cite BK79) है और वी-के उनासी यहाँ है।
05:24 साइट टी-के अस्सी और टी-के अस्सी यहाँ है। इस तरह। यह बिब-स्टाइल प्लेन स्रोत फ़ाइल में यहाँ पर है, ऊपर जाएं, बिब्लीयोग्रफ़ी स्टाइल – प्लेन, और वह यहाँ पर है।
05:45 ऑक्स फ़ाइल के भीतर “वेरियबल नाम” (variable name) भी सज्जित है। उदाहरण के लिए, मैं इस खंड के लिए एक लेबल जोड़ती हूँ। यहाँ जाती हूँ। ठीक है, मैं यह लेबल के बिना करती हूँ, तो उदाहरण के लिए इसे मिटा देती हूँ, संचय करती हूँ।
06:18 इस फ़ाइल को दोबारा खोलती हूँ और देखिए यह अब नहीं रहा। इस लिए जब मैं यहाँ पर लेबल जोड़ती हूँ, लेबल – “सैक् आर्या” (sec arya), सुरक्षित करके संचय करती हूँ और उसे खोलती हूँ, तब मैं इस फ़ाइल में पहुँचती हूँ इसे दोबारा खोलने के लिए।
07:04 ध्यान दें कि हमारे पास यह आदेश है, “न्यू-लेबल सैक् आर्या” (new label sec arya), यह लेबल बिलकुल वही लेबल है जो यहाँ पर हमरे पास थी और यह बताता है कि इसका अनुभाग एक है जैसे यहाँ है और यह दुसरे पृष्ठ की संख्या को संदर्भित करता है – इस डोक्युमेंट का पन्ना दो है।
07:31 अगले संचय के दौरान, लेटेक ऑक्स फ़ाइल को पढ़ता है और लेबल की जानकारी को लोड़ करता है। यही वजह है

कि लेबलस् को सही करने के लिए हमें दो बार संचय करना है।

07:46 मैं रेफ़रन्सस् की सूची का निर्माण समझाती हूँ। अब वक्त है कि बिबटेक का प्रयोग किया जाए।
08:02 रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स फ़ाइल से शुरुवाती जानकारी ली जायेगी – यहाँ लिखा है कि रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स का प्रयोग किया जा रहा है।
08:13 यहाँ कहा गया है कि प्लेन आदेश द्वारा “प्लेन ड़ॉट बी-एस-टी स्टाइल फ़ाइल” का प्रयोग किया जा रहा है और तारीख “रेफ़ ड़ॉट बीब” से लिया जा रहा है।
08:26 इसे मैंने पहले ही समझाया है, “रेफ़ ड़ॉट बीब”, ड़ेटाबेज़ फ़ाइल क्रमांक एक रेफ़ ड़ॉट बीब है। याद करें कि हमने स्रोत फ़ाइल में प्लेन स्टाइल और रेफ़ ड़ॉट बीब का प्रयोग किया था।
08:42 अब देखेतें हैं कौनसे फ़ाइलस निर्माण होतें हैं। ठीक है। “बिबटेक ड़ॉट रेफ़रन्सस्” आदेश द्वारा यह नए फ़ाइलस निर्माण हुएं हैं। आईए, इन्हें सूची बद्ध करतें हैं।
08:59 आप देख सकते हैं कि पहले देखे गए फ़ाइलस के अलावा अब यहाँ दो नए फ़ाइलस हैं - रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-एल-जी और रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल।
09:12 रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-एल-जी में फ़ॉर्माटींग जानकारी होता है, आइए, देखें – आप देख सकतें हैं कि इसमें फ़ॉर्माटींग जानकारी है। मैं इससे बाहर निकलती हूँ और बी-बी-एल फ़ाइलस को देखती हूँ।
09:35 रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल और इसमें यह जानकारी है, वही रेफ़रन्सस् जो हमने पहले देखा था। रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल में साइटेड़-रेफ़रन्सस् उसी क्रम में है जैसे हम पी-ड़ी-एफ़ फ़ाइल में चाहतें हैं।
09:52 साधारणतः इन फ़ाइलज़ में कोई हस्तनिर्मित परिवर्तन नहीं किया जाता ना ही उन्हें देखा जाता है।
10:00 आखरी संचय करने पर, हमें यह चेतावनी मिली है कि "रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल" (references.bbl) नहीं मिला है। हम रेफ़रन्सस् ड़ॉट लॉग को खोलेंगे – यहाँ। आइए, देखें – रेफ़रन्सस् ड़ॉट लॉग – ऐसा कोई फ़ाइल नहीं।
10:38 पिछले संचय में यही हुआ था। लेकिन अब बिबटेक के प्रयोग से रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल का निर्माण हुआ है। दोबारा संचय करते हैं।
10:58 अब चेतावनी अलग है, कहा है कि शायद लेबलस् बदल गएं हैं। वास्तव में, संचय करते ही, रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल फ़ाइल को पढ़ा जाता है और उन रेफ़रन्सस् को यहाँ लोड़ किया जाता है।
11:15 और यह क्रम बिलकुल उसी क्रम जैसा है जो रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल में है। उदाहरण के लिए, आप यहाँ देख सकते हैं।
11:26 उदाहरण को देखें, पहला रेफ़रन्स “चैंग और पियर्सन” (chang and pearson) है, यहाँ भी चैंग और पियर्सन है। ठीक है। बेशक, यह जानकारी गलत है, लेकिन हमने इसे ठीक से साइट नहीं किया है।
11:42 दोबारा संचय करते हैं। मैंने यह बात पहले भी कहा है कि दो बार संचय करते ही यह सही हो जाएगा। इस बात को कैसे समझाया जाए - आइए रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स फ़ाइल को देखें।
12:07 ध्यान दें कि पहले के साइटेशन संदेशों के अलावा यहाँ “बिबसाइट सी-पी बयासी” (bib cite 82), इत्यादि.... है। कहा है यह बिब्लीयोग्रफ़ी विषय जिसका लेबल सी-पी बयासी है, उसका रेफ़रन्स एक है।
12:43 यह रहा – यह है सी-पी बयासी।
12:54 अब यह जानकारी, यानि रेफ़रन्स सी-पी बयासी, रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स फ़ाइल में रेफ़रन्स की सूची में पहले विषय में प्रतीत होता है। इस लिए जब मैं इसका संचय करती हूँ, तब यह जानकारी स्वचालित रूप से यहाँ प्रतीत होता है। देखिए, अब चेतावनी भी नहीं है।
13:24 लेटेक ने रेफ़रन्स नम्बर की जानकारी रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स फ़ाइल से लिया और स्रोत फ़ाइल के साइट आदेश के लेबल्स को निर्दिष्ट कर दिया – यानि यहाँ से।
13:40 अब हम उस फ़ाइल को देखेंगे जिसमें रेफ़रन्सस् है, यानि रेफ़रन्सस् ड़ॉट बिब। यहाँ चलते हैं - रेफ़रन्सस् ड़ॉट बिब – इस पन्ने के शुरुवात में जाते हैं।
14:06 “ई-मैक्स” ऐड़िटर में यह संभव है कि प्रविष्टि प्रकार अथ्वा ऐंट्री टाइपस के उपयोग से उन रेफ़रन्सस् को चुना जाए जो हम जोड़ना चाहतें हैं। उदाहरण के लिए, यहाँ कुछ है जिसे ऐंट्री टाइप कहा गया है।
14:23 तो ई-मैक्स ऐड़िटर में इसे संभवता निर्माण किया जा सकता है। और जैसे ही इस “आरटिकल इन जर्नल” टाइप का आवाहन किया जाता है, मुझे एक खाली रिकॉर्ड़ प्राप्त होता है जिसे मैं भर सकती हूँ।
14:42 यदि आप के ऐड़िटर में यह क्षमता नहीँ है तो फ़िक्र न करें। आप इन ऐंट्रीज़ को हस्तनिर्मित कर सकते हैं। कुछ समय के लिए मैं इसे पूर्ववत करती हूँ, मुझे यह नहीं चाहिए।
15:10 तार या स्ट्रींगज़ को परिभाषित करना और उन्हें रेफ़ ड़ॉट बिब फ़ाइल में वेरियबलज़ की तरह उपयोग करना संभव है।
15:19 उदाहरण के लिए, “स्ट्रींग जे- डबल्यु-सी” (string jwc) यानि “जौन व्हीली ऐंड़ सन्ज़ लिमिटेड़, चिचेस्टर” (John Willy and Sons, Chechester) – जो कुछ रेफ़रन्सस् में प्रयोग किए गए हैं।
15:32 उदाहरण के लिए, इस रेफ़रन्स में। हर एक रेफ़रन्स के साथ एक की-वर्ड़ जुड़ा हुआ है जो रेकोर्ड़ की शुरुवात में प्रतीत होता है।
15:42 उदाहरण के लिए, मेरे पास यह रेफ़रन्स है – के-एम-एम-शुन्य-साथ (kmm07) और वह यहाँ भी प्रतीत होता है।
15:52 वास्तव में, मैंने इस रेकोर्ड़ को इस की-वर्ड़ द्वारा निर्दिष्ट किया है।
15:57 मैं अब आप को समझाती हूँ कि बिबटेक के प्रयोग से रेफ़रेन्ससिंग के विभिन्न प्रकार या टाइपस को कैसे समायोजित किया जाता है।
16:08 कोई भी परिवर्तन करने से पहले, हमे याद रहे कि रेफ़रन्सस् वर्णमाला के क्रम से सूची बद्ध है। उदाहरण के लिए, बी-सी-चैंग ऐंड़ पीयर्सन, क्रमांक एक, यहाँ प्रतीत होता है।
16:23 पहले रेफ़रन्स का उल्लेख तीन है, फ़िर दो, फ़िर ग्यारह, इत्यादि...। वह इस लिए कि रेफ़रेन्ससिंग वर्णमाला के क्रम से सूची बद्ध है। अब मैं बिब्लीयोग्रफ़ी स्टाइल को बदलकर “यू-एन-एस-आर-टी” (unsrt) स्टाइल करती हूँ।
16:53 इस से हमे वैसी रेफ़रन्स सूची प्राप्त होता है जैसे आइ-ई-ई-ई जर्नलस में होतें हैं। पहली बार संचय करने पर रेफ़रन्सस् ड़ॉट ऑक्स में स्टाइल की जानकारी जुड़ जाती है।
17:12 बिबटेक ड़ॉट रेफ़रन्सस् आदेश का पालन होने पर, रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल में रेफ़रन्स की सूची का निर्माण होता है। यहाँ देखिए, रेफ़रन्सस् ड़ॉट बी-बी-एल का निर्माण हुआ है।
17:28 लेकिन अब यह नए स्टाइल यू-एन-एस-आर-टी के अनुकुल होगा। अब हम रेफ़रन्सस् ड़ॉट टेक का संचय करेंगे। यहाँ देखिए, क्रम अब बदल गया है। रेफ़रन्सस् वर्णमाला के क्रम से सूची बद्ध नहीं है।
17:52 लेकिन यहाँ एक शिकायत है कि लेबलस् में शायद परिवर्तन आ गया है। उसका दोबारा संचय किया जाए ताकि क्रौस-रेफ़रन्सस् सही हो जाए। आइए, दोबारा संचय करते हैं और चेतावनी मिट गई।
18:09 यहाँ देखिए रेफ़रेन्ससिंग अब स्रोत फ़ाइल के क्रमानुसार है। उदाहरण के लिए, रेफ़रन्स एक यहाँ पर पहला, रेफ़रन्स दो दुसरा, तीसरा, चौथा, पाँचवा, इत्यादि.....
18:35 अब हम कम्प्युटर सायंस जर्नलस के अनुकुल रेफ़रन्सस् का निर्माण करेंगे। यहाँ पर आते हैं और इसे ऐल्फ़ा नाम देतें हैं। एक बार संचय करते हैं, बिबटेक करते हैं और दोबारा संचय करते हैं।
18:56 अब यह बदल गया लेकिन रेफ़रेन्ससिंग नहीं बदला। यहाँ एक शिकायत है कि लेबलस् में परिवर्तन आ गया है। अगर दोबारा संचय करें तब भी ऐसा ही है।
19:14 उदाहरण के लिए, हमारे पास बी-सी चैंग और पियर्सन है जिसमें सी-पी बयासी है, जो यहाँ है। तो अब इन ऐंट्रीज़ के रेफ़रेन्ससिंग भी यहाँ है।
19:30 इंटरनेट पर बहुत सारे रेफ़रेन्ससिंग स्टाइलज़ हैं।
19:33 अब मैं आप को “आइ-फ़ॅक” (ifac) और केमिकल इंजिनियरींग जर्नलस (chemical engineering journals) में प्रयोग किया जाने वाला स्टाइल दिखाऊँगी। ।
19:42 पहले, “यूज़ पॅकेज़स” (use packages) आदेश में हावर्ड़ को जोड़ें जैसे कि मैं अब कर रही हूँ और फ़िर स्टाइल को आइ-फ़ॅक में परिवर्तित करें।
20:05 ऐसा इन दो फ़ाइलज़ – “हावर्ड़ ड़ॉट एस-टी-वाइ” (Harvard.sty) और “आइ-फ़ॅक ड़ॉट बी-एस-टी” (ifac.bst). - को कार्यान्वित करके होता है। ये फ़ाइलज़ वैब पर हैं और उन्हें ड़ाउन-लोड़ किया जा सकता है।
20:21 अब इनका संचय करने पर, पी-ड़ी-ऐफ़ लेटेक रेफ़रन्स, बिबटेक और दोबारा संचय। हम रेफ़रन्सस् की सूची पाएंगे जिसमें रेफ़रन्सस् बिना सीरियल नंबर के, वर्णमाला के क्रम से सूची बद्ध है।
20:55 यहाँ कोई सीरियल नंबर नहीं है। रेफ़रेन्ससिंग लेखक के नाम से स्पष्ट रूप में संबोधित है, उदाहरण के लिए, यहाँ कहा गया है – विध्यासागर, उन्नीस सौ पचासी और साल।
21:11 अगले पन्ने पर भी हम रेफ़रन्सस् की सूची देख सकते हैं - वर्णमाला के क्रम से। जब इस रेफ़रेन्ससिंग स्टाइल का प्रयोग किया जाता है, साइट आदेश सारे रेफ़रन्सस् को कोष्ठक के भीतर डाल देता है। उदाहरण के लिए, स्रोत फ़ाइल को देखें। यहाँ पर आते हैं।
21:45 साइट केएमएम शुन्य साथ” द्वारा पाठ्यपुस्तक “द टेक्स्ट बुक बाइ (मौदगल्या, दो हज़ार साथ, बी)” का निर्माण होता है। यहाँ यह नाम मौदगल्या, कोष्ठक के भीतर नहीं आना चाहिए। सिर्फ़ साल कोष्ठक के भीतर आना चाहिए।
22:04 “साइट-ऐज़-नाउन” (cite-as-noun) आदेश इस समस्या को सुलजाता है। यहाँ ध्यान देना ज़रुरी है कि “साइट-ऐज़-नाउन” आदेश, इस रेफ़रेन्ससिंग स्टाइल की विशेषता है जो हम यहाँ प्रयोग कर रहे हैं।
22:37 दुसरे रेफ़रेन्ससिंग स्टाइलज़ में यह सम्भवता काम ना करें।
22:41 जैसे कि पहले बताया गया है, रेफ़रन्ससिंग के अन्य स्टाइलस भी हैं। इंटरनेट से उच्चित फ़ाइलज़ को ड़ाउन-लोड़ करें। इस उदाहरण में मैंने “हावर्ड़ ड़ॉट एस-टी-वाइ” (Harvard.sty) और “आइ-फ़ॅक ड़ॉट बी-एस-टी” (ifac.bst). का प्रयोग किया है।
23:01 ध्यान से सोचने पर आपको एहसास हो जाएगा कि हमने पूरे रेफ़रन्सस् के ड़ेटाबेज़, “रेफ़ ड़ॉट बीब” (ref.bib), में कोई भी परिवर्तन नहीं किया है। यही बिबटेक की ख़ूबी है।
23:14 हांलांकि हमने बहुत समय रेफ़रन्सस् सूची के निर्माण प्रक्रिया में लगा दी, प्रयोगकर्ता के वास्तविक प्रक्रिया बेहद आसान है।
23:24 एक – ड़ेटाबेज़ का निर्माण, यानि “बीब” फ़ाइल। “ड़ॉट एस-टी-वाइ” (.sty) और “ड़ॉट बी-एस-टी” (.bst). फ़ाइलज़ को पाना।
23:34 उनमें से कई, स्थापना करने पर, पहले से ही उपलब्ध हो सकतीं हैं। स्रोत फ़ाइल का संचय, पी-ड़ी-ऐफ़ लेटेक आदेश का निष्पादन, फ़िर स्रोत फ़ाइल का दौहरा संचय।
23:49 क्या आप नहीं मानते कि यह एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है? क्या आप नहीं कहोगे, बिबटेक और लेटेक की जय हो!
24:00 यहाँ मैं इस ट्यूटोरियल को समाप्त करती हूँ। इसमें शामिल होने के लिए धन्यवाद।
24:05 कृपया अपनी राय “कन्नन ऐट आईआईटी-बी डॉट एसी डॉट इन” (kannan@iitb.ac.in) पर भेजें।
24:11 आईआईटी बम्बई की तरफ़ से मैं नॆन्सी आप से विदा लेती हूँ। धन्यवाद।

Contributors and Content Editors

Nancyvarkey, Pratibha, Pratik kamble